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Thursday, April 9, 2020

एसडीएम ने किया खरीद चयनित स्थानों का दौरा
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कनीना। कनीना के एसडीएम रणबीर सिंह ने सरसों एवं गेहूं के चयनित स्थानों का दौरा किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
कनीना के आस पास 6 खरीद केंद्र बनाए गए हैं जिनमें से एसडीएम करीरा, धनौंदा एवं सेहलंग गांवों में खरीद के लिए चयनित जगहों का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। 15 अप्रैल से सरसों की तथा 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद की जानी है। उन्होंने कहा कि खरीद के लिए सभी संसाधनों की आवश्यकता होगी जो जुटाने का का प्रबंध किया जाए।
 मार्केट कमेटी चेयरमैन राजकुमार कनीनवाल ने बताया कि सरकार की हिदायतों के अनुसार गांवों में सरकारी खरीद की जानी है। ऐसे में गांवों में जाकर सरपंचों से जानकारी हासिल की और खरीद की जगह मनोनीत की गई। कनीना में पीकेएसडी कॉलेज में खरीद केंद्र निर्धारित किया गया है वहीं कनीना का गर्ल कॉलेज भी गेहूं की खरीद का केंद्र होगा। इस मौके पर चेयरमैन राजकुमार कनीनवाल, सचिव आदित्य यादव, उप प्रधान ओम प्रकाश लिसानिया आदि उपस्थित थे।
 फोटो कैप्शन 10: कनीना के एसडीएम खरीद के लिए चयनित गांवों का दौरा करते हुए।



1-1 माह का मानदेय देंगे शेल्टर होम में खाने वास्ते 

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 कनीना। कनीना नगर पालिका कार्यालय में पार्षदों की बैठक संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता सचिव राजाराम ने की। इस मौके पर प्रधान सतीश जेलदार सहित सभी 15 पार्षद उपस्थित थे। इस मौके पर सभी 13 वार्डों में ठीकरी पहरे को और सख्त करने की हिदायत दी गई।
 पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने कहा कि सभी वार्डों में ठीकरी पहरे का प्रबंध किया हुआ है जिसमें सख्ती बढ़ाई जाए ताकि कोरोनावायरस किसी भी हालात में न फैल सके। बाहर से आने वाले और बाहर जाने वाले लोगों पर सख्त नजर रखी जाए, विशेषकर तब्लीगी लोग की जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित किया जाए। उन्होंने कहा कि बिना किसी ठोस कारण के कस्बे में बाहर के लोगों को न घुसने दिया जाए और न हीं बगैर कारण बाहर जाने दिया जाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक समस्या बन गया है। इससे निपटने के लिए जहां एक एक महीने का पारिश्रमिक पहले ही मुख्यमंत्री कोरोना राहत कोष में दान कर दिया है वहीं एक एक महीने का पारिश्रमिक नगरपालिका में चल रहे शेल्टर होग के लोगों के खाने पर खर्च किया जाए। जिस पर सभी ने सहमति जताई। इस अवसर पर उन्होंने कहा मुख्यमंत्री राहत कोष में भी कनीना से राशि  दी जाए। वैसे तो कनीना मंडी से तथा विभिन्न लोगों ने राहत कोष में भारी राशि भेजी है परंतु उन्होंने कहा कि जितना हो सके मदद करनी चाहिए। ऐसे में सभी पार्षदों की तैनाती लगाई गई कि अपने अपने वार्ड के लोगों से राहत कोष में भेजी जाने वाली राशि इकट्ठी की जाए ताकि राहत कोष में भेजी जा सके। इस पर भी सभी ने सहमति जताई। इस अवसर पर उप प्रधान अशोक ठेकेदार,लेखाकार शिवचरण शर्मा,
राजेंद्र सिंह लोढ़ा, मोहन पार्षद, नरेश शर्मा मनोनीत पार्षदों सहित सभी पार्षद उपस्थित थे। फोटो कैप्शन 9: नगरपालिका बैठक का एक नजारा।



