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Monday, April 20, 2020


कनीना में पहले दिन बिका 11 किसानों का गेहूं

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कनीना। मार्केट कमेटी कनीना ने 20 अप्रैल से गेहूं की खरीददारी शुरू कर दी है । दोपहर को मंडी का निरीक्षण करने विधायक सीताराम यादव पहुंचे। सीताराम यादव ने कहा की फिजिकल डिस्टेंस का ध्यान रखें मजदूर अपने मुंह को ढक कर रखें सभी किसानों का दाना दाना खरीदा जाएगा ।
 इसी कड़ी में एससीएस सेंटर व सक्षम वॉलिंटियरो को खरीद संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है। सोमवार को 4 सक्षम वॉलिंटियरो व 1 सीएससी सेंटर को लगाया हुआ है। जहां इन्हें पर्चेज  सेंटर पर आने वाले  किसानों के पास बनाने के लिए प्रशिक्षित किया है। कमेटी सचिव ने बताया की  प्रति दिन दो शिफ्टों में एक एक सेंटर पर 100, 100 किसानों  तक बुलाया जा सकता है
। लेकिन शुरआती दिन में 11 किसानों  का 478 क्विंटल गेहूं खरीदा गया। गेहूं के रजिस्ट्रेशन 750 किसानों ने करवाया है।
फोटो कैप्शन 5: गेहूं की खरीद का नजारा।



सोमवार को 4939 क्विंटल सरसों खरीदी

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कनीना। कनीना तथा कनीना के तहत आने वाले तीन विभिन्न खरीद केंद्रों पर सरसों की खरीद जारी है।  खरीद के पांचवें दिन 173 किसानों की 4178 क्विंटल सरसों खरीदी।
 विस्तृत जानकारी देते हुए हैं हैफेड मैनेजर सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 65 किसानों ने 2116 क्विंटल, सेहलंग में 46 किसानों ने 810 क्विंटल, करीरा में 29 किसानों ने 852 क्विंटल तथा दौंगड़ा अहीर में 33 किसानों ने 400 क्विंटल सरसों बेची है।

लाकडाउन के मद्देनजर घर पर ही बनाकर खिलाए  लज़ीज़ गोलगप्पे

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कनीना। लाकडाउन की वजह से सब घरों में कैद है और मानसिक अवसाद से गुजर रहें हैं। परिवारों के सदस्यों को खान-पान में ज्यादा कुछ नया नहीं मिल रहा है। सभी दाल रोटी खाकर ऊब गए हैं।
बच्चे भी फास्ट-फूड खाने की जिद्द करने लग जाते हैं लेकिन लेकिनउनको ले जाए तो कहा ले जाएं? सब कुछ लाकडाउन के कारण बंद है । कल ऐसी ही जिद्द उन्हाणी के शिक्षक राजेश कुमार के घर बच्चों ने लगाई। बच्चे गोल गप्पे खाना चाहते थे।  राजेश कुमार व उसकी अर्धांगिनी सुमित ने  गोल गप्पे बनाने का सामान जुटाकर बच्चों के लिए घर पहुंच ही गोल गप्पे बनाकर खिलाए। जिससे बच्चे मयंक महलावत; भावेश ; अनिकेत बहुत खुश हुए।
इस शिक्षाविद दंपति का कहना है कि हमें घर पर ही बच्चों को या परिवार के अन्य सदस्यों को कुछ लजीज व्यंजन बनाकर खिलाने चाहिए जिससे लाकडाउन के दौरान समय भी व्यतीत हो जाएं और सभी को बिना मिलावट का शुद्ध व्यंजन खाने को मिल जाए




