दो दिनों में 16969 बैग सरसों के खरीदे
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कनीना। कनीना अनाज मंडी में सरसों की दैूसरे दिन भी खरीद हुई। वहीं कनीना सहित चार विभिन्न खरीद केंद्रों पर भी सरसों की खरीद बुधवार से शुरू हुई जो गुरुवार दूसरे दिन भी जारी रही। जहां मजदूरों की कमी स्पष्ट झलक रही है।
पहले ही दिन 141 किसानों से 8091 बैग सरसों के खरीदे गए। सबसे अधिक सरसों करीरा में खरीदी गई जहां स्टेट वेयर हाउस सरसों की खरीद कर रहा है। बाकी तीन जगह हैफेड खरीद कर रहा है। कनीना में पहले दिन कनीना में 34 किसानों से 901 कुंतल तो दूसरे दिन 58 किसानों से 1800 कुंतल सरसों खरीदी गई जबकि लिफ्टिंग 950 कुंतल की हो पाई। करीरा केंद्र पर पहले दिन 45 किसानों ये 1191 कुंतल सरसों खरीदी गई वहीं दूसरे दिन 42 किसानों से 917 कुंतल सरसों खरीदी। दोंगड़ा अहीर में पहले दिन 30 किसानों से 750 कुंतल तो दूसरे दिन 25 किसानों से 350 कुंतल सरसों खरीदी। सेहलंग केंद्र से पहले दिन 32 किसानों से 800 कुंतल तो दूसरे दिन 35 किसानों से 928 कुंतल सरसों खरीदी गई।
विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड मैनेजर सत्येंद्र यादव ने बताया कि सुबह और शाम पारियों में सरसों की खरीद की जाती है। पहले राउंड में जिन किसानों को संदेश प्राप्त हुआ है वे ही सरसों बेचने के लिए आ रहे हैं। कनीना के अतिरिक्त जहां तीन अन्य केंद्रों पर भी सरसों की खरीद हो रही है। कनीना अंगड़ाई व्यापार मंडल के उप प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया की सबसे बड़ी समस्या मजदूरों की है। मजदूर न होने से परेशानी बढ़ सकती है। एक दुकान पर दस मजदूरों की जरूरत होती है किंतु चार दुकानों पर नौ मजदूर कार्यरत हैं।
उधर कनीना मंडी में खरीद के लिए पर्याप्त मात्रा में बारदाना मंगवाया हुआ है। वही सरसों की खरीद है हैफेड तथा स्टेट वेयरहाउस दोनों द्वारा की जाएगी। खरीद के समय फिजिकल डिस्टेंस तथा मास्क लगाकर ऐतिहात के सभी नियमों का पालन किया गया। कनीना मंडी से 17 हैंडलिंग एजेंट बनाए गए हैं जिनको 40 रुपये प्रति क्विंटल आढ़़त मिलेगी। वर्तमान में ढाई लाख बारदाना आया हुआ है। सरसों खरीद के वक्त हैफेड मैनेजर सत्येंद्र सिंह यादव, भरपूर सिंह, दशरथ सिंह, व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष रविंद्र बंसल, महेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 7: कनीना मंडी में सरसों खरीद का एक नजारा।
दाना पानी
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कनीना। कनीना निवासी सूबे सिंह प्रतिदिन पक्षियों के लिए पानी, दाना में डालते हैं। पक्षियों को ही नहीं जीवों को बचाने में भी लगे हुए हैं। पूरी गर्मी यह गतिविधि अपनाते हैं।
सूबे सिंह कनीना नजदीक जीआर स्कूल कनीना
हीमोफीलिया दिवस
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कनीना। डॉ राजीव का कहना है कि हिमोफीलिया एक पैतृक रक्त स्राव है। यह अनुवांशिक रोग है जिसमें रक्त लंबे समय तक चोट लगने के बाद बहता रहता है। उनका कहना है कि भारत में ऐसे रोगी कम है किंतु जो भी होते हैं उनकी मृत्यु अधिक होने की संभावना रहती है। रक्त में थर्मोप्लास्टिन नामक थक्का जमाने वाला पदार्थ कम होता है।
राजीव का कहना है कि ऐसे व्यक्ति में नीले निशान बनते हैं, नाक से खून बहता है, आंख से खून निकलता है, जोड़ों में सूजन आदि होता है रोग में खून के थक्के बनने में समय लगता है। डॉ राजीव का कहना है कि इस रोग में बार-बार रुधिर आधान अर्थात रक्त देना जरूरी होता है ताकि रक्त की कमी न हो पाए। इसके अलावा रिप्लेसमेंट थेरेपी हिमोफीलिया का महत्वपूर्ण इलाज है। उन्होंने बताया कि क्विन विक्टोरिया का पूरा परिवार इस रोग से पीडि़त रहा है। उनका कहना है कि इस रोग लक्षण पाए जाए तो रक्तस्राव रोकने के लिए जैसे ऊतक अर्क, रक्त सीरम, ऑक्ज़ैलिक अम्ल अथवा अंतर्शिरा में कोआगुलिन लाभदायक है विशेषकर दंत चिकित्सा, शल्य चिकित्सा के समय ये विधियां अपनाई जाती है। साथ में बार-बार रक्त देना चाहिए।
