बेटी के जन्मदिन पर हरित भविष्य की शुरुआत, पौधारोपण करके दिखाया
पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
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कनीना की आवाज। बुधवार को उप मंडल के गांव रामबास की पर्यावरण संरक्षक टीम ने बसंत पंचमी और मनोज कुमार की बेटी दीपांशी के जन्मदिन पौधारोपण करके हरित भविष्य के साथ बचपन मुहिम की शुरुआत की। इस आयोजन के अंतर्गत, बेटी के नाम पर 50 फलदार पौधे पशु चिकित्सालय रामबास में लगाये। जिससे वन्यजनों के लिए नए आवास के साथ-साथ आने वाली पीढिय़ों के लिए हरित और स्वस्थ भविष्य की दिशा में एक कदम बढ़ाया जा रहा है। इस मौके पर प्रयास श्री बालाजी सामाजिक संगठन के मुखिया मनोज मेधनवास ने पौधारोपण कार्यक्रम में शामिल होकर युवा टीम का उत्साहवर्धन किया । नीरज पीटीआई मानपुरा ने कहा कि आज मनोज कुमार रामबास ने बेटी के जन्मदिन पर हमने एक संकल्प लिया है कि उसके साथ हम वन्यजनों के लिए एक हरित और स्वस्थ भविष्य की दिशा में मिलकर काम करेंगे और उसे एक प्रकृतिक और हरित वातावरण में बढऩे का संकल्प किया है। गाव के युवा मनोज कुमार रामबास व उनके साथियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों का निरीक्षण किया गया जिसमे जंगलात मे लगभग 2 एकड़ मे सुरक्षा के साथ पौधारोपण, एक पौधसाला , पानी के लिए ड्रिप सिस्टम व बारिश के पानी को इक_ा करके लिए एक छोटा तालाब, मुक्तिधाम के पास पौधारोपण , गाव मे सुव्यवस्थित 3 पार्क, गाव की 1 गली में पौधारोपण व पंचायती जमीन में फलो का बाग लगाकर बहुत ही सराहनीय प्रयास किए गये हैं । इस अद्वितीय आयोजन में मुख्य सहयोगी अमित, हितेस, सचिन दहिया, सचिन निर्मल, अंकित रहे। इस मौके पर ओमप्रकाश ककराला बीबीएसडी ककराला, प्रोफेसर कर्मवीर रामबास मोहित इसराना, कृष्ण, रतिराम आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 06: बेटी के जन्मदिन पर पौधारोपण करते हुए पर्यावरण प्रेमी।
कैसे करें परीक्षा की तैयारी
-एनसीइआरटी की पुस्तकों को ध्यान से चाहिए पढऩा-राजेश
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कनीना की आवाज। प्राध्यापक राजेश कुमार शासत्री का कहना है कि परीक्षा की तैयारी के दौरान कंसेप्ट एवं विषयों को अच्छे से समझना अति महत्वपूर्ण है और विषय और संकल्पनाओं की अच्छी समझ बेहतर पाठ्यपुस्तक पढऩे से होती है। विशेष रूप से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए पाठ्य पुस्तक के रूप में एनसीइआरटी अत्यंत आवश्यक पुस्तकें हैं जिनका गहराई से बार-बार अध्ययन करना चाहिए। अध्ययन के पश्चात उनको अपनी भाषा में संक्षिप्त नोट तैयार करके उनको रिवाइज भी करना चाहिए। परीक्षा के अनावश्यक मनोवैज्ञानिक दबाव को कम करने के लिए अध्यापकों, शैक्षणिक संस्थाओं एवं अभिभावकों को मिलजुल कर पूरे सत्र के दौरान एक ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि विद्यार्थी रटने की बजाय समझने की प्रवृत्ति की ओर अग्रसर हो सके। परीक्षाओं के दौरान मन ,मस्तिष्क और शरीर का स्वस्थ रहना अति आवश्यक है। इसलिए हर विद्यार्थी को प्रोत्साहित करके समय समय पर मूल्यांकन की विभिन्न पद्धतियों के तहत उसके स्तर को मापा जाना चाहिए ताकि अंत में वार्षिक या अर्धवार्षिक परीक्षा में उस पर अनावश्यक दबाव ना पड़े। परीक्षा के दौरान समय का प्रबंधन अति महत्वपूर्ण कार्य है जिसका प्रशिक्षण विद्यार्थियों को पूरे सत्र के दौरान दिया जाना चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि उत्तर लेखन का अभ्यास निरंतर किया जाना चाहिए। एक ऐसी मनोवृत्ति लेकर चलें कि परीक्षा पर्व है न कि भय वाला कोई वातावरण। यह एक ऐसा सुन्दर अवसर है कि हमारी की हुई मेहनत का प्रदर्शन उत्तर पुस्तिका में संजोकर कुछ समय के लिए आराम करें। यह मानकर चलें कि पिछले दस सालों के विषय -वाइज प्रश्नपत्रों का अवलोकन कर लिया जाए तो आने वाले प्रश्नपत्रों का रिवीजन आसानी से हो जाएगा । शाम को भरपेट खाना खाने की बजाय थोड़ा सा कम खावें ताकि तैयारी करते वक्त नींद परेशान न करे, परन्तु इसका यह मतलब कदापि नहीं कि पौष्टिक आहार में कोई कसर रहे। सुबह जल्दी उठकर जो भी पढ़ेंगे वह हमारे मानस पटल पर अंकित हो जाता है। लगातार बिना ब्रेक अध्ययन से भी नीरसता आती है अत: बीच बीच में थोड़ा सा खेल या प्रकृति निहार वांछित है, क्योंकि कहा है।
फोटो कैप्शन: राजेश कुमार शास्त्री प्राध्यापक
एकाकी जीवन जागरूकता दिवस -15 फरवरी
एकाकी जीवन के लाभ एव हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं जन पर
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कनीना की आवाज। अकेलेपन को पीड़ा के रूप में वर्णित किया जाता है। कभी अकेलापन बहुत कम लोगों में देखने को मिलता था वह भी जब कभी एक इंसान बच जाता और बाकी परिवार के सदस्य बिछुड़ जाते थे वह स्थिति बहुत ही कष्टप्रद महसूस होती थी किंतु वर्तमान समय में तो एकाकी जीवन बहुत से लोगों की आदत बन गई। भौतिकवाद के चलते जहां लोग दूर विदेश तक भी पैसे कमाने के लिए चले जाते हैं और पीछे छोड़ जाते अपने बुजुर्गों को, जिनमें से एक-एक करके भगवान को प्यार हो जाते हैं बचा हुआ अकेला इंसान बहुत कष्टमय जीवन जीता है। एकाकी जीवन से संबंध में अनेक लोगों से चर्चा की गई जिसमें से बहुत से लोगों ने तो एकाकी जीवन को बहुत अच्छा बताया बशर्तें कि उनकी संगति अच्छी हो परंतु कुछ लोगों का एकाकीपन वास्तव में दर्दनाक साबित होता है। कुछ साधु संत भी एकाकी जीवन जीते हैं या कुछ गहन विचारक, अंतर्मुखी लोग इस प्रकार का जीवन जीते हैं। बहुत से लोग एकाकी जीवन पसंद नहीं करते। दो व्यक्ति इक_े हो तो अकेलापन महसूस नहीं होता किंतु जब अकेला व्यक्ति रह जाता है तो उसे एकाकी जीवन कहते हैं।
