रविवार को खाली हो जाएंगे शेल्टर होम
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कनीना। कनीना के शेल्टर होम रविवार को खाली हो जाने की उम्मीद है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना से 42 तथा आरएस वाटिका से 53 प्रदेशियों को उनके प्रदेश छोडऩे के लिए रोडवेज बसे जाएंगी। डा विनय कुमार शर्मा एवं उनकी टीम ने इन सभी की मेडिकल जांच की तथा विभिन्न अधिकारियों की मौजूदगी में सभी औपचारिक्ताएं पूर्ण की गई हैं।
कार्यालयों में अधिकारियों की की गई स्क्रीनिंग
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कनीना। सीएमओ नारनौल द्वारा उप-नागरिक अस्पताल कनीना के डा विनय शर्मा शर्मा की अध्यक्षता में गठित 3 सदस्यीय मेडिकल टीम ने एसडीएम कार्यालय कनीना, पुलिस चौकी तथा थाना कार्यालय में समस्त 43 कर्मचारियों एवं अधिकारियों की स्क्रीनिंग कर कोविड-19 से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी हासिल कर की। सभी को कोविड-19 से बहार पाया गया है। विस्तृत जानकारी देते हुए टीम अध्यक्ष डा विनय कुमार शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के तहत सबसे पहले तापमान नोट किया जाता है, यदि शरीर का ताप नार्मल है तो उसे कोविड-19 से बाहर कर दिया जाता है। तत्पश्चात खांसी, जुकाम संबंधित विभिन्न जानकारी हासिल की जाती है। यदि किसी प्रकार की कोई ऐसी बीमारी पाई गई तो उसे आईएलआई अर्थात इंफ्लुयेंजा इलनेस में शामिल कर दिया जाता है। मौके पर ही उसे संबंधित बीमारी की दवा दी जाती है तथा उसे फोलो अप में रखकर खांसी जुकाम आदि घटने या बढऩे की जानकारी हासिल की जाती है।
तत्पश्चात ट्रैवलिंग हिस्ट्री ज्ञात की जाती है कि कर्मचारी कहीं बाहर से आता है तो कहां से आता है? इस संबंधित समस्त जानकारी भी हासिल टीम द्वारा की गई। उन्होंने बताया कि उनकी टीम में एएनएम शर्मिला, डीएम लखपत सिंह भी शामिल हैं। विदित हो कि कनीना उप नागरिक अस्पताल में 2 टीमें गठित की हुई है, एक ओपीडी टीम है जो गांव गांव जाकर लोगों की सेवा कर रही है वहीं दूसरी टीम कार्योलयों में स्क्रीनिंग करेगी।
फोटो कैप्शन सात: एसडीएम का स्क्रीनिंग करते डा विनय।
सीएम आफिस तक चर्चा में है कस्बा कनीना
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कनीना। एक और जहां कोरोनावायरस से लोग जूझ रहे हैं वहीं कनीना वासी दूसरे प्रदेशों के करीब 2000 लोगों को प्रतिदिन खाना खिला कर कनीनावासी नाम कमा रहे हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने शनिवार को कनीना में औचक निरीक्षण करने के पश्चात कनीना वासियों एवं प्रधान सतीश जेलदार की पीठ थपथपाई वहीं बेहतर कार्यकर्ताओं को मौके पर ही सम्मानित भी किया।
उल्लेखनीय है कि कनीना वासियों के सहयोग से दूसरे प्रदेशों के इतनी भारी तादाद में लोगों को खाना खिला कर एक मिसाल कायम की है जो पूरे प्रदेश में विख्यात है। विदित हो कस्बा कनीना में नगर पालिका कनीना के समक्ष राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शेल्टर होम लगाया गया है जहां करीब 45 लोग अन्य प्रदेशों के करीब एक महीने से रह रहे हैं। लेकिन खाने के वक्त दो हजार के करीब लोग पहुंच जाते हैं। सभी को खाना खिलाया जाता है। गांवों के लोग भी इस खाने में जमकर सहयोग कर रहे हैं।
शेल्टर होम में महेंद्र हलवाई, पवन पोंडा चायवाला, ओमप्रकाश ठेकेदार, विक्रम सिंह,
लेखाकार शिवचरण शर्मा, राजाराम सचिव, एमई चमनलाल सहित अन्य समस्त कर्मचारी एवं अधिकारी अपने कार्य के साथ साथ सेवक बने हुए हैं। ये अधिकारी,कर्मचारी एवं जनसेवक इन लोगों की सेवा में जुटे रहते हैं। जिसके चलते सीएम ऑफिस तक कनीना वासियों की तारीफ हो रही है। कस्बा कनीना में इस प्रकार का यह पहला अवसर है जब लोग अपने घरों में खाना बनाने में बेशक मदद न करते हो लेकिन यहां या तो खाना बनवाते हैं या खिलाते हैं। यहां तक कि नगरपालिका कार्यालय को रसोईघर का रूप दिया हुआ है तथा इसके सामने सरकारी स्कूल है जहां शेल्टर होम स्थापित है। खाने के समय लंबी-लंबी कतारें लग जाती है उनको अनुशासन में रखना, ऐतिहात के नियमों का पालन करवाकर खुशी खुशी खाना खिला कर घर भेजते हैं। हर आपदा एवं समस्या के समय कनीनावासी एकजुटता का प्रमाण देते हैं।
किसान व आढ़ती के आपसी विश्वास के अटूट सम्बन्ध को बनाये रखे
संस,कनीना। जिला पार्षद व कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने शनिवार को कनीना अनाज मंडी में चल रही सरसों खरीद केंद्र का जायजा लिया।
इस दौरान उन्होंने किसानों और आढ़तियों से उनकी तकलीफों को जाना। उन्होंने किसानों के अन्न की 40 क्विंटल की शर्त नहीं रखनी चाहिए।
सरकार को किसान की पूरी फसल खरीदने का तुरन्त इंतजाम करना चाहिए, क्योंकि किसान अपनी शेष बची फसल का भंडारण नहीं कर पाएंगे।