फोटो कैप्शन:डा राजीव ककराला
खखार निगलने का नुकसान शरीर के इम्यून सिस्टम पर निर्भर करता है-डा दीपांशु
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कनीना। कनीना के उपनागरिक अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर दीपांशु का कहना है कि जहां सरकार ने थूकने पर प्रतिबंध लगा दिया है वहीं थूकने पर जुर्माने का भी प्रावधान किया है लेकिन नेचुरल काल अक्सर आती रहती है। वात पित्त, कफ तीन प्रकार की घटनाएं होती है जो शरीर में घटती है। वात रोग में गैस खारिज हो जाती है वही कई बार थूकना जरूरी है। पित्त रोग के समय उल्टी आती है लेकिन किसी में भी यह घटना नेचुरल हो सकती है किंतु प्रत्येक व्यक्ति अपने पास रुमाल या टिशू पेपर होता ै उससे भी कुछ हद तक थूकने पर काबू किया जा सकता है और प्रयुक्त टिशू पेपर निर्धारित दिन में डालना चाहिए। इसके अतिरिक्त यदि रुमाल को बेहतर ढंग से साबुन से धो लेना चाहिए। इसी प्रकार यदि किसी भीड़ वाले स्थान पर अचानक थूक आता है आता है तो अपनी कोहनी मोड़ कर भी मुंह पर लगाया जा सकता है। रही बात लॉकडाउन की तो ऐसे समय में सरकार ने पान मसाला तथा तंबाकू चबाने आदि पर पर पहले ही प्रतिबंध लगाया है। ऐसे लोग ज्यादा थूकते हैं इसलिए अगर कहीं से कोई यह चीजें खाता भी है तो सार्वजनिक स्थानों पर थूकता है तो जुर्माना होना चाहिए। इसके अतिरिक्त नेचुरल काल के बारे में यदि डॉक्टर के पास जाता है थूकने या उल्टी आते समय कुछ सावधानियां बरतने की बात भी कहेंगे। उन्होंने कहा कि थूक निगलना निर्भर करता है कि व्यक्ति के शरीर में रोग रोधक क्षमता कितनी है। वैसे तो थूक उसी के शरीर का एक अंग होता है फिर भी यदि थूक निगला जाता है तो उसके शरीर में रोग रोधक क्षमता पर निर्भर करता है। अगर रोग रोधक क्षमता कम है तो नुकसान होने की पूरी संभावना बन जाती है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकना मना है ऐसे में सार्वजनिक स्थानों पर अपने रुमाल कोहनी मोड़कर,टिशू पेपर आदि का उपयोग करना चाहिए।
फोटो कैप्शन:डॉक्टर दीपांशु कनीना
दाना पानी
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कनीना। कनीना निवासी सूबे सिंह प्रतिदिन पक्षियों के लिए पानी, दाना में डालते हैं। पक्षियों को ही नहीं जीवों को बचाने में भी लगे हुए हैं। पूरी गर्मी यह गतिविधि अपनाते हैं।
सूबे सिंह कनीना नजदीक जीआर स्कूल कनीना
ईमानदारी का परिचय दिया, रुपयों से भरा पर्स लौटाया
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कनीना। कनीना के योगेश अग्रवाल का रुपयो से भरा पर्स ईमानदारी का परिचय देते हुए एक व्यक्ति ने लौटाया।
योगेश कुमार ने बताया कि झज्जर जिले से आते समय डाबला गांव के पास उनका पर्स गिर गया जो ईमानदारी का परिचय देते हुए लौटा दिया। योगेश अग्रवाल ने बताया कि उनका पर्स रुपयों से भरा था वही एटीएम एवं कीमती कागजात थे। डाबला के हरीश को यह पर्स मिला उन्होंने फोन से सूचना देकर पर्स लौटा दिया।
राजेश कुमार शिक्षक उन्हाणी
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*********************************** कनीना। जब हम इंसानों को प्यास इतना व्याकुल कर देती है तो उन बेजुबान पक्षियों की हालत बहुत कष्टदायक होगी इसलिए हमें अपने अपने घरों की छतों ; मुंडेर या पेड़ों आदि पर पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध करना चाहिए ।
