तीसरे दिन में 239 किसानों की 5885 क्विंटल सरसों खरीदी
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कनीना। कनीना में सरसों खरीदने का कार्य कनीना सहित चार खरीद केंद्रों पर जारी है। शुक्रवार खरीद का तीसरा दिन था। चारों खरीद केंद्रों पर 239 किसान पहुंचे और 5885 क्विंटल सरसों खरीदी गई।
विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड मैनेजर सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 64 किसानों ने 1682 क्विंटल,सेहलंग में 65 किसानों ने 1631 क्विंटल,करीरा में 70 किसानों ने 1872 क्विंटल तथा दोंगरा अहीर में 40 किसानों ने 700 क्विंटल सरसों बेची।
किसान प्रतिदिन सरसों बेचने के लिए आ रहे हैं और उनकी सरसों खरीदी जा रही है। 17 हेंडलिंग एजेंट सरसों खरीद रहे हैं किंतु इस बार मजदूरों की कमी झलक रही है।
फोटो कैप्शन 8 एवं 9: सरसों खरीदते तथा सरसों के ढेर।
प्रतिदिन भेजे जा रहे 5 सैंपल
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कनीना। कनीना के उप-नागरिक अस्पताल से प्रतिदिन पांच सैंपल कोरोना के दृष्टिगत जांच के लिए रोहतक भेजे जा रहे हैं। एसएमओ डा धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि प्रतिदिन 5 सैंपल भेजे जा रहे हैं। ये संदिग्ध लोगों के होते हैं जिनमें किसी प्रकार की सर्दी, जुकाम, खांसी आदि की तकलीफ पाई जाती है।
एसएमओ ने बताया कि विगत दिनों से यह सैंपल भेजे जाने का सिलसिला जारी है। प्रतिदिन 5 सैंपल भेजे जाते हैं कुल 45 सैंपल भेजे गए हैं। अब तक जो भी रिपोर्ट आई है वह सभी नेगेटिव आई है। उन्होंने घर पर रहने, हाथ बार-बार साबुन से धोने, मास्क प्रयोग करने तथा फिजिक्स डिस्टेंस बनाए रखने पर बल दिया।
पुलिस ने बढ़ाई सख्ती
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कनीना। कनीना पुलिस ने कनीना मंडी तिराहे पर सख्ती बढ़ा दी है। आने जाने वाले दुपहिया वाहन चालकों की गहनता से जांच करके विशेष काम के लिए आने जाने दिया जा रहा है। हेलमेट ,मुंह पर मास्क लगाए हो तभी आने जाने दिया जा रहा है तथा मोटरसाइकिल सवारों को रोका जा रहा है। एक बाइक पर दो सवारों को नहीं जाने दिया जा रहा है। उनको सलाह दी जा रही है कि एक ही बाइक पर दो दो सवार होने से किसी प्रकार का रोग धावा बोल सकता है। गोविंद सिंह एसआई जी जान से जुटे हुए और अमन-चैन कायम रखे हुए हैं। उधर कनीना कस्बे के अतिरिक्त विभिन्न गांव में ठीकरी पहरा दिया जा रहा है। मोहनपुर नांगल में अमरजीत कोच ने स्वयंसेवक बनकर ठीकरी पहरा दिया और बताया कि उन्हें बेहतर महसूस हुआ है। एक तरफ वे कोच का कार्य कर रहे वही समाज सेवा में भी बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। उन्होंने अपने साथियों सहित पूरी रात की पहरा दिया।
फोटो कैप्शन पांच: मोहनपुर में ठीकरी पहरा देते अमरजीत तथा उनके साथी।
फोटो कैप्शन 6: नाके पर दुपहिया वाहन चालकों की चेकिंग करती पुलिस
महिला बीमार मिली, पहुंचाया शेल्टर होम
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कनीना। कनीना अटेली फाटक के पास एक अज्ञात महिला बीमार सड़क केपास बैठी पाई गई। बीइंग हुमन सेवामंडल के नवीन कौािक सहित सदस्य वहां पहुंचे और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित कर कोरोना जांच करवाने तथा उन्हें शेल्टर होम में पहुंचाने में मदद की। महिला का कहना था कि एक ट्रक चालक उन्हें वहां छोड़ गया।
फोटो कैप्शन 7: महिला को पुलिस अस्पताल पहुंचाते हुए।
राहत राशि एवं डाक्टरी सलाह दोनों दी
