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Saturday, February 10, 2024
सुन्दरह में दो दिवसीय तृतीय फील्ड एक्सपो का समापन
-अटेली के विधायक सीताराम यादव ने प्रगतिशील किसानों को किया सम्मानित
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कनीना की आवाज। शनिवार को एकीकृत बागवानी विकास केन्द्र सुन्दरह में दो दिवसीय तृतीय फील्ड एक्सपो के समापन हुआ। इस दौरान मुख्य अतिथि विधायक सीताराम यादव रहे व विशिष्ट अतिथि के तौर पर एडीएच डा.धर्म सिंह यादव मौजूद रहे।
विधायक सीताराम यादव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए बीज से लेकर बाजार तक ख्याल कर रही है। फसल विविधीकरण के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। आने वाला समय बागवानी का है। एकीकृत बागवानी विकास केन्द्र सुन्दरह दक्षिणी हरियाणा के किसानों को उन्नत खेती करने में सहायक सिद्ध हो रहा है। किसान यहां से पौध ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बागवानी किसानों के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को बढ़ाने और किसानों को खेती को जोखिम मुक्त खेती करना है। इस योजना के तहत किसानों की फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां पर मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। मधुमक्खी पालन के साथ कृषि और गैर-कृषि परिवारों के लिए आय और रोजगार सृजन के लिए कारगर सिद्ध होगा।
इस मेले में किसानों को प्रदेश एवं जिले के कृषि एवं बागवानी विषषज्ञों द्वारा जानकारी प्रदान की गई एवं निजी कंपनी व विभिन्न विभाग एवं एफपीओ द्वारा स्टाल लगाकर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसमें किसानों को बागवानी की नई तकनीकों, सब्जी की नई किस्मों की जैविक खाद, घुलनशील उर्वरक के बारे में जानकारी प्रदान की गई। फील्ड एक्सपो में इस दौरान मुख्य अतिथि ने किसानों को केन्द्र के माध्यम से बागवानी की ज्यादा से ज्यादा खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस कार्यक्रम में सीनियर को-आर्डिनेटर केवीके महेंद्रगढ़ रमेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी डा प्रेम कुमार, एकीकृत बागवानी विकास केन्द्र सुन्दरह से परियोजना अधिकारी डा. नेहा यादव, जिला उद्यान अधिकारी डा मनदीप यादव ने किसानों को सम्बोधित किया।
फोटो कैप्शन 07: किसानों को सम्मानित करते हुए विधायक
08: उपस्थित अधिकारीगण
बजट से उम्मीद
कनीना क्षेत्र में खोला जाए बेहतर दर्जे का स्टेडियम
-ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोच लगाए जाए
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र के सैकड़ों खिलाड़ी राज्य, रााष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित कर रहे हैं। अकेले कनीना उप मंडल के बाघोत गांव में एक सौ के करीब पहलवान है जो अपना नाम कमा रहे हैं। कनीना में छितरोली तथा आसपास गांवों के अनेकों खिलाड़ी हुए हैं तथा सैकड़ों खिलाड़ी उनके पद चिन्हों पर चल कर आगे बढऩे का प्रयास कर रहे हैं किंतु उनके लिए समुचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। कनीना उपमंडल होते हुए भी यहां बेहतर दर्जे का कोई स्टेडियम नहीं है। यही नहीं कनीना के बाघोत में बेहतर अखाड़ा स्थापित कर कोच भी लगाए जाने की मांग इस बजट में की गई है। क्या कहते पहलवान और खिलाड़ी-
** खिलाडिय़ों को वो सुविधाएं मिले ताकि वे देश विदेश में अपना नाम रोशन कर सकें। युवा खिलाडिय़ों के लिए स्टेडियम का अभाव है।स्टेडियम बनाकर प्रतिभाओं में निखार लाना चाहिए।
शर्मिला धनखड़ अंतरराष्ट्रीय पैरा खिलाड़ी