यह कहना है शिक्षक व सोशल एक्टिविस्ट स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी राजेश उन्हाणी का जिन्होंने आज अपनी घर की छत पर पक्षियों के लिए पानी का सिकोरा रखे।
फोटो कैप्शन राजेश कुमार
जब तक सरकार चाहेगी और लोग सहयोग करेंगे कोई भूखा नहीं जाएगा -जेलदार
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कनीना। जब तक सरकार चाहेगी और लोग सहयोग करेंगे कोई भूखा नहीं जाएगा। कनीना पालिका में आए हुए किसी भी व्यक्ति को भूखा नहीं जाने दिया जाएगा। ये विचार कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने नगरपालिका व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि पूरा प्रशासन उनके इस नेक कार्य से खुश है वही गरीब व्यक्ति भी जो यहां दूसरे प्रांतों के आते हैं खाना खाकर प्रसन्न लौटते हैं किंतु कुछ लोग नहीं चाहते शेल्टर होम तथा अन्य लोगों के लिए खाना बने। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार चाहेगी और लोग यूं ही सहयोग करते रहेंगे खाना खिलाने का सिलसिला चलता रहेगा।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में दूसरे प्रांतों के लोगों को खाना खिलाया जा रहा है तो हमें इस पुनीत कार्य में पीछे क्यों हटना है? ऐतिहात के सभी कदम सख्ती से उठाते हुए सेनिटाइजर, मास्क, हाथों की धुलाई करते हुए, नियमानुसार खाना खिलाते रहेंगे। खाने में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने बताया कि अब तक 2,20,107 रुपये की सहायतार्थ राशि लोगों ने प्रदान की है जिनमें हाल ही में रामेश्चरी देवी वार्ड 9 से 13000 रुपये, रोहताश वार्ड दो से 5 हजार रुपये, लाजपतराय 2100 रुपये, विकास पुत्र रवि ने दस हजार रुपये, अहनिल सेहलंगिया ने 5 हजार, बीर सिंह वार्ड 5 ने 11 हजार रुपये,गजराज सिंह ने 3100 रुपये सहायतार्थ राशि खाने के लिए प्रदान की है।
फोटो कैप्शन: सतीश जेलदार
जानवरों और पक्षियों का जीवन बचाने का संकल्प लिया
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कनीना। एक और देश भयंकर महामारी से जूझ रहा है दूसरी ओर इंसान से लेकर पशु पक्षियों का बुरा हाल है। ऐसे में आपकी सामाजिक संस्था बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल ने लोगों को भोजन वितरण करने के साथ साथ पशु पक्षियों की देखभाल करने का निर्णय लिया है जिसमें संस्था के साथियों द्वारा पक्षियों के परिंडे और जानवरों के चारे और पानी का इंतजाम किए जा रहे हैं।
इसके बारे में संस्था अध्यक्ष नवीन कौशिक ने बताया कि गर्मी शुरू होते ही हमारी संस्था द्वारा परिंडे लगाओ पक्षी बचाओ अभियान के तहत हर साल परिंडे लगाते हैं लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से पक्षियों का बुरा हाल है। इसलिए हमने लोगों को भोजन के साथ इस मुहिम को शुरू किया है। उन्होंने बताया कि अगर कोई परिंडे न लगा सके तो जो भी परिंडे रखे हुए हैं उनमें पानी जरूर डाले और मानवता की मिसाल पेश कर। उन्होंने कहा कि किसी भी असहाय को भोजन की कमी न रहे इसके लिए भी वे लगातार लगे हुए हैं। इस मौके पर सुरेश कुमार, साकेत, मोहित, प्रीतम, अजय युवा साथी मौजूद थे।
खाद्य सामग्री के किट वितरित
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कनीना। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते देश लॉकडाउन की संवेदनशील स्थिति में बीएमडी क्लब द्वारा कनीना क्षेत्र के आस-पास गांव खेड़ी,तलवाना,धनोंदा एवं खरकड़ा बास में जरूरतमंदों को फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए खाद्य सामग्री किट वितरित की गई। क्लब के प्रतिनिधियों चेयरमैन लक्की सीगड़ा एवं सचिव इन्द्रजीत शर्मा द्वारा खाद्य सामग्री किट वितरित की गई।