रवि कुमार बताते हैं कि आज के दिन लोग एक छोटा परिवार सुखी परिवार की नीति पर चलते हैं जिसमें एक या दो बच्चे होते हैं वो भी धीरे-धीरे नौकरी और धन कमाने के लिए दूर-दराज चले जाते और बुजुर्गों को अकेला छोड़ जाते हैं। उनमें से भी एक-एक करके बिछुड़ते चले जाते और बचा हुआ इंसान परेशान देखा गया है कई बार अविवाहित लोग या जिनकी पत्नी भी भगवान को प्यारी हो जाती है तो अकेलेपन को महसूस करते हुए देखा जा सकता है। अकेलेपन जीवन जी रहे बहुत से लोगों से चर्चा की गई जिनमें से ***अकेले जीवन से परेशानी नहीं क्योंकि अकेला जरूर हूं, परिवार नहीं तो दूसरे लोग अक्सर आते जाते रहते हैं जिससे अकेलेपन की घडिय़ां महसूस नहीं होती। अकेलेपन में सोच विचार, शुद्ध विचार बन जाते हैं, मंथन करना, भगवान को याद करना तथा लेखन आदि में अकेलापन बहुत जरूरी है। यदि इंसान की चाहत बढ़ जाती है तो वह अकेला नहीं अपितु परेशानियों का कारण बनता है। कभी-कभी इंसान की हालत इस कदर बिगड़ जाते हैं कि अकेलापन बहुत दर्द देता है परंतु सदा ऐसा नहीं होता। जिसके चलते अकेला जीवन ज्यादा कष्टप्रद नहीं महसूस होता।
--केसी शर्मा एकाकी जीवन जीने वाला
अकेला रहना मूर्ख नकारात्मक लोगों के बीच में रहने से हर हाल में बेहतर है अकेले रहने के बहुत से फायदे हैं और नुकसान भी हैं। प्रत्येक व्यक्ति जब ग्रुप में रहता है तो उसमें तुलनात्मकता की आदत हो जाती है। जब व्यक्ति अकेला रहता है तो वह इस कंपैरिजन से बचता है और सकारात्मक विचारों के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ता है। रचनात्मक दिमाग अकेले रहने वाले लोग अधिक सक्रिय रहते हैं। आत्म निर्भरता अकेले रहने वाले लोगों अधिक पाया जाता है वहीं ऐसा व्यक्ति मानसिक और भावनात्मक रूप से ताकतवर मिलता है वहीं ऐसा व्यक्ति ज्यादा सफल होते वहीं अधिक उत्पादकता का गुण मिलता है।
अकेले रहने का मतलब यह नहीं है कि आप अपने माता-पिता परिवार से भी अलग हो जाओ अकेले रहने का अर्थ है कि जो नकारात्मक लोग आपका कीमती समय को खराब करते हैं उनसे दूरियां बनाकर रखें। अकेले रहने वाला व्यक्ति कई बार एंजायटी और डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। दुनिया भर में पांच में से एक वयस्क अकेलेपन की इस भावना का शिकार हैं। अकेलापन कि लोगों की सेहत और खुशी पर गहरा प्रभाव पड़ता है।और रोग लग जाते हैं वहीं अकेलापन मौत की संभावना को 26 प्रतिशत तक मिलती है।
-पिंकी यादव, काउंसलर
फोटो कैप्शन : पिंकरी यादव एवं केसी शर्मा।
पितृ पूजन की रही धूम
-मां सरस्वती का भी किया पूजन
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कनीना की आवाज। एसएम गीता उच्च विद्यालय कनीना मंडी में मातृ पितृ पूजन दिवस व बसंत पंचमी उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जब बच्चों ने दीप जलाकर अपने माता-पिता को तिलक लगाकर फूल माला पहनाकर उनकी परिक्रमा की तो पूरा पांडाल भाव विभोर हो गया। माता-पिता ने अपने बच्चों को गले लगाया और उनकी आंखों से आंसू झलकने लगे। इस कार्यक्रम में बच्चों द्वारा अनेक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। नाटक के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी के द्वारा अपने माता-पिता के प्रति किए गए व्यवहार के बारे में बताया। कनक बहन ने कविता के माध्यम से माता-पिता का सम्मान हो बताया और यह भी बताया कि आज हम जो बोएंगे वैसा ही कल काटेंगे।
प्रियंका बहन ने नृत्य के माध्यम से गणेश भगवान को प्रसन्न किया और काफी तालियां बटोरी। सानवी और उसकी सहेलियों ने सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री पवन तंवर जी रहे। उन्होंने अभिभावक गण व बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि हमें अपनी संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए यह भी बताया कि शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों का बहुत महत्व है।
गीता स्कूल के चेयरमैन सर श्री जगदीश गुप्ता जी ने अभिभावक गण का धन्यवाद किया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास करने हेतु हमारा सहयोग किया। प्रधानाचार्या श्रीमती साधना गुप्ता जी ने बताया कि अभिभावक स्वयं बच्चों के लिए उदाहरण बने क्योंकि बच्चे जो देखते हैं वही करते हैं । मंच संचालन श्रीमती सुरेश जी द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि माता-पिता ही हमारे लिए पूरा ब्रह्मांड है । जिस प्रकार गणेश भगवान ने अपने माता-पिता के परिक्रमा करके उनके चरणों में ही स्वर्ग बताया।
फोटो कैप्शन 04:माता पिता का पूजन करता हुआ बच्चा।
कनीना में हवन यज्ञ का आयोजन कर मनाया गया वसंत पंचमी का पर्व
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कनीना की आवाज। कनीना में रेवाड़ी रोड़ स्थित कन्हाजी स्कूल में बसंत पंचमी का पर्व धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर स्कूल में हवन यज्ञ का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के बाद सरस्वती वंदना से हुई। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मौजूद आचार्य धर्मपाल शास्त्री ने कहा कि इस दिन विद्या की देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। इसी दिन देवी सरस्वती ने अवतरित होकर अपनी वीणा का मधुर नाद किया था, जिससे संसार के समस्त प्राणियों को वाणी प्राप्त हुई। इसी दिन त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने शबरी को मोक्ष प्रदान किया था। बसंत ऋतु लोगों का मनचाहा मौसम है। इसका स्वागत करने के लिए माघ महीने के पांचवें दिन भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा होती है। कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्या रचना शर्मा ने कहा कि हर साल विद्यालय में बसंत पंचमी पर हवन का आयोजन किया जाता है। इस बसंत पंचमी भगवान से प्रार्थना की गई कि सभी स्वस्थ रहें। इस दौरान पंडित सुरेश चंद शर्मा, विद्या देवी, ज्योतिष आचार्य अरविंद शर्मा, सरोज देवी, मनेंद्र शर्मा लख्मीचंद यादव, टीना वर्मा, राखी शर्मा, हैप्पी, प्रियंका प्रजापति, प्रियंका यादव, संगीता यादव, अंजू यादव, भारती सैनी, नवीन, सरिता सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 05: हवन करते हुए स्कूल स्टाफ।
कोटिया में आयोजित हुआ रक्तदान शिविर
-45 यूनिट रक्त किया गया इकट्ठा
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कनीना की आवाज। शहीद भगत सिंह जनसेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में जिला के गांव कोटिया में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। इस मौके पर शहीद भगत सिंह की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मंजू, धीरज कुमार, सुशीला, मनोज कुमार, रामसिंह, दीपक कुमार, हरिपाल, नितिन, कर्मसिंह, धर्मबीर, रमेश, जसवंत, सुरेन्द्र सिंह, मंजीत, मनोज कुमार, देवेन्द्र कुमार, सतबीर, संदीप कुमार, विश्वामित्र, तनुज कुमार आदि रक्तदाताओं सहित 45 लोगों ने रक्तदान किया।
