शेल्टर होम में रुके हुए लोगों ने भूख हड़ताल की
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-वापस अपने प्रदेश को जाने की कर रहे हैं मांग
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-सुबह की चाय भी नहीं पी डीएसपी मौके पर पहुंचे
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कनीना। पिछले करीब 1 महीने से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना शेल्टर होम में रुके हुए दूसरे राज्यों के लोगों ने आखिरकार परेशान होकर तीन घंटे भूख हड़ताल की। सुबह की चाय भी उन्होंने नहीं ली। वे वापस अपने प्रदेश
को जाने की मांग कर रहे हैं।
कनीना के शेल्टर होम में 49 उत्तर प्रदेश के लोग ठहरे हुए हैं जिसमें से सात रामपुर, 24 लखीमपुर, 6 शहजानपुर, 3 फर्रुखाबाद तथा 7 पीलीभीत से है दो अन्य ऐसे व्यक्ति भी है जो अपना अता पता भी नहीं बता पा रहे हैं। विगत 30 मार्च से शेल्टर होम में रुके हुए हैं। बेहतरीन खाना रहन-सहन,बिस्तर, पंखे आदि की व्यवस्था की गई है जिसको लेकर के उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है लेकिन बुधवार की सुबह अचानक सभी भड़क उठे और प्रार्थना सभा मैदान में इकट्ठे हो गए सुबह जब करीब 7:00 बजे चाय पहुंचाई गई तो चाय लेने से इंकार कर दिया। आखिरकार बात उच्च अधिकारियों तक पहुंची। उच्च अधिकारियों में कनीना डीएसपी साधुराम बिश्रोई, विकास कुमार एसएचओ, एएसआई गोविंद सिंह सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा उनकी समस्त जानकारी हासिल की। उन्होंने अपनी समस्याएं उनके समक्ष रखी कि वे अपने वतन पर लौटना चाहते हैं और वहां अपने बच्चों की देखरेख करना चाहते हैं। वे यहां बोर हो चले हैं।
उन्होंने बताया की उनके बच्चे घर पर परेशान हो रहे हैं। इसीलिए भी उनकी जरूरत है। उन्हें किसी भी प्रकार अपने वतन को पहुंचाया जाए। उनका यहां तक कि यह भी कहना है कि यहीं से बस आदि का प्रबंध किया जाए।
इस मौके पर उपस्थित डीएसपी कनीना साधु राम बिश्नोई ने उन्हें बताया कि वह इस मामले में वे उनकी बात उच्च अधिकारियों तक पहुंचा सकते हैं जो भी निर्णय होगा सरकार का होगा। उसका वे पालन कर करेंगे। अपनी तरफ से उन्हें उनके वतन नहीं लौटा सकते। ऐसे में उन्हें समझा बूझाया, बार-बार विभिन्न अधिकारियों ने आकर उनको समझाया और आखिरकार करीब 3 घंटे पश्चात दोपहर के खाने पर नगरपालिका कार्यालय में पहुंचे लेकिन अभी भी उनका रोष समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है। इस मौके पर रमेश कुमार गिरददावर, श्रीराम प्राध्यापक, कंवरसेन वशिष्ठ, अमरजीत आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन: एक से 7 तथा 10 एवं 11 रोष दर्शाते हुए तथा अधिकारी उन्हें समझाते हुए।
बोर हो गए हैं शेल्टर होम में अपने वतन लौटना चाहते हैं
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कनीना। कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के शेल्टर होम में
30 मार्च से रुके हुए अधिकांश उत्तर प्रदेश के लोग आखिरकार परेशान हो चले हैं, बोर हो गए हैं। वे अपने वतन जाकर अपने परिवार की देखरेख, फसल कटाई एवं अनाज आदि का प्रबंध करना चाहते हैं। उनसे विस्तृत चर्चा की तो उन्होंने बताया कि वे अब नहीं रुकना चाहते हैं। उन्हें यहां खाने-पीने, रहने सहने की हर सुविधा उपलब्ध है। स्थानीय प्रबंध पर उन्होंने खुशी जताई किंतु अब लंबे समय से घर की याद आ रही है। वे अपने घर परिवार की समस्याओं को लेकर अच्छी खासे नाराज हैं। वे किसी प्रकार अपने घर जाना चाहते हैं।
