मोबाइल टीम ने ककराला स्कूल में लिये 78 सैंपल
- 299 विभिन्न स्कूलों व व्यक्तियों के सैंपल लिए
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कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां एक और गांवों में कोरोना संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में भी स्कूली विद्यार्थियों की कोरोना संक्रमतों की संख्या बढऩे लगी है। स्कूल में कोरोना का संक्रमण न फैले इसके लिए लगातार प्रशासन प्रयासरत है। इसी कड़ी में मोबाइल टीम सीएमओ डा अशोक कुमार, डाक्टर नवीन कुमार की देखरेख में कनीना में बुधवार को मोबाइल टीम नंबर दो जिसमें सुदेश कुमार इंचार्ज, सत्येंद्र चौहान, सहित अन्य शामिल थे। मोबाइल टीम ने ककराला के राजकीय स्कूल के नौवीं कक्षा के 28 विद्यार्थी दसवीं कक्षा के 20 विद्यार्थी व 11वीं कक्षा के 20 विद्यार्थियों सहित नौ अध्यापकों के सैंपल लिए। मोबाइल टीम 1 व 2 ने मिलकर ककराला में 78 लोगों के सैंपल, कनीना के वार्ड नंबर 8 से 52 लोगों के सैंपल, नांगल मोहनपुर के पांच लोगों के सैंपल, हिंदुस्तान स्कूल के 9 अध्यापकों के व 63 विद्यार्थियों के सैंपल, लड़कों के स्कूल दौंगड़ा अहीर के 15 विद्यार्थियों के सैंपल लिए गए। सत्येंद्र चौहान इंचार्ज मोबाइल टीम ने बताया स्कूलों के साथ-साथ दूसरे लोगों को विशेषकर संक्रमित लोग जिनके संपर्क में आए उनके भी सैंपल लिए जा रहे हैं। ये सैंपल मेवात मेडिकल कालेज भेजे जाते हैं जहां एक से तीन दिन के पश्चात रिपोर्ट आती है। उन्होंने बताया कि कनीना के विभिन्न स्कूलों में सैंपल लिए जाएंगे।
वहीं दूसरी तरफ कोटिया गांव का 10 वर्षीय बालक 60 वर्षीय महिला व दूसरी 60 वर्षीय महिला संक्रमित मिले हैं। उन्होंने 16 नवंबर को अपना सैंपल मोबाइल टीम को दिया था। जिसकी रिपोर्ट गुरुवार को पाजिटिव आ गई। नंगल हरनाथ गांव का 61 वर्षीय बुजुर्ग संक्रमित मिला है। इस बुजुर्ग ने 16 नवंबर को अपना सैंपल मोबाइल टीम नंबर दो को दिया था। जिसकी रिपोर्ट गुरुवार को पाजिटिव आ गई। कनीना में रहने वाला 30 वर्षीय पुरुष संक्रमित मिला है। इस 30 वर्षीय पुरुष ने महेंद्रगढ़ में 16 नवंबर को अपना सैंपल जमा करवाया था। जिसकी रिपोर्ट गुरुवार को पाजिटिव आ गई।
डा धर्मेंद्र एसएमओ ने बताया कि सावधानी इस रोग से बचने का बेहतर इलाज है। उन्होंने सावधानी बरतने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सावधानी नहीं बरती गई तो यह रोग और भी फैल सकता है।
फोटो कैप्शन 9: मोबाइल टीम स्कूल के बच्चों का सैंपल लेते हुए।
तेज मसालेदार वस्तुओं की ओर बढ़ा रुझान
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कनीना। भावी पीढ़ी का रुझान फास्ट फूड व तेज मसालेदार वस्तुओं की ओर बढ़ रहा है। कभी मांस और अंडे घर में पकाना ग्रामीण क्षेत्रों में अशोभनीय माना जाता था तथा ऐसे मांसाहारियों को समाज घृणा की दृष्टिï से देखते थे उन्हें लोग अब आदर से देखते हैं। मांस बिक्री की दुकानों की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है। कोरोना काल में एक बार बाहर की वस्तुएं खाने का प्रचलन कम हुआ था किंतु अब फिर से चरम पर है।