ग्रामीण क्षेत्रों में भी यदि अच्छे स्टेडियम स्थापित होंगे तो ग्रामीण क्षेत्रों से होनहार खिलाड़ी आगे आएंगे और नाम कमाएंगे। कनीना उपमंडल होते हुए भी स्टेडियम का अभाव है।
-जसमेर कोच खेड़ी तलवाना
बाघोत जैसे छोटे से गांव में ही जब सैकड़ों पहलवान पैदा हुए हैं और नाम कमा रहे हैं तो क्यों न दूसरे क्षेत्रों में भी अधिक सुविधाएं उपलब्ध हो ताकि नये खिलाड़ी उभर कर आएंगे। उन्होंने अच्छे कोच क्षेत्रवासियों को देने की मांग उठाई है। सत्यवीर रेलवे अवार्डी का कहना है कि जब संसाधन नहीं होंगे तो खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। संसाधनों की कमी झलक रही है और ये संसाधन सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जाने चाहिए ताकि हर क्षेत्र में खिलाड़ी नाम कमाए।
-- जगदीश पहलवान राष्ट्रीय अवार्डी
प्रतिभा का मौका जब किसी को मिलेगा तो निखार आएगा और प्रतिभा तभी निखरेगी जब कोई उत्तम दर्जे का स्टेडियम होगा। ऐसे में उन्होंने स्टेडियम स्थापित करने की मांग की है।
--महावीर आरपीएफ कोच
खिलाडिय़ों की कमी नहीं है। बस उन्हें अपना हुनर दिखाने का मौका नहीं मिल पा रहा। उनके लिए स्टेडियम, अखाड़ा, कोच आदि सभी सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे प्रतिभा दिखा सके। और इस बजट में ये सभी सुविधाएं प्रदान कर दी जाए तो निश्चित रूप से भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित कर पाएंगे।
--- महावीर फौजी कोच
महाबीर पहलवान बाघोत का कहना है कि कनीना क्षेत्र में स्टेडियम की जरूरत समझी जा रही है ताकि प्रतिभावान खिलाड़ी उभरकर आ सके। अच्छे स्टेडियम का अभाव परेशानी का कारण बना हुआ है। ऐसे में बेहतर दर्जे का स्टेडियम बनाया जाए।
-महाबीर सिंह पहलवान
फोटो कैप्शन: महाबीर कोच आरपीएफ, जगदीश पहलवान, जसमेर कोच,महावीर फौजी कोच, सत्यवीर रेलवे अवार्डी, शर्मिला छितरौली खिलाड़ी, महाबीर पहलवान
दूर तक नजर आने लगे हैं सरसों पर पीले फूल
-मौसम ले रहा है करवट, 14 फरवरी को बसंत पंचमी
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में मौसम लगातार बदल रहा है। प्रतिदिन नये रूप में मौसम के नजारे नजर आते हैं। शनिवार को एक बार फिर से मौसम साफ रहा, कोई धुंध और कोहरा कनीना क्षेत्र में नहीं पड़ा। यहां तक की पूरे कनीना की सिंचित भूमि पर सरसों के फूल और गेहूं के खेत नजर आते हैं। सरसों में फूल समाप्त होने को हैं तथा पकती सरसों की फसल को देख अब किसान प्रसन्नचित नजर आने लगे हैं वही फूलों का आना बसंत पंचमी का द्योतक है। इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024 को पड़ रही है। कहने को तो बसंत पंचमी पर सबसे अधिक फूल खिलते हैं किंतु अभी से सरसों में बहुत कम फूल बचे हैं जिससे नहीं लगता कि बसंत पंचमी तक ये फूल टिक पाएंगे। उधर गेहूं की फसल भी अब खेतों में खड़ी दिखाई देने लगी है जिसको लेकर किसान खुश है। किसानों का मानना है की मौसम पै्रतिकूल चलने से फसल को नुकसान हो चुका है, जहां ठंड भी पड़ रही है तो कभी-कभी धुंध एवं कोहरा भी पड़ रहा है। ऐसे में आने वाले समय में यदि मौसम अनुकूल रहा तो अच्छी पैदावार होने की संभावना हैं।
कनीना क्षेत्र में इस बार जहां सरसों के अच्छे भाव मिलने के कारण अधिक क्षेत्रफल पर सरसों उगाई है। करीब 20000 एकड़ पर सरसों की फसल उगाई गई है जबकि गेहूं के प्रति किसानों का रुझान घटना ही जा रहा है। इस बार गेहूं 10 हजार एकड़ से भी कम है। ऐसे में किसानों का रुझान सरसों की ओर है। सरसों में इस समय खेतों में पीले फूलों से लगने लगे है, जहां मधुमक्खी पालन करने वाले लोग भी दूर दराज से आये हुए हैं। विगत वर्ष की भांति मधुमक्खी पालने वाले बेहद परेशान रहे क्योंकि अधिक ठंड पडऩे के कारण उनकी बहुत सी मधुमक्खियां मर गई हैं।