श्रीमती वर्मा के अनुसार उस किसान को बड़ी परेशानी होगी जिसका सबसे आखिर में नंबर आएगा, और न जाने उसका ये नंबर कितने दिनों बाद आयेगा। इस दौरान उन्होंने जरूरतमंद किसानों को मास्क भी वितरित किये।
जिला परिषद की पूर्व उपाध्यक्षा वर्मा ने कहा कि किसान की सुविधा का ध्यान रखते हुए और उनकी दुविधा समझते हुए पुरानी प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से लागू कर देना चाहिये क्योंकि हमारे यहां किसानों व आढ़तियों में आपसी विश्वास का एक अटूट संबंध रहा है, उन पर शक करके स्थानीय भाईचारे को ना तोड़े। उन्होंने कहा कि बीते माह बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से खराब हुई फसल की अभी तक ठीक ढंग से गिरदावरी तक भी नही की गई है।
फोटो कैप्शन 6: श्रीमती वर्मा कनीना मंडी में समस्या जानते हुए।
किसान व आढ़ती के अखरीद के ग्यारहवें दिन 217 किसानों ने 5708 क्विंटल सरसों बेची
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35 किसानों ने 1150 क्विंटल गेहूं बेचा
कनीना। कनीना अनाज मंडी तथा इसके तहत आने वाले तीन खरीद केंद्रों पर सरसों की खरीद त्वरित गति से जारी है जबकि गेहूं की आवक बहुत कम हो रही है। महज कनीना मंडी में ही गेहूं खरीद हो रही है। खरीद के ग्यारहवें दिन 217 किसानों ने 5708 क्विंटल सरसों बेची तो 35 किसानों ने 1150 क्विंटल गेहूं बेचा है।
हैफेड चेयरमैन सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 88 किसानों ने 2350 क्विंटल, सेहलंग में 47 किसानों ने 1228 क्विंटल, दौंगड़ा अहीर में 32 किसानों ने 779 क्विंटल तथा करीरा में 50 किसानों ने 1351 क्विंटल सरसों बेची है जबकि गेहूं 35 किसानों ने 1150 क्विंटल बेचा है।
शेल्टर होम के बेहतर कार्यविधि को लेकर मंत्री ने कनीनावासियों की सराहना की
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कनीना। प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने ेशनिवार को कनीना नगर पालिका में पहुंच कर कोरोना वायरस को लेकर गरीब व बेसहारा लोगों की तन, मन व धन से मदद कर रहे लगभग 20 वालंटियरों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर उनके साथ अटेली के विधायक सीताराम यादव विशेष रूप से उपस्थित थे।
मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि भारत ऋषि-मुनियों का देश है जहां संकट में एक दूसरे की मदद करना हमें अपने पूर्वजों से विरासत में मिला है। भारत के लोगों की संस्कृति है कि आपस में पड़े हुए दुख को हम बांट लेते हैं। आज पूरा देश कोरोनावायरस बीमारी के चलते संकट के दौर से गुजर रहा है। देश पर इतनी बड़ी आफत आ पड़ेगी हम सब में से किसी ने यह स्वप्न में भी नहीं सोचा था। आज पूरा विश्व इस संकट के दौर से गुजर रहा है। अमेरिका, इटली व अन्य देशों में कोरोना बीमारी को लेकर रोजाना मरने वालों लोगों की संख्या कई हजार है जबकि भारत में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व लोकप्रिय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सूझबूझ से इस बीमारी को काबू करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की है। जिस कारण विश्व भर में भारत की तारीफ हो रही है।
उन्होंने कहा कि इस संकट में जो लोग वालंटियर बनकर तन,मन व धन से जरूरतमंद लोगों को भोजन,दवाई,वस्त्र व अन्य जरूरत का सामान उपलब्ध करा रहे हैं निश्चित ही वे बधाई के पात्र हैं । मेरे सामने खड़े वालंटियरों के हौसलों से मुझे लगता है कि जल्द ही हम कोरोना को भारत से भगा देंगे। उन्होंने लोगों से लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करने का अनुरोध किया। इस मौके पर अटेली के विधायक सीताराम यादव ने कहा कि सरकार व आप सब की सूझबूझ का परिणाम है कि महेंद्रगढ़ जिले में कोरोना बीमारी का अब तक एक भी मरीज नहीं है। आप सब लोगों ने प्रधानमंत्री के लॉकडाउन का मजबूती से पालन किया है। आगे जब भी भविष्य में प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की तरफ से आदेश मिलेगा उसका पालन आप सब करोगे। इस मौके पर मंत्री ओम प्रकाश यादव ने स्थानीय डीएसपी साधुराम,कनीना थाना प्रभारी विकास कुमार व गोविंद राम एएसआई को भी कोरोना बीमारी में अच्छे कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इस संकट में पुलिस भी दिन रात लोगों को लॉकडाउन को लेकर जागरूक करने में लगी हुई है। इस अवसर पर करीना नगर पालिका, एसडीएम कनीना रणवीर सिंह,ओमप्रकाश इेकेदार, चेयरमैन सतीश जेलदार, उप प्रधान अशोक ठेकेदार, सचिव राजाराम,पूर्व प्रधान राजेंद्र लोढ़ा, युवा भाजपा नेता उमेश यादव, विक्रम, मुकेश नंबरदार, कंवरसेन वशिष्ठ, सोमदत्त,सतबीर सेहलंग व सीताराम आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 5 एवं 6: शनिवार को मंत्री ओम प्रकाश यादव कनीना में वॉलंटियरों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करते हुए, साथ में विधायक सीताराम यादव।