अब एसडीएम की देखरेख में भेजे जाएंगे किसानों को संदेश

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कनीना। सरसों बेचते समय किसानों में लंबे समय से रोष पनप रहा है। अधिकांश किसानों का कहना है कि उन्हें संदेश नहीं मिल रहे हैं। यहां तक कि उनका कहना है कि अपने चहेतों को संदेश भेजे जाते हैं। इस मामले को संज्ञान लेकर के एसडीएम कनीना रणवीर सिंह ने मार्केट कमेटी के सचिव को आदेश दिया है कि किसानों के पास फोन नंबर पर संदेश भेजने के कार्य में नियुक्त किए गए कंप्यूटर ऑपरेटर को निर्देश दिया जाए कि किसानों के पास मैसेज भेजने का कार्य एसडीएम कार्यालय में उपस्थित होकर उनकी अनुमति से भेजे जाए। 20 अप्रैल से 9:00 बजे रिकॉर्ड सहित कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश भी दिया।
 उदर कनीना के किसान रतन सिंह ठाठा का कहना है कि संदेश भेजने की कार्यप्रणाली उचित नहीं है। उनका कहना है कि कनीना कस्बा बहुत बड़ा है लेकिन महज 6 किसानों को संदेश प्राप्त हुए हैं जिनमें से 5 किसान अंग्रेजी वर्णमाला के बी से शुरू होते हैं जबकि एक किसान का नाम आर से शुरू हो रहा है। उनका कहना है कि अल्फाबेट अनुसार किसानों को नहीं बुलाया जा रहा है। इसका उनमें भारी रोष है।
उधर मार्केट कमेटी के चेयरमैन राजकुमार कनीन वालों ने बताया कि उनके संज्ञान में भी कुछ लोगों ने ऐसी बात डाली है। उन्होंने भी इस बाबत उन्हें आश्वस्त किया है कि भविष्य में किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिलेगी क्योंकि अब संदेश भेजने का कार्य एसडीएम कार्यालय की देखरेख में होगा।


एएसआई ने काटे पांच चालान 

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कनीना। कनीना सिटी प्रभारी एएसआई गोविंद सिंह ने 5 चालान विभिन्न वाहनों के काटते करीब 50,000 रुपये की रिकवरी की है। सड़क के नियमों या फिर लॉकडाउन के नियमों का पालन न करने के चलते एक पिकअप का चालान 15000 रुपये का तो 13000 रुपये एवं 11 हजार रुपये के बाइक सवारों के चालान काटे गए। नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले लोगों को बख्शा नहीं जा रहा है। पुलिस सख्ती से पेश आ रही है। एक और जहां सरकार लॉकडाउन में घरों के अंदर रहने का आदेश दे रही है वही कुछ  लोग लॉकडाउन का मजाक बना रहे।


पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च 

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कनीना। कनीना के डीएसपी साधु राम की अध्यक्षता में पुलिस प्रशासन ने फ्लैग मार्च कनीना मंडी से रेवाड़ी रोड़ टी-प्वाइंट तक फ्लैग मार्च निकाला तथा दुकानदारों को सख्त हिदायत दी। जिन दुकानों ने अनावश्यक रूप से सोमवार को दुकान खोली थी उनकी दुकानें बंद करवा दी तथा जिन्होंने दुकानों को खोलने का आदेश है उनको हिदायत दी कि ग्राहकों को दूर दूर खड़ा करें, तुरंत प्रभाव से सामान दे और चलता करें। उन्होंने ऐतिहात के सभी नियमों का पालन करने का भी उनको आदेश दिया। इस मौके पर विकास कुमार एसएचओ, एसआई गोविंद राम सहित पुलिस प्रशासन मौजूद था।



सिलाई के काम में बचे हुए कपड़े के टुकड़ों से बना रहे हैं मास्क

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 कनीना। कस्बा कनीना में मास्क बनाने वाले तो कई लोग हैं लेकिन जिस बुद्धिमता और तन्मयता से मास्क मोनी देवी एवं योगेश कुमार(दंपति) कनीना मंडी मास्क बनाने में जुटे हैं वो सराहनीय कदम है। मोनी देवी लंबे समय से रोटी रोजी के लिए सिलाई कढ़ाई का काम करती आ रही है जो कपड़े के टुकड़े बच गए उन्हें बोरे में भर रखा था। अब समय आ गया प्रतिदिन उनके मास्क बनाकर आस-पास ही नहीं दूरदराज तक मुफ्त बांटा जा रहा है। मोनी देवी ने बताया कि इस प्रकार प्रत्येक मास पर मुश्किल से 3 रुपये ही खर्च आता है।
उनके पति योगेश कुमार ने बताया कि वे इस कार्य में मदद कर रहे हैं। जहां उनकी पत्नी मास्क सिलती तो वे उनको प्रेस कर देते हैं। इस प्रकार पति-पत्नी एक उदाहरण बन गए हैं।
फोटो कैप्शन 4: पति पत्नी मास्क बनाते हुए।
 