यहां ठहरे हुए वीरेंद्र पाल लखीमपुर खीरी ने बताया कि उनके बच्चे घर पर परेशान है। उनके केवल दो छोटी लड़कियां हैं। वे घर पर दुखी हैं। उनके लिए खाने पीने का प्रबंध करना है यहां तक कि उनके बच्चे बार-बार बीमार हो रहे हैं इसलिए वह वापस वतन को जाना चाहते हैं। उनकी फसल लावणी के लिए तैयार है। वे 16 मार्च को हरियाणा में काम पर आए थे, लावणी करते हैं।
ओम प्रकाश रामपुर का कहना है कि उनके चार बच्चे हैं और वे 16 मार्च से हरियाणा आए थे। फसल कटाई के बाद जब वापस जाना चाह रहे थे तो उन्हें पकड़ लिया गया। तत्पश्चात से यहां पर ठहरे हुए हैं। चार बच्चों की देखरेख करने, फसल कटाई, अनाज का प्रबंध आदि करने के लिए वे अपने घर जाने को लालायित हैं। सर्वेश कुमार लखीमपुर ने बताया कि उनके चार बच्चे हैं। बच्चों की घर पर पढ़ाई की चिंता होने जा रही है। वे अपने वतन लौट आना चाहते हैं। कमलेश कुमार लखीमपुर ने बताया कि वे तीन बच्चों के पिता हैं। उनके खेतों में फसल खड़ी है। गेहूं की कटाई उन्हें स्वयं करनी पड़ती है। ऐसे में वापस अपने वतन को जाना चाहते हैं ताकि बीवी बच्चों के साथ मिलकर फसल कटाई कर सके और उनकी समस्या हल कर सके।
कनीना की ओर से दिया जाता बेहतरीन खाना-
नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार, एमई चमन लाल, सचिव राजाराम, लेखाकार शिवचरण शर्मा सहित महेंद्र सिंह हलवाई, पवन कुमार पोंडा, ओम्रपकाश ठेकेदार, बिक्रम सिंह आदि सभी निशुल्क सेवा प्रदान कर रहे हैं और इनके लिए बेहतरीन खाना नगर पालिका कार्यालय में बनाकर इन्हें दिया जा रहा है। खाने पीने से बेहद खुश है वही पंखों की व्यवस्था, सोने रहने, यहां तक कि साबुन, सेनीटाइजर और चाय पानी हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। समस्त कनीना वासी और आसपास के लोग दान दक्षिणा से इस शेल्टर होम को चला रहे हैं।
इन लोगों से बातचीत करने पर पता लगा कि यहां किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है अपितु घरेलू याद सता रही है। इसलिए यह वापस अपने घर जाना चाहते हैं। अधिकांश का कहना है कि उन्हें घर पर बहुत अधिक काम है। घर की रोटी रोजी भी चलानी है। इसलिए उन्हें वापस वतन को जाने दिया जाए।
बहरहाल इन को भूख हड़ताल से समझा-बुझाकर खाना तो खिला दिया लेकिन भविष्य का कुछ नहीं कहा जा सकता। अचानक फिर से भड़कने के मूड में हैं और इधर उधर मायूस बैठे रहते हैं। बहरहाल विभिन्न अधिकारी इनको समझाने के लिए समय-समय पर आ रहे हैं।
फोटो कैप्शन 8-9 रोष जताते हुए तथा फोटो कैप्शन वीरेंद्र पाल, कमलेश कुमार, ओमप्रकाश आदि।
राहत कोष में दिए 50 हजार
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कनीना। कनीना खंड के गांव करीरा की विभिन्न संस्थाओं ने एसडीएम रणवीर सिंह कनीना को 50 हजार रुपये की सहायतार्थ राशि भेजी है। अब तक 3.12 लाख रुपये की सहायतार्थ राशि करीरा की विभिन्न संस्थाएं भेज चुकी हैं। यह राशि मुख्यमंत्री कोरोनावायरस कोष में भेजी गई है।
विस्तृत जानकारी देते हुए कैप्टन सुमेर सिंह, कैप्टन राम सिंह, सूबेदार रामकिशन ,हंसराज विकम आदि ने बताया की पूर्व सैनिक एवं पूर्व अर्धसैनिक बल संगठन की ओर से 50 हजार रुपये सहायतार्थ राशि भेजी है। इससे पहले भी गांव द्वारा 251000 भेजे जा चुके हैं। इसी क्रम में करीरा आर्य समाज की ओर से 11000 रुपये सहायता राशि दी है।
फोटो कैप्शन 5: सहायतार्थ राशि भेंट करते करीरा के जन।
खरीद के आठवें दिन 277 किसानों ने 7378 क्विंटल सरसों बेची
-28 किसानों ने 1253 क्विंटल गेहूं बेचा
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कनीना। कनीना अनाज मंडी तथा इसके तहत आने वाले तीन खरीद केंद्रों पर सरसों की खरीद त्वरित गति से जारी है जबकि गेहूं की आवक बहुत कम हो रही है। महज कनीना मंडी में ही गेहूं खरीद हो रही है। खरीद के आठवें दिन बुधवार को जहां 277 किसानों ने 7378 क्विंटल सरसों तो 28 किसानों ने 1253 क्विंटल गेहूं बेचा है।