शहीद भगत सिंह जनसेवा ट्रस्ट तथा स्वतंत्रता सेनानी राव कन्हीराम मेमोरियल समिति पदाधिकारियों ने रक्तदाताओं का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि धर्म के दस लक्षणों में दान की महिमा सर्वोत्तम है और रक्तदान महादान है। गांव की तरफ से पूर्व सरपंच दलीप सिंह, पूर्व सरपंच महावीर प्रसाद, पूर्व सरपंच रामकिशन सहित सूबे सिंह, उदय सिंह, पंचायत समिति मेम्बर कृष्ण, पुष्कर, हरीश, अनूप, साहिल आदि अनेक जन उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 03: कोटिया में रक्तदान करते हुए युवक।
अवैध हथियार उपलब्ध कराने वाला गिरफ्तार
-- रिमांड पर लिया
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कनीना की आवाज। पुलिस अधीक्षक नितिश अग्रवाल के दिशा-निर्देशों में महेंद्रगढ़ पुलिस द्वारा अवैध हथियार रखने के शौकीन और अवैध हथियार उपलब्ध कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। स्पेशल स्टाफ कनीना की टीम द्वारा अवैध हथियार के मामले में कार्रवाई करते हुए अवैध हथियार उपलब्ध कराने वाले आरोपित सुनील उर्फ सोनू वासी नंगली थाना मांढण, अलवर को गिरफ्तार किया और न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस द्वारा आरोपित के पास पूछताछ की जा रही है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि स्पेशल स्टाफ कनीना की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर थाना सदर कनीना के गांव भोजावास के क्षेत्र से एक आरोपित मोहित उर्फ बुर्रा वासी कनीना हाल भोजावास को एक अवैध देसी कट्टा के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपित के थाना सदर कनीना में मामला दर्ज किया और पूछताछ में अवैध हथियार के बारे में पता लगाया। पूछताछ में आरोपित ने बतलाया कि वह सुनील उर्फ सोनू वासी नंगली थाना मांढण अलवर के पास से यह अवैध हथियार लाया था। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपित सुनील उर्फ सोनू को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया है।
बेटी के जन्मदिन पर हरित भविष्य की शुरुआत, पौधारोपण करके दिखाया
पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
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कनीना की आवाज। बुधवार को उप मंडल के गांव रामबास की पर्यावरण संरक्षक टीम ने बसंत पंचमी और मनोज कुमार की बेटी दीपांशी के जन्मदिन पौधारोपण करके हरित भविष्य के साथ बचपन मुहिम की शुरुआत की। इस आयोजन के अंतर्गत, बेटी के नाम पर 50 फलदार पौधे पशु चिकित्सालय रामबास में लगाये। जिससे वन्यजनों के लिए नए आवास के साथ-साथ आने वाली पीढिय़ों के लिए हरित और स्वस्थ भविष्य की दिशा में एक कदम बढ़ाया जा रहा है। इस मौके पर प्रयास श्री बालाजी सामाजिक संगठन के मुखिया मनोज मेधनवास ने पौधारोपण कार्यक्रम में शामिल होकर युवा टीम का उत्साहवर्धन किया । नीरज पीटीआई मानपुरा ने कहा कि आज मनोज कुमार रामबास ने बेटी के जन्मदिन पर हमने एक संकल्प लिया है कि उसके साथ हम वन्यजनों के लिए एक हरित और स्वस्थ भविष्य की दिशा में मिलकर काम करेंगे और उसे एक प्रकृतिक और हरित वातावरण में बढऩे का संकल्प किया है। गाव के युवा मनोज कुमार रामबास व उनके साथियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों का निरीक्षण किया गया जिसमे जंगलात मे लगभग 2 एकड़ मे सुरक्षा के साथ पौधारोपण, एक पौधसाला , पानी के लिए ड्रिप सिस्टम व बारिश के पानी को इकट्ठा करके लिए एक छोटा तालाब, मुक्तिधाम के पास पौधारोपण , गाव मे सुव्यवस्थित 3 पार्क, गाव की 1 गली में पौधारोपण व पंचायती जमीन में फलो का बाग लगाकर बहुत ही सराहनीय प्रयास किए गये हैं । इस अद्वितीय आयोजन में मुख्य सहयोगी अमित, हितेस, सचिन दहिया, सचिन निर्मल, अंकित रहे। इस मौके पर ओमप्रकाश ककराला बीबीएसडी ककराला, प्रोफेसर कर्मवीर रामबास मोहित इसराना, कृष्ण, रतिराम आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 06: बेटी के जन्मदिन पर पौधारोपण करते हुए पर्यावरण प्रेमी।
कैसे करें परीक्षा की तैयारी
-एनसीइआरटी की पुस्तकों को ध्यान से चाहिए पढऩा-राजेश
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कनीना की आवाज। प्राध्यापक राजेश कुमार शासत्री का कहना है कि परीक्षा की तैयारी के दौरान कंसेप्ट एवं विषयों को अच्छे से समझना अति महत्वपूर्ण है और विषय और संकल्पनाओं की अच्छी समझ बेहतर पाठ्यपुस्तक पढऩे से होती है। विशेष रूप से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए पाठ्य पुस्तक के रूप में एनसीइआरटी अत्यंत आवश्यक पुस्तकें हैं जिनका गहराई से बार-बार अध्ययन करना चाहिए। अध्ययन के पश्चात उनको अपनी भाषा में संक्षिप्त नोट तैयार करके उनको रिवाइज भी करना चाहिए। परीक्षा के अनावश्यक मनोवैज्ञानिक दबाव को कम करने के लिए अध्यापकों, शैक्षणिक संस्थाओं एवं अभिभावकों को मिलजुल कर पूरे सत्र के दौरान एक ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि विद्यार्थी रटने की बजाय समझने की प्रवृत्ति की ओर अग्रसर हो सके। परीक्षाओं के दौरान मन ,मस्तिष्क और शरीर का स्वस्थ रहना अति आवश्यक है। इसलिए हर विद्यार्थी को प्रोत्साहित करके समय समय पर मूल्यांकन की विभिन्न पद्धतियों के तहत उसके स्तर को मापा जाना चाहिए ताकि अंत में वार्षिक या अर्धवार्षिक परीक्षा में उस पर अनावश्यक दबाव ना पड़े। परीक्षा के दौरान समय का प्रबंधन अति महत्वपूर्ण कार्य है जिसका प्रशिक्षण विद्यार्थियों को पूरे सत्र के दौरान दिया जाना चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि उत्तर लेखन का अभ्यास निरंतर किया जाना चाहिए। एक ऐसी मनोवृत्ति लेकर चलें कि परीक्षा पर्व है न कि भय वाला कोई वातावरण। यह एक ऐसा सुन्दर अवसर है कि हमारी की हुई मेहनत का प्रदर्शन उत्तर पुस्तिका में संजोकर कुछ समय के लिए आराम करें। यह मानकर चलें कि पिछले दस सालों के विषय -वाइज प्रश्नपत्रों का अवलोकन कर लिया जाए तो आने वाले प्रश्नपत्रों का रिवीजन आसानी से हो जाएगा । शाम को भरपेट खाना खाने की बजाय थोड़ा सा कम खावें ताकि तैयारी करते वक्त नींद परेशान न करे, परन्तु इसका यह मतलब कदापि नहीं कि पौष्टिक आहार में कोई कसर रहे। सुबह जल्दी उठकर जो भी पढ़ेंगे वह हमारे मानस पटल पर अंकित हो जाता है। लगातार बिना ब्रेक अध्ययन से भी नीरसता आती है अत: बीच बीच में थोड़ा सा खेल या प्रकृति निहार वांछित है, क्योंकि कहा है।
