Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Sunday, September 8, 2024


 
कुएं का सेफ्टी ढक्कन चोरी
-पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना की आवाज।
 कनीना उप-मंडल के गांव रसूलपुर से रामसिंह यादव पूर्व सदस्य पंचायत के कुएं से सेफ्टी ढक्कन चोरी हो गया। पुलिस में उनके द्वारा दी गई शिकायत में कहा गया है कि उनका कुएं का सेफ्टी ढक्कन चोरी हो गया जिसका वजन 25 से 30 किलो था। जब कुएं पर जाकर देखा तो कोई अज्ञात व्यक्ति ढक्कन चोरी कर ले गया। जबकि खेत को तार बाड़ की हुई थी फिर भी ढक्कन चोरी हो गया।
 उन्होंने पुलिस में बताया कि जून 2024 को उनका सोलर पंप जलाया गया था फिर दूसरी बार बोर से निकल गए पाइपों को कुल्हाड़ी मारकर कंडोम कर दिया था। उन्होंने अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मामला दर्ज करने की मांग करते हुए अज्ञात चोरों को पकडऩे की गुहार लगाई है जिस पर कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।



मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार

-एपिसोड 22
-दिल को एक खिलौना समझा खेला और ठुकराया
-दुश्मन से भी बुरे मिले कुछ दोस्त
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कनीना की आवाज।
  डा. होशियार सिंह कनीना ने 40 वर्षों की सरकारी स्कूलों, कालेज, निजी स्कूलों तथा ट्यूशन आदि में सेवा दी और 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवत्त हो गए। अपने जीवन की एक वह कहानी सुनाता हूं जब कुछ ऐसे दोस्त मिले जो दुश्मन से भी बुरे साबित हुए। जिस थाली में खाया और उसी में बड़ा छेद कर दिया। ऐसे दोस्तों को अगर मेरा वश चले तो दो बार फांसी पर लटकाऊं परंतु हम सजा देने वाले नहीं, सब का इंसाफ ऊपर वाला करता है। यहां मैं एक बात अपने 40 सालों का अनुभव की बता रहा हूं चाहे कितना भी जिगरी दोस्त हो उसे अपनी कोई खास बात नहीं बतानी चाहिए। बुजुर्ग और कवि- लेखक भी यही बात  कहकर चले गए हैं। यह 100 प्रतिशत मुझ पर लागू होती है। मैंने अपने जीवन में किसी के विरुद्ध एक भी समाचार ऐसा नहीं लिखा जिससे किसी का अहित हुआ हो, सदा यह सोचा कि किसी का हित हो वो काम किया जाए। एक बार गलती से कुछ कर्मियों अहित मेरे हाथों हो जाता परंतु स्व. राव भगवान सिंह गुढा ने मुझे रोक दिया। आज मैं भगवान और रावभगवान सिंह का आभार व्यक्त करता हूं वरना एक कलंक मेरे माथे पर लग जाता यद्यपि यह कदम इसलिये उठाने का प्रयास कर रहा था क्योंकि मेरा आर्थिक नुकसान कर दिया था। इस मसाले में भी मुझे लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था जब परंतु आज मैं यह बताना चाहूंगा कि मैं जिस संस्था में काम किया उसके विरुद्ध कभी कोई समाचार नहीं लिखा न कोई ऐसी बात कही जिससे संस्था का अहित हो परंतु जितने भी साथी और प्राचार्य मिले उनमें कुछेक को छोड़कर सभी ने मेरा जमकर उपयोग किया, भरपूर शोषण किया और काम निकालने पर मुझे घी की मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया। वास्तव में कितने ही प्राचार्य, मुखिया, साथी सहयोगी मिले जिन्होंने बहुत बुरा मेरे साथ बिताया पूरे जीवन में कई लाखे रुपये कमा लेता वो नुकसान कर डाला किंतु कुछ ऐसे भी साथी मिले जो सदा मुझे याद रहेंगे, मेरे दिल के पास रहेंगे। अपने दुश्मन को भी सदा अच्छी सलाह देनी चाहिए, यह नीति होनी चाहिए।
