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Friday, November 13, 2020

 

शराब पीकर सड़क किनारे सोया, कुत्तों ने काट खाया, मौत
-पुलिस ने की इत्तफाकिया मौत की कार्रवाई
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,कनीना। कनीना उपमंडल के गांव धनौंदा में एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने शराब पी और सड़क के किनारे सो गया। आवारा कुत्तों ने उसे नोच डाला मौत हो गई। कनीना पुलिस ने इत्तफाकिया मौत का मामला दर्ज कर लिया है।  मिली जानकारी अनुसार संजय पुत्र जगदीश जाति वाल्मीकि उम्र 47 साल जोहड़ के पास मृत अवस्था में पाया गया। उसे कुत्ते नोच रहे थे। उसके शरीर को कुत्तों ने खा रखा है।
 मृतक के भाई पिंकी ने कनीना पुलिस में दिए बयान में कहा है कि उनका भाई संजय शराबी किस्म का व्यक्ति था। वह कोई काम नहीं करता था शराब पीकर रोड़ के किनारे बुधवार की रात सो गया। गुरुवार सुबह मृत अवस्था में पाया। उसके शरीर को कुत्तों ने काट रखा था। जब उनका शव मिला गांव में हड़कंप मच गई तुरंत सरपंच रुपेंद्र सिंह ने पुलिस को सूचित किया ।पुलिस मौके पर पहुंची उनके शव को कब्जे में लेकर महेंद्रगढ़ से पोस्टमार्टम करवाया उसके परिजनों को सौंप दिया है जहां उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया है।
एएसआई कुलदीप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव के सरपंच रूपेंद्र सिंह ने पुलिस को सूचना दी कि एक व्यक्ति की के मृत शरीर को कुत्ते नोच रहे हैं। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और उसका शव कब्जे में लेकर महेंद्रगढ़ के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाकर उनके परिजनों को सौंप दिया है।
सरपंच रुपेंद्र सिंह ने बताया कि गुरुवार की सुबह जब वो बाबा दयाल मंदिर जा रहा था कि गांव के चौकीदार राजबीर सिंह ने घर पर आकर सूचना दी कि खातनवाली जोहड़ पर एक व्यक्ति को कुत्ते नोच रहे हैं। सरपंच तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे तथा पुलिस को सूचित किया। उन्होंने बताया कि यहां मीट की दुकान है जहां कुत्ते मिलते हैं।
मृतक की पत्नी तथा एक लड़का भी है। दो पुत्रियां थी जिनमें से एक की मौत हो चुकी है तथा दूसरी की शादी कर रखी है। कुत्तों की इस घटना पर ग्रामीण हतप्रत हैं।









15 नवंबर को कोई खरीद नहीं
बाजरा खरीदा जा रहा है दो खरीद केंद्रों पर

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********** कनीना। कनीना मंडी में बाजरे की खरीद पूरे यौवन पर चल रही है। 15 नवंबर को दीपावली पर खरीद नहीं होगी। कनीना मंडी और श्रीकृष्ण गोशाला में  21 नवंबर तक खरीद का शेड्यूल जारी हो चुका है। अभी तक दस हजार किसानों का बाजरा खरीदा जा चुका है। अभी भी करीब तीन हजार किसानों का बाजरा और खरीदा जाना है। ऐसे में कुछ खरीद की तिथि बढ़ाए जाने की संभावना है।
 हैफेड मैनेजर सतेंदर यादव ने बताया कि अब तक दस हजार किसानों का तीन लाख क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है। विगत वर्ष  2लाख 55 हजार क्विंटल बाजरा खरीदा गया था। उन्होंने बताया कि कनीना मंडी में 4.5 लाख बैग का उठाना किया जा चुका है वही श्री कृष्ण गौशाला पर 93893 बैग उठाना किया जा चुका है। कुल 12 हजार 700 से अधिक किसान रजिस्टर्ड है जिन्हें बाजरा बेचना है। किसान अभी भी अपना इंतजार कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन 8: बाजरे की खरीद करते अधिकारी।

 खूब बेचा जा रहा है पुराना सामान, दीपावली के नाम पर दुकानदार बेच रहे हैं सस्ते में 