एसडीएम स्कूल के छात्रों का सीएम रिलीफ फंड में योगदान
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कनीना। एसडीएम स्कूल के छात्रों ने सीएम रिलीफ फंड में एसडीएम रणबीर सिंह को दिए 5100 रुपए का चेक  दिया। एसडीएम स्कूल छितरोली के छात्रों ने प्राचार्या रेखा दांगी से प्रेरित होकर अपने जेब खर्च को खर्च ना करके  मौजूदा हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में दिए हैं। इस मौके पर उपस्थित छात्रों तेजस्वी, सार्थक, पीयूष एवं नितिन का एसडीएम रणबीर सिंह ने भरपूर प्रोत्साहन किया एवं उनके योगदान की भूरी भूरी प्रशंसा की।
इंसाफ मंच के सदस्य सुशील यादव गाहड़ा के निवासी ने झुग्गी-झोपड़ी बस्ती में रहने वाले लोगों को राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने हाल में खेत से गेहूं निकलवाकर आटा बनवाकर बांटा है।  सामाजिक संस्था बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल
द्वारा लोगों को भोजन व राशन सामग्री वितरण की। उन्होंने पड़तल, मोहनपुर, सुन्दरह व कनीना के आस पास झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को राशन सामग्री उपलब्ध करवाई है।
 उधर कनीना में चल रहे हैं शेल्टर होम के लिए मुकेश रॉकी पार्षद ने 31500 रुपये, सुरेश कुमार 5000 रुपये, राकेश कुमार 3100 रुपये, गोयल हार्डवेयर 5100 रुपए ,महेश बोहरा 11000 रुपये, विक्रम पुत्र मेहरचंद ने 3000 रुपये, मनीष कुमार पार्षद ने 9000 रुपये, हितेश जेई 11000, सूबेदार राजेंद्र सिंह 15000 रुपये तथा गुरुदयाल ने 1000 रुपये पालिका प्रधान सतीश जेलदार को भेंट किए ताकि शेल्टर होम में लोगों के लिए खाना खिलाया जा सके।
कनीना खंड के गांव रामबास में वेद प्रकाश नंबरदार ने गांव के चारों ओर बनी 4 चौकियों पर तैनात लोगों(पुलिस चौकी नहीं)ं को मास्क वितरित किए और सैनिटाइजर बैठे उन्होंने लोगों को लोक डाउन में अपना ख्याल रखने की बात कही।
फोटो कैप्शन 2: एसडीएम स्कूल के विद्यार्थी 5100 रुपये का चैक एसडीएम कनीना को देते हुए।


 टीम ने 80 लोगों का किया चेकअप

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कनीना। सीएचसी सेहलंग की मेडिकल टीम ने कैमला में लोगों का चैक अप किया। इस मौके पर 80 लोगों का चेक अप किया गया।
डा हितेश अरोड़ा, डॉ नंदिनी, संदीप फार्मासिस्ट व  ममता एएनएम की टीम कोरोनावायरस संक्रमण के चलते चेकअप करने के लिए गांव में में पहुंची। पूरी टीम ने पूरे गांव का चेकअप किया और जरूरत या आवश्यकता वालों को उचित दवाई / मेडिसिन और उचित सलाह उपलब्ध करवाई। गांव के सरपंच दलीप कुमार ने डॉक्टरों की टीम का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि  गांव पूर्णतया सुरक्षित है और गांव में लॉकडाउन का पूर्ण पालन हो रहा  है। फिजिकल डिस्टेंस बराबर बनाए रखते हैं और सभी ग्रामीणों का सहयोग मिल रहा है। इस संक्रमण महामारी को पूर्णता समाप्त करने के लिए सहयोग मिल रहा है। हम सब ग्रामीण जन मिलकर के इस कोरोनावायरस को दूर भगाने का संकल्प लिया हुआ है।  सभी ग्रामीण अपना -अपना सहयोग यथासंभव सहयोग दे रहे हैं। उन्होंने सभी ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया कि संकट की घड़ी में सब सरकार के साथ खड़े हैं और पूर्णता लोग  विभागीय आदेशों पालन कर रहे हैं।
चौकीदार के माध्यम से मुनियादी करवाकर व व्यक्तिगत रूप से सभी को सूचना देकर  सभी ग्रामीणों को मेडिकल चेकअप कराने के लिए कहा गया और लगभग 80 लोगों का चेकअप किया गया और उचित मेडिसन उपलब्ध कराई गई इस अवसर पर गांव में वार्ड के के अनुसार गठित की गई बूथ इकाई कमेटी के सभी सदस्यों एवं नोडल अधिकारी का सहयोग मिला गांव की आशा वर्कर श्रीमती रेखा देवी का सहयोग सबसे ज्यादा रहा और उन्होंने अपनी देख-रेख में सभी का चेकअप कराया इस अवसर पर
 वीरेंद्र सिंह जांगिड़ मुख्याध्यापक , संतलाल नंबरदार,  सतपाल ,
हरीश कुमार ,ज्ञानी  पूर्वपंच, रामपाल, धर्मपाल नंबरदार, महेंद्र पंच ,सुरेंद्र कुमार ,सुबे सिंह , राजू ,सुनील आदि का सहयोग एवं उपस्थिति रही।
फोटो कैप्शन 3: कैमला में मेडिकल टीम लोगों की जांच करते हुए।
 