चेयरमैन लक्की सीगड़ा ने कहा कि उनकी संस्था कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में कोई कसर नही छोड़ रहा है। यह समय देश व प्रदेश में संकट का है इसलिए देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम प्रदेश व जिला प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग में खड़े हैं। प्रदेश सरकार के पर्याप्त साधनों को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन के सहयोग से गली-गली, बस्ती-बस्ती में घर-घर जाकर लोगों को राशन पहुंचा रहे हैं, क्योंकि यह जिम्मेदारी सिर्फ जिले के उपायुक्त की नहीं, हम सबकी भी बनती है। इसलिए जो भी नागरिक वास्तव में भारत देश व अपने हरियाणा से प्यार करता है तो यह समय है देश ओर प्रदेश के प्रति अपना दायित्व निभाने का। आप जिन भी साधनों से जिला प्रशासन की मदद कर सकते हैं, उससे करें, आगे आएं और सहयोग करें।
इस मौके पर इंद्रजीत सहित विभिन्न पदाधिकारी मौजूद थे।
मासूम यश ने गुल्लक से निकालकर दान कर दिए 2100 रुपये
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कनीना। आपदा की घड़ी में बड़ों के साथ मासूम बच्चे भी कोरोना को हारने और सरकार को आर्थिक सहयोग देने में आगे आ रहे हैं। बाघोत गांव का साढ़े चार वर्षीय यश पुत्र सत्यनारायण ऐसे ही परोपकारी मासूम छात्र हैं। वह पहली कक्षा में पढ़ता है।
यश ने कोरोना वायरस की रोकथाम और गरीब-जरूरतमंदों की सहायता के लिए नगर पालिका कनीना में अपनी गुल्लक दी है। गुल्लक खोलने पर उसमें 2100 रुपये निकले। यश ने यह राशि अपने परिवार के सदस्यों एवं रिश्तेदारों से भेंट में मिले रुपयों को गुल्लक में डालकर जोड़ी थी।
खेलने-कूदने की उम्र में अपने अनूठे योगदान से पीडि़त मानवता की मदद करने वाले यश ने बताया कि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में आर्थिक सहयोग देने की भावना उसके अंतर मन में टीवी पर मुख्यमंत्री की अपील और देश-प्रदेश के हालात को देखकर जागी। लॉकडाउन की वजह से गरीब श्रमिकों, कमजोर वर्गों को हो रही परेशानी एवं राष्ट्रीय आपदा के समय शासन-प्रशासन को नागरिकों के द्वारा दिल खोलकर आर्थिक सहयोग करते देख उसने अपनी गुल्लक में जमा राशि देने की बात अपने परिवार वालों से कही। यश के इस नेक इरादे और जज्बे का पता जब परिवार के अन्य सदस्यों को चला तो सभी ने उसकी हौसला आफजाई की।
फोटो कैप्शन 1: गुल्लक तोड़कर राहत के लिए राशि देता यश।
नवोदय विद्यालय करीरा के विद्यार्थियों का शुरू किया आनलाइन शिक्षण
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कनीना। कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन से देश भर के स्कूल-कालेज बंद हैं। इससे सरकारी स्कूलों के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इस दौरान देश के निपुण एवं कुशल शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाई के अलग-अलग उपाय कर रहे हैं। इसी कड़ी में नवोदय विद्यालय के कंप्यूटर शिक्षक डॉ. सुनील कुमार ने बच्चों की अधिगम प्रक्रिया को सरल बनाते हुए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर घर बैठे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया है, जो बच्चों के लिए रामबाण साबित हो रहा है। इस अनोखे प्रयोग के प्रारंभ का नवोदय विद्यालय परिवार के ऑफिसरों ने अभिनंदन किया है और इस नवाचार को देश भर के विद्यार्थियों के लिए आधिकारिक रूप से खोल दिया है।
