Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Sunday, September 15, 2024


 

विभिन्न मामलों में जब्त शराब व अन्य सामान को कराया नष्ट
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कनीना की आवाज।
 सदर कनीना थाने में एक्साइज एक्ट के तहत दर्ज 38 मुकदमों में जब्त की गई शराब और चोरी, लड़ाई-झगड़े, हत्या, लूट, डकैती व अन्य आर्म्स एक्ट के तहत 70 मुकदमों में जब्त सामान जैसे लाठी, डंडे, राड, मोबाइल व चाकू को न्यायालय के आदेश पर नष्ट किया गया। थाना सदर कनीना पुलिस की तरफ से विभिन्न जगहों से अवैध शराब को पकड़ा गया था और आईपीसी के तहत दर्ज मामलों में विभिन्न सामान को बरामद कर जब्त किया गया था। इन मामलों को लेकर न्यायालय में कार्रवाई होने पर अब थाना पुलिस की तरफ से जब्त की गई शराब व सामान को नष्ट करने की न्यायालय से मंजूरी ली गई थी। आईपीसी व आम्र्स एक्ट के तहत दर्ज इन मामलों में जब्त सामान को फैसलाशुदा होने के बाद न्यायालय से मंजूरी लेकर नष्ट कराया गया है।
रविवार को थाना सदर कनीना पुलिस ने 38 मामलों में बरामद की गई अंग्रेजी एवं देसी शराब को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नारनौल एईटीओ राजेंद्र की मौजूदगी में नष्ट किया गया। पुलिस द्वारा जब्त अंग्रेजी शराब, देसी शराब और बीयर की करीब 442 पेटी और करीब 30 लीटर लाहन को नष्ट किया गया।
थाना सदर कनीना प्रभारी निरीक्षक मुकेश कुमार ने बताया कि कनीना क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से 38 मामलों में बरामद की गई अंग्रेजी व देसी शराब को नष्ट कराया गया है। थाना क्षेत्र से जब्त अंग्रेजी व देसी शराब को सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे नष्ट करा दिया जाता है। शराब को ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कनीना क्षेत्र में खाली मैदान में नष्ट कराया गया। इसके साथ ही 70 फैसलाशुदा मामलों में जब्त किए गए सामान को भी नष्ट कराया गया है। मौके पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट नारनौल ईटीओ राजेंद्र, सदर कनीना थाना प्रभारी निरीक्षक मुकेश कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 07: सामान को नष्ट करती पुलिस व अधिकारी






समय बीतने पर आती है किसी चीज की बड़ी याद
-लोग किया करेंगे मुझको भी याद-डा होशियार सिंह
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कनीना की आवाज।
 अब जब मैं जिंदा हूं कुछ लोग मुझे मारना चाहते हैं और जब मैं मर जाऊंगा तो आऊंगा बहुत याद। मैं होशियार सिंह पूर्व में शिक्षक रह चुका हूं तथा 40 सालों की सेवा दे चुका हूं। वर्तमान में पूर्ण रूप से समाचारों और कनीना की आवाज ब्लाक को समर्पित हूं।  पहले भी बताया जा चुका है कि अखबार और मेरे ब्लाग से एक नये पैसे का भी कोई लाभ नहीं हो रहा है फिर भी लोगों की बेहद मांग पर अभी भी इस काम से जुड़ा हुआ हूं। किंतु अफसोस होता है जब लोग मुझे समाचार देकर भूल जाते हैं। उनको बार-बार निवेदन किया जाता है कि फोन आने पर तुरंत उठाना क्योंकि समाचार में अनेकों बातें अस्पष्ट होती है किंतु दुर्भाग्य फोन को उठाते नहीं। समाचार देकर या भेजकर अपने काम की इतिश्री समझ लेते हैं। या फिर सुबह फोन किया है तो रात को याद करते हैं जब तक खबर या तो जा चुकी होती है या नष्ट हो चुकी होती है। ऐसे में जो भी कोई