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Tuesday, September 3, 2024


 

आइआइटी पालिटेक्निक कनीना ने बनाई पहचान
-यहां से निकले युवकों को आसानी से मिल सकती है नौकरी
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कनीना की आवाज।
 आज आइआइटी पालिटेक्निक कनीना तकनीकी वे फार्मेसी के क्षेत्र में अपनी एक पहचान बन चुका है। आईआईटी पालिटेक्निक एचडी विनय यादव एडवोकेट ने बताया कि जब हमारा बच्चा दसवीं में 12वीं क्लास पास कर लेता है तो हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है कि हम अपने बच्चों को कौन से कोर्स में एडमिशन दिलवाएं जिससे कि बच्चों को कोर्स करते ही जॉब मिल जाए इसके लिए पालिटेक्निक में फार्मेसी सबसे बेहतर आप्शन है। इन कोर्सों को करने के बाद बच्चे नौकरी से वंचित नहीं रह सकते वैसे तो तकनीकी शिक्षा का क्षेत्र बहुत ही बड़ा है लेकिन इसमें विशेष तौर पर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग आदि कोर्स बहुत ही उत्तम है। जिसे नौकरी मिलने के चांस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। इसके साथ ही इन कोर्सों की डिमांड सरकारी नौकरी के साथ-साथ मंच कंपनियों में भी बहुत ज्यादा है। आज के समय में तकनीकी शिक्षा और मेडिकल एजूकेशन के महत्व को समझते हुए गवर्नमेंट आफ इंडिया ने भी बहुत सी स्कीम में चला रखी केंद्र सरकार के अनुसार आने वाले समय में केवल हनी बच्चों को रोजगार मिलेगा जो तकनीकी शिक्षा या मेडिकल शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कनीना क्षेत्र में पिछले 10 12 साल से तकनीकी शिक्षा और मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में एक ही नाम है एआईटी कनीना।
फोटो कैप्शन: विनय एडवोकेट






विधानसभा चुनाव को लेकर शहर कनीना क्षेत्र में पुलिस व आरपीएफ के जवानों ने निकाला फ्लैग मार्च
-चुनावों में होंगे सुरक्षा के पूरे प्रबंध
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कनीना की आवाज।
 आगामी पांच अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जिला पुलिस तथा आरपीएफ के जवानों ने थाना शहर कनीना क्षेत्र में फ्लैग मार्च निकाला। फ्लैग मार्च निकालते हुए पुलिस तथा आरपीएफ के अधिकारियों तथा जवानों ने आम लोगों को निष्पक्ष व भयमुक्त वातावरण में चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने का विश्वास दिलाया। मतदाताओं को निर्भीक रूप से मतदान करने तथा शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से पुलिस तथा आरपीएफ के जवानों ने फ्लैग मार्च निकाला। शहर कनीना थाना क्षेत्र में फ्लैग मार्च शुरू किया गया, जो मार्केट, गलियों के बीच से होकर निकला।
पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा ने बताया कि पुलिस व आरपीएफ द्वारा फ्लैग मार्च के दौरान लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया गया है। चाहे शहर हो या फिर देहात, जहां भी संवेदनशील मतदान केन्द्र हैं या क्षेत्र हैं, वहां पर पूरी निगरानी रखी जा रही है तथा सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर जिला पुलिस ने जहां जिला में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं, वहीं जिला के साथ लगती राजस्थान सीमा पर भी कड़ी सावधानी व सतर्कता बरती जा रही है। एसपी ने बताया कि नाकों से गुजरने वाले प्रत्येक वाहन तथा व्यक्ति को बारीकी से चेक किया जा रहा है और संदिग्ध किस्म के लोगों पर नजर रखी जा रही है।
पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा ने बताया कि फ्लैग मार्च के दौरान आमजन से कहा गया है, कि अगर मतदान के दौरान उन्हें कोई भी व्यक्ति प्रभावित करता है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें, तथा अन्य गैर कानूनी कार्य करने वालों के बारे में भी पुलिस को निसंकोच होकर सूचना दें, ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।
फोटो कैप्शन 03 व 04: पुलिस कनीना में फ्लैग मार्च निकालते हुए।