शाखा आयोजित
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कनीना। आज पूरे भारत में भारत माता की वंदना करने के लिए एक साथ परिवार शाखा लगने का निश्चय हुआ था। उसी निमित्त कनीना में सुरेन्द्र सिंह के परिवार ने परिवार शाखा लगा भारत माता की वंदना की। इस अवसर पर परिवार के सदस्य सुनीता यादव सह विभाग कार्यवाहिका, दीपक यादव और हिमांशी शारीरिक प्रमुख उपस्थित रहे।
सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पूरे ही देश में ये शाखाएं आयोजित हुई हैं।
फोटो संलग्र

डॉक्टर की सलाह
दुकानदारों को बरतनी चाहिए सामान देते वक्त सावधानियां

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कनीना। डॉ राजनेश (एमबीबीएस, एमडी) का कहना है कि कोरोनावायरस एक गंभीर बीमारी है इससे बचने के लिए ऐतिहात के सभी नियमों का पालन करने से ही इस रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि घर के अंदर रहना, बाहर जाने का जरूरी हो तो बाहर जाए किंतु मुंह पर मास्क लगा हो। दूसरे व्यक्ति से 1 मीटर दूरी बनाए रखें किंतु किसी अपरिचित व्यक्ति से लिफ्ट न ले। अज्ञात व्यक्ति यदि बाइक पर जा रहा है तो उससे लिफ्ट या तो न ले और ले ली है तो उस व्यक्ति को न छुए। नियमित हाथों की सफाई करें। यदि परिवार का सदस्य है तो उसके साथ बेशक एक बाइक पर बैठ सकता है।
 उन्होंने कहा अक्सर इस रोग को फैलाने में फल, सब्जी, अनाज तथा परचून का सामान विक्रेता भी कारण बन सकते हैं। उन्हें चाहिए कि वे आम ग्राहक वस्तुएं न छूने दे। अगर रोगी वस्तु को छू जाए तो फल, सब्जियों तथा अनाज आदि से रोगाणु होते हुए घर तक पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि फल/ सब्जियों को भी अच्छी प्रकार धो लेना चाहिए।
उन्होंने कहा दुकानदार भी ग्राहकों को दूर दूर खड़े करने चाहिए। एक 1 मीटर दूरी पर खड़े करके उनसे दूर से ही पूछ लेना चाहिए और स्वयं पर्ची बनाकर दूर से ही सामान दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की ओर से अभी तक कोई यह स्पष्ट नहीं है कि धूप का और गर्मी का इस दिन पर कोई प्रभाव पड़ता हो।
 फोटो कैप्शन: डा रजनेश

