सीहोर बाघोत सड़क मार्ग पर झाड़ झंखाड़ में मिला शव
--पुलिस कार्रवाई में जुटी।
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कनीना की आवाज। सिहोर से बाघोत रोड़ पर गांव उच्चत की सीम में एक व्यक्ति का शव रोड के पास झाड़ झंखाड़ में सदिग्ध अवस्था में पड़ा हुआ मिला है। सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर कनीना अस्पताल के शवग्रह में रखवा दिया है। गांव छितरौली के सरंपच बलवान आर्य ने बताया कि उनके गांव के खेत इस तरफ पड़ते है। सोमवार को गांव का ही एक व्यक्ति अपने खेत से घर आ रहा था तो उसे एक व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में पड़ा हुआ दिखाई दिया। जिसके संबंध में उसने उसे सूचना दी। जिसके बाद पुलिस को सूचना देकर मामले से अवगत करवाया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
एपिसोड -20
मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार
-अभी लंबी लड़ाई लडऩी पड़ेगी अपने अधिकार के लिए
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी डा. होशियार सिंह शिक्षा विभाग में करीब 40 वर्षों की विभिन्न पदों पर सेवा देने के उपरांत30 अप्रैल 2024 का सेवानिवत्त हो गए हैं। उनको जहां प्रारंभ से सेवा में भारी समस्याएं झेलनी पड़ी हैं। ऐसे-ऐसे वाक्या सामने आए जिनको याद कर रोना आ जाता है किंतु उस बुरे वक्त को भी हंसकर झेला है। भाग्य में अभी उनका संघर्ष अभी चलता रहेगा क्योंकि उसके बहुत निकृष्ट साथी के कारण जेबीटी पद पर कार्यभार ग्रहण न करने का परिणाम तो उमर झेलना पड़ेगा परंतु 1995 से 2003 तक की तदर्थ सेवा का कोई लाभ नहीं मिला जिससे एसीपी का भी नुकसान हुआ और अन्य नुकसान झेले हैं।
इस नुकसान की भरपाई के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। जहां एसीपी मिली वो भी देरी से मिली, उसकी भरपाई के लिए न्यायालय की शरण लेनी होगी ताकि देरी के कारण दोषी से ब्याज मिल सके। यही नहीं हरियाणा राज्य शिक्षक अवार्ड मिलने के कारण मिलने वाली दो वेतनवृद्धियां आज तक नहीं मिली, 2 वर्ष का सेवा विस्तार भी नहीं मिला जिसके लिए भी न्यायालय की शरण ली जा रही है ताकि किसी प्रकार भी यह हक मिल सके। जहां कदम-कदम पर अनेक तकलीफ झेलनी पड़ी हैं, एक दो राक्षस प्रवृत्ति के लोगों के कारण जहां करोड़ों रुपये का जीवन भर में नुकसान हो चुका है परंतु भगवान ऐसे राक्षसों को कभी क्षमा नहीं करेंगे। संघर्षों की दास्तान पहले बताई जा चुकी है। अब तो अपने हक के लिए अपने ही तथ्यों की आरटीआई मांगी जा रही है तत्पश्चात न्यायालय की शरण ली जाएगी। बहुत सुंदर प्रकरण सामने आया जब कनीना में डा. होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक बतौर कार्यरत थे तभी एक राक्षस प्रवृत्ति के शिक्षक ने कहा कि डा. होशियार सिंह को अधिक वेतन मिल रहा है, इनकी सर्विस बुक की जांच की जाए। बस फिर क्या था सर्विस बुक को लेकर तत्कालीन प्राचार्य, कुछ राक्षसी प्रवृत्ति के शिक्षक बैठ गए। उस समय कनीना के एक बहुत सज्जन और महान व्यक्तित्व को भी बुलाया गया चूंकि उन्हें कुछ सर्विस संबंधित जानकारी रही है। सुनील कुमार गणित प्राध्यापक ने पाया कि इनको तो अधिक नहीं कम वेतन मिल रहा है। एक वार्षिक वेतन वृद्धि ही नहीं दी गई है। तब अधिक वेतन पाने की बात