Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, February 19, 2024


 
 एसडीओ पंचायती राज के पुरुषोत्तम ने ग्रहण किया कार्य
-कनीना में बैठेंगे दो एसडीओ पंचायतीराज
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कनीना की आवाज। कनीना के एसडीओ पंचायती राज के रूप में नाहड़ से पुरुषोत्तम ने आज कार्य ग्रहण कर लिया है।
 फोन पर उन्होंने बताया कि 6 और 7 जनवरी को उनका इंटरव्यू हुआ था और उसी दिन रिजल्ट आ गया था। अब उन्होंने कनीना में कार्यक्रम कर लिया है। कनीना में दो एसडीओ पंचायतीराज बैठते हैं। जिनमें एक पहले ही तथा दूसरा अब उन्होंने कार्य भार ग्रहण कर लिया है। पहली बार परीक्षा देकर और चयनित होने पर नाहड़ के लोगों ने खुशी जाहिर की और उनका सम्मान भी किया।
 फोटो कैप्शन: एसडीओ पंचायत राज पुरुषोत्तम।







 विश्व सामाजिक न्याय दिवस- 20 फरवरी
प्रत्येक व्यक्ति अपने अधिकारों और आत्मसम्मान के साथ जीवन जीये -संदीप एडवोकेट
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कनीना की आवाज। विश्व सामाजिक न्याय दिवस का मुख्य उद्देश्य सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है। गरीबों का बहिष्कार, लैंगिक असमानता, बेरोजगारी, मानव अधिकार और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल किए जाते हैं ताकि समाज के प्रत्येक व्यक्ति में मानव अधिकार और आत्मसम्मान के साथ जीने की प्रेरणा मिले। सामाजिक न्याय के खिलाफ आवाज उठाना ही सामाजिक न्याय है। 26 नवंबर 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाने की बात कही थी। यह एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है। समझ में विभिन्न मुद्दों पर ध्यान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिवस का अति महत्वपूर्ण महत्व इसलिए भी है कि समाज को समर्थ बनाना, असमानता, भेदभाव, अन्याय के खिलाफ लडऩा है। इस संबंध में विभिन्न अधिवक्ताओं से बात हुई।
**विश्व सामाजिक न्याय को प्रोत्साहित करने से संबंधित दिवस है ताकि हर व्यक्ति अपने अधिकारों और सुविधाओं का उपयोग करने का अवसर प्राप्त कर सके। इस दिन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है। आज के दिन सामाजिक न्याय की आवश्यकता है। इस दिवस के माध्यम से सामाजिक रूप से एकीकृत समाज का निर्माण होता है, बराबरी समानता और न्याय के साथ जीने का अधिकार भी मिलता है। इस दिवस को सफल बनाने के लिए बेरोजगारी, गरीबी, जाति भेदभाव, लिंग और धर्म के नाम पर भेद करने वाले लोगों को एकजुट करने की कोशिश की जाती है। असमानता को खत्म करना संविधान में कई प्रावधान रखे हैं। ---संदीप कुमार अधिवक्ता
 सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी जाए तो समाज और अर्थव्यवस्था को अधिक एकजुट किया जा सकता है। इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर के विभिन्न समुदायों को एक साथ लाना, आपसी मतभेद मिटाकर सामाजिक न्याय के प्रति समाज को जागरूक करना है। लोगों के बीच बढ़ रही सामाजिक दूरी कम करना भी इसी का मुख्य उद्देश्य है। भारतीय संविधान बनाने के दौरान देश के सामाजिक न्याय का को प्रमुखता से ध्यान में रखा गया था। संविधान में सामाजिक दूरी को खत्म करने के लिए कई प्रावधान मौजूद है। सामाजिक न्याय ही इस दिवस का मुख्य अर्थ है।
- पंकज कुमार एडवोकेट
फोटो कैप्शन: पंकज कुमार एडवोकेट तथा संदीप कुमार एडवोकेट