जड़ी बूटियां हो रही है कम 

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कनीना। धीरे धीरे जंगलों से जड़ी बूटियां कम होती जा रही है। आने वाले समय में लोग जड़ी बूटियों को तरसेंगे। ये विचार विक्की पंसारी कनीना के हैं।
 उनका कहना है कि जहां बहुत अधिक भेड़ बकरियां पाली जा रही है वही जमकर पीड़कनाशी छिड़की की जाती है। जहां भेड़ बकरियां जड़ी बूटियों को जड़ से खा जाती है, उन्हें जड़ से नष्ट कर देती है वहीं कई बार कम बारिश होती है या बारिश होने के बाद फिर से बारिश नहीं हो पाती इसके कारण जड़ी बूटियां जम जाती है और वह बढ़ोतरी नहीं करते हुए नष्ट हो जाती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न रोगों में जड़ी बूटी प्रयोग करते थे किंतु अब ये जड़ी बूटियां धीरे-धीरे नष्ट होने के कगार पर हैं। जड़ी बूटियां खत्म करने में अहं रोल अदा भेड़ बकरी पालकों ने किया है। भेड़ बकरियां धीरे-धीरे पेड़ पौधों को भी चट कर जाती है।


नर्सरी लगाकर कमा रहे हैं धन

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 कनीना। छोटी से खेत में नर्सरी लगाकर किसान धन कमा रहे हैं। कुछ किसान तो अपने खेत के लिए ही नर्सरी तैयार कर रहे हैं। क्षेत्र में गजराज सिंह, सत्यवीर सिंह, सूबे सिंह आदि फल एवं सब्जियों की नर्सरी लगाकर जहां अपने खेत के लिए भी पौध तैयार कर रहे हैं वहीं दूसरे किसानों को भी दे रहे हैं। वर्तमान में जहां मिर्चख्, टमाटर, बैंगन, मिर्च,प्याज उगाई है।
 सत्यवीर सिंह भोजावास का कहना है कि नर्सरी  इससे हजारों रुपये कमाए जा सकते हैं।के लिए छोटी सी जगह की जरूरत होती है। गजराज सिंह,अजय कुमार, कांता आदि ने बताया कि वे अपने खेतों में प्याज, टमाटर, बैंगन आदि लगाने के लिए पौध तैयार करते हैं। कुछ किसान बड़े स्तर पर पौध तैयार करके बिक्री करते है वहीं कुछ निजी स्तर पर भी पौध तैयार करके अपने खेत के लिए उपयोग करते हैं।
फोटो कैप्शन 8: अपनी नर्सरी में काम करता अजय।

जगदीश प्रसाद ने बांटे संतरे 

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कनीना। कनीना के जगदीश प्रसाद फल एवं सब्जी विक्रेता ने शेल्टर होम में जाकर अपने हाथों से दूसरे प्रांतों से रह रहे लोगों को संतरे बांटे। उन्होंने विभिन्न लोगों को संतरे बांटकर प्रसन्नता व्यक्त की।


कोरोना वायरस महामारी के चलते झुग्गियों में की खाद्य सामग्री वितरित 

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कनीना। बीएमडी क्लब द्वारा कनीना क्षेत्र के आस-पास की झुग्गियों में रहने वाले जरूरतमंदों को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते, देश की  लॉकडाउन की संवेदनशील स्थिति में बीएमडी सेवा मिशन के तहत फिजिकल डिस्टन्सिंग का ध्यान रखते हुए खाद्य सामग्री वितरित की गई।
इस क्लब के क्लब के प्रतिनिधियों चेयरमैन लक्की सीगड़ा ,सचिव इन्द्रजीत शर्मा व कोर्डिनेटर डिम्पल यादव द्वारा खाद्य सामग्री वितरित की गई।
संस्था के प्रधान लक्की सिगड़ा ने बताया की क्लब द्वारा जरूरतमंदों को चिह्नित कर खाद्य सामग्री किट वितरित किए गए है जिसमें 5 किलो आटा,1 किलो दाल 1 किलो चावल, खाद्य तेल,मिर्च,मसाले और साबुन की बट्टी जैसी आवश्यक खाद्य सामग्री भी शामिल है।
 इस दौरान ऐसे जरूरतमंदों को चिह्नित किया जा रहा हैं आज तक किसी प्रकार की कोई आपदा राहत सामग्री नहीं पहुंची हैं। उन्होंने लोगों से कोरोना वायरस के चलते गरीबों की मदद करने का आह्वान किया।
 इस दौरान सीगड़ा ने उन लोगों को बीमारी से बचने और लॉकडाउन का पालन करने का भी आग्रह करने के साथ-साथ सभी को फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने व बार बार साबुन से हाथ धोने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह किया हुआ एक छोटा सा सहयोग भी समाज सेवा का ही हिस्सा हैं। खासकर युवाओं को आगे आकर समाज में समरूपता एवं सहयोगिता का संदेश भी देना चाहिए।
फोटो कैप्शन 4: बीएमडी क्लब खाद्य सामग्री वितरित करते हुए।