जंग ए आजादी के महान् योद्धा थे नेतराम
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव उन्हाणी में खुशहाल के घर 1918 में जन्मे नेतराम ने जंग ए आजादी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। बचपन में ही इनके पिता के देहांत पश्चात माता धापा देवी ने उन्हें पाला था।
वे 22वर्ष की आयु में 7वीं राज राइफल सेना में भर्ती हो गए। प्रशिक्षण के बाद अंग्रेजों ने इनकी बटालियन को जापान से लडऩे के लिए भेजा। वे पकड़ लिए गए किंतु रास बिहारी बोस, सिंगापुर पहुंचे और भारतीय बंदी सैनिकों को छुड़वाया। 1942 मे आजाद हिन्द फौज का गठन किया जिसमें नेतराम भी शामिल हुए। लेकिन यह सेना जापानियों ने पुन: बंदी बनाकर तोपखाना जेल में डाल दिया।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अंग्रेजी सरकार के आंखों में धूल झोंककर सिंगापुर पहुंचे। नेतराम भी नेता जी के विचारों से प्रभावित हुए। इसी के साथ वो आजाद हिन्द फौज के नेहरू बिर्गेड में शामिल हो गए।
आजाद हिन्द फौज में रहते हुए उन्होंने वतन की आजादी के लिए बर्मा की रंगून जेल, पाकिस्तान की मुल्तान जेल, बंगाल की गिरगिच्छा जेलों में कठोर यातनाएं सही।
जेलों में यातनाएं सहन करनी पड़ी। बंगाल की गिरगिच्छा जेल में पेड़ों की छाल खाकर अपना जीवन बचाते थे। इनकी रिहाई मुल्तान जेल से ही हुई। नेतराम की बहादुरी व भारत माता को आजाद करवाने के लिए 15 अगस्त 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राष्ट्र की ओर से ताम्र पत्र देकर सम्मानित किया। ताऊ देवीलाल ने भी उनको सम्मान सहित ताम्र पत्र प्रदान किया।1997 तत्कालीन मुख्यमंत्री बंशीलाल ने राज्य की ओर से ताम्र पत्र देकर सम्मानित किया। 26 अप्रैल 2007 को यह वीर सेनानी पंचतत्व में विलीन हुए। नेतराम का देशभक्ति का जज्बा भी देश के जवानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है।
फोटो कैप्शन: स्वतंत्रता सेनानी नेतराम।
शेल्टर होम में आया 25 हजार का दान
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कनीना। कनीना के शेल्टर होम (राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना) के लिए दानदाता धन से सहयोग कर रहे ताकि रह रहे लोगों के लिए खाने का प्रबंध किया जा सके। पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि 11000 रुपये यश कुमार पुत्र सुधीर कुमार ने,
रोहित पुत्र भरपूर सिंह, दिनेश पुत्र राजेंद्र सिंह, नवीन यदुवंशी, नरेंद्र पुत्र ओमप्रकाश ने क्रमश: दो दो हजार तथा विनोद, योगेंद्र, कमल, हरीश, हिमांशु ने एक-एक हजार रुपये तथा 1100 विकास ने दान दिए हैं।
फोटो कैप्शन 1: दान देते हुए लोग।
खरीद के दसवें दिन 209 किसानों ने 5678 क्विंटल सरसों बेची
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कनीना। कनीना अनाज मंडी तथा इसके तहत आने वाले तीन खरीद केंद्रों पर सरसों की खरीद त्वरित गति से जारी है जबकि गेहूं की आवक बहुत कम हो रही है। महज कनीना मंडी में ही गेहूं खरीद हो रही है। खरीद के दसवें दिन 209 किसानों ने 5678 क्विंटल सरसों बेची तो 54 किसानों ने 1900 क्विंटल गेहूं बेचा है।
हैफेड चेयरमैन सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 88 किसानों ने 2415 क्विंटल, सेहलंग में 29 किसानों ने 753 क्विंटल, दौंगड़ा अहीर में 42 किसानों ने 1068 क्विंटल तथा करीरा में 50 किसानों ने 1442 क्विंटल सरसों बेची है जबकि गेहूं 45 किसानों ने 1900 क्विंटल बेचा है।
सुनील ने उगाया है ऊंट कटारा तथा चक्र पुष्प
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कनीना। किसान कृषि में बदलाव करने लगे हैं और परंपरागत खेती की बजाय अब सब्जी एवं औषधीय पौधे उगाने लगे हैं। सुनील कुमार सीहमा अपने 2 एकड़ में पुष्प चक्कर (जिसे मोटी सौंफ) कहते हैं तथा डेढ़ एकड़ में ऊंट कटारा उगाए हैं जो कि दोनों ही पौधे औषधीय है। इन्हें कोई आवारा जंतु तथा पालतू जंतु भी नहीं खाते। ऊंट कटारा रेगिस्तान में अधिक उगता है और कांटे वाला पौधा है जो अनेक औषधियों में काम आता है। सुनील कुमार ने बताया कि उनके खेत में 15 क्विंटल ऊंट कटारा होने की संभावना है जबकि 5 क्विंटल चक्कर पुष्प होने की संभावना है। वर्तमान में फसल पैदावार लेने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाजार में इसके भाव अच्छे है। एक 1 एकड़ में जहां सरसों 7 क्विंटल के करीब हो जाती है जो 30 हजार रुपये के करीब बिकती है वही ऊंट कटारा से करीब 1.40 लाख रुपये मिलने की उम्मीद है। उन्होंने विगत वर्ष केसर उगायी थी जिसमें भारी नुकसान हुआ। उन्होंने बताया कि वे किसानों के मुफ्त बीज एवं सलाह देंगे।