विद्यालय प्राचार्य सुरेश कुमार व समस्त स्टाफ ने प्राध्यापक डॉ. सुनील कुमार की तारीफ की है जो शैक्षणिक दायित्वों के निर्वहन के लिए जी तोड़ कोशिश करने में लगे हैं। विद्यालय प्राचार्य सुरेश कुमार ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से विद्यालय के छात्र सूचना व प्रौद्योगिकी विषय की विज्ञान प्रदर्शनी में अपना परचम फहराते हुए राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उपरोक्त विषय पर जानकारी देते हुए डा. वत्स ने बताया कि कंप्यूटर विज्ञान विषय के कक्षा 11 व 12 के सभी लेक्चर एक ही जगह पर उपलब्ध होंगे। इसके लिए छात्र इस लिंक के माध्यम से अपनी पढ़ाई कर सकते है जरूरत होने पर छात्र दिए गए लिंक पर अपने उत्तर भी पा सकते है। वेबसाइट एचटीटीपीएसकोलनस्लैशडब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडाटडीआरसुनीलवत्सडाट कामडेशविडियोलेक्चर है।
विद्यालय प्राचार्य सुरेश कुमार ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज के समय में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का बहुत बड़ा योगदान है। इस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ऑनलाइन मीटिंग और वीडियो शेयरिंग के जरिये बच्चों को लाभान्वित कर रहे हैं। विद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि बच्चों की निरंतर पढ़ाई में यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी साबित हो रहा है।
इसके कार्यक्रम अंतर्गत किसी भी विद्यालय के छात्र दिये गये लिंक के माध्यम से जुड़ सकते हैं। यह 11वीं से 12वीं कक्षा तक के लिए शुरू किया गया है। इस पोर्टल के जरिए लाखों छात्र बिना किसी शुल्क के ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे।
फोटो कैप्शन : डा सुनील वत्स।
मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में दिए 11 हजार
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कनीना। ब्राह्मण समाज बाघोत के युवाओं ने एसडीएम रणबीर सिंह को 11 हज़ार व नगर पालिका कनीना को 13800 रुपए का सहयोग किया ।
युवा मंजीत वशिष्ठ ने बताया कि नोवल कोरोना वायरस से आज पुरा विश्व संकट में खड़ा है, ओर इस बीमारी से निपटने के लिए जो भी प्रयास किए जा रहे है, सभी देश मिलजुल कर कर रहे है। ब्राह्मण समाज की धार्मिक संस्था, परशुराम सेना बाघोत ने 11000 रुपए मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में जमा कर देश को इस महामारी से लडऩे हेतु सहयोग का प्रयास किया गया है।
इस अवसर पर अमित अत्री, सुनील गौड़, सुनील अत्री, सुरेंद्र शर्मा उपस्थित रहे ।
उधर बाघोत निवासी महिपाल नंबरदार जिला इनसो चेयरमैन ने अपने निजी कोष से 11000 रुपए शेल्टर होम में रुके प्रवासियों के भोजन के लिए नगर पालिका चेयरमैन सतीश जेलदार को दिए ।
महिपाल नंबरदार ने कहा की कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार की इस मुहिम में आप भी शामिल हो । आपके योगदान से सरकार के हाथ मजबूत होंगे।
फोटो कैप्शन 02: कनीना के एसडीएम को राहत राशि का चेक प्रदान करते हुए बाघोत के जन।
5 सैंपल और भेजे, पहले भेजे गए कुछ सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई
संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल से बुधवार को 5 सैंपल कोरोना जांच के लिए फिर से रोहतक भेजे हैं। जहां मंगलवार को भी 5 सैंपल भेजे गए थे वही विगत दिनों 25 सैंपल कोरोनावायरस की जांच के लिए भेजे गए थे।
डा धर्मेंद्र एसएमओ कनीना ने बताया कि विगत दिनों भेजे गए 25 सैंपल में से कुछ की रिपोर्ट अभी तक आ चुकी है और कुछ की आनी बाकी है। जिनकी रिपोर्ट आई हैं वे सभी नेगेटिव आई है। जबकि बुधवार को पांच अन्य सैंपल भी भेजे गए हैं। ये संदिग्ध व्यक्तियों के सैंपल होते हैं जिनमें खांसी, जुकाम, बुखार आदि के लक्षण पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि ये रिपोर्ट भी जल्द ही आने की उम्मीद हैं। उल्लेखनीय है कि कनीना नगर पालिका के तहत जहां दो शेल्टर होम बनाए गए हैं वहां से भी सैंपल भेजे गए हैं किंतु जो भी रिपोर्ट आई है वे सभी नेगेटिव आई है।