हैफेड चेयरमैन सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 93 किसानों ने 2551 क्विंटल, सेहलंग में 71 किसानों ने 1900 क्विंटल, दौंगड़ा अहीर में 64 किसानों ने 1603 क्विंटल तथा करीरा में 49 किसानों ने 1324 क्विंटल सरसों बेची है जबकि गेहूं 28 किसानों ने 1253 क्विंटल बेचा है।
कोरोनावायरस से बचाव के लिए मास्क बांट दे रही है सलाह
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कनीना। कस्बा कनीना में वार्ड 9 की एक महिला अपनी रोटी रोजी कमाने के उपरांत बचे समय में जन सेवा में जुटी हुई है। वे घर पर मास्क बनाकर लोगों को वितरित कर रही है और कोरोना बीमारी से बचने की उन्हें सलाह दे रही है।
मोनी देवी वार्ड नंबर 9 की निवासी है जो अपने परिवार का लालन पालन तो करती है वही समय बचते ही मास्क बना लेती हैं और अब तक उन्होंने 400 मास्क बनाकर क्षेत्र में मुफ्त दे दिए हैं ताकि कोरोनावायरस बच सकें।
उन्होंने बताया कि विगत दिनों से जब वैश्विक बीमारी कोरोनावायरस के बारे में तो अपने परिवार की सुरक्षा हेतु बाजार से मास्क खरीदना पड़ा जो महंगा लगा। उन्होंने सोचा क्यों ना अपने घर पर सस्ता मास्क बनाने का प्रयास करूं। एक मास्क को बेहतरीन ढंग से उन्होंने सस्ते में बना डाला तत्पश्चात उनका मनोबल बढ़ा। उनके पति योगेश कुमार ने उनका मनोबल बढ़ाया और कहा कि जन सेवा हेतु मास्क बनाओ मैं लोगों को वितरित कर दूंगा। मनोबल इतना बढ़ाया कि मेोनी ने मास्क बनाने शुरू कर दिए।अब तो वे 20- 25 मास्क प्रतिदिन बना देती है और योगेश कुमार को दे देती है। योगेश कुमार अपने क्षेत्र में तथा दूरदराज भी जरूरतमंदों को बांट देते हैं। उनके सराहनीय कदम के सभी कायल है। एक महिला होकर भी जी जान से जुटी हुई है और लोगों को कोरोनावायरस से बचाने का प्रयास कर रही है। उनका कहना है जब तक बीमारी पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हो जाएगी तब तक वे इसी प्रकार मास्क बनाती रहेगी।
फोटो कैप्शन 13: मास्क बनाते हुए वार्ड 9 की मोनी।
शेल्टर होम में खाने वास्ते दिया दान
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कनीना। कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चल रहे शेल्टर होम में खाने के वास्ते लोग जी जान से जुटे हुए हैं दान दक्षिणा दे रहे हैं। विस्तृत जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि रामप्रसाद साहब ने 5100 रुपए, एएसआई अनिल मंदोली 5000 रुपये, धर्म वीर मिस्त्री 5100 रुपए, प्रदीप बलिया 5100 रुपए, ठेकेदार ओमप्रकाश भडफ़ ने 2100 रुपये तो विक्रम पुत्र डॉक्टर मेहरचंद ने 11000 रुपये तथा लाल सिंह ने 1000 रुपये दान दिया है।
धनोन्दा गांव के किसानों की सरसों खरीद शुरू
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कनीना। धनौन्दा गांव के किसानों की सरसों कनीना मंडी में बिकने लगी है। इस गांव में स्थापित खरीद केंद्र बंद कर दिया गया था जिसके चलते समस्या बन गई थी।
यहां गौरतलब है कि एक सप्ताह से प्रदेश की सभी मंडियों में किसान की सरसों की खरीद शुरू हो गई थी। इसी कड़ी कोरोना महामारी को लेकर कनीना मंडी के तहत करीरा, भोजावास, सेहलंग, कनीना तथा धनौन्दा गांव में सरसों खरीद के लिए केंद्र बनाए थे लेकिन किसी कारण वश धनौन्दा का केंद्र हटा देने के कारण ग्राम वासियों को अपनी सरसों बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर होना पड़ा।