 बात अप्रैल 2008 की है जब मेरी पत्नी सुमन यादव ब्रेस्ट कैंसर से पीडि़त हो गई थी। प्रारंभ में दवा दिलवाते रहे, यह नहीं पता चल पाया कि इतनी बड़ी बीमारी होगी परंतु जब करीब एक महीना बीत गया और दवाओं ने कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं डाला तब जयपुर एसएमएस अस्पताल में जाना पड़ा और वहां जाकर पता लग गया कि कोई और रोग नहीं अपितु ब्रेस्ट कैंसर है। तत्पश्चात तो जयपुर के एसएमएस, दुर्लभ जी, महावीर कैंसर अस्पताल जयपुर, अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान नई दिल्ली/एम्स, विभिन्न कैंसर की दवा देने वाले जैसे रमन कैंसर इंस्टीट्यूट लुधियाना, रेवाड़ी के संस्थान, अलवर की कई संस्थानों तथा विभिन्न अस्पताल में इलाज करवाया।  सुमन यादव करीब अप्रैल 2008 से 17 नवंबर 2010 तक कैंसर से पीडि़त रही। एक बार तो ब्रेस्ट का आपरेशन करवाने के बाद बिल्कुल स्वस्थ हो गई थी। इस दौरान भारी खर्च होता रहा। करीब 200 बार तो विभिन्न अस्पतालों में निजी साधनों से ले जाना पड़ा। वैसे भी उस वक्त कैंसर का नाम सुनकर कैंसर की दवा के चार गुना अधिक रेट वसूलते थे। एक सिरिंज 2 रुपये में मिलता हो लेकिन कैंसर के नाम पर वही 10 रुपये की दी जाती थी। जो भी हो करीब 25 लाख रुपये के बिल वगैरह बनाए गए। बाद में आपरेशन तथा दूसरे खर्च लगते रहे जो क्लेम नहीं किये जा सकते। दुर्भाग्य की बात है कि  किसी साथी ने यह नहीं बताया कि 6 महीने के अंदर-अंदर बिलों को क्लेम करना होता है।  यही कारण है कि करीब ढाई सालों तक उपचार करवाता रहा, बिल इकट्ठे होते रहे और मुझे इस बात का ज्ञान नहीं था कि सरकारी विभाग में इस प्रकार के बिल छह माह के अंदर अंदर क्लेम करने जरूरी होते हैं। दुर्भाग्य यह था कि उस वक्त कोई स्वास्थ्य बीमा निजी स्तर पर भी नहीं करवा रखा था,  2010 में करवाया तो वह काम नहीं आया। कुल मिलाकर जब सुमन यादव की 17 नवंबर 2010 को मृत्यु हो गई, उसके ठीक तीन या चार महीनों के बाद वर्ष 2011 में जब अपने साथी निर्मल शास्त्री नांगल हरनाथ की सहायता से बिलों क्रमवार तैयार किया, उनको प्रेषित किया। उस वक्त कनीना स्कूल में प्राचार्य कनीना लालचंद बवानिया वाले होते थे। उन्होंने भिजवाए। पहली बार बिल भिजवाए तो उन पर कुछ एतराज शिक्षा विभाग ने लगा दिए, फिर दूसरी बार एतराज दूर करके भिजवाए तो और भी ज्यादा एतराज लगा दिए। तीसरी बार जब फिर से बिलों को भिजवाया तो प्राचार्य को ही चेतावनी मिल गई कि तीन वर्षों के बाद बिल क्यों भेज रहे हो? ये कैसे पास होंगे, स्वयं सोच विचार कर इस प्रकार के बिल भेजे ताकि किसी का समय बर्बाद ना हो। तब पता चला कि जो पैसे लगे वो अब नहीं मिलेंगे। इसके अतिरिक्त बार बार अलवर, जयपुर और दिल्ली आदि विभिन्न स्थानों पर निजी गाडिय़ों से जाना पड़ा वो तो क्लेम होते ही नहीं। समस्त बिल पास करवाने के लिए तब जैक भी लगवाया, बिलों में से आधी राशि पास करवाने वाले को देने का निर्णय किया, उसने प्रयास भी किये किंतु देरी हो चुकी थी। फोन पर उनका संदेश मिला कि कम से कम तुम्हारा कोई ऐसा साथी नहीं था जो तुम्हें वक्त पर बिलों को पास करवाने के लिए भिजवा सकता था। मेरे मुख से यही निकला की साथी अगर होते तो आज यह नौबत नहीं आती। आज जहां मेरे साथी जिला शिक्षा अधिकारी तक लगे हुए हैं परंतु एक विज्ञान अध्यापक पद से सेवानिवृत्त होना यह साथियों की मेहरबानी तो है? ऐसे दोस्तों को मैं सलाम करता हूं जिन्होंने मेरा इतना बड़ा अहित किया। सबसे बड़ी बात यह है कि दोस्तों में से  एक मेरे दोस्त ने तो जमकर मेरे विरुद्ध भी प्रचार किया और अभी भी कर रहा है। सुनकर ऐसा लगता है कि ऐसे राक्षस अगर धरती पर दो चार पैदा हो जाए तो जल्द ही कल्कि को अवतार लेना पड़ेगा। यह भी सत्य है कि अपने तप और मेहनत के बल पर अपने शरीर को आज तक संजोकर रखा है वरना कभी का नष्ट हो चुका है।