पूर्व कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर देवराज का कहना है कि अब मौसम अनुकूल चल रहा है जिसके चलते सरसों की अच्छी पैदावार होने के संकेत है। जहां विगत दिनों 2 एमएम वर्षा होने के कारण भी फसल को लाभ हुआ था।किसान राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, कृष्ण कुमार, महेंद्र सिंह, देवेंद्र, सुनील एवं सूबे सिंह आदि ने बताया कि खेतों में अच्छी फसल खड़ी है और आने वाले समय में अच्छी पैदावार होने के संकेत मिल रहे हैं।
इस बार 14 फरवरी बसंत पंचमी को विवाह शादियों का जोर है। सभी मैरिज पैलेस बुक हो चुके हैं। मां सरस्वती को याद करने के लिए तैयारियां चल रही हैं।
फोटो कैप्शन 05: खेतों में पीले फूलों वाली सरसों की खड़ी फसल।
नवोदय की प्रवेश परीक्षा में 501 विद्यार्थियों ने दी परीक्षा
-169 विद्यार्थी रहे अनुपस्थित
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कनीना की आवाज। जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में कक्षा 9वी और 11वीं में रिक्त स्थान भरने हेतु प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई। इस परीक्षा के केंद्र अध्यक्ष एवं प्राचार्य राजीव सक्सेना ने बताया कक्षा 9वीं के दो परीक्षा केंद्र बनाए गए थे जिनमें जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा तथा राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना। कक्षा 9वीं की प्रवेश परीक्षा में 670 विद्यार्थी पंजीकृत हुए थे जिनमें से 501 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी, 169 विद्यार्थी अनुपस्थित रहे। कक्षा ग्यारहवीं के 170 पंजीकृत उन्होंने बताया कि कक्षा 11वीं की 170 पंजीकृत विद्यार्थियों में से 107 विद्यार्थियों की परीक्षा दी जबकि 63 विद्यार्थी अनुपस्थित रहे। जिला उपयुक्त द्वारा भेजे गए निरीक्षण दस्ते में जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में प्रदीप कुमार कार्यकारी अभियंता ,जन स्वास्थ्य विभाग महेंद्रगढ़, सुरेंद्र सिंह प्रधानाचार्य राजकीय महाविद्यालय कनीना ने निरीक्षण किया जबकि राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में अजेंद्र सुहाग कार्यकारी अभियंता सिंचाई विभाग महेंद्रगढ़ एवं ब्रह्मप्रकाश प्राचार्य राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना ने निरीक्षण किया। परीक्षा प्रभारी विक्रम सिंह एवं अभय यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से प्राचार्य धनौंदा सतीश कुमार पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 6: प्रवेश परीक्षा देते विद्यार्थी।
यूरो स्कूल में अभिभावक-अध्यापक संगोष्ठी का आयोजन
--सांझा किये एक दूसरे से विचार
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कनीना की आवाज। यूरो स्कूल कनीना में शनिवार को शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमे अभिभावकों ने अपने बच्चों की चतुर्थ इकाई परीक्षा परिणाम की रिपोर्ट प्राप्त की। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य सुनील यादव और उप-प्राचार्या मंजू यादव ने अभिभावकों का स्वागत करते हुए कहा कि शिक्षा विद्यार्थी को जीवन जीने के लिए नई दिशा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विद्यार्थी को न केवल शिक्षित बनाती है, बल्कि उसे संस्कृति और सभ्यता से परिचित करवाकर उसे राष्ट्र निर्माण की ओर प्रेरित करती है। शिक्षा अध्यापक व अभिभावक दोनो के दिशा-निर्देशन व सहयोग से ही संपूर्ण होती है। एक विद्यार्थी को शिक्षित करने मे जितना योगदान एक गुरु का होता है, उतनी ही भूमिका माता-पिता की होती है। सभी विद्यार्थियों को अपने गुरू व अभिभावकोंं का सम्मान करना चाहिए। अभिभावकों ने अध्यापकगण से अपने बच्चों के रिपोर्ट कार्ड एवं उत्तर पुस्तिकाएँ प्राप्त करते हुए अध्यापको का धन्यवाद किया और कहा कि समय पर अभिभावक-अध्यापक संगोष्ठी का आयोजन करना बहुत ही आवश्यक है जिससे बच्चों की कमियों को शिक्षक व अभिभावक मिलकर दूर करके उन्हें संमार्ग पर ले जाए और उनके भविष्य को उज्ज्वल बना सके।
फोटो कैप्शन 04: यूरो स्कूल में पीटीएम का नजारा
कट का कार्य शुरू न होने के कारण केंद्र सरकार के प्रति बुजुर्ग किसानों में रोष, धरने का था 335वां दिन
- कट का काम शुरू न करने पर गांव गांव जाकर चलेगा अभियान
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 335वें दिन जारी रहा। धरने की अध्यक्षता ओमप्रकाश बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार हमारी मांग पर ध्यान नहीं दे रही हैं। हमने राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनवाने के लिए अपनी बात को नीचे स्तर से लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के पास पहुंचा दिया है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार से हमें आश्वासन के अलावा और कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की मांग करने वाले 40- 50 गांवों के प्रत्येक आदमी चाहता है कि कट बने और उसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी का पूरा फायदा मिले। सेंट्रल यूनिवर्सिटी पाली, आईएमटी खुडाना, एनटीपीसी प्लांट झाड़ली, सीमेंट प्लांट झाड़ली, सीमेंट प्लांट चिडिय़ा और बाघेश्वर धाम, शिव मंदिर बाघोत सभी स्थान नजदीक पड़ते हैं। कट बनने से इनमें काम करने वाले सभी कर्मचारियों को फायदा होगा और केंद्र सरकार की आमदनी बढ़ेगी।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरना स्थल पर बैठे किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार हमें आश्वासन देकर, धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है। किसानों ने प्रतिज्ञा ले रखी है जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं होता है, तब तक धरना स्थल पर अडिग रहेंगे। राज्य सरकार और केंद्र सरकार को हम धरना स्थल से यह संदेश देना चाहते हैं, यदि सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट के लिए जल्द कार्रवाई नहीं करती है, तब उसके बाद हम गांव-गांव पहुंचकर अभियान चलाएंगे और सरकार का विरोध करेंगे।
इस मौके पर पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, आचार्य मक्खन लाल स्वामी बसई, नरेंद्र कुमार शास्त्री, राजू, पहलवान रणधीर सिंह,चेयरमैन सतपाल, डा लक्ष्मण सिंह, ईश्वर सिंह, शेर सिंह, मुंशी राम,पहलवान धर्मपाल, अशोक चौहान,सज्जन सिंह,प्रधान कृष्ण कुमार, मास्टर विजय सिंह, ओम प्रकाश , कृष्ण कुमार पंच, इंस्पेक्टर सत्यनारायण, पंडित मनीराम अत्रि, रामभज, रामकुमार, रामकिशन, दाताराम, प्यारेलाल, सीताराम, मनफूल, सतवीर, सब इंस्पेक्टर रामकुमार , ओमप्रकाश, डा राम भक्त, रोशन लाल आर्य व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान।
मोदी सरकार की दस वर्षों की उपलब्धि घर घर जाकर गिनाई
--कोटिया के बूथों पर चला अभियान
