मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार
- एपिसोड- 21
- तबादला डा होशियर सिंह कनीना का हुुआ और 6 माह परेशानी झेली होशियार सिंह पड़तल ने
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कनीना की आवाज। डाक्टर होशियार सिंह कनीना निवासी ने बतौर शिक्षा के क्षेत्र में निजी और सरकारी तौर पर करीब 40 वर्षों की सेवा दी और 30 अप्रैल 2024 का सेवानिवृत्त हो गए हैं। यूं तो 29 बार डाक्टर होशियार सिंह की बदलियां हुई लेकिन जिद के कारण वह वापस ही अपने कनीना स्कूल आए। इस दौरान दो बार दुष्टों ने मेवात में तबादला करवाया। परंतु इस दौरान एक बहुत सुंदर वाक्य सामने आया कि कनीना के डाक्टर होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक बतौर कार्यरत थे वही होशियार सिंह पड़तल निवासी एसएस अध्यापक बतौर भोजावास में कार्यरत थे। दोनों की जन्म तिथि एक ही है, दोनों साथ ही सेवानिवृत्त हुये हैं। डाक्टर होशियार सिंह कनीना वाले का तबादला 2006 में ओम प्रकाश चौटाला तत्कालीन मुख्यमंत्री की मदद लेकर एक राक्षस ने मेवात के अल्लिका में करवा दिया। वैसे तो बाद में बदली रुक भी गई किंतु इस दौरान एक अजीब घटना घटी। पड़तल निवासी होशियार सिंह उस वक्त भोजावास स्कूल में कार्यरत थे। तभी केके खंडेलवाल स्कूल निदेेशक बने और उन्होंने शिक्षा विभाग में घपला रोकने के लिए सभी शिक्षकों को आईडी नंबर दिए। आईडी नंबर केके खंडेलवाल के बदौलत सभी शिक्षकों को दिए गए थे जिसके बाद अनेकों फर्जी शिक्षक भी पकड़े गए थे। कुछ शिक्षक तो एक नहीं अपितु कई कई जगह से वेतन लेते पकड़े गये। आईडी नंबर सभी शिक्षकों को मिल गए। डाक्टर होशियार सिंह कनीना को भी मिले किंतु होशियार सिंह पड़तल को आईडी नंबर नहीं मिले। परिणाम यह निकला की वेतन तो उनका निकलता रहा किंतु आईडी नंबर नहीं होना एक समस्या बन गया। उस समय भोजावास के प्राचार्य श्रीचंद होते थे जो अब सेवानिवृत्त हो चुके है। प्रिंसिपल श्रीचंद ने भी होशियार सिंह पड़तल के आईडी नंबर के लिए पत्राचार किया परंतु कोई जवाब नहीं आया। तत्पश्चात होश्यिार सिंह पड़तल एक नहीं अपितु तीन बार चंडीगढ़ गए और आईडी नंबर न मिलने की बात कही। वहां के अधिकारियों ने जब नाम और जन्मतिथि पूछी तो खूब डांट फटकार लगाई कि तुम्हारी बदली मेवात में हो रही है तुरंत कार्यभार ग्रहण कर लो वरना केके खेड़ेलवाल किसी को बख्शता नहीं, तुम्हें सस्पेंड कर देगा। तुम्हारे आईडी नंबर मेवात में जा चुके हैं। बेचारा होशियार सिंह पड़तल बहुत दुखी हुआ। उस वक्त निदेशालय में भडफ़ निवासी रतिराम व्यक्ति कार्यरत था। उन्होंने उनकी मदद ली। रतिराम ने वहां के बाबुओं, अधिकारियों एवं सुपरिंटेंडेंट से मिलवाया। जब सुपरिंटेंडेंट ने होशियार सिंह पड़तल से नाम व जन्मतिथि पूछी तो वह भी कड़ककर होशियार सिंह पड़तल पर टूट पड़ा और कहा कि अब तुम्हें सस्पेंड करवाया जाएगा। तुम्हारा तबादला मेवात में हो चुका है और अभी तक तुम नहीं गए हो। केके खंडेलवाल तक अगर तुम्हारी बात पहुंच गई तो निश्चित रूप से तुम्हारा तुम्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा जाओ और तुरंत अपना मेवात में कार्यभार ग्रहण करो। बेचारा होशियार सिंह पड़तल इस प्रकार परेशान रहने लगा। तत्पश्चात उन्होंने जैक लगवा कर यह पता करवाया कि उनकी बदली कैसे हुई? तब उन्हें पता चला कि उनके विरुद्ध ओम प्रकाश चौटाला तत्कालीन मुख्यमंत्री का नोट एवं कंप्लेंट लगी हुई है। वहां एसएस अध्यापक नहीं विज्ञान मास्टर लिखा हुआ स्पष्ट नजर आया। क्योंकि बदली डा. होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक की हुई थी। परंतु यहां से भी उनको आईडी नंबर नहीं मिले। एक बात यहां स्पष्ट हुई कि चौटाला ने विज्ञान अध्यापक डा. होशियार सिंह के विरुद्ध नोट दिया हुआ था