बंद घर से हजारों रुपये के सामान की चोरी
-29 नवंबर को भी लाखों रुपये की इसी घर से हो चुकी है चोरी
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव ककराला में वेद प्रकाश यादव के घर का ताला तोड़कर अज्ञात चोर घर में रखा हुआ सामान कपड़े, बर्तन आदि ले उड़ा। इससे पहले भी इसी घर में 29 नवंबर 2023 को चोरी हो चुकी है।
वेद प्रकाश यादव ने पुलिस में बताया कि वह भारतीय वायुसेना में कार्यरत और दिल्ली में रहता है। ककराला में खुद का घर है जिसमें छुट्टी के दौरान आते हैं। 17 फरवरी को वेद प्रकाश की पत्नी दिल्ली से घर आई थी। सारा सामान बिखरा पड़ा था, ताले टूटे पड़े थे, तोडफ़ोड़ की हुई थी, घर में चोरी हो गई थी। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मकान पर पहुंची और मौका का मुआयना किया। अब वेद प्रकाश सूचना पाकर घर लौटे हैं। उन्होंने पाया कि चोर अलमारी, संदूक ,बेड आदि को तोड़कर घर में रखे हुए कपड़े, साड़ी, सूट वगैराह, महंगे इलेक्ट्रानिक सामान, जूसर ,प्रेशर कुकर, ब्लोअर, फ्लास्क आदि ले उड़े। वेद प्रकाश ने फोन पर बताया कि 29 नवंबर को भी लाखों रुपये की इसी घर से चोरी हो गई थी। अज्ञात चोर दूसरी बार सेंध लगाकर चोरी कर ले गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
फोटो कैप्शन 9 व 10: बंद घर में चोरी के समय इधर उधर फेंका गया सामान।
परमात्मा तक पहुंचाने का सबसे सुगम रास्ता यज्ञ-स्वामी
--धनौंदा में हुृआ यज्ञ
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कनीना की आवाज। भगवान तक पहुंचाने का सबसे सुगम रास्ता भगवान है। ये विचार स्वामी शिवानंद महाराज ने कृष्णानंद धाम पर विश्व शांति के लिए किए गए यज्ञ के उपरांत व्यक्त किये। इस अवसर पर स्वामी ने कहा कि परमात्मा तक पहुंचाने के लिए सबसे अच्छा और सरल रास्ता यज्ञ है। इसलिए हमें कोई भी शुभ कर्म करने से पूर्व यज्ञ कर उसकी शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे वेद और शास्त्रों में यज्ञ की महिमा के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसलिए हमें प्रत्येक शुभ या शुभ कार्य को यज्ञ के द्वारा ही संपन्न करना चाहिए। इस अवसर पर भक्त एवं श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04:धनौंदा में यज्ञ करते हुए।
संत मोलडऩाथ का रोड़वाल में मेला 20 फरवरी को
-विगत मई माह में की गई थी मूर्ति स्थापना
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कनीना की आवाज। कनीना के प्रसिद्ध संत मोलडऩाथ की प्रतिमा रोडवाल में भी 25 मई 2023 को मूर्ति स्थापित की कगई थी जहां 20 फरवरी 2024 में मेला लगेगा। रोडवाल में भी संत मोलडऩाथ के नाम से आश्रम स्थापित है। इसमें करीब 3.5 फुट की प्रतिमा संत मोलडऩाथ की स्थापित की गई है।
विस्तृत जानकारी देते हुए भक्त एवं प्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि 29 फरवरी को बाबा का मेला लगेगा।
6 गांवों में हैं संत मोलडऩाथ की मान्यता-
छह गांवों में स्थित संत शिरोमणि मोलडऩाथ के आश्रम- कनीना के संत मोलडऩाथ के करीब 6 गांव में मंदिर स्थित है। यहां तक कि कुछ गांव में पूजा होती है। इनमें कांवी भोजावास, ढााणी बाठाठा, मांदी, रोडवाल तथा मानसरोवर में संत को याद किया जाता है। वे अपने समय के प्रसिद्ध संत हुए हैं जिन्होंने विक्रमी संवत 2006 में अंतिम सांस ली थी।