 एक जगह महाभारत में दृश्य आता है कि जब युद्ध पांडव जीत गए तो अर्जुन, भीम, युधिष्ठिर आदि को घमंड हो गया और भगवान श्रीकृष्ण से कहा कि देखिए श्री कृष्ण, हमने यह युद्ध जीत लिया है। हमारे बाणों और गदा के प्रहार से सब नष्ट हो गये। हमारा रथ भी सुरक्षित है। तब हंसकर श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा तुम इस रथ से नीचे उतरो,फिर हनुमान जी को कहा कि आप भी नीचे आ जाओ। हनुमान जी भी वास्तविक रूप में नीचे आ गए और देखते ही देखते दिव्य रथ  धू-धू करके जलने लगा और टुकड़े-टुकड़े हो गए। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा-देखो, तुम्हारा रथ,क्या हाल हो गया? यह तो मैं अपने तप के बल से जोड़/संजो रखा था, सुरक्षित कर रखा था वरना भीष्म और कर्ण के बाणों के प्रहारों से कभी का नष्ट हो चुका था। क्योंकि अर्जुन के प्रमुख दुश्मन कर्ण एवं पितामह भीष्म बने हुए थे जिनके कारण रथ का यह हाल हुआ। ठीक उसी प्रकार मेरे भी ऐसे ही दुश्मन हुए जिन्होंने कितने बाणों से मेरे शरीर पर प्रहार किया और छलनी कर डाला परंतु अपने तप के बल से मैं आज तक जीवित हूं, वरना कभी का मर चुका होता।






प्रथम वोटर
वोट डालने के लिए लालायित है हेमलता सेन
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कनीना की आवाज।
  जिस किसी की उम्र 18 वर्ष या इससे अधिक हो गई उन्हें चुनाव आयोग मतदाता पहचान पत्र बनवाने और वोट डालने का अधिकार दिया हुआ है। इसी कड़ी में हेमलता सेन ने अपना पहला वोट बनवाया है। वह वर्तमान में शिक्षा पा रहे है। वोट पाकर उन्हें अति प्रसन्नता है। सरकार और चुनाव आयोग समय-समय पर अपने वोट बनवाने की अनुमति देता है बशर्ते जिनकी उम्र 18 वर्ष हो चुकी है। वह अपना मतदाता पहचान पत्र बनवा सकता है और वह वोट डालने का अधिकारी है। वो चाहती है कि इस बार उनका वोट हार में न जाए। ऐसे प्रत्याशी का चयन हो जो सत्ता में जाकर क्षेत्र की मांगों को उजागर करें और उनको पूरा करवा सके। उनका कहना है कि वोट बनवाना भी चाहिए और डालना भी चाहिए। युवा वर्ग में इस बार पहली बार वोट डालने की खुशी है क्योंकि 5 वर्षों में वोट डाले जाते हैं। अब वह वक्त भी आ गया जब भी अपने मतदाता पहचान पत्र का उपयोग कर सकेंगे। वह अपने पसंदीदा प्रत्याशी का चुनाव करेंगे। ऐसे प्रत्याशी चुनना चाहती है जो युवा वर्ग के लिए नौकरी के द्वार खोले और विकास कार्यों की झड़ी लगा दे।
फोटा कैप्शन: हेमलता सेन, प्रथम वोटर





भाद्रपद माह बदला सावन में
-प्रतिदिन होती है वर्षा
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कनीना की आवाज।
