ट्रक और ट्राले की टक्कर में एक व्यक्ति घायल, अस्पताल में मौत
--ट्राला चालक के विरुद्ध मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। ट्रक और ट्रेलर की टक्कर में एक व्यक्ति घायल हो गया जिसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। कनीना पुलिस में ट्रेलर के विरुद्ध चालक के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है। कुलदीप किलोई, जिला रोहतक ने मामला दर्ज करवाते हुए कहा कि मेरे पास एक ट्रक है और मैं ,मेरा ड्राइवर रामवीर ,कंडक्टर सूरज अपने गांव से भैंस भरकर गुजरात जा रहे थे। जब भालखी टोल के 3 किलोमीटर करीब पहुंचे तो बीच में एक ट्रेलर का चालक अपने ट्रेलर को गफलत में चलाता हुआ आया, अचानक ब्रेक लगा दिये। जिससे हमारा ट्रक ट्रेलर से जा टकराया। जिसमें आगे बैठे मेरे कंडक्टर सूरज को चोट लगी, मुझे तथा मेरे ड्राइवर रामवीर को मामूली चोट लगी। सूरज का अधिक चोट लगने कारण बेहोश हो गया तथा ट्रक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। एंबुलेंस की सहायता सूरज को सरकारी अस्पताल महेंद्रगढ़ पहुंचाया जहां डाक्टरों ने सूरज को मृत घोषित कर दिया है। चालक रामवीर अपना इलाज कराने बाहर चला गया। ट्रेलर का चालक ट्रेलर छोड़कर भाग गया है। कुलदीप ने ट्रेलर चालक के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है जांच जारी है।
मोटरसाइकिलों की टक्कर में एक घायल मामला दर्ज
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********************************कनीना की आवाज।। कनीना के गाहड़ा सड़क मार्ग के पास दो मोटरसाइकिलों की टक्कर में एक व्यक्ति बुरी तरह से घायल हो गया जिसे अस्पताल भर्ती करवाया जहां इलाज के बाद अब उन्होंने मामला दर्ज करवा दिया है।
टेकचंद तिगांव, अलवर, खैरतल ने अभियोग दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा कि वह ड्राइवरी का काम करता हूं। 13 फरवरी को वह तथा उसका भाई बहुझोलरी शादी में आए हुए थे। मैं अपनी मोटरसाइकिल पर कनीना की ओर आ रहा था तथा मेरा भाई तथा उसका साला दूसरी मोटरसाइकिल पर सवार होकर मेरे पीछे कपड़े लेने के लिए कनीना आ रहे थे। शाम के करीब 4 बजे गाहड़ा रोड से करीब500 मीटर पहले मोटरसाइकिल सवार तेज गति से चलाता हुआ आया है और मेरी मोटरसाइकिल को टक्कर जड़ दी जिससे मैं गिर गया तथा बेहोश हो गया। मेरा भाई मुझे कनीना अस्पताल ले गया जहां से उन्हें गुडग़ांव निजी अस्पताल ले जाया गया
। वहां दाखिल रहने के पश्चात ट्रामा सेंटर जयपुर में दाखिल करवा दिया। अब उन्हें छुट्टी मिली है। अब आकर के मामला दर्ज करवाया है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
रविदास की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक
-मीरा के भी गुरु थे संत रविदास
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कनीना की आवाज। संत शिरोमणि संत रविदास महाराज की जयंती पितामह कान्हा सिंह पार्क के पास बणी वाले मंदिर में मनाई गई। इस कार्यक्रम में एडवोकेट दीपक चौधरी मुख्य अतिथि बतौर पहुंचे। उन्होंने रविदास जी के जीवन पर प्रकाश डाला और युवा साथियों को उनके मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर दीपक चौधरी ने कहा कि जब मन साफ होता है तो कोई तीर्थ व्रत करने की भी आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि यह कथन संत शिरोमणि स्वामी रविदास महाराज ने साफ कर दिया था कि मन का साफ होना जरूरी है। चाहे तन साफ हो या ना हो क्योंकि जिनके मन साफ होते हैं उनको कोई तीर्थ स्थल पर जाने की भी जरूरत नहीं है। गंगा स्नान करने की भी आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि जिनके मन साफ होते हैं उनके तो घर में भी गंगा माता स्वयं आ जाती है। इसलिए हमें साफ मन रख कर के अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। मन में मैल नहीं रखना चाहिए। प्रभु तो तन के अंदर बैठा है और वह मन को अच्छे से देख रहा है क्योंकि उसकी दृष्टि में साफ मन वाले लोगों का सदा सदा सम्मान होता है।