धनौंदा गांव के किसान सरसों खरीद करवाने के लिए एसडीएम कनीना रणवीर सिंह से मिले ौर उनकी समस्या हल करते हुए अब धनौन्दा गांव के किसानों के पास भी सरसों बेचने के संदेश आने लगे हैं।
आश्रम ट्रस्ट ने दिए 11 हजार राहत कोष में
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कनीना। बाबा कृष्णानन्द आश्रम ट्रस्ट धनौंदा द्वारा कोरोना नामक वैश्विक समस्या से जूझ रहे लोगों की सहायतार्थ एसडीएम कनीना के मार्फत सीएम कोरोना रिलीफ फंड में 11 हजार रुपये देकर सरकार की मदद की है। आश्रम के जीतपाल सिंह तथा फतेचन्द दायमा ने बताया कि इससे पहले भी बाबा कृष्णानन्द आश्रम देश मेें आई किसी भी आपदा में बढ़-चढ़ कर अपना योगदान देते रहे हैं। वही इसी कड़ी में डाक्टर फतेचन्द दायमा धनौन्दा द्वारा भी मुख्य मंत्री रिलीफ फंड हरियाणा को 5,100 रुपये की राशी देकर सरकार की मदद की है।
फोटो कैप्शन 12 आपदा कोष में एसडीएम के मार्फत राशि का चेक भेजते धनौंदा के ट्रस्टी।
सात दिनों में 82863 बैग सरसों खरीदी है जबकि 5283 बैग उठान
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कनीना। कनीना अनाज मंडी तथा इसके तहत आने वाले तीन खरीद केंद्रों पर सरसों की खरीद त्वरित गति से जारी है जबकि गेहूं की आवक बहुत कम हो रही है। महज कनीना मंडी में ही गेहूं खरीद हो रही है। खरीदके सातवें दिन जहां किसानों ने 6696 क्विंटल सरसों तो 19 किसानों ने 877 क्विंटल गेहूं बेचा है।
हैफेड चेयरमैन सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 40 किसानों ने 1200 क्विंटल, सेहलंग में 59 किसानों ने 1693 क्विंटल, दौंगड़ा अहीर में 72 किसानों ने 2597 क्विंटल तथा करीरा में 58 किसानों ने 1206 क्विंटल सरसों बेची है जबकि गेहूं 19 किसानों ने 877 क्विंटल बेचा है। अब तक सात दिनों में 82863 बैग सरसों खरीदी है जबकि 52836 बैग उठान किए जा चुके हैं जबकि गेहूं की दो दिनों में 30 किसानों से 1355 क्विंटल खरीद हुई है।
गेहूं की खुली बोली न होने से मंडी में आ रहा है कम गेहूं ---
यद्यपि कनीना क्षेत्र में 19950 हेक्टेयर पर सरसों और 10400 हेक्टेयर पर गेहूं बोया गया है किंतु सरसों के मुकाबले बहुत कम गेहूं अनाज मंडी में आ रहा है।
मिली जानकारी अनुसार हर वर्ष गेहूं की खरीद ओपन मार्केट में होती थी किंतु इस बार सरकार के आदेश अनुसार उन्हीं किसानों का गेहूं खरीदा जाएगा जिन्होंने अपनी जमीन पर गेहूं उगाया है और रजिस्ट्रेशन करवाया है। यही वजह है कि बहुत से किसान तो रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवा पाए और करीब 750 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। यही कारण है कि प्रतिदिन 500 क्विंटल का आंकड़ा पार कर पा रहा है। किसान भी नाराज है। उनकी मांग है कि इन सभी किसानों का गेहूं खरीदा जाए।
फोटो कैप्शन 1: सरसों की खरीद करते हैफेड मैनेजर।
गेहूं की खुली बोली न होने से मंडी में आ रहा है कम गेहूं
संवाद सहयोगी,कनीना। यद्यपि कनीना क्षेत्र में 19950 हेक्टेयर पर सरसों और 10400 हेक्टेयर पर गेहूं बोया गया है किंतु सरसों के मुकाबले बहुत कम गेहूं अनाज मंडी में आ रहा है।
मिली जानकारी अनुसार हर वर्ष गेहूं की खरीद ओपन मार्केट में होती थी किंतु इस बार सरकार के आदेश अनुसार उन्हीं किसानों का गेहूं खरीदा जाएगा जिन्होंने अपनी जमीन पर गेहूं उगाया है और रजिस्ट्रेशन करवाया है। यही वजह है कि बहुत से किसान तो रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवा पाए और करीब 750 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। यही कारण है कि प्रतिदिन 500 क्विंटल का आंकड़ा पार कर पा रहा है। किसान भी नाराज है। उनकी मांग है कि इन सभी किसानों का गेहूं खरीदा जाए।