कनीना में है संत का पुराना जोहड़ एवं आश्रम -
कनीना में बस स्टैंड के पास संत मोलडऩाथ का प्राचीन तालाब है। यहीं पर संत स्नान करते थे। उनका धूणा और आश्रम आज भी स्थित है। जहां हर वर्ष में एक बार बहुत बड़ा मेला लगता है। दूरदराज से लोग आते हैं।
संत पर लिखी हुई है पुस्तकें एवं आरतियां-
संत मोलडऩाथ पर 6 पुस्तकें कनीना के डा. एचएस यादव की प्रकाशित हो चुकी है। वहीं आइएसबीएन नंबर की पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है। वही उनका कैलेंडर भी प्रकाशित हो चुके हैं। कनीना में ही संत की आरतियों की सीडी एवं भजन लियाकत अलि, शिव कुमार, महेंद्र शर्मा आदि द्वारा विमोचित की गई है तथा आरती संग्रह बाबा चालीसा भी प्रकाशित हो चुका है। गली-गली में मोलडऩाथ के गुण गाए जाते हैं तथा समय-समय पर यहां भंडारा एवं भजन कीर्तन होते रहते हैं।
2005 में लगी थी प्रतिमा-
संत मोलडऩाथ की प्रतिमा कनीना निवासी भीम सिंह ने बनवाई थी। इससे पहले बाबा की प्रतिमा नहीं होती थी। जब से डा एचएस यादव की पुस्तक प्रकाशित हुई तो उसमें दिये गये संत के चित्र को देखकर प्रतिमा बनवाई गई थी। कनीना मंडी के भीम सिंह नेता ने अपने पैसों से संत की प्रतिमा बनवा कर विधि-विधान से यहां स्थापित करवाया था।
होता होता है आपस में आना-जाना -
विभिन्न गांव में जहां बाबा मोलडऩाथ ने तप किया या जहां ठहरे उन गांव के लोग मेले में आते जाते रहते हैं तथा एक दूसरे को किसी भी उत्सव पर याद करते हैं। रोडवाल में बाबा प्रतिमा के लिए भी कनीना वासियों को निमंत्रण मिला हुआ है जहां कनीना के भारी संख्या में लोग पहुंचेंगे।
सुंदर तालाब है बाबा का-
कनीना के संत मोलडऩाथ का पक्का बहुत बेहतरीन तालाब कनीना पालिका ने बाबा आश्रम के पास बनाया है। जहां प्रकाश व्यवस्था एवं घूमने-फिरने की सुविधा है। बुजुर्ग भी इसके चारों ओर घूम सकते हैं। वहीं इस तालाब में सुबह से शाम तक छोटे बच्चे से लेक बड़े लोग स्नान करते रहते हैं। बच्चे के लिए यह वाटर पार्क का भी काम कर रहा है। सतीश जेलदार पालिका पूर्व प्रधान ने बताया कि तालाब पर करीब 30 लाख रुपये का खर्चा आया है। इसे नहरी पानी से भरवाने की कोशिश की जा रही है।
खाटू श्याम के लिए भी यह तालाब कारगर -
पास में खाटू श्याम मंदिर भव्य मंदिर स्थित है। इसके लिए तालाब की जरूरत होती है यह तालाब खाटू श्याम मंदिर के भक्तों के लिए भी खाटू तालाब का काम करता है। जहां लोग स्नान कर सकते हैं क्योंकि इसमें साफ पानी भरा जाता है
आवश्यकता शोध की -
संत मोलडऩाथ पर यूं तो छोटे शोध डा एचएस यादव ने किये हुये हैं किंतु बड़े शोध की जरूरत है। उनके गुणों उदास गुणों चरित्र की चर्चा आज भी हर बच्चे के जुबान पर है। उनके कहे हुए शब्द रामबाण माने जाते हैं। ऐसे में ऐसे महान संत पर शोध की जरूरत है। विशेषकर उन्हें पानी में सांस रोककर बैठे रहने की क्षमता थी। अंतिम समय में भी जहां सिरसवाला तालाब में उन्होंने लंबे समय तक बाबा रामेश्वर दास के साथ स्नान किया परंतु मोलडऩाथ सांस रोककर पानी में बैठे रहे और संत रामेश्वर दास बाहर आ गए। जिसके चलते मोलडऩाथ को ठंड लग गई और निमोनिया होने से अंतत: उन्होंने प्राण त्याग दिये।
मूर्ति के नीचे स्थित संत मोलडऩाथ -
संत मोलडऩाथ बाबा की मूर्ति वर्तमान में संत मोलडऩाथ आश्रम में स्थित है ठीक उसके नीचे मोलडऩाथ को मिट्टी दी गई थी। यहीं पर संत विराजमान है।