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कनीना की आवाज। गांव कोटिया में भारतीय जनता पार्टी मंडल कनीना द्वारा बूथ नंबर 34 व 35 में एक बार फिर मोदी सरकार की चलो गांव की ओर अभियान के गांव कोटिया में मोहन सिंह पूर्व पार्षद व कंवर सैन वशिष्ठ ने जनसंपर्क के तहत वार्ड 34 में पूर्व सरपंच महावीर प्रसाद से संपर्क किया। बूथ नंबर 35 में पूर्व चेयरमैन जय सिंह यादव से संपर्क करके गांव में घर-घर जाकर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा 10 वर्ष की उपलब्धि के बारे में कंवर सैन वशिष्ठ ने बताया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 14 फसलों पर एमएसपी करने वाला पहला राज्य व चिरायु हरियाणा में 5 लाख का मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है। मोहन सिंह पूर्व पार्षद ने इसी क्रम में बताया कि भारतीय जनता पार्टी के शासन में ग्रीन कारिडोर एम्स जैसे बड़े-बड़े अस्पताल मेडिकल कालेज की स्थापना की व बिना खर्ची पर्ची के युवाओं को नौकरी देकर अच्छी परंपरा डाली और बुजुर्गों का सम्मान बढ़ाया व ईमानदार सरकार की छवि बनाई।
इस मौके पर जय सिंह चेयरमैन कोटिया, महावीर शर्मा पूर्व सरपंच, मुकेश मिस्त्री, पिंकी भारद्वाज, दयाराम, सुरेश यादव, महावीर यादव, वीरेंद्र यादव, ज्ञान चंद पंडित, रतन लाल पंच, उदयभान, पवन कुमार, निरज जांगिड़, मक्खन मिस्त्री, जवाहरलाल के साथ-साथ सैकड़ों ग्रामीणों से जनसंपर्क किया और सभी ने फिर से मोदी सरकार लाने का विश्वास दिलाया।
फोटो कैप्शन 03: सरकार की नीतियों का प्रचार करते हुए कंवरसेन एवं अन्य।
कैसे करें परीक्षा
की तैयारी
-योजनाबद्ध तरीके से पढाई द्वारा पा सकते हैं बेहतर अंक-प्राचार्य सुुनील कुमार
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कनीना की आवाज।10वीं और 12वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी प्रत्येक छात्र की शैक्षणिक यात्रा में एक परिवर्तनकारी चरण है, जो एक महत्वपूर्ण क्षण को दर्शाता है जो उनके भविष्य के प्रयासों को आकार दे सकता है। इन परीक्षाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए समर्पण, रणनीतिक योजना और प्रभावी अध्ययन तकनीकों के मिश्रण की आवश्यकता होती है। सफल तैयारी के मूल में परीक्षा पाठ्यक्रम की गहन समझ निहित है। छात्रों को शैक्षिक बोर्ड द्वारा उल्लिखित प्रमुख विषयों, अवधारणाओं और सीखने के उद्देश्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए, निर्धारित पाठ्यक्रम की सावधानीपूर्वक समीक्षा करनी चाहिए।
प्रभावी परीक्षा तैयारी के लिए एक अच्छी तरह से संरचित अध्ययन कार्यक्रम तैयार करना सर्वोपरि है। छात्रों को अध्ययन के सभी क्षेत्रों में संतुलित कवरेज सुनिश्चित करते हुए, प्रत्येक विषय के लिए समर्पित समय आवंटित करना चाहिए। इसके अलावा, अध्ययन सत्रों को छोटे, प्रबंधनीय भागों में विभाजित करने से धारणा और समझ में वृद्धि हो सकती है। अध्ययन की दिनचर्या में नियमित ब्रेक को एकीकृत करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जिससे छात्रों को अपने पूरे अध्ययन सत्र के दौरान तरोताजा होने और फोकस बनाए रखने की अनुमति मिलती है।
अध्ययन सत्रों को शेड्यूल करने के अलावा, छात्रों को पाठ्यक्रम सामग्री की अपनी समझ और अवधारण को अनुकूलित करने के लिए विविध शिक्षण तकनीकों को नियोजित करना चाहिए। सक्रिय शिक्षण रणनीतियाँ, जैसे अवधारणा मानचित्रण, निमोनिक्स और समूह चर्चाएं, सामग्री के साथ गहन जुड़ाव को बढ़ावा दे सकती हैं और दीर्घकालिक स्मृति स्मरण की सुविधा प्रदान कर सकती हैं। इसके अलावा, मल्टीमीडिया संसाधनों, शैक्षिक ऐप्स और आनलाइन ट्यूटोरियल का लाभ उठाने से पूरक सीखने के अवसर प्रदान किए जा सकते हैं और विविध शिक्षण शैलियों को पूरा किया जा सकता है।
