विधानसभा आम चुनाव- 2024
अटेली विधानसभा से नहीं हुआ कोई भी नामांकन
*************************************************************
**********************************************************************
*************************************************************
कनीना की आवाज। हरियाणा विधानसभा आम चुनाव-2024 के लिए नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन अटेली विधानसभा क्षेत्र के लिए कोई भी नामांकन नहीं भरा गया। इस बार कनीना में नामांकन भरे जा रहे हैं। कनीना के एसडीएम कार्यालय परिसर में नामांकन कक्ष बनाया गया है। नामांकन सुबह 11 से दोपहर बाद तीन बजे तक किये जा सकते हैं। आज नामांकन का पहला दिन था।
अटेली विधानसभा क्षेत्र के लिए कनीना के एसडीएम अमित कुमार को रिटर्निंग अधिकारी लगाया गया है। वे कनीना में अपने कोर्ट रूम में नामांकन पत्र लेंगे।
उन्होंने बताया कि नामांकन दाखिल करते समय उम्मीदवार सहित पांच नागरिकों को नामांकन कक्ष में जाने इजाजत रहेगी। उम्मीदवारों के वाहन भी नामांकन स्थान से 100 मीटर की परिधि से दूर रहेगा। सभी उम्मीदवारों व उनके साथ आने वाले नागरिकों को चुनाव आयोग द्वारा जारी सभी हिदायतों का पालन करना होगा।
फोटो कैप्शन 08: एसडीएम कार्यालय कनीना में नामांकन कक्ष का नजारा।
प्रतिभा- खोज कार्यक्रम में उन्हाणी महाविद्यालय की छात्राओं ने किया उत्कृष्ट प्रदर्शन
-छात्राओं का करवाया गया मुंह मीठा
*************************************************************
**********************************************************************
*************************************************************
कनीना की आवाज। राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हाणी में प्रतिभा खोज कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अन्तर्गत नानाविध साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को संचालित कराया गया। महाविद्यालय की छात्राओं इन प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर भाग लिया तथा अपनी प्रतिभा के रंग बिखरे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डा.विक्रम यादव ने की। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षक द्वारा छात्राओं में अंतर्निहित प्रतिभा को पहचानकर उसे विकासोन्मुखी करते हुए अग्रसर करना है, क्योंकि कोई भी विद्यार्थी प्रतिभा विहीन नहीं होता।
उन्होंने कहा कि आज का यह पावन दिन हमें अपने शिक्षकों की समर्पित करना चाहिए है, क्योंकि वे ही हमें ज्ञान तथा मानवीय मूल्यों को सिखाते हुए सफलता की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने सभी छात्राओं को इन दिन दृढ़ एवं शुभ संकल्प लेकर आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किया। सुषमा यादव ने कहा कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से हम विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति के बारे में जानकारी देकर उनके प्रति प्रेम जागृत करते हैं , क्योंकि वर्तमान समय में विद्यार्थियों में संस्कार हीनता का कारण हमारी संस्कृति के प्रति विमुखता है। आज शिक्षक का उद्देश्य न केवल ज्ञानार्जन करना है, अपितु उसमें संस्कारों का भी विकास करना है। निर्णायक मंडल की प्रशंसनीय महाविद्यालय में कार्यरत सभी प्राध्यापकों ने निभाई। प्राचार्य ने कार्यक्रम संयोजिका सुषमा यादव का इस प्रकार के उत्कृष्ट कार्यक्रम आयोजित करवाने के लिए आभार व्यक्त किया तथा समय-समय पर इस प्रकार की गतिविधियों को संचालित करवाने के लिए प्रोत्साहित किया। छात्राओं ने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर डा. सुधीर यादव, डा.सीमा देवी, नीतू, डा.समेश चंद, मंजू, कविता, सीमा, डा.अंकिता यादव, दीपिका कालोन,दिनेश, राजेश, जय भारती व मोनू यादव उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 13: कालेज की छात्राएं कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए।