युवा पीढ़ी का रुझान तेज मसालेदार वस्तुओं को खाने की ओर बढ़ता ही जा रहा है जिन्हें योग गुरू बहुत घटिया बता रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में मसाले पीसकर अपनी रोटी रोजी कमाने वाले कृष्ण कुमार ने बताया कि उनकी मशीन पर तेज मसाले पिसवाने वालों की कतार लगी रहती है। बाजार में अगर पकोड़ी, पानी के बतासे, पाव भाजी, टिक्की, छोल भटूरे की दुकानों पर झांककर देखे तो पता लगता है उनकी अच्छी बिक्री हो रही है। एक दही बल्ला बनाने वाले राजस्थानी युवक भारती का कहना है कि उनकी अच्छी बिक्री होती है। होटलों पर भी तेज मसालों के खाद्य पदार्थ अधिक बनाए जा रहे हैं।
आश्चर्यजनक पहलु यह है कि कनीना के बस स्टैंड के आस-पास अंडों की रेहडिय़ां अधिक लगती हैं और दूध एवं फलों की दुकानें कम लगती हैं। इन रेहडिय़ों पर सुबह हो या शाम अंडे खाने वालों का तांता देखा जा सकता है। अंडों के कारोबार अच्छे चल रहे हैं। उधर कनीना बस स्टैंड से थोड़ा दूर मांस की दुकानें धड़ाधड़ चल रही हैं। खान पान में आए बदलाव से बुजुर्ग वर्ग परेशान है। बुजुर्ग आज भी सादा खाना खाते हैं और घरों में तो अब दो प्रकार के खानें बनते हैं। एक ओर बूढ़ों के लिए तो दूसरी ओर जवानों के लिए। कई बार तो बूढ़े एवं जवानों में खाने को लेकर नोकझोक होती देखी जा सकती है।
क्या कहते हैं डाक्टर-
वैद्य बालकिशन एवं हरिकिशन का कहना है कि फास्ट फूड सेहत के लिए हानिकारक होता है। इससे कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि इन फास्ट फूड में मिर्च, नमक ं दूसरी वस्तुएं अधिक मात्रा में मिलते हैं। इनका नियमित प्रयोग हृदय, गुर्दे एवं लिवर की बीमारी होने की संभावना बन जाती है।
पेंटर सिखा सकते हैं हिंदी और अंग्रेजी
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कनीना। उप-मंडल के गांव करीरा के प्रसिद्ध पेंटर निहाल सिंह 50 वर्षों से पेंटिंग का काम कर रहे हैं। निहाल सिंह का कहना है कि पेंटर चाहे तो समाज में लोगों को हिंदी और अंग्रेजी सिखा सकते हैं वहीं बिगाडऩा चाहे तो बिगाड़ भी सकते हैं। उन्होंने कहा कि पेंटर अक्सर हिंदी और अंग्रेजी के शब्द गलत लिख डालते हैं जबकि सही शब्द प्रयोग करें तो पढऩे वाले के दिमाग में भी सही शब्द बैठ जाएंगे जिससे आने वाले समय में उनके काम आ सकते हैं। विशेषकर भावी पीढ़ी इन शब्दों को पड़ती है। उन्होंने कहा कि दुकानों पर अक्सर बेहद गलत शब्द प्रयोग किए जा रहे हैं। उन्होंने पेंटिंग के कई रूप देखे हैं। अब उनके लड़के भी सालों से पेंटिंग का काम कर रहे हैं। पेंटिंग का काम धीरे-धीरे मशीनी युग के चलते समाप्त हो गया है। उन्हें बस यह मलाल है कि पेंटर पढ़े लिखे हो तो समाज में व्यापक सुधार कर सकते हैं। विद्यार्थी और लोग दुकानों पर लिखे हुए शब्दों को अपने मन में बिठा लेते हैं। यदि शब्द लिखे हुए हैं तो उनके दिमाग में सही रूप बैठ जाएगा। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है जानबूझकर हिंदी में अंग्रेजी अंग्रेजी में हिंदी शब्द लिखते हुए बिल्कुल हिंदी के साथ अन्याय कर रहे हैं।
निहाल सिंह का परिवार पेंटिंग के धंधे में जुटा हुआ है। निहाल सिंह का नाम दूर-दराज में प्रसिद्ध है जब कभी चुनाव आते थे तो उनकी मांग इतनी बढ़ जाती थी। दिन रात सोते नहीं थी भारी पैसे कमाते थे परंतु मशीनों के युग और चुनाव आयोग के हंटर के चलते पेंटिंग का काम लगभग कम हो गया है। निहाल सिंह ने एक दर्जन लोगों को अल्प ट्रेनिंग भी दी है और आज भी उनके कदमों पर चलकर वे भी पेंटिंग से अपनी रोटी रोजी कमा रहे हैं। निहाल सिंह ने बताया कि एक जमाना था जब लोग उन्हें ढूंढते फिरते थे। यहां तक की फिल्मों के पोस्टर भी वह बनाते थे। आज मशीनों की के चलते धंधा लगभग चौपट हो चुका है। अब कोई न तो पोस्टर छपवाता और न हीं कोई बैनर।