लोकडाउन में टीवीएस दुपहिया वाहनों की मुफ्त सर्विस 

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 कनीना। कोरोनावायरस लोग जी जान से एक दूसरे की सहायतार्थ जुटे हुए हैं वहीं अब पुलिस तथा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के टीवीएस कंपनी के दुपहिया वाहनों की सर्विस मुफ्त जुटानी शुरू कर दी है।
 कंपनी के शोरूम संचालक सतीश जांगिड़ ने बताया कि कंपनी की ओर से यह शुरुआत की गई है कि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग में अगर किसी के पास टीवीएस की बाइक है या टीवीएस कंपनी से संबंधित कोई दुपहिया वाहन है वह लॉकडाउन के समय मुक्त सर्विस करवा सकता है। उन्होंने बताया कि कंपनी इन लोगों की सेवा के लिए तत्पर है। इसी सेवा के तहत पुलिस की दुपहिया वाहन की सर्विस की गई।
 फोटो कैप्शन 5: पुलिस की बाइक की सर्विस करते नवदीप मोटर्स के सहयोगी


शेल्टर होम में की जाती है जमकर सेवा
 कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में शेल्टर होम में करीब 43 दूसरे प्रांतों के लोग रह रहे जिनकी प्रतिदिन अलग-अलग खाद्य पदार्थों सेवा की जा रही है। भारत विकास परिषद के कांवरसेन वशिष्ठ, कानूनगो रमेश कुमार तथा उच्च अधिकारियों ने निरीक्षण किया और बताया कि उन्हें विभिन्न प्रकार की सब्जियां, हलवा, पूड़ी आदि दी जा रही है।
उन्होंने किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं है। इन लोगों का भी कहना है कि जब तक आप उन्हें रोकना चाहे रुकेंगे, तत्पश्चात वे अपने वतन लौट जाएंगे।
इस मौके पर अमरजीत, सूबे सिंह, राजेश कुमार, अमृतलाल, एसआई सतबीर सिंह सहित विभिन्न अधिकारी एवं जन मौजूद थे। डॉक्टरों की टीम भी पहुंची और उन्होंने इन लोगों की जांच की। भारत विकास परिषद कंवरसेन वशिष्ठ तथा कृृष्ण कुमार एसएमसी प्रधान ने बताया कि वे प्रतिदिन इस शेल्टर होम पर पहुंचते हैं तथा लोगों से समस्त जानकारी एवं कठिनाई आदि की जानकारी ली जाती है। ये लोग यहां पर खुश है
फोटो कैप्शन 7: अधिकारी मौके पर हम में अपने लिए


ग्राम पंचायतें सभी किराएदार व अल्पसंख्यों की जानकारी 24 घण्टे में दे- उमेद सिंह जाखड़

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.प्रदेश में कोरोना पीडि़तों की लगातार बढ़ रही संख्या को लेकर पुलिस प्रशासन हुआ सख्त