हरियाणा विधानसभा आम चुनाव-2024-
-100 वर्ष या इससे अधिक आयु वाले 285 मतदाता
-कल से शुरू होगी नामांकन प्रक्रिया, तैयारियां पूरी -डीसी मोनिका गुप्ता
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कनीना की आवाज।
 हरियाणा विधानसभा आम चुनाव-2024 को लेकर आज हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल ने वीसी के जरिए चुनाव तैयारियों की समीक्षा की। इसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त मोनिका गुप्ता (आईएएस)  ने अधिकारियों की बैठक में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
डीसी ने कहा कि मतदाताओं को जागरूक करने के लिए जिला महेंद्रगढ़ में विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस कार्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा वर्कर ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को अपना मत का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करेंगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 5 सितंबर से नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ऐसे में सभी रिटर्निंग अधिकारी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में इस संबंध में सभी प्रकार की तैयारी पूरी कर लें। उपायुक्त ने बताया कि नामांकन पत्र 5 से 12 सितंबर तक दाखिल किए जा सकते हैं। नामांकन पत्रों की जांच 13 सितंबर को होगी तथा नाम वापसी 16 सितंबर तक हो सकती है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिला में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव करवाना सबकी जिम्मेदारी है। इसके लिए सभी रिटर्निंग अधिकारी अलर्ट होकर कार्य करें।
इस मौके पर महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के आरओ संजीव कुमार, नारनौल विधानसभा क्षेत्र के आरओ डा जितेंद्र सिंह, अटेली विधानसभा क्षेत्र के आरओ अमित कुमार, नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र के आरओ रमित यादव, नगराधीश मंजीत सिंह तथा तहसीलदार चुनाव सुरेंद्र सिंह के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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जिला में 14450 सर्विस वोटर
डीसी ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में इस बार कुल 731753 मतदाता हैं। जिला में 14450 सर्विस वोटर हैं। इनमें अटेली विधानसभा क्षेत्र में 4321, महेंद्रगढ़ में 4632, नारनौल में 2300, नांगल चौधरी हलके में 3197 सर्विस वोटर हैं।
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85 वर्ष से अधिक आयु वाले 9066 मतदाता
उन्होंने बताया कि जिला में 85 वर्ष से अधिक आयु वाले 9066 मतदाता हैं। इनमें 2970 पुरुष तथा 6096 महिला है। इसी श्रेणी में अटेली विधानसभा क्षेत्र में 792 पुरुष तथा 1648 महिला, महेंद्रगढ़ में 691 पुरुष तथा 1567 महिला, नारनौल में 673 पुरुष तथा 1172 महिला, नांगल चौधरी हलके में 814 पुरुष तथा 1709 महिला वोटर हैं।
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100 वर्ष या इससे अधिक आयु वाले 285 मतदाता
वहीं 100 वर्ष या इससे अधिक आयु वाले 285 मतदाता हैं। इनमें अटेली विधानसभा क्षेत्र में 72, महेंद्रगढ़ में 78, नारनौल में 48, नांगल चौधरी हलके में 87 वोटर हैं। वहीं इसी श्रेणी में अटेली विधानसभा क्षेत्र में 13 पुरुष तथा 59 महिला, महेंद्रगढ़ में 19 पुरुष तथा 59 महिला, नारनौल में 8 पुरुष तथा 40 महिला, नांगल चौधरी हलके में 18 पुरुष तथा 69 महिला वोटर हैं। 100 वर्ष या इससे अधिक आयु के 58 पुरुष तथा 227 महिला वोटर हैं।






नौकरी के नाम पर 64050 ठगे मामला दर्ज
--राशि वापस दिलवाने की है मांग
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी के एक युवक को एयरपोर्ट में सिक्योरिटी सुपरवाइजर लगाने के  नाम पर 64050 रुपये ठग लिये गये। कनीना थाने में ठगी का मामला दर्ज करवाया है और पैसे वापस दिलवाने की मांग की है। हेमराज कनीना,वार्ड 6 का निवासी है। कनीना पुलिस में दी गई शिकायत में कहा है कि उन्होंने एयरपोर्ट में सिक्योरिटी सुपरवाइजर के लिए आवेदन किया था। 11 मई 2024 को फोन आया कि अगर आप सेवा देने के इच्छुक हो तो 500 रुपये फार्म के भेज दो। पैसे भेजने पर कुछ दिन पश्चात डाक द्वारा ज्वाइनिंग पत्र मिला जिसमें 28,800 रुपये सिक्योरिटी के लिए जमा करने के मांगे गए थे। उन्होंने 28000 रुपये गूगल पे द्वारा भेज दिए। फिर एक दूसरे फोन नंबर से फोन आया कि आपका नौकरी में डिजिटल पहचान पत्र बनना जिसके लिए 10,000 रुपये भेजो। साथ में कहा गया कि आपको यह राशि वापस मिल जाएगी। उन्होंने उसके बाद ही वेरीफिकेशन की बात कही और साथ में 15,000 रुपये वेरिफिकेशन खर्चा भी मांगा। यह भी जब भेज दिया तत्पश्चात 10000 रुपये सेलरी खाता खेलने के नाम पर मांगे। ताकि एचडीएफसी में सेलरी खाता खोला जा सके। यह राशि भी जब उन्होंने भेज दी बैंक के खाता नंबर मांगे। पंजाब नेशनल बैंकों एवं कैनरा बैंक के दो खाता नंबर भी भेज दिये तो  खाते भी बंद कर दिये गये। उन्होंने बैंक में अपनी शिकायत लगा दी है। युवक ने समझा कि अब तो नौकरी पक्की मिल गई किंतु बाद में पाया की सिक्योरिटी सुपरवाइजर की नौकरी नहीं ठगों ने उससे ठगी कर ली है। इस प्रकार 64050 रुपये अज्ञात ठगों ने ठग लिये है। उन्होंने आनलाइन भी ठगी की शिकायत दर्ज करवाई है तथा कैसे वापस दिलवाने की मांग की है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।