जबकि होशियार सिंह पड़तल निवासी एसएस अध्यापक थे। उस वक्त लूखी के निवासी ऋषिराज बाबू बहुत जाने-माने बाबू थे। होशियार सिंह पड़तल ने बताया कि वह ऋषिराज के पास गए परंतु उन्होंने भी कहा कि तुम्हारी तो बदली हो चुकी है। तुम्हें कोई आईडी नंबर भोजावास में नहीं मिलेंगे। करीब 6 महीनों तक होशियर सिंह पड़तल इसी चक्कर में घूमता रहा कि आईडी नंबर कैसे मिले, वरना भविष्य में बड़ी दिक्कत खड़ी होगी। वह नरेंद्र कुमार बाबू जिला शिक्षा अधिकारी नारनौल से मिले। उन्होंने समझाया,तत्पश्चात स्कूल से पता लगा कि होशियार सिंह पड़तल को एक बार मेवात भेजा जाए जहां से स्पष्ट हो पाएगा। आखिरकार होशियार सिंह पड़तल को मेवात में जाना पड़ा वहां जाकर मेवात के स्कूल में समझाया कि मैं होशियार सिंह एसएस अध्यापक हूं और मेरे आईडी नंबर आपके पास आ गए हैं। आप इन्हें दुरुस्त करवाते हुए चंडीगढ़ भेजें। चंडीगढ़ से दुरुस्त होकर भोजावास आएंगे। इस प्रकार बेचारे को हजारों रुपये का नुकसान झेलकर फिर वापस भोजावास में आईडी नंबर मिले। आज होशियार सिंह उन बातों को याद करके डाक्टर होशियार सिंह को बताते हैं और समय-समय पर यह कहानी सुनते हैं कि कैसे परेशानी झेलनी पड़ी। दोनों ही होशियार सिंह आज के दिन सेवानिवृत्त हो चुके हैं। डा. होशियार सिंह की बदली ने होशियार सिंह पड़तल को कष्ट दिया।
चुनावी तैनाती भर देती है कर्मियों में भय?
-सुंदर उदाहरण आया सामने
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कनीना की आवाज। 5 अक्टूबर को होने वाले चुनावों के दृष्टिगत कर्मियों की प्रथम रिहर्सल चल रही है। इसके दृष्टिगत जहां कर्मियों में चुनाव का इतना भय होता है कि सब कुछ भूल जाते हैं। एक बहुत सुंदर उदाहरण शनिवार को सामने आया जब डा. होशियार सिंह अपने बहुत परिचित साथी से फोन पर बात कर रहे थे। यह साथी बहुत लंबे समय से उनके संपर्क में है, तथा साथ नौकरी भी की है।
उस वक्त साथी रिहर्सल पर था परंतु उसके मन में चुनाव का थोड़ा डर महसूस किया गया कि वह होशियार सिंह को पहचान भी नहीं पाया। सुनिये क्या वार्तालाप हुई क्योंकि डाक्टर होशियार सिंह को उनके परिचित साथी के प्राचार्य से किसी वजह से मिलना था। डाक्टर होशियार सिंह ने समझा क्यों न फोन पर परिचित साथी जो डाक्टर साहब नाम से प्रसिद्ध है, बात कर ली जाए कि प्राचार्य उपलब्ध है या नहीं? इस प्रकार आपस में बात हुई--
हेलो डाक्टर साहब, नमस्ते।
नमस्ते, उत्तर आया, नमस्ते।
डाक्टर साहब आज आपके विद्यालय में प्राचार्य उपलब्ध है या नहीं?
डाक्टर ने कहा-पहले तो यह बताइए बताइए आप कौन बोल रहे हैं? मैंने कहा आपका साथी बोल रहा हूं। लंबे समय तक साथ सेवा दी है। डाक्टर ने कहा -कुछ आवाज साफ नहीं आ रही है। मैं बाहर आकर बात करता हूं।
तत्पश्चात डाक्टर ने फिर कहा पहले तो यह बताइए आप कौन बोल रहे हैं?
होशियार सिंह ने कहा मैं आपका साथी बोल रहा हूं। सिर्फ इतना बता दो प्राचार्य स्कूल में आये हैं या नहीं?
डाक्टर साहब ने कहा मेरी चुनावी तैनाती लगी हुई है, इसलिए मुझे नहीं मालूम लेकिन यह तो बता दो कि आप बोल कौन रहे हैं? फिर से यही जवाब होशियार सिंह ने दिया कि मैं आपका साथी बोल रहा हूं और कितने लंबे समय से आप और मैं साथ रहे हैं। उन्होंने कहा साथ रहे होंगे परंतु यह तो बता दो आप कौन बोल रहे हैं?
होशियार सिंह को बड़ी हंसी आई और कहा कि डाक्टर साहब शायद आपके दिल में चुनावी डर व्याप्त है। वरना मेरी आवाज को जो आपके साथ कितने लंबे समय तक सेवा की है, नहीं पहचान पाए। इतना कह कर फोन काट दिया। इससे स्पष्ट हुआ कि कर्मियों से तैनाती तो दिलवा देते हैं किंतु उनका पारिश्रमिक भी नहीं देते। उस पर उनमें भय व्याप्त होता है जिसका उदाहरण सामने आया। मन ही मन सोचा कि अकसर बात होती है और डाक्टर साहब इतने क्यों विचलित है?