उन्होंने बताया कि बरेली से बीज लेकर आए थे और वही बेचा जाना है। बीज प्रदाता उन्हें खरीद कर ले जाएंगे। इन पौधों की देखरेख की अधिक जरूरत नहीं होती महज 3 बार पानी दिया है।
इन पौधों से खेत में बेहतर दर्जे का खाद भी पैदा होता है। ऐसे में उन्होंने कहा कि वे जिले में शायद पहले किसान होंगे जिन्होंने इस प्रकार की खेती की है। ये पौधे आयुष विभाग के तहत आते हें और आस पास मंडियां नहीं हैं।
फोटो कैप्शन 2: ऊंट कटारा की खेती
बीइंग हुमैन सेवा मंडल ने रखे 50 शिकोरे
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कनीना। बीइंग हुमैन सेवा मंडल ने कनीना क्षेत्र में 50 शिकोरे रखें। इस मौके पर सुरेश कुमार यादव संदराह, नवीन कौशिक अध्यक्ष तथा मनजीत भोजावास साथ थे।
अवसर पर नवीन कौशिक ने बताया कि प्रतिदिन 50 से 60 परिंडे रखे जा रहे हैं। कनीना के संगम कॉलोनी में भी उन्होंने पांच शिकोरे रखें। उनका कहना है कि जब तक गर्मी का सीजन चलता है तब तक लगातार इस प्रकार के परिंडे रखते रहेंगे। उन्होंने बताया कि जुलाई माह में लाख 7 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। बारिश शुरू होते ही विभिन्न प्रकार के छायादार, फलदार तथा औषधि पौधे लगाने शुरू कर दिए जाएंगे। ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पक्षी इस समय भीषण गर्मी की मार झेल रहे हैं उनके लिए पानी और अन्न उपलब्ध करवा पाना बहुत कठिन होता है ऐसे में पानी और उपलब्ध करवा कर ही चैन लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी का फर्ज बनता है कि नियमित रूप से पानी और अन्न का प्रबंध करें।
कनीना के विकी पंसारी ने बताया वे प्रतिदिन पक्षियों के लिए छत पर दाना पानी डालते हैं। उन्होंने सभी को प्रेरित किया कि गर्मी के सीजन में छत पर पानी रखने का प्रबंध किया जाए ताकि पक्षियों का जीवन भी बच सके। वे जीवित रह सके। उन्होंने कहा कि पक्षी भी हमारे जीवन का एक अंग होते हैं। इसलिए इनसे प्यार की अनुभूति दिखानी चाहिए।
फोटो कैप्शन 3: बीइंग हुमैन सेवा संस्था के लोग तथा विकी पंसारी।
लोक डाउन में समय बिताने के अलग अलग तरीकें
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कनीना। लॉकडाउन में जहां समय बिताना कठिन हो जाता है वहीं कुछ लोग बड़ी हंसी खुशी के साथ अपना समय बिता रहे हैं।
कनीना के हरियाणवी लोक गायक अमृत सिंह राघव अपने बच्चों के संग घर पर रहकर सरकार के आदेशों का पालन करते हुए जहां हारमोनियम पर रागिनी का रियाज करते हैं वही पंडित लख्मीचंद द्वारा रचित किस्से याद करते हैं वहीं पंडित मांगेराम के ध्रुवभक्त, खांडेराव परी आदि किस्सों को भी दोहराते हैं। बाकी बचे हुए समय में बच्चों के साथ लूडो, सांप सीढ़ी, कैरम आदि खेलकर बच्चों का मनोरंजन करते हैं। अमृत सिंह हरियाणवी रागिनी कलाकार ने बताया कि हरियाणवी रागिनी पढऩे से जीवन जीने की कला का अहसास होता है।फिलहाल कोरोनावायरस पर गुरु मुकेश सिंह की मदद से एक चार पंक्ति की रागिनी तैयार की है।
फोटो कैप्शन 04: कैरम खेलते हुए रागिनी गायक अमृतलाल राघव।
कोरोनावायरस से बचाव के लिए मास्क बांट दे रही हे सलाह
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कनीना। कस्बा कनीना में वार्ड 9 की एक महिला अपनी रोटी रोजी कमाने के उपरांत बचे समय में जन सेवा में जुटी हुई है। वे घर पर मास्क बनाकर लोगों को वितरित कर रही है और कोरोना बीमारी से बचने की उन्हें सलाह दे रही है।
मोनी देवी वार्ड नंबर 9 की निवासी है जो अपने परिवार का लालन पालन तो करती है वही समय बचते ही मास्क बना लेती हैं और अब तक उन्होंने 400 मास्क बनाकर क्षेत्र में मुफ्त दे दिए हैं ताकि कोरोनावायरस बच सकें।
उन्होंने बताया कि विगत दिनों से जब वैश्विक बीमारी कोरोनावायरस के बारे में तो अपने परिवार की सुरक्षा हेतु बाजार से मास्क खरीदना पड़ा जो महंगा लगा। उन्होंने सोचा क्यों ना अपने घर पर सस्ता मास्क बनाने का प्रयास करूं। एक मास्क को बेहतरीन ढंग से उन्होंने सस्ते में बना डाला तत्पश्चात उनका मनोबल बढ़ा। उनके पति योगेश कुमार ने उनका मनोबल बढ़ाया और कहा कि जन सेवा हेतु मास्क बनाओ मैं लोगों को वितरित कर दूंगा। मनोबल इतना बढ़ाया कि मेोनी ने मास्क बनाने शुरू कर दिए।अब तो वे 20- 25 मास्क प्रतिदिन बना देती है और योगेश कुमार को दे देती है। योगेश कुमार अपने क्षेत्र में तथा दूरदराज भी जरूरतमंदों को बांट देते हैं। उनके सराहनीय कदम के सभी कायल है। एक महिला होकर भी जी जान से जुटी हुई है और लोगों को कोरोनावायरस से बचाने का प्रयास कर रही है। उनका कहना है जब तक बीमारी पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हो जाएगी तब तक वे इसी प्रकार मास्क बनाती रहेगी।
फोटो कैप्शन 05: मास्क बनाते हुए वार्ड 9 की मोनी।