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कनीना। दीपावली का पर्व आते ही एक साल ही नहीं वरना सालों पुराने सामान बेचने की होड़ लगने लगी है। कहने को तो 50 से 60 प्रतिशत तक की छूट बताकर बेच रहे हैं।
   क्षेत्र में पर्व आने पर दुकानों के आगे सेल लगाने के नाम पर या फिर सस्ता सामान बेचने के नाम पर पुराना और घिसा पिटा सामान बेचने का वक्त आ गया है। चप्पल, जूते, कपड़ा, बर्तन, प्लास्टिक का सामान, खिलौने आदि कितने ही प्रकार का सामान बेरोकटोक बेचा जा रहा है। धीरे धीरे सेल सेंटर खुलने लगे हैं। गरीब एवं सस्ते में सामान खरीदने वाले इनसे सामान तो खरीद लेते हैं किंतु घर जाकर पछताने के अलावा कुछ भी नहीं बचता।
  वैसे तो लोगों का कहना है कि दीवाली सबसे खर्चीला पर्व है जिस पर्व पर प्रत्येक घर से दो हजार से लेकर लाखों रुपये तक का खर्चा आता है। ऐसे में किसी को उपहार देने के लिए या मिठाई देने के नाम पर स्वयं तो ठगाई में आ जाते हैं साथ में घटिया सामान भी अपने साथियों तक पहुंचाने का जरिया भी मिलता है।
  दीपावली पर्व पर सभी दुकानदार चाहते हैं कि उनका पुराना सामान बिक्री हो जाए। ऐसे में लगभग सभी दुकानदार अपनी दुकानों के आगे सामान सस्ते में बेचने के सेल सेंटर बना देते हैं। एक ओर वे अतिक्रमण कर डालते हैं वहीं लोगों को पुराना घिसा पिटा सामान देकर मुनाफा कमाते हैं।
  दिव्यांगों के लिए दोपहिया वाहनों के खरीद पर छूट
-दोपहिया वाहनों की बिक्री बढ़ी

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 कनीना। क्षेत्र में दोपहिया वाहनों की बिक्री दीपावली के चलते बढ़ गई है। वैसे तो इन दिनों फल, सब्जी, फूल, पशुओं के लिए गलाई आदि की मांग बढ़ी हुई है। वही दोपहिया वाहनों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है।
दोपहिया वाहन कंपनियों ने भी कुछ छूट देकर ग्राहकों को आकर्षित करना शुरू कर रखा है जिसके तहत बिक्री में इजाफा हुआ है।
 टीवीएस मोटर्स कंपनी कनीना की शाखा के संचालक सतीश जांगड़ा ने बताया कि दिव्यांग लोगों के लिए वाहन खरीदने पर दस हजार रुपये  की छूट कंपनी द्वारा दी जा रही है। वहीं एक्सचेंज काला भी दिया जा रहा है जिसके चलते लोगों का रुझान बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने कहा कि वाहनों पर छूट 30 नवंबर तक दी गई है।



तहबाजारी के तहत फीस की इक_ी

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 कनीना। कनीना नगर पालिका ने दीपावली के चलते दुकानदारों द्वारा दुकानों के आगे जगह अधिक घेरने तथा उस पर सामान रख कर बेचने के लिए के चलते तहबाजारी के तहत नगर पालिका ने फीस वसूली है। लेखाकार शिवचरण शर्मा ने बताया कि 3 टीमें गठित करके रेहड़ी वालों  एवं दुकानदारों से फीस इक_ी की गई है।
महेंद्रगढ़ रोड पर पुरुषोत्तम कुमार एवं दीपक सेवादार की तैनाती लगाई गई है वहीं अस्पताल से मंडी टी-प्वाइंट तक श्याम लाल गुप्ता लिपिक व कृष्ण कुमार द्वारा कार्रवाई पूर्ण की गई। रेलवे रोड से अस्पताल तक मनीष कुमार क्लर्क कम कंप्यूटर आपरेटर और राकेश कुमार ने यह भूमिका निभाई।