आरकेवाई स्कूल में मनाया गया गणेश चतुर्थी महोत्सव
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कनीना की आवाज। कोसली रोड स्थित आरकेवाई. स्कूल प्रांगण में शनिवार को गणेश चतुर्थी का त्योहार उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। छोटे छोटे बच्चे रंग बिरंगी वेशभूषा में नजर आए। कुछ बच्चे महाराष्ट्र की वेशभूषा में स्कूल में आए। संचालिका निधि बाला ने इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बच्चों को सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने और अपनी कलात्मक क्षमताओं को विकसित करने का अवसर प्रदान करना था और बच्चों की कलात्मकता और परिश्रम की सराहना भी की।डिप्टी डायरेक्टर अतर सिंह एवं प्रिंसिपल सतेंद्रा यादव ने बताया कि भगवान गणेश की स्तुति और पूजा के बाद आयोजित सभा की शुरुआत गणेश मंत्र से हुई, छात्रों द्वारा मंत्रोच्चारण ने वातावरण को शांति और उल्लास से भर दिया। कक्षा नर्सरी और एलकेजी के नन्हे-मुन्ने कलाकारों ने ओ माय फ्रेंड गणेशा, तू रहना साथ हमेशा के गीत पर नृत्य प्रस्तुति देकर उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया। प्ले ग्रुप के बच्चों ने पीपल के पत्ते का प्रयोग करते हुए उस पर गणपति जी की आकृति बनाकर कलात्मक प्रतिभा का परिचय दिया। बच्चों को प्रसाद वितरित किया गया।
फोटो कैप्शन 07: विद्यार्थी गणेश जी का रोल निभाते हुए।
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस ने आरपीएफ के साथ कनीना के विभिन्न गांवों में निकाला फ्लैग मार्च
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कनीना की आवाज। विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के बीच सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा करने के लिए महेंद्रगढ़ पुलिस और आरपीएफ के जवानों ने आज कनीना क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फ्लैग मार्च निकाला गया। फ्लैग मार्च समाज में सुरक्षा और सद्भाव की भावना पैदा करने और स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र प्रभुत्व अभ्यास का एक हिस्सा है। चुनाव पूर्ण रूप से शान्तिपूर्वक संपन्न कराना हम सबकी जिम्मेदारी है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा के निर्देशानुसार जिला पुलिस ने आरपीएफ के साथ कनीना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में फ्लैग मार्च निकाला। महेंद्रगढ़ पुलिस ने आरपीएफ के जवानों के साथ गांव कपूरी, रामबास, ढाणा, मौडी, भोजावास, सुंदरह, झिगांवन, मुण्डिया खेडा, बेवल, दौगडा जाट, दौगड़ा अहीर, भालखी व अन्य गांवों में फ्लैग मार्च निकाला गया। इस फ्लैग मार्च का मकसद मतदाताओं में विश्वास जगाना और उन्हें भयमुक्त होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना था। इस दौरान लोगों से अपील की गई कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव में भाग लें। पुलिस ने फ्लैग मार्च के दौरान लोगों से अपील की कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव में भाग लें। यदि उन्हें किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़े तो वे तुरंत पुलिस प्रशासन को सूचित करें।
फोटो कैप्शन 08: कनीना के गांवों में पुलिस फ्लैग मार्च निकालते हुए।
आरकेवाई स्कूल में मनाया गया गणेश चतुर्थी महोत्सव
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कनीना की आवाज।कोसली रोड स्थित आरकेवाई. स्कूल प्रांगण में शनिवार को गणेश चतुर्थी का त्योहार उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। छोटे छोटे बच्चे रंग बिरंगी वेशभूषा में नजर आए। कुछ बच्चे महाराष्ट्र की वेशभूषा में स्कूल में आए। संचालिका निधि बाला ने इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बच्चों को सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने और अपनी कलात्मक क्षमताओं को विकसित करने का अवसर प्रदान करना था और बच्चों की कलात्मकता और परिश्रम की सराहना भी की।डिप्टी डायरेक्टर अतर सिंह एवं प्रिंसिपल सतेंद्रा यादव ने बताया कि भगवान गणेश की स्तुति और पूजा के बाद आयोजित सभा की शुरुआत गणेश मंत्र से हुई, छात्रों द्वारा मंत्रोच्चारण ने वातावरण को शांति और उल्लास से भर दिया। कक्षा नर्सरी और एलकेजी के नन्हे-मुन्ने कलाकारों ने ओ माय फ्रेंड गणेशा, तू रहना साथ हमेशा के गीत पर नृत्य प्रस्तुति देकर उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया। प्ले ग्रुप के बच्चों ने पीपल के पत्ते का प्रयोग करते हुए उस पर गणपति जी की आकृति बनाकर कलात्मक प्रतिभा का परिचय दिया। बच्चों को प्रसाद वितरित किया गया।