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कनीना। कनीना के शेल्टर होम रविवार को खाली हो जाने की उम्मीद है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना से 42 तथा आरएस वाटिका से 53 प्रदेशियों को उनके प्रदेश छोडऩे के लिए रोडवेज बसे जाएंगी। डा विनय कुमार शर्मा एवं उनकी टीम ने इन सभी की मेडिकल जांच की तथा विभिन्न अधिकारियों की मौजूदगी में सभी औपचारिक्ताएं पूर्ण की गई हैं।
कार्यालयों में अधिकारियों की की गई स्क्रीनिंग
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कनीना। सीएमओ नारनौल द्वारा उप-नागरिक अस्पताल कनीना के डा विनय शर्मा शर्मा की अध्यक्षता में गठित 3 सदस्यीय मेडिकल टीम ने एसडीएम कार्यालय कनीना, पुलिस चौकी तथा थाना कार्यालय में समस्त 43 कर्मचारियों एवं अधिकारियों की स्क्रीनिंग कर कोविड-19 से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी हासिल कर की। सभी को कोविड-19 से बहार पाया गया है। विस्तृत जानकारी देते हुए टीम अध्यक्ष डा विनय कुमार शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के तहत सबसे पहले तापमान नोट किया जाता है, यदि शरीर का ताप नार्मल है तो उसे कोविड-19 से बाहर कर दिया जाता है। तत्पश्चात खांसी, जुकाम संबंधित विभिन्न जानकारी हासिल की जाती है। यदि किसी प्रकार की कोई ऐसी बीमारी पाई गई तो उसे आईएलआई अर्थात इंफ्लुयेंजा इलनेस में शामिल कर दिया जाता है। मौके पर ही उसे संबंधित बीमारी की दवा दी जाती है तथा उसे फोलो अप में रखकर खांसी जुकाम आदि घटने या बढऩे की जानकारी हासिल की जाती है।
तत्पश्चात ट्रैवलिंग हिस्ट्री ज्ञात की जाती है कि कर्मचारी कहीं बाहर से आता है तो कहां से आता है? इस संबंधित समस्त जानकारी भी हासिल टीम द्वारा की गई। उन्होंने बताया कि उनकी टीम में एएनएम शर्मिला, डीएम लखपत सिंह भी शामिल हैं। विदित हो कि कनीना उप नागरिक अस्पताल में 2 टीमें गठित की हुई है, एक ओपीडी टीम है जो गांव गांव जाकर लोगों की सेवा कर रही है वहीं दूसरी टीम कार्योलयों में स्क्रीनिंग करेगी।
फोटो कैप्शन सात: एसडीएम का स्क्रीनिंग करते डा विनय।
सीएम आफिस तक चर्चा में है कस्बा कनीना
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कनीना। एक और जहां कोरोनावायरस से लोग जूझ रहे हैं वहीं कनीना वासी दूसरे प्रदेशों के करीब 2000 लोगों को प्रतिदिन खाना खिला कर कनीनावासी नाम कमा रहे हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने शनिवार को कनीना में औचक निरीक्षण करने के पश्चात कनीना वासियों एवं प्रधान सतीश जेलदार की पीठ थपथपाई वहीं बेहतर कार्यकर्ताओं को मौके पर ही सम्मानित भी किया।
उल्लेखनीय है कि कनीना वासियों के सहयोग से दूसरे प्रदेशों के इतनी भारी तादाद में लोगों को खाना खिला कर एक मिसाल कायम की है जो पूरे प्रदेश में विख्यात है। विदित हो कस्बा कनीना में नगर पालिका कनीना के समक्ष राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शेल्टर होम लगाया गया है जहां करीब 45 लोग अन्य प्रदेशों के करीब एक महीने से रह रहे हैं। लेकिन खाने के वक्त दो हजार के करीब लोग पहुंच जाते हैं। सभी को खाना खिलाया जाता है। गांवों के लोग भी इस खाने में जमकर सहयोग कर रहे हैं।
शेल्टर होम में महेंद्र हलवाई, पवन पोंडा चायवाला, ओमप्रकाश ठेकेदार, विक्रम सिंह,
लेखाकार शिवचरण शर्मा, राजाराम सचिव, एमई चमनलाल सहित अन्य समस्त कर्मचारी एवं अधिकारी अपने कार्य के साथ साथ सेवक बने हुए हैं। ये अधिकारी,कर्मचारी एवं जनसेवक इन लोगों की सेवा में जुटे रहते हैं। जिसके चलते सीएम ऑफिस तक कनीना वासियों की तारीफ हो रही है। कस्बा कनीना में इस प्रकार का यह पहला अवसर है जब लोग अपने घरों में खाना बनाने में बेशक मदद न करते हो लेकिन यहां या तो खाना बनवाते हैं या खिलाते हैं। यहां तक कि नगरपालिका कार्यालय को रसोईघर का रूप दिया हुआ है तथा इसके सामने सरकारी स्कूल है जहां शेल्टर होम स्थापित है। खाने के समय लंबी-लंबी कतारें लग जाती है उनको अनुशासन में रखना, ऐतिहात के नियमों का पालन करवाकर खुशी खुशी खाना खिला कर घर भेजते हैं। हर आपदा एवं समस्या के समय कनीनावासी एकजुटता का प्रमाण देते हैं।
किसान व आढ़ती के आपसी विश्वास के अटूट सम्बन्ध को बनाये रखे
संस,कनीना। जिला पार्षद व कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने शनिवार को कनीना अनाज मंडी में चल रही सरसों खरीद केंद्र का जायजा लिया।
इस दौरान उन्होंने किसानों और आढ़तियों से उनकी तकलीफों को जाना। उन्होंने किसानों के अन्न की 40 क्विंटल की शर्त नहीं रखनी चाहिए।
सरकार को किसान की पूरी फसल खरीदने का तुरन्त इंतजाम करना चाहिए, क्योंकि किसान अपनी शेष बची फसल का भंडारण नहीं कर पाएंगे।