कहने वालों के भी होश उड़ गए। आखिरकार बात उजागर हो गई और वह वेतनवृद्धि देनी पड़ी। अभी न्यायालय में जहां 2 साल का सेवा विस्तार, शिक्षक अवार्ड के दो इंक्रीमेंट का मामला चल ही रहा है निर्णय आने पर पता चल पाएगा। वहीं हरियाणा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार जिन्होंने 6 महीने से अधिक सेवा का वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिला है उन्हें यह हक मिलेगा, उसके लिए भी संघर्ष जारी है। न्यायालय में जाना पड़ेगा। सबसे बड़ी बात तो यह है कि सेवानिवृत्त होने पर डा. होशियार सिंह को 312 अर्जित अवकाश का लाभ मिलना था चूंकि इतने अवकाश बनते हैं किंतु मिले 265 दिन के अर्जित अवकाश का लाभ। ग्रीष्मकालीन अवकाश में मिलने वाले कैंप की अर्जित अवकाश काट लिये गये है। आश्चर्यजनक 2015 में 25 अर्जित अवकाश सर्विस बुक में चढ़ा रखे हैं जबकि ऐसा लिखित रूप कुछ भी डा होशियार सिंह ने नहीं दिया था। ऐसे में अर्जित अवकाश काटना गुनाह है। उसके लिए भी अब प्रधानमंत्री और राज्यपाल को लिखा हुआ है। भविष्य में न्यायालय की शरण ली जाएगी। इसके लिए चाहे दोषी प्राचार्य हो या चाहे जिला शिक्षा अधिकारी या जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी या निदेशक शिक्षा विभाग हो सभी को पार्टी बनाकर तब आगे कार्रवाई करने को मजबूर होना पड़ेगा। भारी पैसा भी खर्च आएगा परंतु मजबूरी है कि अपने हक के लिए चाहे कितना ही संघर्ष करना पड़े मरते दम तक जारी रहेगा।
भोजावास में बाबा जिंदा देव का धार्मिक मेले का आयोजन 5 को
-विभिन्न खेलकूद होंगी आयोजित
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कनीना की आवाज। उप मंडल के गांव भोजावास मे 5 सितंबर को बाबा जिंदा देव के महान मेले का आयोजन करवाया जा रहा है। मेले के इस अवसर पर बुधवार रात्रि 9 बजे बाल कवि अंकुर शर्मा एंड पार्टी निवासी अलवर द्वारा बाबा की महिमा का भजनों द्वारा गुणगान किया जाएगा।
मेलों में खेलों के इस अवसर पर हरियाणा राजस्थान, समेत अनेक राज्यों के खिलाड़ी बाबा जिंदा देव मेले में आकर अपना जौहर दिखाते हैं।जानकारी देते हुए मेला कमेटी के सदस्य सेठ श्याम सुंदर धर्म सिंह तंवर ने जानकारी देते हुए बताया कि मेले के इस अवसर पर में विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें कबड्डी लांग हरियाणा स्टाइल प्रथम इनाम 71000 रुपये, द्वितीय इनाम 51000 रुपये, पुरुष दौड़ 1600 मीटर प्रथम इनाम 2100 रुपये,, द्वितीय 1500 रुपये,, लंबी कूद प्रथम इनाम 2100 रुपये,, द्वितीय 1500 रुपये, ऊंची कूद प्रथम इनाम 2100 रुपये,, द्वितीय 1500 रुपये, वहीं मेले में मुख्य आकर्षण का केंद्र बुजुर्गों की दौड़ होगी जिसमें प्रथम इनाम 2100 रुपये, और द्वितीय इनाम 1500 रूपये तक की होगी। मेले के इस अवसर पर मेला कमेटी द्वारा कुश्तियों का आयोजन भी करवाया जाएगा। कुश्ती 50 रुपये से लेकर 11000 रुपये, तक करवाई जाएगी तथा 11000 रुपये, की कुश्ती जीतने वाले पहलवान को बाबा जिंदा देव केसरी पदक से सम्मानित किया जाएगा।
मोहर लगाकर वोट डालते थे,आज बटन दबाकर-आनंदी देवी
--5 अक्टूबर को डालेंगी विधानसभा में वोट