फोटो कैप्शन 07: विद्यार्थी गणेश जी का रोल निभाते हुए।
हिंदी पखवाड़े पर कनीना में आयोजित हुए अनेक कार्यक्रम
-दो दर्जन स्कूलों से करीब 300 विद्यार्थियों ने लिया भाग
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कनीना की आवाज। हिंदी भाषा पखवाड़ा के अंतर्गत खंड स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में किया गया।
प्रतियोगिता का शुभारंभ विद्यालय के मुख्य अध्यापक एवं नोडल अधिकारी नरेश कुमार कौशिक ने किया। उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों में शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी हमारी केवल राष्ट्रभाषा ही नहीं बल्कि हमारे देश का गौरव है अगर हम हिंदी भाषा को प्यार करते हैं हिंदी भाषा को उचित अधिमान देते हैं तो सही अर्थों में हम भारत मां के सच्चे सपूत हैं उन्होंने बताया कि पूरे संसार में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी है तथा हिंदी भाषा को गरिमामयी बनाने के लिए भारतीय कवियों व लेखकों का अहम योगदान है। प्रतियोगिता परिणाम इस प्रकार से रहे -
निबंध लेखन में कक्षा 9 से 12 वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय माडल संस्कृति स्कूल कनीना की चंचल को, दूसरा स्थान वंशिका राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी, तीसरा स्थान साहिल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामबास को मिला। कहानी लेखन प्रतियोगिता में 9 से 12 कक्षा वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पाथेड़ा की किरण को, दूसरा स्थान राजकीय माडल स्कूल कनीना की हिमांशी को तथा तीसरा स्थान कनीना मंडी की छात्रा कशिश को मिला। कहानी लेखन प्रतियोगिता में 6 से 8 कक्षा वर्ग में राजकीय माडल स्कूल कनीना की जूली प्रथम, राजकीय माध्यमिक विद्यालय खेड़ा की जूली द्वितीय एवं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नांगल मोहनपुर की चंचल को तीसरा स्थान मिला।
चित्र देखकर कहानी लेखन प्रतियोगिता में कक्षा चार से पांच वर्ग में राजकीय प्राथमिक पाठशाला कनीना की अवनी प्रथम, राजकीय प्राथमिक पाठशाला नांगल मोहनपुर की स्मृति दूसरे स्थान पर तथा राजकीय प्राथमिक पाठशाला रामबास की दिव्या को तीसरा स्थान मिला ।
नारा लेखन प्रतियोगिता में कक्षा 9 से 12 वर्ग में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी की हेमा प्रथम, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेहलंग की वंदना द्वितीय तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामबास की खुशी तीसरे स्थान पर रही। अधूरी कविता पूरी करना प्रतियोगिता में 9 से 12 कक्षा वर्ग में राजकीय माडल स्कूल कनीना की खुशी प्रथम, राजकीय कन्या स्कूल कनीना मंडी की हेमलता द्वितीय तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मुंडिया खेड़ा की वर्षा तीसरे स्थान पर रही।
चित्र देखकर कविता लेखन 6 से 8 कक्षा वर्ग में पहला स्थान राजकीय कन्या विद्यालय कनीना मंडी के धैर्य को मिला, दूसरा स्थान मुंडिया खेड़ा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की हिमांशी को मिला ।
चित्र देखकर कविता लेखन चार से पांच कक्षा वर्ग में राजकीय प्राथमिक पाठशाला कनीना की स्नेहा प्रथम, राजकीय प्राथमिक पाठशाला कनीना मंडी की नायरा द्वितीय तथा राजकीय माडल संस्कृति प्राथमिक पाठशाला कनीना की हिमांशी तीसरे स्थान पर रही ।
दृश्य देखकर घटना वर्णन प्रतियोगिता में कक्षा 6 से 8 वर्ग में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी के अभिषेक प्रथम, राजकीय माडल स्कूल कनीना के कृष्णपाल द्वितीय तथा बेेवल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के भास्कर सोनी तीसरे स्थान पर रहे।
व्याकरण आधारित प्रश्नोत्तरी में प्रथम स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुढ़ा को दूसरा स्थान राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना को तथा तीसरा स्थान राजकीय माध्यमिक विद्यालय झिगवान को मिला ।