अब तो मैं किसी के पास फुर्सत नहीं है। कुछ ही मिनटों में अपने बोर्ड/ बैनर, नेम प्लेट आदि छपवा लेते हैं किंतु उनका कहना है कि उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी के शब्दों पर पकड़ बना रखी है। वे लिखते हैं तो सदा शुद्ध लिखते हैं जिसके चलते आज भी विभिन्न स्कूलों, मंदिरों आदि पर मोटो लिखने या पेेंटिंग आदि का काम उनसे करवाया जा रहा है। उनके पुत्र ने सुरेश कुमार तो अपने पिता से भी आगे जा चुके हैं। वे बताते एक बार उनके पिता बीमार क्या हुए रोटी रोजी चलाने के लिए पेंटिंग का काम करने की सोची थी, वे सफल रहे। आज करीब 200 विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में मंदिरों में पेंटिंग एवं मोटो लिखने का लिखने का कार्य कर चुके हैं। कहीं भी जाते हैं तो हिंदी और अंग्रेजी के शब्दों पर ध्यान देते हैं। सुरेश कुमार ने बताया कि उनके जीवन में उनके शिक्षकों का योगदान रहा है इसलिए जब भी किसी शब्द में लिखने में दिक्कत आती है तो वे गलत नहीं लिखते अभी तो अपने गुरुजनों से पूछ कर लिखते हैं। यदि उन्हें थोड़ी सी भी शंका नजर आती है तो झटपट से फोन मिलाते हैं और शब्द सही लिखने की जानकारी लेते हैं। उनका कहना है कि आज भी महेंद्रगढ़, रोहतक, झज्जर, रेवाड़ी तथा राजस्थान में जाते हैं और पेंटिंग का काम करते हैं। उनका हना है कि दुर्भाग्य है आज के दिन सही शिक्षा नहीं दे रहे हैं, दीवारों पर गलत शब्द लिखे होते हैं। दुकानों पर अक्सर गलत शब्द लिखे होते जिस कुप्रभाव प्रभाव विद्यार्थियों और लोगों के दिलों दिमाग पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि आशीर्वाद शब्द अधिकांश स्थानों पर ही गलत लिखा होता है। यदि हम सही शब्द का प्रयोग करेंगे तो निश्चित रूप से भावी पीढ़ी पर प्रभाव पड़ेगा। उनकी सरकार से भी मांग है कि गलत शब्द लिखने वालों पर कोई कार्रवाई अगर हो तो जरूर करने का आदेश जारी किया जाए ताकि सभी सही शब्दों का प्रयोग करेंगे और हमारी मातृभाषा सुधरेगी।
अपने पेशे से आज भी संतुष्ट हैं। यद्यपि उनके पिता 12वीं तक पढ़े हैं और वे स्वयं दसवीं कक्षा अच्छे अंकों से पास करके इस पेशे में उतरे हैं।
फोटो कैप्शन 5: निहाल सिंह संत की प्रतिमा बनाते हुए, पेंटिंग करते हुए
फोटो कैप्शन 6/ 7/ 8: सुरेश कुमार पेंटर विभिन्न स्कूलों में पेंटिंग और शब्द लिखते हुए।
25 नवंबर देव उठनी एकादशी होने से खूब बजेंगी शहनाइयां
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कनीना।
25 नवंबर से देव उठनी एकादशी पर विवाह शादियों का सीजन शुरू हो जाने से इस बार कम अवधि में खूब शहनाइयां बजेंगी। ऐसे में नये कपड़ों की विशेषकर आधुनिक कपड़ों की मांग बढऩे लगी है। ऊनी कपड़ों की मांग भी बढ़ी है। कनीना एवं आस पास दो सौ के करीब शादियां हैं। सभी विवाह समारोह स्थल पहले से ही बुक हैं।
देव उठनी एकादशी 25 नवंबर को-