उन्होंने कहा कि संत के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संत के जीवन से हमें भाई-चारा कायम रखने की सीख मिलती है। संत जी ने काम को महत्व दिया था और गंगा स्नान बारे उनका कहना था कि मन चंगा तो कठौती में गंगा। इस मौके पर भंडारे का आयोजन भी किया गया। इस मौके पर उनके साथ उनके युवा साथी भीम गुर्जर, मोनू जेलदार युवा साथी साथ गए और सभी ने मिलकर रविदास महाराज की फोटो पर पुष्प अर्पित किये। इस मौके पर पूर्व चेयरमैन शारदा देवी और उनके पति चांदराम नंंबरदार और शेर सिंह,धर्मपाल ,बाबूलाल ऋषिराज मैनेजर, होशियार, गोवर्धन, हरिओम, किरोड़ी, नरेश एडवोकेट,अजीत एडवोकेट ,बिसंभर,नवीन ,योगेश, खजान, अशोक, राकेश, प्रदीप, संदीप आदि मौजूद रहे।
जिला के गांव भोजावास तथा धनौन्दा में संत शिरोमणी रविदास की जयंती धूमधाम से मनाई गई। रविदास की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलित तथा प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर विशाल भंडारा तथा भजन कीर्तन का आयोजन हुआ। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने संत रविदास की प्रतिमा पर धोक लगाकर मन्नत मांगी। भंडारा में हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। विशिष्ट अतिथि पूर्व सरपंच रामनिवास, खरकड़ा गांव के सरपंच राजेन्द्र प्रसाद, धनौन्दा सरपंच प्रतिनिधि बीर सिंह थानेदार, बीडीसी. मेंबर नवीन, चेयरमैन भाग सिंह, बसपा हल्का प्रधान सतपाल दहिया, मुख्याध्यापक सूरत सिंह, प्रदीप आदि ने संत शिरोमणी रविदास की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
उधर गांव गुढ़ा में संत शिरोमणी रविदास की प्रतिमा का अनावरण ग्राम सरपंच विरेन्द्र दीक्षित ने किया। उन्होंने कहा कि संत महापुरुष समाज के प्रेरणास्त्रोत होते हैं। संत रविदास की शिक्षाएं हमें चुनौतियों का सामना करने की शक्ति देती हैं। ग्राम सरपंच विरेन्द्र दीक्षित ने संत रविदास को भक्तिकाल का महान अग्रदूत बताते हुए उनकी शिक्षाओं पर चलने की सीख दी। इस अवसर पर अतरलाल, महासिंह, अजय कुमार, विजय सिंह, दर्शन, अमित कुमार, मांगेराम, नरेन्द्र कुमार, रोहताश कुमार, मुकेश, बलबीर पंच, औमप्रकाश, महेन्द्र, सिंह राम, चन्द्रपाल आदि सैकड़ों ग्रामीण श्रद्धालु उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 07:कनीना में संत रविदास की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए।
ब्रह्मचारी शिवानंद महाराज ने ब्रह्मलीन संत की गद्दी पर हुये विराजमान
-धनौंदा की बणी में चला विशेष कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। संतों के बगैर यह समाज निर्मल नहीं हो सकता इसलिए समाज में अच्छे संतों का होना अति आवश्यक है। ये विचार परम संत समर्पण आनंद महाराज ने कृष्णानंद महाराज की गद्दी पर शिवानंद महाराज को विराजमान कराने के उपरांत संबोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि कृष्णानंद महाराज इस क्षेत्र के ही नहीं अपितु प्रदेश के महान संत थे जिन्होंने अपने जीवन काल में इतने शुभ कर्म किए जिनकी गिनती भी नहीं हो सकती। उल्लेखनीय है संत कृष्णानंद महाराज पांच माह पहले अपने नाशवान शरीर को