गुरु का स्थान सदा ही रहा है सर्वोपरि
-डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन को किया याद
*************************************************************
**********************************************************************
*************************************************************
कनीना की आवाज। देश के राष्ट्रपति एवं शिक्षक सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन आज राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में धूमधाम से मनाया गया।
इस अवसर पर एक तरफ जहां विद्यार्थियों ने अपने-अपने कक्षा स्तर पर डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर केक काटकर तथा अपने कक्षा कक्षों को सजाकर शिक्षकों को शुभकामना संदेश व स्मृति चिन्ह प्रदान किय वहीं मुख्य अध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने बालिकाओं को महान शिक्षक एवं पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जीवन से प्रेरणा लेते हुए अपने जीवन में बेहतर शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों को अपनाने पर बल दिया उन्होंने कहा कि शिक्षक उस दीपक की तरह है जो स्वयं जलकर दूसरों को रोशनी देता है जीवन में महानता गुरु के दिखाए आदर्श रास्ते पर चलकर प्राप्त की जा सकती है । आज के कार्यकम में वरिष्ठ अध्यापक कैलाश चंद, सुभाष चंद्र ,संदीप कुमार, राकेश कुमार ,शीला देवी, शालिनी प्रधान ,शीतल चौहान ,राजबाला देवी कश्मीरी निमल, रूबी यादव, सुनीता मेहरा सहित समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित रहा।
आर केवाई स्कूल में बड़ी धूमधाम से मनाया गया अध्यापक दिवस-
उधर कोसली रोड स्थित आरकेवाइ स्कूल में अध्यापक दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। छात्र-छात्राओं ने गुरु वंदना कर उनके पैर छूए और उन्हें विशेष होने का आभास दिलाया। इस अवसर की शुरुआत संचालक सुरेश कुमार, डिप्टी डायरेक्टर अतर सिंह, विद्यालय प्रधानाचार्या सतेन्द्रा यादव और समस्त शिक्षकगणों की मौजूदगी में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को पुष्प अर्पित करके की। विद्यार्थियों ने अध्यापकों की भूमिका निभाकर उनके लिए आदर्शात्मक वचन कह उन्हें कृतार्थ किया। बच्चों ने नाच-गाकर, भाषण प्रस्तुत कर, चुटकले सुनाकर और अपनी कक्षाओं को सजाकर खूब मनोरंजन किया। वहीं बच्चों के साथ-साथ सभी शिक्षक भी नाचते-गाते नजर आए और सभी ने अपने-अपने अध्यापकों के उच्च आदर्शों के बारे में बताया । इस तरह नृत्य, भाषण, चुटकले और गीतों की तर्ज ने विद्यालय प्रांगण में आनंद का समा बांध दिया। स्कूल संचालक सुरेश कुमार और डिप्टी डायरेक्टर अतर सिंह ने सभी अध्यापकों को अध्यापक दिवस की बधाई दी और आदर्श अध्यापक के गुणों की एक व्याख्या की। प्राचार्या सतेन्द्रा यादव ने बच्चों को गुरु का अर्थ और उनकी महिमा के बारे में बताते हुए कहा कि हम बगैर गुरु के उस किश्ती के समान है जिसको कोई खेने वाला नहीं होता।
फोटो कैप्शन 10: कनीना स्कूल में अध्यापक दिवस मनाते हुए
