Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, February 12, 2024


 

धनौंदा स्कूल के विद्यार्थियों ने की सहारनवास कालेज की फील्ड विजिटकी
--कंप्यूटर सं संबंधित प्रोग्रामिंग का लिया ज्ञान
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में एनएसक्यूएफ स्कीम के बच्चों की फील्ड विजिट एमआरके कालेज सहारनवास में करवाई गई। इसमें आइटी से संबंधित पाइथन प्रोग्रामिंग, एमएस आफिस और बहुत सी चीज को सीखने  मिली तथा आइटी का भविष्य में क्या-क्या स्कोप हो सकता है, के बारे में ज्ञानवृद्धि की। सभी जानकारी शिक्षक प्रदीप कुमार एवं सूबे सिंह ने विस्तार से समझाई। इस दौरान सपना जैन डीन, एमआरके कालेज ने बच्चों का मार्गदर्शन किया। प्रदीप कुमार, वोकेशनल टीचर, सीमा कुमार, वोकेशनल टीचर, सुनील कुमार डीपीई, प्रीति डीपीई, मैना यादव पीजीटी, तथा सूबे सिंह कंप्यूटर टीचर उपस्थित रहे। बच्चों को फील्ड विजिट में बहुत ही अच्छा अनुभव प्राप्त हुआ।
फोटो कैप्शन 09: कालेज की फील्ड विजिट का नजारा।






 15 फरवरी से बदला स्कूलों का समय
-अब स्कूल लगेंगे प्रात: 8 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक
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कनीना की आवाज।   शिक्षा विभाग हरियाणा ने वार्षिक परीक्षाओं के सुचारू रूप से संचालन के मद्देनजर 15 फरवरी से सरकारी स्कूलों का समय बदल दिया है। अब स्कूल प्रात: 8 बजे से दोपहर बाद 2:30 बजे तक लगेंगे। भेजे गए पत्र में कहा गया है कि एकल शिफ्ट वाले विद्यालयों में प्रात: 8 बजे स्कूल का समय होगा जबकि दो शिफ्ट वाले स्कूलों में पहली शिफ्ट प्रात: 7 बजे शुरू होगी तथा दूसरी शिफ्ट 12:45 से शुरू होगी।









13 फरवरी विश्व रेडियो दिवस .
मनोरंजन का बेहतरीन साधन है रेडियो
-.मोदी की मन की बात ने रेडियो के प्रति बढ़ाया क्रेज
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कनीना की आवाज।  सत्तर के दशक में  रेडियो का बहुत अधिक प्रचलन होता था किंतु नब्बे के दशक के बाद रेडियो की मांग घटी है। मोबाइल एवं टीवी क्रांति ने रेडियों की मांग धूमिल कर दी। किंतु जब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कही तब तब रेडियो को की मांग बढ़ी है तथा स्कूलों में रेडियो की गूंज सुनाई दी। गांवों में तो अब भी एक या दो रेडियो मिल जाते हैं किंतु खेतों में रहने वाले किसानों के लिए रेडियो आज भी मनोरंजन का बेहतरीन साधन है। 2011 में यूनेस्को ने 13 फरवरी को रेडियो दिवस घोषित किया था। विगत वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात ने रेडियो का क्रेज बढ़ाया है। गांवों में एक या दो रेडियो ही मिल पाते हैं।
 ***हम आज भी रेडियो को अपने बहुत करीब रखते हैं और किसानों की किसानों संबंधित जानकारी रेडियो से ही प्राप्त करते हैं। हमारी सबसे अहम चीज रेडियो है और रेडियो के बिना भी एक पल भी दूर नहीं हो सकते हैं। संगीत में कम रुचि रखते हैं लेकिन किसानों संबंधित, कृषि संबंधित जानकारी में विशेष रुचि रखते हैं। रेडियों से हल्का फुलका मनोरंजन हो जाता है। साथ में कृषि की जानकारी अधिक मिलती है। किसान राजेंद्र सिंह का कहना है कि खेतों में बच्चों को रेडियो सुनाकर उन्हें प्रसन्न रखा जाता है।
---राजेंद्र सिंह एवं सूबे सिंह किसान
 मैं अपने ट्यूबवेल पर रहता हूं और रेडयो से पुराना लगाव है। समाचार एवं कृषि से लगाव होने के कारण रेडियो पास में रखना मजबूरी बन गई है।  रेडियो से ही उन्हें अहम जानकारियां मिलती हैं । कृषि संबंधित जानकारी रेडियो पर समय-समय पर प्रसारित होती है जिनका वे लाभ उठा रहे हैं।
--बनवारीलाल पूर्व प्राध्यापक
























