गाहड़ा गांव में खेत से फव्वारा नोजल चोरी
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कनीना। उपमंडल के गांव गाहड़ा से अज्ञात चोर बीती रात किसान के खेत से फव्वारा नोजल चोरी कर ले गए। गाहड़ा निवासी गजराज सिंह ने बताया कहा है कि चोर उनके खेत से फव्वारों की 5 नोजल नलकी चोरी कर ले गए। अपने स्तर पर छानबीन के बाद किसान ने पुलिस से चोरों के विरुद्ध कार्रवाई की गुहार कर चोरी की गई नोजल बरामद करने की मांग की है।
चौथे दिन खरीद 4939 क्विंटल
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कनीना। कनीना तथा कनीना के तहत आने वाले तीन विभिन्न खरीद केंद्रों पर सरसों की खरीद जारी है। चौथे खरीद के चौथे दिन 181 किसानों की 4939 क्विंटल सरसों खरीदी।
विस्तृत जानकारी देते हुए हैं हैफेड मैनेजर सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 56 किसानों ने 1560 क्विंटल, सेहलंग में 45 किसानों ने 1326 क्विंटल, करीरा में 40 किसानों ने 1153 क्विंटल तथा दौंगड़ा अहीर में 40 किसानों ने 900 क्विंटल सरसों बेची है। इससे पहले 3 दिनों में 27281 बैग सरसों के खरीदी जा चुकी हैं। आज यह चौथा दिन था। चौथे दिन की खरीद बैग अनुसार 10975 बैग है। अब तक चारों दिन 38256 बैग सरसों खरीदी है जिसमें से करीब 20 हजार बैग सरसों का उठान हो चुका है।
फोटो कैप्शन 8: मौसम की नजाकत को देखते हुए तिरपालों से सरसों ढककर खरीदते हुए।
लॉकडाउन में याद आते हैं फास्ट फूड
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कनीना। बेशक परिवार तथा डॉक्टर फास्ट फूड को खराब बताएं किंतु बच्चे फास्ट फूड विशेषकर समोसे पानी के बतासे, दही बल्ले आदि को नहीं भूल पा रहे हैं। अब घर पर ही ये चीजें बना करके खाने लगे हैं।
वैसे तो जब से लॉकडाउन बढ़ा है तब से परिवार वाले भी परेशान हो गए हैं। बच्चे जन्म से ही शरारती होते हैं। यही कारण है कि घर में दिनभर हा-ल्लड़ रखते जिसके चलते परिवार वाले अक्सर यही कहते सुने हैं कि कब खुलेंगे स्कूल?
उधर उनकी फास्ट फूड की मांग भी बढ़ गई है क्योंकि फास्ट फूड आदि कुछ खाने को नहीं मिलता। चटपटा खाने को उनका जी करता है। यहां तक कि बच्चे भी अब बहुत एक्टिव हो गए हैं ऐसे में पानी बतासा, समोसे, इडली, चाउमीन, बर्गर आदि बनाकर खाने लगे हैं। अक्की और चिक्की नाम के दो भाई बहनों ने तो स्वयं रसोई का कार्य संभाल लिया है। इन्होंने तो जमकर पानी बतासा बनाए और न केवल खुद खाए अपितु परिवार वालों को भी खिलाएं। बच्चे अति चतुर होते हैं और नेट के जरिए पानी बतासे, समोसे आदि बनाना सीख लेते हैं और स्वयं तैयार करके बड़े चाव से खाते हैं। बड़े भी इनके कार्य को देख कर के बहुत खुश होते हैं।
फोटो कैप्शन: अक्की और चिक्की पानी पतासे, समोसे खाते हुए।
घर पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं विद्यार्थी
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कनीना। बेशक लॉकडाउन के चलते स्कूल मई माह तक बंद रहेंगे किंतु सभी स्कूलों ने आनलाइन शिक्षण शुरू कर दिया है। इस वजह से विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। मोबाइल एवं कंप्यूटर की मदद कारगर हो रही है वहीं टीवी चैनल शिक्षक की भूमिका में आगे आ रहे हैं।