11: आरकेवाई स्कूल में अध्यापक दिवस मनाते हुए।
माहवारी के दौरान बालिकाओं द्वारा बरती जाने वाली सावधानियां विषय पर कार्यशाला
--आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी ने दी जानकारी
*************************************************************
**********************************************************************
*************************************************************
कनीना की आवाज। राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में उप मंडल अस्पताल कनीना के सौजन्य से आज छात्राओं के लिए के लिए माहवारी के दौरान बालिकाओं द्वारा बरती जाने वाली सावधानियां विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया ।
इस अवसर पर महिला आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डाक्टर नितिका शर्मा ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में बालिकाओं द्वारा माहवारी के दौरान अगर सावधानियां ना बरती जाए तो वह भविष्य में बड़ी बीमारियों का कारण बनती है तथा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का प्रकोप हो सकता है ।इस अवसर पर आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विनय मुद्गल ने बालिकाओं द्वारा आवश्यक दिनों के दौरान बरती जाने वाली निजी व स्वास्थ्य सावधानियां के बारे में बताया । चिकित्सकों का आभार व्यक्त करते हुए विद्यालय के मुख्य अध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने कहा कि आज के फास्ट फूड कल्चर ने माहवारी की आयु सीमा को 12 साल से घटाकर 8 से 9 साल तक कर दिया है जो बालिकाओं में होने वाली हार्मोन संबंधी बीमारियों को जन्म देता है तथा इस कारण अनेक एनीमिया ,खून की कमी आदि बीमारियां हो रही है।
इस अवसर पर अस्पताल के फार्मासिस्ट राजकुमार, नर्स सुनीता देवी, वरिष्ठ अध्यापक कैलाश चंद, सुभाष चंद्र ,संदीप कुमार, राकेश कुमार ,शीला देवी, शालिनी प्रधान ,शीतल चौहान ,राजबाला देवी कश्मीरी निमल, रूबी यादव, सुनीता मेहरा सहित समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 09: कनीना स्कूल में डाक्टर जानकारी देते हुए।
खरीवाड़ा में शिक्षक दिवस पर हुई प्रश्नोतरी प्रतियोगिता
--अध्यापक दिवस की रही धूम
*************************************************************
**********************************************************************
*************************************************************
कनीना की आवाज। राजकीय प्राथमिक पाठशाला खरीवाड़ा में शिक्षक दिवस पर हुई प्रश्नोतरी प्रतियोगिता।
अपनी भारतीय परंपरा में एक गुरु एक शिक्षक का स्थान सर्वोपरि होता है। ये सनातन में आदिकाल से चिह्नित है। इसी परंपरा में आज शिक्षक दिवस पर राजकीय प्राथमिक पाठशाला खारीवाड़ा में प्रश्नोतरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे विद्यार्थियों ने बेहद ही उत्साह से भाग लिया ,और अपने समस्त शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान और आभार व्यक्त किया। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने शिक्षकों से संबंधित,उनकी शिक्षा नीतियों संबधित विभिन्न प्रश्नों का उत्तर दिया। अपने ज्ञान और बुद्धि का प्रदर्शन करते हुए विद्यार्थियों ने अद्भुत प्रयास किए।इस प्रतियोगिता के विजेताओं को अध्यापको की तरफ से ईनाम दिए गए। इस प्रतियोगिता ने विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच एक मजबूत स्नेह का बंधन बनाने में मदद की और शिक्षकों के महत्व को समझने के लिए प्रेरित किया।