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कनीना की आवाज। आनंदी देवी 95 वर्ष की हो चुकी है। उन्होंने आजादी से लेकर आज तक हर मतदान में हिस्सा लिया है। चाहे प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, मोरारजी देसाई, इंदिरा गांधी चाहे मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरो , भगवत दयाल शर्मा, देवीलाल, भजनलाल बंसीलाल आदि सभी मुख्यमंत्री के समय में वोट डाला है और आज भी आनंदी देवी बड़े चाव से मतदान करने जाती हैं। खरकड़ाबास निवासी आनंदी देवी ने मतदान के कई रूप देखे हैं। वो उस वक्त का दृश्य बताती हैं जब वोट डालने के लिए जाते थे। पोलिंग पार्टियों को देखने के लिए भी वे खड़े रहते थे क्योंकि शिक्षक अपने सिरों पर मत पेटियों को लादकर ले जाते थे। वह नजारा बहुत सुंदर होता था जब मतदान केंद्र पर जाते तो रात भर शिक्षक अपनी मतदान की तैयारी में जुटे होते थे और मतदान करने के लिए जाते थे तो वोट को शिक्षक न केवल फाड़ते थे अपितु मोड़कर तब उसे प्रदान करते थे ताकि वोट गलत न पड़ जाए। मोहर लगाने के लिए देते थे और मोहर स्याही में डुबोकर देते थे ताकि सही मोहर लगे। कई कई बार तो मोहर लगाने में भी समस्या आती थी परंतु जैसे तैसे वो दिन बीत गए। अब तो मोहर लगानी भूल गए हैं। कभी एक नारा चलता था मोहर लगेगी...... पर परंतु आजकल उसकी जगह बटन दबेगा शब्द प्रयोग किया जाने लगा है। परंतु गुजरे हुए उस वक्त को आज भी वो याद कर लेते हैं। उस वक्त बिल्ले, बैनर तथा पोस्टरों से प्रचार करते थे। पूरी पूरी रात माइक चलता था तथा घर घर जाकर लोग वोटिंग पर्चियां बांटते तथा वोट डालने के लिए अपील करते थे। रात रातभर न तो नेता एवं उनके समर्थक उन्हें सोने देते थे और न ही स्वयं सोते थे। वोट के लिए यारी, दोस्ती तथा रिश्तेदारी तक पहुंच जाते थे। बिल्ले लगाकर गलियों से चलते थे ताकि यह पता लग जाए कि वोट किसे देेंगे। पेंटरों के पास कोई फुरसत नहीं होती थी। बहुत सुंदर वक्त होता था। इधर उधर बैठकर चुनावी चर्चाएं चलती थी।
फोटो कैप्शन: आनंदी देवी
देशहित के लिए करे अपने मत का प्रयोग: मुकेश नंबरदार
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कनीना की आवाज। वोट के बल पर अपनी ताकत दिखाओ। वोट डालकर ही अपनी ताकत दिखा सकते हैं। प्रजातंत्र प्रणाली एक सर्वोत्कृष्ट शासन प्रणाली है, जिसमें प्रजा द्वारा चुना गया प्रतिनिधि मंडल शासन तंत्र को संचालित करता है। यह प्रतिनिधि मंडल मतदाताओं का ही प्रतिबिंब होता है। चुनाव चाहे किसी देश में हो या राज्य में, दुनिया की निगाहें मतदाताओं के निर्णय पर टिकी रहती हैं, इसीलिए परीक्षा भी मतदाताओं की ही होती है। समृद्धिशाली प्रजातंत्र के लिए मतदाताओं को वोट डालते समय विवेक का परिचय देना चाहिए। पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर प्रत्याशियों के गुण दोष का आकलन करते हुए चरित्रवान, राष्ट्रभक्त उम्मीदवारों का ही चयन करना चाहिए।
आज प्रजातंत्र के कर्णधारों को चुनने का जो अधिकार मिला है वह आजादी के दीवाने, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने स्वतंत्रता की वेदी पर अपने आप को अर्पित किया है। सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, राम प्रसाद जैसे अनेकों महानायकों के बलिदान से हमें आजादी मिली है। अपने बेशकीमती वोट का उपयोग करने से पहले इन बलिदानियों के बलिदान का स्मरण करें और सोचें कि कहीं हम भिन्न भिन्न प्रलोभनों में आकर या पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर,जाति, धर्म और सम्प्रदाय के बंधनों में जकड़ कर अपने देश को पतन की ओर न धकेल,उन्नति की ओर ले जाने के लिए अपने मत का जरूर प्रयोग करें।