प्रतिदिन होती है कनीना क्षेत्र में वर्षा
-अब तो किसान कुछ दिनों के लिए वर्षा नहीं चाहते
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कनीना की आवाज।
 कनीना क्षेत्र में प्रतिदिन वर्षा होने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को भी 2 एमएम वर्षा हुई। किसान नहीं चाहते की प्रतिदिन वर्षा हो क्योंकि बाजरे की फसल पकान पर है। वो चाहते कुछ दिनों तक धूप खिले ताकि फसल अच्छी प्रकार पाक सके। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में विगत वर्ष की तुलना में अधिक वर्षा हुई है। किसान सावन माह में भी खुश मिले किंतु अब चाहते हैं कि फसल पैदावार लेने तक वर्षा न हो, तत्पश्चात अगली फसल रबी के लिए जुट जाएंगे।






वोटर चाहते हैं कि बेहतर नेता का चुनाव हो तथा उनकी भावनाओं पर खरा उतरे
--- गली मोहल्ले में चुनावी चर्चा जारी
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कनीना की आवाज।
 कनीना क्षेत्र के लोग चाहते हैं कि एक बेहतर नेता एवं बेहतर सरकार का चुनाव हो जो हर वोटर के सुख दुख में तथा क्षेत्र के विकास में कारगर साबित हो। चाय की चुसकी लेने वाले लोग चुनावों के प्रति आतुर दिखाई दिये। वोटर का क्या कहना है--
हरियाणा विधानसभा के चुनाव 5 अक्टूबर को होने जा रहे हैं। बेहतर सरकार बनाने और साफ छवि के नेता चुनाव करना किसान भी चाहते हैं। एक शिक्षित किसान होने के नाते सूबे सिंह का कहना है कि वह एक ऐसी सरकार चाहते हैं जो  हर व्यक्ति का ख्याल रखें। विकास कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़े। हर जन के सुख दुख में शामिल हो तथा बेरोजगारी की समस्या को हल कर सके।    गजराज यादव ने कहा कि दक्षिण हरियाणा एक ऐसा क्षेत्र है जहां सदा ही बेरोजगारी और पिछड़ापन मिलता है क्षेत्रों में किसानों की समस्याएं मुंह बाए खड़ी रहती है, वही बेरोजगारी की समस्या आड़े आ रही है। ऐसे में इन दोनों की समस्याओं का हल कर सके वह नेता उनका मनपसंद का नेता होगा। उन्होंने कहा कि दक्षिण हरियाणा में जहां अस्पतालों की समस्या मिलती है, अस्पताल एक मूलभूत आवश्यकता है। पानी, बिजली के अस्पताल आदि की सुविधा प्रदान कर सके वह नेता उनका प्रिय नेता होगा।
राजवीर साहब का कहना है कि 5 अक्टूबर को चुनाव हो रहे हैं, उसमें वे चाहते हैं कि उनकी मनपसंद का कोई नेता चुना जाए जो हर किसी की समस्या का समाधान कर सके। उनका कहना है कि युवा वर्ग बेरोजगारी की मार झेल रहा है, बेरोजगारी की समस्या को हल करने वाला दक्षिण हरियाणा के किसानों का तथा लोगों का हित करने वाला नेता उनका प्रिय नेता होगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान की शिक्षा को बढ़ावा देने वाला ,अस्पतालों की सुविधा उपलब्ध करवाने तथा उद्योग धंधे स्थापित करके बेरोजगारी की समस्या का समाधान कर सके वह नेता उनका प्रिय नेता होगा।
रमेश कुमार का कहना है कि लंबे अरसे से दक्षिण हरियाणा पिछड़ा हुआ है। पानी की समस्या है इसलिए किसानों के लिए पानी तथा पीने के लिए पानी उपलब्ध करवाए वह उनका पसंदीदा नेता होगा।
सोमबीर शमा का कहना है कि 5 साल में चुनाव आते हैं। विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। विधानसभा के चुनाव में वे चाहते हैं कि बढ़-चढ़कर मतदान करें लेकिन वे चाहते हैं कि ऐसे नेता का चुनाव हो जो साफ छवि का हो। जन हितेषी हो, किसानों और बेरोजगारों की समस्या का समाधान कर सके। उनका कहना है कि हर बार नेता आते हैं और कुछ झांसे देकर चले जाते हैं फिर लौट कर नहीं आते। ऐसे ना ऐसे नेता का चुनाव चाहते हैं जो इंसानों के बीच में खड़ा मिले, हर सुख दुख में सहायक हो वो नेता चुना जाए। उनका कहना है कि दक्षिण हरियाणा में उद्योग धंधों का अभाव है। उद्योग धंधे जो स्थापित करवाने में मदद करें, शिक्षा, अस्पताल मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम हो, ऐसा नेता उनका पसंदीदा नेता होगा।
फोटो कैप्शन 01: चुनावी चर्चा करते चाय की चुसकी पर वोटर।