प्रतियोगिता अवसर पर विद्यार्थियों को करते हुए विद्यालय प्रभारी कैलाश चंद ने कहा कि शिक्षक दीपक के समान होते हैं, जिसका अर्थ है कि शिक्षक भी ज्ञान के प्रकाश को फैलाने का काम करते हैं, जैसे कि दीपक अंधकार को दूर करने के लिए प्रकाश फैलाता है।
अंत मे इस अवसर पर बच्चों को शिक्षक दिवस के महत्व के बारे जानकारी देते मास्टर राजेश उन्हाणी ने कहा कि शिक्षक हमें ज्ञान और शिक्षा के माध्यम से अज्ञानता और अंधकार को दूर करने में मदद करते हैं। वे हमें सही रास्ते पर चलने के लिए मार्गदर्शन करते हैं और हमारे भविष्य को उज्ज्वल बनाने में मदद करते हैं।
शिक्षक दिवस के इस आयोजन पर पाठशाला के सभी बच्चे व शकुंतला ,गंगा देवी, बीना देवी, प्रवीण आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 07: शिक्षक दिवस मनाते हुए शिक्षक एवं विद्यार्थी।
जागो वोटर जागो
-वोट बनवाकर खुश न होना, डालकर हो खुश
*************************************************************
**********************************************************************
*************************************************************
कनीना की आवाज। वोट बनवा लेना या फिर वोटर कार्ड बनवा लेेना ही काफी नहीं है अपितु वोट डालने वाले दिन निर्धारित बूथ पर 5 अक्टूबर को जाकर वोट डालना भी बहुत जरूरी होता है। वोट डालने के लिए पहले से ही निर्धारित करके चलना चाहिए कि किसे चुनना है। ऐसे में किसी साफ छवि का नेता का चुनाव करना हम सभी का हक है। ऐसे में किसी भी कीमत पर वोट डालने से वंचित न रहे। यह समय है जागृति का।
वोट डालने के लिए जाते वक्त वोटर कार्ड एवं अन्य कोई पहचान पत्र लेकर जाना चाहिए। आजकल बूथ लेवल पर वोटर पर्ची बनाई जाती है जो चुनाव आयोग की हिदायतों के अनुसार बूथ लेवल के अधिकारी बनाकर स्वयं घर घर पहुंचाते हैं जिस पर फोटो भी लगी होती है। इसी आधार पर भी वोट डाला जा सकता है किंतु एक आईडी हो तो बेहतर रहेगा। हमारे लोकतंत्र का आधार भी वोटर है। हमें शपथ लेनी चाहिए कि वोट जरूर बनवाएंगे और उसे डालने भी जरूर जाएंगे।
मतदान और वो भी गुप्तदान करके राजनीति में बेहतर एवं साफ छवि के लोगों को लाया जा सकता है। वोट वोट ही है जो राजनीति में सुधार लाने का एक अचूक हथियार होता है। वोट से सरकार में ऐच्छिक सुधार लाया जा सकता है। वोट बनवाना एवं डालना हमारा अधिकार है।
सुनील कुमार, वरिष्ठ प्राध्यापक
बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले
-एक अनार सौ बीमार थी टिकट
*************************************************************
**********************************************************************
*************************************************************
कनीना की आवाज। धीरे-धीरे अटेली विधानसभा से विभिन्न दलों की टिकट फाइनल होने लगी है जिससे भविष्य में होने वाले चुनाव की छवि साफ होने लगी है। टिकट मिलने से पूर्व ही अर्ध शतक नेता टिकट के लिए सक्रिय थे तथा बहुतों ने तो अपने कार्यालय विभिन्न स्थानों पर खोल रखे थे। सभी टिकट की दावेदारी जता रहे थे किंतु सभी को टिकट मिलना तो असंभव था। अब भाजपा की टिकट एक ऐसे प्रत्याशी को दी गई है जिसका अभी तक न तो कोई कार्यालय खुला था और न हीं कभी किसी ने सोचा था कि इन्हें टिकट मिलेगी। जिन्होंने कार्यालय भाजपा की टिकट के लिए खोले हुए थे अब वो मायूस होने लगे हैं। अब धीरे-धीरे अपने कार्यालय को समेटने की तैयारी में जुट गए हैं। वोकहते हुए नजर आते हैं कि बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले। वास्तव