हरियाणा बजट संबंधित समाचार
दक्षिण हरियाणा के कनीना क्षेत्र में खोले जाए उद्योग धंधे
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कनीना की आवाज। कनीना और आसपास क्षेत्रों में कोई उद्योग धंधा स्थापित नहीं हो पाया है। आज हरियाणा को स्थापित हुये 58 साल बीत गए हैं किंतु कोई उद्योग धंधा इस क्षेत्र में स्थापित नहीं होने से बेरोजगारी बढ़ रही है वहीं युवा वर्ग हताश और परेशान है। इस संबंध में कुछ युवाओं और बेरोजगारों से बात हुई।
** इस क्षेत्र में प्रमुख मांग उद्योग धंधों की है। पढ़े लिखे युवा इधर-उधर घूम रहे हैं जिसके चलते उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। अगर उद्योग धंधे स्थापित हो जाए तो युवा वर्ग उसमें छोटा-मोटा रोजगार पा सकते हैं और अपनी रोटी रोजी कमा सकते हैं। ऐसे में यहां उद्योग धंधे स्थापित करने की निहायत आवश्यकता है।
-- रविंद्र कुमार,युवा कनीना
बेरोजगार नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं किंतु सरकारी नौकरियां उपलब्ध नहीं हो पा रही। खूब पढ़ाई करने के बावजूद भी उन्हें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। वैसे भी यहां सभी संसाधन आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे। युवा बेरोजगार, नौकर, मजदूर और अन्य सुविधाएं मिलने से उद्योग धंधे स्थापित करना आसान हो जाता है।
-- हर्ष कुमार, युवा कनीना
इस बजट में कनीना क्षेत्र में उद्योग धंधे स्थापित की जाए। कारखाने स्थापित हो ताकि पढ़े-लिखे युवा वर्ग को रोजगार मिल सके। यहां से शहरों को जोडऩे वाले मार्ग उपलब्ध हैं। शहरों में विशेष कर रेवाड़ी, नारनौल, अटेली, दिल्ली, गुरुग्राम, रोहतक, चरखी दादरी आदि से जुड़ा होने के कारण यह स्थान सबसे उपयुक्त है जहां कउद्योग धंधे स्थापित हो सकते हैं। उद्योग स्थापित होने से रोजगार मिल सकेंगे।
--- रोहित कुमार, कनीना
कनीना क्षेत्र में सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां 152-डी राष्ट्रीय राजमार्ग पास से गुजरता है। जहां से हर प्रकार की ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्ध हो सकती है और इस ट्रांसपोर्ट सुविधा से लाभ उठाया जा सकता है। सस्ते मजदूर एवं सभी संसाधन यहां उपलब्ध हैं। ऐसे में यह उद्योग धंधे स्थापित करने करना सुविधाजनक होगा।
-- संदीप कुमार , बेरोजगार
दक्षिणी हरियाणा के जिला महेंद्रगढ़ के अंदर उद्योगों का बहुत अधिक अभाव है। यहां के युवा रोजगार के लिए जगह-जगह भटकते रहते हैं। बहुत से युवाओं को काम के लिए घर से सैकड़ों मील दूर जाना पड़ता है। 152- डी मार्ग यहां से निकलने के बाद उद्योगों की बड़ी उम्मीद जगी थी लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों है। ऐसे में यहां उद्योग धंधे स्थापित किये जाए।
--महेश बोहरा, कनीना, युवा वर्ग
फोटो कैप्शन: संदीप, हर्ष, महेश बोहरा, रविंद्र, रोहित
राजकीय उच्च विद्यालय रसूलपुर में जल बचाओ कार्यक्रम आयोजित
--विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित
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कनीना की आवाज। मंगलवार को राजकीय उच्च विद्यालय रसूलपुर में जल बचाओ अभियान के तहत जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन महेंद्रगढ़ द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्याध्यापक हीरालाल ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार रहे।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से जागरूकता रैली निकाली गई, निबंध लेखन और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जानकारी देते हुए मोहित कुमार ने कहा कि निबंध लेखन में उषा कुमारी पहले, खुशी दूसरे तथा अंतिका ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। वहीं पेंटिंग प्रतियोगिता में यशवीर पहले, संजना दूसरे व पायल यादव ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। विजेता प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया
कार्यक्रम में मोहित कुमार ने स्कूली छात्रों को जल का महत्व एवं उपयोगिता के बारे में जानकारी प्रदान की। फील्ड टेस्टिंग किट के माध्यम से जीवाणु परीक्षण विधि बताई । सामान्य जीवन में जल संरक्षण किस तरह जा सकता है उन बिंदुओं पर गंभीरता से विचार प्रस्तुत किए।
छात्रों ने जल शपथ लेकर घरेलू नल पर टोंटी लगाने का संकल्प लिया। मुख्याध्यापक हीरालाल ने विभाग द्वारा की जा रही गतिविधियों की सराहना करते हुए छात्रों वर्षा जल संचयन, घरेलू नल पर टोंटी लगाने के लिए प्रेरित किया । इस अवसर पर युवा मित्र समाजशास्त्री संदीप कुमार, सरपंच प्रतिनिधि सत्यवीर, अध्यापक सुखीराम , किशनलाल, मनमोहन सिंह, अनिल कुमार, विनोद कुमार, दिनेश कुमार, धर्मवीर, सर्वेश व अटल भू जल ट्रेनर कर्मवीर सिंह उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 04: रसूलपुर में जल बचाओ अभियान के तहत जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन महेंद्रगढ़ द्वारा जागरूक करते हुए
खंड स्तरीय उल्लास कार्यक्रम आयोजित
-निरक्षरों को पंजीकृत कर उन्हें किया जाएगा साक्षर
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कनीना की आवाज। नवभारत साक्षरता अभियान के अंतर्गत आयोजित उल्लास कार्यक्रम की खंड स्तरीय कार्यशाला का आयोजन राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में किया गया ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी विश्वेश्वर कौशिक रहे, विशिष्ट अतिथि खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह रहे ,कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के मुख्याध्यापक एवं उल्लास के नोडल अधिकारी नरेश कुमार ने की।
खंड शिक्षा अधिकारी विश्वेश्वर कौशिक ने कहा कि उल्लास कार्यक्रम के अंतर्गत खंड के सभी निरक्षरों को पंजीकृत कर उनका शिक्षण कार्य गांव में नियुक्त प्रेरकों द्वारा करवाया जाएगा तथा मार्च महीने में नव साक्षरों का परीक्षण होगा। खंड नोडल अधिकारी नरेश कौशिक ने कहा कि 15 वर्ष से 70 वर्ष की आयु के सभी निरक्षरों को पंजीकृत कर उन्हें एक निश्चित अवधि में साक्षर बनाकर उनकी परीक्षा आयोजित करवाई जाएगी। इसके लिए सभी विद्यालयों के प्राचार्य मुख्याध्यापक अपने-अपने गांव में इस कार्यक्रम के प्रभारी रहेंगे तथा शिक्षण कार्य का निरीक्षण करेंगे।
खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह ने बताया कि अक्षर ज्ञान दुनिया का सबसे बड़ा ज्ञान दान है तथा जो आदमी इसमें आगे बढ़कर कार्य करता है वह बहुत बड़ा पुण्य कमाता है ।
मास्टर ट्रेनर के रूप में बीआरपी इंद्राज सिंह व मनीष कुमार ने सभी उपस्थित प्राचार्य व मुख्याध्यापकों को कंप्यूटर के माध्यम से पंजीकरण कर सर्वेक्षक को नियुक्त करने की जानकारी दी इस अवसर पर वरिष्ठ प्राचार्य अमर सिंह , विष्णु शर्मा, हरीश प्रधान ,सतीश कुमार, हनुमान गोयल, हीरालाल यादव, सतपाल यादव, बृजेश कुमार, सतीश कुमार पोता, रीटा वधवा, एबीआरसी श्रुति आर्य ,मनोज कुमार ,रोशनी देवी ,गुलशन कुमार ,सहित खंड के सभी विद्यालयों के प्राचार्य व मुख्याध्यापक उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 05: उल्लास कार्यक्रम में संबोधित करते हुए नरेश कौशिक।
गरीबों का राशन हड़प रहे हैं अमीर लोग
-प्रशासन व सरकार नहीं दे रही है ध्यान, सरकार घरों पर लिखवाये बीपीएल
