सेवा ट्रस्ट यूके भारत को रक्तदान शिविरों की एवज में मिला सम्मान पुरस्कार
---कैंसर संस्थान एम्स झज्जर के सम्मान समारोह में सम्मानित
***************************************************************
**********************************************************************
*****************************************************************
कनीना की आवाज। समाज सेवा में कार्यरत समाजिक संस्था सेवा ट्रस्ट यूके (भारत) को बुधवार को राष्ट्रीय कैंसर संस्थान एम्स झज्जर के पांचवें स्थापना दिवस के उपलक्ष में सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। महेंदरगढ़ के जिला प्रभारी मनीष ने जानकारी देते हो बताया कि गत दिवस बुधवार
राष्ट्रीय कैंसर संस्थान एम्स झज्जर के पांचवें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें संस्था को पूरे वर्ष में अधिक रक्तदान शिविर लगाने के लिए सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह में एम्स के निर्देशक प्रो. एम. श्रीनिवास, राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के प्रमुख प्रो. अलोक ठक्कर और डा दीप्ति रंजन ने शिरकत की। इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय सामाजिक संस्था सेवा ट्रस्ट यूके (भारत) व ट्रस्ट की सहयोगी संस्था इनडेप्थ विजन फाउंडेशन झज्जर को रक्तदान के क्षेत्र व अन्य सामाजिक सरोकारों की सराहना करते हुए सम्मानित किया गया। सेवा ट्रस्ट यूके के प्रांतीय क-ोआर्डिनेटर पवन पराशर तथा इनडेप्थ विजन फाउंडेशन झज्जर के कोआर्डिनेटर अंकित मलिक, पूनम देसवाल व मनोज कुमार ने स्मृति-चिन्ह व प्रशस्ति-पत्र प्राप्त किये। इस अवसर पर मनीष ने कहा कि इस सम्मान का श्रेय संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश मित्तल के कुशल प्रबंधन, डाबर इंडिया लिमिटेड के सहयोग, स्वयंसेवकों के समर्पण व त्याग और उन सभी रक्तदाताओं को जाता है जो ट्रस्ट द्वारा लगाए गए शिविरों में पहुंच कर रक्तदान करते है। उन्होंने बताया कि संस्था ने गत दो वर्षों में हरियाणा व पंजाब में 59 शिविरों का आयोजन कर 7431 रक्त यूनिट एकत्रित कर समाज सेवा में अतुलनीय योगदान दिया। संस्था द्वारा लगभग दो वर्षों में लगभग 1000 कार्यक्रम कर विद्यार्थियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका सम्बधित परामर्श, नशा-मुक्ति परामर्श कार्यक्रम, खिलाडिय़ों, जरूरतमंद बच्चों, अनाथालयों, वृद्धाश्रमों, रक्तदान शिविरों एवं अन्य जरूरतमंद स्थानों पर डाबर इंडिया की इम्यूनिटी बूस्टर किट देकर के समाज सेवा का कार्य कर रही है। साथ ही उन्होंने भविष्य में भी रक्तदान शिविरों के आयोजन, स्कूली छात्रों को ऊर्जा किटों के वितरण सहित अन्य सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेने के संकल्प को दोहराया।
फोटो कैप्शन 07:संस्था को सम्मानित करते हुए।
योजनाओं पर चल रहा है काम
आने वाले 50 सालों में भी पेयजल की नहीं आएगी समस्या-सुरेंद्र
-10 एकड़ जमीन की है जरूरत
***************************************************************
**********************************************************************
*****************************************************************
कनीना की आवाज। कनीना में जल से संबंधित समस्याओं का निजात दिलाने के लिए अभी भी अनेकों समस्याएं अधर में लटकी हुई हैं। यदि प्रशासन जमीन उपलब्ध करा देगा तो आने वाले 50 सालों में पेयजल की समस्या नहीं आएगी। अभी भी कनीना -महेंद्रगढ़ सड़क मार्ग पर पेयजल की सप्लाई पर्याप्त प्रेशर से नहीं हो रही है, वहीं कनीना में 3.5 मिलियन लीटर जल के वाटर स्टोरेज तो बने हुए हैं किंतु एक मिलियन लीटर की योजना और आई हुई है। इस संबंध में कार्रवाई की हुई है तथा बड़ी बणी में दस एकड़ जमीन की जरूरत है।