 विद्यार्थी पहुंचे भ्रमण के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा
-मिलन समारोह के तहत आयोजित हुआ कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। छात्र मिलन समारोह कार्यक्रम के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा के विद्यार्थी जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा पहुंचे जहां छात्र मिलन समारोह आयोजित हुआ। इस समारोह में मुख्य अतिथि प्राचार्य जवाहर नवोदय विद्यालय राजीव सक्सेना रहे वही समस्त स्टाफ भी हाजिर रहा। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने हर्बल पार्क देखा जहां विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे लगाए हुए हैं। तत्पश्चात नवोदय के विद्यार्थियों के आवास का तरीका, विद्यार्थियों ने विद्यालय में प्रवेश परीक्षा के बारे में जानकारी ली। प्राचार्य राजीव सक्सेना, नरेंद्र कुमार टीजीटी सामाजिक विज्ञान, लख्मीचंद पीइटी ने न केवल विद्यार्थियों को बहुत भोजनालय का प्रबंध दिखाया अपितु विद्यालय के खेल के मैदान, लाइब्रेरी कंप्यूटर लैब, रसायन शास्त्र प्रयोगशाला, भौतिक शास्त्र प्रयोगशाला तथा जीव विज्ञान प्रयोगशाला का भ्रमण करवाया। विद्यार्थियों ने झूलों का आनंद लिया वहीं इस अवसर पर एक संगोष्ठी भी आयोजित की गई।
 प्राचार्य राजीव सक्सेना ने विद्यार्थियों को कहा कि नवोदय विद्यालय पूर्ण रूप से मुफ्त, सह आवासीय विद्यालय है जहां प्रवेश परीक्षा पाने के लिए कक्षा पांचवीं में पढ़ते हुए विद्यार्थी भाग ले सकते हैं। यदि किसी कारणवश से वो वंचित रह गए तो नौवीं कक्षा में प्रवेश के लिए फिर से परीक्षा आयोजित होती है, 11वीं की कक्षा में प्रवेश पाने के लिए फिर से प्रवेश परीक्षा आयोजित होती है और विद्यार्थी मेहनत करे तो इस प्रवेश परीक्षा में पास हो सकते हैं। विद्यार्थियों को नौवीं कक्षा के बाद आंध्र प्रदेश में भी भेजा जाता है ताकि विद्यार्थी वहां की सभ्यता और संस्कृति को समझ सके। विद्यार्थियों को हिंदी अंग्रेजी के अतिरिक्त तेलुगु भाषा भी सिखाई जाती है। विद्यार्थियों ने न केवल रहन-सहन के बारे में बताया अपितु समस्त जानकारी उपलब्ध करवाई गई। विद्यालय की ओर से विद्यार्थियों का नाश्ता भी करवाया गया वहीं नरेंद्र कुमार टीजीटी सामाजिक विज्ञान ने भी उन्हें जानकारी दी।
 इस अवसर पर डा एचएस यादव ने भी अपने विचार रखें तथा नवोदय विद्यालय परिवार, धनौंदा स्कूल से प्राध्यापिका सीमा, मैना, पूनम मोरवाल, प्रीति , संतोष देवी, रणवीर सिंह, विनोद कुमार नरेश कुमार शिक्षक महिपाल सिंह, सूबे सिंह, मणिलाल आदि उपस्थित रहे।
 फोटो कैप्शन 04: विद्यार्थी एवं स्टाफ नवोदय विद्यालय
05: प्राचार्य राजीव सक्सेना जानकारी उपलब्ध करवाते हुए






परीक्षाएं ,मेले, लावणी तथा होली की चर्चाएं शुरू
-विद्यार्थी, किसान एवं भक्त व्यस्त
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में जहां सरसों की लावणी शुरू होने में दस दिन बाकी हैं वहीं मेलों की चर्चाएं शुरू हो गई है। गृह परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं वही होली की चर्चाओं का बाजार गर्म है। ऐसे में अब जहां सर्दी कम होती जा रही है। होली की चर्चाओं का दौर पूरे यौवन पर देखने को मिल रहा है।
 उल्लेखनीय कि कनीना क्षेत्र में जहां इस बार सरसों की करीब 20000 हेक्टेयर पर की सरसों की बिजाई की गई है वहीं 10000 हेक्टेयर पर गेहूं की फसल लहलहा रही है। विषम परिस्थितियों पे फसल को नुकसान पहुंचाया है किंतु किसान इस हाल में भी खुश है। सरसों की कटाई निकट भविष्य में शुरू हो जाएगी।
 उधर क्षेत्र में जहां परीक्षाओं का दौर भी शुरू हो गया है। विद्यार्थी परीक्षाओं में लगे हुए हैं। जहां कुछ परीक्षाएं शुरू हो गई है तो कुछ परीक्षाएं शुरू होने जा रही है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होंगी वहीं सीबीएसई की परीक्षा पहले से शुरू हो चुकी हैं। गृह परीक्षाएं पहले ही शुरू हो चुकी है। ऐसे में परीक्षाओं का दौर भी पूरे यौवन पर है।





