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दुकानदारों को सामान ग्राहकों को न छूने देना चाहिए
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कनीना। कोरोना राहत कोष में दिनोंदिन भारी मात्रा में राहत राशि भेजी जा रही है। कनीना कस्बे के लोग लगातार इस मुहिम में लगे हुए हैं । इस कड़ी में कनीना के डॉ अजीत कुमार शर्मा ने प्रधान मंत्री रिलीफ़ फंड में 5100 रुपए का सहयोग दिया।
डॉ. अजीत कुमार शर्मा ने बताया कि जो व्यक्ति सक्षम हैं वो जरूर सहयोग करें । डॉ अजीत कुमार शर्मा ने बताया कि इस समय पूरी दुनिया कोरोना से लडऩे के लिए एक जुट हो गई है । इसमें हम सबका कर्तव्य बनता है कि जितना सहयोग हमसे किया जा सकता है वो करना चाहिए ।
डॉ अजीत कुमार शर्मा ने कहा कि छोटे बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखा जाए । डॉक्टर अजीत कुमार शर्मा ने लोगों को खुद को बीमारी से बचाने और बीमार लोगों से दूर रहने की सलाह दी है। लेकिन, माता-पिता अपने बच्चों के बारे में अधिक चिंतित हैं क्योंकि वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैलता है और यह बच्चों और बुजुर्गों को जल्दी संक्रमित कर रहा है।
बचाव कैसे करें -
अपने बच्चों को साबुन और पानी से हाथ धोना सिखाएं। साथ ही उन्हें समझाएं हाथों को साफ रखना कितना जरूरी है। अपने बच्चों को किसी भी संक्रमित व्यक्ति के आस-पास ना जाने दें। खांसी-जुकाम से पीडि़त लोगों से भी अपने बच्चों को दूर रखें। घरों के फर्श को साफ रखें और बच्चों के खिलौने को भी सेनिटाइज करते रहें। अपने बच्चों के नाखूनों को साफ रखें क्योंकि उनमें मौजूद वायरस उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं। अपने बच्चों को सिखाएं कि बार-बार चेहरे को ना छुएं। अपने बच्चों के साथ भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ट्रैवल करने से बचें। अपने बच्चों को बताएं कि खांसते या छींकते वक्त मुंह पर टिशू पेपर रखें, ना कि हाथ। अपने बच्चों को कोरोना वायरस से जुड़ी सारी जानकारी दें। संक्रमण के जोखिम को रोकने के लिए अपने बच्चों को बेसिक हाइजीन की आदतों के बारे में बताएं। किसी दूसरे व्यक्ति के साथ लिफ्ट न ले। साथ में दुकानदारों को कोई वस्तु ग्राहकों को न छूने दी जानी चाहिए। उनसे लिस्ट लेकर सामान मास्क,दस्ताने पहनकर दे।
बुजुर्ग जगह जगह ना थूके , गांवों के बुज़ुर्ग एक छोटी मटकी ले कर उसमें बालू मिट्टी डाल कर रखें। उसमें ही थूके और बाद में उसको गांव से दूर एक जगह पर गड्ढा खोद कर दबा दे ।
फोटो कैप्शन: डा अजीत कुमार शर्मा
लोगों ने शेल्टर होम में दिया दान
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कनीना। शेल्टर होम आर एस वाटिका में भोजन की व्यवस्था को लेकर कई लोगों ने दान दिया है। जिसमें ठेकेदार बीरेंद्र सिंह ने 11 हज़ार रुपये का सहयोग दिया जबकि 2500 रुपए रामनिवास बंसल सरपंच तालवना ने योगदान दिया है ।
100 रुपये उदमीराम पूर्व सरपंच तलवना व 100 रुपये बाबूलाल किरोड़ीमल ने सहयोग किया 200 रुपये महेश 500 मुकेश कुमार ,100 राजेश कुमार ,500 रुपये तेजपाल सिंह ,500 रुपये ओम प्रकाश ,500 अशोक सिंह , 1000 कप्तान सिंह मामराज ,500 रुपये मूर्ति देवी आदि ने सहयोग राशि जमा करवाई ।
ईमानदारी का परिचय दिया, रुपयों से भरा पर्स लौटाया
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कनीना। कनीना के योगेश अग्रवाल का रुपयो से भरा पर्स ईमानदारी का परिचय देते हुए एक व्यक्ति ने लौटाया।
