कपूरी के खेतों में मिला व्यक्ति का शव, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
********************************
******************************
***********************************
कनीना। कनीना उपमंडल के गांव कपूरी में कप्तान सिंह 50 वर्ष सरसों के खेत में मृत पाया गया। मृतक के पुत्र ने गांव के ही सरपंच पर साजिश के तहत हत्या का आरोप लगाया है तथा पुलिस में शिकायत की है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए महेंद्रगढ़ अस्पताल भेज दिया है। शनिवार को पोस्टमार्टम होगा। मृतक के एक लड़की तथा एक लड़का सहित पूरा परिवार है। इस संबंध में सरपंच से बात करनी चाही किंतु उनका फोन नहीं मिल पाया।
मृतक के पुत्र प्रवीण ने पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि गांव कपूरी का अशोक नामक व्यक्ति प्रात: दस बजे उनके पिता को घर से बुलाकर ले गया था। प्रवीण कुमार का कहना है कि अशोक सरपंच का नजदीकी व्यक्ति है जो अक्सर उन्हें बाइक पर बैठाकर ले जाता रहा है। करीब डेढ़ बजे गांव कपूरी के हिम्मत सिंह नामक व्यक्ति ने प्रवीण को सूचना दी कि उनके पिता खेत में पड़े हैं जिनके मुंह पर खून लगा हुआ है। प्रवीण ने खेत जाकर देखा तथा पुलिस को सूचित किया। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया है। अभी पुलिस जांच में जुटी हुई है।
अब केवल चलेगी कनीना मंडी में खरीद
************************************
कनीना। 20 नवंबर तक कनीना अनाज मंडी तथा श्री कृष्ण गौशाला दोनों स्थानों पर बाजरे की खरीद जारी थी किंतु शनिवार से बाजरे की खरीद केवल अनाज मंडी कनीना में ही रहेगी।
विस्तृत जानकारी देते हुए जगदीश कुमार पर्चेजर ने बताया कि हैफेड द्वारा 1 अक्टूबर से बाजरे की खरीद जारी की थी। प्रारंभ में सौ सौ किसानों को बुलाया गया फिर 200 तत्पश्चात बढ़ाकर 500 किसानों को प्रतिदिन बुलाया जा रहा था। अब फिर से 50 किसानों को ही बुलाया जाएगा। श्रीकृष्ण गौशाला रोड कनीना पर खरीद कार्य बंद कर दी गई है क्योंकि अब किसानों की संख्या कम है इसलिए किसानों को केवल अनाज मंडी में बुलाया जाएगा। अब तक कनीना अनाज मंडी में कुल 3,78,000 क्विंटल बाजरे की खरीद की जा चुकी है जिसमें 70,000 क्विंटल गौशाला रोड पर तथा 2,86,837 क्विंटल कनीना मंडी से खरीद की जा चुकी है। 20 नवंबर को 15000 क्विंटल बाजरा खरीदा गया। उन्होंने बताया कि 27 नवंबर तक खरीद जारी रहेगी।
अब केवल चलेगी कनीना मंडी में खरीद
********************************
कनीना। 20 नवंबर तक कनीना अनाज मंडी तथा श्री कृष्ण गौशाला दोनों स्थानों पर बाजरे की खरीद जारी थी किंतु शनिवार से बाजरे की खरीद केवल अनाज मंडी कनीना में ही रहेगी।
विस्तृत जानकारी देते हुए जगदीश कुमार पर्चेजर ने बताया कि हैफेड द्वारा 1 अक्टूबर से बाजरे की खरीद जारी की थी। प्रारंभ में सौ सौ किसानों को बुलाया गया फिर 200 तत्पश्चात बढ़ाकर 500 किसानों को प्रतिदिन बुलाया जा रहा था। अब फिर से 50 किसानों को ही बुलाया जाएगा। श्रीकृष्ण गौशाला रोड कनीना पर खरीद कार्य बंद कर दी गई है क्योंकि अब किसानों की संख्या कम है इसलिए किसानों को केवल अनाज मंडी में बुलाया जाएगा। अब तक कनीना अनाज मंडी में कुल 3,78,000 क्विंटल बाजरे की खरीद की जा चुकी है जिसमें 70,000 क्विंटल गौशाला रोड पर तथा 2,86,837 क्विंटल कनीना मंडी से खरीद की जा चुकी है। 20 नवंबर को 15000 क्विंटल बाजरा खरीदा गया। उन्होंने बताया कि 27 नवंबर तक खरीद जारी रहेगी।
सरकारी स्कूल 30 नवंबर तक रहेंगे बंद
*****************************
कनीना। सरकारी एवं प्राइवेट स्कूल सरकार के आदेशानुसार 30 नवंबर तक बंद रहेंगे। शिक्षक एवं विद्यार्थी स्कूल में नहीं आयेंगे। कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के दृष्टिगत यह निर्णय सरकार ने लिया है। यह जानकारी खंड शिक्षा अधिकारी सत्यवान तथा हेमसा प्रधान बाबूलाल यादव ने दी। इस अवधि में स्कूल खोलने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
कनीना नगर पालिका ने हटाया अतिक्रमण