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-वापस अपने प्रदेश को जाने की कर रहे हैं मांग
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-सुबह की चाय भी नहीं पी डीएसपी मौके पर पहुंचे
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कनीना। पिछले करीब 1 महीने से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना शेल्टर होम में रुके हुए दूसरे राज्यों के लोगों ने आखिरकार परेशान होकर तीन घंटे भूख हड़ताल की। सुबह की चाय भी उन्होंने नहीं ली। वे वापस अपने प्रदेश
को जाने की मांग कर रहे हैं।
कनीना के शेल्टर होम में 49 उत्तर प्रदेश के लोग ठहरे हुए हैं जिसमें से सात रामपुर, 24 लखीमपुर, 6 शहजानपुर, 3 फर्रुखाबाद तथा 7 पीलीभीत से है दो अन्य ऐसे व्यक्ति भी है जो अपना अता पता भी नहीं बता पा रहे हैं। विगत 30 मार्च से शेल्टर होम में रुके हुए हैं। बेहतरीन खाना रहन-सहन,बिस्तर, पंखे आदि की व्यवस्था की गई है जिसको लेकर के उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है लेकिन बुधवार की सुबह अचानक सभी भड़क उठे और प्रार्थना सभा मैदान में इकट्ठे हो गए सुबह जब करीब 7:00 बजे चाय पहुंचाई गई तो चाय लेने से इंकार कर दिया। आखिरकार बात उच्च अधिकारियों तक पहुंची। उच्च अधिकारियों में कनीना डीएसपी साधुराम बिश्रोई, विकास कुमार एसएचओ, एएसआई गोविंद सिंह सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा उनकी समस्त जानकारी हासिल की। उन्होंने अपनी समस्याएं उनके समक्ष रखी कि वे अपने वतन पर लौटना चाहते हैं और वहां अपने बच्चों की देखरेख करना चाहते हैं। वे यहां बोर हो चले हैं।
उन्होंने बताया की उनके बच्चे घर पर परेशान हो रहे हैं। इसीलिए भी उनकी जरूरत है। उन्हें किसी भी प्रकार अपने वतन को पहुंचाया जाए। उनका यहां तक कि यह भी कहना है कि यहीं से बस आदि का प्रबंध किया जाए।
इस मौके पर उपस्थित डीएसपी कनीना साधु राम बिश्नोई ने उन्हें बताया कि वह इस मामले में वे उनकी बात उच्च अधिकारियों तक पहुंचा सकते हैं जो भी निर्णय होगा सरकार का होगा। उसका वे पालन कर करेंगे। अपनी तरफ से उन्हें उनके वतन नहीं लौटा सकते। ऐसे में उन्हें समझा बूझाया, बार-बार विभिन्न अधिकारियों ने आकर उनको समझाया और आखिरकार करीब 3 घंटे पश्चात दोपहर के खाने पर नगरपालिका कार्यालय में पहुंचे लेकिन अभी भी उनका रोष समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है। इस मौके पर रमेश कुमार गिरददावर, श्रीराम प्राध्यापक, कंवरसेन वशिष्ठ, अमरजीत आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन: एक से 7 तथा 10 एवं 11 रोष दर्शाते हुए तथा अधिकारी उन्हें समझाते हुए।
बोर हो गए हैं शेल्टर होम में अपने वतन लौटना चाहते हैं
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कनीना। कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के शेल्टर होम में
30 मार्च से रुके हुए अधिकांश उत्तर प्रदेश के लोग आखिरकार परेशान हो चले हैं, बोर हो गए हैं। वे अपने वतन जाकर अपने परिवार की देखरेख, फसल कटाई एवं अनाज आदि का प्रबंध करना चाहते हैं। उनसे विस्तृत चर्चा की तो उन्होंने बताया कि वे अब नहीं रुकना चाहते हैं। उन्हें यहां खाने-पीने, रहने सहने की हर सुविधा उपलब्ध है। स्थानीय प्रबंध पर उन्होंने खुशी जताई किंतु अब लंबे समय से घर की याद आ रही है। वे अपने घर परिवार की समस्याओं को लेकर अच्छी खासे नाराज हैं। वे किसी प्रकार अपने घर जाना चाहते हैं।