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कनीना की आवाज। गरीबों के हक का राशन अमीर लोग हड़प रहे हैं। इस ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं।
समाज सेवी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बताया सरकार द्वारा चलाई जा रही स्कीमों का हक गरीबों को मिलना चाहिए था लेकिन उनका हक आज अमीर लोग हड़प रहे हैं और इस बात का शासन प्रशासन सभी को पता है लेकिन उसके बावजूद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने यह भी बताया सरकार द्वारा बनाए गए नार्मस को फालो नहीं किया जा रहा है जबकि जो राशन गरीबों को मिलना चाहिए था वह आज अमीर लोग लेकर मौज कर रहे हैं।
उन्होंने बताया किजिसके घर में सरकारी नौकरियां है जमीन ज्यादा के अलावा अन्य कारोबार बढिय़ा चल रहे हैं उसके बावजूद भी वह फैमिली आइडी में अपनी इनकम कम दिखाकर गरीबों का हक छीन रहे हैं। जिस घर में एक्स सर्विसमैन तथा उनके बच्चे सरकारी नौकरियों में है उनके पास अच्छी जमीन जायदाद है उसके बावजूद भी वह लोग बुढ़ापा पेंशन व अन्य स्कीमों का लाभ उठा रहे हैं। समाज सेवी संगठनों ने सरकार व प्रशासन से मांग की है की जो फैमिली आईडी में अपनी कम इनकम दिखाकर गरीबों का हक ले रहे हैं उनके घरों पर बीपीएल धारक लिखवाना चाहिए ताकि समाज में सबको इस बात का पता चल सके कि यह सही है या गलत है। समाजसेवी लोगों ने हरियाणा के मु यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग करते हुए कहा है कि जिनकी फैमिली आईडी में इनकम एक लाख से कम है उन सब के घरों पर बीपीएल लिखवाया जाना चाहिए अगर ऐसा सरकार करती है तो सरकार को करोड़ों रुपये महीने का लाभ होगा क्योंकि जो लोग गरीबों का हक छीन रहे हैं वो शर्म के मारे स्वयं ही राशन लेना बंद कर देंगे जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का फायदा होगा।
दो दिवसीय अभिभावक जागरूकता कैंप संपन्न
-दिव्यांगों क लिए आयोजित कैंप
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कनीना की आवाज। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के तत्वाधान में समावेशी शिक्षा कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय जागरूकता शिविर संपन्न हुआ। शिविर के दूसरे दिन का शुभारंभ प्राचार्य सुनील खुडानिया ने किया। मास्टर ट्रेनर रेनू राघव ने दिव्यांग बच्चों को हरियाणा बोर्ड द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में प्रकाश डाला। मास्टर ट्रेनर नरेश कौशिक जी ने केंद्र सरकार द्वारा दिव्यांगों को दी जाने वाली सुविधाओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की ।
इस शिविर का शुभारंभ बीइओ कनीना विश्वेवर कौशिक ने किया तथा ब्लाक रिसोर्स कोआर्डिनेटर दिलबाग सिंह ने आने वाले सभी प्रतिभागियों को मोटिवेशन दिया। मास्टर ट्रेनर रेनू राघव प्रिंसिपल आरपीएस स्कूल कनीना ने दिव्यांग के प्रकार पर प्रकाश डाला मास्टर ट्रेनर नरेश कौशिक ने दिव्यांग के कारण तथा उसका किसी विद्यालय में समायोजन कैसे किया जा सकता है। इस विषय पर अपने विचार रखें। अमृत सिंह विशेष शिक्षक ने अपनी प्रगति रिपोर्ट पर प्रकाश डाला तथा खंड में जितने भी दिव्यांग बच्चे हैं एक-एक करके उन सभी की शिक्षा की प्रगति बताई। इस अवसर पर प्रवक्ता रवि कुमार, नरेश कुमार, नीलम यादव प्रवक्ता संस्कृत, सरिता विशेष शिक्षिका ,विशेष रूप से उपस्थित रही।
फोटो कैप्शन 02: दिव्यांग विद्यार्थियों के अभिभावकों को जागरूक करते हुए।
फोटो कैप्शन 03: दिव्यांग विद्यार्थियों के अभिभावकों को जागरूक करते हुए।
रचना व दीपक बने नेहरू युवा केंद्र संगठन के स्वयंसेवक