  कहने को तो भद्रपद माह आधा बीत चुका है परंतु सावन से काम नहीं है। ऐसा लगता है कि इस बार दोबारा से सावन लौट आया है। रिमझिम वर्षा दिन भर चलती रहती है। विगत करीब 20 दिनों से तो ऐसा कोई भी दिन नहीं बीता जब हल्की बूंदाबांदी नहीं हुई हो। अब तो किसानों दृष्टि फसल और आसमान पर टिक गई है। क्योंकि फसल बंपर पैदावार देने के संकेत दे रही है थी किंतु धीरे-धीरे अब किसानों के माथे पर तोड़ी पडऩे लगी है। लगातार वर्षा का परिणाम है कि बाजरे के खेतों में और कपास के खेतों में पानी खड़ा हो गया है, खड़ी कपास की फसल नष्ट होने के कगार पर चली गई है। कपास में जहां टिंडे लग रहे थे वो धीरे-धीरे सडऩे लग गए हैं वहीं बाजरे के भुट्टों की हालत भी खराब होने लगी है।
आखिर यही हालत चलते रहे तो इस बार फसल नष्ट हो जाएगी। एक और किसान चिंतित हैं वहीं कृषि वैज्ञानिक भी चिंतित होने लगे हैं। सावन माह में जितनी वर्षा नहीं हुई इतनी वर्षा सावन माह के बाद हो चुकी है। सावन माह से पहले भी अच्छी वर्षा हुई है। कुल मिलाकर इस बार वर्षा पिछले वर्ष की तुलना में 150 एमएम अधिक पहुंच गई है। मौसम विभाग की माने तो कुछ समय खुलने के बाद पुन: वर्षा के आसार बन रहे हैं। ऐसे में किसान विशेष कर कपास और बाजार उगने वाले बेहद परेशान है। यदि मौसम नहीं खुलता तो उनकी सारी मेहनत पर पानी में फिर जाएगा। वैसे भी इस बार देरी से बाजरे की बिजाई की गई थी। किसानों को उम्मीद थी कि रबी फसल की बिजाई से पहले बाजरे की कटाई कर ली जाएगी पर अब तो ऐसा नहीं लगता क्योंकि अगर वर्षा होती रही और फिर हवा चलती है तो सारी फसल गिर जाएगी। कपास की फसल में पानी खड़े होने से कपास नष्ट हो जाएगी। कृषि वैज्ञानिक भी ऐसा मान रहे हैं। अब तो इंद्रदेव पर नजर जमाये किसान मौसम खुलने का इंतजार कर रहे हैं ताकि बाजरे एवं कपास की पैदावार उन्हें हासिल हो जाए।
फोटो कैप्शन 06: कपास के खेतों में जमा वर्षा का जल।




72 मरीज पहुंचे मुफ्त चिकित्सा शिविर में
--आंखों एवं हृदय रोग से संबंधित शिविर आयोजित
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कनीना की आवाज। 
  कनीना मंडी की लाला शिवलाल धर्मशाला में सेवा भारती हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना द्वारा 78वां हृदय रोग एवं नेत्र रोग जांच, परामर्श शिविर आयोजित हुआ। शिविर में मेट्रो अस्पताल से हृदय रोग विशेषज्ञ डा. अश्विनी यादव ने अपनी सेवाएं प्रदान की। उनके साथ उनकी पूरी टीम उपस्थित रही।
शिविर में बीपी, ब्लड शुगर जांच सुविधा प्रदान की गई। गंगा देवी पांडे नेत्र चिकित्सालय महेंद्रगढ़ से नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. संतोष ने अपने सहयोगियों के साथ सेवा देने पहुंचे। वर्षा के चलते भी शिविर में 72 विभिन्न मरीजों ने अपनी अपनी जांच करवाई। योगेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि शिविर में दवाइयां निशुल्क वितरित की गई।
 उन्होंने बताया कि सेवा भारती कनीना की ओर से हर महीने के दूसरे रविवार को यह शिविर आयोजित होता है। इसके अतिरिक्त सेवा भारती आर्य समाज मंदिर में प्रतिदिन शाम को 4 से 6 के बीच प्राथमिक चिकित्सा केंद्र एवं महिला सिलाई प्रशिक्षण केंद्र चलाता है।
 शिविर में सेवा भारती के योगेश अग्रवाल, मा. सोमदत्त, दिनेश, राकेश सिंगला, शिव कुमार अग्रवाल,डा वेदप्रकाश सहित विभिन्न जन उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 5:मरीजों की जांच करते हुए डाक्टर





अटेली विधानसभा में प्रचार जारी
-सभी पार्टियों ने नहीं जारी की है प्रत्याशियों की सूचि
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कनीना की आवाज।