मेरे तक समाचार पहुंचाता है या भेजता है उनसे निवेदन है कि वह जरूर फोन पर संपर्क कर लें,जब तक खबर पूर्ण रूप से नहीं बन जाती तब तक कोई समस्या आती है तो फोन किया जा सकता है। कई बार तो ऐसा लगता है कि लोग समाचारों को छपवाना तो चाहते हैं लेकिन आगे नहीं आना चाहते। जब कभी किसी से फोटो मांगी जाती है तो बस यही कहते हैं कि हमारे पास फोन उपलब्ध नहीं है। किसी मुद्दे पर किसी को लिखने के लिए कहा जाता है तो 50 शब्द भी नहीं लिख पाते जबकि सोशल मीडिया पर कोई कसर नहीं छोड़ते और अपना पूरा शोधपत्र लिख डालते हैं। सुबह लगते हैं शाम तक सोशल मीडियां पर लिखकर भेजते रहते हैं लेकिन जब काम की बात लिखने के लिए उनको कहा जाए तो वो मुंह छुपाते बस यही कहते हैं कि आप अच्छा लिख पाएंगे, आप खुद ही लिख लो। एक पत्रकार कब तक दूसरों के बयान स्वयं अपने कलम से लिखता रहेगा। यदि समाचार ही छपवाना है तो कृपया आगे आए। जहां विगत दिनों से समाचार पत्रों में कालम चल रहा है- जिनकी उम्र 80 साल से अधिक को उन्होंने कैसे मतदान का वक्त देखा है, इस पर विचार लिख सकते हैं, पासपोर्ट फोटो भेज सकते हैं। पहली बार विधानसभा क्षेत्र में वोट डालता है, चाहे पहले लोकसभा में डाल चुका है किंतु विधानसभा में पहली बार वोट डालता है, चाहे वह लड़का या लड़की कोई भी हो, अपने विचार लिखकर फोटो सहित भेज सकता है। फोटो बहुत सादी होनी चाहिए। फोटो के पीछे कोई पेड़ आदि नहीं और प्लेन होनी चाहिए। कई बार फोटो मांगते हैं गर्मियों में तो सर्दी की फोटो भेज देते हैं, स्वेटर पहना होता है जो कैसे संभव है। जब हम सर्दियों में फोटो मांगते तो गर्मियों की फोटो भेज देते हैं। ऐसे में कृपया फोटो भेजते समय सावधानी से फोटो भेजें वरना समाचार नहीं छप पाएगा। आने वाला समय आनलाइन समाचारपत्रों का होगा। हर इंसान पत्रकार के गुण रखता है। बस आगे आने की कोशिश नहीं करते। इसी प्रकार भविष्य में
श्राद्ध शुरू हो रहे हैं और अपने पितरों को याद करते हुए अपने विचार भी भेजे जा सकते हैं जिसमें अपनी फोटो तथा अपने उस दिवंगत पितृ की फोटो जिनके बारे में विचार व्यक्त किए जा रहे हैं साथ भेज सकते हैं। सदा ही सभी के विचारों का स्वागत है। दुख इस बात का होता है कि आज तो मुझे लोग याद नहीं करते मेरी मौत के बाद जरूर मुझे याद करेंगे। सबसे अधिक समाचार मैंने अपने जीवन में लिखे हैं। किसान हो, शिक्षा की बातें हो सामान्य बातें हो, रोचक बातें हो, लेखन कार्य हो या किसी विवाह शादी के समाचार हो, किसी अन्य मुद्दे की बातों सभी समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किए हैं। यदि इनका संकलन देखा जाए तो कम से कम 100 फाइल भरी हुई है। मेरे संपर्क में कोई रहा हो और उसका समाचार प्रकाशित नहीं हुआ हो यह संभव नहीं है। आत: किसी को समाचार छपवाने में दिक्कत हो वह मेरे फोन नंबर 9416348400 पर भेज सकते हैं, यदि फोन करना है तो 930 6300700 पर संपर्क कर सकते हैं। दोनों ही मेरे फोन 24 घंटे के लिए उपलब्ध होते हैं। साथ में स्कूल संचालकों, नेताओं आदि से भी किसी विज्ञापन की उम्मीद जताई जा रही है।







अटेली विधानसभा क्षेत्र
नेताओं ने शुरू कर दिया है जमकर प्रचार
-16 सितंबर नाम वापस लेने की अंतिम तिथि, टिकी नजरें                                                                                   -दिल के अरमां आंसुओं में बह गये......