देव उठानी एकादशी 25 नवंबर से शुरू हो रही है। इस दिन विवाह शादी शुरू हो जाएंगी तथा विभिन्न विभिन्न स्थानों पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कनीना के सुरेंद्र वशिष्ठ ने बताया कि अकेले कनीना में 25 के करीब शादियां हो रही है तथा आस पास गांवों को मिलकार करीब 200 शादियां हैं। देव उठनी एकादशी का दिन विवाह शादियों के लिए सबसे शुभ दिन होता है। लंबे समय से विवाह शादी करने वाले इस दिन का इंतजार कर रहे थे। एकादशी पुनीत कार्य पुण्य के बराबर होते हैं। यही कारण है कि इस दिन विवाह शादियां की जाती है।
निर्वाण दिवस-
उधो आश्रम के बाबा लाल दास ने बताया कि उदास निर्वाण दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन पवित्र ग्रंथ की पूजा अर्चना की जाती है तथा विभिन्न कार्यक्रम उदास आश्रम में आयोजित किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय उठानी एकादशी का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
बहुत कम दिन चलेंगी शादियां-
सुरेंद्र वशिष्ठ ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार जहां कोरोना की मार पड़ी है वहीं शादियां 25 नवंबर से 31 दिसंबर तक ही चलेंगी। तत्पश्चात तारा डूब जाने के कारण 20 अप्रैल तक शादियां बंद रहेंगी। 20 अप्रैल के बाद फिर शादियां शुरू होंगी। इस बार मलमास के कारण शादियों का मुहूर्त कम दिनों का है। लोगों का कहना है कि इस बार कम अवधि में ही अधिक शादियां हैं। वैसे भी कोरोना काल से कुछ राहत मिलते ही ये शादियां शुरू हो रही हैं।
कोरोना संक्रमित बढऩे से अभिभावक हुये चिंतित
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कनीना। यद्यपि सरकार द्वारा 9वी कक्षा से बारहवीं तक के स्कूल तथा कालेज विद्यार्थियों के लिए खोल दिये है किंतु एक बार फिर से सरकारी स्कूलों में कोरोना संक्रमण बढऩे से अभिभावक शिक्षक और विद्यार्थी सभी चिंतित हो गये हैं। अकेले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में 6 शिक्षक कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं जबकि 5 विद्यार्थी भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। यद्यपि विद्यालय में नियमित रूप से स्कूल लग रहा है। एक और सरकार जहां ऐसे स्कूलों को कुछ दिनों तक बंद करने की घोषणा की है जहां कोरोना संक्रमित मिलते हैं किंतु यहां स्कूल फिर भी लगाए जा रहे हैं।
अभिभावक रमेश कुमार, साधु राम, विजेंद्र, देवेंद्र, महेश कुमार आदि ने बताया कि उनके बच्चे विभिन्न स्कूलों में शिक्षा पाने जाते हैं और स्कूलों में कोरोना की मार बढऩे से उन्हें यह चिंता सताने लगी है कि कहीं उनके बच्चे कोरोना की चपेट में न आ जाये और स्कूलों में विद्यार्थियों को भेजने से कतराने लगे हैं। वैसे तो सरकार द्वारा नियमों का पालन करते हुए शिक्षा देने का आदेश जारी किया हुआ है किंतु नियमों में ढिलाई बरती जा रही है। ऐसा आरोप अभिभावकों का है।
विद्यार्थी मंजीता, देवेंद्र, सुनीता, मनीता आदि ने बताया कि उन्हें भी अब तो स्कूल में जाने से डर लगने लग गया है। स्कूलों में प्रवेश करते समय जहां मास्क प्रयोग की जाती है वहीं अन्य कोई विशेष सुविधा उपलब्ध नहीं है। विद्यार्थी बसों में सफर करने लगे हैं जिसके चलते रोग बढ़ सकता है। ऐसे में विद्यार्थी परेशान हैं।
शिक्षक राजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, राज कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि उन्हें तो जो आदेश मिलेगा वैसा पालन करना पड़ेगा। सरकार का आदेश है कि स्कूल में जाकर शिक्षण किया जाए तो जरूर करेंगे। सरकार के आगे मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार कहेगी कि विद्यार्थियों को न बुलाया जाए तो तुरंत प्रभाव से नहीं बुलाएंगे।