कक्षा 9 से 12 वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मुंडिया खेड़ा को दूसरा स्थान राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना को तथा तीसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पोता को मिला।
कक्षा 4 से 5 वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय प्राथमिक पाठशाला रामबास को दूसरा स्थान राजकीय माडल प्राथमिक स्कूल कनीना को तथा तीसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ विद्यालय विद्यालय विधायकों मिला।
कविता पाठ प्रतियोगिता में कक्षा चार से पांच वर्ग में पहला स्थान नांगल हरनाथ प्राथमिक स्कूल की सारिका को, दूसरा स्थान ढाणी कनीना प्राथमिक विद्यालय की दिव्या को तथा तीसरा स्थान राजकीय माडल संस्कृति प्राथमिक स्कूल कनीना की जतिन को मिला। वही 6 से 8 कक्षा वर्ग में पहला स्थान नंगल हरनाथ स्कूल की निकिता को, दूसरा स्थान रामबास स्कूल की गूंजन को तथा तीसरा स्थान पोता स्कूल की खुशी को मिला वहीं 9 से 12 कक्षा वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय माडल स्कूल कनीना को, दूसरा स्थान राजकीय माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना को तथा तीसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पोता को मिला।
भाषण प्रतियोगिता में कक्षा चार से पांच वर्ग में प्रथम स्थान कनीना मंडी प्राथमिक स्कूल की प्राची को, दूसरा स्थान गुढ़ा प्राथमिक विद्यालय के उत्तम को तथा तीसरा स्थान प्राथमिक पाठशाला कनीना की अंशिका को मिला। कक्षा 6 से 8 वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना की खुशी को, दूसरा स्थान राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना की खुशी को तथा तीसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पोता के लोकेश को मिला।
9 से 12 कक्षा वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय माडल स्कूल कनीना की महक को, दूसरा स्थान पोता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के मोहित को तथा तीसरा स्थान रामबास वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की नैंसी को मिला।
निर्णायक मंडल में नरेश कुमार कनीना, दरियाव सिंह, छोटा देवी संस्कृत शिक्षिका, नरेश कुमार प्रवक्ता कनीना मंडी, रिंकू देवी, एसएमसी प्रधान सावित्री देवी, एबीआरसी ओम रति,मनोज कुमार व सुमित्रा देवी ने बखूबी अपना दायित्व निभाया।
फोटो कैप्शन 05: विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे विद्यार्थियों के साथ शिक्षक
विश्व साक्षरता दिवस-08 सितंबर
प्रदेश एवं देश में बढ़ी है साक्षरता दर
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कनीना की आवाज। विश्व साक्षरता दिवस 1966 से लगातार मनाया जा रहा है। हरियाणा में यह 75.5 फीसदी है जबकि भारत की साक्षरता दर पुरुषों की 82.14 तथा महिलाओं की 65.4 प्रतिशत है। सबसे साक्षर केरल है और सबसे कम साक्षर बिहार है।
सत्तर के दशक में प्रदेश में जहां प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम सरकार ने चलाया था जिससे बुजुर्गों और निरक्षरों को पढ़ाया गया, साक्षर किया गया जिससे उन्हें कम से कम अपना नाम आदि लिखना पढऩा आ गया था। इसके बाद प्रेरक लगाए गए जिन्होंने भी इस महत्वपूर्ण योजना के तहत अपना योगदान दिया परंतु दोनों ही योजनाएं बंद हो गई। बाद में भी कई योजनाएं सरकार ने शुरू की किंतु साक्षरता वर्तमान में बढ़ती ही जा रही है। कभी बुजुर्ग और गरीब तबके के लोग निरक्षर रहते थे परंतु अब विभिन्न प्रकार के सोशल माध्यमों द्वारा एवं विज्ञान की प्रगति के साथ-साथ लोगों में जागरूकता आ गई है और साक्षरता की ओर अब ध्यान दे रहे हैं। साक्षरता का सीधा सा अर्थ है अक्षर का ज्ञान। यह कोई डिग्री या सर्टिफिकेट आदि के लिए नहीं होती अपितु अक्षर ज्ञान कराना साक्षरता कहलाता है। साक्षरता पर विभिन्न लोगों से चर्चा की गई जिनके विचार अलग अलग हैं-