सिल्वर जान फाउंडेशन ने एसडी को दी गोल्डन स्कूल की उपाधि

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कनीना। एसडी विद्यालय ककराला के छात्रों ने अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय ओलंपियाड प्रतियोगी परीक्षा में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। ओलम्पियाड प्रतियोगी परीक्षा के परिणामों की घोषणा करते हुए एसडी विद्यालय प्राचार्य ओम प्रकाश यादव ने बताया कि एसडी विद्यालय के छात्रों ने अलग-अलग विषयों में अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर हुई आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में सराहनीय प्रदर्शन किया जिसके कारण सिल्वर जान फाउंडेशन संस्थान ने एसडी स्कूल को गोल्डन स्कूल की उपाधि देकर सम्मानित किया है।
अन्तर्राष्ट्रीय टेलेंट हंट ओलंपियाड में ग्यारहवी कक्षा की छात्राएं मुस्कान  एवं स्नेहलता को प्रमाणपत्र, ट्राफी एवं नकद राशि प्रदान कर सम्मान प्रदान किया है। दोनों छात्रों ने इस परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त किए है।
राष्ट्रीय टेलेंट हंट ओलंपियाड में छात्र जशवीर  एवं दीपक को स्पेशल सम्मान से सम्मानित किया गया है। वहीं इसिका, तुषार, संजना, पुनित, सूमित, पियूस, मुस्कान एवं स्नेहलता को गोल्ड देवयांशी, लोकेन्द्र, राहुल, कृष, दीपिका को सिल्वर व रोनित, हर्षित, नितेश, जतिन गुप्ता, हिमान्शु, राहुल, सागर एवं तरुण को ब्रांज मेडल से सम्मानित किया गया है। सामाजिक विज्ञान विषय में गरीमा एवं रीना को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
सीटीएसई में ग्यारवीं कक्षा के विद्यार्थी जतिन कुमार को प्रथम स्थान, अन्जू सुपुत्री दिनेश को द्वितीय एवं काजल सुपत्री नविन को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ तीनों विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र के साथ ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।
सीबीएसई. बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी प्रियांशु  को प्रथम, रिंकू को द्वितीय एवं योगश सुपुत्र रमेश को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। तीनों को प्रमाण पत्र के साथ ट्राफी से सम्मानित किया गया।
विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने विद्यालय स्टाफ  सहित सफल रहे विद्यार्थियों को दी।
इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश, वरिष्ठ सदस्य राजेन्द्र यादव, औमप्रकाश यादव, सीईओ आर एस यादव, वरिष्ठ विभाग के मुखिया पूर्ण सिंह, कनिष्ठ विभाग के मुखिया नरेन्द्र यादव, सुरेंद्र कुमार चौहान, सुनील यादव, वालीबाल कोच प्रदीप एवं समस्त स्टाफ उपस्थित था।
फोटो कैप्शन 8: फाउंडेशन एसडी स्कूल के विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुये।

    विद्यार्थियों ने ली प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने की शपथ

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कनीना।  राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में  सभी विद्यार्थियों ने प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने की शपथ ली। प्राचार्य कृष्ण कुमार ने बढ़ते हुए प्रदूषण पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने का संदेश दिया। सभी विद्यार्थियों को पटाखे न चलाने व सरकार द्वारा जारी किए गए नियमों का पालन कराने का संकल्प दिलाया गया।
 कोरोना के नियमों का पालन करते हुए सभी विद्यार्थियों ने दीपावली पर पटाखे न चलाने की शपथ ली। मां सरस्वती की मूर्ति समक्ष रंगोली सजाई तथा समस्त स्टाफ ने भी प्रतिज्ञा की कि इस दीपावली पर चाइनीज आइटम नहीं खरीदेंगे, पटाखे नहीं चलाएंगे तथा सादगी से घर की मिठाई खाकर दीपावली मनाएंगे। इस मौके पर अनूप सिंह राजेश कुमार प्रवक्ता, लक्ष्मी यादव, महिपाल सिंह राजवीर सिंह, नीलम, कविता सहित समस्त स्टाफ हाजिर था तथा उन्होंने विद्यार्थियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी।
फोटो कैप्शन 7: मां सरस्वती की पतिमा समक्ष रंगोली बनाती धनासैंदा स्कूल की छात्राएं।