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गाहड़ा गांव निवासी रचना शर्मा व कनीना निवासी दीपक कुमार को युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत संचालित नेहरू केंद्र में राष्ट्रीय युवा कौर के स्वयंसेवक के रूप में चयन हुआ है। जिला युवा अधिकारी नित्यानंद यादव ने रचना शर्मा और दीपक कुमार को नियुक्ति पत्र प्रदान कर उन्हें अपनी जि मेवारियां और संगठन की कार्यशैली से अवगत करवाया। इसके साथ ही होने नवनियुक्त स्वयंसेवकों को सामाजिक कार्यों में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया। जिला युवा अधिकारी नित्यानंद यादव ने बताया कि नेहरू युवा केंद्र की स्थापना सन 1972 में की गई थी। नेहरू युवा केंद्र संगठन भारत सरकार के तहत युवा मामले और खेल मंत्रालय का एक स्वतंत्र निकाय है। इस संगठन में राष्ट्र के लिए गतिविधियों में यूथ क्लबों के माध्यम से युवाओं को शामिल किया जाता है और उन्हें मेहनती और जवाबदेह भारतीय नागरिक बनने के लिए कौशल और मूल्यों के साथ प्रशिक्षित किया जाता है। नेहरू युवा केंद्र संगठन में एक प्रतिष्ठित युवाओं को काम के लिए ऊर्जावान और प्रतिबद्ध बनाता है।
गुलाब दिवस-7 फरवरी
कैंसर से बचे हुए रोगियों को गुलाब का पुष्प देकर लंबी जिंदगी की,की जाती है कामना
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कनीना की आवाज। गुलाब दिवस उन लोगों को समर्पित है जो कैंसर से बच गए हैं। परंतु इसको प्यार का इजहार करने के लिए भी देने लगे हैं।
कैंसर से बचने के बाद लोग तेजी से अपने पहले वाली जिंदगी में आने की कोशिश करते हैं। ऐसे समय में उनका गुलाब देकर यह दिन मनाया जाता है ताकि वो प्रसन्न रहे और जल्दी रोग के सदमे से उभरे। जब किसी में कैंसर हो जाता है तो मरीज के सामने नाम लेने से दिक्कत रहती हैं क्योंकि यदि इस रोग का पता लग जाता है तो वह और तेजी से बीमार होता चला जाता है यहां तक कि डिप्रेशन में जा सकता है क्योंकि कैंसर को ला-इलाज बीमारी मानते हैं। ऐसे समय में मरीजों को कैंसर की जानकारी नहीं दी जाती लेकिन जो कैंसर से बच गए हैं उनको जानकारी देना उचित भी माना जाता है ताकि वह और तेजी से अपने पहले वाली जिंदगी में आ सके और वह खुश नजर आए। उनकी खुशी को बढ़ाने के लिए गुलाब दिया जाता है। यह दिन उन मरीजों के लिए है। यूं तो देश में यूं तो हर प्रकार के कैंसर के मरीज पाए जाते हैं और हर उम्र अनुसार इनका प्रभाव कम या अधिक होता है। बुजुर्ग व्यक्ति कुछ लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं जबकि जवान और बच्चे में तेजी से कोशिकाओं की वृद्धि होने से त्वरित गति से कोशिकाओं की वृद्धि होने से यह रोग तेजी से फैलता है। इसलिए बुजुर्गों को ऑपरेशन आदि डाक्टर मना कर देते हैं। कनीना और आसपास सैकड़ों मैरिज कैंसर के है। कभी कैंसर का नाम सुनते ही आसपास के लोग अवाक हो जाते थे किंतु अब कैंसर आम रोग बन गया है। कैंसर के विषय में डॉक्टर सुंदरलाल सीएमओ से बात की गई।
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। कैंसर का नाम सुनकर मैरिज डिप्रेशन में चले जाते हैं। इसलिए कैंसर का नाम रोगी समक्ष बताना उचित नहीं लगता लेकिन जब वह रोग से बच जाता है तो बताना गलत नहीं हो सकता है और उन्हें गुलाब का फूल जो सुंदरता का प्रतीक होता है भेंट किया जाना चाहिए। डॉक्टर ने बताया देश में सबसे अधिक मरीज ब्रेस्ट कैंसर और दूसरे सर्वाइकल कैंसर के होते हैं। इन दोनों कैंसर से कुछ मरीज बच जाते हैं किंतु फेफड़े का कैंसर बहुत तेजी से फैलता है। बाकी कैंसर की विभिन्न प्रकार पाई जाती है वो भी घातक साबित होती है किंतु ब्रेस्ट व सर्वाइकल कैंसर से बहुत से मरीज बच जाते हैं यदि समय पर उन्हें डायग्नोज किया जाए।