फोटो कैप्शन 08: संत मोलडऩाथ की प्रतिमा रोड़वाल में
एसडी विद्यालय ककराला में संपन्न हुआ मुफ्त स्वास्थ्य कैंप
-1700 मरीजों ने करवाया रजिस्ट्रेशन
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कनीना की आवाज। रविवार को एसडी विद्यालय के प्रांगण में एसडी शिक्षा समिति द्वारा मुफ्त स्वास्थ्य कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप में मरीजों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें आनलाइन व आफलाइन दोनों माध्यम से रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा प्रदान की गई। इस सुविधा का लाभ उठाते हुए लगभग 1700 मरीज ने अपना पंजीकरण करवाया। कैंप के संदर्भ में लोगों को व्यापक प्रचार करवाया गया था। इस कैंप में डाक्टर नेहा वत्स नेत्र रोग विशेषज्ञ, डा अतुल खत्री जनरल फिजिशियन, डाक्टर कंचन सैनी स्त्री रोग विशेषज्ञ, डाक्टर रिजूल सैनी व रितिका राव ने चर्म रोग विशेषज्ञ के तौर पर अपनी विशिष्ट सेवाएं समाज हित के लिए प्रदान की। इस कैंप में विभिन्न बीमारियों से ग्रसित मरीजों ने उपस्थित डाक्टरों से अपने स्वास्थ्य के बारे में सलाह ली व निशुल्क दवाई व जांच का फायदा उठाया। कैंप में असक्षम मरीजों के लिए लाने व ले जाने का विशेष प्रबंध किया गया। इस कैंप में नेत्र संबंधित सभी बीमारियों, महिलाओं से संबंधित बीमारियों, हड्डियों व जोड़ रोगों से संबंधित सभी बीमारियों की उपस्थित डाक्टरों द्वारा गहन जांच वह परामर्श दिया गया। इस अवसर पर विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने कहा कि एक सुंदर व स्वस्थ समाज का निर्माण करना उनका एक सपना है। शिक्षा के साथ-साथ एसडी शिक्षा समिति समय-समय पर इस तरह के स्वास्थ्य कैंपों का आयोजन करती है जिससे जरूरतमंद मरीजों को फायदा पहुंचता है और उनके स्वास्थ्य में सुधार आता है।
फोटो कैप्शन 03: कैंप में पहुंचे डाक्टरों को सम्मानित करते हुए।
मेलों और पर्वों में बीतेगा मार्च माह
-संत मोलडऩाथ सहित खाटू श्याम मेले भी मार्च माह में
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कनीना की आवाज। मार्च माह कनीनावासियों के लिए मेले एवं पर्वों में बीतेगा। क्षेत्र में अनेक मेले और पर्व आने जा रहे हैं। इनकी अब तैयारियां शुरू हो गई है।
महाशिवरात्रि -
8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा इसके लेकर तैयारियां जारी है। हर गांव में शिवालय है जहां भंडारे मेले, पूजा अर्चना दिन भर चलती है। कनीना का बाघेश्वर धाम जहां गर्मियों में शिवरात्रि के दिन कई हजार कांवड़ चढ़ती है वही महाशिवरात्रि पर भी कुछ कांवड़ अर्पित की जाती है। यहां विशाल मेला लगता है। कनीना में भी 21 फुट ऊंची शिव प्रतिमा वाले शिवालय में तथा दो अन्य स्थानों पर भी भंडारे और छोटे मेले लगते हैं। एक और फसल पकान पर चली जाती है जिससे किसान प्रसन्न हो जाते हैं वहीं मेले और पर्वों का की शुरुआत हो जाती है।
मोलडऩाथ मेला-
कनीना का सबसे बड़ा पर्व संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ मेला आयोजित होता है। 20 मार्च को यह मेला लगेगा जो 4 दिनों तक लगातार चलता है। फागुन शुक्ल एकादशी कोयह मेला लगता है तथा दूर दराज से लोग आते हैं। यहां ऊंट, घोडिय़ों आदि की दौड़ आयोजित होती है। पूरे ही प्रदेश भर में यह मेला प्रसिद्ध है जिसकी तैयारियां भी शुरू हो गई है।
कनीना का खाटू श्याम मंदिर-