छोड़कर ब्रह्मलीन हो गए थे, आज उनकी गद्दी पर शिवानंद महाराज विराजमान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे बड़ा गर्व हो रहा है कि स्वामी कृष्णानंद महाराज के आश्रम को संभालने का मौका क्षेत्र के लोगों ने दिया है। मैं लोगों की सेवा और समाज की सेवा में समर्पित रहूंगा। इस अवसर पर चेतन पुरी महाराज, आचार्य नागेश्वर, आचार्य वेद प्रकाश, स्वामी कैलाश दास महाराज, स्वामी महावीर दास महाराज, डा. रमेश कुमार, गिरदावर उमेद जाखड़, बाबा कृष्णानंद ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल यादव, व्यवस्थापक कैलाश गोयल, वाइस चेयरमैन ठाकुर कर्मवीर सिंह, कोषाध्यक्ष विजय कुमार आर्य, युवा नेता बिजेंद्र ढिल्लो, आनंद सिंघल, ठाकुर वीर सिंह परमार, खेड़ी तलवाना के सरपंच पंकज हिंदू, प्राचार्य विक्रम यादव, नरेंद्र शर्मा ,पवन कुमार, प्रदीप चौहान, घनश्याम सिंह, ठाकुर भारत सिंह, ठाकुर कमल सिंह के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 06: संत शिवानंद महाराज गद्दी पर विराजमान होते हुए।
पड़तल स्कूल के 7 विद्यार्थियों का बुनियाद में चयन
--स्कूल में हैं कुल 70 बच्चे
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कनीना की आवाज। हरियाणा सरकार और विकल्प फाउंडेशन की ओर से चलाई जा रहे मिशन बुनियाद कार्यक्रम में लेवल-एक जिले के विद्यार्थियों का उत्कर्ष प्रदर्शन रहा है। इसी कड़ी में राजकीय माध्यमिक विद्यालय पड़तल के सात विद्यार्थियों का भी चयन हुआ है, जिनमें भावना ,हर्ष ,हर्ष पुत्र पवन कुमार ,जिया , कल्पना , पुष्प लता और रवीना शामिल है। परीक्षा में आठ बच्चे परीक्षा में बैठे थे जिनमें 7 बच्चे पास हुये हैं।
लेवल 1 में चयनित ये विद्यार्थी शीघ्र ही लेवल 2 की परीक्षा में शामिल होंगे। विद्यालय के मुख्य अध्यापक राजकुमार राव ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को सक्षम व प्रशिक्षित करने की नींव रखी जाती है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाना व उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करना है। ग्रामीण अंचल में स्थित स्कूल से सात बच्चों का चयन होने पर गांव में खुशी का माहौल है। अभिभावकों ने मेहनती स्टाफ को इसके लिए बधाई दी है ।
तापमान बढऩे से सरसों की लावणी तीन-चार दिनों में
-अगैती फसल लावणी के लिए खड़ी है तैयार
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में जहां करीब 20,000 हेक्टेयर पर सरसों की फसल खड़ी हुई है और इस समय प्रतिदिन तेज धूप खिलती है जिसके चलते तीन से चार दिनों के बीच लावणी शुरू होने का अंदेशा बन गया है। फसल पीली पड़ गई है और पककर तैयार है। उधर गेहूं की फसल भी धीरे-धीरे पकान की ओर है। किसान लावणी की की तैयारी में जुट गए हैं। किसान सूबे सिंह राजेंद्र सिंह, देवेंद्र, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि क्षेत्र में जहां रेतीली भूमि है, गर्मी अधिक पडऩे से लावणी जल्दी आ गई है। वैसे भी अगैती फसल की लावणी पहले आ जाती है जबकि कुछ खेतों में लावणी अभी आने में कुछ समय लगेगा। गेहूं भी अभी पकान की ओर जा रही है। यह यूं ही तापमान बढ़ा तो गेहूं की फसल पर भी कुप्रभाव पड़ेगा।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी
उधर इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ के वरिष्ठ संयोजक डा. रमेश कुमार का कहना है कि इस समय तापमान अधिक नहीं है किंतु ताप यूं ही बढ़ता चला गया तो गेहूं की फसल पर कुप्रभाव पड़ेगा। गेहूं की फसल के लिए अधिकतम 25- 26 डिग्री ताप चाहिए जो कि दिन का तापमान कुछ अधिक पहुंच जाता है जो गेहूं की फसल के लिए घातक है किंतु अगैती सरसों की फसल रेतीली क्षेत्र में जल्दी लावणी आती है। तापमान का सरसों पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पडऩे वाला। उन्होंने कहा कि सरसों की लावणी महेंद्रगढ़ जिले के सभी गांवों में अभी नहीं आएगी परंतु कुछ अगैती फसलें जरूर लावणी आ गई हैं।
फोटो कैप्शन 5: लावणी के लिए तैयार खड़ी सरसों
राजकीय कन्या स्कूल की बदल कर रख दी है तस्वीर
-रविवार एवं अवकाश को भी उपस्थित रहते हैं मुख्याध्यापक
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कनीना की आवाज। कनीना के पुराने राजकीय कन्या वरिष्ठ कन्या उच्च विद्यालय की तस्वीर वर्तमान मुख्य अध्यापक नरेश कौशिक ने बदल कर रखदी। महज एक लाख रुपये की लागत से दीवारें भी बोलती नजर आती है। हर सुविधा से स्कूल सुसज्जित है। किसी जमाने में यही स्कूल राजकीय हायर सेकेंडरी के नाम से होता था और झोपडिय़ा में विद्यार्थी जहां शिक्षा पाते थे। कनीना के पूर्व पालिका प्रधान सहित न जाने कितनी प्रमुख हस्तियां इस विद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर चुकी है परंतु करीब 10 महीने पहले नरेश कौशिक ने मुख्य अध्यापक बतौर कार्यभार ग्रहण किया था। उन्हें अपने पिता वाली ललक रहती है। उनके पिता स्व. नंदकिशोर शर्मा कभी इसी स्कूल के मुख्य अध्यापक होते थे। आज उनके पुत्र इस विद्यालय के मुख्य अध्यापक हैं जिन्होंने विकास के लिए कमर कस रखी है और अब तक मुख्यमंत्री सौंदर्यीकरण पुरस्कार 50 हजार रुपये भी प्राप्त हो चुका है। साथ में करीब 50000 और लागत से न केवल पूरे विद्यालय को कैमरों से युक्त अपितु मां सरस्वती की प्रतिमा, घास के लान और संपूर्ण स्कूल को कमरों के अंदर नजर रखी जाती है।
जहां गर्मियों में ठंडा पेयजल, बच्चों के खाने के लिए अलग से प्रबंध, भोजन ग्रहण करने के लिए टीन शेड लगाकर उसे सजाकर मनमोहक बना दिया गया है ताकि बच्चे बैठकर आनंदित हो। यह क्षेत्र पहला राजकीय उच्च स्कूल है जो जहां संपूर्ण कमरों में शिक्षण कार्य और विद्यार्थियों की रिपोर्ट मुख्य अध्यापक कक्ष से देखी जा सकती है। विद्यालय की दीवारें रंग पेंट एवं मोटो और तस्वीरों के कारण बोलती हुई नजर आती हैं। जब से नरेश कौशिक ने कार्यभार ग्रहण किया विद्यालय में मां सरस्वती की प्रतिमा नहीं होती थी किंतु उन्होंने प्रतिमा अपने खर्चे पर लगवाई, जहां मंच बनवाए वही सुंदर पार्कों का निर्माण करवा दिया है। सभी दीवारों पर रंग पेंट इतना सुंदर संजीदा है कि तस्वीर भी बातें करती नजर आती है। टीन शेड लगवा कर बैनर और शिक्षाप्रद पोस्टर, बैनर, बोर्ड सहित कक्ष का रूप दिा गया है जो बच्चों के शांतिप्रिया रूप से खाने के लिए बाध्य करता नजर आता है। परंतु आज भी यह उच्च विद्यालय है कभी हायर सेकेंडरी होता था। क्योंकि अभी तक कनीना में एक माडल संस्कृति स्कूल बना दिया गया है जिसमें बच्चों की फीस लगती है, कनीना मंडी कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय है। ऐसे में लड़के शिक्षा पाने के लिए वह भी मुफ्त शिक्षा पाने के लिए कहां जाए? यही कारण है कि अब तो कनीना वासी इस राजकीय कन्या उच्च विद्यालय को सह शिक्षा वाला राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय देखना चाहते हैं। इस संबंध में कार्रवाई भी की गई है। स्कूल जहां मुख्यमंत्री सौंदर्यीकरण प्रतियोगिता में नाम कमा चुका है। वही निस्वार्थ भाव से नरेश कौशिक रविवार और अवकाश के दिन भी विद्यालय में हाजिर रहते हैं और अपने हाथों से न केवल पार्कों का निर्माण करते हैं अपितु पौधों को पानी देना, कमरों को सुसज्जित करना, कमरों की देखरेख करना तथा अन्य प्रकार की सुविधाओं पर नजर जमाये रहते है। यह ऐसा विद्यालय है जहां बच्चों के लिए सुझाव पेटिका भी रखी हुई है, जहां बच्चे किसी प्रकार की शिकायत कर सकते हैं। इस पेटिका से शिकायत मिलने पर उसे पर उचित कार्रवाई की जाती है। जहां दिव्यांगों के लिए अलग से शौचालय है स्वच्छ शौचालयों का निर्माण किया गया है।