कक्षा आठवीं की छात्रा मानवी यादव व कनिका यादव ने बताया की हम दोनों बहनें ऑनलाइन कक्षाओं का बहुत फायदा उठा रही है। सभी स्कूलों ने हम सभी बच्चों के लिए ये ऑनलाइन पढ़ाई का अच्छा कदम उठाया हैं ऑनलाइन पढ़ाई से पहले हम टीवी देखकर बोर हो जाते थे लेकिन अब व्हाट्सअप के द्वारा हमें अपना होमवर्क मिल जाता है वहाँ से पढ़कर हम अपने समय का सदुपयोग कर रहे है । अध्यापक जब हमें कक्षाओं में पढ़ाते थे तब हमें बहुत ज्यादा मेहनत नही करनी पड़ती थी क्योंकि टीचर ने ब्लैकबोर्ड पर प्रश्नों को हल किया और हमने नोटबुक में लिख लिया लेकिन अब हमें टीचर से केवल कुछ टिप्स ही मिल पाते है बाकी सारा कार्य किताब की मेहनत से कर रहे है जिससे हमारे अंदर स्वयं पढऩे की एक बहुत अच्छी आदत विकसित हो रही है।हम खुद किताब को पढ़कर प्रश्न का उत्तर ढूंढ पा रहे है। ये आदत हमें क्रिएटिव दिमाग का बना रही है। हम अपने माता पिता जो की दोनो गणित के शिक्षक है की मदद से भी अपनी पढ़ाई कर लेते है ।पहले मोबाइल को गेम खेलने के लिए मम्मी पापा से लेते थे तब मम्मी पापा दोनों डाट लगाते थे लेकिन अब सुबह सुबह होमवर्क के लिए मोबाइल लेते है तो मम्मी पापा दोनो को बहुत अच्छा लगता है ।हमने तो समय से अपनी किताबें ले ली थी लेकिन हमारी कक्षा के बहुत सारे बच्चे तो किताबें भी नही खरीद पाए थे इससे पहले ही लॉकडाउन हो गया था इसलिए उन बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करने में दिक्कत आ रही हैं। हम दोनों बहनें घर पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई का बहुत ज्यादा फायदा उठा रही है। हम मासूम बच्चे भगवान से प्रार्थना करते है की भगवान इस कोरोना बीमारी को भारत से भगाओ ताकि हमारे सभी को आ रही परेशानियां खत्म हो व हमारे स्कूल खुल सकें।
युवाओं ने किया गांव बाघोत को सैनिटाइज ग्रामीणों को किए 450 मास्क वितरित
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कनीना। बाघोत ग्राम पंचायत व परशुराम ग्रुप ने त्वरित गति से कोरोना से लडऩे के लिए कार्यवाही में जुटा हुआ है। परशुराम ग्रुपके माध्यम से कीटनाशक दवाई छिड़कवाई गई है। परशुराम ग्रुप के सुनील अत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि 200 ग्राम कीटनाशक को 500 लीटर पानी की टंकी में डालकर ट्रैक्टर द्वारा गांव के मंदिर से गांव की सभी छोटी बड़ी गलियों में से होते हुए गांव के चारों तरफ इस कीटनाशक का छिड़काव किया गया है। उसके बाद हरिजन बस्ती, तथा विभिन्न स्थानों पर छिड़कवाया है।
गांव में कुछ युवाओं ने एक परशुराम ग्रुप बनाया हुआ हैं जो कोरोना की जानकारी दे रहा है । इसके साथ ही यह ग्रुप ग्रामीणों को 450 मास्क वितरित कर उनको घर में रहने के लिए जागरूक कर रहा है । इस मुहिम में मुख्य रूप से सुनील अत्री, मंजीत वशिष्ठ, प्रवीण अत्री, मोनू पहलवान, सतीश अत्री आदि शामिल रहे ।
गाहड़ा गांव में खेत से फव्वारा नोजल चोरी
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कनीना। उपमंडल के गांव गाहड़ा से अज्ञात चोर बीती रात किसान के खेत से फव्वारा नोजल चोरी कर ले गए। गाहड़ा निवासी गजराज सिंह ने बताया कहा है कि चोर उनके खेत से फव्वारों की 5 नोजल नलकी चोरी कर ले गए। अपने स्तर पर छानबीन के बाद किसान ने पुलिस से चोरों के विरुद्ध कार्रवाई की गुहार कर चोरी की गई नोजल बरामद करने की मांग की है।
जब पार्षद ने पूड़ी तलकर खिलाई शेल्टर होम में
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कनीना। कनीना के वार्ड एक के पार्षद मास्टर दिलीप कुमार सेवानिवृत्त होने के बावजूद भी अब जनसेवा में जुटे हुए हैं। कनीना के पार्षद हैं किंतु दुर्भाग्यवश उनका एक हाथ नहीं है। परंतु एक हाथ से भी सभी कार्य पूर्ण कर सकते हैं। हुआ यूं कि शनिवार दोपहर जब पूडिय़ां तलने वाला हलवाई नहीं था और शेल्टर होम में लोग खाना खाने आ गए। आंव देखा ना ताव पार्षद ने स्वयं ही पूड़ी तलनी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि वे किसी काम को छोटा नहीं समझते। पूडिय़ां ही नहीं अपितु खाना भी बना सकते हैं। इस प्रकार पूड़ी तलकर उन्होंने उपस्थित समस्त लोगों को खाना खिलाया।