 30 वर्षों से रेडियो बेचने का काम करता आ रहा हूं किंतु 25 वर्ष पहले प्रतिदिन 50 से 60 रेडियो बिक जाते थे किंतु अब दिन में अधिकतम दो बिक पाते हैं। अकेले रेडियो से रोटी रोजी कमान कठिन है। अब वह जमाना बीत गया है जब रेडियो की मांग थी। अब तो लोग मोबाइल अधिक पसंद करते हैं।
  ---रवि कुमार दुकानदार
 कभी प्रतिदिन 10 से 15 रेडियों ठीक करने का काम मिलता था किंतु अब तो दो तीन दिनों में एक दिन में एक आ पाता है।  टीवी एवं मोबाइल क्रांति के चलते रेडियो की मांग घटी है और उनकी रोटी रोजी मोबाइल ने छीन ली है। कभी रेडियो ठीक एवं नए रेडियो बेचने का कार्य करते थे किंतु अब यह काम सिमटता जा रहा है।
--रेडियो मैकेनिक्स सुरेश कुमार
फोटो कैप्शन 03: कनीना का किसान अपने बच्चों को संगीत सुनाते हुये।
साथ में रवि कुमार एवं सुरेश कुमार , बनवारीलाल, राजेंद्र सिंह






कामर्स ओलम्पियाड परीक्षा 29 ने पाई सफलता
-एसडी स्कूल संचालकों ने दी बधाई
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कनीना की आवाज।  इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज आफ  इंडिया द्वारा आयोजित कामर्स ओलम्पियाड में 29 विद्यार्थियों ने परीक्षा में सफलता प्राप्त कर पूरे क्षेत्र को गौरवान्वित किया हैै। विद्यालय प्राचार्य द्वारा सभी सफल रहे विद्यार्थियों को बधाई देते हुए बताया कि कामर्स संकाय के 11वीं एवं 12 वीं कक्षा के विद्यार्थी इस प्रतियोगी परीक्षा में भाग ले कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकते है। यह परीक्षा दो चरणों में आयोजित होती है जिसके प्रथम चरण में 29 विद्यार्थी सफल रहे है। परीक्षा का आयोजन 14 दिसम्बर 2023 को किया गया जिसमें कामर्स संकाय संबधित विषयों पर परीक्षा आयोजित की जाती है। परीक्षा में 11वीं कक्षा से रुचिका यादव, टीना खान, नेहाए सोनम, पायल यादव, हर्ष कुमार शर्मा, हिमाशु शर्मा, हर्ष, योगेश, मोहित, कार्तिक, नवीन कुमार, सौरव एवं 12वीं कक्षा से सौरव, वंश, धीरज, अल्का यादव, खुशी गुप्ता, खुशी, रचित, दिपेन्द्र, हिमेश, रिया, तनुज यादव, नीतिन कुमार,मुस्कान, राहुल, पियूष सिगला व प्राची ने सफलता प्राप्त की है। विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने सफल रहे विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों सहित सम्पूर्ण विद्यालय परिवार को बधाई दी व बताया कि भारतीय कंपनी सचिव संस्थान द्वारा आयोजित इस परीक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों का कराधान, व्यवसाय प्रशासन, बैंकिग बीमा  एवं वित्तीय प्रबंधन जैसे नए युग के विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बेहतर सीखने का परिणाम सुनिश्चित करना है इस अवसर पर वाणिज्य संकाय फैकल्टी अनिता व सम्पूर्ण विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।  
फोटो कैप्शन 4: चयनित विद्यार्थी।