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कनीना।देश व प्रदेश में कोरोना पीडितों की लगातार बढ़ रही संख्या को लेकर कनीना क्षेत्र में प्रशासन के काफी अलर्ट हो गया है। पुलिस प्रशासन के द्वारा भी सूचना के आधार पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में गिरदवार उमेद सिंह जाखड़ व पुलिस टीम के द्वारा कस्बे में स्थायी रूप से व किराए पर रह रहे लोगों की पहचान की गई। जिससे इस बात की पुष्टी हो सके की कोई बाहर का व्यक्ति बिना किसी जानकारी के तो यहां नहीं रह रहा है। जिसको लेकर पुलिस प्रशासन काफी सख्त है।इसको लेकर चौकी प्रभारी गोविंद सिंह व गिरदावर उमेद सिंह जाखड़ अपनी टीम सहित झुग्गी झोपड़ी व संगम कालोनी में रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों को सख्य निर्देश देते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति बहार से आता है तो तुरंत बताए नही तो कार्यवाही होनी लाजमी है। गिरदावर उमेद सिंह ने बताया कि कनीना कस्बे में करीब 400 हिंदू परिवार व 10 मुस्लिम परिवार किराए पर मकान लेकर मेहनत मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे है। वहीं कस्बे में स्थाई तौर पर रह रहे मुस्लिम परिवारों की जांच भी की जा रही है।
कनीना खंड में रहने वाले सभी किराएदार व अल्पसंख्यों की जानकारी के लिए पंचायतों को भेजे गए नोटिस-
बता दे कि तबलीगी जमात के लोगों में कोविड.19 वायरस मिलने के बाद से हरियाणा प्रदेश में मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है। जिसके बाद से जिला प्रशासन के द्वारा काफी सख्त कदम लगातार उठाए जा रहे है। वही पुलिस प्रशासन भी काफी सतर्क नजर आ रहा है। गिरदावर उमेद सिंह ने बताया कि कनीना खंड के सभी गांवों में भी किराएदार व अल्पसंख्यकों की जानकारी व उनके आईडी प्रूफ थाने में जमा करवाने के निर्देश दिए गए है। 
कस्बे के लोगों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों की अच्छे से जांच करने की उठाई मांग
दिल्ली में तब्लीगी जमात के लोगों में कोरोना पॉजीटिव के मामले सामने आने के बाद से जिला प्रशासन का रुख काफी सख्त है। कनीना खंड में पुलिस के द्वारा सभी लोगों की बारीकी से जांच की जा रही है। अधिकारिक जांच के आधार पर कनीना कस्बे में अस्थाई तौर से करीब 410 परिवार रह रहे है। जिसमें से 10 परिवार मुस्लिम समुदाय के है जिनके सदस्यों की संख्या 45 है। जो पिछले काफी लम्बे समय से कनीना में ही किराए पर मकान लेकर अपना गुजर बसर कर रहे है। गिरदावर उमेद सिंह ने बताया कि कस्बे में स्थाई तौर पर रह रहे लोगों की भी जांच कर पहचान की जा रही है। वहीं कस्बे में रहने वाले लोगों ने बताया कि बाबा लाल गिरी श्मशान भूमि के पास मुस्लिम समुदाय द्वारा नमाज अदा की जाती थी जिसमें करीब 400 से 500 व्यक्ति नमाज अदा करते थे। लेकिन प्रदेश में लाकडाउन लगने के बाद से इन सभी के बारे में कोई सुराग नहीं मिल पाया है कि ये लोग कहा से आए हुए थे और कहा पर है। पुलिस द्वारा भी इस मामले में गहनता से जांच की जा रही है।
फोटो कैपन 1: झुग्गी झोपड़ी में पुलिस प्राासन जांच करते हुए।


लॉकडाउन खुलने पर जमी है दृष्टि 

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 कनीना। अब तो लॉकडाउन खुलने के लिए सभी की दृष्टि जमी हुई है। किसान साहूकार, मजदूर, दुकानदार या विद्यार्थी सभी एक जगह बैठे बैठे परेशानी महसूस करने लगे हैं और बोर होने लगे हैं।
लगभग दुकान का कार्य विगत 20 दिनों से ठप हो गया है। यही कारण है कि दुकानदार इस बार परेशान है। उनका कहना है कि एक ओर जहां सरकार को किराया देना होता है वहीं उनकी दुकान भी बंद पड़ी हैं। वे चाहते हैं कि दुकान एक बार खोली जाए क्योंकि चूहे भी दुकानों में घुस गए हैं वही सामान भी पड़ा पड़ा खराब हो रहा है किंतु सरकार की मजबूरी है कि कोरोना फैलने के लिए यही एकमात्र उपाय है।
कोरोना को रोकने के लिए जहां पूरा देश एकजुट होकर काम कर रहा है वही सरकार चाहती है कि लॉकडाउन के सभी लोग घर के अंदर रहे वहीं अगर लॉकडाउन खुलता है तो जहां किसान साहूकार, मजदूर, दुकानदार आदि को लाभ होगा। विद्यार्थियों को भी अपनी पढ़ाई का कार्य पूर्ण करना होगा किंतु कोरोनावायरस फैलने की ज्यादा संभावना वाले स्थानों में स्कूलों, कालेजों तथा अन्य कार्यालय प्रमुख होते हैं। यही कारण है विद्यार्थी आप परेशान है कि कब लॉकडाउन खुलेगा? यहां तक कि अब तो विभिन्न स्कूलों में घर बैठे शिक्षण का कार्य पूर्ण करवाने का कार्य शुरू कर दिया है। विभिन्न संस्थाएं ऑनलाइन पढ़ाई करवा रही है। सरकारी स्कूल भी इस कार्य में पीछे नहीं हैं। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना तो बहुत लंबे समय से इस कार्य में लगा हुआ है। यहां के वरिष्ठ प्राध्यापक जयपाल ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई का कार्य लंबे समय से चल रहा है।
 कनीना के खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम यादव बार-बार विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने की जानकारी दे रहे हैं और ग्रुप बनाने का आदेश भी दे चुके हैं।