फोटो कैप्शन: मुकेश नंबरदार
वोट डालने के लिए बेहद प्रसन्न पूजा
--विधानसभा में पहली बार डालेगी वोट
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कनीना की आवाज। मुझे खुशी है कि मैं अपने सपनों को साकार करने के लिए ऐसे उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करूंगी जो देश का भविष्य देश की युवा शक्ति को सुरक्षा के साथ आगे बढऩे की राह दिखाएगा तथा भय, भूख व भ्रष्टाचार से मुक्त शासन देगा और राष्ट्र का गौरव बढ़ाएगा। दुनिया में मां भारती का मस्तक ऊंचा उठाएगा। पहली बार वोट को लेकर प्रसन्नता है तथा विधानसभा के लिए प्रथम बार वोट डालना है। वोट का जब अधिकार मिला है तो वोट जरूर डालने जाना चाहिए और मैं भी जाऊंगी।
बहुत से युवा पहली बार वोट डालेंगे। पूजा कौशिक स्कालर है तथा आने वाली 5 अक्टूबर के विधानसभा चुनाव में अपना मत डालेगी। उनका कहना है की पहली बार उन्हें यह मौका मिला है और अपने हाथ से वोट डालने से नहीं चूकेगी क्योंकि उन्हें इच्छा है कि अपनी पसंद का उम्मीदवार चुने। जो सरकार में भागीदारी निभाएं और बेहतर कार्य कर सके। चुनाव आयोग ने उनका मतदाता पहचान पत्र बनाया है जिसके तहत जिनकी उम्र 18 साल हो गई है वह अपना वोट बनवा सकता है। जिसके तहत उन्होंने वोट बनवाया और अब आने वाले चुनावों में मतदान के लिए तैयार है। प्रत्याशी परोक्ष से अपनी भागीदारी निभाएगा और सरकार में रहकर बेहतर कार्य करेगा। युवाओं के लिए बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएगा। उन्हें विश्वास है कि उनका वोट से जो प्रत्याशी चुनाव जीतेगा वह सत्ता में अच्छा कार्य करेगा, जनहित के कार्य करेगा तथा महिलाओं के लिए कुछ विशेष करेगा। उनका कहना कि सभी को वोट जरूर डालना चाहिए और सभी को वोट भी बनवाना चाहिए।
फोटो कैप्शन:पूजा कौशिक, स्कालर
अब नहीं बजेगी कक्षा कक्ष में गुरुजी के फोन की घंटी
--स्कूल मुखिया के कब्जे में होंगे मोबाइल फोन
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कनीना की आवाज। अब नहीं बजेगी कक्षा कक्ष में गुरुजी के फोन की घंटी स्कूल मुखिया के कब्जे में होंगे मोबाइल फोन। वैसे तो शिक्षा विभाग पंचकुला ने पत्र क्रमांक 1/6-2017-एसीडी(14) दिनांक दो अगस्त 2017 तथा 11 जून 2018 के अतिरिक्त समय समय पर कक्षा कक्ष में मोबाइल फोन प्रयोग न करने की हिदायत दी हुई है वहीं कुछ जिलों में फिर से जिला शिक्षा अधिकारियों ने पत्र जारी किये हैं। किंतु कुछ शिक्षक आदतन कक्षा कक्ष में मोबाइल प्रयोग करते हैं जिससे न केवल विद्यार्थियों का अहित होता है अपितु डिस्टरबेंस भी होता है जिसका कुप्रभाव शिक्षण पर पड़ता है। नियम अनुसार कक्षा कक्ष में अपने फोन को वाइब्रेशन पर रखना चाहिए ताकि इमरजेंसी हो तो फोन उठाया जाए लेकिन कुछ स्कूलों में अभी भी नियम अपनाया हुआ है कि सुबह शिक्षकों के मोबाइल फोन जमा कर लिये जाते हैं और अवकाश होने पर दे दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया यह तो लंबे समय से चली आ रही है परंतु बीच-बीच में फिर से ढ़ीलापन आ जाता है। इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा की गई। क्या कहते अधिकारी-