यहां ठहरे हुए वीरेंद्र पाल लखीमपुर खीरी ने बताया कि उनके बच्चे घर पर परेशान है। उनके केवल दो छोटी लड़कियां हैं। वे घर पर दुखी हैं। उनके लिए खाने पीने का प्रबंध करना है यहां तक कि उनके बच्चे बार-बार बीमार हो रहे हैं इसलिए वह वापस वतन को जाना चाहते हैं। उनकी फसल लावणी के लिए तैयार है। वे 16 मार्च को हरियाणा में काम पर आए थे, लावणी करते हैं।
ओम प्रकाश रामपुर का कहना है कि उनके चार बच्चे हैं और वे 16 मार्च से हरियाणा आए थे। फसल कटाई के बाद जब वापस जाना चाह रहे थे तो उन्हें पकड़ लिया गया। तत्पश्चात से यहां पर ठहरे हुए हैं। चार बच्चों की देखरेख करने, फसल कटाई, अनाज का प्रबंध आदि करने के लिए वे अपने घर जाने को लालायित हैं। सर्वेश कुमार लखीमपुर ने बताया कि उनके चार बच्चे हैं। बच्चों की घर पर पढ़ाई की चिंता होने जा रही है। वे अपने वतन लौट आना चाहते हैं। कमलेश कुमार लखीमपुर ने बताया कि वे तीन बच्चों के पिता हैं। उनके खेतों में फसल खड़ी है। गेहूं की कटाई उन्हें स्वयं करनी पड़ती है। ऐसे में वापस अपने वतन को जाना चाहते हैं ताकि बीवी बच्चों के साथ मिलकर फसल कटाई कर सके और उनकी समस्या हल कर सके।
कनीना की ओर से दिया जाता बेहतरीन खाना-
नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार, एमई चमन लाल, सचिव राजाराम, लेखाकार शिवचरण शर्मा सहित महेंद्र सिंह हलवाई, पवन कुमार पोंडा, ओम्रपकाश ठेकेदार, बिक्रम सिंह आदि सभी निशुल्क सेवा प्रदान कर रहे हैं और इनके लिए बेहतरीन खाना नगर पालिका कार्यालय में बनाकर इन्हें दिया जा रहा है। खाने पीने से बेहद खुश है वही पंखों की व्यवस्था, सोने रहने, यहां तक कि साबुन, सेनीटाइजर और चाय पानी हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। समस्त कनीना वासी और आसपास के लोग दान दक्षिणा से इस शेल्टर होम को चला रहे हैं।
इन लोगों से बातचीत करने पर पता लगा कि यहां किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है अपितु घरेलू याद सता रही है। इसलिए यह वापस अपने घर जाना चाहते हैं। अधिकांश का कहना है कि उन्हें घर पर बहुत अधिक काम है। घर की रोटी रोजी भी चलानी है। इसलिए उन्हें वापस वतन को जाने दिया जाए।
बहरहाल इन को भूख हड़ताल से समझा-बुझाकर खाना तो खिला दिया लेकिन भविष्य का कुछ नहीं कहा जा सकता। अचानक फिर से भड़कने के मूड में हैं और इधर उधर मायूस बैठे रहते हैं। बहरहाल विभिन्न अधिकारी इनको समझाने के लिए समय-समय पर आ रहे हैं।
फोटो कैप्शन 8-9 रोष जताते हुए तथा फोटो कैप्शन वीरेंद्र पाल, कमलेश कुमार, ओमप्रकाश आदि।
राहत कोष में दिए 50 हजार
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कनीना। कनीना खंड के गांव करीरा की विभिन्न संस्थाओं ने एसडीएम रणवीर सिंह कनीना को 50 हजार रुपये की सहायतार्थ राशि भेजी है। अब तक 3.12 लाख रुपये की सहायतार्थ राशि करीरा की विभिन्न संस्थाएं भेज चुकी हैं। यह राशि मुख्यमंत्री कोरोनावायरस कोष में भेजी गई है।
विस्तृत जानकारी देते हुए कैप्टन सुमेर सिंह, कैप्टन राम सिंह, सूबेदार रामकिशन ,हंसराज विकम आदि ने बताया की पूर्व सैनिक एवं पूर्व अर्धसैनिक बल संगठन की ओर से 50 हजार रुपये सहायतार्थ राशि भेजी है। इससे पहले भी गांव द्वारा 251000 भेजे जा चुके हैं। इसी क्रम में करीरा आर्य समाज की ओर से 11000 रुपये सहायता राशि दी है।
फोटो कैप्शन 5: सहायतार्थ राशि भेंट करते करीरा के जन।
खरीद के आठवें दिन 277 किसानों ने 7378 क्विंटल सरसों बेची
-28 किसानों ने 1253 क्विंटल गेहूं बेचा
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कनीना। कनीना अनाज मंडी तथा इसके तहत आने वाले तीन खरीद केंद्रों पर सरसों की खरीद त्वरित गति से जारी है जबकि गेहूं की आवक बहुत कम हो रही है। महज कनीना मंडी में ही गेहूं खरीद हो रही है। खरीद के आठवें दिन बुधवार को जहां 277 किसानों ने 7378 क्विंटल सरसों तो 28 किसानों ने 1253 क्विंटल गेहूं बेचा है।