विधिवत रूप से समस्त स्टाफ बैठने लगा नए परिसर में 

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 कनीना। यद्यपि 27 अक्टूबर को नगर पालिका के नए भवन का उद्घाटन कर दिया गया था लेकिन पुराने भवन से नए भवन में सामान स्थानांतरित करके आखिरकार पालिका प्रधान सतीश जेलदार एवं समस्त अधिकारी/कर्मचारी नए भवन परिसर में बैठने लग गए हैं।
सतीश जेलदार पालिका प्रधान ने बताया कि विधिवत रूप से भी नए भवन में बैठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी कार्य की छत के तहत किए जा रहे हैं यद्यपि नया भवन अधिक विशाल होने के कारण चहल पहल भी बढ़ी है। अब सभी कार्यालय न्यायिक परिसर, एसडीएम कार्यालय, उप मंडल अधिकारी कार्यालय, डीएसपी कार्यालय तथा नगरपालिका कार्यालय आमने-सामने स्थित हैं। ऐसे में किसी कार्य के लिए कोई कठिनाई नहीं रहेगी। सतीश जेलदार ने समस्त स्टाफ को दीपावली की बधाई दी तथा कहा कि दीपावली पर शुभ कार्य पूर्ण हो चुका है और आप सभी कार्य जी जान से परिसर में किए जाएंगे। अब सारा सामान नये भवन परिसर में पहुंच चुका है तथा पुराने भवन परिसर में रैन बसेरा एवं सफाई कार्य का नियंत्रण किया जाएगा।
 फोटो कैप्शन 7: नगरपालिका के नये भवन परिसर में कार्यभार संभालते हुए सतीश जेलदार।
     
कनीना क्षेत्र में मिले 6 कोरोना संक्रमित 

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। गुरुवार को कनीना क्षेत्र में 6 कोरोना संक्रमित पाए गए जिनमें से 4 अकेले मोहनपुर गांव के हैं।
मोहनपुर गांव में एक 10 वर्षीय बच्चा के 11 वर्षीय बच्ची तथा एक 48 वर्षीय पुरुष तथा एक 23 वर्षीय युवक कोरोना संक्रमित पाया गया
उधर गांव जहां झाड़ली में 40 वर्षीय पुरुष तथा गाहड़ा में एक 45 वर्षीय महिला कोरोना संक्रमित  पाया है।
मोबाइल टीम ने लिए सैंपल-
 मोबाइल टीम नारनौल ने की टीम ने  कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में उन बच्चों और उन शिक्षकों का कोरोना सैंपल लिया जिनका अभी तक सैंपल नहीं हो पाया था। इनका सैंपल लेकर रोहतक भेजा जाएगा तत्पश्चात टेस्ट रिपोर्ट  आएगी । एक और जहां कोरोना तेजी से फैल रहा है वहीं प्रशासन जी जान एक किये हुये हैं ताकि कोरोना से बचा जा सके। नारनौल की टीम में विकास, मनोज, प्रवीण ने सैंपल लिये। 60 सैंपल लिये जा चुके थे।
 विस्तृत जानकारी देते हुए डा धर्मेंद्र यादव ने बतायाकि त्योहारों के चलते भीड़ में न जाए अगर मजबूरी हो तो मास्क लगाकर ही जाए, हाथों में ग्लव्ज हो। डा धर्मेंद्र ने कहा कि भीड़ वाले स्थानों पर हो सके न जाए बुजुर्गों को बाहर नहीं घूमना चाहिए। उन्होंने कहा कि त्योहारों पर कोरोना बढऩे की संभावना बन जाती है। ऐसे में भीड़ वाले क्षेत्रों से बचकर रहें। ऐतिहात के सभी सावधानियां बरतें। उधर सुनील कुमार ने बताया कि कनीना के सभी कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेट कर दिया गया है और आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
फोटो कैप्शन 3: कनीना स्कूल में कोरोना सैंपल लेते हुए नारनौल की टीम।