*******************************
कनीना। कनीना नगर पालिका प्रशासन ने शुक्रवार को शहर में किए गए अतिक्रमण को हटवाया गया। पालिका द्वारा की गई इस कार्रवाई की अध्यक्षता पालिका कनिष्ठ अभियंता हितेश यादव ने की। उनके साथ पालिका के सफाई कर्मचारी मौजूद रहे। हर माह इस प्रकार की कार्रवाई की जाती है किंतु अतिक्रमण फिर से मुंह बाये मिलता है।
पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि इस प्रकार की कार्रवाई करने से पहले ही पालिका प्रशासन ने दुकानों से बाहर लगाए गए सामान को उठाने की चेतावनी दे दी थी, लेकिन दुकानदारों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। पालिका के अधिकारियों ने गुरुवार को अनाज मंडी मार्ग बस स्टैंड के दोनों ओर दुकानों के बाहर से सामान को कब्जे में लिया है। कनिष्क अभियंता हितेश यादव ने बताया कि दुकानदारों के अतिक्रमण व दुकानों के सामने खड़ी गाडिय़ों की वजह से ही जाम की स्थिती रहती है। जिसके कारण सडक़ की चौड़ाई सिकुड़ चुकी है। जिससे न सिर्फ वाहनों को बल्कि पैदल यात्रियों को भी आने-जाने में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। अतिक्रमण के कारण कई बार दुर्घटनाएं भी घटित हो चुकी हैं। शहर की उक्त समस्या को समाप्त करने के लिए नगरपालिका प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए शहर में होने वाली जाम की स्थिति को काबू करने की कोशिश की।
वहीं जेई हितेश कुमार ने बताया कि दुकानों के आगे बने नाले से भी आगे सामान रखा था उसे उठाया गया है। उन्होंने भी दुकानदारों को सामान अपनी दुकान के दायरे में रखने की अपील की है।
फोटो कैप्शन 13: अतिक्रमण हटाते पालिका के कर्मी।
कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं कर रहे लोग
*********************************
कनीना। कनीना बस स्टैंड पर जहां त्योहारों के बाद भीड़ बढऩे लगी है किंतु दुकानदार एवं ग्राहक कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और सभी मास्क तक नहीं पहनते।
प्रशासन द्वारा विगत दिनों सभी ग्राहकों का नाम नोट करने, मास्क, सेनीटाइजर प्रयोग करने की दुकानदारों को हिदायत दी थी लेकिन दुकानदार नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। दिवाली से लेकर आज तक अधिकांश लोग बगैर मास्क घूमते देखे गए हैं। यही कारण है कि कोरोना बढ़ता हुआ जर आ रहा है। यहां तक कि स्कूलों में 30 नवंबर तक अवकाश कर दिया गया है। समस्या दुकानदारों की बढ़ रही है। दुकानदार नियमों का पालन ही नहीं कर रहे हैं। किसी प्रकार की रेट लिस्ट भी नहीं लगा रहे हैं, न ही किसी प्रकार के आंकड़े नोट कर रहे हैं जिसके आधार पर कहा जा सके कि कितने ग्राहक उनके पास आए। प्रशासन के नियमों की धज्जियां उड़ रही है।
यदि सख्ती से पेश आएं तो कोरोना पर काबू पाया जा सकता है। डा धर्मेंद्र का भी यही कहना है कि नियमों का पालन न करने से रोग बढ़ सकता है।
मोबाइल टीम ने जीआर स्कूल में लिये 152 सैंपल
-6 कोरोना संक्रमित आये जिनमें एक स्कूली छात्रा भी
*********************************
कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां एक और गांवों में कोरोना संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में भी स्कूली विद्यार्थियों की कोरोना संक्रमतों की संख्या बढऩे लगी है। स्कूल में कोरोना का संक्रमण न फैले इसके लिए लगातार प्रशासन प्रयासरत है। इसी कड़ी में मोबाइल टीम सीएमओ डा अशोक कुमार, डाक्टर नवीन कुमार की देखरेख में कनीना में शुक्रवार को मोबाइल टीम नंबर दो जिसमें सुदेश कुमार इंचार्ज, सत्येंद्र चौहान, सहित अन्य शामिल थे। मोबाइल टीम ने लीआर स्कूल से 152 शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के सैंपल लिये।
उन्होंने बताया कि स्कूलों के साथ-साथ दूसरे लोगों को विशेषकर संक्रमित लोग जिनके संपर्क में आए उनके भी सैंपल लिए जा रहे हैं। ये सैंपल मेवात मेडिकल कालेज भेजे जाते हैं जहां एक से तीन दिन के पश्चात रिपोर्ट आती है। उन्होंने बताया कि कनीना के विभिन्न स्कूलों में सैंपल लिए जाएंगे। क्षेत्र में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी की छात्रा सहित 6 कोरोना संक्रमित पाये गये।