यही नहीं पीपल वाली बणी में वाटर सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए भी भूमिगत पाइप लाइन लगभग बिछाई जा चुकी है। 12 एमएम की लाइन बिछाई गई है। दूसरी ओर उपभोक्ता पेयजल का बिल उपभोक्ता नहीं भरा रहे हैं जिसके कारण भी समस्या पैदा हो रही है।
इस संबंध में कनिष्ठ अभियंता जन स्वास्थ्य विभाग सुरेंद्र सिंह से बात हुई। उन्होंने बताया कि कनीना में वर्तमान में बड़ी-बड़ी में 3.5 मिलियन लीटर जल के टैंक बने हुए हैं जिनमें पानी स्टोर करके साफ करके कनीना मंडी सहित कई वार्डों में पहुंचाया जा रहा है। भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा अमरूत योजना-2 के तहत तहत एक मिलियन लीटर का वाटर स्टोरेज और बनाया जाना है जिसके लिए बड़ी-बणी में 10 एकड़ की जरूरत है। यदि 10 एकड़ जमीन मिल जाती है तो उसमें 6 से 7 एकड़ पर वाटर स्टोरेज टैंक बनाए जाएंगे और बाकी जमीन पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर नहर के पानी को साफ करके उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा। ताकि भविष्य में कनीना में पेयजल की कोई समस्या नहीं होगी। जहां ग्रामीण क्षेत्रों में अमृत जल योजना चल रही है वही शहरों में अमरूत- दो योजना चल रही है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उच्च अधिकारियों से, कनीना के एसडीएम से भी मिल चुके हैं परंतु अभी तक यह जमीन उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
उधर पीपल वाली बणी में सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का एक्सटेंशन बनाया जा रहा है। जहां पानी को साफ पानी को इक_ा किया जाएगा क्योंकि कोसली सड़क मार्ग पर बना हुआ सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और पीपल वाली बणी के बीच पाइप लाइन बिछा दी गई है और पेड़ों को उखडऩे की अनुमति के लिए लिखा हुआ है। सात एकड़ में पीपलवाली बणी में स्टोर बनाया जाएगा। साथ में मिकाडो स्कीम भी चल रही है जो पीपलवाली बणी के पानी को किसानों तक पहुंचाने का कार्य करेगी। उधर कनीना के महेंद्रगढ़ सड़क मार्ग पर वार्ड 13, अटेली मोड़ तक पेयजल सप्लाई का दाब कम होता है, अधिक दाब पहुंचने के लिए वर्तमान में मिनी सचिवालय के पास 50 बाई 50 की एक जगह की जरूरत है जहां बूस्टर टैंक मनाया जाएगा जिससे पेयजल सप्लाई पूरे दाब सहित सभी वार्डों में पहुंच पाएगी। इसके लिए भी विभाग बार-बार सूचित किया है परंतु अभी तक यह जगह भी उपलब्ध नहीं हो पाई है। यदि सभी समस्याएं हल हो गई तो कनीना के लिए पेयजल की भविष्य में दिक्कत नहीं रहेगी। उधर उपभोक्ताओं ने पैदा कर रखी है कि पेयजल प्रयोग कर रहे हैं किंतु पेयजल बिल नहीं भरा रहे हैं। उन्होंने उपभोक्ताओं से निवेदन किया है कि आवश्यकता अनुसार जल प्रयोग करें, जितनी पेयजल को नालियों, सड़कों पर ने भाई, पशुओं को नहलाने, वाहनों को धोने मिलने प्रयोग करें तथा नियमित समय पर बिल भरा करें।
फोटो कैप्शन: सुरेंद्र सिंह जेई
कनीना क्षेत्र की कालेज दो लड़कियों को मिली ई-स्कूटियां
-भवन निर्माण कामगार का काम कर रहे हैं दोनों के पिता
***************************************************************
**********************************************************************
*****************************************************************
कनीना की आवाज। भवन निर्माण कामगार का काम कर रहे दो लोगों की बेटियों को हरियाणा सरकार की ओर से कनीना कालेज पढ़ रही दो लड़कियों को ई-स्कूटियां मिली हैं। दोनों ही कनीना क्षेत्र से संबंध रखती हैं तथा दोनों बीए-द्वितीय वर्ष की छात्राएं हैं।