में उनके साथ बुरी बीती है। कितने ही दिनों से चाय, बीड़ी, हुक्का, चिलम और आवभगत हो रही थी वो अचानक सारी आशाएं धूल में मिल गई हैं। ऐसे में सबसे अधिक भाजपा में आपसी मन मुटाव उभरकर आ सकता है। जिसका प्रत्यक्ष लाभ कांग्रेस के प्रत्याशी और तीसरे मोर्चे को हो सकता है। लेकिन अभी भी प्रमुख मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। किंतु जिस प्रकार अन्तर्कलह उभरता नजर आ रहा है उससे साफ जाहिर है कि नुकसान भाजपा को होगा जिसके चलते तीसरा मोर्चा लाभ उठा सकता है। अन्तर्कलह के पीछे बहुत से दौड़ में प्रत्याशियों को टिकट नहीं मिलना, बाहरी प्रत्याशी को टिकट देना, ऐसे प्रत्याशी को टिकट दी गई जिसका क्षेत्र के लोगों से कोई लेना देना नहीं है जिसका परिणाम भाजपा भुगत सकती है। उधर कांग्रेस की टिकट अभी फाइनल नहीं हुई है परंतु कांग्रेस पार्टी के टिकट चाहने वाले के कार्यालय इक्का-तुक्का ही खुले हैं। इससे साफ जाहिर है की सबसे अधिक टिकट के चाहने वाले भाजपा के थे। अब उनके साथ-सांप के मुंह में छिपकली वाली कहावत लागू होती है। यदि वे भाजपा के प्रत्याशी को वोट नहीं देते तो भी दिक्कत खड़ी होगी या फिर वह आजाद प्रत्याशी बतौर भी चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में अटेली से कई आजाद प्रत्याशी इस बार मैदानमें उतर सकते हैं।
विगत योजना में भी देखने को मिला कि भाजपा की टिकट किसी ऐसे प्रत्याशी को दी जाती है जो अभी तक चर्चाओं में नहीं होता है। जहां विगत योजना में सीताराम को टिकट दी गई थी जो किसी ने सोचा भी नहीं था। यही हालत उससे पिछली योजना में देखने को मिली थी। अब रही बात अटेली विधानसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी की टिकट फाइनल होनी बाकी है। उसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि किन के बीच मुकाबला होगा। यह संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस प्रत्याशी भी कोई महिला होगी।
अटेली विधानसभा से धीरे-धीरे चर्चाओं कमजोर पकडऩे लग गया है। विभिन्न प्रत्याशियों के बारे में लोग खुलकर बोलने लगे हैं। एक बात अटेली विधानसभा में सबसे ज्यादा वोटर को अखर रही है कि जितने भी प्रत्याशी मैदान में आते हैं वह सब बाहर के होते हैं। ऐसे में उनका मानना है कि इस बार वोटर उस प्रत्याशी को वोट देगा जो क्षेत्र से संबंध रखता हो तथा जिसका क्षेत्र से संबंध रहा हो ,क्षेत्र के लोगों से अच्छी पकड़ और लोगों के सुख-दुख में शामिल रहा हो या फिर जिसने क्षेत्र के विकास कार्यों में बढ़ चढ़कर भूमिका निभाई हो। ऐसे में यदि भाजपा प्रत्याशी को कोई टक्कर दे सकता है तो कांग्रेस प्रत्याशी दे सकता है। वह भी अभी निर्णय नहीं हो पाया है कि टिकट किसे मिलती है। कांग्रेस प्रत्याशी के बतौर 30 के करीब टिकट की दौड़ में है। टिकट अभी फाइनल नहीं हुई है। जिनको टिकट नहीं मिली वह बस गुनगुनाते नजर आ रहे हैं कि हम तो डूबेंगे सनम तुम्हें भी ले डूबेंगे। महज अब तो निर्भर करता है कि किस पार्टी में एकजुटता अधिक रहेगी।
जीवेम् शरद: शतम
-माइकों की गूंज अब नहीं सुनाई देती-शांति देवी