फोटो कैप्शन: राजेश कुमार शास्त्री प्राध्यापक
एकाकी जीवन जागरूकता दिवस -15 फरवरी
एकाकी जीवन के लाभ एव हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं जन पर
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कनीना की आवाज। अकेलेपन को पीड़ा के रूप में वर्णित किया जाता है। कभी अकेलापन बहुत कम लोगों में देखने को मिलता था वह भी जब कभी एक इंसान बच जाता और बाकी परिवार के सदस्य बिछुड़ जाते थे वह स्थिति बहुत ही कष्टप्रद महसूस होती थी किंतु वर्तमान समय में तो एकाकी जीवन बहुत से लोगों की आदत बन गई। भौतिकवाद के चलते जहां लोग दूर विदेश तक भी पैसे कमाने के लिए चले जाते हैं और पीछे छोड़ जाते अपने बुजुर्गों को, जिनमें से एक-एक करके भगवान को प्यार हो जाते हैं बचा हुआ अकेला इंसान बहुत कष्टमय जीवन जीता है। एकाकी जीवन से संबंध में अनेक लोगों से चर्चा की गई जिसमें से बहुत से लोगों ने तो एकाकी जीवन को बहुत अच्छा बताया बशर्तें कि उनकी संगति अच्छी हो परंतु कुछ लोगों का एकाकीपन वास्तव में दर्दनाक साबित होता है। कुछ साधु संत भी एकाकी जीवन जीते हैं या कुछ गहन विचारक, अंतर्मुखी लोग इस प्रकार का जीवन जीते हैं। बहुत से लोग एकाकी जीवन पसंद नहीं करते। दो व्यक्ति इक_े हो तो अकेलापन महसूस नहीं होता किंतु जब अकेला व्यक्ति रह जाता है तो उसे एकाकी जीवन कहते हैं।
रवि कुमार बताते हैं कि आज के दिन लोग एक छोटा परिवार सुखी परिवार की नीति पर चलते हैं जिसमें एक या दो बच्चे होते हैं वो भी धीरे-धीरे नौकरी और धन कमाने के लिए दूर-दराज चले जाते और बुजुर्गों को अकेला छोड़ जाते हैं। उनमें से भी एक-एक करके बिछुड़ते चले जाते और बचा हुआ इंसान परेशान देखा गया है कई बार अविवाहित लोग या जिनकी पत्नी भी भगवान को प्यारी हो जाती है तो अकेलेपन को महसूस करते हुए देखा जा सकता है। अकेलेपन जीवन जी रहे बहुत से लोगों से चर्चा की गई जिनमें से ***अकेले जीवन से परेशानी नहीं क्योंकि अकेला जरूर हूं, परिवार नहीं तो दूसरे लोग अक्सर आते जाते रहते हैं जिससे अकेलेपन की घडिय़ां महसूस नहीं होती। अकेलेपन में सोच विचार, शुद्ध विचार बन जाते हैं, मंथन करना, भगवान को याद करना तथा लेखन आदि में अकेलापन बहुत जरूरी है। यदि इंसान की चाहत बढ़ जाती है तो वह अकेला नहीं अपितु परेशानियों का कारण बनता है। कभी-कभी इंसान की हालत इस कदर बिगड़ जाते हैं कि अकेलापन बहुत दर्द देता है परंतु सदा ऐसा नहीं होता। जिसके चलते अकेला जीवन ज्यादा कष्टप्रद नहीं महसूस होता।
--केसी शर्मा एकाकी जीवन जीने वाला
अकेला रहना मूर्ख नकारात्मक लोगों के बीच में रहने से हर हाल में बेहतर है अकेले रहने के बहुत से फायदे हैं और नुकसान भी हैं। प्रत्येक व्यक्ति जब ग्रुप में रहता है तो उसमें तुलनात्मकता की आदत हो जाती है। जब व्यक्ति अकेला रहता है तो वह इस कंपैरिजन से बचता है और सकारात्मक विचारों के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ता है। रचनात्मक दिमाग अकेले रहने वाले लोग अधिक सक्रिय रहते हैं। आत्म निर्भरता अकेले रहने वाले लोगों अधिक पाया जाता है वहीं ऐसा व्यक्ति मानसिक और भावनात्मक रूप से ताकतवर मिलता है वहीं ऐसा व्यक्ति ज्यादा सफल होते वहीं अधिक उत्पादकता का गुण मिलता है।
अकेले रहने का मतलब यह नहीं है कि आप अपने माता-पिता परिवार से भी अलग हो जाओ अकेले रहने का अर्थ है कि जो नकारात्मक लोग आपका कीमती समय को खराब करते हैं उनसे दूरियां बनाकर रखें। अकेले रहने वाला व्यक्ति कई बार एंजायटी और डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। दुनिया भर में पांच में से एक वयस्क अकेलेपन की इस भावना का शिकार हैं। अकेलापन कि लोगों की सेहत और खुशी पर गहरा प्रभाव पड़ता है।और रोग लग जाते हैं वहीं अकेलापन मौत की संभावना को 26 प्रतिशत तक मिलती है।
-पिंकी यादव, काउंसलर
फोटो कैप्शन : पिंकरी यादव एवं केसी शर्मा।
पितृ पूजन की रही धूम
-मां सरस्वती का भी किया पूजन
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कनीना की आवाज। एसएम गीता उच्च विद्यालय कनीना मंडी में मातृ पितृ पूजन दिवस व बसंत पंचमी उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जब बच्चों ने दीप जलाकर अपने माता-पिता को तिलक लगाकर फूल माला पहनाकर उनकी परिक्रमा की तो पूरा पांडाल भाव विभोर हो गया। माता-पिता ने अपने बच्चों को गले लगाया और उनकी आंखों से आंसू झलकने लगे। इस कार्यक्रम में बच्चों द्वारा अनेक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। नाटक के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी के द्वारा अपने माता-पिता के प्रति किए गए व्यवहार के बारे में बताया। कनक बहन ने कविता के माध्यम से माता-पिता का सम्मान हो बताया और यह भी बताया कि आज हम जो बोएंगे वैसा ही कल काटेंगे।
प्रियंका बहन ने नृत्य के माध्यम से गणेश भगवान को प्रसन्न किया और काफी तालियां बटोरी। सानवी और उसकी सहेलियों ने सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री पवन तंवर जी रहे। उन्होंने अभिभावक गण व बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि हमें अपनी संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए यह भी बताया कि शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों का बहुत महत्व है।
गीता स्कूल के चेयरमैन सर श्री जगदीश गुप्ता जी ने अभिभावक गण का धन्यवाद किया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास करने हेतु हमारा सहयोग किया। प्रधानाचार्या श्रीमती साधना गुप्ता जी ने बताया कि अभिभावक स्वयं बच्चों के लिए उदाहरण बने क्योंकि बच्चे जो देखते हैं वही करते हैं । मंच संचालन श्रीमती सुरेश जी द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि माता-पिता ही हमारे लिए पूरा ब्रह्मांड है । जिस प्रकार गणेश भगवान ने अपने माता-पिता के परिक्रमा करके उनके चरणों में ही स्वर्ग बताया।