 -अनीता यादव के मैदान में उतरते ही बिगड़ गये कई नेताओं के
 के जीत के सपने
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कनीना की आवाज।
अटेली विधानसभा में देर आये दुरुस्त आये वाली कहावत लागू हो रही है। अनीता यादव को जब तक टिकट नहीं मिली थी कई अपनी जीत के सपनों में खो रहे थे किंतु जब से अनीता यादव को कांग्रेस की टिकट मिली तब से उनके जीत के सपने चकनाचूर हो गये। रही सही कसर निर्दलीय संतोष यादव ने पूरी कर दी। अब तो जो जीत के सपने ले रहे थे अब उन्हें हार के कांटों का ताज नजर आने लगा है।
अटेली विधानसभा क्षेत्र दक्षिण हरियाणा का इस बार सबसे चर्चित चुनाव क्षेत्र बन गया है क्योंकि एक और जहां आरती सिंह राव भाजपा की टिकट पर मैदान में खड़ी हुई है जो केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पुत्री है वहीं दूसरी ओर कनीना को उपमंडल का दर्जा दिलवाने वाली, अटेली की पूर्व विधायक अनीता यादव कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में है। इसी कड़ी में जहां अतरलाल सहित कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। सभी ने अपना अपना जमकर चुनाव प्रचार शुरू किया हुआ है। गांव में शहरों में तथा खेतों तक चुनावी चर्चाएं चल रही है। वोट डालने की अपील की जा रही है, यारे-प्यारे और रिश्तेदारों को ढूंढा जा रहा है। यहां तक की चुनाव जीतने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। अटेली विधानसभा क्षेत्र से जहां कांग्रेस पार्टी ने देरी से टिकट की घोषणा की है। जब तक टिकट की घोषणा नहीं हुई थी तभी तक लोगों की नजरें कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार पर टिकी हुई थी। बस यही कहते सुने गये कि चुनाव का समीकरण कांग्रेस प्रत्याशी पर निर्भर करेगा। जब कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार अनीता यादव मैदान में आ गई है तो विधानसभा क्षेत्र में चुनाव में गर्माहट आ गई है क्योंकि अब कांटे की टक्कर होने की संभावना बन गई है। जहां अब तो 16 सितंबर पर नजरें टिक गई है क्योंकि अभी नाम वापस लिए जाने हैं। नाम वापस लेने वाले प्रत्याशी किसी नेता को हराने या जीतने के मकसद से भी ले सकते हैं।  इस योजना में जहां भीतरी घात जमकर होने की संभावना बन गई है, चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस हो सभी में गुटबाजी उभर रही है। एक पार्टी से दूसरी पार्टी में दल बदलने का जोर-शोर चला है वहीं अब ग्रामीण क्षेत्रों में बाहर भीतर के प्रत्याशी की चर्चाएं चल रही हैं। चुनाव की तिथि घोषित होते ही बाहर और भीतर के प्रत्याशी पर जोर-शोर से बैठकर चली और गुम हो गई। अब तो ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्र में चुनावी सभाएं एवं नुक्कड़ सभाएं हो रही है। अटेली विधानसभा क्षेत्र से कनीना और अटेली दो शहर है बाकी सभी गांव होने के कारण अटेली को ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र कहा जाता है।  इस विधानसभा क्षेत्र में जहां विगत इतिहास में दो बार निर्दलीय भी जीते हैं, वरना हर बार किसी पार्टी से प्रत्याशी ही जीत हासिल कर पाया है। दो महिलाएं अनीता यादव और संतोष यादव को यहां से जीतने का श्रेय जाता है। दोनों महिला प्रत्याशी आमने सामने हैं। इस बार भी चुनाव मैदान में पांच महिला प्रत्याशी है। अभी 16 सितंबर के बाद ही पता लग पाएगा कि मैदान में कितने प्रत्याशी बच पाएंगे और किन-किन के बीच का मुकाबला होगा। अभी तक यही चर्चाएं हैं कि किस प्रत्याशी को कैसे किस प्रकार जीत प्राप्त हो। ग्रामीण क्षेत्रों में तो हार जीत पर जोर-शोर से चर्चाएं चलती है और मार पिटाई पर भी उतारू हो जाते हैं, शर्त लगाने को आतुर हो जाते हैं। किसकी जीत होगी और किसकी हार होगी यह तो कहना मुश्किल है लेकिन अपने-अपने नेताओं की जीत के दावे किए जा रहे हैं। एक और जहां किसान भी अपनी फसल को भूलते जा रहे हैं जो पककर तैयार खड़ी हुई है, वहीं वे भी फसल को भूलकर चुनावी चर्चाओं में शामिल हो रहे हैं। इस बार जहां मतदान के समय किसान खेतों में मिलेगा।