हैफेड चेयरमैन सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 93 किसानों ने 2551 क्विंटल, सेहलंग में 71 किसानों ने 1900 क्विंटल, दौंगड़ा अहीर में 64 किसानों ने 1603 क्विंटल तथा करीरा में 49 किसानों ने 1324 क्विंटल सरसों बेची है जबकि गेहूं 28 किसानों ने 1253 क्विंटल बेचा है।
कोरोनावायरस से बचाव के लिए मास्क बांट दे रही है सलाह
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कनीना। कस्बा कनीना में वार्ड 9 की एक महिला अपनी रोटी रोजी कमाने के उपरांत बचे समय में जन सेवा में जुटी हुई है। वे घर पर मास्क बनाकर लोगों को वितरित कर रही है और कोरोना बीमारी से बचने की उन्हें सलाह दे रही है।
मोनी देवी वार्ड नंबर 9 की निवासी है जो अपने परिवार का लालन पालन तो करती है वही समय बचते ही मास्क बना लेती हैं और अब तक उन्होंने 400 मास्क बनाकर क्षेत्र में मुफ्त दे दिए हैं ताकि कोरोनावायरस बच सकें।
उन्होंने बताया कि विगत दिनों से जब वैश्विक बीमारी कोरोनावायरस के बारे में तो अपने परिवार की सुरक्षा हेतु बाजार से मास्क खरीदना पड़ा जो महंगा लगा। उन्होंने सोचा क्यों ना अपने घर पर सस्ता मास्क बनाने का प्रयास करूं। एक मास्क को बेहतरीन ढंग से उन्होंने सस्ते में बना डाला तत्पश्चात उनका मनोबल बढ़ा। उनके पति योगेश कुमार ने उनका मनोबल बढ़ाया और कहा कि जन सेवा हेतु मास्क बनाओ मैं लोगों को वितरित कर दूंगा। मनोबल इतना बढ़ाया कि मेोनी ने मास्क बनाने शुरू कर दिए।अब तो वे 20- 25 मास्क प्रतिदिन बना देती है और योगेश कुमार को दे देती है। योगेश कुमार अपने क्षेत्र में तथा दूरदराज भी जरूरतमंदों को बांट देते हैं। उनके सराहनीय कदम के सभी कायल है। एक महिला होकर भी जी जान से जुटी हुई है और लोगों को कोरोनावायरस से बचाने का प्रयास कर रही है। उनका कहना है जब तक बीमारी पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हो जाएगी तब तक वे इसी प्रकार मास्क बनाती रहेगी।
फोटो कैप्शन 13: मास्क बनाते हुए वार्ड 9 की मोनी।
शेल्टर होम में खाने वास्ते दिया दान
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कनीना। कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चल रहे शेल्टर होम में खाने के वास्ते लोग जी जान से जुटे हुए हैं दान दक्षिणा दे रहे हैं। विस्तृत जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि रामप्रसाद साहब ने 5100 रुपए, एएसआई अनिल मंदोली 5000 रुपये, धर्म वीर मिस्त्री 5100 रुपए, प्रदीप बलिया 5100 रुपए, ठेकेदार ओमप्रकाश भडफ़ ने 2100 रुपये तो विक्रम पुत्र डॉक्टर मेहरचंद ने 11000 रुपये तथा लाल सिंह ने 1000 रुपये दान दिया है।
धनोन्दा गांव के किसानों की सरसों खरीद शुरू
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कनीना। धनौन्दा गांव के किसानों की सरसों कनीना मंडी में बिकने लगी है। इस गांव में स्थापित खरीद केंद्र बंद कर दिया गया था जिसके चलते समस्या बन गई थी।
यहां गौरतलब है कि एक सप्ताह से प्रदेश की सभी मंडियों में किसान की सरसों की खरीद शुरू हो गई थी। इसी कड़ी कोरोना महामारी को लेकर कनीना मंडी के तहत करीरा, भोजावास, सेहलंग, कनीना तथा धनौन्दा गांव में सरसों खरीद के लिए केंद्र बनाए थे लेकिन किसी कारण वश धनौन्दा का केंद्र हटा देने के कारण ग्राम वासियों को अपनी सरसों बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर होना पड़ा।
धनौंदा गांव के किसान सरसों खरीद करवाने के लिए एसडीएम कनीना रणवीर सिंह से मिले ौर उनकी समस्या हल करते हुए अब धनौन्दा गांव के किसानों के पास भी सरसों बेचने के संदेश आने लगे हैं।