*************************************************************
**********************************************************************
*************************************************************
कनीना की आवाज। लिखी पढ़ी गृहणी शांति देवी 84 वर्ष की हो चुकी है। वो उन दिनों को याद करती है जब चुनाव प्रचार के लिए नेता एक एक माह पहले ही माइक से प्रचार करते थे। दिनरात बस वोट की गूंज सुनाई देती थी। चुनावों के प्रति बच्चे बूढ़े और नर-नारी का एक क्रेज होता था। हाथों में नेताओं झंडियां लेकर तथा छतों पर लगाकर नारे गूंजाते रहते थे। चुनावों के दौरान शराब आदि का न के बराबर बोलबोला रहा है। आज के दिन सब कुछ ही बदल गया है। वह आज के मतदान और उनके समय के मतदान को देखकर बड़े चकित है। एक दौर था जब वोट हासिल करने के लिए नेता कई-कई दिनों पहले से गलियों में चक्कर लगाते थे और गलियों में चक्कर लगाने के साथ-साथ माइक आदि से प्रचार करते थे। वोट मांगने वालों तथा वोट देने वालों के लिए वह युग स्वर्णिम रहा है। पहले इतने आधुनिक साधन या वोट पाने के जो बड़े आधुनिक तरीके आज के दिन हैं, ये उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में सीधे-सादेे तरीके से वोट मांगते थे। उस जमाने में नेता और उसके समर्थक जब गलियों से गुजरते थे तब बिल्ले और झंडिया बांटते हुए जाते थे। जिस किसी के घर पर झंडी लगी है तो समझ जाते थे कि यह किसका समर्थक है। छोटे-छोटे बच्चे भी उनसे बिल्ले और झंडी मांगने के लिए पहुंच जाते थे। ये बिल्ले कपड़ों पर टांगकर छोटे बच्चे खुश होते थे वहीं अपने घरों पर नेताओं की झंडियां लगाकर प्रसन्न हो जाते थे। वोट डालने वालों में उत्साह भरा होता था और सरेआम बच्चे भी चिल्लाते रहते थे कि मोहर लगेगी सूरज पर...। आज के दिन सब काम गुप्त हो गया है। उस वक्त नेताओं की छवि निराली होती थी। यही नहीं वोट डलवाने के लिए पोलिंग पार्टियां मत पेटियों को खोलना और बंद करने में लगी रहती थी। मतपेटियों को लादकर सिर पर लाते थे तथा सिर पर ही ले जाते थे। साधन भी बहुत कम होते थे। मोहर लगाने के लिए अलग से स्याही व मोहर मिलती थी जिससे मतदान पूर्ण होता था।
अपने समय के बड़े-बड़े मंत्री और प्रधानमंत्रियों के वो चुनाव देख चुके हैं। उस जमाने में मतगणना का कई दिनों तक इंतजार करना होता था, आधुनिक यंत्र होते नहीं थे। एकाध रेडियो होता था जहां भारी भीड़ समाचार सुनने के लिए लग जाती थी। दो तीन दिनों के बाद ही तब पता चलता था कौन जीता है। आजकल जहां पल भर में सूचना मिल जाती है। वोट डालने के लिए मशीन का प्रयोग होता है तथा बटन दबाकर वोट डाला जाता है। परंतु उस जमाने में विज्ञान में इतनी उन्नति नहीं की थी। इसलिए वोट डालने की आधुनिक मशीन, मतदान की सूचना, हार जीत की सूचना पाने के लिए आधुनिक मोबाइल, टीवी आदि नहीं होते थे। आजकल तो सोशल मीडिया द्वारा तुरंत सूचना प्रचारित हो जाती है। ये साधन उन्होंने नहीं देखे थे। ऐसे में आजकल चुनाव प्रचार के लिए जहां बैनर और झंडों का इतना जबरदस्त प्रचार देखने को मिलता है। पेड़ पौधों पर भी बैनर टंगे मिलते हैं। यह पहले नहीं होता था। आजकल जहां प्रचार के लिए कुछ समय मिलता है जबकि पहले प्रचार के लिए लंबा समय मिलता था। बिल्कुल ही चुनाव के तौर तरीका बदल गया है।
फोटो कैप्शन: शांति देवी
विभिन्न संस्थाओं में मनाया गया अध्यापक दिवस
-पूर्व शिक्षकों को याद किया व दिया गया सम्मान
*************************************************************
**********************************************************************
*************************************************************
कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में पूर्व राष्ट्रपति डा. एस. राधाकृष्णन के जन्म दिन पर जगह जगह अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गये। केक काटकर खुशी मनाई वहीं पूर्व शिक्षकों को याद किया। बलराम समारोह स्थल कनीना में बलराम क्लब कनीना द्वारा पूर्व शिक्षकों कंवरसेन वशिष्ठ एवं डा. होशियार सिंह यादव का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि मोहन सिंह यादव पूर्व पार्षद अध्यक्ष भारत विकास परिषद शाखा कनीना रहे। विशिष्ट अतिथि बलराम समारोह संचालक हनुमान सिंह रहे।