फोटो कैप्शन 04:माता पिता का पूजन करता हुआ बच्चा।
कनीना में हवन यज्ञ का आयोजन कर मनाया गया वसंत पंचमी का पर्व
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कनीना की आवाज। कनीना में रेवाड़ी रोड़ स्थित कन्हाजी स्कूल में बसंत पंचमी का पर्व धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर स्कूल में हवन यज्ञ का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के बाद सरस्वती वंदना से हुई। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मौजूद आचार्य धर्मपाल शास्त्री ने कहा कि इस दिन विद्या की देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। इसी दिन देवी सरस्वती ने अवतरित होकर अपनी वीणा का मधुर नाद किया था, जिससे संसार के समस्त प्राणियों को वाणी प्राप्त हुई। इसी दिन त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने शबरी को मोक्ष प्रदान किया था। बसंत ऋतु लोगों का मनचाहा मौसम है। इसका स्वागत करने के लिए माघ महीने के पांचवें दिन भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा होती है। कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्या रचना शर्मा ने कहा कि हर साल विद्यालय में बसंत पंचमी पर हवन का आयोजन किया जाता है। इस बसंत पंचमी भगवान से प्रार्थना की गई कि सभी स्वस्थ रहें। इस दौरान पंडित सुरेश चंद शर्मा, विद्या देवी, ज्योतिष आचार्य अरविंद शर्मा, सरोज देवी, मनेंद्र शर्मा लख्मीचंद यादव, टीना वर्मा, राखी शर्मा, हैप्पी, प्रियंका प्रजापति, प्रियंका यादव, संगीता यादव, अंजू यादव, भारती सैनी, नवीन, सरिता सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 05: हवन करते हुए स्कूल स्टाफ।
कोटिया में आयोजित हुआ रक्तदान शिविर
-45 यूनिट रक्त किया गया इकट्ठा
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कनीना की आवाज। शहीद भगत सिंह जनसेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में जिला के गांव कोटिया में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। इस मौके पर शहीद भगत सिंह की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मंजू, धीरज कुमार, सुशीला, मनोज कुमार, रामसिंह, दीपक कुमार, हरिपाल, नितिन, कर्मसिंह, धर्मबीर, रमेश, जसवंत, सुरेन्द्र सिंह, मंजीत, मनोज कुमार, देवेन्द्र कुमार, सतबीर, संदीप कुमार, विश्वामित्र, तनुज कुमार आदि रक्तदाताओं सहित 45 लोगों ने रक्तदान किया।
शहीद भगत सिंह जनसेवा ट्रस्ट तथा स्वतंत्रता सेनानी राव कन्हीराम मेमोरियल समिति पदाधिकारियों ने रक्तदाताओं का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि धर्म के दस लक्षणों में दान की महिमा सर्वोत्तम है और रक्तदान महादान है। गांव की तरफ से पूर्व सरपंच दलीप सिंह, पूर्व सरपंच महावीर प्रसाद, पूर्व सरपंच रामकिशन सहित सूबे सिंह, उदय सिंह, पंचायत समिति मेम्बर कृष्ण, पुष्कर, हरीश, अनूप, साहिल आदि अनेक जन उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 03: कोटिया में रक्तदान करते हुए युवक।
अवैध हथियार उपलब्ध कराने वाला गिरफ्तार
-- रिमांड पर लिया
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कनीना की आवाज। पुलिस अधीक्षक नितिश अग्रवाल के दिशा-निर्देशों में महेंद्रगढ़ पुलिस द्वारा अवैध हथियार रखने के शौकीन और अवैध हथियार उपलब्ध कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। स्पेशल स्टाफ कनीना की टीम द्वारा अवैध हथियार के मामले में कार्रवाई करते हुए अवैध हथियार उपलब्ध कराने वाले आरोपित सुनील उर्फ सोनू वासी नंगली थाना मांढण, अलवर को गिरफ्तार किया और न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस द्वारा आरोपित के पास पूछताछ की जा रही है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि स्पेशल स्टाफ कनीना की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर थाना सदर कनीना के गांव भोजावास के क्षेत्र से एक आरोपित मोहित उर्फ बुर्रा वासी कनीना हाल भोजावास को एक अवैध देसी कट्टा के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपित के थाना सदर कनीना में मामला दर्ज किया और पूछताछ में अवैध हथियार के बारे में पता लगाया। पूछताछ में आरोपित ने बतलाया कि वह सुनील उर्फ सोनू वासी नंगली थाना मांढण अलवर के पास से यह अवैध हथियार लाया था। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपित सुनील उर्फ सोनू को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया है।
लोकसभा कनीना आम पार्टी कार्यालय में डा सुशील करेंगे संबोधित
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कनीना की आवाज।आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डा.सुशील गुप्ता 18 फरवरी दिन रविवार को 11 बजे कनीना में परिवर्तन रैली को संबोधित करेंगे
आम आदमी पार्टी लोकसभा अध्यक्ष सतनारायण यादव एडवोकेट ने बताया कि 18 फरवरी को लोकसभा कार्यालय कनीना में नव नियुक्त स्टेट उपाध्यक्ष डा मनीष यादव, डा अनिल यादव स्टेट उपाध्यक्ष, इंदु शर्मा भिवानी स्टेट उपाध्यक्ष, रविंद्र सिंह मटरू संगठन मंत्री नारनौल, अश्वनी देशवाल संगठन मंत्री निवनियुक्त को भी सम्मानित करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर जागरूकता दिवस -15 फरवरी
बच्चों के कैसर 90 प्रतिशत किये जा सकते हैं ठीक-डा अंकित
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कनीना की आवाज। वैसे तो कैंसर किसी भी उम्र तथा लिंग के लोगों में पाया जा सकता है किंतु अब तो बाल अवस्था में भी अनेकों कैंसर के रोगी सामने आने लगे है। इस रोग से निपटने के लिए तथा लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कैंसर से पीडि़त बच्चों तथा कैंसर से बचे हुए लोगों और उनके परिवारों के लिए एक अभियान चलाया जाता है। बचपन के कैंसर में अक्सर ल्यूकेमिया कैंसर, मस्तिष्क कैंसर, लिंफोमा, कैंसर, हड्डी के ट्यूमर आदि पाए जाते हैं।