 यदि तीन योजनाओं की अटेली विधानसभा पर नजर डाले तो 2009 में जहां अनीता यादव विजयी हुई थी वहीं 2014 के चुनाव में संतोष यादव विजर्यी हुई है और अब 2019 में कनीनावासियों ने अटेली से सीताराम को विधायक बतौर देखा है।
कनीना और अटेली दो कस्बे अटेली विधानसभा के कस्बे हैं और अटेली विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी की हार जीत दोनों कस्बों पर निर्भर करती है। यही कारण है कि विभिन्न नेता कनीना और अटेली में वोट के लिए भारी संख्या में पहुंच रहे हैं और वोट देने की अपील कर रहे हैं।  विभिन्न दलों के नेता घर-घर जाकर प्रचार किया जा रहा है।
           चुनाव      कुल प्रत्याशी   निर्दलीय
           2005        15              11
            2009        19              9
            2014         18             9
           2019          15             7
           2024          11             5

अटेली विधानसभा से सबसे अधिक प्रत्याशी 1996 में 49 थे जिनमें से 41 निर्दलीय थे जबकि सबसे कम प्रत्याशी 1967 में 3 थे जिनमें से दो निर्दलीय थे। 1968 के उप चुनावों में 3 में से एक निर्दलीय रहा है। 2024 में 11 में से 5 निर्दलीय तथा पांच ही महिलाएं मैदान में हैं।
फोटो कैप्शन 08: अटेली से चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी





बाबा मोलडनाथ युवा संगठन द्वारा आयोजित प्रथम रक्तदान शिविर
-350 यूनिट रक्त हुआ इकट्ठा
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कनीना की आवाज।
 संत बाबा मोलडनाथ युवा संगठन द्वारा प्रथम रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। महंत रामनिवास ने रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया। शिविर में 350 यूनिट रक्तदान किया गया। शिविर में पार्थ अस्पताल से आए डाक्टर सुधांशु ,डाक्टर अजय भारद्वाज,एलटी निलेश ,एलटी मनोज,एलटी जनार्दन आदि हाजिर रहे। शिविर में सुबह से ही रक्त दान करने वाले युवाओं की भीड़ लगी हुई थी और यह साम 5 बजे तक चला। महिलाओं के साथ साथ पुरुषों ने भी रक्तदान किया।
फोटो कैप्शन 06: रक्तदान शिविर में रक्तदान करते हुए।







जागो वोटर जागो
वोट डालने में न करें कंजूसी -सुनील
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कनीना की आवाज।
 वोट डालने में कंजूसी नहीं बरतनी चाहिए। बिना किसी लोभ लालच के वोट डालने अपने बूथ पर जरूर जाना चाहिए। अक्सर लोग गाडिय़ां भेजते हैं और लोग गाडिय़ों में बैठकर वोट डालने जाते हैं जिससे उनका मन बदल जाता है और जिसे वोट देना होता है उसे भूल जाते हैं। याद रहे पोलिंग बूथ अपने घर से अधिकतम एक से डेढ़ किलोमीटर दूर हो सकते हैं। पैदल ही जाना चाहिए या अपने घर परिवार के साधनों से जाकर बूथ पर जाकर वोट डालें। वोट डालने जाते वक्त अपना वोटर कार्ड जरूर ले जाए। किसी प्रकार की वोट डालने में कोताही नहीं बरते। जिस अधिकार को पाने के लिए बुजुर्गों ने जान की बाजी लगा दी, वीरों ने कुर्बानी दी, तब जाकर वोट का अधिकार मिला तो वोट से वंचित रहना सबसे बुरी बात है। वोट डालते वक्त अपने पराये, जाति पाती एवं भेदभाव को त्यागकर केवल सामाजिक एवं देशहित को ध्यान में रखें। जो देश के काम आपके ऐसे नेता का चुनाव करके हम अपने भविष्य को सुधार सकते हैं वरना आने वाली पीढिय़ां हमें कोसती रहेंगी। लोग मत को बेच देते हैं या जिसकी शराब आबादी पीकर पीते हैं उसी को वोट देते हैं जो समाज में एक विकृति बनती जा रही है। समाज और जन आशाओं पर खरा उतरने वाला नेता जरूर चुने क्योंकि हर नेता के अपने-अपने गुण और अवगुण हो सकते हैं। नेताओं के गुणों को ध्यान में रखें और नेता का चयन कर,ें वोट डालने का अधिकार मिला है तो इस अधिकार को जरूर प्रयोग करें। 5 अक्टूबर को अपने बूथ पर जाकर शांति से वोट डालकर घर आए। वोट डालने जाते समय यदि दूरी कुछ पैदल तय करनी है तो अपने साथ पानी की बोतल आदि लेकर जाए। किसी के बहकावे में न आकर अपने मनपसंद नेता का चुनाव करें।
-सुनील कुमार बीएलओ
फोटो कैप्शन: सुनील कुमार








कनीना में लगाया मुफ्त चिकित्सा शिविर आयोजित