कनीना के वार्ड नंबर 2 से 16 वर्षीय लड़की संक्रमित पाई गई है, उन्होंने 17 नवंबर को सैंपल दिया था। उधर कनीना के वार्ड 7 से 55 वर्षीय महिला भी कोरोना संक्रमित मिली है जिन्होंने 17 नवंबर को सैंपल दिया था। 17 नवंबर को ही कैमला का 9 महीने के एक बच्चा का सेंपल लिया था जो कोरोना संक्रमित पाया गया है। बाघोत में 45 वर्षीय पुरुष, मुंडियाखेड़ा में 33 वर्षीय युवक कोरोना संक्रमित मिले हैं जिन्होंने अपना सैंपल 17 नवंबर को दिया था। स्वास्थ्य विभाग ने आगामी कार्रवाई कर दी है। इन होम आइसोलेट कर दिया गया है। डा धर्मेंद्र ने बताया कि सावधानी से ही इस रोग से बचा जा सकता है।
फोटो कैप्शन 13: जीआर स्कूल से सैंपल लेते हैं मोबाइल टीम।
बार एसोसिएशन की बैठक संपन्न
**********************
कनीना। बार एसोसिएशन कनीना के विकास कार्यों के बारे में विचार विमर्श बाबत एक बैठक प्रधान कुलदीप रामबास के अध्यक्षता में बार रूम में संपन्न हुई। सचिव अखिल अग्रवाल ने मंच का संचालन किया।
कुलदीप रामबास ने पूर्व प्रधान हरीश गाहड़ा से कार्यभार लेते हुए विकास कार्यों के बारे में चर्चा की। पूर्व प्रधान गिरवर लाल कौशिक, कैलाश चंद गुप्ता, सुभाष चंद्र शर्मा, रामनिवास शर्मा, विक्रम सिंह ककराला, नरेश यादव, विनोद यादव आदि अधिवक्ताओं ने पानी की व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था के बारे में अपने विचार रखे। कोविड-19 को देखते हुए सभी अधिवक्तागण मास्क का प्रयोग जरूर करें तथा अपने अपने सभी ग्राहकों को का प्रयोग करने के लिए बताएं, शारीरिक दूरी का भी पालन करें। सभी अधिवक्ता गण मौजूद थे।
पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल कर्मचारी यूनियन भाग लेगी 26 नवंबर के आंदोलन में
**********************************
कनीना। हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल कर्मचारी यूनियन की एक बैठक पेयजल सप्लाई केंद्र कनीना में संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता प्रधान कृष्ण कुमार पूनिया ने की।
श्री पूनिया ने कर्मचारी कर्मचारियों की मांगों व समस्याओं के बारे में विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार कर्मचारियों की अनदेखी रही है। अगर सरकार कर्मचारियों की मुख्य मांगे नहीं मानती तो कर्मचारी आने वाली 26 नवंबर को आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेंगे। उन्होंने निजी हाथों में विभिन्न विभाग सौंपे जाने की भी निंदा की है। उन्होंने कहा कि ठेका प्रथा बंद करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, डीए की किस्त जारी करने, एलटीसी देने, सभी कच्चे कर्मियों को पक्का करने जैसी अनेक मांगे हैं।
इस मौके पर महेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ उप प्रधान अपने विचार व्यक्त किए और सचिव नरेंद्र सिंह गुर्जर, अशोक कुमार शर्मा, यशपाल शर्मा, सतीश कुमार, राकेश, वेदपाल, जयपाल, यश शर्मा, राज कपूर, कृष्ण कुमार, वेद प्रकाश आदि उपस्थित थे। फोटो कैप्शन 13: कर्मचारी रोष प्रकट करते हुए।
विज्ञान के युग में पेंटिंग का काम घटा
************************
कनीना। करीरा गांव का एक पूरा परिवार न केवल पेंटिंग को समर्पित है अपितु दर्जनों युवाओं को भी पेंटिंग की ट्रेनिंग दे चुका है। आधुनिक मशीनों ने भी उनके काम को प्रभावित किया है। अब तो चुनाव आयोग के हंटर के चलते चुनावों में भी काम कम हो गया है। पेंटर परिवार मुश्किल से रोटी रोजी कमा पाता है तथा उनका पेशा भी घटता ही जा रहा है।
कनीना से महज दो किमी दूर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय वाला गांव करीरा का निहाल सिंह परिवार पूर्ण रूप से पेंटिंग को समर्पित है। मुखिया निहाल सिंह 50 वर्षों से तो उनका पुत्र सुरेश कुमार 25 वर्षों से पेंटिंग के काम से न केवल रोटी रोजी कमा रहा है अपितु एक दर्जन युवाओं को अल्प ट्रेनिंग दी है।