फोटो कैप्शन 7:पूडिय़ा तलते हुए दिलीप कुमार पार्षद।
लॉकडाउन में डॉक्टर की सलाह...
मरीज फोन से सलाह ले सकते हैं
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कनीना। कनीना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक जमाने में एसएमओ पद पर रहे एवं बेहतरीन नाम कमाने वाले डा सुरेंद्र सनसनवाल(एमबीबीएस, डीसीएच) वर्तमान में बस स्टैंड पर सेवा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब मरीजों को उनके पास आने की जरूरत नहीं है। जब तक लॉकडाउन चले तब तक सरकार के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करे।
उन्होंने कहा कि कोई भी मरीज 946638427 पर फोन कर सकता है। वे तुरंत उनको दवाइयों के बारे में नए केवल बताएंगे अपितु मरीज के घर के आस पास किसी भी मेडिकल स्टोर संचालक को भी समझएंगे कि कौन कौन सी दवाई मरीज को कैसे जाए? उन्होंने कहा कि लोकडाउन में फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखना जरूरी है वही हाथों को नियमित रूप से धोते रहना चाहिए। मास्क का प्रयोग करना चाहिए किंतु उनके पास ज्यादा आने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यूं तो उनके पास प्रतिदिन 50 तक मरीज आते हैं किंतु वे नहीं चाहते कि उन तक वे अधिक आए। फोन पर पूर्ण सलाह देंगे। उन्होंने कहा कि यदि खांसी बुखार, जुकाम के लक्षण हो तो उसे तुरंत सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए।
फोटो कैप्शन: डा सुरेंद्र सनसनवाल।
डॉक्टर की सलाह
दुकानदारों को बरतनी चाहिए सामान देते वक्त सावधानियां
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कनीना। डॉ राजनेश (एमबीबीएस, एमडी) का कहना है कि कोरोनावायरस एक गंभीर बीमारी है इससे बचने के लिए ऐतिहात के सभी नियमों का पालन करने से ही इस रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि घर के अंदर रहना, बाहर जाने का जरूरी हो तो बाहर जाए किंतु मुंह पर मास्क लगा हो। दूसरे व्यक्ति से 1 मीटर दूरी बनाए रखें किंतु किसी अपरिचित व्यक्ति से लिफ्ट न ले। अज्ञात व्यक्ति यदि बाइक पर जा रहा है तो उससे लिफ्ट या तो न ले और ले ली है तो उस व्यक्ति को न छुए। नियमित हाथों की सफाई करें। यदि परिवार का सदस्य है तो उसके साथ बेशक एक बाइक पर बैठ सकता है।
उन्होंने कहा अक्सर इस रोग को फैलाने में फल, सब्जी, अनाज तथा परचून का सामान विक्रेता भी कारण बन सकते हैं। उन्हें चाहिए कि वे आम ग्राहक वस्तुएं न छूने दे। अगर रोगी वस्तु को छू जाए तो फल, सब्जियों तथा अनाज आदि से रोगाणु होते हुए घर तक पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि फल/ सब्जियों को भी अच्छी प्रकार धो लेना चाहिए।
उन्होंने कहा दुकानदार भी ग्राहकों को दूर दूर खड़े करने चाहिए। एक 1 मीटर दूरी पर खड़े करके उनसे दूर से ही पूछ लेना चाहिए और स्वयं पर्ची बनाकर दूर से ही सामान दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की ओर से अभी तक कोई यह स्पष्ट नहीं है कि धूप का और गर्मी का इस दिन पर कोई प्रभाव पड़ता हो।
फोटो कैप्शन: डा रजनेश
गर्मियों में पक्षियों के लिए हो पानी का प्रबंध
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कनीना। गर्मी के दिनों में बहुत से पक्षी बिना पानी के मर जाते हैं। उनको बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए।
सूबे सिंह का कहना है कि गर्मियों में वन्य जीवों को बचाने के लिए पानी का प्रबंध किया जाए। गर्मी के दिनों में पक्षियों को दूर दराज तक पानी एवं चुग्गा नहीं मिलता है जिसके चलते उनकी मौत हो जाती है। उनका मानना है कि जब गर्मी के दिनों में इंसान की हालात बदहाल हो जाती है तो पानी के बगैर पक्षियों पर क्या बीतती होगी?