    






 फिर बदला मौसम आसमान में छाए बादल, ठंड बढ़ी
-ठंड फसल के लिए लाभप्रद
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कनीना की आवाज।  क्षेत्र में एक बार फिर से मौसम ने करवट बदल ली है। ठंड बढ़ गई है, आकाश में काले बादल छा गए हैं तथा मौसम में अचानक बदलाव आ गया है। जहां बीते दो दिनों से तेज धूप खिली थी तत्पश्चात ये बादल देखने को मिले हैं। किसानों को अंदेशा है कि बूंदाबांदी होगी।
 फिलहाल खेतों में जहां सरसों की फसल पकी खड़ी है वहीं गेहूं की फसल अभी पकान की ओर जा रही है। किसान सुरेंद्र सिंह, दिनेश कुमार, महेश कुमार, सूबे सिंह, अजीत कुमार आदि ने बताया कि इस समय अगर बूंदाबांदी होती है तो गेहूं की फसल के लिए लाभप्रद साबित होगी परंतु सरसों की फसल में कोई लाभ नहीं होगा। किंतु ठंड का बने रहना फसल के लिए लाभप्रद है। उनका कहना है कि अचानक गर्मी पड़ेगी तो फसलों को नुकसान होगा किंतु धीरे-धीरे गर्मी आएगी तो फसलों को लाभ होगा। ऐसे में किसान टकटकी लगाकर कभी फसलों को कभी आसमान की ओर देख रहे हैं। आने वाले समय में ही पता लग पाएगा की फसल कैसी हो पाती है।
 फोटो कैप्शन 08: क्षेत्र में छाए काले बादल





राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल प्रवेश परीक्षा में यूरो स्कूल ने लहराया परचम
--यूरों के दो विद्यार्थियों का हुआ चयन
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कनीना की आवाज।  यूरो स्कूल कनीना ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल प्रवेश परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कक्षा छठी में प्रवेश हेतु 2 छात्रों ने चयनित होकर स्कूल का नाम रोशन किया है। चयनित होने वाले छात्र युवराज खेड़ी निवासी व संस्कार खेड़ी निवासी ने न केवल अपने स्कूल अपितु अपने इलाके का भी नाम रोशन कर सम्मान बढ़ाया है। इस अवसर पर चेयरमैन सत्यवीर यादव, निर्देशक नितिन यादव व स्वाती यादव, प्राचार्य सुनील यादव व उप प्राचार्या मंजू यादव ने क्वालिफाई हुए इन विद्यार्थियों को व उनको मार्गदर्शित करने वाले सभी अध्यापक वर्ग को हार्दिक बधाई दी । उन्होंने कहा कि यूरो स्कूल बच्चों की प्रतिभा को निखारने का क्षेत्र का एक मात्र ऐसा संस्थान है, जहां पर हर बार सैनिक व मिलिट्री स्कूल में बच्चों का प्रवेश होता है। प्राचार्य सुनील यादव ने सभी को बधाई देते हुए अध्यापकों की मेहनत को सैल्यूट किया तथा उनकी मेहनत की सराहना की। साथ ही उन्होंने बताया कि यह एक अतुलनीय परिणाम है । हमारा उद्देश्य बच्चों की प्रतिभाओं को निखार कर ग्लोबल लीडर बनाना है। अंत में प्राचार्य ने  सभी अभिभावकों, बच्चों एवं अध्यापकों को बधाई दी। इस शुभावसर पर को-र्डिनेटर संजू यादव, तन्नु गुप्ता, बिरेन्द्र सिंह, सुमन यादव, दयाल सिंह, सुखीराम, मोनिका, रीता, स्नेहलता को इनकी कड़ी मेहनत व बेहतरीन परिणाम पर हार्दिक बधाई दी ।
फोटो कैप्शन 07: मिलिट्री स्कूल में चयनित विद्यार्थी।