पेंटर निहाल सिंह ने बताया कि एक जमाना था जब लोग उन्हें ढूंढते फिरते थे किंतु समय नहीं होता था। रात को सोने का समय भी नहीं मिलता था। अब जब चुनाव आते हैं तो उनकी मांग नहीं के बराबर होती है। अब जब कोई पोस्टर या बैनर छपवाना होता है तो मशीनों पर जाकर चंद मिनटों में ही छपवा लिए जाते हैं। उनका कहना है कि उनके बेटों को यह ट्रेनिंग दी गई थी । वर्तमान में तो किसी मंदिर, स्कूलों में कमरे में बच्चों के लिए कार्टून बनाने तथा द्वार आदि पर लिखाई के लिए ही अधिक याद किया जाता है।
निहाल के पुत्र सुरेश कुमार का कहना है कि उनके पिता के एक बार सख्त बीमार होने के कारण उन्होंने घर की रोटी रोजी चलाने के लिए पेंटिंग का काम करने की सोची थी और वे सफल रहे। उस वक्त वे आठवीं कक्षा में पढ़ते थे। उनका कहना है कि कभी नेम प्लेट, नंबर प्लेट तथा वाहनों के नंबर लिखने का काम जोरों पर होता था किंतु वो भी काम अब मशीनों से होने लगा है।
उनका कहना है कि चुनाव आयोग की सख्ती के चलते अब दीवारों पर पेंटिंग आदि नहीं कराई जाती। यही कारण है कि कभी चुनावों के समय में बेहतर धंधा चलता था वो अब कम हो गया है।
फोटो कैप्शन 5: निहाल सिंह संत की प्रतिमा बनाते हुए, पेंटिंग करते हुए
फोटो कैप्शन 6/ 7/ 8: सुरेश कुमार पेंटर विभिन्न स्कूलों में पेंटिंग और शब्द लिखते हुए।
चाइल्ड लाइन दोस्ती सप्ताह मनाया गया
***************************
कनीना। चाइल्ड लाइन महेन्द्रगढ़ द्वारा आयोजित चाइल्ड लाइन से दोस्ती सप्ताह कार्यक्रम के तहत शपथ ग्रहण कार्यक्रम चाइल्ड लाइन के समन्वयक व टीम सदस्यों द्वारा बीईओ कनीना, थाना कनीना, नारनौल महिला थाना, नारनौल पुराना थाना, सीडब्ल्यूसी नारनौल, डीसीपीओ नारनौल, अटेली थाना, शहर थाना महेन्द्रगढ़ आदि स्थानों पर आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के तहत सभी अधिकारियों ने यह शपथ ली कि चाइल्ड लेबर, चाइल्ड हरासमेंट आदि बच्चों से सम्बंधित किसी भी प्रकार की समस्याओं को लेकर हर संभव प्रयास के लिए तत्पर रहेंगे।
इस अवसर पर महेन्द्रगढ़ चाइल्ड लाइन के समन्वयक साहिल यादव ने बच्चों से जुड़ी हुई समस्याओं के बारे में अधिकारियों को अवगत कराया तथा चाइल्ड लाइल के हेल्प लाइन नम्बर 1098 से सम्बंधित जानकारी देते हुए इस कार्यक्रम के तहत उन्हें बच्चों की हर संभव मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर बीइओ कनीना से बाबूलाल, पंकज, प्रदीप, ओमरती व नारनौल महिला थाना से राजकला इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर शारदा देवी आदि सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 9:चाइल्ड लाइन महेन्द्रगढ़ द्वारा आयोजित चाइल्ड लाइन से दोस्ती सप्ताह कार्यक्रम के तहत पुलिस अधिकारी शपथ लेते हुए।
दादी पोती सम्मान समारोह में कनीना खंड की 60 दादी पोतियों को किया सम्मानित
जहां पर नारी की पूजा होती है वहां पर उन्नति होती है- एसडीएम
******************************
कनीना। कनीना में महिला एवं बाल विकास विभाग कनीना द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत दादी पोती सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एसडीएम रणबीर सिंह विशिष्ट अतिथि जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास लता शर्मा, अति विशिष्ट अतिथि डा नेहा व बीएमडी क्लब के चेयरमैन लक्की सिगड़ा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीडीपीओ सीमा ग्रोवर ने की। मंच का संचालन अमृत सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में मेहंदी प्रतियोगिता रेसिपी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। मेहंदी प्रतियोगिता में हिमांशी, किरण, आशु, हरिना ने भाग लिया। जिसमें किरण को पहला पुरस्कार, हिमांशी को दूसरा पुरस्कार व आशु को तीसरा पुरस्कार मिला । रेसिपी प्रतियोगिता में अनीता ने गाजर का हलवा, अंकुरित मूंग चना बनाया। ओमवती ने मूंग का हलवा आंवले का मुरब्बा बनाया। राजवंती ने बेसन के लड्डू बनाए। रेनू नेम मूंग चावल की खिचड़ी बनाई संयोगिता ने साबूदाना की खीर साबूदाना की खिचड़ी बनाई। लवली ने सेरेलैक पौष्टिक भोजन तैयार किया। खुश ममता ने बाजरे का चूरमा बनाया। माया ने गोंद के लड्डू बनाए। रेसिपी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी वर्कर को भेंट देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही सीडीपीओ सीमा ग्रोवर ने उपस्थित आमजन को संबोधित करते हुए कहा की जिसके घर तीसरी पोती हुई है उसका यहां सम्मान किया गया है उनके सम्मान में दादी को शॉल ओढ़ाकर व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है साथ ही पोती को कंबल व खिलौने दिए गए हैं। सीमा ग्रोवर ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि जनवरी 2015 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का शुभारंभ किया गया था हर महीने इस तरह के कार्यक्रम होते रहते हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत गांव की सभा आंगनबाड़ी में उत्सव आयोजन किए जाते हैं स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान भी जागरूकता लाई जाती है। आसपास की सामाजिक संस्थाएं भी एक साथ जुड़कर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत गांव-गांव में आमजन को जागरूक कर रही हैं। जिस दादी के घर तीसरी पोती का जन्म हुआ है यह उत्सव से कम नहीं है माता पिता के साथ साथ दादा दादी भी बधाई के पात्र हैं। डा नेहा ने आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि पोषण व स्वच्छता के बारे में सभी को अच्छे तरीके से जानना चाहिए। डा नेहा ने पोषक तत्वों और स्वच्छता के बारे में जानकारी दी उन्होंने कहा कि खून की कमी से होने वाला एनीमिया रोग को हम अपने घर पर ही ठीक कर सकते हैं जिस में पोषक तत्वों की पूर्ति की जाती है सब्जी लोहे की कढ़ाई में बनाए जिससे लोहे की पूर्ति हो सके। बीएमडी क्लब के चेयरमैन लक्की सीगड़ा ने कहा कि भ्रूण हत्या समाज का बहुत बड़ा पाप है। कन्या को बचाने के लिए माता-पिता की सोच बदलना ही पहली जरुरत है। उन्हें अपनी बेटियों के पोषण, शिक्षा, जीवन शैली आदि की उपेक्षा रोकने की जरूरत है। उन्हें अपने बच्चों को एक समान मानना चाहिये चाहे वो बेटी हो या बेटा। यह माता-पिता की लड़की के लिए सकारात्मक सोच ही है जो भारत में पूरे समाज को बदल सकती है। बेटियों को अपने परिवार का गर्व मानना चाहिए। बेटा और बेटी दोनों वो पंख है जिसके बिना जीवन की ऊंचाईयों को नही छुआ जा सकता। समाज के नागरिकों को बेटियों को बचाना और सम्मान करना चाहिए क्योंकि वो पूरे संसार का निर्माण करने की शक्ति रखती है। हमारी संस्था बीएमडी क्लब लगातार 8 वर्षों से कन्या जन्म पूजन महोत्सव मना रही है जिसके तहत आमजन में जागरूकता आ रही है। किसी समय में 1000 लड़कों पर 800 लड़कियों का जन्म होता था। लेकिन अब आंगनवाड़ी वर्कर आशा वर्कर व सामाजिक संस्थाओं के विभिन्न जागरूकता शिविर व कार्यक्रमों की वजह से 2020 में 1000 लड़कों पर 1022 लड़कियों का जन्म हो रहा है यह हमारे लिए बड़ी खुशी की बात है।
मुख्य अतिथि एसडीएम रणवीर सिंह ने सम्मान समारोह की उपयोगिता व महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हरियाणा सरकार व भारत सरकार लड़कियों के लिए विभिन्न तरह की योजनाएं लेकर आ रही है जिससे समाज में जागरूकता फैल रही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2015 में लिंगानुपात पर ध्यान देकर पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी जिसको लेकर विभिन्न सामाजिक संस्थाएं आंगनवाड़ी वर्कर स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभाग भी लगातार जागरूकता फैला रहे हैं। शास्त्रों में भी लिखा है कि जहां पर नारी का सम्मान होता है वहां पर उन्नति होती है। दहेज प्रथा कन्या भ्रूणहत्या जैसी खतरनाक कुर्तियां तभी खत्म हो सकती हैं जब आज का युवा वर्ग के साथ बुजुर्ग वर्ग भी जागरूक होगा। सरकार ने बहुत अच्छा फैसला लिया है चुनावों में महिलाओं को आरक्षण बढ़ाया है। आने वाले चुनाव में सरकार ने 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी चुनाव में कर दी है जो कि बहुत अच्छा संकेत है। आज संस्कार लुप्त हो रहे हैं। उन्होंने सभी उपस्थित समूह से निवेदन किया कि वे बच्चों के लिए समय निकालें एवं उनसे अपनी बाते सांझा करें ताकि बच्चों में आत्म-विश्वास बढ़ सके। कोरोना के दौर में सभी लोग