अभ्यास परिपूर्ण बनाता है, और यह कहावत बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए विशेष रूप से सच है। पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों और नमूना पत्रों को हल करना परीक्षा प्रारूप, प्रश्न प्रकार और अंकन योजना से परिचित होने के लिए एक अमूल्य रणनीति है। इसके अलावा, माक टेस्ट और स्व-मूल्यांकन क्विज़ छात्रों को अपनी प्रगति का आकलन करने, कमजोरी के क्षेत्रों की पहचान करने और तदनुसार अपनी परीक्षा देने की रणनीतियों को परिष्कृत करने में सक्षम बनाते हैं। इन अभ्यास परीक्षणों के समाधानों का विश्लेषण करने से बार-बार होने वाली गलतियों और आगे की समीक्षा की आवश्यकता वाले क्षेत्रों को इंगित करने में मदद मिलती है, जिससे लक्षित सुधार प्रयासों को सक्षम किया जा सकता है।
समय प्रबंधन बोर्ड परीक्षा में सफलता के एक महत्वपूर्ण निर्धारक के रूप में उभरता है। छात्रों को तात्कालिकता और महत्व के आधार पर कार्यों को प्राथमिकता देते हुए, अपने अध्ययन के समय को विवेकपूर्ण ढंग से आवंटित करना चाहिए। यथार्थवादी लक्ष्य और समय सीमा निर्धारित करना संरचना और जवाबदेही की भावना प्रदान कर सकता है, जिससे छात्रों को अपनी अध्ययन योजनाओं के साथ ट्रैक पर बने रहने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, कैलेंडर, योजनाकार और अध्ययन एप्स जैसे समय प्रबंधन उपकरणों का लाभ उठाने से संगठन और उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है।
परीक्षा अवधि के दौरान समग्र कल्याण के लिए शैक्षणिक गतिविधियों को आत्म-देखभाल के साथ संतुलित करना आवश्यक है। उचित पोषण, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद के माध्यम से एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने से शारीरिक जीवन शक्ति और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा मिलता है, जिससे छात्र अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम होते हैं। माइंडफुलनेस मेडिटेशन, गहरी सांस लेने के व्यायाम या योग जैसी तनाव-राहत तकनीकों को शामिल करने से परीक्षा संबंधी चिंता कम हो सकती है और एक शांत, केंद्रित मानसिकता को बढ़ावा मिल सकता है।
परीक्षा की तैयारी प्रक्रिया के दौरान शिक्षकों, साथियों और परिवार के सदस्यों से समर्थन मांगने से अमूल्य सहायता और प्रोत्साहन मिल सकता है। शिक्षक अकादमिक मार्गदर्शन दे सकते हैं, शंकाओं का समाधान कर सकते हैं और छात्रों को जटिल विषयों को समझने में सहायता के लिए अतिरिक्त संसाधन प्रदान कर सकते हैं। सहकर्मी अध्ययन समूह सहयोगात्मक शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देते हैं, जिससे छात्रों को विचारों का आदान-प्रदान करने, अध्ययन नोट्स साझा करने और सहकर्मी शिक्षण के माध्यम से अपनी समझ को मजबूत करने की अनुमति मिलती है। भावनात्मक प्रोत्साहन और अनुकूल अध्ययन माहौल सहित पारिवारिक समर्थन, शैक्षणिक सफलता और लचीलेपन के लिए एक मजबूत आधार बनाता है।
अंत में, बोर्ड परीक्षा के लिए प्रभावी तैयारी के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है जिसमें सावधानीपूर्वक योजना, विविध शिक्षण रणनीतियाँ, अनुशासित समय प्रबंधन और सचेत आत्म-देखभाल शामिल हो। एक व्यापक अध्ययन योजना तैयार करके, विविध शिक्षण तकनीकों का लाभ उठाकर और कल्याण को प्राथमिकता देकर, छात्र आत्मविश्वास और लचीलेपन के साथ परीक्षा की तैयारी की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। समर्पण, दृढ़ता और अपने शैक्षणिक समुदाय के समर्थन से, छात्र अपनी बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं और शैक्षणिक उपलब्धि और व्यक्तिगत विकास के पथ पर आगे बढ़ सकते हैं।
फोटो कैप्शन: प्राचार्य सुनील कुमार
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