योगेश कुमार ने बताया कि झज्जर जिले से आते समय डाबला गांव के पास उनका पर्स गिर गया जो ईमानदारी का परिचय देते हुए लौटा दिया। योगेश अग्रवाल ने बताया कि उनका पर्स रुपयों से भरा था वही एटीएम एवं कीमती कागजात थे। डाबला के हरीश को यह पर्स मिला उन्होंने फोन से सूचना देकर पर्स लौटा दिया।
दाना पानी
राजेश कुमार शिक्षक उन्हाणी
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********************************* कनीना। जब हम इंसानों को प्यास इतना व्याकुल कर देती है तो उन बेजुबान पक्षियों की हालत बहुत कष्टदायक होगी इसलिए हमें अपने अपने घरों की छतों ; मुंडेर या पेड़ों आदि पर पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध करना चाहिए ।
यह कहना है शिक्षक व सोशल एक्टिविस्ट स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी राजेश उन्हाणी का जिन्होंने आज अपनी घर की छत पर पक्षियों के लिए पानी का सिकोरा रखे।
फोटो कैप्शन राजेश कुमार
दाना पानी
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कनीना। कनीना निवासी सूबे सिंह प्रतिदिन पक्षियों के लिए पानी, दाना में डालते हैं। पक्षियों को ही नहीं जीवों को बचाने में भी लगे हुए हैं। पूरी गर्मी यह गतिविधि अपनाते हैं।
सूबे सिंह कनीना नजदीक जीआर स्कूल कनीना
खखार निगलने का नुकसान शरीर के इम्यून सिस्टम पर निर्भर करता है-डा दीपांशु
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कनीना। कनीना के उपनागरिक अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर दीपांशु का कहना है कि जहां सरकार ने थूकने पर प्रतिबंध लगा दिया है वहीं थूकने पर जुर्माने का भी प्रावधान किया है लेकिन नेचुरल काल अक्सर आती रहती है। वात पित्त, कफ तीन प्रकार की घटनाएं होती है जो शरीर में घटती है। वात रोग में गैस खारिज हो जाती है वही कई बार थूकना जरूरी है। पित्त रोग के समय उल्टी आती है लेकिन किसी में भी यह घटना नेचुरल हो सकती है किंतु प्रत्येक व्यक्ति अपने पास रुमाल या टिशू पेपर होता ै उससे भी कुछ हद तक थूकने पर काबू किया जा सकता है और प्रयुक्त टिशू पेपर निर्धारित दिन में डालना चाहिए। इसके अतिरिक्त यदि रुमाल को बेहतर ढंग से साबुन से धो लेना चाहिए। इसी प्रकार यदि किसी भीड़ वाले स्थान पर अचानक थूक आता है आता है तो अपनी कोहनी मोड़ कर भी मुंह पर लगाया जा सकता है। रही बात लॉकडाउन की तो ऐसे समय में सरकार ने पान मसाला तथा तंबाकू चबाने आदि पर पर पहले ही प्रतिबंध लगाया है। ऐसे लोग ज्यादा थूकते हैं इसलिए अगर कहीं से कोई यह चीजें खाता भी है तो सार्वजनिक स्थानों पर थूकता है तो जुर्माना होना चाहिए। इसके अतिरिक्त नेचुरल काल के बारे में यदि डॉक्टर के पास जाता है थूकने या उल्टी आते समय कुछ सावधानियां बरतने की बात भी कहेंगे। उन्होंने कहा कि थूक निगलना निर्भर करता है कि व्यक्ति के शरीर में रोग रोधक क्षमता कितनी है। वैसे तो थूक उसी के शरीर का एक अंग होता है फिर भी यदि थूक निगला जाता है तो उसके शरीर में रोग रोधक क्षमता पर निर्भर करता है। अगर रोग रोधक क्षमता कम है तो नुकसान होने की पूरी संभावना बन जाती है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकना मना है ऐसे में सार्वजनिक स्थानों पर अपने रुमाल कोहनी मोड़कर,टिशू पेपर आदि का उपयोग करना चाहिए।
फोटो कैप्शन:डॉक्टर दीपांशु कनीना
डॉक्टर की सलाह-----
घर में रहकर खुशी खुशी समय बीताए