बचाव का ध्यान रखें कोविड-19 अभी खत्म नहीं हुआ है ना ही इसकी कोई दवाई आई है। जब तक दवाई नहीं तब तक कोई दिलाई ना करें। विवाह शादियों में जाए तब मास्क का प्रयोग करें। कम भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में जाएं। एसडीएम रणबीर सिंह ने दादी पोती सम्मान समारोह में उपस्थित आमजन व महिला बाल विकास के कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उसके बाद दादी पोती यों को प्रशस्ति पत्र शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। पोतियों के लिए कंबल व खिलौने भेंट किए । इस कार्यक्रम में एसडीएम रणवीर सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास लता शर्मा सीडीपीओ सीमा ग्रोवर बीएमडी क्लब के चेयरमैन लकी सीगड़ा डॉ नेहा अमृत सिंह सुपरवाइजर मनीषा यादव सुमन ज्योति कुसुमलता मंजू अनीता आदि उपस्थित रही।
फोटो कैप्शन 10 व 11: अव्वल रही तथा दादी को सम्मानित करते हुए एसडीएम।
तेज मसालेदार वस्तुओं की ओर बढ़ा रुझान
********************************
कनीना। भावी पीढ़ी का रुझान फास्ट फूड व तेज मसालेदार वस्तुओं की ओर बढ़ रहा है। कभी मांस और अंडे घर में पकाना ग्रामीण क्षेत्रों में अशोभनीय माना जाता था तथा ऐसे मांसाहारियों को समाज घृणा की दृष्टिï से देखते थे उन्हें लोग अब आदर से देखते हैं। मांस बिक्री की दुकानों की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है। कोरोना काल में एक बार बाहर की वस्तुएं खाने का प्रचलन कम हुआ था किंतु अब फिर से चरम पर है।
युवा पीढ़ी का रुझान तेज मसालेदार वस्तुओं को खाने की ओर बढ़ता ही जा रहा है जिन्हें योग गुरू बहुत घटिया बता रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में मसाले पीसकर अपनी रोटी रोजी कमाने वाले कृष्ण कुमार ने बताया कि उनकी मशीन पर तेज मसाले पिसवाने वालों की कतार लगी रहती है। बाजार में अगर पकोड़ी, पानी के बतासे, पाव भाजी, टिक्की, छोल भटूरे की दुकानों पर झांककर देखे तो पता लगता है उनकी अच्छी बिक्री हो रही है। एक दही बल्ला बनाने वाले राजस्थानी युवक भारती का कहना है कि उनकी अच्छी बिक्री होती है। होटलों पर भी तेज मसालों के खाद्य पदार्थ अधिक बनाए जा रहे हैं।
आश्चर्यजनक पहलु यह है कि कनीना के बस स्टैंड के आस-पास अंडों की रेहडिय़ां अधिक लगती हैं और दूध एवं फलों की दुकानें कम लगती हैं। इन रेहडिय़ों पर सुबह हो या शाम अंडे खाने वालों का तांता देखा जा सकता है। अंडों के कारोबार अच्छे चल रहे हैं। उधर कनीना बस स्टैंड से थोड़ा दूर मांस की दुकानें धड़ाधड़ चल रही हैं। खान पान में आए बदलाव से बुजुर्ग वर्ग परेशान है। बुजुर्ग आज भी सादा खाना खाते हैं और घरों में तो अब दो प्रकार के खानें बनते हैं। एक ओर बूढ़ों के लिए तो दूसरी ओर जवानों के लिए। कई बार तो बूढ़े एवं जवानों में खाने को लेकर नोकझोक होती देखी जा सकती है।
क्या कहते हैं डाक्टर-
वैद्य बालकिशन एवं हरिकिशन का कहना है कि फास्ट फूड सेहत के लिए हानिकारक होता है। इससे कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि इन फास्ट फूड में मिर्च, नमक ं दूसरी वस्तुएं अधिक मात्रा में मिलते हैं। इनका नियमित प्रयोग हृदय, गुर्दे एवं लिवर की बीमारी होने की संभावना बन जाती है।
पेंटर सिखा सकते हैं हिंदी और अंग्रेजी
**************************
कनीना। उप-मंडल के गांव करीरा के प्रसिद्ध पेंटर निहाल सिंह 50 वर्षों से पेंटिंग का काम कर रहे हैं। निहाल सिंह का कहना है कि पेंटर चाहे तो समाज में लोगों को हिंदी और अंग्रेजी सिखा सकते हैं वहीं बिगाडऩा चाहे तो बिगाड़ भी सकते हैं। उन्होंने कहा कि पेंटर अक्सर हिंदी और अंग्रेजी के शब्द गलत लिख डालते हैं जबकि सही शब्द प्रयोग करें तो पढऩे वाले के दिमाग में भी सही शब्द बैठ जाएंगे जिससे आने वाले समय में उनके काम आ सकते हैं। विशेषकर भावी पीढ़ी इन शब्दों को पड़ती है। उन्होंने कहा कि दुकानों पर अक्सर बेहद गलत शब्द प्रयोग किए जा रहे हैं। उन्होंने पेंटिंग के कई रूप देखे हैं। अब उनके लड़के भी सालों से पेंटिंग का काम कर रहे हैं। पेंटिंग का काम धीरे-धीरे मशीनी युग के चलते समाप्त हो गया है। उन्हें बस यह मलाल है कि पेंटर पढ़े लिखे हो तो समाज में व्यापक सुधार कर सकते हैं। विद्यार्थी और लोग दुकानों पर लिखे हुए शब्दों को अपने मन में बिठा लेते हैं। यदि शब्द लिखे हुए हैं तो उनके दिमाग में सही रूप बैठ जाएगा। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है जानबूझकर हिंदी में अंग्रेजी अंग्रेजी में हिंदी शब्द लिखते हुए बिल्कुल हिंदी के साथ अन्याय कर रहे हैं।