**वर्ष 2012-13 में प्रेरक लगाए गए थे जिन्होंने साक्षर करने का कार्य किया था। इससे पहले भी प्रदेश में प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम चला था जिसमें निरक्षरों को पढ़ाया जाता था परंतु वर्तमान युग में अनपढ़ व्यक्ति भी यह चाहता है कि उसका बच्चा पढ़ लिखकर महान बने। यही कारण है कि आजकल साक्षरता बढ़ती जा रही है। साक्षरता के क्षेत्र में अब भी बहुत गरीब तबके के लोग निरक्षर हो सकते हैं। बुजुर्ग निरक्षर मिलते थे जो धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। उमर के चलते वे स्वर्ग सिधार रहे हैं जिससे साक्षरता दर तेजी से बढ़ती ही जा रही है।
-नरेश कौशिक, मुख्याध्यापक
आज जागरूकता गई है और स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रौढ़ों की संख्या घटती जा रही है जिसके चलते साक्षरता दर बढ़ रही है। स्कूल, कालेज अधिक संख्या में बढ़ गए हैं। इंसान को शिक्षा की आवश्यकता महसूस हो रही है। उसे मालूम हो गया है की खेती बाड़ी की बजाय शिक्षा पर ध्यान दिया जाए तो ज्यादा लाभ होगा। यही कारण है कि आज के दिन साक्षरता दर बढ़ती जा रही है और भविष्य में साक्षरता दर और भी बढ़ सकती है। आधुनिक साधनों के चलते हर इंसान के जेहन में शिक्षा की प्रति लगाव बढ़ता जा रहा है।
--विनीता राव, प्राध्यापिका
प्रौढ़ रोड शिक्षा पर भी काम किया है तथा करीब 20 लोगों को जब 1970 में शिक्षा पा रहे थे तब भी अनौपचारिक शिक्षा के तहत पढ़ाकर बाद में उन्हें शिक्षा के प्रति लगन जगाई और उन्हें पांचवी कक्षा तक की परीक्षा भी पास करवाई थी। वर्तमान समय में अधिक से अधिक विज्ञान के उपकरणों के जरिये इंसान को शिक्षा के लाभों की जानकारी मिल रही है। जिसके चलते कोई भी इंसान अपने बच्चों को अनपढ़ नहीं रखना चाहता। यही कारण है की साक्षरता की दर बढ़ी है। साक्षरता दर बढ़ाने में सरकार ने भी कई कदम समय-समय पर उठाये हैं। प्रौढ़ शिक्षा, प्रेरक शिक्षा सर्व ,शिक्षा अभियान आदि के जरिए यही सिद्ध करना चाहे की शिक्षा बहुत जरूरी है।
- बनवारी लाल स्टेट अवार्डी पूर्व प्राध्यापक
फोटो कैप्शन: नरेश कौशिक, विनीता राव, बनवारी लाल
गांवों से कनीना तक पहुंचना हुआ कठिन, निर्माण कार्य जारी
-धीमी गति से चल रहा है कनीना में निर्माण कार्य एवं पुलों के निर्माण का काम
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कनीना की आवाज। कनीना में विकास कार्यों के चलते, दो पुलों का निर्माण होने के चलते कनीना तब अपने वाहनों से पहुंच पाना कठिन हो गया है। कनीना- अटेली रोड़ पर रेलवे फाटक पर पुल का काम चलने की वजह से रेलवे द्वारा मुख्य मार्ग बंद कर दिया गया है जो वर्ष 2025 तक बंद रहेगा। यह रास्ता बंद होने की वजह से चेलावास, मोहनपुर, नांगल कोका, इसराना, रामबास, ढाणा, पड़तल, भोजावास मोड़ी आदि लगभग दर्जन भर गांवों से रोजाना अपने निजी कार्य हेतु कनीना आना होता है। इस रास्ते का बंद होने की वजह से उपरोक्त सभी गांव प्रभावित हुए हैं। उधर कनीना में अटेली टी-प्वाइंट से रेवाड़ी टी -प्वाइंट तक लगभग 2 महीने से नाले का काम चल रहा है, सड़क के दोनों साइड की खुदाई की वजह से रेत मिट्टी सड़क तक आई हुई हैं जिसकी वजह से घंटों का जाम लगा रहता है।
यही नहीं कनीना से रेवाड़ी जाते वक्त डहीणा में रोड़ बंद होने की वजह से कनीना आना बड़ा ही मुश्किल हो गया है। रेवाड़ी से कनीना आने वाले यात्री को बहुत से गांवों में चक्कर काट कर आने को मजबूर हैं।
कनीना उपमंडल एवं कोर्ट कचहरी में तारीख पर आने के लिए घर से बहुत बहुत जल्दी निकलने के बाद भी नालों की रुकावट की वजह से समय पर नहीं पहुंचा जा रहा है। दूसरी तरफ कनीना में अपने रोजी रोटी के लिए दुकान चलाने वाले दुकानदारों को बड़ी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है। खासतौर परचून के दुकानदारों को ज्यादा नुकसान हो रहा है। सही रास्ते ना होने की वजह से जरूरतमंद इंसान अपने आसपास के गांव में से ही सामान खरीद रहे हैं। अगर यह कहां जाए कि
कनीना आने के सभी रास्ते बंद किए जा रहे हैं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। इतने लंबे समय बाद भी प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। गांव में जाने वाले रास्ते मंडी में जाने वाले रास्तों की खोदाई कर दी है। कनीना के विकास कार्य त्वरित गति से न करके धीमी गति से चल रहे हैं। इस संबंध में कुछ लोगों से चर्चा की गई