सबसे पहले डा. होशियार सिंह एवं कंवरसेन वशिष्ठ कको मुख्य अतिथि द्वारा माला व पगड़ी पहनकर स्वागत किया। इस मौके मोहन कुमार ने कहा कि डा. होशियार सिंह साइंस के अध्यापक थे परंतु इनकी सभी विषयों पर मजबूत पकड़ है। वे गोल्ड मेडलिस्ट भी है तथा हरियाणा राज्य शिक्षक पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं। कक्षा में पढ़ाने में इतनी रुचि थी कि वह कभी अपनी कक्षा में कालांश को मिस नहीं करते थे। इन्होंने 36 पुस्तकें लिखी हुई है और चार पुस्तकें हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा अनुदान प्राप्त हैं। उधर कंवरसेन वशिष्ठ 2008 में सेवानिवृत्त हुये थे। उनका 34 वर्षों का परिणाम बेहतर रहा है। वे अध्यापक नेता भी रहे तथा मुख्य शिक्षक बतौर सेवानिवृत्त हुए। इस मौके पर गजराज यादव, राजवीर साहब, रमेश कुमार, हनुमान सिंह, सोमबीर शर्मा आदि उपस्थित रहे। उधर राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में शिक्षक दिवस पर डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस बड़ी धूम-धाम से मनाया गया। इस अवसर पर हिंदी अध्यापक नरेश कुमार ने सभी अध्यापकों को बधाई देते हुए बताया कि शिक्षक व विद्यार्थी का नाता अटूट होता है। शिक्षक बच्चों में ऐसा डाला है जिसकी बल पर विद्यार्थी सफलता की तरफ बढ़ता चला जाता है। गुरु का हमारे जीवन में बड़ा महत्व होता है जो कि सर्वविदित है। शिक्षक ईश्वर का दिया हुआ वह उपहार है जो हमेशा बिना किसी स्वार्थ के भेदभाव रहित व्यवहार से बच्चों को अच्छे बुरे का ज्ञान कराता है। स्कूल में केक भी काटा गया।
फोटो कैप्शन 03: धनौंदा में अध्यापक दिवस मनाते हुए।
05: बलराम समारोह में शिक्षक सम्मान करते हुए।
ट्राला-ट्रक में घुसा, एक व्यक्ति घायल, मामला दर्ज
*************************************************************
**********************************************************************
*************************************************************
कनीना की आवाज। 152-डी पर एक ट्राला-ट्रक में घुस गया जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
पवन कुमार शिवाई, थाना सरूरपुर, जिला मेरठ ने कनीना थाने में शिकायत दर्ज करवाई है कि वह मैं ट्राला चलाता हूं और 3 सितंबर को शाम के करीब 8 बजे शाम को राजपुरा से अपना ट्राला खाली करके कोटपुतली, राजस्थान के लिए जा रहा था। हाई-वे 152-डी पर चार सितंबर को सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच ट्राले को लेकर खेड़ी के पास रेस्ट एरिया के नजदीक पहुंचा तो एक नामालूम ट्रक चालक अपना ट्रक गफलत लापरवाही से चलता हुआ लाया और मेरे ट्राले के सामने ब्रेक लगा दिए, जिससे मेरा ट्राला उस ट्रक में जा घुसा जिससे ट्राले का केबिन क्षतिग्रस्त हो गया और मैं ट्राले के केबिन में फंस गया। आने जाने वाले वाहन चालकों ने मुश्किल से निकाल कर रेस्ट एरिया के पास प्राथमिक उपचार दिलाया। तत्पश्चात सरकारी कनीना उप-नागरिक पहुंचाया जहां उनका इलाज किया गया। उनकी शिकायत पर ट्रक चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने 2 किलो 210 ग्राम गांजा बरामद किया
- एक व्यक्ति गिरफ्तार दूसरा भागने में कामयाब