आश्रम ट्रस्ट ने दिए 11 हजार राहत कोष में
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कनीना। बाबा कृष्णानन्द आश्रम ट्रस्ट धनौंदा द्वारा कोरोना नामक वैश्विक समस्या से जूझ रहे लोगों की सहायतार्थ एसडीएम कनीना के मार्फत सीएम कोरोना रिलीफ फंड में 11 हजार रुपये देकर सरकार की मदद की है। आश्रम के जीतपाल सिंह तथा फतेचन्द दायमा ने बताया कि इससे पहले भी बाबा कृष्णानन्द आश्रम देश मेें आई किसी भी आपदा में बढ़-चढ़ कर अपना योगदान देते रहे हैं। वही इसी कड़ी में डाक्टर फतेचन्द दायमा धनौन्दा द्वारा भी मुख्य मंत्री रिलीफ फंड हरियाणा को 5,100 रुपये की राशी देकर सरकार की मदद की है।
फोटो कैप्शन 12 आपदा कोष में एसडीएम के मार्फत राशि का चेक भेजते धनौंदा के ट्रस्टी।
सात दिनों में 82863 बैग सरसों खरीदी है जबकि 5283 बैग उठान
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कनीना। कनीना अनाज मंडी तथा इसके तहत आने वाले तीन खरीद केंद्रों पर सरसों की खरीद त्वरित गति से जारी है जबकि गेहूं की आवक बहुत कम हो रही है। महज कनीना मंडी में ही गेहूं खरीद हो रही है। खरीदके सातवें दिन जहां किसानों ने 6696 क्विंटल सरसों तो 19 किसानों ने 877 क्विंटल गेहूं बेचा है।
हैफेड चेयरमैन सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 40 किसानों ने 1200 क्विंटल, सेहलंग में 59 किसानों ने 1693 क्विंटल, दौंगड़ा अहीर में 72 किसानों ने 2597 क्विंटल तथा करीरा में 58 किसानों ने 1206 क्विंटल सरसों बेची है जबकि गेहूं 19 किसानों ने 877 क्विंटल बेचा है। अब तक सात दिनों में 82863 बैग सरसों खरीदी है जबकि 52836 बैग उठान किए जा चुके हैं जबकि गेहूं की दो दिनों में 30 किसानों से 1355 क्विंटल खरीद हुई है।
गेहूं की खुली बोली न होने से मंडी में आ रहा है कम गेहूं ---
यद्यपि कनीना क्षेत्र में 19950 हेक्टेयर पर सरसों और 10400 हेक्टेयर पर गेहूं बोया गया है किंतु सरसों के मुकाबले बहुत कम गेहूं अनाज मंडी में आ रहा है।
मिली जानकारी अनुसार हर वर्ष गेहूं की खरीद ओपन मार्केट में होती थी किंतु इस बार सरकार के आदेश अनुसार उन्हीं किसानों का गेहूं खरीदा जाएगा जिन्होंने अपनी जमीन पर गेहूं उगाया है और रजिस्ट्रेशन करवाया है। यही वजह है कि बहुत से किसान तो रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवा पाए और करीब 750 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। यही कारण है कि प्रतिदिन 500 क्विंटल का आंकड़ा पार कर पा रहा है। किसान भी नाराज है। उनकी मांग है कि इन सभी किसानों का गेहूं खरीदा जाए।
फोटो कैप्शन 1: सरसों की खरीद करते हैफेड मैनेजर।
गेहूं की खुली बोली न होने से मंडी में आ रहा है कम गेहूं
संवाद सहयोगी,कनीना। यद्यपि कनीना क्षेत्र में 19950 हेक्टेयर पर सरसों और 10400 हेक्टेयर पर गेहूं बोया गया है किंतु सरसों के मुकाबले बहुत कम गेहूं अनाज मंडी में आ रहा है।
मिली जानकारी अनुसार हर वर्ष गेहूं की खरीद ओपन मार्केट में होती थी किंतु इस बार सरकार के आदेश अनुसार उन्हीं किसानों का गेहूं खरीदा जाएगा जिन्होंने अपनी जमीन पर गेहूं उगाया है और रजिस्ट्रेशन करवाया है। यही वजह है कि बहुत से किसान तो रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवा पाए और करीब 750 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। यही कारण है कि प्रतिदिन 500 क्विंटल का आंकड़ा पार कर पा रहा है। किसान भी नाराज है। उनकी मांग है कि इन सभी किसानों का गेहूं खरीदा जाए।
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