नरेश कौशिक ने बताया कि वह चाहे तो अपने कक्ष से सभी कक्षा कक्ष को नियंत्रित कर सकते हैं वहीं बैठे आदेश दे सकते हैं वहीं बैठे कोई प्रकार की संदेश पहुंचा सकते हैं। विगत 10 महीनों में कई अधिकारी आ चुके हैं सभी की के मुख से बस एक ही बात निकलती है, वाह, क्या स्कूल है? उन्हें विश्वास है कि भविष्य में उन्हें जिला स्तरीय पुरस्कार भी जरूर मिलेगा। जहां नरेश कुमार कौशिक बतौर वक्ता के रूप में पूरे प्रदेश में नाम कमा चुके हैं वहीं अंग्रेजी के प्रवक्ता भी रह चुके हैं। ऐसे में स्कूल को बेहतरीन ढंग से चला रहे हैं अभिभावक और विद्यार्थी प्रसन्नचित नजर आते हैं।
फोटो कैप्शन 04: मुख्याध्यापक नरेश कोशिका अवकाश के दिन स्कूल में कमरों का अवलोकन करते हुए।
12वीं के विद्यार्थियों को दी गई विदाई
-27 फरवरी से होंगी परीक्षाएं
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह में विद्यार्थियों द्वारा 12वीं के विद्यार्थियों की विदाई पार्टी का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य मनजीत कुमार ने की । कार्यक्रम का संचालन चेतन शर्मा के मार्गदर्शन में कक्षा 11वीं की सुनीता, आरूषि, हिमांशु तथा दिनेश द्वारा किया गया। उन्होंने फनी टास्क एवं सीनियर्स को टाइटल्स दे कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।
छात्रा मनीषा एवं सुखी ने अपने गुरुजनों को टाइटल्स देकर कार्यक्रम को खुशनुमा बनाया । इस दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुतियां दी गई । छात्रा सुनीता ने हरियाणवी नृत्य, पुष्पा द्वारा राजस्थानी लोक नृत्य, तमन्ना और कंचन ने प्रस्तुत किया। नचिता ने एक प्रेरक कविता प्रस्तुत की। पिंकेश, आरुषि, सुनीता तथा नचिता ने विदाई गीत प्रस्तुत कर सभी को भाव-विभोर कर दिया।कक्षा बारहवीं के छात्र दिनेश ने विदाई पार्टी देने के लिए आभार प्रकट किया। प्रवक्ता अनिल शर्मा ने विद्यार्थियों को कालेज स्तर पर प्रबंधक एवं वाणिज्य क्षेत्र की संभावनाओं के बारे में बताया। प्राचार्य मनजीत कुमार ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें अच्छे अंक लेने के लिए प्रेरित किया। प्रवक्ता रेणु यादव, राजेश यादव एवं भीम सिंह ने अपने विचार रखे। राजसिंह प्रवक्ता गणित ने कैरियर काउंसलिंग की जानकारी दी। अवसर पर विद्यालय के समस्त शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03. सुंदर स्कूल में विद्यार्थियों को विदाई देते हुए स्टाफ एवं विद्यार्थी।
कट का काम राज्य सरकार और केंद्र सरकार के भरोसे पर किसान
- 349वें दिन जारी रहा धरना
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना जारी है। धरने की अध्यक्षता पूर्व सरपंच हंस कुमार सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच चढऩे और उतरने के मार्ग का काम राज्य सरकार और केंद्र सरकार के भरोसे पर है, कट की घोषणा की हुई है लेकिन अधिकारिक तौर पर धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है। केंद्र सरकार किसानों की पीड़ा को समझे और जितना जल्दी हो सके राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू किया जाए जिससे किसान चैन की सांस ले सके।