रक्तदान शिविर में 110 यूनिट रक्त एकत्रित
रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं, यह सबसे बड़ा पुण्य का काय
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कनीना की आवाज।  सोमवार को संत शिरोमणि लाल गिरी महाराज समिति के माध्यम से बाबा लाल गिरी सती माई आश्रम में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि दीपक चौधरी बार एसोसिएशन पूर्व प्रधान व कर्ण सिंह रहे। रक्तदान शिविर में 110 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। मुख्य अतिथि दीपक चौधरी ने कहा कि हम सभी को जीवन में रक्तदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि रक्तदान महादान है। रक्तदान के लिए सभी को बढ़-चढ़ कर आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर की जनसंख्या का एक प्रतिशत यूनिट ब्लड बैंक में हमेशा उपलब्ध होना चाहिए जिससे गंभीर बीमारी या आपात स्वास्थ्य स्थिति के समय रक्त की कमी पूरी की जा सके। रक्त की कमी वालों के लिए जरूरत की पूर्ति जीवनदान जैसी है। उन्होंने रक्तदान को जीवन दान बताते हुए कहा कि हर व्यक्ति को एक दूसरे के सहयोग के लिए तत्पर रहने की जरूरत है। रक्तदान करने वाले दूसरे को जिंदगी देने जैसा पुण्य काम करते हैं। उन्होंने कहा कि रक्तदान के प्रति आस-पास के लोगों को भी जागरूक करने की जरूरत है। वहीं विशिष्ट अतिथि दीपक चौधरी पूर्व प्रधान बार एसोसिएशन कनीना ने रक्तदान के प्रति लोगों की भ्रांतियों को दूर करते हुए कहा कि हमारे शरीर में प्रत्येक चार महीने में नए ब्लड का निर्माण होता है। ऐसे में लोग ये न सोचें कि रक्तदान से शरीर में कोई कमी आ जाती है। उन्होंने कहा कि रक्त की एक-एक बूंद की कीमत होती है। इसका अहसास हमें तब होता है जब आपात स्थिति में इसकी आवश्यकता होती है। हमें जब भी मौके मिले तो रक्तदान अवश्य करना चाहिए, क्योंकि रक्तदान से जरूरत पडऩे पर हम किसी दूसरे की जिंदगी को बचा सकते है। आयोजकों की ओर से मुख्य अतिथि विशिष्ट तिथि व रक्तदाताओं को भेज लगाकर सम्मानित किया गया। संस्था के प्रधान कैलाश चंद भारद्वाज ने बताया कि संत शिरोमणि लाल गिरी महाराज समिति के द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्य करवाए जाते हैं यह दूसरा रक्तदान शिविर है। इस दौरान पंकज यादव उप प्रधान, सुनील कुमार ठेकेदार, नितेश गुप्ता, महेंद्र सिंह, प्रदीप कुमार, प्रीतम, महेश बोहरा, सतीश सेहलंगिया, नीति यादव सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 02: रक्तदान करते हुए रक्त वीर