 कनीना क्षेत्र में मेलों की भरमार है। एक और जहां शिवरात्रि का बाघेश्वरी धाम पर मेला, खाटू श्याम मेला तथा कनीना का मोलडऩाथ मेला, कनीना का खाटूश्याम मेला लगेंगे। ये मेले अहमियत रखते हैं तथा दूर दराज के भक्त इन मेलों में आते हैं। मेलों में भारी भीड़ जुटती है। किसानों को लावणी की तैयारी से तो विद्यार्थियों को परीक्षा से वहीं भक्तों को धार्मिक यात्राओं से फुरसत नहीं है।
उधर होली को लेकर भी चर्चाएं पूरे यौवन पर हैं। होली के खेल, होली की चर्चाओं का दौर जारी है। 24 मार्च को होली का पर्व मनाया जाएगा। किसान, विद्यार्थी एवं भक्त अब निकट भविष्य में व्यस्त हो जाएंगे।
फोटो कैप्शन 06: सरसों की पकी खड़ी कनीना क्षेत्र में सरसों।





सड़क शीघ्र बनवाने की मांग
-लंबे समय में अधर में पड़ी है सड़क मार्ग
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कनीना की आवाज। कनीना - महेंद्रगढ़ मार्ग पर पडऩे वाले गांव झगड़ोली  से गांव बवानिया तक का राव होशियार सिंह मार्ग जो पिछले 3 महीनों से टूटा होने के कारण वाहन चालक व राहगीर परेशान हैं। उल्लेखनीय है कि राव होशियार सिंह मार्ग को तोड़ कर उस पर रोड़े बिछा रखे हैं लेकिन पिछले तीन महीनों से उसे बनाया नहीं गया है। रोजाना इस मार्ग से सैकड़ों वाहन व राहगीर गुजरते हैं। इस मार्ग पर पडऩे वाले गांव नांगल हरनाथ, बचीनी, गागडवास व बवानिया के ग्रामीण सड़क न बनाएं जाने के कारण संबंधित विभाग व राज्य सरकार को कोसते रहते हैं।
राहगीर सुरेन्द्र, राकेश, विजय, रोशन लाल, रोहतास, दिनेश व वाहन चालक महेश, राकेश यादव,राजू ने प्रदेश सरकार से इस सड़क को अतिशीघ्र बनवाने की मांग की है।





कट के लिए धरना 344वें दिन जारी
-धरने के लिए अडिग हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना जारी है। सोमवार को धरनेकी अध्यक्षता पहलवान धर्मपाल सिंह सेहलंग  ने की और उन्होंने बताया कि सोमवार के दिन श्रद्धालु बाबा शिव भोले के दर्शन करने के बाद धरना स्थल पर पहुंच कर किसानों को पूरा विश्वास दिलाते हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच चढऩे और उतरने का मार्ग बनेगा। बाबा शिव भोले के दर्शन करके एक ही मन्नत मांगी है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी को बाघेश्वर शिव धाम से जोड़ा जाए। बाबा शिव भोले हमारी मन्नत को अवश्य स्वीकार करेंगे, भक्तों को कभी निराश नहीं करेंगे।  देश और विदेशों से श्रद्धालु बाबा शिव भोले के दर्शन करने के लिए बाघेश्वर धाम पहुंचते हैं, प्रत्येक शिव भक्त चाहता है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी बाघेश्वर शिव धाम से जुडऩा चाहिए।  
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरना स्थल पर बैठे बुजुर्ग किसानों में कट का जुनून चढ़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच  कट बनना चाहिए, उसके लिए हर परेशानी का सामना करने के लिए तैयार हैं  जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच  कट का काम शुरू नहीं होता है तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
इस मौके पर आचार्य मक्खन लाल स्वामी, डा लक्ष्मण सिंह, मास्टर विजय पाल, ओम प्रकाश , दाताराम, चेयरमैन सतपाल, प्रधान कृष्ण कुमार, इंस्पेक्टर सतनारायण, रामकुमार, सीताराम, करतार,  मास्टर विजय सिंह,  बाबूलाल, सब इंस्पेक्टर रामकुमार, प्यारेलाल, सुरेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार पंच,   वेद प्रकाश,  डा राम भक्त,  रोशन लाल आर्य व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान।