करीरा के निवासी एवं पीएफए के सदस्य बालकिशन का कहना है कि वे अपने घर की छत पर पक्षियों के लिए चुग्गे का प्रबंध कर रहे हैं तथा पानी के बर्तन रखवाए हैं। उन्होंने कहा कि पक्षियों की सुरक्षा से उनकी सुरक्षा संभव है। उन्होंने भी अपने गांव में जितना हो सके पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध करेंगे।
सुनील कुमार का कहना है कि गर्मियों में ट्यूबवेल से खेत में खाली जगह पर पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध करेंगे वहीं पक्षियों के लिए पेड़ों पर झावली टांगते हैं। उनका कहना है कि वे पक्षियों के लिए ही नहीं अपितु लोगों के लिए भी प्याऊ लगाते आ रहे हैं। उनका कहना है कि वन्य जीव भी शृंखला का एक अंग होते हैं।
राजेंद्र सिंह कनीना के निवासी हैं तथा समाजसेवा में अग्रणी हैं। उनका कहना है कि वे तो वर्षों से अपने खेत में जीवों के लिए जल का प्रबंध करते आ रहे हैं। छत पर भी जल तथा चुग्गे का प्रबंध करेेंगे। उनका कहना है कि उनके पूर्वज कभी से पक्षियों के लिए जल का प्रबंध करते आए हैं। उन्होंने सभी से प्रार्थना की कि वे भी पक्षियों के लिए जल का प्रबंध करें।
फोटो कैप्शन: राजेंद्र सिंह, सुनील कुमार, सूबे सिंह, बालकिशन
कनीना खंड के सभी स्कूलों में चल रहा है ऑनलाइन शिक्षण
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कनीना। कनीना खंड के तहत 128 सरकारी स्कूल तथा निजी स्कूल मिलाकर 178 स्कूल बनते हैं और सभी स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
कनीना खंड के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुढ़ा तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना में 25 मार्च से ऑनलाइन शिक्षण कार्य शुरू हो गया था। शिक्षक भी विद्यार्थियों से फीडबैक ले रहे हैं तथा लगातार रोजाना गृृहकार्य भी दिया जा रहा है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुढ़ा में प्राचार्य अभयराम यादव की देखरेख में नितिन, कृष्णचंद्र तथा अन्य सभी शिक्षक जी जान से जुट रहे हैं और प्रतिदिन विद्यार्थियों को व्हाट्सएप, फेसबुक, यू-ट्यूब के जरिये ऑनलाइन शिक्षण करवा रहे हैं।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना में प्राचार्य जयप्रकाश की अध्यक्षता में वेबसाइट बनाया हुआ है जहां व्हाट्सएप, यूट्यूब के जरिए शिक्षण कार्य जयपाल प्रवक्ता की देखरेख में चल रहा है। सभी शिक्षक अपना अपना शिक्षण मेटिरियल तथा प्रश्रोत्तर डालते हैं और विद्यार्थी उत्साह से उसका अध्ययन करते हैं। यह सत्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावकों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं है किंतु वे पड़ोसियों से एंड्रॉयड फोन की सहायता से अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यहां तक कि सीधा संवाद भी फोन के जरिए चल रहा है।
क्या कहते हैं खंड शिक्षा अधिकारी-
खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम यादव ने बताया कि कक्षा 9 से 12 तक सभी स्कूलों में व्हाट्सएप ग्रुप बन चुके हैं और विद्यार्थियों को जोड़ा गगया है। एबीआरसी इसमें माध्यम की भूमिका निभा रहे हैं। जिसमें प्रतिदिन सामग्री भेजी जा रही है। कक्षा 6 से 8 में भी बहुत बेहतरीन संदेश जा रहा है। उन्होंने बताया कि छोटे बच्चे कक्षा 1 से 5 में थोड़ी दिक्कत आ रही है। गरीब तबके के जन है लेकिन उनसे सीधे फोन पर संवाद हो रहा है और उनके बच्चों को सामान्य फोन से संवाद करके पढ़ाया जा रहा है।