हरियाणा सरकार ने विश्वकर्मा दिवस पर घोषणा की थी कि जो भी भवन निर्माण कामगार में हैं और उनकी बेटियां यदि कालेज में पढ़ती हैं तो उन्हें ई-बाइक दी जाएंगी। दोनों ही लड़कियों को प्रोत्साहन के रूप में इलेक्ट्रिक स्कूटर देकर सराहनीय काम किया है। इनमें से कनीना कनीना की प्रमिला पुत्री दिलावर और योगिता पुत्री विक्रम सिंह गांव सीहोर को ई-स्कूटियां आज प्रदान कर दी है। सीएससी केंद्र संचालक छोटू राम का ने इस कार्य में अहम सहयोग दिया तथा स्कीम के बारे इनके अभिभावकों को बताया एवं प्रोत्साहित किया जिसके चलते ई-बाइक मिल पाई हैं। विक्रम सिंह और दिलावर का कहना है कि हरियाणा सरकार ने बेहतर कार्य किया है तथा उनकी बेटियों को पढऩे जाते वक्त परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
फोटो कैप्शन : ई-स्कूटी पाकर प्रसन्न होते हुए योगिता।
सिलाई और ब्यूटीशियन प्रशिक्षण का सात दिवसीय कार्यक्रम शुरू
-व्यवसायिक कुशलता के दृष्टिगत आयोजित है कार्यक्रम
***************************************************************
**********************************************************************
*****************************************************************
कनीना की आवाज। राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हाणी में महिला प्रकोष्ठ के तत्वाधान में सिलाई और ब्यूटीशियन प्रशिक्षण का सात दिवसीय कार्यक्रम गुरुवार से प्रारंभ किया गया।
प्राचार्य विक्रम सिंह यादव ने इस ट्रेनिंग के उद्घाटन सत्र पर कहा कि शिक्षा का उद्देश्य छात्राओं को ज्ञान अर्जन के साथ व्यावसायिक कुशलता भी प्रदान करना होता है ताकि वे अपने व्यवसाय से संबंधित विविध कौशलों को प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सकें। महाविद्यालय की छात्राओं ने भी इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेकर अपने कौशलों का विकास कर रही है। । प्राचार्य महोदय ने कार्यक्रम संयोजिका डा.अंकिता यादव का छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस प्रकार का उत्कृष्ट एवं उपयोगी पहल वर्तमान समय में उपयोगी के लिए आभार व्यक्त किया और समय-समय पर महाविद्यालय में इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित करवाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी स्टाफ सदस्य उपस्थित रहा। यह कार्यक्रम प्राचार्य डा. विक्रम यादव के अध्यक्षता तथा डा.अंकिता यादव के निर्देशन में चल रहा है।
फोटो कैप्शन 04: सिलाई और ब्यूटीशियन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करते हुए।
अवैध हथियार उपलब्ध कराने वाला एक ओर आरोपित गिरफ्तार
-पुलिस रिमांड पर है
***************************************************************
**********************************************************************
*****************************************************************
कनीना की आवाज। पुलिस अधीक्षक नितिश अग्रवाल के दिशा-निर्देशों में महेंद्रगढ़ पुलिस द्वारा अवैध हथियार रखने के शौकीन और अवैध हथियार उपलब्ध कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। स्पेशल स्टाफ कनीना की टीम द्वारा अवैध हथियार के मामले में कार्रवाई करते हुए अवैध हथियार उपलब्ध कराने वाले आरोपित दिनेश उर्फ गुड्डा वासी मोहल्ला खुडानपुरी वैशाली नगर अलवर के रूप में हुई। आरोपित को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस द्वारा आरोपित के पास पूछताछ की जा रही है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि स्पेशल स्टाफ कनीना की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर थाना सदर कनीना के गांव भोजावास के क्षेत्र से एक आरोपित मोहित उर्फ बुर्रा वासी कनीना हाल भोजावास को एक अवैध देसी कट्टा के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपित के थाना सदर कनीना में मामला दर्ज किया और पूछताछ में अवैध हथियार के बारे में पता लगाया। पूछताछ में आरोपित ने बतलाया कि वह सुनील उर्फ सोनू वासी नंगली थाना मांढण अलवर के पास से यह अवैध हथियार लाया था। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपित सुनील उर्फ सोनू को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया, रिमांड के दौरान आरोपित से अवैध हथियार के बारे में पूछताछ की गई। पूछताछ में आरोपित ने बतलाया कि दिनेश उर्फ गुड्डा वासी मौहल्ला खुडानपुरी वैशाली नगर अलवर ने उसको अवैध हथियार दिया था, पुलिस ने मामले में आरोपित दिनेश उर्फ गुड्डा को गिरफ्तार कर लिया और न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
फोटो कैप्शन 06: गिरफ्तार दो व्यक्ति
30 सालों में ही भूले जौ एवं चना की खेती
-चना 8 एकड़ एवं जौ शून्य एकड़ पर पहुंचा
***************************************************************
**********************************************************************
*****************************************************************
कनीना की आवाज। किसान जौ एवं चने की खेती करना भूलते जा रहे हैं। गर्मियों के मौसम में जौ की रोटी, राबड़ी तथा धानी आदि बनाकर प्राकृतिक ठंडक प्राप्त करते हैं। अब न तो जौ की खेती होती और न राबड़ी एवं धानी। इसी प्रकार भूने हुये, टाट, छोल्ला, होला, चटनी, कुट्टी का जायका खत्म हो चुका है।
1986-87 तक कनीना क्षेत्र की करीब 33 हजार हेक्टेयर भूमि होती थी जिसेंपर हजारों एकड़ में जौ की खेती तो हजारों हेक्टेयर पर चने की खेती की जाती थी। वैसे तो जौ न केवल पूजा आदि बल्कि हवन आदि में भी काम आता है। जब नवरात्रे चलते हैं तो जौ की विशेष मांग होती है। गेहूं-चना एवं जौ -चने की मिश्रित खेती की जाती थी। 1982 में स्ंिप्रकलर फव्वारा आया जिसके चलते चने की खेती घटती जा रही है और वर्तमान में तो चना अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। कनीना उपमंडल के सभी गांवों में कुल मिलाकर 8 एकड़ पर चने उगाये गये हैं। जौ तो शून्य पर पहुंच गया है।
जौ---
जौ को गंगा में डालने, पूजा अर्चना,हवन आदि में काम आता है वहीं पैदावार 40 मण प्रति हेक्टेयर तथा भाव करीब 2000 रुपये क्विंटल तक होता है। होली के पर्व पर जहां जौ को भूनकर पूरा परिवार चखता है और तत्पश्चात ही लावणी की शुरुआत होती आ रही है। एक जमाना था जब हर घर में जौ की खेती की जाती थी जिसे पूरी गर्मी आनंद से रोटी एवं अन्य रूपों में प्रयोग किया जाता था। जौ की रोटी खाने के लिए या फिर धानी बनवाने के लिए दूसरे क्षेत्रों से जौ खरीदकर लाते हैं। जौ की किसी भी गांव में खेती नहीं की गई है।
जौ की रोटी प्रचलन था जो सेहत के लिए अति लाभकारी मानी जाती थी। राबड़ी चाव से खाते हैं वहीं जौ का प्रयोग बीयर आदि बनाने में लेते हैं। शरीर में ठंडक के लिए राबड़ी को गर्मियों में खाते हैं किंतु अब राबड़ी की बजाय चाय पर आ पहुंचा है।
चना-