संत मोलडऩाथ का रोड़वाल में मेला 20 फरवरी को
-विगत मई माह में की गई थी मूर्ति स्थापना
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कनीना की आवाज। कनीना के प्रसिद्ध संत मोलडऩाथ की प्रतिमा रोडवाल में भी 25 मई 2023 को मूर्ति स्थापित की गई थी जहां 20 फरवरी 2024 में मेला लगेगा।  रोडवाल में भी संत मोलडऩाथ के नाम से आश्रम स्थापित है। इसमें करीब 3.5 फुट की प्रतिमा संत मोलडऩाथ  की स्थापित की गई है।
 विस्तृत जानकारी देते हुए भक्त एवं प्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि रोड़वाल में 20 फरवरी को बाबा का मेला लगेगा।
समीपी 6 गांवों में हैं संत मोलडऩाथ की मान्यता-
छह गांवों में स्थित संत शिरोमणि मोलडऩाथ  के आश्रम- कनीना के संत मोलडऩाथ के करीब 6 गांव में मंदिर स्थित है। यहां तक कि कुछ गांव में पूजा होती है। इनमें कांवी भोजावास, ढााणी बाठाठा, मांदी, रोडवाल तथा मानसरोवर में संत को याद किया जाता है। वे अपने समय के प्रसिद्ध संत हुए हैं जिन्होंने विक्रमी संवत 2006 में अंतिम सांस ली थी।
कनीना में है संत का पुराना जोहड़ एवं आश्रम -
कनीना में बस स्टैंड के पास संत मोलडऩाथ का प्राचीन तालाब है। यहीं पर संत स्नान करते थे। उनका धूणा और आश्रम आज भी स्थित है। जहां हर वर्ष में एक बार बहुत बड़ा मेला लगता है। दूरदराज से लोग आते हैं।
 संत पर लिखी हुई है पुस्तकें एवं आरतियां-
संत मोलडऩाथ पर 6 पुस्तकें कनीना के डा. एचएस यादव की प्रकाशित हो चुकी है। वहीं आइएसबीएन नंबर की पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है। वही उनका कैलेंडर भी प्रकाशित हो चुके हैं। कनीना में ही संत की आरतियों की सीडी एवं भजन लियाकत अलि, शिव कुमार, महेंद्र शर्मा आदि द्वारा विमोचित की गई है तथा आरती संग्रह बाबा चालीसा भी प्रकाशित हो चुका है। गली-गली में मोलडऩाथ  के गुण गाए जाते हैं तथा समय-समय पर यहां भंडारा एवं भजन कीर्तन होते रहते हैं।
2005 में लगी थी प्रतिमा-
संत मोलडऩाथ की प्रतिमा कनीना निवासी भीम सिंह ने बनवाई थी। इससे पहले  बाबा की प्रतिमा नहीं होती थी। जब से डा एचएस यादव की पुस्तक प्रकाशित हुई तो उसमें दिये गये संत के चित्र को देखकर प्रतिमा बनवाई गई थी। कनीना मंडी के भीम सिंह नेता ने अपने पैसों से संत की प्रतिमा बनवा कर विधि-विधान से यहां स्थापित करवाया था।
होता होता है आपस में आना-जाना -
विभिन्न गांव में जहां बाबा मोलडऩाथ ने तप किया या जहां ठहरे उन गांव के लोग मेले में आते जाते रहते हैं तथा एक दूसरे को किसी भी उत्सव पर याद करते हैं। रोडवाल में बाबा प्रतिमा के लिए भी कनीना वासियों को निमंत्रण मिला हुआ है जहां कनीना के भारी संख्या में लोग पहुंचेंगे।
सुंदर तालाब है बाबा का-
कनीना के संत मोलडऩाथ का पक्का बहुत बेहतरीन तालाब कनीना पालिका ने बाबा आश्रम के पास बनाया है। जहां प्रकाश व्यवस्था एवं घूमने-फिरने की सुविधा है। बुजुर्ग भी इसके चारों ओर घूम सकते हैं। वहीं इस तालाब में सुबह से शाम तक छोटे बच्चे से लेक बड़े लोग स्नान करते रहते हैं। बच्चे के लिए यह वाटर पार्क का भी काम कर रहा है। सतीश जेलदार पालिका पूर्व प्रधान ने बताया कि तालाब पर करीब 30 लाख रुपये का खर्चा आया है। इसे नहरी पानी से भरवाने की कोशिश की जा रही है।
खाटू श्याम के लिए भी यह तालाब कारगर -
पास में खाटू श्याम मंदिर भव्य मंदिर स्थित है। इसके लिए  तालाब की जरूरत होती है यह तालाब खाटू श्याम मंदिर के भक्तों के लिए भी खाटू  तालाब का काम करता है। जहां लोग स्नान कर सकते हैं क्योंकि इसमें साफ पानी भरा जाता है
आवश्यकता शोध की -
संत मोलडऩाथ पर यूं तो छोटे शोध डा एचएस यादव ने किये हुये हैं किंतु बड़े शोध की जरूरत है। उनके गुणों उदास गुणों चरित्र की चर्चा आज भी हर बच्चे के जुबान पर है। उनके कहे हुए शब्द रामबाण माने जाते हैं। ऐसे में ऐसे महान संत पर शोध की जरूरत है। विशेषकर उन्हें पानी में सांस रोककर बैठे रहने की क्षमता थी। अंतिम समय में भी जहां सिरसवाला तालाब में उन्होंने लंबे समय तक बाबा रामेश्वर दास के साथ स्नान किया परंतु मोलडऩाथ सांस रोककर पानी में बैठे रहे और संत रामेश्वर दास बाहर आ गए। जिसके चलते मोलडऩाथ को ठंड लग गई और निमोनिया होने से अंतत: उन्होंने प्राण त्याग दिये।
 मूर्ति के नीचे स्थित संत मोलडऩाथ -
संत मोलडऩाथ बाबा की मूर्ति वर्तमान में संत मोलडऩाथ आश्रम में स्थित है ठीक उसके नीचे मोलडऩाथ को मिट्टी दी गई थी। यहीं पर संत विराजमान है।
 फोटो कैप्शन 02: संत मोलडऩाथ की प्रतिमा रोड़वाल में