**कनीना का राम ही मालिक है। उनका कहना है कि पहले वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की जानी चाहिए थी तभी पुलों का निर्माण किया जाना चाहिए था। अब तो रोड़वेज बसे भी कनीना मंडी से होकर अटेली एवं नानौल जाने को मजबूर हैं।
--महेश बोहरा,कनीना
दो महीने से भी ज्यादा समय हो गया है कनीना में नाले का काम चलते हुए लेकिन पूरा नहीं हो पा रहा है। धीमी गति से काम होना परेशानी का सबब बन गया है। जिसकी वजह से पूरे दिन जाम की समस्या बनी रहती है । मेन रोड से गांव के अंदर जाने वाले रास्ते बंद हो जाते हैं गांव वालों को इधर-उधर होकर के जाना पड़ता है पहले से ना कोई बोर्ड लगाया जाता ना कोई सूचना दी जाती मन में आता है उसी प्रकार से बंद कर दिए जाते हैं। मेन रोड से मंडी में जाने वाले रास्ते पर काम होने के बावजूद भी अव रोधक हटाए नहीं गए हैं।
--चंद्रमोहन कनीना
डहीना फाटक पर पुल का काम शुरू होने की वजह से में रोड को बंद कर दिया गया है जो की स्टेट हाईवे है। रेवाड़ी से महेंद्रगढ़ आने जाने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे को पहले कोई ना कोई रास्ता बनाना चाहिए था कि उसके बाद काम शुरू करना चाहिए था। रास्ते ना पता होने के कारण घंटो लग जाते हैं गुडग़ांव दिल्ली नौकरी करने वाले डेली पैसेंजर को घंटे पहले घर से निकालना पड़ता है और रात को बहुत लेट रास्ते के कारण हो जाते हैं।
---नवीन कुमार, कनीना
लगभग एक साथ डहीना फाटक के पुल का काम और अटेली फाटक के पुल का काम और कनीना में नालों का काम शुरू होने की वजह से कनीना का बाजार बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। दुकानदारों की दुकानदारी कम हुई है वहीं आवागमन में देरी हो रही है। सरकार को त्वरित गति से कार्य करवाने चाहिए।
-अशीष कुमार
फोटो कैप्शन 04: कनीना में निर्माण कार्य के वलते जाम की समस्या
साथ में आशीष कुमार, चंद्रमोहन, नवीन कुमार, महेश बोहरा
रसूलपुर का वार्षिक उत्सव आठ व नो मार्च को
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कनीना की आवाज। आर्य समाज रसूलपुर का वार्षिक उत्सव 8 व 9 मार्च 2025 को रसूलपुर में होगा। विस्तृत जानकारी देते हुए आर्य वीर दल महेंद्रगढ़ के मंडलपति सतीश आर्य ने बताया कि कार्यक्रम में भजन उपदेश पंडित योगेश्वर दत्त बिजनौर, प्रियंका भारती गुरुकुल भुसावल, पंडित विजय पाल जटगावड़ा, वेदपाल शास्त्री महेंद्रगढ़ ,बंसी राम कलवाड़ी तथा अन्य स्थानीय भजन मंडली अपना कार्यक्रम पाखंड उन्मूलन एवं चरित्र राष्ट्र निर्माण पर प्रस्तुत करेगी।
78वां हृदय एवं सामान्य रोग शिविर 8 सितंबर को
--हर माह लगता है शिविर
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कनीना की आवाज। सेवा भारती कनीना का 78वां हृदय रोग, सामान्य रोग एवं नेत्र रोग जांच व परामर्श शिविर 8 सितंबर रविवार को लाल शिवलाल धर्मशाला कनीना मंडी में आयोजित होगा।
विस्तृत जानकारी देते हुए सेवा भारती के योगेश अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम में शिविर में डा. अश्विनी यादव, हृदय रोग विशेषज्ञ मेट्रो अस्पताल एवं हृदय रोग संस्थान रेवाड़ी, डा. प्रेमसागर नेत्र रोग विशेषज्ञ गंगा देवी पांडेय नेत्र अस्पताल महेंद्रगढ़ से अपनी पूरी टीम के साथ सेवा देंगे। इस मौके पर बीपी, शुगर जांच एवं दवाएं निशुल्क दिए जाएंगे। उन्होंने पुरानी रोगियों से निवेदन किया है कि वो अपनी पुरानी रिपोर्ट भी साथ लेकर आए।
कालेज की विद्यार्थियों और ताश खेलने वालों की हुई मौज
- नेताओं के लगाए गए शिवरों में खूब पीते हैं हुक्का और चाय
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कनीना की आवाज। पिछले करीब एक महीने से विभिन्न दलों के नेताओं ने तथा टिकट चाहने वालों ने अपने-अपने कार्यालय खोले हुए हैं। इन कार्यालय में जहां दिन भर हलचल होती रहती है। जिस दिन कालेज नहीं खुलते उस दिन हलचल कम हो जाती है और कालेज खुलते हैं उस दिन हलचल बढ़ जाती है। सबसे अधिक मौज मस्ती ताश खेलने वाले ले रहे हैं। ताश खेलने वाले इधर-उधर ताश खेलते रहते थे जिन्हें पुलिस का भी डर सताता रहता था किंतु अब उन्हें निश्चित ठिकाना चुनावी कार्यालय में मिल गये हैं। चुनावी कार्यालय में दिनभर ताश खेलते हैं, कूलर एवं पंखों की हवा में बैठते हैं ,साथ में उन्हें कम से कम तीन बार चाय मिल जाती है। हुक्का एवं बीड़ी मुफ्त में पीने को मिल जाती है। उधर इन नेताओं के