कट के लिए हर हर महादेव के जयकारे के साथ,337वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर हैं किसान
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कनीना की आवाज।  राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना जारी है। धरने की अध्यक्षता राजू उर्फ राजेश कुमार बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि बाघोत में आने जाने वाले भक्तों को परेशानी उठानी पड़ रही है। दूर दराज से भक्त आते हैं किंतु बाघोत के पास 152 डी पर कट न होने से धन एवं समय बर्बाद होता है। ऐसे में भक्तों ने मांग की है कि कट का निर्माण किया जाए। उधर धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 337 दिन हो गए हैं। धरना स्थल पर बैठे बुजुर्ग किसानों को  कट का जुनून चढ़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच  कट बनना चाहिए, उसके लिए हम हर परेशानी का सामना करने के लिए तैयार हैं। जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच  कट का काम शुरू नहीं होता है तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।इस मौके पर पहलवान रणधीर सिंह  नरेंद्र कुमार शास्त्री, डॉ लक्ष्मण सिंह, बाबूलाल, रामकिशन, पूर्व सरपंच हंस कुमार, वेद प्रकाश,  शेर सिंह, रामकिशन, दाताराम, चेयरमैन सतपाल, प्रधान कृष्ण कुमार,अशोक चौहान, रामकुमार, सीताराम, करतार,डॉ लक्ष्मण सिंह,  मास्टर विजय सिंह, , पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह,  बाबूलाल, पहलवान धर्मपाल, सब इंस्पेक्टर रामकुमार, प्यारेलाल, सुरेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार पंच, इंस्पेक्टर सतनारायण,  वेद प्रकाश, ओमप्रकाश, डा राम भक्त,  रोशन लाल आर्य व गणमान्य लोग मौजूद थे।

फोटो कैप्शन 05: धरने पर बैठे किसान। 

 

 

 

 

13 फरवरी विश्व रेडियो दिवस

 .मनोरंजन का बेहतरीन साधन है रेडियो

-.मोदी की मन की बात ने रेडियो के प्रति बढ़ाया क्रेज 

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कनीना की आवाज।
सत्तर के दशक में  रेडियो का बहुत अधिक प्रचलन होता था किंतु नब्बे के दशक के बाद रेडियो की मांग घटी है। मोबाइल एवं टीवी क्रांति ने रेडियों की मांग धूमिल कर दी। किंतु जब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कही तब तब रेडियो को की मांग बढ़ी है तथा स्कूलों में रेडियो की गूंज सुनाई दी। गांवों में तो अब भी एक या दो रेडियो मिल जाते हैं किंतु खेतों में रहने वाले किसानों के लिए रेडियो आज भी मनोरंजन का बेहतरीन साधन है। 2011 में यूनेस्को ने 13 फरवरी को रेडियो दिवस घोषित किया था। विगत वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात ने रेडियो का क्रेज बढ़ाया है। गांवों में एक या दो रेडियो ही मिल पाते हैं। 

***हम आज भी रेडियो को अपने बहुत करीब रखते हैं और किसानों की किसानों संबंधित जानकारी रेडियो से ही प्राप्त करते हैं। हमारी सबसे अहम चीज रेडियो है और रेडियो के बिना भी एक पल भी दूर नहीं हो सकते हैं। संगीत में कम रुचि रखते हैं लेकिन किसानों संबंधित, कृषि संबंधित जानकारी में विशेष रुचि रखते हैं। रेडियों से हल्का फुलका मनोरंजन हो जाता है। साथ में कृषि की जानकारी अधिक मिलती है। किसान राजेंद्र सिंह का कहना है कि खेतों में बच्चों को रेडियो सुनाकर उन्हें प्रसन्न रखा जाता है।

---राजेंद्र सिंह एवं सूबे सिंह किसान 

 मैं अपने ट्यूबवेल पर रहता हूं और रेडयो से पुराना लगाव है। समाचार एवं कृषि से लगाव होने के कारण रेडियो पास में रखना मजबूरी बन गई है।  रेडियो से ही उन्हें अहम जानकारियां मिलती हैं । कृषि संबंधित जानकारी रेडियो पर समय-समय पर प्रसारित होती है जिनका वे लाभ उठा रहे हैं। 