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कनीना। कनीना के डॉक्टर वेद प्रकाश का कहना है कि कोरोनावायरस पूरे ही जग में समस्या बनता जा रहा है। ऐसे में हम सभी का फर्ज बनता है कि इससे रोकथाम के उपाय अपनाए। रोग से बचने का सबसे सरल उपाय है फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखें, घरों में रहकर सरकार के आदेश अनुसार आराम करें, बार-बार हाथों को साबुन या डिटोल से धोए, सैनिटाइज करना हो तो अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से ही सैनिटाइज करें। उनका कहना है कि धातुओं पर लंबे समय तक यह कोरोना जीते हैं। इसलिए धातु के बर्तनों को छूने के बाद हाथों को जरूर धोए। उन्होंने कहा कि इधर-उधर घूमने से समस्या बनती है जब कोई काम ना हो तो अनावश्यक इधर-उधर न घूमे, रोग के लक्षण अगर किसी में नजर आए तो 1 मीटर की दूरी बनाए। अगर रोग के लक्षण नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मास्क जरूर पहने। मास्क पहनने से न केवल कोरोनावायरस अपितु उड़ती हुई राख, हवा में उड़ते भी कीट आदि से भी बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि रोगाणु से बचना ही सबसे बेहतरीन तरीका होगा। ऐसे में किसी भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर न जाए, आसपास सभा आदि हो रहा हो तो उसमें भी नहीं जाना चाहिए। अपने पूरे परिवार के साथ बैठकर खुशी खुशी दिन बिताना चाहिए। खुशी-खुशी जीवन जिये, शुद्ध सात्विक भोजन खाए, ताजा सब्जी, दाल आदि जरूर प्रयोग कर। इससे रोग से बचा जा सकता है।
डॉ वेदप्रकाश फिजिशियन कनीना
सरसों खरीद केंद्रों के तोडऩे पर रोष
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कनीना। बहुजन समाज पार्टी के नेता ठाकुर अतरलाल ने सरसों तथा गेहूं की सरकारी खरीद के लिए बनाए गए भोजावास, धनौन्दा तथा खोड़ केंद्रों को रद्द करने पर रोष व्यक्त करते हुए राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से उक्त खरीद केंद्रों को तत्काल बहाल करने की मांग की है।
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग करते हुए अतरलाल ने कहा है कि जिला प्रशासन ने अचानक रातों-रात उक्त केंद्रों को रद्द करके किसान विरोधी कार्य किया है। उन्होंने कहा कि इन खरीद केंद्रों के साथ संलग्न किए गए लगभग 20 - 25 गांवों के किसान बेहद चिंतित, परेशान तथा रोष में हैं। लाकडाउन के चलते पहले से परेशान किसानों की परेशानी और बढ़ गई है। उन्होंने किसानों के हित में तत्काल उक्त खरीद केंद्रों को बहाल कर उनमें सरसों तथा गेहूं की सरकारी खरीद शुरू करवाने की मांग की है।
दो दिनों में कनीना के चार खरीद केंद्रों पर 16969 बैग सरसों खरीदी
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कनीना। कनीना अनाज मंडी में सरसों की दैूसरे दिन भी खरीद हुई। वहीं कनीना सहित चार विभिन्न खरीद केंद्रों पर भी सरसों की खरीद बुधवार से शुरू हुई जो गुरुवार दूसरे दिन भी जारी रही। जहां मजदूरों की कमी स्पष्ट झलक रही है।
पहले ही दिन 141 किसानों से 8091 बैग सरसों के खरीदे गए। सबसे अधिक सरसों करीरा में खरीदी गई जहां स्टेट वेयर हाउस सरसों की खरीद कर रहा है। बाकी तीन जगह हैफेड खरीद कर रहा है। कनीना में पहले दिन कनीना में 34 किसानों से 901 कुंतल तो दूसरे दिन 58 किसानों से 1800 कुंतल सरसों खरीदी गई जबकि लिफ्टिंग 950 कुंतल की हो पाई। करीरा केंद्र पर पहले दिन 45 किसानों ये 1191 कुंतल सरसों खरीदी गई वहीं दूसरे दिन 42 किसानों से 917 कुंतल सरसों खरीदी। दोंगड़ा अहीर में पहले दिन 30 किसानों से 750 कुंतल तो दूसरे दिन 25 किसानों से 350 कुंतल सरसों खरीदी। सेहलंग केंद्र से पहले दिन 32 किसानों से 800 कुंतल तो दूसरे दिन 35 किसानों से 928 कुंतल सरसों खरीदी गई।
विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड मैनेजर सत्येंद्र यादव ने बताया कि सुबह और शाम पारियों में सरसों की खरीद की जाती है। पहले राउंड में जिन किसानों को संदेश प्राप्त हुआ है वे ही सरसों बेचने के लिए आ रहे हैं। कनीना के अतिरिक्त जहां तीन अन्य केंद्रों पर भी सरसों की खरीद हो रही है। कनीना अंगड़ाई व्यापार मंडल के उप प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया की सबसे बड़ी समस्या मजदूरों की है। मजदूर न होने से परेशानी बढ़ सकती है। एक दुकान पर दस मजदूरों की जरूरत होती है किंतु चार दुकानों पर नौ मजदूर कार्यरत हैं।
उधर कनीना मंडी में खरीद के लिए पर्याप्त मात्रा में बारदाना मंगवाया हुआ है। वही सरसों की खरीद है हैफेड तथा स्टेट वेयरहाउस दोनों द्वारा की जाएगी। खरीद के समय फिजिकल डिस्टेंस तथा मास्क लगाकर ऐतिहात के सभी नियमों का पालन किया गया। कनीना मंडी से 17 हैंडलिंग एजेंट बनाए गए हैं जिनको 40 रुपये प्रति क्विंटल आढ़़त मिलेगी। वर्तमान में ढाई लाख बारदाना आया हुआ है। सरसों खरीद के वक्त हैफेड मैनेजर सत्येंद्र सिंह यादव, भरपूर सिंह, दशरथ सिंह, व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष रविंद्र बंसल, महेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 7: कनीना मंडी में सरसों खरीद का एक नजारा।
हरियाणवी गायकी में विशेष नाम कमाया अमृत सिंह राघव ने
--होशियार सिंह--
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हरियाणा के जिला महेंद्रगढ़ के कनीना कस्बे के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में समावेशित शिक्षा के अंतर्गत कार्यरत विशेष अध्यापक अमृत सिंह राघव किसी प्रतिभा के मोहताज नहीं हैं। हरियाणवी रागिनियां एवं भजनों के क्षेत्र में विशेष नाम कमा चुके हैं। विभिन्न अवसरों पर उनके भजन, गीत तथा हरियाणवी रागिनियां प्रस्तुत की जाती हैं। अब तो वे हरियाणवीं लोक गायकों की श्रेणी में आ पहुंचे हैं।
हरियाणवी लोक गायक अमृत सिंह ने बताया कि बहरोड़ (राजस्थान) में गांव खोहर की सत्संग मंडली गुरु मुकेश सिंह राघव तथा नरेश शर्मा से गायन विद्या पाकर सबसे पहले बाबा भगवान दास महाराज मंदिर खोहर में राधा बन गई जिलाधीश भजन गाकर सबका मन मोह लिया। इससे पूर्व विद्यालय एवं कालेज स्तर पर भी रागिनी एवं भजन गाकर नाम कमाया है।
वर्तमान में श्री राघव घड़वा, बेंजू, साज पर पंडित लख्मी चंद, पंडित मांगेराम, गुरु मुकेश सिंह द्वारा रचित कविताओं को सुर, ताल, रिदम के साथ गाकर लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। वे बहुत से किस्से गाते हैं जिनमें सेठ ताराचंद, फूल सिंह नौटंकी, पूरणमल भगत, खांडेराव परी, पद्मावत, सरवर नीर, हीर रांझा, साही लकड़हारा सभाओं में बीच गाकर तथा पंडित लख्मीचंद का ब्रह्म ज्ञान गाकर सभाओं में खूब तालियां बटोरी हैं।
उन्होंने बताया कि हरियाणवी रागिनी मनोरंजन ही नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका बतलाती हैं। रागिनियां जीवन को एक नई दिशा प्रदान करने के साथ-साथ जीवन में उतार लिया जाए तो व्यक्ति एक सभ्य नागरिक बन सकता है।
उनके साजिंदों के रूप में रमेश मटका वादन, सज्जन, मोनू, विजय, मास्टर प्रदीप रमेश बैंजो वादक, रघुवीर, सलीम, रमेश आदि प्रमुख हैं।
फोटो कैप्शन: अमृत राघव की।
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