कनीना में खाटू मंदिर भी स्थित है जहां पूरे मार्च माह पर्व और उत्सव चलेंगे। श्याम जागरण की धूम रहेगी। यही नहीं भारी संख्या में भक्त अपना निशान लेकर खाटू श्याम धाम तथा जैतपुर के खाटू धाम पर पहुंचेंगे। निशान ले जाने के लिए भक्त मेले से 15 दिन पूर्व ही चल पड़ते हैं। वही कनीना में खाटू श्याम मंदिर पर ठहरने की व्यवस्था होती है। खाटू धाम राजस्थान में यह मेला 12 मार्च से 20 मार्च तक लगेगा। जगह-जगह श्याम जागरण आयोजित होते हैं। इस प्रकार कनीना में भारी संख्या में भक्त अपना निशान लेकर खाटू की ओर रवाना होते हैं और खाटू धाम के दर्शन करते हैं। भारी संख्या में भक्त हर गांव से खाटू धाम जाते हैं।
फोटो कैप्शन 5: बाघेश्वर धाम
6: कनीना का मोलडऩाथ धाम
7:खाटू श्याम खाटू धाम।
एसडीएम स्कूल छिथरोली में पेरेंट्स ओरियटेंशन प्रोग्राम संपन्न
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कनीना की आवाज। एसडीएम स्कूल छिथरौली में पेरेंट्स से ओरियटेंशन प्रोग्राम धूमधाम से मनाया गया। महिला अभिभावकों एवं विद्यार्थियों ने इस को सफल बनाने में अहम योगदान दिया। विद्यालय की प्रधानाचार्या रेखा दागी ने समारोह को संबोधित करते हुए महिलाओं को रस्सी कूद, गोला फेक, बल्लू प्रतियोगिता, संगीत कुर्सी में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। विद्यालय के छात्र व छात्राओं ने मां की गरिमा को दर्शन के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
पहले खेल प्रतियोगिता करवाई गई थी जिसमें अव्वल आने वाले छात्र-छात्राओं को माताओं द्वारा सम्मानित किया गया। विद्यालय में माताओं की खेल प्रतियोगिता भी करवाई गई जिसमें रस्सी कूद प्रतियोगिता में प्रथम सुदेश व द्वितीय सुषमा गोला फेंक प्रतियोगिता में प्रथम प्रमिला व द्वितीय रेनू, गुब्बारा प्रतियोगिता मे कविता, संगीत कुर्सी प्रतियोगिता में पूनम ने स्थान प्राप्त किया। समारोह के मुख्य अतिथि एडवोकेट अंकिता चेलावास तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष एडवोकेट रीना यादव ने सभी माताओं एवं छात्र-छात्राओं को संबोधित किया यह दोनों मुख्य अतिथि पहले विद्यालय की पूर्व छात्राएं रह चुकी है। विद्यालय के सभी अध्यापकगण व अध्यापिकाओं ने इस कार्यक्रम में चार चांद लगाएं जिसमें मंजू, बबली, प्रमिला, सतपाल, परमजीत, रमेश कौशिक, व प्रवीण कुमार सम्मिलित थे।
संस्था के अध्यक्ष अजमेर सिंह दांगी ने बताया कि मात्र शक्ति का छात्र-छात्राओं के विकास में अहम भूमिका होती है। इन्होंने बताया संसार में सबसे बड़ा पद्म मां का होता है। गुरु एवं परमात्मा का स्थान भी मां से निम्न होता है। आगे कहा कि यदि इस संसार में कोई निस्वार्थ प्राणी है तो वह केवल मां ही है। उन्होंने कहा महाराणा प्रताप को छत्रपति उपाधि दिलाने वाली उनकी मां जयवंता बाई थी। इस मौके पर अध्यापक अभिभावक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 02: स्कूली विद्यार्थी अपनी प्रतिभा दिखाते हुए।
कट को लेकर जोश बरकरार, 343वें दिन जारी रहा धरना
-धरने पर अडिग हैं किसान