  अटेली विधानसभा क्षेत्र से विभिन्न प्रत्याशी अपना-अपना भाग्य अजमाएंगे। अभी तक कांग्रेस के प्रत्याशी का नाम सामने नहीं आया है जबकि भाजपा प्रत्याशी का नाम गत दिनों आ गया था। इस सीट से जहां अब तक भाजपा से आरती राव, बीएसपी से ठाकुर अतरलाल, जजपा से आयुषी अभिमन्युराव के नाम ही आये हैं। टिकट चाहने वालों के अभी भी कार्यालय खुले हैं तथा कुछ प्रत्याशी अपना प्रचार कार्य कर रहे हैं। अटेली विधानसभा क्षेत्र में यूं कुल 96 गांव और नौ ढाणियां आती हैं किंतु सबसे अधिक दो शहरी क्षेत्र अटेली व कनीना प्रत्याशी के हार-जीत को प्रभावित करेंगे। ऐसे में कनीना एवं अटेली दो शहरी क्षेत्र अहं भूमिका निभा रहे हैं। अटेली विधानसभा से रविवार तक एक भी प्रत्याशी ने अपना नामांकन नहीं भरा है। इस विधानसभा में गांव अधिक आते हैं। यहां 215 मतदान केंद्र बनाये जा चुके हैं जबकि कुल 202154 वोटर हैं जिनमें से 106199 पुरुष तथा 95955 महिला वोटर हैं।
 अटेली विस में यूं तो ढ़ाणियों सहित 105 गांव पड़ते हैं। कनीना के आस पास के गांवों पर कनीना का प्रभाव पड़ता है वहीं अटेली के आस पास गांवों पर अटेली का रंग चढ़ता है। अटेली से कनीना 29 किमी दूर है। और अटेली विधानसभा का एरियां लंबी दूरी तक फैला हुआ है। यही कारण है कि प्रत्याशी कभी कनीना तो कभी अटेली जाने को मजबूर हैं। कुछ प्रत्याशी अपनी पकड़ अटेली क्षेत्र में बना रहे हैं तो कुछ कनीना क्षेत्र में। इस बार इस क्षेत्र में जहां 202154 वोटर हैं जिनमें से अधिक अहीर वोटर हैं। यही कारण हैं कि यहां से जीत हासिल करने वाला प्रत्याशी यादव ही मिलता है।
  टिकट मिलने से पूर्व तो अटेली से किसी बाहर के प्रत्याशी को टिकट देने का हर योजना में जमकर विरोध होता रहा हैं किंतु जीतने वाले प्रत्याशी बाहर का ही अकसर मिलता है। मतदान पांच अक्टूबर को होगा। उल्लेखनीय है कि कनीना पहली बार 2006 के परिसीमन में अटेली के तहत आया था तथा वर्ष 2009,2014, 2019 के चुनाव देख चुका है। इससे पहले कनीना जाटूसाना के तहत आता था जो रेवाड़ी जिले का भाग है। 1972 के चुनावों तक कनीना स्वयं विधानसभा क्षेत्र होता था बाद में जाटूसाना के तहत शामिल कर दिया गया था।
 अटेली विधानसभा क्षेत्र पर नजर डाले तो अब तक 14 विधायक बन चुके हैं जिनमें 1967 में एन. सिंह कांग्रेस से, 1968 राव बिरेंद्र सिंह विशाल हरियाणा पार्टी, 1972 राव बंसी सिंह विशाल हरियाणा पार्टी, 1977 राव बिरेंद्र सिंह विशाल हरियाणा पार्टी, 1980 राव बिरेंद्र सिंह कांग्रेस, 1982 निहाल सिंह निर्दलीय, 1987 लक्ष्मीनारायण लोकदल, 1991 राव बंसी सिंह कांग्रेस,1996 एवं 2000 राव नरेंद्र सिंह कांग्रेस, 2005 नरेश यादव निर्दलीय, 2009 अनीता यादव कांग्रेस, 2014 संतोष यादव भाजपा तथा 2019 सीताराम भाजपा के विधायक रह चुके हैं। अटेली से 6 बार कांग्रेस प्रत्याशी, 3 बार विशाल हरियाणा पार्टी,  दो बार निर्दलीय प्रत्याशी, दो बार भाजपा के प्रत्याशी, एक बार लोकदल जीत चुका है।  आने वाले समय में सभी पार्टियों के प्रत्याशी जब नामांकन कर देंगे तो स्थिति साफ नजर आएगी कि किनके बीच टक्कर होगी।






कनीना में तीन दिनों में हुई 52 एमएम वर्षा
-खड़ी फसलों पर मंडराने लगा है खतरा
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कनीना की आवाज।