कार्यालय में हलचल बढ़ी देखकर लोग समझते हैं कि नेता की अच्छी पहुंच है। सबसे बड़ा दुर्भाग्य कहा जाए तो कालेज के अनेकों विद्यार्थियों का है। इन कार्यालयों में और उनके आसपास मंडराते हुए कालेज के विद्यार्थियों को देखा जा सकता है। क्योंकि इन कार्यालयो में भारी मात्रा में तंबाकू और हुक्के रखे रहते हैं। आसपास उपले जलाकर आग तैयार की जाती है। युवा वर्ग बुराइयों में ग्रस्त होता जा रहा है। हुक्के और चिलम के शौकीन बनते जा रहे हैं। इन कार्यालय में मुफ्त में हुक्का और चिलम पीने को मिल रहा है। चाय की भी चुस्कियां लेते हैं और अपने गंतव्य स्थान पर चले जाते हैं। सबसे बड़ी विशेषता है कि बहुत से विद्यार्थी तो घर से आ जाते हैं और इन कार्यालयों के आसपास भटकते देखे जा सकते हैं और जब कॉलेज का समय समाप्त होता है अपने घर को चले जाते हैं। चाहे कुछ भी कहे ताश खेलने वाले और इन विद्यार्थियों की को पूरी छूट मिल रही है। यह सत्य है की अगर इन इन नेताओं को टिकट मिलती तो युवा वर्ग का उनके प्रति रुझान देखने को मिलता। यही कारण है कि इस बार भाजपा की टिकट आरती राव को देकर विरोधी स्वर हर जगह गूंज रहा है
क्योंकि कनीना पहले जाटूसाना विधानसभा के तहत आता था और जाटूसाना रेवाड़ी जिले का एक भाग है। 2015 से कनीना को अटेली विधानसभा में कैनीनावासियों ने पहला चुनाव अटेली से देखा था। इससे पहले जाटूसाना से राव इंद्रजीत सिंह विजय होते थे और कनीना के विकास कार्यों में कोई बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं कि यह कहना वोटर का है। यही कारण है अब तो वोटर कहते हुए नहीं थकते कि यह तो राव साहब है और ये क्षेत्र का विकास नहीं करेंगे। इनसे मिलने के लिए भी दिल्ली या रेवाड़ी जाना होगा। विपक्षी नेता भी अब तो इस बात को लेकर वोट मांग रहे हैं कि यदि तुम्हें अपने नेता से मिलना हो तो हमें वोट दो हम आपके बीच मिलेंगे यदि भाजपा को वोट दिए तो उनसे मिलने के लिए भी रेवाड़ी या दिल्ली जाने को मजबूर होना पड़ेगा। पहली बार भाजपा के प्रति विरोध स्वर देखने को मिल रहा है। वहीं भाजपा नेताओं में भी मन ही मन रोष पनप रहा है क्योंकि अनेक भाजपा नेता टिकट के दावेदारी में थे और टिकट न मिलने से वे मायूस है। अब भविष्य में वे चुनाव लडऩे वाले की मदद करेंगे या नहीं यह भविष्य के गर्भ में छिपा है। अब तो क्षेत्र में एक चर्चा पूरे जोरों पर चल रही है कि राव इंद्रजीत सिंह का वर्चस्व मंत्री नेताओ और विधायकों तक है। इसलिए अटेली से कांग्रेस के किसी कमजोर प्रत्याशी को टिकट दिलवाने का प्रयास करेंगे ताकि आरती राव विजई हो जाए। यदि अनीता यादव को कांग्रेस की टिकट मिल जाती है तो भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बनेगी वरना किसी अन्य नेता को टिकट मिली तो तीसरा दल भी बाजी मार सकता है।
वोट बनवाकर प्रसन्न है दीपांशु तंवर
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कनीना की आवाज। जिस किसी की उम्र 18 वर्ष या इससे अधिक हो गई उन्हें चुनाव आयोग मतदाता पहचान पत्र बनवाने और वोट डालने का अधिकार देता है। इसी कड़ी में दीपांशु ने अपना वोट बनवाया है। वो 5 अक्टूबर को विधानसभा का वोट देगा। वह वर्तमान में शिक्षा पा रहे है। उनका कहना है कि वोट पाकर मुझे अति प्रसन्नता है। सरकार और चुनाव आयोग समय-समय पर अपने वोट बनवाने की अनुमति देता है बशर्ते जिनकी उम्र 18 वर्ष हो चुकी है। मैंने अपना मतदाता पहचान पत्र बनवा लिया है और वह वोट डालने का अधिकारी है। मैं चाहता हूं कि इस बार उनका वोट हार में न जाए। ऐसे प्रत्याशी का चयन हो जो सत्ता में जाकर क्षेत्र की मांगों को उजागर करें और उनको पूरा करवा सके। उनका कहना है कि वोट डालने का अधिकार 18 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को है। उन्हें वोट डालना भी चाहिए और बनवाना भी चाहिए। युवा वर्ग में इस बार पहली बार वोट डालने की खुशी है क्योंकि 5 वर्षों में वोट डाले जाते हैं। ऐसे में बहुत से युवा 18 वर्ष के हो चुके हैं और वोट भी बनवा लिया है किंतु उसका प्रयोग नहीं कर पाए हैं। अब वह वक्त भी आ गया जब भी अपने मतदाता पहचान पत्र का उपयोग कर सकेंगे। वह अपने पसंदीदा प्रत्याशी का चुनाव करेंगे।
फोटा कैप्शन: दीपांशु तंवर प्रथम वोटर
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