-148 मरीज पहुंचे कैंप में
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कनीना की आवाज।
रविवार को कनीना के लाला शिव लाल धर्मशाला में पर आंत लीवर अस्पताल रेवाड़ी की तरफ से मुफ्त चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें सचिन यादव गैस्ट्रो एंट्रोलाजिस्ट ने पेट आंत लीवर के मरीजों की जांच की और परामर्श दिया। सचिन यादव ने कहा कि आजकल खानपान और जीवन शैली से पेट के रोगी बढ़ते जा रहे है। उचित खान पान और क्रियाशील जीवन शैली के द्वारा अपने आपको स्वस्थ रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर पेट सही तो सब सही रहेगा। दक्षिण हरियाणा में पहली बार लीवर की जांच के लिए फाइब्रो स्कैन और कब्ज के निदान के लिए मैनोमेंट्री की सुविधा उपलब्ध है। ब्लड कैंसर विशेषज्ञ डाक्टर दीपिका यादव ने खून की कमी , प्लेटलेट कम होना और ब्लड कैंसर के रोगियों की जांच कर परामर्श दिया। इस कैंप में 148 लोगों का स्वास्थ्य जांचा। इस अवसर पर डाक्टर सचिन यादव, डॉक्टर दीपिका यादव फार्मासिस्ट पंकज यादव, नर्सिंग स्टाफ आरती , सूरज,कैंप के संयोजक पंकज , हेमंत, दरियाव सिंह, ईश्वर आदि मौजूद रहे।
फोटो क्ेप्शन 05: कनीना में आयोजित मुफ्त चिकित्सा शिविर



सचिन प्रवक्ता को मिला हिंदी राष्ट्रीय गौरव सम्मान
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कनीना की आवाज।
शान्ती फाउंडेशन गोण्डा द्वारा राष्ट्रीय हिन्दी दिवस 14 सितम्बर पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन दिल्ली में किया गया। इस कार्यक्रम में कनीना निवासी सचिन शर्मा प्रवक्ता को हिंदी राष्ट्रीय गौरव सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम संयोजक सुनील कुमार आनन्द राज्य अध्यापक पुरस्कृत शिक्षक ने बताया कि हिन्दी हमारी मातृ भाषा है इसके सम्मान में हर वर्ष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम आयोजक श्रीमती पिंकी देवी अध्यक्ष शान्ती फाउंडेशन,सचिव गया प्रसाद आनन्द ,संस्थापक शिव प्रसाद आनन्द,मीडिया प्रभारी संजय कुमार,मुख्य अतिथि रमेश आनन्द प्रधानाचार्य शान्ती मेमोरियल स्कूल अशोकपुर टिकिया वजीरगंज गोण्डा के हाथों हिन्दी राष्ट्र गौरव सम्मान 2024 से अलंकृत किया गया।  सचिन कुमार  जि़ला रेवाड़ी के नांगल तेजू के राजकीय माडल संस्कृति विद्यालय में भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता के पद पर कार्यरत है व इससे पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर कई मंचों के माध्यम से कनीना व पूरे क्षेत्र का नाम रोशन कर चुके है । सचिन कुमार की इस उपलब्धि पर कई लोगों ने बधाई दी है।
फोटो कैप्शन: सचिन शर्मा






 एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में अध्यापक-अभिभावक बैठक का आयोजन
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कनीना की आवाज।
एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में अध्यापक-अभिभावक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में 867 अभिभावकों ने भाग लेकर छात्रों के प्रति अपनी जिम्मेदारी एवं अध्यापक-अभिभावक बैठक के महत्व को समझने का परिचय दिया।  सभी अभिभावकों ने अग्रिम सोच का परिचय देते हुए बच्चों के भविष्य के लिए विद्यालय प्रबंधन व सभी संबंधित अध्यापकों के साथ अध्ययन संबंधी समस्याओं के समाधान, शैक्षिक उपलब्धियों के साथ-साथ अन्य गतिविधियों व विषयों पर विमर्श किया। अभिभावकों ने अपने बच्चों की दिनचर्या उनके व्यवहार समय-सारिणी, रुचि आदि से संबंधित पहलुओं से प्रबंधन व संबंधित अध्यापकों से परिचित करवाया और अपने बच्चों की रिपोर्ट लेने में काफी रुचि दिखाई।
विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने अध्यापक-अभिभावक बैठक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बैठक जागरुक अभिभावकों के लिए अध्यापकों से समय-समय विचार विमर्श करने व बच्चों के लिए सही मार्ग का चुनाव व सहयोग का आधार है। जिस प्रकार तीन .भुजाए एक साथ मिलकर त्रिभुज का आकार बनाती है उसी प्रकार अभिभावक के सहयोग से बच्चे बड़े से बड़े लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते है।  