श्रीमती वर्मा के अनुसार उस किसान को बड़ी परेशानी होगी जिसका सबसे आखिर में नंबर आएगा, और न जाने उसका ये नंबर कितने दिनों बाद आयेगा। इस दौरान उन्होंने जरूरतमंद किसानों को मास्क भी वितरित किये।
जिला परिषद की पूर्व उपाध्यक्षा वर्मा ने कहा कि किसान की सुविधा का ध्यान रखते हुए और उनकी दुविधा समझते हुए पुरानी प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से लागू कर देना चाहिये क्योंकि हमारे यहां किसानों व आढ़तियों में आपसी विश्वास का एक अटूट संबंध रहा है, उन पर शक करके स्थानीय भाईचारे को ना तोड़े। उन्होंने कहा कि बीते माह बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से खराब हुई फसल की अभी तक ठीक ढंग से गिरदावरी तक भी नही की गई है।
फोटो कैप्शन 6: श्रीमती वर्मा कनीना मंडी में समस्या जानते हुए।
किसान व आढ़ती के अखरीद के ग्यारहवें दिन 217 किसानों ने 5708 क्विंटल सरसों बेची
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35 किसानों ने 1150 क्विंटल गेहूं बेचा
कनीना। कनीना अनाज मंडी तथा इसके तहत आने वाले तीन खरीद केंद्रों पर सरसों की खरीद त्वरित गति से जारी है जबकि गेहूं की आवक बहुत कम हो रही है। महज कनीना मंडी में ही गेहूं खरीद हो रही है। खरीद के ग्यारहवें दिन 217 किसानों ने 5708 क्विंटल सरसों बेची तो 35 किसानों ने 1150 क्विंटल गेहूं बेचा है।
हैफेड चेयरमैन सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 88 किसानों ने 2350 क्विंटल, सेहलंग में 47 किसानों ने 1228 क्विंटल, दौंगड़ा अहीर में 32 किसानों ने 779 क्विंटल तथा करीरा में 50 किसानों ने 1351 क्विंटल सरसों बेची है जबकि गेहूं 35 किसानों ने 1150 क्विंटल बेचा है।
शेल्टर होम के बेहतर कार्यविधि को लेकर मंत्री ने कनीनावासियों की सराहना की
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कनीना। प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने ेशनिवार को कनीना नगर पालिका में पहुंच कर कोरोना वायरस को लेकर गरीब व बेसहारा लोगों की तन, मन व धन से मदद कर रहे लगभग 20 वालंटियरों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर उनके साथ अटेली के विधायक सीताराम यादव विशेष रूप से उपस्थित थे।
मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि भारत ऋषि-मुनियों का देश है जहां संकट में एक दूसरे की मदद करना हमें अपने पूर्वजों से विरासत में मिला है। भारत के लोगों की संस्कृति है कि आपस में पड़े हुए दुख को हम बांट लेते हैं। आज पूरा देश कोरोनावायरस बीमारी के चलते संकट के दौर से गुजर रहा है। देश पर इतनी बड़ी आफत आ पड़ेगी हम सब में से किसी ने यह स्वप्न में भी नहीं सोचा था। आज पूरा विश्व इस संकट के दौर से गुजर रहा है। अमेरिका, इटली व अन्य देशों में कोरोना बीमारी को लेकर रोजाना मरने वालों लोगों की संख्या कई हजार है जबकि भारत में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व लोकप्रिय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सूझबूझ से इस बीमारी को काबू करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की है। जिस कारण विश्व भर में भारत की तारीफ हो रही है।
उन्होंने कहा कि इस संकट में जो लोग वालंटियर बनकर तन,मन व धन से जरूरतमंद लोगों को भोजन,दवाई,वस्त्र व अन्य जरूरत का सामान उपलब्ध करा रहे हैं निश्चित ही वे बधाई के पात्र हैं । मेरे सामने खड़े वालंटियरों के हौसलों से मुझे लगता है कि जल्द ही हम कोरोना को भारत से भगा देंगे। उन्होंने लोगों से लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करने का अनुरोध किया। इस मौके पर अटेली के विधायक सीताराम यादव ने कहा कि सरकार व आप सब की सूझबूझ का परिणाम है कि महेंद्रगढ़ जिले में कोरोना बीमारी का अब तक एक भी मरीज नहीं है। आप सब लोगों ने प्रधानमंत्री के लॉकडाउन का मजबूती से पालन किया है। आगे जब भी भविष्य में प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की तरफ से आदेश मिलेगा उसका पालन आप सब करोगे। इस मौके पर मंत्री ओम प्रकाश यादव ने स्थानीय डीएसपी साधुराम,कनीना थाना प्रभारी विकास कुमार व गोविंद राम एएसआई को भी कोरोना बीमारी में अच्छे कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इस संकट में पुलिस भी दिन रात लोगों को लॉकडाउन को लेकर जागरूक करने में लगी हुई है। इस अवसर पर करीना नगर पालिका, एसडीएम कनीना रणवीर सिंह,ओमप्रकाश इेकेदार, चेयरमैन सतीश जेलदार, उप प्रधान अशोक ठेकेदार, सचिव राजाराम,पूर्व प्रधान राजेंद्र लोढ़ा, युवा भाजपा नेता उमेश यादव, विक्रम, मुकेश नंबरदार, कंवरसेन वशिष्ठ, सोमदत्त,सतबीर सेहलंग व सीताराम आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 5 एवं 6: शनिवार को मंत्री ओम प्रकाश यादव कनीना में वॉलंटियरों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करते हुए, साथ में विधायक सीताराम यादव।