कनीना राजकीय उच्च विद्यालय के मुख्य अध्यापक नरेश कौशिक ने बताया कि उन्होंने किसी भी शिक्षक को स्कूल में कक्षा कक्ष में फोन प्रयोग करने की अनुमति नहीं दे रखी है। वो अब सभी शिक्षकों का फोन जमा करेंगे और अवकाश होने पर ही उन्हें दे पाएंगे। उन्होंने बताया कि ऐसा उच्च अधिकारियों काआदेश चला रहा है।
--नरेश कौशिक मुख्याध्यापक
क्या कहते हैं खंड शिक्षा अधिकारी -
खंड शिक्षा अधिकारी डा. विश्वेश्वर कौशिक ने बताया कि शिक्षक को स्वयं भी सोच लेना चाहिए कि जितने समय विद्यार्थियों को पढाया जाए फोन प्रयोग न करें। हां जरूरत हो तो वाइब्रेशन पर रख सकता है। अगर बहुत खास होना तो सुना जा सकता है वरना कक्षा कक्ष में फोन प्रयोग नहीं करना चाहिए। एक निश्चित अवधि तक पढ़ाना होता है और उसमें जी जान से शिक्षकों को पढऩा चाहिए।
--डा. विश्वेश्वर कौशिक खंड शिक्षा अधिकारी कनीना
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार से भी बात हुई। उन्होंने कहा कि फोन कक्षा कक्ष में प्रयोग नहीं करें ऐसा पहले भी समय-समय पर सरकार हिदायत देती आ रही है। फोन कक्षा कक्ष् में प्रयोग करना मना किया गया है।
फोटो कैप्शन: डा विश्वेश्वर कौशिक एवं नरेश कौशिक
तू डाल-डाल तो मैं पात पात
-इसी नीति पर चल रहे हैं चुनाव लडऩे वाले और टिकट चाहने वाले नेता
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कनीना की आवाज। कहावत है तू डाल-डाल तो मैं पात पात अर्थात चुनाव लडऩे वाले और टिकट चाहने वाले नेताओं ने बैनर/बोर्ड बनवा रखे हैं। प्रशासक हटवा देता है परंतु नेता मौका देखकर फिर से गलियों और चौराहों पर सरकारी खंभों, निजी भवनों एवं पेड़ों पर टांगे गए बोर्ड/बैनर हटवा देते हैं किंतु ये नेता है कि मानते ही नहीं। जब मौका मिला फिर से बोर्ड एवं बैनर टांग जाते हैं। नेताओं को लगता है कि शायद बोर्ड लगाने से ही वोट बन जाते हैं किंतु यह सत्य है कि लोगों के दिलों में जो इच्छा एक बार बन गई कि किस पार्टी को वोट देने हैं उसे ही वोट देते हैं और देते रहेंगे। कुछ नेताओं ने तो जनसभाओं का भी बोलबाला शुरू कर दिया है और वो समझते हैं कि इस प्रकार की जनसभाओं से उनके वोट बनेंगे परंतु वोटर बहुत चालाक और जागरूक बन गया है। वह सुनते सभी नेताओं की है पर वोट अपने मन की आवाज पर देते हैं। इसे कहते हैं तू डाल डाल तो मैं पात-पात। वो अपने मन की अभी तक कोई बात नहीं बोल पा रहे वैसे भी तभी बोलेंगे जब सभी दलों की के नेताओं को टिकट मिल जाएगी। अटेली विधानसभा में अभी तक बाहरी प्रत्याशियों का बोलबाला रहा है और शायद भविष्य में भी इसी प्रकार नेता आते रहेंगे। क्षेत्रीय नेताओं को कभी टिकट नहीं दी जाती जिसके चलते हर बार पार्टी की टिकट चाहने वालों को टिकट नहीं मिलती तो वह अंतर्कलह कर बैठते हैं और रातोंरात वोट किसी दूसरे नेता को दिलवा जाते हैं। विगत समय में भी ऐसा ही कुछ देखने को अटेली विधानसभा में आया था और इस बार फिर से लगता है कि भाजपा की टिकट किसी बाहरी प्रत्याशी को दी जाएगी जो इस क्षेत्र से संबंधित नहीं रखता जिसके चलते भाजपा में फिर से कलह की संभावना बनती आ रही है। कांग्रेस के प्रत्याशी कुछ गिने-चुने है और वो भी टिकट की दौड़ में है। सबसे बड़ी बात है कि जिनको टिकट की जरूरत है और उनके परिवार के वोट भी उनके पक्ष में नहीं है वो भी दिल्ली में डेरा डाले हुए है और टिकट मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