उन्होंने यह भी बताया कि यह बैठक शैक्षिक जानकारी के साथ-साथ सम्पूर्ण व्यवहार, सामथ्र्यता से संबंधित बातों के आदान-प्रदान के लिए आयोजित की जाती है। अध्यापक एवं अभिभावकों  का विचार-विमर्श छात्र के जीवन को नई दिशा प्रदान करता है। बच्चे के शैक्षणिक विकास में विद्यालय के साथ-साथ अभिभावक की भी अहम् भूमिका होती है। उन्होंने सभी अभिभावकों का धन्यवाद कर बैठक का समापन किया।
फोटो कैप्शन 04: एसडी स्कूल में पीटीएम का नजारा।







34 वर्षों के बाद फिर होगा इस वर्ष रामलीला का मंचन
- रामलीला अधिकांश कलाकार होंगे नये
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कनीना की आवाज।
 1990 तक कनीना की रामलीला का मंचन चला और दूर दराज तक विख्यात रही है। 1991 के नगर पालिका के चुनाव के चलते रामलीला मंचन बंद कर दिया गया था। उसे एक बार पुनर्जीवित किया जा रहा है।
 रामलीला कमेटी के प्रधान उमेश भोजवासिया तथा मोहित जेलदार ने बताया की एक अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक लगातार रामलीला मंचन, कनीना मंडी में चलेगा। यह रामलीला शाम करीब 8 बजे से रात्रि 12 तक प्रतिदिन मंचन होगा।
चल रही है रिहर्सल-
रामलीला की रिहर्सल प्रतिदिन हो रही है। प्रधान उमेश भोजावासिया तथा मोहित जेलदार ने बताया कि प्रतिदिन कनीना मंडी स्थित राधा- कृष्ण मंदिर में रामलीला रिहर्सल करवाई जा रही है। कलाकारों की पोशाक दिल्ली से मंगवाई गई है। विशेष कर संगीत के के विख्यात कलाकार लियाकत अली और महेंद्रगढ़ से मोहन सैनी न केवल संगीत द्वारा रामलीला मंचन को मनमोहन बनाएंगे अपितु भजन और गीत जहां आवश्यकता होगी तो उनके द्वारा गायन किया जाएगा। उन्होंने बताएं कि सभी लोकल कलाकार मंचन के लिए तैयार किए गए हैं। एक वक्त था जब कनीना की रामलीला विख्यात रही है जिसमें रावण का दमदार किरदार निभाने वाले मुरारीलाल का निधन हो चुका है परंतु बाकी सभी कलाकार करीब आज भी इस नई रामलीला को देखने के लिए उत्साहित है। लंबे समय तक पात्र श्रीराम की भूमिका निभाने वाले ओमप्रकाश लिसानिया का कहना है कि वह इस रामलीला को जरूर अपनी आंखों से देखेंगे, सहयोग भी करेंगे किंतु बतौर कलाकार भाग नहीं लेंगे। कनीनावासियों की सहायता से रामलीला मंचन पुनर्जीवित किया गया है जिसमें विभिन्न गांवों का सहयोग लिया जाएगा।
 कनीना की रामलीला के मुख्य लीलाएं धनुष यज्ञ, कोप भवन, सीता हरण, लक्ष्मण मूर्छा की लीलाएं अपने इलाके में प्रसिद्ध थी। कनीना की रामलीला में मंच पर मदिरा सेवन करने वालों तथा नृतकियों को कभी नहीं आने दिया गया। कनीना की रामलीला पूर्णरूप से मर्यादित होती थी। रामलीला यशवंत सिंह व राधेश्याम रामायण पर आधारित मंचित होती थी। रामलीला में कोई भी महिला पात्र नहीं होती थी। महिला पात्रों की भूमिका भी पुरुष ही निभाते थे।
14 सालों तक चली थी रामलीला-
   कनीना में वर्ष 1977 से 1991 तक चली रामलीला में विष्णु, राम एवं वेदमति आदि की भूमिका निभाने वाले ओमप्रकाश लिसानिया ने बताया कि राम को चौदह वर्षों का वनवास मिला था ठीक उसी प्रकार 14 सालों तक ही रामलीला चली थी। उनको सारे संवाद मौखिक याद थे और राम का रोल करके अति प्रसन्न होते थे किंतु कनीना पालिका के वर्ष 1991 के चुनावों के कारण रामलीला को बंद करना पड़ा था। 8 अक्टूबर 1991 से नवरात्रि लगे थे। ठीक रामलीला के बीच में कनीना पालिका के चुनाव आ रहे थे जिसके कारण आपसी सहमति से उस वर्ष रामलीला नहीं हुई और फिर आपसी मनमुटाव इतना बढ़ा कि रामलीला फिर नहीं हो पाई। कनीना की रामलीला में जहां रावण की भूमिका निभाने वाले मुरारीलाल, हास्य कलाकार की भूमिका निभाने वाले जगदीश प्रसाद एवं श्रीचंद आज भगवान को प्यारे हो चुके हैं किंतु लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले महेंद्र चेलावास, सीता की भूमिका निभाने वाले सुभाष एवं रमेश, परशुराम, मंथरा की भूमिका निभाने वाले ओमप्रकाश सहगल, सुग्रीव एवं बाली की भूमिका निभाने वाले केदार नाथ, कामदेव, श्रवण, सुमंत, केकैई, मेघनाद