--बनवारीलाल पूर्व प्राध्यापक वे 30 वर्षों से रेडियो बेचने का काम करता आ रहा हूं किंतु 25 वर्ष पहले प्रतिदिन 50 से 60 रेडियो बिक जाते थे किंतु अब दिन में अधिकतम दो बिक पाते हैं। अकेले रेडियो से रोटी रोजी कमान कठिन है। अब वह जमाना बीत गया है जब रेडियो की मांग थी। अब तो लोग मोबाइल अधिक पसंद करते हैं।   ---रवि कुमार दुकानदार कभी प्रतिदिन 10 से 15 रेडियों ठीक करने का काम मिलता था किंतु अब तो दो तीन दिनों में एक दिन में एक आ पाता है।  टीवी एवं मोबाइल क्रांति के चलते रेडियो की मांग घटी है और उनकी रोटी रोजी मोबाइल ने छीन ली है। कभी रेडियो ठीक एवं नए रेडियो बेचने का कार्य करते थे किंतु अब यह काम सिमटता जा रहा है। --रेडियो मैकेनिक्स सुरेश कुमार फोटो कैप्शन 03: कनीना का किसान अपने बच्चों को संगीत सुनाते हुये।
साथ में रवि कुमार एवं सुरेश कुमार , बनवारीलाल, राजेंद्र सिंह





कामर्स ओलंपियाड परीक्षा 29 ने पाई सफलता
--एसडी स्कूल के विद्यार्थी
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कनीना की आवाज।  इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज आफ  इंडिया द्वारा आयोजित कामर्स ओल िपयाड में 29 विद्यार्थियों ने परीक्षा में सफलता प्राप्त कर पूरे क्षेत्र को गौरवान्वित किया हैै। विद्यालय प्राचार्य द्वारा सभी सफल रहे विद्यार्थियों को बधाई देते हुए बताया कि कामर्स संकाय के 11वीं एवं 12 वीं कक्षा के विद्यार्थी इस प्रतियोगी परीक्षा में भाग ले कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकते है। यह परीक्षा दो चरणों में आयोजित होती है जिसके प्रथम चरण में 29 विद्यार्थी सफल रहे है। परीक्षा का आयोजन 14 दिस बर 2023 को किया गया जिसमें कामर्स संकाय संबधित विषयों पर परीक्षा आयोजित की जाती है। परीक्षा में 11वीं कक्षा से रुचिका यादव, टीना खान, नेहाए सोनम, पायल यादव, हर्ष कुमार शर्मा, हिमाशु शर्मा, हर्ष, योगेश, मोहित, कार्तिक, नवीन कुमार, सौरव एवं 12वीं कक्षा से सौरव, वंश, धीरज, अल्का यादव, खुशी गुप्ता, खुशी, रचित, दिपेन्द्र, हिमेश, रिया, तनुज यादव, नीतिन कुमार,मुस्कान, राहुल, पियूष सिगला व प्राची ने सफलता प्राप्त की है। विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने सफल रहे विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों सहित स पूर्ण विद्यालय परिवार को बधाई दी व बताया कि भारतीय कंपनी सचिव संस्थान द्वारा आयोजित इस परीक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों का कराधान, व्यवसाय प्रशासन, बैंकिग बीमा  एवं वित्तीय प्रबंधन जैसे नए युग के विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बेहतर सीखने का परिणाम सुनिश्चित करना है इस अवसर पर वाणिज्य संकाय फैकल्टी अनिता व स पूर्ण विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।  फोटो कैप्शन 3: चयनित विद्यार्थी।