1500 दीये मंदिरों में जलाए जाएंगे 

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 कनीना। वैसे तो मिट्टी के दीयों के प्रति रुझान कम हो गया है लेकिन कनीना की कुछ महिलाएं फिर से दीयों के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए दिनरात एक किये हुये हैं। कनीना की नीलम देवी, शकुंतला, आशा, पूनम,खुशी,मोनी, मीनू, बबली, अमीशा, गुड्डो, लता आदि ने मिलकर पंद्रह सौ के करीब बनाए हैं और अब ये विभिन्न 8 मंदिरों में प्रतिदिन दीपावली तक आएंगी। धनतेरस से शुरू कर दिया है।
 जानकारी देते हुए नीलम देवी एवं शकुंतला ने बताया कि प्रतिवर्ष इस कार्य में योगदान देती हैं। एक और वे अपने हाथों से मिट्टी के दीये बनाती है वही आटे से बना कर विभिन्न मंदिरों में जलाती है। एक स्वस्थ परंपरा विकसित होती है तथा दीयों के प्रति रुझान भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है। इसमें बच्चे भी अपना-अपना योगदान देकर दीये बनाते  हैं और इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं।
 दीयों के प्रति लोगों का रुझान कम हुआ है परंतु कनीना के बाबा मोलडऩाथ, खाटू श्याम, साईं मंदिर तथा हनुमान मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में प्रतिदिन रात को दिए जलाएंगे और प्रभु से अरदास करेंगे कि किसी प्रकार कोरोना से छुटकारा पाया जाए। उन्होंने बताया कि हर वर्ष इसी प्रकार की कार्रवाई कोई शुभकामना मन में लेकर यह कार्रवाई की जाती है।
फोटो कैप्शन 4 व 5: दीये बनाते हुए कनीना की महिलाएं।
सादगी से दीपावली मनाने के लिए आए युवा आगे