*************************************************************
**********************************************************************
*************************************************************
कनीना की आवाज। पुलिस को मुखबिरी के आधार पर सूचना मिली कि कनीना थाने के तहत मालड़ाबास गांव में अभिषेक उर्फ भोलू तथा कर्मवीर उर्फ पाल नशीला पदार्थ, गांजा बेचते हैं। जिनके पास एक काले रंग की मोटरसाइकिल है जिसके नंबर नहीं है। दोनो मालड़ाबास शमशान घाट के पास खड़े हैं और किसी को नशीला पदार्थ बेचेंगे। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मालड़ाबास में बताये गये स्थान पर रेड की। शमशानघाट के पास खड़ी मोटरसाइकिल दिखाई दी जिसके पास दो लड़के खड़े थे। एक के हाथ में काले रंग की पालीथिन थी। पुलिस पार्टी को देखकर दोनों लड़के भागने लगे। पुलिस कर्मियों ने जिसके हाथ में काले रंग की प्लास्टिक की थैली थी उसे काबू कर लिया जबकि दूसरा मौके का फायदा उठाकर बाजरे के खेतों में भाग गया। काबू के लड़के से नाम पूछा तो अभिषेक उर्फ भोलू मालड़ाबास बताया। दूसरा जो मौके से भाग गया उसके बारे में पूछा तो उसका नाम कर्मवीर उर्फ पाल मालड़ाबास बताया। तत्पश्चात पुलिस ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर उसे एनडीपीएस एक्ट का नोटिस देकर तलाशी की गई। तलाशी के लिए राजपत्रित अधिकारी विक्रांत यादव ईटीओ को बुलाया गया। हाथ में लिए हुए काले रंग की प्लास्टिक की थैली को खोलकर देखा गया तो उसमें गांजा पाया गया जिसका वजन करने पर 2 किलो 210 ग्राम मिला। पूछे जाने पर उसने बताया कि मैं गांजा बेचने का काम करता हूं यह गंजा मेरा नहीं है। यह गांजा कर्मवीर उर्फ पाल का है जो मुझे गांजा बेचने के पैसे देता है। कर्मवीर उर्फ पाल पुलिस को देखकर भागने में सफल हुआ। कनीना पुलिस ने दोनों के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत नशीला पदार्थ बेचने का मामला दर्ज कर लिया है।
कर्मियों की तैनाती उनके विधानसभा क्षेत्र में लगाई जाए
-साथ में दिया जाए पा
रिश्रमिक भी
*************************************************************
**********************************************************************
*************************************************************
कनीना की आवाज। 8 सितंबर को जहां विधानसभा चुनावों को लेकर प्रथम रिहर्सल नारनौल में होगी। विभिन्न कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। कर्मियों ने मांग की है कि चुनाव के दौरान उनकी तैनाती उनके ही विधानसभा क्षेत्र में लगाई जाए ताकि आने-जाने में सुविधा मिल सके। उनका कहना है कि कर्मियों को दूर दराज भेजा जाता है जिसके चलते पूरी रात परेशान होकर पड़ते गिरते घर तक पहुंच पाते है। ऐसे में उन्होंने मांग की है कि उनके ही विधानसभा क्षेत्र में उनकी तैनाती लगाई जाए साथ में उन्होंने पारिश्रमिक भी दिए जाने की मांग की है। कर्मियों का कहना है कि वर्ष 2022 में के पंचायत चुनावों में दीपावली पर्व पर जहां उनकी तैनाती लगाई गई किंतु कर्मियों को कोई पारिश्रमिक नहीं दिया गया। उस वक्त पंचायत चुनावों के तुरंत बाद जिला परिषद के चुनावों के लिए तैनाती लगी किंतु दुख तब हुआ तब उन्हें कोई पारिश्रमिक नहीं दिया गया। ऐसे में उन्होंने मांग की है कि सभी कर्मियों को मौके पर ही पारिश्रमिक भी दिया जाए। उनकी मांग को समर्थन देने वालों में शिक्षक नेता कंवरसेन वशिष्ठ, धर्मपाल शर्मा, धर्मवीर सिंह, सुनील कुमार प्रमुख हैं। विभिन्न अध्यापक नेताओं ने भी कर्मियों की यह मांग जायज बताई है।
No comments:
Post a Comment