दुकानें खोलने की अनुमति देने बारे

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कनीना। बहुजन समाज पार्टी के नेता ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने हरियाणा सरकार से किराना दुकानदारों तथा छोटे व्यापारियों को अपनी दुकानें तथा प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति देने की मांग की है।
अतरलाल ने ने कहा लॉकडाउन के दौरान बड़ी कंपनियों को ऑनलाइन सामान बेचने की अनुमति को किराना दुकानदार तथा छोटे व्यापारी विरोधी कदम बताते हुए कहा कि लॉक डाउन में सबसे ज्यादा नुकसान किराना दुकानदारों तथा छोटे व्यापारियों को उठाना पड़ा है। और अब कंपनियों को ऑनलाइन घरों में सामान पहुंचाने की अनुमति से स्थानीय दुकानदारों की आजीविका बिल्कुल चौपट हो जाएगी। इसलिए सरकार ने उनके हितों की तरफ तत्काल ध्यान देकर स्थानीय किराना दुकानदारों तथा छोटे व्यापारियों को भी लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए अपनी दुकान तथा प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति देनी चाहिए।  उन्होंने उनको विशेष राहत पैकेज देने की भी मांग की है।

निशुल्क मास्क बना,वितरित कर समाज के लिए आदर्श बनी पिंकी यादव

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कनीना। लॉकडाउन के दौरान जहां पूरा देश ठहर सा गया है। जन विभिन्न तरीकों से सेवा कर रहे हैं। कुछ महिलाएं ऐसी भी है जो घरों में भी रहकर बढ़ चढ़कर समाजसेवा कर रही हैं। कोरोना प्रकोप के चलते लॉकडाउन के बीच ऐसी सामजसेवी महिलाएं भी सामने आई हैं जो कोरोना से जंग लडऩे में अपनी भूमिका निभा रही  हैं। ऐसा एक नजारा पिंकी यादव के घर में भी देखने को मिला जहां घर की महिलाएं जरूरी कामकाज निपटा कर लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए कपड़े के मास्क तैयार कर उन्हें जरूरतमंद ग्रामीणों में वितरित किया जा रहा हैं।
देश व समाज हमें इतना कुछ देता है कि हम ताउम्र उसकी सेवा करें तो भी कम है। इसी सोच के साथ पिंकी यादव ने देश के सामने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन की स्थिति में भी कपड़े के मास्क सिलकर नि:शुल्क वितरण कर समाजसेवा एवं महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया है। इस महिला का नाम है पिंकी ।
पिंकी यादव अपना घर का काम पूरा करके बाकी का समय मास्क बनाने में लगी हुई हैं। अभी तक तकरीबन 500 मास्क बनाए हैं,जो कि बीएमडी क्लब संस्था द्वारा मुफ्त में आसपास के क्षेत्र के लोगों को बांटे जा चुके हैं।
लाकडाउन के बाद इस मुश्किल घड़ी में अपने परिवार के साथ मिलकर कपड़े के मास्क तैयार करने में जुट गई हैं। इनका सहयोग भले ही उस गिलहरी की तरह है जो समुद्र में सेतु निर्माण सहयोग करते हुए अपने शरीर में बालू के कण लपेटकर पानी में डाल रही थी लेकिन योगदान नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि लोगों को बाजार से मास्क उपलब्ध नहीं हो रहे थे और कहीं मिल भी रहे थे तो कीमत बहुत ज्यादा थी जिसे आम आदमी खरीदने में असमर्थ थे इसलिए उन्होंने निश्चय किया कि वह लोगों को नि:शुल्क मास्क वितरित करेंगी।  कपड़ें से बने इन मास्कों को अच्छी तरह धोने के बाद ही लोगों को वितरित करते हैं जिससे किसी प्रकार का संक्रमण होने से भी बचा जा सकें। इनका कहना हैं की ऐसा करने से लोगों को नि:शुल्क मास्क भी उपलब्ध होंगे और लोग कालाबाजारी का शिकार होने से भी बचेंगे।  संकट की इस घड़ी में हम देश के साथ हैं।
पिंकी यादव से समाज के लोगों से निवेदन भी किया कि कोविड-19 जैसी चुनौती का सामना करने के लिए मजबूत सामुदायिक भागीदारी और समर्थन की आवश्यकता है।  कोरोना का इलाज संक्रमण से सुरक्षित बचाव ही है, मास्क लगाकर स्वयं सुरक्षित रहें व लोगों को मास्क लगाने हेतु प्रोत्साहित कर सुरक्षित रहने में सहयोग दें।
फोटो कैप्शन 02: मास्क बनाती हुई पिंकी यादव।

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