तीन दशक पूर्व कनीना क्षेत्र में चने की पैदावार सर्वाधिक होती थी जो अब शून्य हेक्टेयर पर चला गया है। किसी एक या दो क्यारी में किसान चना उगाते हैं। दालों भावों में तेजी आ रही है। विगत 2014 में महज तीस हेक्टेयर में चना उगाया था। वर्ष 2015 में 52 हेक्टेयर पर चने की बीजाई की गई थी। 2015 से 2018 तक भी चने की महज 70 से 80 हेक्टेयर बिजाई की गई थी जो 2020 तक 10 हेक्टेयर से कम सिमट कर रह गया है। 2022 में शून्य पर चला गया है। वर्ष 2023 में 8 एकड़ पर उगाया गया है।
कभी विवाह शादी में अवश्य लड्डू बनाए जाते थे किंतु अब जब किसी के शादी होती है तो लड्डू के लिए चने दूर दराज से लाने पड़ते हैं। पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी रामानंद यादव आज भी चना उगाते हैं। वर्तमान में कुओं द्वारा सिंचाई की जाती है जो चने के लिए प्रतिकूल है। चना बहुत कम पानी में ही पैदावार देता है।
बुजुर्ग राम सिंह, दुलीचंद, धनपती का कहना है कि कभी इस क्षेत्र में चने की खेती की जाती थी तो चने की सब्जी, चने की रोटी, मेसी रोटी, हरे चने की चटनी, खाटा का साग, कढ़ी, परांठे व कई अन्य सब्जियों में डालकर जायका लिया जाता था। जब तक चना सूख न जाता था तब तक चने को खाते रहते थे। यद्यपि चने का भाव बेहतर है किंतु पैदावार नहीं होती है किंतु जौ अब भी पैदावार अच्छी दे सकता है किंतु किसानों को लाभ नजर नहीं आता है। अब तो जौ चने का स्थान सरसों एवं गेहूं ने ले लिया है। यदि चने की पैदावार घटती गई तो मेसी रोटी, लड्डू संकट में पड़ जाएंगे।
****वर्तमान में छोटे-छोटे खेत हो गए जिनमें जरूरत रूपी फसले उगाई जाती है। वैसे भी मार्केट रेट कम होने के कारण लोग गेहूं एवं सरसों को उगाते हैं और गाय, भैंस आदि पालने वाले किसान भी गेहूं पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग में लेते हैं। यही हालात चने की है। परंतु चने की पैदावार में सबसे बड़ी मुसीबत भूमिगत जमीन के खारे पानी की है। लगता है जल मीठा है किंतु वह दाल देने वाली फसलों के लिए अच्छा नहीं है। बारिश का पानी मिलता नहीं। कभी बारिश पर आधारित चने की खेती होती थी किंतु अब धीरे-धीरे पैदावार घट गई है। आम आदमी की जरूरत में कम काम आता है, इसलिए भी किसान पैदावार के रूप में चने की बजाय गेहूं सरसों लेते हैं।
--डा अजय यादव एसडीओ कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़
फोटो कैप्शन : एसडीओ कृषि डा अजय यादव
परीक्षा की कैसे करें तैयारी---
-परीक्षा से घबराना है अनुचित-सुरेश कुमार
***************************************************************
**********************************************************************
*****************************************************************
कनीना की आवाज। एक और जहां 10वीं और 12वीं के परीक्षा सिर पर है वही विद्यार्थी दिन-रात परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। परीक्षा की तैयारी कैसे करें इस संबंध में शिक्षाविद वरिष्ठ प्राध्यापक सुरेश कुमार का कहना है कि--
परीक्षा से घबराने की जरूरत नहीं। सामान्य रूप में परीक्षा को ले, कक्षा में अध्यापक के सामने जिस प्रकार से प्रश्न का उत्तर दिया जा रहा है वैसी परीक्षा में हल करें। परीक्षा के समय विद्यार्थी को पूर्ण आत्मविश्वास के साथ तैयारी करनी चाहिए। जिस भी विषय की परीक्षा देनी है उसकी तैयारी के लिए मु य बिंदुओं को अलग से नोट बुक में उतारे, अलग से समय देकर दोहराये,ध्यान रहे उन्हें रटे नहीं। शिक्षा की तिथि की पूर्व संध्या को विद्यार्थी अधिक थकान एवं दिमाग पर परीक्षा का भूत सवार न होने दे। पूरी नींद ले, प्रसन्न चित्त होकर परीक्षा की तैयारी के लिए हर विषय के प्रत्येक टापिक का ध्यान लगाकर स्मरण करें तथा पूर्ण आत्मविश्वास के साथ परीक्षा दे। बिना दबाव के पढ़ाई की जाती है तो परिणाम बेहतर होते हैं, स्वास्थ्य अच्छा रहता है। छात्र हर दिन को योजना बनाकर पढ़ाई करें जिनकी बेहतर तरीके से दोहराई होती है। थ्योरी के पेपर के लिए लिखकर देखे तो स्मृति टिकाऊ रहती है। परीक्षा के समय सही उत्तर देने में सक्षम बनाता है। गणित, भौतिक शास्त्र एवं रसायन शास्त्र में अ यास अधिक से अधिक करें। दिनभर में कितना पढ़े यह विद्यार्थियों की अपनी क्षमता के अनुसार तय होता है। 