पुलिस ने बढ़ाई सख्ती
संस,कनीना। जहां लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दिए जाने के चलते पुलिस ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। इधर उधर घूमने वालों को सघनता से जांच की जा रही है तथा कुछ के चालान भी काटे जा रहे हैं। किसानों को खेतों में जाने की जरूरत होती है जो खेतों में जाने को मजबूर हैं। विभिन्न नाकों पर जहां पुलिसकर्मी बैठे रहते हैं जो वाहनों की जांच कर रहे हैं वही ठीकरी पहरा भी दिया जा रहा है।
डॉक्टर की सलाह.........
खाली पेट में न घूमे
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कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल के एसएमओ धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि खाली पेट नहीं रहना चाहिए और न घूमना चाहिए। खाली पेट से रोग होने की ज्यादा संभावना हो सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना की महामारी के चलते ऐतिहात के सभी नियमों का पालन करना जरूरी है। जहां तक हो सके घर में आराम करें। बूढ़े बड़ों को घर से बाहर किसी भी सूरत में न जाने दे। बूढ़े बड़ों में जहां रोग रोधक क्षमता कम होती है इसलिए उन्हें बाहर नहीं जाने देना चाहिए। एक जिल से दूसरे जिले में न जाए।
डॉ धर्मेंद्र का कहना है कि फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखनी चाहिए इससे रोग नहीं लगेगा। वहीं मास्क लगाकर इधर उधर जाना चाहिए, हाथों को बार-बार साबुन या डिटोल से धोना चाहिए। सैनिटाइजर का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रकार की कोई खांसी सर्दी, जुकाम बुखार आदि की शिकायत है तो डॉक्टर की सलाह लेने से नहीं हिचकिचाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि खाना नियमित रूप से खाते रहना चाहिए। खाने के लिए कोई बंदिश नहीं है। लेकिन खाली पेट नहीं रहना चाहिए।
फोटो कैप्शन: डॉ धर्मेंद्र एसएमओ
डॉक्टर की सलाह-----
घर में रहकर खुशी खुशी समय बीताए
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कनीना। कनीना के डॉक्टर वेद प्रकाश का कहना है कि कोरोनावायरस पूरे ही जग में समस्या बनता जा रहा है। ऐसे में हम सभी का फर्ज बनता है कि इससे रोकथाम के उपाय अपनाए। रोग से बचने का सबसे सरल उपाय है फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखें, घरों में रहकर सरकार के आदेश अनुसार आराम करें, बार-बार हाथों को साबुन या डिटोल से धोए, सैनिटाइज करना हो तो अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से ही सैनिटाइज करें। उनका कहना है कि धातुओं पर लंबे समय तक यह कोरोना जीते हैं। इसलिए धातु के बर्तनों को छूने के बाद हाथों को जरूर धोए। उन्होंने कहा कि इधर-उधर घूमने से समस्या बनती है जब कोई काम ना हो तो अनावश्यक इधर-उधर न घूमे, रोग के लक्षण अगर किसी में नजर आए तो 1 मीटर की दूरी बनाए। अगर रोग के लक्षण नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मास्क जरूर पहने। मास्क पहनने से न केवल कोरोनावायरस अपितु उड़ती हुई राख, हवा में उड़ते भी कीट आदि से भी बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि रोगाणु से बचना ही सबसे बेहतरीन तरीका होगा। ऐसे में किसी भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर न जाए, आसपास सभा आदि हो रहा हो तो उसमें भी नहीं जाना चाहिए। अपने पूरे परिवार के साथ बैठकर खुशी खुशी दिन बिताना चाहिए। खुशी-खुशी जीवन जिये, शुद्ध सात्विक भोजन खाए, ताजा सब्जी, दाल आदि जरूर प्रयोग कर।ें इससे रोग से बचा जा सकता है।
डॉ वेदप्रकाश फिजिशियन कनीना
वर्दी वाले साथी......................