क्या कहते हैं प्राचार्य-
राजकीय वरिष्ठ विद्यालय के प्राचार्य लाल सिंह का कहना है कि उनके विद्यालय में
कोरोना संक्रमित बढ़े हैं। उन्होंने उच्चाधिकारियों को इस संबंध में सूचित कर दिया है। अधिकारियों का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। उनके विद्यालय में जहाज 6 शिक्षक कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं और 5 विद्यार्थी भी संक्रमित पाए गए हैं। स्कूल लगा रहे हैं क्योंकि सरकार द्वारा स्कूल को कुछ दिनों के लिए बंद करने का आदेश जारी नहीं हुआ है। यदि पत्र मिलेगा तो तुरंत प्रभाव से स्कूल बंद कर दिया जाएगा।
क्या-क्या है सुविधाएं विद्यालयों में-
जहां कुछ कक्षाएं लगाने से पहले सेनिटाइजर सरकार द्वारा भेजे गए थे वही मास्क लगाने और दूरी बनाए रखने का आदेश भी प्राप्त हुआ है। विभिन्न स्कूलों में इस प्रकार के पालन किया जा रहा है। कुछ स्कूलों में तो बहुत सख्ती बरती जा रही है जबकि कुछ स्कूलों में ढिलाई भी देखने को मिल रही है। यदि नियमों का सही रूप से पालन किया जाए इस रोग से बचा जा सकता है।
क्या कहते हैं डाक्टर-
डा धर्मेंद्र यादव एसएमओ का कहना है इस रोग से बचाव में ही बचाव संभव है। यदि सभी एतिहात के नियमों का पालन करेंगे, दूरी बनाए रखेंगे मास्क का प्रयोग करेंगे तो इस रोग से बचा जा सकता है, वरना इस रोग के बढऩे की दर जारी रहेगी।
3 महीने बाद लिखवा पाए उप-स्वास्थ केंद्र खुलने की समय अवधि
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कनीना। स्वास्थ्य केंद्र के खुलने कस समय एवं अवधि की जानकारी के लिए आरटीआई का सहारा लेना पड़ा और 3 महीने बाद ही समय की जानकारी मिल पाई। परंतु आरटीआई के चलते उप स्वास्थ्य केंद्र पर समय अंकित करवाने की सफलता हासिल की।
गांव गुढ़ा के विजेंद्र कुमार ने आरटीआई का जवाब दिखाते हुए यहां पत्रकारों को कहा कि उन्होंने 21 सितंबर 20 को आरटीआई की सूचना मांगी थी जिसमें गांव की एएनएम के केंद्र पर ठहरने की समय अवधि की जानकारी मांगी थी जिसे जिसे आखिरकार अब सूचना मिली है। वहीं उप स्वास्थ्य केंद्र पर तो समय अवधि भी लिखवा दी गई।
विजेंद्र ने बताया कि अब तक उप स्वास्थ्य केंद्र खुलने की समय अवधि नहीं लिखी थी किंतु उनकी आरटीआई के बाद समय प्रात: नौ बजे से शाम चार बजे तक का है, यह समय अब स्वास्थ्य केंद्र पर भी लिखवा दिया गया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र की जर्जर हालात होने के कारण पहले तो आरटीआई में उप स्वास्थ्य केंद्र रहने लायक नहीं बताया। आरटीआई में कहा गया है कि स्वरूप स्वास्थ्य केंद्र रहने लायक नहीं है, कंडम है जिसके संबंध में पीडब्ल्यूडी को पत्र भेजा हुआ है फिर भी उसी कंडम भवन में एएनएम की तैनाती भी लगा दी है। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र की पुरानी एवं वर्तमान फोटो दोनों दिखाते हुए कहा कि आरटीआई के चलते कई कार्य संभव हैं।
फोटो कैप्शन 2: गुढ़ा के उप स्वास्थ्य केंद्र के बाहर लिखा हुआ समय।
अब शादी के कार्डों पर भी मास्क लगाने की बात लिखनी शुरू कर दी