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कनीना। कनीना व आस पास के अधिकांश लोग दीवाली के पावन पर्व पर दुकानों की बजाय घर की बनी हुई मिठाइयां खाना पसंद करते हैं। उनका कहना है कि घर पर बनाई गई मिठाई साफ एवं शुद्ध होती है जबकि दुकानों पर बनी मिठाइयां साफ एवं शुद्ध नहीं होती हैं। बहुत से युवा प्रदूषण रहित दीवाली मनाना चाहते हैं। वे  बिजली बचत, पटाखे न चलाने, चीन का सामान न खरीदने के पक्ष में हैं। वे घी के दीये जलाकर मोमबत्ती न जलाकर, हवन आदि करके दीवाली मनाना के पक्ष में हैं।
   कनीना के करीब 80 फीसदी लोगों का यही कहना है जबकि शेष लोग घर में सामान तैयार करना कठिन समझते हैं और लेने देने के लिए भी दुकानों की मिठाइयां पसंद करते हैं। सुरेश कुमार का कहना है कि घर पर देसी घी का हलुआ बनाना चाहिए जो जमकर खाना चाहिए। यह पकवान पुराने समय से चला आ रहा है।
राज कुमार का कहना है कि घर पर बनाए गए सभी पकवान साफ बर्तनों में एवं शुद्ध मिलते हें जो स्वास्थ्य के लिए भी अनुकूल हैं। ऐसे में घर की बनी मिठाइयां व पकवान ही खाने चाहिए।
 सूबे सिंह का कहना है कि वे तो दीवाली के दिन अपने घर पर बने देसी पकवानों को ही पसंद करते हैं। मिठाइयां घर पर बनती हैं जो साफ होने के कारण उन्हीं का उपभोग किया जाता है। उनका कहना है कि किसी को लेने देने में तो दुकानों की मिठाइयां प्रयोग की जा रही हैं किंतु घर पर बनी मिठाई ही खाना पसंद करते हैं।
शिवचरण कनीना का कहना है कि घर की मिठाइयां खाने की होड़ लगनी चाहिए और दुकानों की मिठाइयां खाने में परहेज करना चाहिए। उनका मानना है कि दुकानों की मिठाइयां स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद साबित हो सकती हैं।
   इस बार क्षेत्र के युवा दीवाली को घी के दीये जलाकर एवं आपस में मिलकर दीवाली मनाना चाहते हैंं। वे एक नारा लगा रहे हैं कि घर की मिठाई खाकर, आपस में मिलकर घी के दीये जलाएंगे। कोरोना से बचकर आने पर घी के दीये जलाना बेहतर माना जा रहा है।
  सादगी से मनाएंगे दीवाली-
महंगाई के युग में जहां देसी घी मिलना कठिन हो गया है या फिर महंगा हो जाने से लोग दुकानों से देसी घी खरीदकर ही दीवाली मनाने जा रहे हैंं। महंगाई के कारण दस फीसदी लोग मोमबत्ती ही जलाकर दीवाली का पर्व मनाते हैं। युवाओं में इस बार दीवाली को सौहार्द, भाईचारा एवं एकता का पर्व बनाने की होड़ लगी हैं। पटाखों पर प्रतिबंध, चाइनीज वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए कटिबद्ध हैं।
     कनीना के प्रवीन कुमार का कहना है कि वे दीवाली को सादगी से मनाना चाहते हैं। लोग जुआ खेलते हैं और दुकानों की मिठाइयां खाकर पटाखे चलाते हें जो अनुचित है।
 कनीना के रवि कुमार का कहना है कि वे इस बार गांव में भी देसी घी के ही दीये जलाने की सलाह दे रहे हैं और इस पर्व पर पटाखे न चलाने की प्रेरणा देकर कनीना व आस पास को साफ सुथरा एवं प्रदूषण मुक्त बनाना चाहते हैं।
  कुल मिलाकर युवा पीढ़ी इस बार कम से कम पटाखे चलाने के पक्ष में हैं और दीवाली को सादगीपूर्ण मनाए जाने के पक्ष में है।
बालकिशन करीरा का कहना है कि देसी घी को दीये में डालकर दीपावली के दिन बुजुर्ग पुराने समय से जलाते आ रहे हैं। बुजुर्ग बहुत बुद्धिमान थे। पर्व पर तेल या मोमबत्ती जलाना अशुभ मानते थे। अब उन्हीं के कदमों पर चलकर वे इस बार दीवाली को देसी घी के दीयों से मनाएंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।
सत्यवीर सिंह प्रवक्ता का कहना है कि देसी घी के दीये जलाकर हिंदुओं के महान पर्व को मनाना अति लाभदायक एवं फलदायक होता है। देसी घी के दीये जलाने प्रदूषण नामक बीमारी से बचा जा सकता है। वैसे भी घरों में पशुधन मिलता है और देसी घी भी आसानी से मिल जाता हे। ऐसे में इस पर्व पर देसी घी के दीये ही जलाएंगे।
डा अजीत कुमार शर्मा का कहना है कि वे कई दशकों से देसी घी के दीये जलाते आ रहे हैं। न केवल बड़ी या छोटी दीवाली अपितु मुख्य दीवाली के दिन घर में विभिन्न स्थानों पर रखे जाने वाले समस्त दीये देसी घी से ही जलते हैं। उनके अनुसार देसी घी का दीया जलाने का अर्थ है कि वातावरण की देखभाल करना तथा सभी के जीवन की मंगलकामना करना। उन्होंने इन दीयों को अंधकार दूर करने वाला तथा दिलों में शुद्धता भरने वाला प्रतीक बताया।
लक्ष्मी यादव का कहना है कि वे न केवल स्वयं देसी घी के दीये जलाएंगे अपितु दूसरों को भी इस बार देसी घी के ही दीये जलाने के लिए प्रेरित करेंगे। उनके अनुसार देसी घी के दीये जलाना एक हवन या यज्ञ के बराबर होता है। पर्यावरण का प्रदूषण दूर होता है तथा सुगंधित वातावरण बन जाता है। दीये का प्रकाश जहां तक जाता है वहां तक हानिकारक कीट नष्ट हो जाते हैं।
फोटो कैप्शन: राज कुमार, सूबे सिंह, सुरेश शर्मा, शिवचरण, बालकिशन, डा अजीत, सत्यवीर सिंह, लक्ष्मी यादव।