निहाल सिंह का परिवार पेंटिंग के धंधे में जुटा हुआ है। निहाल सिंह का नाम दूर-दराज में प्रसिद्ध है जब कभी चुनाव आते थे तो उनकी मांग इतनी बढ़ जाती थी। दिन रात सोते नहीं थी भारी पैसे कमाते थे परंतु मशीनों के युग और चुनाव आयोग के हंटर के चलते पेंटिंग का काम लगभग कम हो गया है। निहाल सिंह ने एक दर्जन लोगों को अल्प ट्रेनिंग भी दी है और आज भी उनके कदमों पर चलकर वे भी पेंटिंग से अपनी रोटी रोजी कमा रहे हैं। निहाल सिंह ने बताया कि एक जमाना था जब लोग उन्हें ढूंढते फिरते थे। यहां तक की फिल्मों के पोस्टर भी वह बनाते थे। आज मशीनों की के चलते धंधा लगभग चौपट हो चुका है। अब कोई न तो पोस्टर छपवाता और न हीं कोई बैनर।
अब तो मैं किसी के पास फुर्सत नहीं है। कुछ ही मिनटों में अपने बोर्ड/ बैनर, नेम प्लेट आदि छपवा लेते हैं किंतु उनका कहना है कि उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी के शब्दों पर पकड़ बना रखी है। वे लिखते हैं तो सदा शुद्ध लिखते हैं जिसके चलते आज भी विभिन्न स्कूलों, मंदिरों आदि पर मोटो लिखने या पेेंटिंग आदि का काम उनसे करवाया जा रहा है। उनके पुत्र ने सुरेश कुमार तो अपने पिता से भी आगे जा चुके हैं। वे बताते एक बार उनके पिता बीमार क्या हुए रोटी रोजी चलाने के लिए पेंटिंग का काम करने की सोची थी, वे सफल रहे। आज करीब 200 विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में मंदिरों में पेंटिंग एवं मोटो लिखने का लिखने का कार्य कर चुके हैं। कहीं भी जाते हैं तो हिंदी और अंग्रेजी के शब्दों पर ध्यान देते हैं। सुरेश कुमार ने बताया कि उनके जीवन में उनके शिक्षकों का योगदान रहा है इसलिए जब भी किसी शब्द में लिखने में दिक्कत आती है तो वे गलत नहीं लिखते अभी तो अपने गुरुजनों से पूछ कर लिखते हैं। यदि उन्हें थोड़ी सी भी शंका नजर आती है तो झटपट से फोन मिलाते हैं और शब्द सही लिखने की जानकारी लेते हैं। उनका कहना है कि आज भी महेंद्रगढ़, रोहतक, झज्जर, रेवाड़ी तथा राजस्थान में जाते हैं और पेंटिंग का काम करते हैं। उनका हना है कि दुर्भाग्य है आज के दिन सही शिक्षा नहीं दे रहे हैं, दीवारों पर गलत शब्द लिखे होते हैं। दुकानों पर अक्सर गलत शब्द लिखे होते जिस कुप्रभाव प्रभाव विद्यार्थियों और लोगों के दिलों दिमाग पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि आशीर्वाद शब्द अधिकांश स्थानों पर ही गलत लिखा होता है। यदि हम सही शब्द का प्रयोग करेंगे तो निश्चित रूप से भावी पीढ़ी पर प्रभाव पड़ेगा। उनकी सरकार से भी मांग है कि गलत शब्द लिखने वालों पर कोई कार्रवाई अगर हो तो जरूर करने का आदेश जारी किया जाए ताकि सभी सही शब्दों का प्रयोग करेंगे और हमारी मातृभाषा सुधरेगी।
अपने पेशे से आज भी संतुष्ट हैं। यद्यपि उनके पिता 12वीं तक पढ़े हैं और वे स्वयं दसवीं कक्षा अच्छे अंकों से पास करके इस पेशे में उतरे हैं।
फोटो कैप्शन 5: निहाल सिंह संत की प्रतिमा बनाते हुए, पेंटिंग करते हुए
फोटो कैप्शन 6/ 7/ 8: सुरेश कुमार पेंटर विभिन्न स्कूलों में पेंटिंग और शब्द लिखते हुए।
25 नवंबर देव उठावनी एकादशी होने से खूब बजेंगी शहनाइयां
कनीना।
25 नवंबर से देव उठनी एकादशी पर विवाह शादियों का सीजन शुरू हो जाने से इस बार कम अवधि में खूब शहनाइयां बजेंगी। ऐसे में नये कपड़ों की विशेषकर आधुनिक कपड़ों की मांग बढऩे लगी है। ऊनी कपड़ों की मांग भी बढ़ी है। कनीना एवं आस पास दो सौ के करीब शादियां हैं। सभी विवाह समारोह स्थल पहले से ही बुक हैं।
देव उठनी एकादशी 25 नवंबर को-