डॉक्टर सुंदरलाल का कहना है कि मरीजों को जो कैंसर से बच जाते हैं उन्हें बेहतर भोजन देने के साथ-साथ प्रसन्नचित रहने की जरूरत होती है और उसकी प्रसन्नता को बढ़ाने के लिए गुलाब का फूल भी दिया जाता है और यह दिन गुलाब के फूल के रूप में मनाया जाता है। अक्सर लोग गुलाब के फूल दिवस को समझते हैं कि गुलाब को समर्पित है परंतु यह कैंसर से बचे हुए मरीजों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि महिला को अपने ब्रेस्ट में किसी प्रकार की गांठ आदि होने उसकी जांच करवाते रहना चाहिए। अगर प्रारंभ में किसी रोग का पता लग जाता है तो निदान संभव है अन्यथा बाद में इस रोग से बचपन भी बहुत कठिन हो जाता है, यहां तक की मौत भी हो जाती है। 10 प्रतिशत लोग प्राथमिक अवस्था में कैंसर रोग को पहचान पाते हैं जिससे उनकी जान बचाई जा सकती है।
गुलाब को प्यार के प्रतीक से भी जोडऩे लगे हैं। कनीना एवं आस पास गुलाब के पौधे शौकिया तौर पर घरों में लोग उगा लेते हैं किंतु व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं उगाये जाते हैं।
फोटो कैप्शन : डा सुंदरलाल एसएमओ
कट के जुनून को लेकर, 331वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर हैं किसान
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए किसानों का अनिश्चितकालीन धरना जार है। मंगलवार को धरने कीअध्यक्षता नरेंद्र कुमार शास्त्री छिथरोली ने की और उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की मंजूरी मिलने के बाद भी आधिकारिक तौर पर धरातल पर कार्यवाही शुरू नहीं किया गया है। धरना स्थल पर बैठे किसानों का एक ही जुनून है, जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है, तब तक हम धरना स्थल पर डटे रहेंगे, कट बनवाने के लिए हर कष्ट को झेलते रहेंगे।
किसान संघर्ष समिति पावर हाउस बाढड़़ा के प्रधान करतार सिंह उनके साथ सदस्य वीर प्रकाश, रामचंद्र , सूबेदार मेजर सुखबीर सिंह लांबा धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने बताया कि आपका संघर्ष जायज है, इस क्षेत्र को कट की जरूरत है, इन 40 गांवों का विकास कट बनने के बाद ही संभव है। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनने से किसी एक गांव को फायदा नहीं है बल्कि राज्य में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इसका फायदा मिलेगा।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 331 दिन हो गए हैं। केंद्र सरकार की तरफ से ढीलाई होने के कारण किसानों में आक्रोश है, केंद्र सरकार से नाराज हैं, हमारी जायज मांग है, क्षेत्र को कट की जरूरत है, कट बनने के बाद ही इस इलाके का विकास हो सकता है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार को हम बार-बार याद दिला रहे हैं कि किसानों की पीड़ा को समझें और जितना जल्दी हो सके राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच चढऩे और उतरने का मार्ग जल्द शुरू करवाया जाए।
इस मौके पर सरपंच हरिओम पोता, चेयरमैन सतपाल,मास्टर विजय पाल , पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, प्रधान कृष्ण कुमार, पूर्व सरपंच हंस कुमार, पहलवान रणधीर सिंह ,मास्टर विजय सिंह, पूर्व सरपंच सत्यवीर सिंह, अशोक चौहान,सज्जन सिंह, इंस्पेक्टर सत्यनारायण, मुंशी राम, राम भक्त, रामभज, रामकुमार, डा लक्ष्मण सिंह, रामकिशन, बाबूलाल, पहलवान धर्मपाल, कृष्ण कुमार पंच, दाताराम, प्यारेलाल, सीताराम, पंडित संजय कुमार, सब इंस्पेक्टर रामकुमार , कृष्ण कुमार पंच, वेद प्रकाश, ओमप्रकाश, डा राम भक्त, रोशन लाल आर्य व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान
परीक्षा की कैसे करें तैयारी
-सतत मेहनत सफलता की है कुंजी-प्राध्यापक सत्येंद्र