अमन चैन कायम करने में अहम भूमिका निभाई है गोविंद सिंह एसआई ने
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कनीना। कनीना सिटी प्रभारी/ चौकी प्रभारी गोविंद सिंह एएसआई ने कनीना क्षेत्र में अमन-चैन कायम करने में अहम भूमिका निभाई है। विशेषकर कोरोना महामारी के चलते लोगों को घरों के अंदर रहने की बार-बार प्रेरणा दी किंतु कोरोना महामारी में भी दुपहिया वाहन चालक नियमों को तोड़ते नजर आए तो उनके चालान भी काटे गए। अब तक का 60 चालान कोरोना महामारी दौरान काटकर करीब चार लाख राजस्व लाभ प्रदान किया है।
दिन रात आने जाने वाले वाहनों पर नजर जुटाए हुए हैं। जब भी कोई गाड़ी दूसरे प्रांतों से आती है तुरंत उस में बैठे हुए लोगों को अस्पताल तक पहुंचाते हैं ताकि उनकी जांच की जा सके। अब तक 100 के करीब ऐसे लोग कनीना अस्पताल तक पहुंचाए हैं ताकि उनकी जांच करके आगे की कार्रवाई की जा सके।
गोविंद सिंह एएसआई दिन को तो तैनाती निभाते हैं वहीं रात को पूरे कस्बा की तीन गश्त लगाते हैं ताकि अमन-चैन कायम रहे। सभी दुकानें बंद रहती है। ऐसे में श्त और बढ़ा दी है। रात्रि के समय एक बार मोटरसाइकिल पर तथा दो पैदल गश्त लगाई जाती है ताकि सभी की बंद दुकानें सुरक्षित रहें। जब कभी कहीं ताश खेलने वाले और हुक्का पीने वालों की सूचना आती है तो तुरंत पहुंचते हैं किंतु जब तक पहुंचते हैं ताश पीटने वाले तथा हुक्का पीने वाले इधर-उधर गायब हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते अपनी जिंदगी को दाव पर लगा कर दिन रात लोगों की सेवा में जुटे रहते हैं। गोविंद सिंह एसआई का कोरोना महामारी से पहले नियम तोडऩे वाले विशेषकर युवा पीढ़ी में खौफ रहा है। लड़कियों को सताने वाले, फब्तियां कसने वाले, बुलेट बाइक से पटाखे छोडऩे वालों पर विशेष नजर रखते थे। उनसे भयभीत थे जिसके चलते पटाखे छोडऩे की घटनाएं और लड़कियों को छेडऩे, उन पर फब्तियां कसने वाले गायब हो गए थे।
उनकी कार्यशैली अधिकारी भी प्रभावित है वही लोग भी खुश है। अब तो वे आम जन के चहेते बन रहे हैं। जब भी किसी को कहीं आवश्यकता होती है तुरंत उन्हें फोन से संपर्क कर लेते हैं।
फोटो कैप्शन: गोविंद सिंह एएसआई
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