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Wednesday, April 1, 2020

एक जैम के रूप में विख्यात हैं राजेश बंसल
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-दिन भर गूंजते हैं जिनके गीत 

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हरियाणा के जिला महेंद्रगढ़ के उपमंडल कनीना में कनीना एवं समीपी गांवों में बस एक ही शख्स के गीतों की गूंज सुनाई पड़ती है और वह शख्स राजेश बंसल हैं। न केवल एलबम अपितु विडियों भी राष्ट्रीय पहचान बना चुके हैं। यूं तो रडियों एवं टीवी पर रफी, मुकेश, महेंद्र कपूर एवं मन्नाडे आदि के सदाबहार गीतों की गूंज सुनाई पड़ती है वही कनीना और आसपास केवल राजेश बंसल गीत सुनाई पड़ते हैं। वर्तमान में जहां एक कॉलेज में सहायक प्रोफेसर है वही कनीना कालेज में प्राचार्य की भूमिका भी निभा चुके हैं।
 कनीना में जन्मे राजेश बंसल बचपन से ही प्रखर बुद्धि के थे जिसके चलते उन्होंने छठी कक्षा से ही जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में पढऩे का मौका मिला। उस वक्त वार्षिकोत्सव पर दहेज लघु नाटिका में भगवान् नारद की भूमिका निभाई और बतौर फार्चून टेलर(भविष्य वक्ता) की भूमिका अदा की। वह रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिलों से आए हजारों लोगों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। यह वो सीढ़ी थी जिस पर पहली बार में ही उच्चतम पायदान पर पहुंच गए। शरीर से बेशक हट्टे कट्टे न हो किंतु उनके मंचन,सुरीली आवाज,बोलने की बेहतरीन अदा,दिल की गहराइयों से निकले उद्गार  बरबस ही श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर लेते हैं। कला के जादूगर जादूगर राजेश बंसल ने जहां महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से स्नातक तत्पश्चात  रसायन विज्ञान में परास्नातक पास की। और फिर नेट की परीक्षा पास की। अपने कालेज के समय में बेस्ट यूथ का खिताब जीता वही रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर में अपने बैच में प्रथम स्थान हासिल किया। स्कूल हो या कालेज उनकी भाषा शैली,गीत, भजन, विचार सुनकर धीरे-धीरे उनके आवाज के फैन बढ़ते चले गए और एक ऐसे युवा कलाकार के रूप में उभरे कि उनके बगैर मंच संचालन भी आधा अधूरा रहता है।
कनीना कालेज में जहां सहायक प्रोफेसर के अतिरिक्त कालेज में प्राचार्य की भूमिका भी निभाई। वहीं उन्होंने विभिन्न यूथ फेस्टिवल में अपनी वो छाप छोड़ी कि बस उनके मंच पर आने का इंतजार होता रहता है। एक बार यूथ फेस्टिवल में कन्वीनर तथा पांच बार आर्गेनाइजर की भूमिका अदा कर पूरे ही देा में नाम कमाया।
 मंच संचालक बतौर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की। मंच संचालन के वक्त वे लोगों के दिलों दिमाग में घर कर जाते हैं। कालेज के जीवन से ही डिबेट एवं काव्यपाठ  बतौर नाम कमाया।
राजेा बंसल के तीन एलबम निकालें जिनमें मुरली, जीवन दर्पण के अतिरिक्त गूंज रहे जयकारे एलबम में दो भजन गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध किया। तत्पश्चात संकल्प सुधा नाम से महाराजा अग्रसेन के गीतों की एक एलबम आई जिसने पूरे प्रदेश हरियाणा में ख्याति अर्जित की। उन्होंने दो यू-ट्यूब चैनल बनाए जिनमें से एक संगीत का है जिस पर करीब 29 मोटिवेशनल वीडियो डाली हुई है वहीं हरियाणा हरि की धारा भजन अंतरराष्ट्रीय पहचान बना चुका है। यह भी वीडियोरूप में जिसमें उन्होंने मीनाक्षी पंचाल के साथ न केवल गीत कंपोज किया है वहीं सुरीली आवाज भी दी है। राजेश बंसल का दूसरा चैनल केमिस्ट्री फॉर आल के नाम से चल रहा है जिसका लाभ लाकडाउन में भी विद्यार्थी उठा पाए हैं। उनकी चार फिजिकल केमिस्ट्री भाग दो की पुस्तकें प्रगति प्रकाशन मेरठ की सहायता से निकाली है जो स्नातक स्तर की हैं।
प्रदेश में ही नहीं अपितु और राष्ट्र में युवा कलाकार, मंच संचालन के रूप में जाने जाते हैं। जब कभी मंच संचालन होता है तो उनके बगैर अधूरा लगता है। उनके जीवन का यादगार दिन  26 जनवरी 2018 का है जब उनके द्वारा गाया हुआ कनीना का थीम सांग- बुलंदिया छूता, हिमालय की ऊंचाई मापता नामक आया जो हर बच्चे बच्चे की जुबान पर चढ़ गया। तब से लेकर आज तक गली गली गूंज रहा है। कनीना के तत्कालीन एसडीएम संदीप सिंह द्वारा कवित्त रूप में लिखा हुआ तथा राजेश बंसल द्वारा गाया हुआ थीम सांग हर गली में गूंजता सुनाई पड़ता है। नगरपालिका की गाडिय़ोंं में हर समय चलता रहता है।  जब कहीं किसी काम से ये गाडिय़ां जाती है तो उन पर बस यही संगीत गलियों से बजते हुए सुनाई पड़ता है। मोबाइल टोन भी लोगों ने थीम सांग को बनाया हुआ है। आज के दिन राजेश बंसल श्रीकृष्ण राजकीय कालेज कंवाली में कार्यरत हैं लेकिन बावल में डेपूटेशन किया हुआ है। बेहतरीन अदाकार, कलाकार, संगीतकार के रूप में जाने जाते हैं और कनीना लोग उन्हें कनीना के जेम राजेश बंसल नाम से जानते हैं।उनके अवार्डों की लंबी फेहरिस्त है। मंचों से नेता, समाज सेवी, मंत्री एवं देश के शीर्ष पदाधिकारियों ने उन्हें न केवल सराहा है अपितु सम्मानित भी किया है।


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