हिम्मत का पर्याय है विजय वधवा
- कनीना में सबसे पहले खराब सीएफएल ठीक करने का जाता है श्रेय
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कनीना की आवाज।
यदि हाथों में कुछ करने का हुनर हो तो दिव्यांगता आड़े नहीं आती है। हिम्मत के पर्याय के रूप में कनीना का विजय वधवा जाना जाता है जो 83 प्रतिशत दिव्यांग है। कनीना बस स्टैंड के पीछे छोटी सी पुरानी दुकान में बैठकर खराब सीएफएल को ठीक करता है। कनीना में सबसे पहले खराब सीएफएल वो भी 10 रुपये में ठीक करने का अगर श्रेय जाता है तो उनको जाता है। वर्षों पहले इन्होंने अपने यहां सीएफएल ठीक करना शुरू किया और अच्छा नाम कमाया। 2017 में इनको ष्रू१द्म हृदयघात आया और मेडिसिटी गुररुग्राम में भर्ती करवाना पड़ा। कान खराब हो गए, आंखों से दिखाई कम देने लगा और शरीर की एक साइड अधरंग हो गई। वर्तमान में 83 प्रतिशत दिव्यांग हैं परंतु हिम्मत नहीं छोड़ते हैं। उनकी हिम्मत के आगे सभी नतमस्तक होते हैं। प्रतिदिन 30 से 40 सीएफएल वर्तमान में भी ठीक कर लेते हैं जबकि उनके हाथ बड़ी मुश्किल से काम करता है। शरीर में कई दिक्कत आती है, चलने के लिए ट्राई साइकिल ले रखी है परंतु उनका एक ही उद्देश्य है कि किसी प्रकार अपनी रोटी रोटी खुद कमाये और दूसरों पर निर्भर न रहे। कहने को तो उनका परिवार है जो अच्छी खासी नौकरियों में है किंतु उन्होंने कभी काम से जी नहीं चुराया। पुरानी सीएफएल लाने वाले लोगों की सीएफएल ठीक करके देता है, यही नहीं एक साल की वारंटी के साथ देता है। यह काम करने को तो अनेकों  लोग कर रहे हैं परंतु जिन परिस्थितियों में विजय वधवा काम कर रहे हैं वो सराहनीय है। उसको देखकर लगता है कि सचमुच वह एक उदाहरण बनकर उभरा है।
 फोटो कैप्शन 02: सीएफएल सुधारते हुए विजय वधवा