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कनीना की आवाज। एक ओर जहां बोर्ड की परीक्षाएं सिर पर है वहीं विद्यार्थी दिन-रात परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। परीक्षा की तैयारी के संबंध में प्राध्यापक सत्येंद्र (शास्त्री) से चर्चा की गई।
उनका कहना है कि परीक्षा से घबराने की जरूरत नहीं। सामान्य रूप में परीक्षा को ले, कक्षा में अध्यापक के सामने जिस प्रकार से प्रश्न का उत्तर दिया जा रहा है वैसी परीक्षा में हल करें। परीक्षा के समय विद्यार्थी को पूर्ण आत्मविश्वास के साथ तैयारी करनी चाहिए। जिस भी विषय की परीक्षा देनी है उसकी तैयारी के लिए मुख्य बिंदुओं को अलग से नोट बुक में उतारे, अलग से समय देकर दोहराये,ध्यान रहे उन्हें रटे नहीं। शिक्षा की तिथि की पूर्व संध्या को विद्यार्थी अधिक थकान एवं दिमाग पर परीक्षा का भूत सवार न होने दे। पूरी नींद ले, प्रसन्न चित्त होकर परीक्षा की तैयारी के लिए हर विषय के प्रत्येक टापिक का ध्यान लगाकर स्मरण करें तथा पूर्ण आत्मविश्वास के साथ परीक्षा दे।
सत्येंद्र प्राध्यापक अनुसार बिना दबाव के पढ़ाई की जाती है तो परिणाम बेहतर होते हैं, स्वास्थ्य अच्छा रहता है। छात्र हर दिन को योजना बनाकर पढ़ाई करें जिनकी बेहतर तरीके से दोहराई होती है। थ्योरी के पेपर के लिए लिखकर देखे तो स्मृति टिकाऊ रहती है। परीक्षा के समय सही उत्तर देने में सक्षम बनाता है। पढ़ाई को तनावमुक्त का आनंदमय बनाए। हर दिन की योजना बनाये और उसे पूर्ण करें।
उनका कहना है कि शिक्षा संस्कृति में परीक्षा मूल्यांकन का एक चरण होता है और कोई भी परीक्षा केवल अर्जित ज्ञान की ही परीक्षा नहीं होती बल्कि विद्यार्थी के स्वास्थ्य, मनोविज्ञान उसके धैर्य उसकी समझ और उसकी स्वाभाविक क्षमताओं की भी परीक्षा होती है। परीक्षा विद्यार्थियों के साथ-साथ अध्यापकों एवं पूरी शिक्षा पद्धति की भी होती है क्योंकि परीक्षा का स्वरूप का निर्धारण संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था से जुड़े हुए सभी संस्थाओं के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कार्यशैली का भी मूल्यांकन होता है। परीक्षार्थियों के लिए विशेष रूप से यह कहना चाहूंगा की परीक्षा की तैयारी के दौरान कंसेप्ट एवं विषयों को अच्छे से समझना अति महत्वपूर्ण है और विषय और संकल्पनाओं की अच्छी समझ बेहतर पाठ्यपुस्तक पढऩे से होती है। विशेष रूप से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए पाठ्य पुस्तक के रूप में एनसीईआरटी अत्यंत आवश्यक पुस्तकें हैं जिनका गहराई से बार-बार अध्ययन करना चाहिए। अध्ययन के पश्चात उनको अपनी भाषा में संक्षिप्त नोट तैयार करके उनको रिवाइज भी करना चाहिए। परीक्षा पर्व है न कि भययुक्त वातावरण। आओ परीक्षा का आनन्द पूर्ण रूप व्यवहार में शामिल करें तथा नकल जैसी बुराई कभी सोचें भी नहीं ।
फोटो कैप्शन: सत्येंद्र प्राध्यापक
मौसम खुला, सर्दी बढ़ी
-एक बार फिर से कांपें लोग
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में करीब एक माह के बाद मौसम खुल गया है। बार बार मौसम बदल रहा है। परंतु मौसम खुलते ही ठंड एवं शीतलहर का प्रभाव बढ़ गया है। इस समय सरसों की फसल पक चुकी है। इक्का दुक्का फूल नजर आते हैं। किसान अब मौसम को टकटकी लगाये देख रहे हैं।
गेहूं की फसल अब बाली निकालने लगे हैं किंतु वृद्धि अच्छी प्रकार नहीं हो पाई है। सरसों की फसल में जड़ गलन, रतुवा, मरोडिय़ा आदि रोग लग गये थे किंतु मौसम खुलने से रोग दूर होने की संभावना बढ़ सकती है। किसान अजीत, सुनील, नरेंद्र, सूबे सिंह आदि ने बताया कि इस बार सरसों फसल को नुकसान हो चुका है। अब देखना है कि फसल कैसी पैदावार दे पाती है।
फोटो केप्शन 01: पकी हुई सरसों की फसल।
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