7 घंटे की नींद लेकर एक घंटे व्यायाम या रुचि अनुसार खेल खेलना चाहिए। हर दिन को प्लान करना और उसे पूरा करना पढ़ाई में चार चांद लगा देता है। इन दिनों में अपने को स्वस्थ रखना जरूरी है ताकि समय पर सभी कार्य पूर्ण कर सकें। पढ़ाई को तनावमुक्त का आनंदमय बनाए। हर दिन की योजना बनाये और उसे पूर्ण करें। एनसीइआरटी की पुस्तकें ही पढ़े।
फोटो कैप्शन-प्राध्यापक सुरेश कुमार
कट का काम शुरू न होने के कारण किसानों में आक्रोश बढ़ा, 340वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर हैं किसान
***************************************************************
**********************************************************************
*****************************************************************
कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। धरने की अध्यक्षता नरेंद्र कुमार शास्त्री छिथरोली ने की और उन्होंने बताया कि लंबे समय से इंतजार करने के बाद भी केंद्र सरकार के द्वारा धरातल पर साकारात्मक कार्रवाई दिखाई नहीं दे रही है। केंद्र सरकार के प्रति किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। किसानों का कहना है कि हमने 11 महीने से ज्यादा का समय शांति प्रिय तरीके से निकाल दिया है, यदि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट के लिए जल्दी काम शुरू नहीं करती है तब 40 गांव एक साथ बैठकर,आपस में बात करके, सरकार के खिलाफ जन आंदोलन चलाया जाएगा। कट के लिए हमने पहले ही प्रतिज्ञा ले रखी है, जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत- सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं होता है, तब तक हम धरना स्थल पर ही बैठेंगे।
आचार्य मक्खन लाल स्वामी तथा धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि सरकार किसानों के साथ सरे आम ना -इंसाफी कर रही है। राष्ट्र्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच चढऩे और उतरने का मार्ग बनने से देश के प्रत्येक आदमी को फायदा मिलेगा। बाघेश्वर धाम में शिवजी का बहुत पुराना मंदिर है, लाखों की सं या में श्रद्धालु बाबा शिव भोले के दर्शन करने के लिए बाघेश्वर धाम पहुंचते हैं। केंद्र सरकार को ऐसे स्थानों के लिए वरीयता के आधार पर काम करवाना चाहिए।
इस मौके पर सूबेदार अजीत सिंह, मु तार सिंह, पूर्व सरपंच हंस कुमार, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह,डॉ लक्ष्मण सिंह, मास्टर विजय सिंह, वेद प्रकाश, सुरेंद्र सिंह, डॉ राम भक्त, पंडित मनीराम अत्री, सब इंस्पेक्टर रामकुमार, रोशन लाल आर्य, सूबेदार हेमराज अत्रि, अशोक चौहान, सज्जन सिंह, मनफूल, प्रधान कृष्ण कुमार, सूबेदार भोले राम, कृष्ण कुमार पंच, इंस्पेक्टर सत्यनारायण, रामकिशन, दाताराम, प्यारेलाल, सीताराम, सब इंस्पेक्टर रामकुमार व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 01: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण एवं किसान।
कृमिरहित दिवस पर बच्चों को खिलाई 30582 एल्बेंडाजोल की गोलियां
- टारगेट है 32681का