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए किसानों का धरना जारी है। रविवार को धरने की अध्यक्षता राजू उर्फ राजेश कुमार बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि हम राज्य सरकार और केंद्र सरकार को याद दिला रहे हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट के काम को शुरू करने में सरकार की तरफ से देरी नहीं होनी चाहिए। केंद्र सरकार के द्वारा कट का काम शुरू न करने के कारण किसान नाराज है, उन्हें लग रहा है कि सरकार कट को लेकर किसानों की अनदेखी कर रही है। क्षेत्र के लोगों की मांग जायज है, इन 40-50 गांवों के विकास के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर चढऩे और उतरने का मार्ग बनना जरूरी है।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 343 दिन हो गए हैं । किसानों के दिमाग में सिर्फ एक ही बात है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की घोषणा की हुई है, उसके बाद आश्वासन भी दिया गया कि कट का काम जल्द शुरू हो जाएगा, लेकिन धरातल पर कार्य शुरू न होने के कारण किसानों में आक्रोश है। केंद्र सरकार किसानों की पीड़ा को समझे और जितना जल्दी हो सके राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू करवाया जाए। जब तक कट का काम शुरू नहीं होगा, हमारा धरना जारी रहेगा।
इस मौके पर डा लक्ष्मण सिंह, नरेंद्र कुमार शास्त्री, पहलवान रणधीर सिंह, सत्य प्रकाश, ओम प्रकाश, मुंशी राम, बाबूलाल, सुरेंद्र सिंह, डॉ राम भक्त, रामकुमार, मास्टर विजयपाल,सीता राम, वेद प्रकाश, रोशन लाल आर्य, पूर्व सरपंच हंस कुमार, प्रधान कृष्ण कुमार, मास्टर सुनील, मुख्तार सिंह,कृष्ण कुमार पंच, इंस्पेक्टर सत्यनारायण, पंडित मनीराम अत्री, रामकिशन, दाताराम, प्यारेलाल, सब इंस्पेक्टर रामकुमार,अशोक कुमार, सज्जन सिंह व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 01: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान।
कैसे करें परीक्षा की तैयारी
-योजनाबद्ध तरीकेे से पढ़ाई करें-कृष्ण कुमार प्राध्यापक
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कनीना की आवाज। हरियाणा विद्यालयों में परीक्षाएं फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में शुरू होंगी। विद्यार्थी जी जान से मेहनत में लगे हुए हैं। उनकी तैयारी कैसी हो ताकि वे बेहतर अंक प्राप्त कर सके। इस संबंध में शिक्षाविद कृष्ण कुमार प्राध्यापक से बात की गई-
उनका कहना है कि परीक्षाओं के दिन शुरू होते ही विद्यार्थियों के लिए चुनौती भरे दिनों की भी शुरूआत हो जाती है । यह सत्य है परीक्षा पास करने के तरीके सिखाए जाते हैं इसके साथ साथ इस चुनौती को कैसे अवसर में बदलें और सहजता से पार जायें यह सीखना भी जरूरी है। कुछ बच्चे परीक्षाओं के दिनों में बड़े मस्त रहते हैं और वो जीवन में भी सफल रहते हैं। इन बच्चों के माता पिता भी दबाव नहीं डालते। सबसे पहले विद्यार्थी परीक्षा को सहज ले। जिस टापिक को वह अच्छा कर सकता है उसे अच्छे से दोहराए, लिख कर और प्रश्नों के हल करके देखे। नये टापिक को समय कम है तो तो कम समय दें। नींद पूरी लें और हैल्थ का ध्यान रखें । टेंशन में तो जरा भी ना आयें । ये एक प्रक्रिया है सीखने की जीवन की परीक्षा नहीं। जीवन मौकों से भरा पड़ा है, कोई एक परीक्षा या परिणाम आपको अति उत्साहित न करे और ना ही हतोत्साहित करे । प्रत्येक दिन योजनाबद्ध तरीकेे से पढ़ाई करें। आज का टापिक जो दोहराई करनी है वो आज पूरा हो जाये तो आश्चर्यजनक परिणाम आयेंगे ।
फोटो कैप्शन: कृष्ण कुमार प्राध्यापक
























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