सब्जी फल और अन्य वस्तुएं हुई महंगी 

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 कनीना। लॉकडाउन के चलते फल और सब्जियां महंगी हो गई है। वहीं खाद्य पदार्थों के भाव भी बढ़ते ही जा रहे हैं। कुछ पदार्थ जो मजदूरों द्वारा तैयार किए जाते हैं वे बाजार में नहीं आ रहे हैं। जितना भी स्टॉक दुकानदारों के पास था वह धीरे-धीरे अब खत्म होने को जा रहा है। यही कारण है कि वस्तु महंगी होती जा रही है। सब्जी और फल बहुत महंगे हो गए हैं। आलू कभी भी 20 से अधिक महंगा नहीं हुआ किंतु वर्तमान में आलू 30 रुपये किलो बिक रहा है वहीं केले 70 रुपये दर्जन के हिसाब से बिक रहे हैं। संतरा भी 70 रुपये किलो, अंगूर सो रुपए किलो से कम नहीं बिक रहा। अन्य फल सब्जियां भी महंगे हैं। 
            दुकानदारों ने बताया कि बाजार में नमकीन, बिस्कुट, भुजिया, चिप्स आदि धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे हैं। इन पदार्थों की आवक न होने से या तो यह बाजार से गायब हो चुके है या महंगे दामों पर मिल रहे हैं। सबसे बड़ी विशेषता है कि खाद्य सामग्री भी धीरे-धीरे महंगी होती जा रही है। आटा मिले भी बंद पड़ी होने से बाजार में आटा कम आने से वे दुखी हैं। वहीं यदि बाजार में देखा जाए तो अधिकांश वस्तुएं धीरे-धीरे कम होती जा रही है। सरकार द्वारा ठेके बंद कर देना सराहनीय कदम रहा किंतु पियक्कड़ इधर उधर से दारू का प्रबंध कर लेते हैं और पीकर ही दम लेते हैं। जहां पान, पराग, पान मसाला तथा खाने चबाने वाले तंबाकू पर प्रतिबंध लगाने से ये महंगे हो गए हैं। उनके भाव दोगुने हो गए हैं।
दूसरे प्रदेशों से आए हुए कुछ लोग पान पराग, तंबाकू चबाने में और खाने में बड़ा आनंद लेते हैं। इनके बगैर रह नहीं सकते। यही कारण है कि उन्हें ये महंगे दामों पर मिल रहे हैं किंतु वे इनको छोडऩे का नाम नहीं ले रहे हैं।
बाजार में जहां दुकानें खुलने का समय निर्धारित है, यही कारण है कि भागदौड़ कर सामान खरीद पाते हैं। कुछ दुकानदार तो अपनी दुकानों के दाएं बाएं बैठे रहते हैं ताकि कोई ग्राहक आए तो उसको सामान दिया जा सके। कुछ दुकानदार तो अपने दुकान की सफाई के बहाने कभी कभार दुकान को खोल लेते हैं। यद्यपि प्रशासन लगातार नजर जमांए हुए हैं जिसके चलते दुकाने आदि नहीं खोलने दी जा रही है। अधिकांश लोग घरों में बैठे है वहीं पुलिस प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है।। किसान खेतों में तल्लीन है वहीं अब गेहूं और सरसों की खरीद का समय नजदीक आ रहा है चाहे कुछ भी कहा जाए किंतु माना जाता है कि अध्यापकों में रोग आदि कम लगते हैं यही कारण है कि उनको विभिन्न तैनातियां देनी पड़ रही हैं। अब तो गेहूं और सरसों की खरीद में भी अध्यापकों की तैनाती लगाए जाने की पूरी संभावना बन गई है। जहां शिक्षक बताते हैं कि कभी टिड्डी दल भगाने में भी शिक्षकों का योगदान होता था, वही जनगणना हो या कोई अन्य कार्य किया जाए उनमें शिक्षक को की भूमिका अहम होती है।



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