आदि की भूमिका निभाने वाले शेर सिंह टेलर, अंगद एवं हनुमान की भूमिका निभाने वाले पवन गोयल, भरत की भूमिका निभानेवाले नवीन मित्तल, मारिच, कुंभकर्ण तथा कई अन्य रोल निभाने वाले शिब्बू पंसारी, कौशल्या एवं अन्य भूमिकाएं निभाने वाले महाबीर दुधिया आदि कलाकार आज भी अपने पुराने किरदारों को महज अपने एलबम में देख प्रसन्न हो जाते हैं। साधु महात्माओं के रोल में डूंगरमल पंडित, मंच संचालन, मंच निर्माण एवं कई अन्य सहायक कार्यों में यादराम, राधेश्याम बहुवाला, मुरारीलाल बहुवाला, राधेश्याम चेलावासिया, निदेशक की भूमिका में नत्थूराम नसीबपुर वाले प्रमुख थे।
क्या कहते हैं उस जमाने के कलाकार-
राम -ओमप्रकाश लिसानिया जो राम की भूमिका निभाते थे का कहना है कि राम का रोल शीतलता, मधुरवाणी एवं मर्यादित रहकर निभाते थे। उन दिनों पर मां मेदिनी पर ही सोते थे और एक वक्त का भोजन लेते थे तत्पश्चात शुद्ध विचार लेकर ही रोल निभाते थे।
केकैई व मेघनाद-
 केकैई व मेघनाद का रोल निभाने वाले शेर सिंह का कहना है कि रामलीला करने वाले एवं देखने वालों में इतना भाईचारा था कि उन 14 वर्षों में रामलीला मंचन के वक्त कोई अप्रिय घटना नहीं घटित हुई तथा कोई विवाद नहीं छिड़ा।
नवीन मित्तल का कहना है कि उस वक्त 2500 तक भक्त आते थे। भावना अच्छी होती थी। उनके मन में एक जुनून होता था। वो दिन आज भी नहीं भुला सकता।
शिब्बू पंसारी का कहना है कि काश, वो दिन फिर लौट आया और पुन: रामलीला शुरू हो जाने से भक्तिभाव जागृत हो जाएगा।
फोटो कैप्शन 02: रामलीला मंचन की रिहर्सल करवाते हुए।
फोटो केप्शन 03: 34 वर्षों पहले रामलीला के पात्र
साथ में शिब्बू पंसारी, शेर सिंह, ओमप्रकाश लिसानिया एवं नवीन की फोटो।


जमकर हुई वर्षा ने की किसानों की फसन को हुआ नुकसान
-कपास एवं बाजरे की फसल को भारी नुकसान
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कनीना की आवाज।
कनीना क्षेत्र में गुरुवार की रात 48 एमएम वर्षा हुई जिसके चलते किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है।  जहां इस बार सावन माह में 200 एमएम वर्षा हुई वहीं कुल मिलाकर 428 एमएम वर्षा हो चुकी है। कनीना के किसान देवेंद्र कुमार, रोहित कुमार, सुमेर सिंह, दिनेश कुमार, महेंद्र शर्मा आदि ने बताया कि अधिक वर्षा के कारण कपास की फसल को अधिक नुकसान हुआ है वहीं बाजरे की फसल को भी नुकसान हो रहा है। लगातार पानी खड़ा होने से कृषि वैज्ञानिक भी मानते की फसल नष्ट हो जाएगी। अब फसल पूरे पकान पर है और फसल गिर सकती है। यदि मौसम साफ रहा तो चुनाव से पहले फसल कटाई हो चुकी होगी। अनेक गलियों में गंदा जल भर गया है।
इस बार जहां बंपर फसल पैदावार होने की उम्मीद थी वहीं बाजरे का समर्थन मूल्य 2625 रुपये प्रति क्विंटल रखा हुआ था है जिसके कारण किसानों को कुछ आय होने की संभावना थी वह मिट्टी में मिलती नजर आ रही है।
पूर्व विषय विशेषज्ञ डा देवराज यादव ने बताया कि इस वक्त वर्षा से फसलों को नुकसान हो रहा है। बाजरा 47500 एकड़ कपास 20312 एकड़, धान 96 एकड़, ज्वार 1690 एकड़, ढेंचा 500 एकड़, अरहर दो एकड़ ग्वार, 735 एकड़ पर उगाया गया है। कपास की फसल में सड्डन विल्ट का रोग आ रहा है। अगर पानी खड़ा हो तो दो ग्राम कोबाल्ट क्लोराइड प्रति 200 ग्राम जल का छिड़काव वर्षा होने के 24 घंटों के अंदर अंदर कर दे। उन्होंने बताया कि क्षेत्र की भूमि बालू प्रधान है जो जल्दी पानी को सोख लेती है।
  यहां उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बाजरा फसल की बिजाई विगत वर्ष की तुलना में करीब दो सप्ताह देरी से हो पाई है। यही कारण है कि किसान इस वर्ष कुछ परेशान नजर आ रहे हैं। एक तो देरी से फसल बिजाई हुई है वही अगली फसल के लिए कम समय बचेगा वहीं वर्षा फसल को खराब कर रही है।  
यदि वर्षा का कोई लाभ देखा जाए तो कनीना और आसपास डार्क जोन को घोषित किया हुआ हैं। भूमिगत जल गहराता जा रहा है, यदि अच्छी वर्षा हो जाए तो भूमिगत जल में बढ़ोतरी हो सकती है। वर्ष 1995 में सबसे अधिक वर्षा हुई थी, जब चारों ओर बाढ़  आ गई थी किंतु तब से लेकर आज तक करीब 29 साल बीत गए हैं इस वर्ष कुछ बेमौसमी वर्षा हुई है।  किसानों ने बताया कि एक अक्टूबर से रबी फसल की बिजाई शुरू हो जाती है।