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कनीना। एक ओर जहां कोरोना के बढ़ते कदम के चलते लोग परेशान है वहीं अब विवाह शादी खुलने जा रही जिसके चलते शादी के कार्डों पर भी मास्क लगाने, नियमित दूरी बनाने, एतिहात का पालन करने की बातें कही जाने लगी हैं।
बेहतरीन पहल शुरुआती दौर में धनौंदा स्कूल के मुख्याध्यापक महिपाल सिंह ने अपने बच्चे की शादी के कार्ड पर करवाई जिसके चलते अब तो प्रचलन बढ़ गया है। सभी लोग शादी के कार्डों यह लाइन लिखवाने लग गये हैं। महिपाल सिंह का कहना है कि जब सरकार ऐसी पहल कर रही है तो हमें पीछे नहीं हटना चाहिए। नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
फोटो कैप्शन 3: शादी के कार्ड पर मास्क एवं दो गज दूरी की बात लिखी हुई।
रविवार को दुकानें रहेंगी बंद
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कनीना। रविवार को सभी दुकानें कनीना क्षेत्र में पूर्ण रुप से बंद रहेंगी तथा अतिक्रमण हटाने का कार्य 20 नवंबर को किया जाएगा।
विस्तृत जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि दीपावली के अवसर पर जहां दुकान खोलने की छूट प्रशासन द्वारा दी गई थी किंतु कोरोना के बढ़ते कदम को देखते हुए रविवार को पूर्ण रूप से दुकानें बंद रखने का आदेश अपने स्तर पर दे दिया गया है। इसके लिए मुनादी भी करवाई जा चुकी है उन्होंने कहा कि दुकानदारों ने अतिक्रमण की हद कर दी है जिसके चलते 20 नवंबर को अतिक्रमण हटाओ अभियान भी चलाया जाएगा। उन्होंने दुकानदारों द्वारा सूचित कर दिया गया है फिर भी अपनी दुकानों के आगे आएंगे तो उनका सामान भी जब्त कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण एक बड़ी समस्या अतिक्रमण से निपटना बहुत जरूरी है।
स्कूलों का किया अधिकारी ने निरीक्षण
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कनीना। खंड शिक्षा अधिकारी डा. अशोक कुमार शर्मा ने आज राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दुलोठ अहीर का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान विद्यालय में विधिवत रूप से कक्षाएं लगी हुई थी। प्राध्यापक धर्म सिंह, विक्रम सिंह, ललिता, राजमंति व नरेश पीटीआई कक्षा में पढ़ाते हुए मिले।
खंड शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय में सामाजिक दूरी, मास्क व सैनिटाइजर की व्यवस्था का जायजा लिया। विद्यालय में सभी बच्चे सामाजिक दूरी के साथ मास्क लगाए बैठे हुए मिले। खंड शिक्षा अधिकारी व बीआरपी संदीप कुमार ने बच्चों से शिक्षण कार्य, गृहकार्य की कापियों की जांच की तथा कोविड-19 बीमारी को लेकर बच्चों व समस्त स्टाफ को सावधानी रखने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों की समस्याओं के विषय में चर्चा की तथा विद्यालय में सफाई व्यवस्था ठीक करने के लिए कहा।
प्राचार्य रामनिवास जांजडिया ने विद्यालय की गतिविधियों से बीईओ को अवगत करवाया। विद्यालय की व्यवस्था संतोषजनक पाई गई। इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी ने निंबी विद्यालय का निरीक्षण किया वहां उन्होंने बच्चों व स्टाफ को कोविड-19 बीमारी से सावधानी बरतने व विद्यालय मे उचित व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने सफाई व्यवस्था व शिक्षण कार्य का भी निरीक्षण किया।
फोटो कैप्शन 1: विद्यालय का निरिक्षण करते खंड शिक्षा अधिकारी डा. अशोक कुमार शर्मा।
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