धरना संघर्ष समिति के संयोजक पहलवान रणधीर सिंह बाघोत ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू न होने के कारण किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है। केंद्र सरकार के प्रति नाराज हैं। केंद्र सरकार को हम बताना चाहते हैं कि सरकार हमारे संयम की परीक्षा न ले, यदि केंद्र सरकार फरवरी के अंत तक कट का काम शुरू नहीं करती है, तब 1 मार्च 2024 से केंद्र सरकार के विरोध में किसानों का आंदोलन शुरू हो जाएगा।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट के लिए प्रतिज्ञा ले रखी है, जब तक केंद्र सरकार कट का काम शुरू नहीं करती है, हम धरना स्थल पर ही डटे रहेंगे। इस क्षेत्र का विकास कट बनने के बाद ही संभव है।
इस मौके पर नरेंद्र कुमार शास्त्री, मास्टर विजयपाल,डॉ लक्ष्मण सिंह, दाताराम, सूबेदार हेमराज अत्रि, धर्मपाल, पूर्व सरपंच सतबीर सिंह, मास्टर विजय सिंह, अशोक चौहान, प्रधान कृष्ण कुमार, राजू, वेद प्रकाश, ओम प्रकाश , कृष्ण कुमार पंच,सूबे सिंह पंच, इंस्पेक्टर सत्यनारायण, रामकिशन, सीताराम, करतार, मनफूल, सब इंस्पेक्टर रामकुमार , डॉ राम भक्त, रोशन लाल आर्य व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान।
कैसे करें परीक्षा की तैयारी
-जी लगाकर मेहनत से पा सकते हैं सफलता-विनोद गोठवाल
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कनीना की आवाज। हरियाणा विद्यालयों में परीक्षाएं 27 फरवरी से शुरू हो रही हैं। विद्यार्थी जी जान से मेहनत में लगे हुए हैं। उनकी तैयारी कैसी हो ताकि वे बेहतर अंक प्राप्त कर सके। इस संबंध में शिक्षाविद विनोद गोठवाल से बात की गई-
विनोद गोठवाल का कहना है किपरीक्षा का नाम सुनते ही विद्यार्थी के मन में एक भय सा आ जाता है। यही भय मन को एकाग्र नहीं होने देता। जो छात्र कक्षा में पढ़ाये गये टापिक का निरन्तर अभ्यास करते हैं उनके लिए समस्या खुद ही कम हो जाती है।
सभी छात्रों पर परीक्षा में उच्च स्थान और अच्छे अंक लाने का दबाव होता है छात्रों को चिंताओं , तनावों व घबराहट को दूर कर परीक्षा की तैयारी में जुट जाना चाहिए। परीक्षा के लिए सदैव ही तत्परता की भावना रखनी चाहिए क्योंकि परीक्षा अब एक निरन्तर प्रकिया बन चुकी है । तैयारी पाठ्यक्रम के अनुरूप की जानी चाहिए । टाइम - टेबल बनाकर की गई तैयारी ज्यादा कारगर साबित होती है । अभ्यास से सब कुछ हासिल कर सकते हैं। समय के अनुसार नींद वांछित है। ब्रेक के साथ - साथ सकारात्मक सोच नितांत आवश्यक है । सुबह सवेरा पढ़ाई के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है । खाने - पीने का अवश्य ख्याल रखें । ताजा दिमाग के साथ की गई पढ़ाई स्थायी मानी जाती है । पढ़ाई के लिए वांछित पुस्तकें व नोट्स साथ रखें । आपकी लग्न , मेहनत और आत्मविश्वास ही सफलता के मूलमंत्र हैं । स्मृति के आधार पर लिखने का अभ्यास करें । ऐसा करने से लिखने का अभ्यास हो जाएगा तथा पढ़ा हुआ अच्छी तरह याद हो जाएगा । यह भी सुनिश्चित हो जाएगा कि प्रश्न का उत्तर कितने समय में दिया जा सकता है। पिछले सालों के प्रश्न -पत्र हल करने से पैटर्न का पता तो चलता ही है साथ में आत्मविश्वास भी जाग्रत होता है ।
उन्होंने बताया कि समय समय पर अपने विभिन्न कार्य करने चाहिए। लगातार पढ़ाई के के बीच में कुछ समय आराम भी जरूरी है। अपने दिमाग को फिर से ताजा करने के लिए कुछ आराम की भी जरूरत होती है। उचित खाना जरूरी है तथा सोना भी जरूरी होता है। लगातार पढ़ते रहने से इंसान ऊब जाता है। बीच बीच में आराम भी जरूरी होता है।
फोटो कैप्शन: विनोद गोठवाल शिक्षाविद
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