पहली बार 2002 में चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल की ओर से यह दिवस मनाया गया था। कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना कैंसर पीडि़त बच्चों एवं कैंसर से बचे हुए लोगों के इलाज के लिए इस दिवस का प्रोत्साहन देना एक नहल होती है।
कनीना के प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डा अंकित कुमार का कहना है कि हर साल 0 से 19 वर्ष की आयु के 3 लाख बच्चों में कैंसर का पता चलता है और 3 मिनट में एक युवा की कैंसर से मौत हो जाती है। कैंसर से पीडि़त अधिकांश बच्चे निम्न और मध्यम आय वाले होते हैं। यदि रोग को पहचान लिया जाए और निदान उपचार करवाया जाए तो 90 प्रतिशत बच्चों के रोगों को दूर किया जा सकता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात कैंसर विशेषज्ञ डा. अंकित कनीना बताते हैं कि विगत वर्षों में किशोर कैंसर उपचार में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। यदि संबंधित डाक्टर से इलाज करवाया जाए तो इलाज संभव है। उन्होंने बताया कि ल्यूकेमिया ब्लड कैंसर का तीन में से एक बच्चा पाया जाता है। उन्होंने सावधानी एवं जागरूकता जरूरी बताई ताकि बच्चों की जान को बचाया जा सकता है।
डा. अंकित बताते हैं की कैंसर तो बड़ों में भी मिलता है किंतु बच्चों में भी कैंसर तथा 1 वर्ष 19 वर्ष की आयु तक के बच्चों में कैंसर पाया जाता है उसे बाल बाल कैंसर नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कैंसर से पीडि़त बच्चों को ज्यादातर ठीक किया जा सकता है। उपचार शुरू करने से पहले रोगी को परामर्श के दौरान दावों को देने का सही तरीका जानना जरूरी है।
उन्होंने बताया बच्चों की रोक-रोधक क्षमता कमजोर हो जाती इसलिए रोग-रोधक क्षमता बढ़ानी चाहिए।
फोटो कैप्शन: डा अेंकित
सरेआम शराब पीते हुए एक गिरफ्तार
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कनीना की आवाज। कनीना पुलिस ने कनीना के आर्य समाज मंदिर के पास अभिमन्यु को सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने के मामले में गिरफ्तार कर मेडिकल परीक्षण करवाया तथा मामला दर्ज कर लिया है।
कोटिया में आभूषण एवं नकदी चोरी, मामला दर्ज
-चोरी के वक्त घर पर नहीं था कोई भी
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव कोटिया में संदीप कुमार के घर से अज्ञात चोर आभूषण और 17000 रुपये की नकदीकी चोरी कर ले गये। पुलिस में संदीप कुमार के विरुद्ध मामला दर्ज करवा लिया है। पुलिस में दी शिकायत में संदीप कुमार कोटिया ने बताया कि 12 फरवरी को वह तथा उसका परिवार शादी में गए हुए थे। रात के समय घर पर पर कोई नहीं था। जब घर पर वापस आकर देखा तो घर के दरवाजे का ताला टूटा हुआ था और अंदर जाकर देखा तो घर का सारा सामान उथल-पुथल किया हुआ था। समान चेक करने पर पाया कि एक जोड़ी पाजेब तथा एक अंगूठी और 17000 रुपये की अअज्ञात चोर चोरी कर ले गया। उनकी शिकायत पर कनीना पुलिस में अज्ञात चोर के विरुद्ध विभिन्न धाराओं की तरह दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
केंद्र सरकार के भरोसे पर कट शुरू न होने के कारण, 339वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरना रहा जारी
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए किसानों का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। धरने की अध्यक्षता पहलवान रणधीर सिंह बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के भरोसे पर किसान धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। केंद्र सरकार के द्वारा राष्टीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट के लिए घोषणा की हुई है, उसके बाद आश्वासन भी दिया गया कि कट का काम जल्द शुरू किया जाएगा लेकिन अब तक धरातल पर काम शुरू नहीं किया गया है। राज्य सरकार व केंद्र सरकार विकास की बात करती हैं, गांवों के विकास के बाद ही देश का विकास संभव है। केंद्र सरकार का नारा है सबका साथ, सबका विकास इन 40- 50 गांवों के बीच से राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी गुजर रहा है, यदि इन गांवों को 152डी के साथ नहीं जोड़ा गया, यानी चढऩे और उतरने का मार्ग नहीं बनाया गया तब तक इन लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिलेगा। इसका अर्थ है सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। धरना स्थल पर बैठे किसानों को लग रहा है कि केंद्र सरकार उनकी मांग पर अनदेखी कर रही है, लेकिन किसान पक्के इरादे के साथ धरना स्थल पर बैठे हुए हैं जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है, हम यहीं पर डटे रहेंगे।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 339 दिन हो गए है। केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू न होने के कारण किसानों में आक्रोश है। जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है, हम बार-बार याद दिलाते रहेंगे और यहीं पर बैठे रहेंगे।
इस मौके पर मास्टर विजयपाल, रामभज ,नरेंद्र कुमार शास्त्री,डॉ लक्ष्मण सिंह, मास्टर विजय सिंह, पहलवान धर्मपाल, ओम प्रकाश, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, मुंशी राम, सुरेंद्र सिंह, डॉ राम भक्त, सब इंस्पेक्टर रामकुमार, रोशन लाल आर्य, सूबेदार हेमराज अत्री, नंबरदार नाथूराम, अशोक चौहान, सज्जन सिंह, मनफूल, प्रधान कृष्ण कुमार, सूबेदार भोले राम,वेद प्रकाश, कृष्ण कुमार पंच, इंस्पेक्टर सत्यनारायण, पंडित मनीराम अत्री, रामकिशन, दाताराम, प्यारेलाल, सीताराम, सब इंस्पेक्टर रामकुमार व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान।
बसंत पंचमी का पर्व मनाया गया
-आयोजित हुये प्रवचन,मां सरस्वती पूजा एवं हवन
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में बसंत पंचमी का पर्व मनाया गया। विभिन्न शिक्षण संस्थानों में भी बसंत पंचमी की धूम रही। कई जगह भंडारा लगाया, मां सरस्वती को याद कर प्रवचन किये गये। इस मौके पर मां सरस्वती की पूजा की गई तथा बच्चों को शिक्षण दिया। इस मौके पर बच्चों ने वासंती वस्त्र पहने। किसान अपनी पकती सरसों को देखकर प्रसन्न हैं।