  कनीना में विगत तीन दिनों में 51 एमएम वर्षा हो चुकी है । गलियों एवं मुख्य मार्गों पर वर्षा का गंदा जल जमा हो गया है। आवागमन में दिक्कत आ रही है वहीं फसलों में लगातार वर्षा के कारण नुकसान का अंदेशा बन गया है। इस वर्ष सावन से पूर्व तथा सावन माह के बाद भी बेहतर वर्षा हुई है वहीं सावन माह में में जमकर बदरा बरसे हैं।
कनीना क्षेत्र सावन माह में 200 एमएम वर्षा हो चुकी है। बाजरा और कपास की खड़ी फसल को नुकसान होने का खतरा मंडराने लगा है।
 किसान रामफल, अजीत कुमार, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि सावन माह में अच्छी वर्षा हुई है। अकेले सावन माह की वर्षा जून एवं जुलाई एवं अगस्त के बाद अब सितंबर में हुई वर्षा से कम रही है। जून एवं जुलाई ,अगस्त एवं सितंबर माह में अब तक 350 एमएम वर्षा हो चुकी है। बाजरा और कपास की खड़ी फसल पकान पर है।कपास में टिंडे आ चुके हैं वहीं बाजरा में भुट्टे नजर आने लगे हैं।
 किसान रामफल, अजीत कुमार, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि सावन माह ही नहीं अपितु सावन माह के बाद में अच्छी वर्षा हुई है। प्रतिदिन कम या अधिक वर्षा हो जाती है।
 एसडीओ कृषि डा. अजय कुमार का कहना है कि वर्षा से वैसे तो फसलों को लाभ होता है किंतु अब बाजरा पकान की ओर जा रहा है। वर्षा लगातार हो रही है। न्होंने कहा कि अधिक वर्षा फसलों के लिए तभी घातक साबित होगी जब खेतों में पानी खड़ा रहेगा। ऐसे में किसानों को अपने खेतों की निगरानी रखनी चाहिए। अधिक वर्षा का जल बाजरा एवं कपास दोनों के लिए घातक साबित हो सकता है। कपास के टिंडे नहीं बन पाएंगे वहीं बाजरा के के दाने नहीं बन पाएंगे।
  उधर वर्षा के कारण कनीना की गलियां जलमग्र हो गई। जोहड़ लबालब गंदे जल से भर गये हैं। आवागमन प्रभावित हो गया है वहीं निचले स्थानों पर भी जल जमा हो गया है।
कनीना किसान रामफल, अजीत कुमार, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, योगेश कुमार, महेश कुमार आदि ने बताया कि सावन एवं भाद्रपद माह उनके लिए बेहतरीन वर्षा लेकर आया है। जहां रबी फसल उगाने में महज डेढ़ माह बाकी हैं।
उधर वर्षा के चलते विभिन्न स्थानों पर, निचले स्थान पर जल भराव हो गया है, जोहड़ लबालब भर गए हैं। कनीना के दो जोहड़ होलीवाला और कालरवाली पूर्ण रूप से भरे हुए हैं जिनका पानी दूर दराज तक फैल रहा है। गंदे नगर पालिका समय-समय पर निकाल कर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचा रही है। वर्षा के चलते जहां किसानों की चेहरे पर रौनक आ गई है।
मिली जानकारी अनुसार कनीना क्षेत्र में बाजरा 47500 एकड़, कपास 20312 एकड़, धान 96 एकड़, ज्वार 1690 एकड़, ढेंचा 500 एकड़, अरहर दो एकड़, ग्वार, 735 एकड़ पर उगाया गया है। वर्षा का पानी फसलों के लिए अमृत साबित होगा। उन्होंने बताया कि जिन खेतों में पानी जमा होता है उनमें फसल नुकसान की संभावना है। कपास की फसल में सड्डन विल्ट का रोग आ सकता है।बाजरे के भुट्टों में दाने सही ढंग से नहीं बन पाएंगे।
फोटो कैप्शन 02: कनीना क्षेत्र में वर्षा का एक नजारा।





विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस ने आरपीएफ के साथ कनीना के विभिन्न गांवों में निकाला फ्लैग मार्च
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कनीना की आवाज।
  विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के बीच सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा करने के लिए महेंद्रगढ़ पुलिस और आरपीएफ के जवानों ने आज कनीना क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फ्लैग मार्च निकाला गया। फ्लैग मार्च समाज में सुरक्षा और सद्भाव की भावना पैदा करने और स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र प्रभुत्व अभ्यास का एक हिस्सा है। चुनाव पूर्ण रूप से शान्तिपूर्वक संपन्न कराना हम सबकी जिम्मेदारी है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा के निर्देशानुसार जिला पुलिस ने आरपीएफ के साथ कनीना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में फ्लैग मार्च निकाला। महेंद्रगढ़ पुलिस ने आरपीएफ के जवानों के साथ गांव कपूरी, रामबास, ढाणा, मौडी, भोजावास, सुंदरह,  झिगांवन, मुण्डिया खेडा, बेवल, दौगडा जाट, दौगड़ा अहीर, भालखी व अन्य गांवों में फ्लैग मार्च निकाला गया। इस फ्लैग मार्च का मकसद मतदाताओं में विश्वास जगाना और उन्हें भयमुक्त होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना था। इस दौरान लोगों से अपील की गई कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव में भाग लें। पुलिस ने फ्लैग मार्च के दौरान लोगों से अपील की कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव में भाग लें। यदि उन्हें किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़े तो वे तुरंत पुलिस प्रशासन को सूचित करें।
फोटो कैप्शन 01: कनीना के गांवों में पुलिस फ्लैग मार्च निकालते हुए।




वर्षा का सब्जी पैदा





















वार पर पड़ रहा है बुरा प्रभाव
-बग के कारण पैदावार रही है घट
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कनीना की आवाज।  कनीना क्षेत्र में किसान सब्जी की पैदावार ले रहे हैं परंतु लगातार वर्षा के चलते सब्जी में बग नामक कीट लग गए हैं और बग के कारण सभी फूल खत्म हो रहे हैं। किसानों ने बताया कि बग विशेषकर फूलों को निशाना बनाता है जिसके कारण पैदावार घटती जा रही है।
 कनीना के अमीश कुमार और आशा देवी ने बताया कि उनके करीब 300 गज प्लाट में तोरई और घिया की सब्जी उगाई हुई है परंतु अब पैदावार घट गई है। पांच-पांच फीट लंबी घिया लगी है किंतु बग का प्रकोप हो गया है। उधर किसान अजीत कुमार, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने बताया कि लगातार वर्षा के कारण सब्जी की फसल पर कु-प्रभाव पड़ रहा है। एक तो बग का प्रकोप है वही वर्षा के कारण फूल नष्ट हो रहे हैं जिससे पैदावार घट रही है।
 इस संबंध में एसडीओ कृषि महेंद्रगढ़ डा. अजय कुमार ने बताया कि जब नमी अधिक होती है तब अपने आप बग पैदा हो जाते है। परंतु सब्जी एक ऐसी चीज है जिसे इंसान प्रयोग करता है इसलिए जहरीली दवा नहीं छिड़कनी चाहिए। कोई भी पेस्टिसाइड डाल दी जाए। मैलाथियान छिड़क दी जाए तो ये कीट मर जाते हैं। उन्होंने बताया कि एक सामान्य सी दवा मिले ज्ञान है।
उधर इस बार वर्षा के लगातार चलते किसान बेहद परेशान है। विशेष कर सब्जी उत्पादक किसान परेशानी झेल रहे हैं। आशा देवी और अनीश कुमार ने बताया कि वह हर वर्ष अपने प्लाट पर बेहतर दर्जे की और बड़ी घिया की पैदावार करते हैं किंतु इस बार बहुत कम पैदावार हुई है। उनकी घिया को देखने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं।
 फोटो कैप्शन 03: खेत में लगा हुआ बग
04: पांच-पांच फीट लंबी घिया दिखाते  किसान



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