जंग ए आजादी के महान् योद्धा थे नेतराम
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव उन्हाणी में खुशहाल के घर 1918 में जन्मे नेतराम ने जंग ए आजादी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। बचपन में ही इनके पिता के देहांत पश्चात माता धापा देवी ने उन्हें पाला था।
वे 22वर्ष की आयु में 7वीं राज राइफल सेना में भर्ती हो गए। प्रशिक्षण के बाद अंग्रेजों ने इनकी बटालियन को जापान से लडऩे के लिए भेजा। वे पकड़ लिए गए किंतु रास बिहारी बोस, सिंगापुर पहुंचे और भारतीय बंदी सैनिकों को छुड़वाया। 1942 मे आजाद हिन्द फौज का गठन किया जिसमें नेतराम भी शामिल हुए। लेकिन यह सेना जापानियों ने पुन: बंदी बनाकर तोपखाना जेल में डाल दिया।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अंग्रेजी सरकार के आंखों में धूल झोंककर सिंगापुर पहुंचे। नेतराम भी नेता जी के विचारों से प्रभावित हुए। इसी के साथ वो आजाद हिन्द फौज के नेहरू बिर्गेड में शामिल हो गए।
आजाद हिन्द फौज में रहते हुए उन्होंने वतन की आजादी के लिए बर्मा की रंगून जेल, पाकिस्तान की मुल्तान जेल, बंगाल की गिरगिच्छा जेलों में कठोर यातनाएं सही।
जेलों में यातनाएं सहन करनी पड़ी। बंगाल की गिरगिच्छा जेल में पेड़ों की छाल खाकर अपना जीवन बचाते थे। इनकी रिहाई मुल्तान जेल से ही हुई। नेतराम की बहादुरी व भारत माता को आजाद करवाने के लिए 15 अगस्त 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राष्ट्र की ओर से ताम्र पत्र देकर सम्मानित किया। ताऊ देवीलाल ने भी उनको सम्मान सहित ताम्र पत्र प्रदान किया।1997 तत्कालीन मुख्यमंत्री बंशीलाल ने राज्य की ओर से ताम्र पत्र देकर सम्मानित किया। 26 अप्रैल 2007 को यह वीर सेनानी पंचतत्व में विलीन हुए। नेतराम का देशभक्ति का जज्बा भी देश के जवानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है।
फोटो कैप्शन: स्वतंत्रता सेनानी नेतराम।
शेल्टर होम में आया 25 हजार का दान
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कनीना। कनीना के शेल्टर होम (राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना) के लिए दानदाता धन से सहयोग कर रहे ताकि रह रहे लोगों के लिए खाने का प्रबंध किया जा सके। पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि 11000 रुपये यश कुमार पुत्र सुधीर कुमार ने,
रोहित पुत्र भरपूर सिंह, दिनेश पुत्र राजेंद्र सिंह, नवीन यदुवंशी, नरेंद्र पुत्र ओमप्रकाश ने क्रमश: दो दो हजार तथा विनोद, योगेंद्र, कमल, हरीश, हिमांशु ने एक-एक हजार रुपये तथा 1100 विकास ने दान दिए हैं।
फोटो कैप्शन 1: दान देते हुए लोग।
खरीद के दसवें दिन 209 किसानों ने 5678 क्विंटल सरसों बेची
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कनीना। कनीना अनाज मंडी तथा इसके तहत आने वाले तीन खरीद केंद्रों पर सरसों की खरीद त्वरित गति से जारी है जबकि गेहूं की आवक बहुत कम हो रही है। महज कनीना मंडी में ही गेहूं खरीद हो रही है। खरीद के दसवें दिन 209 किसानों ने 5678 क्विंटल सरसों बेची तो 54 किसानों ने 1900 क्विंटल गेहूं बेचा है।
हैफेड चेयरमैन सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 88 किसानों ने 2415 क्विंटल, सेहलंग में 29 किसानों ने 753 क्विंटल, दौंगड़ा अहीर में 42 किसानों ने 1068 क्विंटल तथा करीरा में 50 किसानों ने 1442 क्विंटल सरसों बेची है जबकि गेहूं 45 किसानों ने 1900 क्विंटल बेचा है।
सुनील ने उगाया है ऊंट कटारा तथा चक्र पुष्प
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कनीना। किसान कृषि में बदलाव करने लगे हैं और परंपरागत खेती की बजाय अब सब्जी एवं औषधीय पौधे उगाने लगे हैं। सुनील कुमार सीहमा अपने 2 एकड़ में पुष्प चक्कर (जिसे मोटी सौंफ) कहते हैं तथा डेढ़ एकड़ में ऊंट कटारा उगाए हैं जो कि दोनों ही पौधे औषधीय है। इन्हें कोई आवारा जंतु तथा पालतू जंतु भी नहीं खाते। ऊंट कटारा रेगिस्तान में अधिक उगता है और कांटे वाला पौधा है जो अनेक औषधियों में काम आता है। सुनील कुमार ने बताया कि उनके खेत में 15 क्विंटल ऊंट कटारा होने की संभावना है जबकि 5 क्विंटल चक्कर पुष्प होने की संभावना है। वर्तमान में फसल पैदावार लेने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाजार में इसके भाव अच्छे है। एक 1 एकड़ में जहां सरसों 7 क्विंटल के करीब हो जाती है जो 30 हजार रुपये के करीब बिकती है वही ऊंट कटारा से करीब 1.40 लाख रुपये मिलने की उम्मीद है। उन्होंने विगत वर्ष केसर उगायी थी जिसमें भारी नुकसान हुआ। उन्होंने बताया कि वे किसानों के मुफ्त बीज एवं सलाह देंगे।