परीक्षा की कैसे करें तैयारी
-विभिन्न शिक्षाविदों के विचार, मेहनत का मिलता है फल
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कनीना की आवाज।  एक और जहां 10वीं और 12वीं के परीक्षा सिर पर है वही विद्यार्थी दिन-रात परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। परीक्षा की तैयारी कैसे करें इस संबंध में विभिन्न शिक्षाविदों से चर्चा की गई।
मुख्याध्यापक महीपाल सिंह बाघोत का कहना है कि परीक्षा से घबराने की जरूरत नहीं। सामान्य रूप में परीक्षा को ले, कक्षा में अध्यापक के सामने जिस प्रकार से प्रश्न का उत्तर दिया जा रहा है वैसी परीक्षा में हल करें। परीक्षा के समय विद्यार्थी को पूर्ण आत्मविश्वास के साथ तैयारी करनी चाहिए। जिस भी विषय की परीक्षा देनी है उसकी तैयारी के लिए मुख्य बिंदुओं को अलग से नोट बुक में उतारे, अलग से समय देकर दोहराये,ध्यान रहे उन्हें रटे नहीं। शिक्षा की तिथि की पूर्व संध्या को विद्यार्थी अधिक थकान एवं दिमाग पर परीक्षा का भूत सवार न होने दे। पूरी नींद ले, प्रसन्न चित्त होकर परीक्षा की तैयारी के लिए हर विषय के प्रत्येक टॉपिक का ध्यान लगाकर स्मरण करें तथा पूर्ण आत्मविश्वास के साथ परीक्षा दे।
निर्मल शास्त्री नांगल हरनाथ का कहना है कि बिना दबाव के पढ़ाई की जाती है तो परिणाम बेहतर होते हैं, स्वास्थ्य अच्छा रहता है। छात्र हर दिन को योजना बनाकर पढ़ाई करें जिनकी बेहतर तरीके से दोहराई होती है। थ्योरी के पेपर के लिए लिखकर देखे तो स्मृति टिकाऊ रहती है। परीक्षा के समय सही उत्तर देने में सक्षम बनाता है। गणित, भौतिक शास्त्र एवं रसायन शास्त्र में अभ्यास अधिक से अधिक करें। दिनभर में कितना पढ़े यह विद्यार्थियों की अपनी क्षमता के अनुसार तय होता है। 7 घंटे की नींद लेकर एक घंटे व्यायाम या रुचि अनुसार खेल खेलना चाहिए। हर दिन को प्लान करना और उसे पूरा करना पढ़ाई में चार चांद लगा देता है। इन दिनों में अपने को स्वस्थ रखना जरूरी है ताकि समय पर सभी कार्य पूर्ण कर सकें। पढ़ाई को तनावमुक्त का आनंदमय बनाए। हर दिन की योजना बनाये और उसे पूर्ण करें।
राजेश कुमार उन्हाणी का कहना है कि परीक्षा विद्यार्थियों के साथ-साथ अध्यापकों एवं पूरी शिक्षा पद्धति की भी होती है क्योंकि परीक्षा का स्वरूप का निर्धारण संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था से जुड़े हुए सभी संस्थाओं के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कार्यशैली का भी मूल्यांकन होता है। आमतौर पर भारत में परीक्षा की तैयारी एक निरंतरता में नहीं होती है जबकि  यह एक सतत प्रक्रिया के रूप में अपनाई जानी चाहिए। किसी भी  शैक्षणिक सत्र के प्रारंभ से ही मूल्यांकन की छोटी-छोटी विधाओं के द्वारा विद्यार्थियों ,अध्यापकों, अभिभावकों एवं संस्थाओं को इसके अभिन्न हिस्से के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। अध्ययन के पश्चात उनको अपनी भाषा में संक्षिप्त नोट तैयार करके उनको रिवाइज भी करना चाहिए। शाम को भरपेट खाना खाने की बजाय थोड़ा सा कम खावें ताकि तैयारी करते वक्त नींद परेशान न करे, परन्तु इसका यह मतलब कदापि नहीं कि पौष्टिक आहार में कोई कसर रहे। सुबह जल्दी उठकर जो भी पढ़ेंगे वह हमारे मानस पटल पर अंकित हो जाता है।
फोटो कैप्शन: मुख्याध्यापक महीपाल सिंह, राजेश उन्हाणी, निर्मल शास्त्री







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