क्षेत्र में मनाया गया धन तेरस का पर्व, खरीदे बर्तन

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कनीना। कनीना क्षेत्र में गुरुवार को धन तेरस का पर्व मनाया गया। बाजार में बर्तनों की दुकानों पर भार भीड़ देखने को मिली। कई दिनों से बर्तनों की दुकानें सजी हुई थी और ग्राहक आने का इंतजार था।
  बाजारों में भारी रौनक देखने को मिली है वहीं बर्तनों की दुकानों पर लोगों ने बर्तन खरीदे।  दीपावली की रौनक के चलते बाजार सजने लगे हैं। दीपावली के पर्व को महज एक दिन ही बाकी हैं और बाजार में रौनक आने लगी है। बाजार सजने लगे हैं। अब तक ऐसा लग रहा था कि रौनक फीकी रहेगी किंतु अब धीरे-धीरे बाजार सजने लगे हैं।  धीरे-धीरे बाजार में रौनक आने लगी है और भीड़ के चलते आवागमन में परेशानी होने लगी है। मुख्य मार्गों पर भी दुकानों की वजह से मार्ग संकीर्ण बन गए हैं।
  बर्तन विक्रेता पवन कुमार, रमेश कुमार ने बताया कि इस दिन का लंबे समय से इंतजार होता है। इस दिन अन्य दिनों की बजाय सबसे ज्यादा बर्तन बिकते हैं। इस दिन लगभग हर घर से बर्तन खरीदने के लिए बाजार आते हैं। बर्तन वालों के लंबी कतार देखने को मिली।
  ज्योतिषाचार्य अरविंद वशिष्ठ का कहना है कि धन तेरस के दिन ही राक्षसों एवं देवताओं के बीच हुए समुद्र मंथन से अमृत निकला था जिसे पाने के लिए देवता अपना अपना बर्तन लिए बैठे थे और धनवंतरि सभी को अमृत बांट रहे थे। उसी दिन से माना जाता है कि धनवंतरि उन्हें अमृत बाटने आते हैं। इस दिन लोग नए बर्तन में धनवंतरि से अमृत पाने की इच्छा से बर्तन खरीदते हैं। क्षेत्र में मनाया गया धन तेरस का पर्व
 फोटो कैप्शन 1: धन तेरस पर बर्तनों की दुकान पर भीड़।


 गन्नों के प्रति रुझान बढ़ा

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कनीना। दीपावली के पर्व पर गन्नों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ता ही जा रहा है। पहले दूसरे राज्यों से आए लोग ही गन्ना पसंद करते थे किंतु अब क्षेत्रीय लोग भी रुचि दिखा रहे हैं। गन्ने की कटाई भी इसी पर्व से शुरू होती है।
   देखादेखी की होड़ कनीना क्षेत्र में बढ़ रही है। आज से पांच वर्ष पूर्व दीपावली के पर्व पर गन्ने के प्रति लोगों का कोई रुझान नहीं होता था किंतु अब दूसरे राज्यों से आए लोग इस पर्व पर गन्ने की पूजा करने लगे तो क्षेत्रीय लोग भी उनके पीछे दौडऩे लगे हैं। क्षेत्र में गन्ने की अच्छी खासी बिक्री होने लगी है। साफ गन्ना नहीं अपितु पत्ते सहित ही बेचा जाता है।
  लोगों का कहना है कि दीपावली के पर्व पर गन्ना तैयार हो जाता है और कटाई शुरू हो जाती है वहीं तथाकथित भूत भगाने के लिए लोग गन्ने को घर से जलाकर चौराहे पर लाकर पटकते हैं। वाहनों के आगे गन्ना लगाकर दौड़ाने का भी रिवाज बढ़ रहा है।

दीपावली महंगी हुई 

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 कनीना। हर वर्ष दीपावली महंगी होती जा रही है। गरीब जन दीपावली पर भी कंजूसी बरतते हैं। देसी घी 800 रुपये किलो, सरसों का तेल नहीं तो 130 रुपये लीटर पहुंच गए हैं वही दीया बाती महंगे होने से लोग मजबूरन मोमबत्ती का प्रयोग कर रहे हैं। यही कारण है कि बाजार में मोमबत्तियां बिक रही है।
कनीना में दीये बेचने वाले ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं वही मोमबत्ती बेचने वाले खुश हो रहे हैं। गृहणि धापा ने बताया कि भी दीपावली पर 800 रुपये से भी अधिक महंगा बिक रहा है वहीं तेल के भी भाव बढ़ गए हैं। यही कारण है कि बेचारे गरीब अपने घर में खाने का सामान का प्रबंध करते हैं दीये और घी का प्रबंध कम करते हैं।
एक जमाना था जब लोग लोगों के घरों में देसी घी बहुत अधिक होता था। उस समय लोग देसी घी के दिए जलाते थे किंतु समय के साथ साथ बदलाव आया। देसी घी महंगा हो गया इसके चलते सरसों के तेल के दीये जलाने शुरू कर दिए थे लेकिन अब सरसों के तेल भी महंगा होने से मोमबत्ती जलाकर ही काम लिया जा रहा है।  मोमबत्ती का पैकेट बाजार में 20 रुपये से लेकर एक सौ रुपये तक का मिल रहा है वही देसी घी और तेल महंगे चल रहे हैं जिसके चलते परेशानी बढ़ी हुई है।





              



              





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