उन्होंने बताया कि बरेली से बीज लेकर आए थे और वही बेचा जाना है। बीज प्रदाता उन्हें खरीद कर ले जाएंगे। इन पौधों की देखरेख की अधिक जरूरत नहीं होती महज 3 बार पानी दिया है।
इन पौधों से खेत में बेहतर दर्जे का खाद भी पैदा होता है। ऐसे में उन्होंने कहा कि वे जिले में शायद पहले किसान होंगे जिन्होंने इस प्रकार की खेती की है। ये पौधे आयुष विभाग के तहत आते हें और आस पास मंडियां नहीं हैं।
फोटो कैप्शन 2: ऊंट कटारा की खेती
बीइंग हुमैन सेवा मंडल ने रखे 50 शिकोरे
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कनीना। बीइंग हुमैन सेवा मंडल ने कनीना क्षेत्र में 50 शिकोरे रखें। इस मौके पर सुरेश कुमार यादव संदराह, नवीन कौशिक अध्यक्ष तथा मनजीत भोजावास साथ थे।
अवसर पर नवीन कौशिक ने बताया कि प्रतिदिन 50 से 60 परिंडे रखे जा रहे हैं। कनीना के संगम कॉलोनी में भी उन्होंने पांच शिकोरे रखें। उनका कहना है कि जब तक गर्मी का सीजन चलता है तब तक लगातार इस प्रकार के परिंडे रखते रहेंगे। उन्होंने बताया कि जुलाई माह में लाख 7 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। बारिश शुरू होते ही विभिन्न प्रकार के छायादार, फलदार तथा औषधि पौधे लगाने शुरू कर दिए जाएंगे। ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पक्षी इस समय भीषण गर्मी की मार झेल रहे हैं उनके लिए पानी और अन्न उपलब्ध करवा पाना बहुत कठिन होता है ऐसे में पानी और उपलब्ध करवा कर ही चैन लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी का फर्ज बनता है कि नियमित रूप से पानी और अन्न का प्रबंध करें।
कनीना के विकी पंसारी ने बताया वे प्रतिदिन पक्षियों के लिए छत पर दाना पानी डालते हैं। उन्होंने सभी को प्रेरित किया कि गर्मी के सीजन में छत पर पानी रखने का प्रबंध किया जाए ताकि पक्षियों का जीवन भी बच सके। वे जीवित रह सके। उन्होंने कहा कि पक्षी भी हमारे जीवन का एक अंग होते हैं। इसलिए इनसे प्यार की अनुभूति दिखानी चाहिए।
फोटो कैप्शन 3: बीइंग हुमैन सेवा संस्था के लोग तथा विकी पंसारी।
लोक डाउन में समय बिताने के अलग अलग तरीकें
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कनीना। लॉकडाउन में जहां समय बिताना कठिन हो जाता है वहीं कुछ लोग बड़ी हंसी खुशी के साथ अपना समय बिता रहे हैं।
कनीना के हरियाणवी लोक गायक अमृत सिंह राघव अपने बच्चों के संग घर पर रहकर सरकार के आदेशों का पालन करते हुए जहां हारमोनियम पर रागिनी का रियाज करते हैं वही पंडित लख्मीचंद द्वारा रचित किस्से याद करते हैं वहीं पंडित मांगेराम के ध्रुवभक्त, खांडेराव परी आदि किस्सों को भी दोहराते हैं। बाकी बचे हुए समय में बच्चों के साथ लूडो, सांप सीढ़ी, कैरम आदि खेलकर बच्चों का मनोरंजन करते हैं। अमृत सिंह हरियाणवी रागिनी कलाकार ने बताया कि हरियाणवी रागिनी पढऩे से जीवन जीने की कला का अहसास होता है।फिलहाल कोरोनावायरस पर गुरु मुकेश सिंह की मदद से एक चार पंक्ति की रागिनी तैयार की है।
फोटो कैप्शन 04: कैरम खेलते हुए रागिनी गायक अमृतलाल राघव।
कोरोनावायरस से बचाव के लिए मास्क बांट दे रही हे सलाह
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कनीना। कस्बा कनीना में वार्ड 9 की एक महिला अपनी रोटी रोजी कमाने के उपरांत बचे समय में जन सेवा में जुटी हुई है। वे घर पर मास्क बनाकर लोगों को वितरित कर रही है और कोरोना बीमारी से बचने की उन्हें सलाह दे रही है।
मोनी देवी वार्ड नंबर 9 की निवासी है जो अपने परिवार का लालन पालन तो करती है वही समय बचते ही मास्क बना लेती हैं और अब तक उन्होंने 400 मास्क बनाकर क्षेत्र में मुफ्त दे दिए हैं ताकि कोरोनावायरस बच सकें।
उन्होंने बताया कि विगत दिनों से जब वैश्विक बीमारी कोरोनावायरस के बारे में तो अपने परिवार की सुरक्षा हेतु बाजार से मास्क खरीदना पड़ा जो महंगा लगा। उन्होंने सोचा क्यों ना अपने घर पर सस्ता मास्क बनाने का प्रयास करूं। एक मास्क को बेहतरीन ढंग से उन्होंने सस्ते में बना डाला तत्पश्चात उनका मनोबल बढ़ा। उनके पति योगेश कुमार ने उनका मनोबल बढ़ाया और कहा कि जन सेवा हेतु मास्क बनाओ मैं लोगों को वितरित कर दूंगा। मनोबल इतना बढ़ाया कि मेोनी ने मास्क बनाने शुरू कर दिए।अब तो वे 20- 25 मास्क प्रतिदिन बना देती है और योगेश कुमार को दे देती है। योगेश कुमार अपने क्षेत्र में तथा दूरदराज भी जरूरतमंदों को बांट देते हैं। उनके सराहनीय कदम के सभी कायल है। एक महिला होकर भी जी जान से जुटी हुई है और लोगों को कोरोनावायरस से बचाने का प्रयास कर रही है। उनका कहना है जब तक बीमारी पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हो जाएगी तब तक वे इसी प्रकार मास्क बनाती रहेगी।
फोटो कैप्शन 05: मास्क बनाते हुए वार्ड 9 की मोनी।
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