देव उठानी एकादशी 25 नवंबर से शुरू हो रही है। इस दिन विवाह शादी शुरू हो जाएंगी तथा विभिन्न विभिन्न स्थानों पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कनीना के सुरेंद्र वशिष्ठ ने बताया कि अकेले कनीना में 25 के करीब शादियां हो रही है तथा आस पास गांवों को मिलकार करीब 200 शादियां हैं। देव उठनी एकादशी का दिन विवाह शादियों के लिए सबसे शुभ दिन होता है। लंबे समय से विवाह शादी करने वाले इस दिन का इंतजार कर रहे थे। एकादशी पुनीत कार्य पुण्य के बराबर होते हैं। यही कारण है कि इस दिन विवाह शादियां की जाती है।
निर्वाण दिवस-
उधो आश्रम के बाबा लाल दास ने बताया कि उदास निर्वाण दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन पवित्र ग्रंथ की पूजा अर्चना की जाती है तथा विभिन्न कार्यक्रम उदास आश्रम में आयोजित किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय उठानी एकादशी का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
बहुत कम दिन चलेंगी शादियां-
सुरेंद्र वशिष्ठ ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार जहां कोरोना की मार पड़ी है वहीं शादियां 25 नवंबर से 31 दिसंबर तक ही चलेंगी। तत्पश्चात तारा डूब जाने के कारण 20 अप्रैल तक शादियां बंद रहेंगी। 20 अप्रैल के बाद फिर शादियां शुरू होंगी। इस बार मलमास के कारण शादियों का मुहूर्त कम दिनों का है। लोगों का कहना है कि इस बार कम अवधि में ही अधिक शादियां हैं। वैसे भी कोरोना काल से कुछ राहत मिलते ही ये शादियां शुरू हो रही हैं।
कोविड-19 के नियम डाल सकते हैं खलल- उधर जिला उपायुक्त नारनौल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में विवाह शादियों के दृष्टिगत कुछ नियम लागू कर दिये हैं जो कुछ डाल सकते हैं। जिला उपायुक्त की बैठक में निर्णय लिया है कि
अब हलवाई का भी कोरोना टेस्ट होगा वहीं कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा। रात दस बजे बाद माइक पर प्रतिबंध लगा दिया है वहीं कुछ सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। विवाह समारोह स्थल में नियम लागू कर दिए हैं। जिनका पालन न करने पर कार्रवाई भी हो सकती है।
कोरोना संक्रमित बढऩे से अभिभावक हुये चिंतित
********************
कनीना। यद्यपि सरकार द्वारा 9वी कक्षा से बारहवीं तक के स्कूल तथा कालेज विद्यार्थियों के लिए खोल दिये है किंतु एक बार फिर से सरकारी स्कूलों में कोरोना संक्रमण बढऩे से अभिभावक शिक्षक और विद्यार्थी सभी चिंतित हो गये हैं। अकेले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में 6 शिक्षक कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं जबकि 5 विद्यार्थी भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। यद्यपि विद्यालय में नियमित रूप से स्कूल लग रहा है। एक और सरकार जहां ऐसे स्कूलों को कुछ दिनों तक बंद करने की घोषणा की है जहां कोरोना संक्रमित मिलते हैं किंतु यहां स्कूल फिर भी लगाए जा रहे हैं।
अभिभावक रमेश कुमार, साधु राम, विजेंद्र, देवेंद्र, महेश कुमार आदि ने बताया कि उनके बच्चे विभिन्न स्कूलों में शिक्षा पाने जाते हैं और स्कूलों में कोरोना की मार बढऩे से उन्हें यह चिंता सताने लगी है कि कहीं उनके बच्चे कोरोना की चपेट में न आ जाये और स्कूलों में विद्यार्थियों को भेजने से कतराने लगे हैं। वैसे तो सरकार द्वारा नियमों का पालन करते हुए शिक्षा देने का आदेश जारी किया हुआ है किंतु नियमों में ढिलाई बरती जा रही है। ऐसा आरोप अभिभावकों का है।
विद्यार्थी मंजीता, देवेंद्र, सुनीता, मनीता आदि ने बताया कि उन्हें भी अब तो स्कूल में जाने से डर लगने लग गया है। स्कूलों में प्रवेश करते समय जहां मास्क प्रयोग की जाती है वहीं अन्य कोई विशेष सुविधा उपलब्ध नहीं है। विद्यार्थी बसों में सफर करने लगे हैं जिसके चलते रोग बढ़ सकता है। ऐसे में विद्यार्थी परेशान हैं।
शिक्षक राजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, राज कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि उन्हें तो जो आदेश मिलेगा वैसा पालन करना पड़ेगा। सरकार का आदेश है कि स्कूल में जाकर शिक्षण किया जाए तो जरूर कर
No comments:
Post a Comment