जीवेम् शरद: शतम
वोट मांगने के तरीके ही बदल गये हैं-राम सिंह
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कनीना की आवाज।
कनीना निवासी राम सिंह साहब 86 वर्ष के हो चुके हैं। वो उस वक्त का दृश्य बताते हैं जब वोट डालने के लिए जाते थे। पोलिंग पार्टियों को देखने के लिए भी वे खड़े रहते थे,भीड़ जमा हो जाती थी। चुनाव प्रचार वाले घर घर आते थे और बिल्ले एवं झंडी देकर जाते थे। उस वक्त कर्मियों का बुरा नजारा देखने को मिलता था जब वे अपने सिरों पर मत पेटियों को लादकर जाते त्थे तथा चुनाव संपन्न होने पर ले जाते थे। वह नजारा बहुत सुंदर होता था जब मतदान केंद्र पर जाते तो रात भर मोमबत्ती जलाकर कर्मी अपनी मतदान की तैयारी में जुटे होते थे और मतदान करने के लिए जाते थे तो वोट को कर्मी न केवल फाड़ते थे अपितु मोड़कर तब उसे प्रदान करते थे ताकि वोट गलत न पड़ जाए। फिर भी मोहर लगाने में गलती हो जाती थी। गलियों में भी मोहर लगेगी के नारे लगते थे। मोहर लगाने के लिए देते थे और मोहर स्याही में डुबोकर देते थे ताकि सही मोहर लगे। कई कई बार तो मोहर लगाने में भी समस्या आती थी परंतु जैसे तैसे वो दिन बीत गए। विज्ञान की देन के कारण मतपेटियां भूला दी गई हैं बटन दबाकर वोट डाले जाते हैं।  आजकल उसकी जगह बटन दबेगा शब्द प्रयोग किया जाने लगा है। परंतु गुजरे हुए उस वक्त को आज भी वो याद कर लेते हैं। उस वक्त बिल्ले, बैनर तथा पोस्टरों से प्रचार करते थे। पूरी पूरी रात माइक चलता था तथा घर घर जाकर लोग वोटिंग पर्चियां बांटते तथा वोट डालने के लिए अपील करते थे। रात रातभर न तो नेता एवं उनके समर्थक उन्हें सोने देते थे और न ही स्वयं सोते थे। वोट के लिए यारी, दोस्ती तथा रिश्तेदारी तक पहुंच जाते थे। बिल्ले लगाकर गलियों से चलते थे ताकि यह पता लग जाए कि वोट किसे देेंगे। पेंटरों के पास कोई फुरसत नहीं होती थी। बहुत सुंदर वक्त होता था। इधर उधर बैठकर चुनावी चर्चाएं चलती थी। कौन जीता कौन हारा का पता लगाने में रेडियो एकमात्र साधन होता था। बड़ी उत्सुकता देखने को मिलती थी। विभिन्न प्रधानमंत्रियों के चुनाव देखे हैं। वोट मांगने के बदलते अंदाज देखे हैं। नेताओं की नेतागिरी देखी है। चुनाव, चुनाव प्रचार, वोट डालने के ढंग, विचार सब कुछ बदल गये हैं।
 फोटो कैप्शन: राम सिंह साहब बुजुर्ग




















जागो वोटर जागो
 अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें-हनुमान सिंह
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कनीना की आवाज। मतदान महादन है। जिस ्रकार मरीज को खून देकर बचाया जाता है और खून उस मरीज को जीवनदान देता है ठीक उसी प्रकार वोट नेताओं की संजीवनी होता है। वोट डालने का अधिकार चुनाव आयोग ने दिया हुआ है। वोट से अपनी मनपसंद प्रत्याशी का चुनाव कर सकते हैं। यदि वोट डालने ही नहीं जाएंगे तो मनपसंद का प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाएगा जिसके चलते उनकी नापसंद का प्रत्याशी सत्ता में भूमिका निभाएगा। ऐसे में अपनी पसंद के प्रत्याशी का चुनाव करने के लिए तथा परोक्ष रूप से सरकार में भागीदारी निभाने के लिए वोट वोट रूपी संजीवनी का प्रयोग जरूर करना चाहिए। स्वयं भी वोट डाले तथा दूसरों को भी प्रेरित करें। चुनाव आयोग समय-समय पर वोट बनाने का कार्य करता है और ऐसे समय वोट जरूर बनवा लेना चाहिए। लोकतंत्र में हर नागरिक को वोट डालने का अधिकार मिला है तो उससे वंचित क्यों रहा जाए।  वोट डालते समय किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए अभी तो अपने मनपसंद के नेता का चुनाव किया जा सकता है और मनपसंद का नेता चुनाव करने में वोटिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह वोट डालने का अधिकार लंबे संघर्ष एवं कितनी ही कुर्बानियां देकर मिला है तो इसे प्रयोग करना हम सभी का कत्र्तव्य बन जाता है। वोट निर्धारित बूथ पर जाकर जरूर डाले।
फोटो कैप्शन: हनुमान सिंह समाजसेवी कनीना।

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