उधर संत शिरोमणि बाबा लालदास ने उधोदास आश्रम परिसर में हवन आयोजित करने के उपरांत वासंती हलवा बनाया तथा कढ़ी एवं खिंचड़ा का प्रसाद वितरित किया। हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक वर्ष के माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन ही ब्रह्मांड के रचयिता ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती की रचना की थी। इस बात का उल्लेख पुराणों में मिलता है कि, सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने मनुष्य योनि की रचना की क्योंकि, अपनी प्रारंभिक अवस्था में मनुष्य मूक था और धरती बिल्कुल शांत थी तब, ब्रह्मा जी ने धरती को इस अवस्था में देखा तो अपने कमंडल से जल लेकर छिड़क दिया। जिससे एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई। जिनके हाथ में वीणा थी और उनका दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। यही शक्ति मां सरस्वती कहलायी। उन्होंने वीणा का तार छेड़ा तो तीनों लोक में कंपन हो गया और सबको शब्द वाणी मिल गई। डा होशियार सिंह यादव का कहना है कि इस दिन से ही बच्चे शिक्षा एवं अक्षरज्ञान लेने लगते हैं और मां सरस्वती की पूजा का विशेष प्रावधान होता है।
इस अवसर पर बाबा लालदास ने कहा कि मां सरस्वती से बड़ी कोई ज्ञान की देवी इस सृष्टि में नहीं हैं। विद्यार्थियों सहित विभिन्न लोगों को नित्यप्रति उनकी आराधना करनी चाहिए। इस मौके पर जहां भक्तों ने पूर्ण आहुति डाली। इस मौके पर दूर दराज से आये भक्त तथा ग्रामीण उपस्थित थे।
उधर कनीना कके राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में बसंत पंचमी उत्सव धूमधाम से मनाया गया। स्टाफ सदस्यों ने मां सरस्वती की पूजा अर्चना की व उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर नरेश कौशिक ने सभी को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बसंत पंचमी हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण उत्सव है, आज के दिन ऋतुराज बसंत का आगमन माना जाता है और बसंत ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है। उन्होंनेबताया कि बसंत पंचमी हमारे देश का सबसे पवित्र त्योहार है जिसमें सभी अध्यापक व बच्चे मां सरस्वती के चरणों में बैठकर विद्या का वरदान पाने के लिए उनकी पूजा अर्चना करते है। उन्होंने बताया कि बसंत पंचमी का त्योहार हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
फोटो कैप्शन 01: राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में मां सरस्वती सम्मुख पुष्प अर्पित करते हुए स्टाफ। आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डा.सुशील गुप्ता 18 फरवरी दिन रविवार को 11 बजे कनीना में परिवर्तन रैली को संबोधित करेंगे
आम आदमी पार्टी लोकसभा अध्यक्ष सतनारायण यादव एडवोकेट ने बताया कि 18 फरवरी को लोकसभा कार्यालय कनीना में नव नियुक्त स्टेट उपाध्यक्ष डा मनीष यादव, डा अनिल यादव स्टेट उपाध्यक्ष, इंदु शर्मा भिवानी स्टेट उपाध्यक्ष, रविंद्र सिंह मटरू संगठन मंत्री नारनौल, अश्वनी देशवाल संगठन मंत्री निवनियुक्त को भी सम्मानित करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर जागरूकता दिवस -15 फरवरी
बच्चों के कैसर 90 प्रतिशत किये जा सकते हैं ठीक-डा अंकित
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कनीना की आवाज। वैसे तो कैंसर किसी भी उम्र तथा लिंग के लोगों में पाया जा सकता है किंतु अब तो बाल अवस्था में भी अनेकों कैंसर के रोगी सामने आने लगे है। इस रोग से निपटने के लिए तथा लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कैंसर से पीडि़त बच्चों तथा कैंसर से बचे हुए लोगों और उनके परिवारों के लिए एक अभियान चलाया जाता है। बचपन के कैंसर में अक्सर ल्यूकेमिया कैंसर, मस्तिष्क कैंसर, लिंफोमा, कैंसर, हड्डी के ट्यूमर आदि पाए जाते हैं।
पहली बार 2002 में चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल की ओर से यह दिवस मनाया गया था। कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना कैंसर पीडि़त बच्चों एवं कैंसर से बचे हुए लोगों के इलाज के लिए इस दिवस का प्रोत्साहन देना एक नहल होती है।
कनीना के प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डा अंकित कुमार का कहना है कि हर साल 0 से 19 वर्ष की आयु के 3 लाख बच्चों में कैंसर का पता चलता है और 3 मिनट में एक युवा की कैंसर से मौत हो जाती है। कैंसर से पीडि़त अधिकांश बच्चे निम्न और मध्यम आय वाले होते हैं। यदि रोग को पहचान लिया जाए और निदान उपचार करवाया जाए तो 90 प्रतिशत बच्चों के रोगों को दूर किया जा सकता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात कैंसर विशेषज्ञ डा. अंकित कनीना बताते हैं कि विगत वर्षों में किशोर कैंसर उपचार में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। यदि संबंधित डाक्टर से इलाज करवाया जाए तो इलाज संभव है। उन्होंने बताया कि ल्यूकेमिया ब्लड कैंसर का तीन में से एक बच्चा पाया जाता है। उन्होंने सावधानी एवं जागरूकता जरूरी बताई ताकि बच्चों की जान को बचाया जा सकता है।
डा. अंकित बताते हैं की कैंसर तो बड़ों में भी मिलता है किंतु बच्चों में भी कैंसर तथा 1 वर्ष 19 वर्ष की आयु तक के बच्चों में कैंसर पाया जाता है उसे बाल बाल कैंसर नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कैंसर से पीडि़त बच्चों को ज्यादातर ठीक किया जा सकता है। उपचार शुरू करने से पहले रोगी को परामर्श के दौरान दावों को देने का सही तरीका जानना जरूरी है।
उन्होंने बताया बच्चों की रोक-रोधक क्षमता कमजोर हो जाती इसलिए रोग-रोधक क्षमता बढ़ानी चाहिए।
फोटो कैप्शन: डा अकित
सरेआम शराब पीते हुए एक गिरफ्तार
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कनीना की आवाज। कनीना पुलिस ने कनीना के आर्य समाज मंदिर के पास अभिमन्यु को सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने के मामले में गिरफ्तार कर मेडिकल परीक्षण करवाया तथा मामला दर्ज कर लिया है।
कोटिया में आभूषण एवं नकदी चोरी, मामला दर्ज
-चोरी के वक्त घर पर नहीं था कोई भी