कैसे करें परीक्षा की तैयारी-
सुनियोजित रणनीति से सफलता निश्चित-राजकुमार
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कनीना की आवाज। दसवीं एवं 12वीं की परीक्षाएं सिर हैं तथा विद्यार्थी दिन रात परीक्षाओं की तैयारियों में लगे हुए हैं। मुख्याध्यापक राजकुमार से परीक्षा के विषय में चर्चा हुई।
राजकुमार मुख्याध्यापक पड़तल का कहना है कि बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण और एक सुनियोजित रणनीति होना जरूरी है। पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न को समझकर प्रारंभ करें, जिससे आपको स्पष्ट पता चल जाएगा कि किस विषय को कवर करना है और किस प्रकार के प्रश्नों की अपेक्षा की जानी चाहिए। इस जानकारी का उपयोग अध्ययन कार्यक्रम बनाने, प्रत्येक विषय के लिए पर्याप्त समय आवंटित करने और महत्वपूर्ण विषयों को प्राथमिकता देने के लिए किया जा सकता है। विषयों की अपनी समझ को गहरा करने के लिए, अपनी पाठ्यपुस्तकों और कक्षा के नोट्स के साथ-साथ अन्य अध्ययन सामग्री का उपयोग करें। पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करने और माक टेस्ट लेने से आपको अपनी ताकत और कमजोरियों की पहचान करने में मदद मिल सकती है, साथ ही आपको परीक्षा के दिन किस प्रकार के प्रश्नों का सामना करना पड़ सकता है, इसका अंदाजा भी हो सकता है। नियमित ब्रेक और शारीरिक गतिविधियां आपके दिमाग को तरोताजा करने और आपको ऊर्जावान बनाए रखने में मदद कर सकती हैं। आपके मन में जो भी शंकाएँ हों उन्हें दूर करना और अपने शिक्षकों और सहपाठियों से प्रश्न पूछना भी महत्वपूर्ण है। परीक्षा के दिन, अपने समय का कुशलता से प्रबंधन करें और केवल उन प्रश्नों का प्रयास करें जिन्हें आप जानते हैं। यदि आपके सामने कोई ऐसा प्रश्न आता है जिसका उत्तर आपको नहीं पता है, तो घबराएं नहीं। अगले पर जाएं और इसका प्रयास करें। पढ़ाई के लिए सबसे अच्छा समय वह होता है जब आप सबसे अधिक सतर्क और केंद्रित होते हैं। अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना महत्वपूर्ण है। पर्याप्त नींद लें, पौष्टिक भोजन करें और तनावमुक्त रहने की कोशिश करें। एक शांत दिमाग और एक स्वस्थ शरीर आपको परीक्षा के दिन बेहतर प्रदर्शन करने में मदद कर सकता है। इन युक्तियों का पालन करके, आप अपनी बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना बढ़ा सकते हैं।
फोटो कैप्शन: राज कुमार मुख्याध्यापक






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