27281 बैग सरसों खरीदी
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कनीना। कनीना तथा तीन विभिन्न कनीना के खरीद केंद्रों पर 27281 बैग सरसों के खरीदे जा चुके हैं। सरसों खरीद का कार्य त्वरित गति से जारी है किंतु अनाज मंडी में मजदूरों का अभाव खल रहा है। मजदूरों का प्रबंध हैंडलिंग एजेंट अर्थात आढ़तियों को करना पड़ रहा है। कनीना अनाज मंडी में जहां करीब दिन भर में 50 से 60 किसानों को ही सरसों बेचने का मौका मिलता है जो कम संख्या होने से किसान परेशान है। अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं।
उधर कनीना मार्केट कमेटी के चेयरमैन राजकुमार कनीनवाल उपाध्यक्ष ओमप्रकाश लिसानिया ने विभिन्न खरीद केंद्रों का दौरा किया और पाया कि किसानों की भी कुछ समस्याएं हैं। पहले तिरपालों का अभाव था किंतु वो भी समस्या हल कर दी गई है। उन्होंने बताया कि करीरा अनाज मंडी कच्चा होने के कारण अधिकांश वाहन जमीन में धंस जाते हैं जिन्हें निकालना पड़ता है। इसलिए वाहनों के आवागमन में परेशानी हो रही है। रविंद्र बंसल हैंडलिंग एजेंट ने बताया कि बाहर के मजदूरों को अनुमति न दिए जाने से मजदूरों की समस्या आई हुई है। सिलाई करने वाले मजदूर दिल्ली से आते हैं जिनको अनुमति नहीं मिल सकती। उधर जब कभी कोई किसान सरसों बेचने के लिए आता है तो कनीना अनाज मंडी में अनेकों अनावश्यक खानापूर्ति कराई जा रही है। जससे किसान तंग आ चुका है। किसान अपने मैसेज आने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन किसानों को मैसेज नहीं मिल रहे हैं। उनका आरोप है कि मैसेज भी अपने चाहे तो कहीं मंगवाए जा रहे हैं। कनीना अनाज मंडी में खरीद एजेंसी हैफेड के चेयरमैन सत्येंद्र यादव ने बताया कि खरीद का कार्य सभी केंद्रों पर सुचारु रूप से चल रहा है। अब तक 27281 बैग सरसों के खरीदे जा चुके हैं।
फोटो कैप्शन 5: खरीद केंद्र का दौरा करते चेयरमैन राजकुमार कनीनवाल एवं उप प्रधान।
जांगिड़ समाज ने राहत कोष में दिए 21 हजार रुपए
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कनीना। कनीना खंड के गांव रामबास के जांगिड़ परिवार के सदस्यों ने मिलकर 21 हजार रुपये का ड्राफ्ट हरियाणा कोरोनावायरस राहत कोष के लिए एसडीएम कनीना रणवीर सिंह के मार्फत भिजवाया है। उन्होंने यह चेक एसडीएम कार्यालय कनीना में जाकर एसडीएम को प्रदान की।
चेक राशि भेंट करने वालों में अशोक पैकेन, सत्यवीर जांगड़ा, ईश्वर सिंह, बलबीर सिंह सहित विभिन्न जन मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि राहत राशि भेजे जाने का सिलसिला जारी है वहीं बहुत से लोग शेल्टर होम में खाने के वास्ते भी धनराशि द्वारा सहयोग कर रहे हैं। सेवक श्रीश्याम मित्र मंडल कनीना द्वारा कनीना नगर पालिका में चल रहे शेल्टर होम के लोगों के लिए खाना अपने हाथों से बना कर खिलाया। उधर कनीना के कई जनों ने राहत राशि शेल्टर होम के लिए दान दी है। इनमें प्रमुख रूप से 10 हजार रुपये केंद्रीय मंत्री के इंद्रजीत सिंह के निजी सचिव रवि यादव, 5 हजार अनिल सेहलंगिया, 5 हजार रोहताश, 2100 लाजपत राय, 3100 गजराज, 5100 मास्टर उदित, 5 हजार इंद्रजीत, 5100 रुपये पीटीआई कर्ण सिंह, 3000 रुपये सुरेंद्र, 5100 राजेश खंडेलवाल, एक हजार महाबीर व कप्तान सुमेर सिंह आदि ने नगर पालिका चेयरमैन सतीश जेलदार को भेंट किए हैं।