***************************************************************
**********************************************************************
*****************************************************************
कनीना की आवाज। कनीना उप नागरिक अस्पताल के तहत आज डी-वर्मिंग डे /कृमि दिवस पर एक स्पेशल अभियान चलाकर विभिन्न स्कूलों कालेजों तथा विभिन्न शिक्षण संस्थाओं आदि में एल्बेंडाजोल की टेबलेट खिलाने का अभियान चलाया।
नोडल अधिकारी डा विनय कुमार ने बताया कि 30582 टेबलेट विद्यार्थियों को खिलाई गई है जबकि टारगेट 32681 का रखा गया है। यदि आज के दिन जो बच्चे टेबलेट लेने से रह गए वंचित रह गए उन्हें 20 फरवरी को फिर से माप अप राउंड के तहत टेबलेट खिलाई जाएंगी। उन्होंने बताया अभी तक किसी भी विद्यार्थी अन्य किसी व्यक्ति को गोली लेने के बाद कोई परेशानी नहीं हुई है। जिसमें सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूल, आंगनबाड़ी, कालेज पालिटेक्निक आदि शामिल किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 30 से 34 वर्ष की महिलाओं को भी शामिल किया गया है। इस योजना के तहत 78 सरकारी स्कूल, 4 एडीड स्कूल, 118 आंगनबाड़ी केंद्र और 5 कालेज एवं पालिटेक्निक को शामिल किया गया है। जिसमें आशा वर्कर ने घर-घर जाकर बच्चों को टेबलेट खिलाई हैं। इस मौके पर एमपीएचडब्ल्यू,आंगनबाड़ी वर्कर एवं अन्य ने सहयोग करते हुए गालियां खिलाई।
फोटो कैप्शन 02 बच्चों को गोलियां खिलाते हुए अधिकारी एवं हेल्थ वर्कर।
बेटी के जन्मदिन पर हरित भविष्य की शुरुआत, पौधारोपण करके दिखाया
पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
***************************************************************
*************
*********************************************************
*****************************************************************
कनीना की आवाज। उप मंडल के गांव रामबास की पर्यावरण संरक्षक टीम ने मनोज कुमार की बेटी दीपांशी के जन्मदिन पौधारोपण करके हरित भविष्य के साथ बचपन मुहिम की शुरुआत की। इस आयोजन के अंतर्गत, बेटी के नाम पर 50 फलदार पौधे पशु चिकित्सालय रामबास में लगाये। जिससे वन्यजनों के लिए नए आवास के साथ-साथ आने वाली पीढिय़ों के लिए हरित और स्वस्थ भविष्य की दिशा में एक कदम बढ़ाया जा रहा है। इस मौके पर प्रयास श्री बालाजी सामाजिक संगठन के मुखिया मनोज मेधनवास ने पौधारोपण कार्यक्रम में शामिल होकर युवा टीम का उत्साहवर्धन किया । नीरज पीटीआई मानपुरा ने कहा कि आज मनोज कुमार रामबास ने बेटी के जन्मदिन पर हमने एक संकल्प लिया है कि उसके साथ हम वन्यजनों के लिए एक हरित और स्वस्थ भविष्य की दिशा में मिलकर काम करेंगे और उसे एक प्रकृतिक और हरित वातावरण में बढऩे का संकल्प किया है। गाव के युवा मनोज कुमार रामबास व उनके साथियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों का निरीक्षण किया गया जिसमे जंगलात मे लगभग 2 एकड़ मे सुरक्षा के साथ पौधारोपण, एक पौधसाला , पानी के लिए ड्रिप सिस्टम व बारिश के पानी को इक_ा करके लिए एक छोटा तालाब, मुक्तिधाम के पास पौधारोपण , गाव मे सुव्यवस्थित 3 पार्क, गाव की 1 गली में पौधारोपण व पंचायती जमीन में फलो का बाग लगाकर बहुत ही सराहनीय प्रयास किए गये हैं । इस अद्वितीय आयोजन में मुख्य सहयोगी अमित, हितेस, सचिन दहिया, सचिन निर्मल, अंकित रहे। इस मौके पर ओमप्रकाश ककराला बीबीएसडी ककराला, प्रोफेसर कर्मवीर रामबास मोहित इसराना, कृष्ण, रतिराम आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: बेटी के जन्मदिन पर पौधारोपण करते हुए पर्यावरण प्रेमी।
No comments:
Post a Comment