भारी खर्च कर चुके हैं कार्यालय पर
-अब टिकट न मिलने का डर सताने लगा
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कनीना की आवाज। कनीना व अटेली के साथ साथ विभिन्न गांवों में कुछ विभिन्न दलों के नेताओं ने लंबे समय से अपने कार्यालय खोल रखे हैं। जहां दिन रात चाय, पानी, हुक्का आदि चलता रहता है और नेता टिकट पाने की लाइन में है। सबसे बड़ी विषम परिस्थिति देखने को उस समय मिलेगी जब टिकट नहीं मिलेगी। तब यह नेता अपने कार्यालय को बंद करके जाने को मजबूर हो जाएंगे। बहरहाल टिकट मिलने तक इन नेताओं का भारी खर्च हो चुका होगा, टिकट मिलने के बाद तो फिर से खर्चों का बोझ बढ़ता चला जाएगा।
इन कार्यालय में अभी तक कहीं खुशी और कहीं गम देखने को मिल रहा है। जो टिकट के ज्यादा करीब नजर आते हैं उन कार्यालय में तो खुशी का माहौल है तथा जिनकी टिकट कटती नजर आ रही है उनके कार्यालय में अभी से ही सन्नाटा छाने लगा है। आने वाले वक्त में पता चलेगा किसको टिकट मिलेगी और कौन अपने कार्यालय को बंद करके अपने घर जाने को मजबूर हो जाएंगे।
कनीना में हुई 4 एमएम वर्षा
--पकती हुई फसल को होगा लाभ
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में रविवार रात को 4 एमएम वर्षा हुई। इस वर्ष 324 एमएम से भी अधिक वर्षा हो चुकी है।
वर्तमान में बाजरे की बेहतरीन फसल खड़ी हुई। अधिक वर्षा होती है तो फसल को नुकसान हो सकता है क्योंकि अब फसल पकान की ओर जा रही है। किंतु अभी तक वर्षा लाभप्रद साबित हो रही है। बहरहाल किसानों की नजरें पकती हुई फसल पर टिकी है। यदि अधिक वर्षा होती है तो भावी रबी फसल को भी लाभ होगा।
इस वर्ष जहां सावन माह में 200 एमएम से अधिक वर्षा हुई है। सावन माह वर्षा के मामले में बेहतर बीता है। किसान अब अपनी फसल को निहार रहे हैं और दृष्टि जमी हुई ताकि निकट भविष्य फसल तैयार हो जाएगी। किसानों का कहना है कि करीब 15 दिनों बाद फसल पक जाएगी और सितंबर माह के अंत तक कटाई हो चुकी होगी।
सोमवती अमावस्या मनाई गई
-चला पूजा एवं दान कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। वैसे तो एक कहावत है- पांडवों के जीवन में कभी सोमवती अमावस्या नहीं आई लेकिन कनीना क्षेत्र में सोमवती अमावस्या का पर्व मनाया गया। महिलाओं ने भगवान शिव के साथ पार्वती एवं पीपल वृक्ष की पूजा की। वहीं लंबी उम्र की कामना हेतु व्रत रखा। जिस प्रकार एक पीपल के पेड़ के नीचे सवित्रि ने जहां अपने पति के प्राणों को बचाया था उसी प्रकार महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना को लेकर व्रत करती आ रही है। भारी संख्या में लोग गंगा, कुरुक्षेत्र नगरी, ढोसी आदि पर स्नान करने को गये, सोमवती अमावस्या का दिन विशेष महत्व रखता है।
उधर नरेद्र शास्त्री ने बताया कि सोमवती अमावस्या वर्ष में एक या दो बारी आती है क्योंकि पीपल में सभी देवता निवास करते हैं इसलिए पीपल की पूजा की गई। इस दिन का इंतजार महाभारत के पांडवों ने लंबे समय तक किया था।
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