उधर मुकेश पार्षद ने अपना 7 महीने का मानदेय शेल्टर होम के लोगों के खाने के लिए दिया है 31500 रुपये दान किए हैं।
फोटो कैप्शन 4 एसडीएम को राहत राशि भेंट करते हुए जांगिड़ समाज।
फोटो कैप्शन 6: सेवक श्रीश्याम मित्र मंडल
किसानों ने सरसों खरीद में धांधली के लगाए आरोप
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कनीना। कनीना उपमंडल में बिक्री के लिए सरसों खरीद में हो रही अनियमितताओं की शिकायत किसानों ने मुख्यमंत्री हरियाणा को भेज कर पर आरोप लगाया है कि किसानों की कड़ी मेहनत से पैदा की गई सरसों को खरीदने के लिए से अपने चहेतों को बुलाकर उनकी सरसों खरीदी जा रही है जिसको लेकर पहले रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसान परेशान है।
पोता गांव के किसान हनुमान सिंह, रणबीर सिंह, पवन, मंदीप, रविप्रकाश, बीर सिंह, सुभाष, अभिषेक निवासी पोता ने जानकारी देते हुए बताया कि जब हम अपनी सरसों बिक्री के लिए अनाज मंडी पहुंचे और खरीद एजेंसी वालों से बात कर सरसों खरीद के लिए पूछा कि अब तक कोई मैसेज नहीं आया है, मैसेज कब तक आएगा तो उन्होंने बताया कि मैसेज पंचकूला से आते हैं। उन्होंने कहा कि एक दो अधिकारी अपने चहेतों के नाम पर मैसेज जल्दी मंगवा लेते हैं और बाकी किसान परेशान घूमते रहते हैं। किसानों में सरकार व प्रशासन के प्रति रोष पनप रहा है।
वही छितरोली निवासी बलवान सिंह आर्य, योगेश यादव, नीरज कुमार, अमित कुमार, सत्यपाल निवासी छितरोली के अलावा अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सरकार द्वारा सभी अनाज खरीद ऐजेंसियों को साफ कहा गया था कि किसान द्वारा बिक्री के लिए मंडियों में लाए अनाज का एक दाना भी नही काटा जाएगा तथा किसानों को मंडी में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी लेकिन किसानों को कोई सुविधाएं नहीं दी गई तथा उस पर आधा किलोग्राम धर्मकांटे के नाम पर काँट कर उनको लुटा जा रहा है।
इस मामले को लेकर जब एसडीएम कनीना रणबीर सिंह से बात कि गई तो उनका कहना था कि उन्होंंने कनीना तथा अन्य मंडियों का दौरा किया है जिसमें कुछ खामियां नजर आई जिसको लेकर कनीना मार्केट कमेटी सचिव को भी बताया गया है और अगर जल्द से जल्द उक्त समस्याओं का समाधान नही हुआ तो आगामी कार्रवाई की जाएगी।
फोटो कैप्शन 6: किसानों का मैसेज न आने पर रोष जताते हुए।
तीसरे दिन में 239 किसानों की 5885 क्विंटल सरसों खरीदी
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कनीना। कनीना में सरसों खरीदने का कार्य कनीना सहित चार खरीद केंद्रों पर जारी है। शुक्रवार खरीद का तीसरा दिन था। चारों खरीद केंद्रों पर 239 किसान पहुंचे और 5885 क्विंटल सरसों खरीदी गई।
विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड मैनेजर सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 64 किसानों ने 1682 क्विंटल,सेहलंग में 65 किसानों ने 1631 क्विंटल,करीरा में 70 किसानों ने 1872 क्विंटल तथा दोंगरा अहीर में 40 किसानों ने 700 क्विंटल सरसों बेची।
किसान प्रतिदिन सरसों बेचने के लिए आ रहे हैं और उनकी सरसों खरीदी जा रही है। 17 हेंडलिंग एजेंट सरसों खरीद रहे हैं किंतु इस बार मजदूरों की कमी झलक रही है।
फोटो कैप्शन 1 एवं 2: सरसों खरीदते तथा सरसों के ढेर।
डॉक्टर की सलाह-----
घर में रहकर खुशी खुशी समय बीताए
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कनीना। कनीना के डॉक्टर वेद प्रकाश का कहना है कि कोरोनावायरस पूरे ही जग में समस्या बनता जा रहा है। ऐसे में हम सभी का फर्ज बनता है कि इससे रोकथाम के उपाय अपनाए। रोग से बचने का सबसे सरल उपाय है फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखें, घरों में रहकर सरकार के आदेश अनुसार आराम करें, बार-बार हाथों को साबुन या डिटोल से धोए, सैनिटाइज करना हो तो अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से ही सैनिटाइज करें। उनका कहना है कि धातुओं पर लंबे समय तक यह कोरोना जीते हैं। इसलिए धातु के बर्तनों को छूने के बाद हाथों को जरूर धोए। उन्होंने कहा कि इधर-उधर घूमने से समस्या बनती है जब कोई काम ना हो तो अनावश्यक इधर-उधर न घूमे, रोग के लक्षण अगर किसी में नजर आए तो 1 मीटर की दूरी बनाए। अगर रोग के लक्षण नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मास्क जरूर पहने। मास्क पहनने से न केवल कोरोनावायरस अपितु उड़ती हुई राख, हवा में उड़ते भी कीट आदि से भी बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि रोगाणु से बचना ही सबसे बेहतरीन तरीका होगा। ऐसे में किसी भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर न जाए, आसपास सभा आदि हो रहा हो तो उसमें भी नहीं जाना चाहिए। अपने पूरे परिवार के साथ बैठकर खुशी खुशी दिन बिताना चाहिए। खुशी-खुशी जीवन जिये, शुद्ध सात्विक भोजन खाए, ताजा सब्जी, दाल आदि जरूर प्रयोग कर।ें इससे रोग से बचा जा सकता है।
डॉ वेदप्रकाश फिजिशियन कनीना
सेवा स्वार्थ नहीं संस्कार का विषय है - मोहित इसराना
सरसों खरीद केन्द्र पर बांटें मास्क वह सेनेटाइजर
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कनीना। खंड के गांव इसराना व नांगल के युवा स्वयंसेवकों के द्वारा लोक डाउन के चलते कनीना के आसपास के क्षेत्र में रह रहे जरूरतमंद परिवारों तक लगातार राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। इसी कार्यक्रम के निमित्त गांव मोहनपुर के जरूरतमंद परिवारों तक राहत सामग्री पहुंचाई गई जिसमें सूखा राशन, सब्जी, साबुन आदि उपलब्ध करवाएं । इसके साथ ही मोहित इसराना ने दौंगड़ा अहीर सरसों खरीद केंद्र पर किसानों सहित मंडी में काम करनेवाले और लोगों को मास्क और सेनिटाइजर भी वितरित किए
इस दौरान रवि यादव ने लोगों फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर मोहित कुमार, सोमपाल, चेतन कार्तिक, प्रीतम, दिनेश, अशोक, रोशन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 3: मास्क आदि वितरित करते हुए समाजसेवी।
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