फोटो कैप्शन 01:खेतों में वर्षा का खड़ा जल
        साथ में डा देवराज पूर्व एसएमएस


विश्व ओजोन दिवस -16 सितंबर
सुरक्षा पर्त का नाम है ओजोन, इसे बचाना जरूरी
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कनीना की आवाज।
विश्व स्तर पर ओजोन पर्त के संरक्षण के लिए ओजोन दिवस मनाया जाता है। ओजोन पर्त की उपयोगिता की ओर यह दिवस ध्यान आकर्षित करता है। ओजोन परत वायुमंडल में ऐसी परत है जो सूर्य की हानिकारक किरणों विशेष कर पैराबैंगनी किरणों से बचाती है। 1987 में ओजोन परत को नष्ट करने वाले पदार्थों पर 16 सितंबर के मानिटरियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए थे। तब से यह दिवस मनाया जा रहा है। ओजोन पर्त को ठीक रखने और जलवायु परिवर्तन को बदलाव करने के लिए यह इस पर्त को बचाना जरूरी है। ओजोन का अर्थ होता है गंध लेना।   ओजोन परत सूर्य की पैराबैंगनी किरणों को 98 प्रतिशत तक अवशोषित कर लेती है। ये किरणें अगर धरती पर आ जाये तो कैंसर जैसे घातक रोगों का कारण बननेंगी। 1985 में अंटार्कटिक क्षेत्र में एक ओजोन पर्त में एक छेद देखा गया था। जिसके बाद परेशानी बढ़ती चली गई और इसको हानि पहुंचाने वाले विशेष कर क्लोरोफ्लोरोकार्बन नामक रसायन पदार्थ खोजे गए।  मानेट्रियल प्रोटोकाल की शुरुआत की गई थी जिसमें ओजोन को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों पर विचार विमर्श किया गया और उन पदार्थों को कैसे कम करते हुए बंद किया जाएए इस पर विचार विमर्श हुआ।
ओजोन विषय में विज्ञान के जानकारों से चर्चा की गई तो उनके विचार सामने आये। क्या कहते विज्ञान के जानकार ---
ओजोन पर्यावरण में सूर्य के प्रकाश से आने वाली पराबैंगनी किरणों को रोकती हैं। यदि ये किरणें नहीं रोकी गई तो सीधा को प्रभाव शरीर पर पड़ेगा जिससे जीना दूभर हो जाएगा।  इसलिए ओजोन पर संरक्षण जरूरी है। आम आदमी का फर्ज बनता है कि कम से कम फ्रिज एवं एसी आदि का प्रयोग कम से कम करें। जिससे निकलने वाले हानिकारक पदार्थ ओजोन को नुकसान पहुंचाते हैं। ओजोन स्वस्थ रहेगी तो जीवन में रोग नहीं आएंगे।
  .-- रविंद्र कुमार शिक्षाविद एवं विज्ञान के जानकार
यह यह पृथ्वी के 10 किलोमीटर से अधिक तथा पृथ्वी से लगभग 30 किलोमीटर दूरी तक गैस की मोटी परत पाई जाती है जिसे ओजोन नाम से जाना जाता है। यह पराबैंगनी किरणों को सोखती है और इंसान एवं पेड़ पौधों को रोगों से बचाती है। इसे डाबसन इकाई में मापते हैं। क्योंकि वैज्ञानिक डाबसन ने इस पर्त को बचाने के लिए कई प्रयोग एवं महत्वपूर्ण कार्य किया है। जीवन रक्षक ओजोन कहलाती है। इसकी सुरक्षा करना हम सभी का फर्ज बनता है।
.   --राजेश कुमार विज्ञान के जानकारी एवं शिक्षाविद
ओजोन गंधयुक्त गैस होती है जो हल्के नीले रंग की होती है। ओजोन परत सुरक्षा का आवरण है। ओजोन ऑक्सीजन का ही एक प्रकार है। ऑक्सीजन के तीन परमाणु से मिलते हैं तो ओजोन बनती है। यह पृथ्वी की समताप मंडल के ऊपर मध्य मंडल के नीचे दोनों के बीच में होती है। सूर्य की हानिकारक किरणों को रोकती हैं। इस पर्त को बचाना हम सभी का फर्ज बनता है अन्यथा भयंकर परिणाम सामने आएंगे। ओजोन को बचाना हम सभी की जिम्मेदारी बनती है।
     --देवेंद्र कुमार शिक्षाविद एवं विज्ञान के जानकार  
   ओजोन जीवनरक्षक पर्त है। इसको नुकसान पहुंचाने वाले सीएफसी पदार्थों पर रोक लगानी चाहिए वरना हमारी सुरक्षा की पर्त खत्म हो जाएगी और कैंसर जैसी घातक बीमारियां लग जाएंगी। प्रकृति द्वारा प्रदत्त इस पर्त को बचाने के लिए किसी एक व्यक्ति का फर्ज नहीं अपितु समस्त पृथ्वी के लोगों की जिम्मेदारी बनती है। इस पर्त की रक्षा करना ही जीवन की रक्षा करना है।
       --.राकेश कुमार शिक्षाविद एवं विज्ञान के जानकार
फोटो कैप्शन: राजेश कुमार बंसल, रविंद्र कुमार, देवेंद्र कुमार, राकेश कुमार।


























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