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव कोटिया में संदीप कुमार के घर से अज्ञात चोर आभूषण और 17000 रुपये की नकदीकी चोरी कर ले गये। पुलिस में संदीप कुमार के विरुद्ध मामला दर्ज करवा लिया है। पुलिस में दी शिकायत में संदीप कुमार कोटिया ने बताया कि 12 फरवरी को वह तथा उसका परिवार शादी में गए हुए थे। रात के समय घर पर पर कोई नहीं था। जब घर पर वापस आकर देखा तो घर के दरवाजे का ताला टूटा हुआ था और अंदर जाकर देखा तो घर का सारा सामान उथल-पुथल किया हुआ था। समान चेक करने पर पाया कि एक जोड़ी पाजेब तथा एक अंगूठी और 17000 रुपये की अअज्ञात चोर चोरी कर ले गया। उनकी शिकायत पर कनीना पुलिस में अज्ञात चोर के विरुद्ध विभिन्न धाराओं की तरह दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
केंद्र सरकार के भरोसे पर कट शुरू न होने के कारण, 339वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरना रहा जारी
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए किसानों का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। धरने की अध्यक्षता पहलवान रणधीर सिंह बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के भरोसे पर किसान धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। केंद्र सरकार के द्वारा राष्टीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट के लिए घोषणा की हुई है, उसके बाद आश्वासन भी दिया गया कि कट का काम जल्द शुरू किया जाएगा लेकिन अब तक धरातल पर काम शुरू नहीं किया गया है। राज्य सरकार व केंद्र सरकार विकास की बात करती हैं, गांवों के विकास के बाद ही देश का विकास संभव है। केंद्र सरकार का नारा है सबका साथ, सबका विकास इन 40- 50 गांवों के बीच से राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी गुजर रहा है, यदि इन गांवों को 152डी के साथ नहीं जोड़ा गया, यानी चढऩे और उतरने का मार्ग नहीं बनाया गया तब तक इन लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिलेगा। इसका अर्थ है सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। धरना स्थल पर बैठे किसानों को लग रहा है कि केंद्र सरकार उनकी मांग पर अनदेखी कर रही है, लेकिन किसान पक्के इरादे के साथ धरना स्थल पर बैठे हुए हैं जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है, हम यहीं पर डटे रहेंगे।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 339 दिन हो गए है। केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू न होने के कारण किसानों में आक्रोश है। जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है, हम बार-बार याद दिलाते रहेंगे और यहीं पर बैठे रहेंगे।
इस मौके पर मास्टर विजयपाल, रामभज ,नरेंद्र कुमार शास्त्री,डॉ लक्ष्मण सिंह, मास्टर विजय सिंह, पहलवान धर्मपाल, ओम प्रकाश, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, मुंशी राम, सुरेंद्र सिंह, डॉ राम भक्त, सब इंस्पेक्टर रामकुमार, रोशन लाल आर्य, सूबेदार हेमराज अत्री, नंबरदार नाथूराम, अशोक चौहान, सज्जन सिंह, मनफूल, प्रधान कृष्ण कुमार, सूबेदार भोले राम,वेद प्रकाश, कृष्ण कुमार पंच, इंस्पेक्टर सत्यनारायण, पंडित मनीराम अत्री, रामकिशन, दाताराम, प्यारेलाल, सीताराम, सब इंस्पेक्टर रामकुमार व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान।
बसंत पंचमी का पर्व मनाया गया
-आयोजित हुये प्रवचन,मां सरस्वती पूजा एवं हवन
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में बसंत पंचमी का पर्व मनाया गया। विभिन्न शिक्षण संस्थानों में भी बसंत पंचमी की धूम रही। कई जगह भंडारा लगाया, मां सरस्वती को याद कर प्रवचन किये गये। इस मौके पर मां सरस्वती की पूजा की गई तथा बच्चों को शिक्षण दिया। इस मौके पर बच्चों ने वासंती वस्त्र पहने। किसान अपनी पकती सरसों को देखकर प्रसन्न हैं।
उधर संत शिरोमणि बाबा लालदास ने उधोदास आश्रम परिसर में हवन आयोजित करने के उपरांत वासंती हलवा बनाया तथा कढ़ी एवं खिंचड़ा का प्रसाद वितरित किया। हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक वर्ष के माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन ही ब्रह्मांड के रचयिता ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती की रचना की थी। इस बात का उल्लेख पुराणों में मिलता है कि, सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने मनुष्य योनि की रचना की क्योंकि, अपनी प्रारंभिक अवस्था में मनुष्य मूक था और धरती बिल्कुल शांत थी तब, ब्रह्मा जी ने धरती को इस अवस्था में देखा तो अपने कमंडल से जल लेकर छिड़क दिया। जिससे एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई। जिनके हाथ में वीणा थी और उनका दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। यही शक्ति मां सरस्वती कहलायी। उन्होंने वीणा का तार छेड़ा तो तीनों लोक में कंपन हो गया और सबको शब्द वाणी मिल गई। डा होशियार सिंह यादव का कहना है कि इस दिन से ही बच्चे शिक्षा एवं अक्षरज्ञान लेने लगते हैं और मां सरस्वती की पूजा का विशेष प्रावधान होता है।
इस अवसर पर बाबा लालदास ने कहा कि मां सरस्वती से बड़ी कोई ज्ञान की देवी इस सृष्टि में नहीं हैं। विद्यार्थियों सहित विभिन्न लोगों को नित्यप्रति उनकी आराधना करनी चाहिए। इस मौके पर जहां भक्तों ने पूर्ण आहुति डाली। इस मौके पर दूर दराज से आये भक्त तथा ग्रामीण उपस्थित थे।
उधर कनीना कके राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में बसंत पंचमी उत्सव धूमधाम से मनाया गया। स्टाफ सदस्यों ने मां सरस्वती की पूजा अर्चना की व उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर नरेश कौशिक ने सभी को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बसंत पंचमी हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण उत्सव है, आज के दिन ऋतुराज बसंत का आगमन माना जाता है और बसंत ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है। उन्होंनेबताया कि बसंत पंचमी हमारे देश का सबसे पवित्र त्योहार है जिसमें सभी अध्यापक व बच्चे मां सरस्वती के चरणों में बैठकर विद्या का वरदान पाने के लिए उनकी पूजा अर्चना करते है। उन्होंने बताया कि बसंत पंचमी का त्योहार हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
फोटो कैप्शन 01: राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में मां सरस्वती सम्मुख पुष्प अर्पित करते हुए स्टाफ।
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