प्रधान सचिव वी राजा शेखर ने कोविड-19 के प्रबंधों की समीक्षा की
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नारनौल महेंद्रगढ़ व कनीना में लिया स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा
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कनीना। हरियाणा पशु पालन व डेयरी विभाग के प्रधान सचिव वी राजा शेखर ने नारनौल में दौरे के बाद कनीना के उप नागरिक अस्पताल का दौरा किया। नवनिर्मित 4 मंजिला अस्पताल में कोविड-19 के संबंध में की जा रही तैयारियों का जायजा लिया।
यहां पर उन्होंने सैंपलिंग से लेकर मरीजों के दाखिल होने तक की सारी प्रक्रिया के बारे में सीएमओ से जानकारी ली। सीएमओ डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि इस चार मंजिला भवन में काफी जगह है तथा इसे पटीकरा के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है । यहां पर जल्द ही बेड आदि की व्यवस्था हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि बिजली पानी आदि की सभी व्यवस्था यहां हो चुकी है और जनरेटर की व्यवस्था भी कर दी गई है। उन्होंने जानकारी दी कि यहां पर कोविड-19 के मरीजों के आने पर जाने के लिए अलग-अलग रास्ता बनाया गया है। अगर भविष्य में जरूरत पड़ेगी तो यहां इस उप नागरिक अस्पताल में मरीजों को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध होगी।
श्री शेखर के जाने के बाद उपायुक्त आरके सिंह ने जहां सभी मंदिरों में पहुंचकर अस्पताल में कोविड-19 को लेकर की जा रही सभी व्यवस्थाओं को देखा तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए। डीसी ने कहा कि यहां पर नागरिकों को आते ही सभी प्रकार की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी काउंटर पर ही मिलनी चाहिए। इस मौके पर एडीसी डॉक्टर मुनीश नागपाल व एसडीएम रणवीर सिंह भी मौजूद थे।
फोटो : कनीना के उप नागरिक अस्पताल में सुविधाओं का जायजा लेते वी राजा शेखर।
मोबाइल टीम ने लिये 22 सैंपल
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कनीना। कनीना क्षेत्र में फैले कोरोना से लोगों को बचाने के लिए जहां कनीना नगर पालिका त्वरित कार्रवाई में जुटी हुई है वहीं उप नागरिक अस्पताल के कर्मी भी लगातार जुटे हुए हैं। शुक्रगवार को क्षेत्र में 22 सैंपल मोबाइल टीम ने तथा 10 सैंपल टीबी वालों के तथा चार अन्य सैंपल लिए गए हैं।
विस्तृत जानकारी देते हुए डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि 22 सैंपल उन लोगों के लिए गए हैं जिनके रिश्तेदार एवं करीबी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ये सैंपल मोबाइल टीम द्वारा लिए गए हैं। दस डा धर्मेंद्र ने बताया कि कनीना के सात, गाहड़ा के चार, रसूलपुर के पांच, ककराला के दो, खैराना के चार लोगों के सैंपल लेकर उनको रोहतक लैब में भेजा गया है। सैंपल उन लोगों के लिए गए हैं जिनमें टीबी की बीमारी है तथा 4 अन्य सैंपल के लिए गए हैं। यह सौभाग्य क्षेत्र में शुक्रवार को कोई भी पाजिटिव केस नहीं आया।
मजदूर यूनियन ने सौंपा मांगपत्र
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कनीना। मनरेगा मजदूर यूनियन जिला महेंद्रगढ़ खंड कनीना के संयोजक कर्मवीर के नेतृत्व में खंड के एसपीओ को मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र में मांग की गई कि मनरेगा मजदूर के सभी के जॉब कार्ड बनाए जाए, जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा स्कीम के तहत काम दिया जाए।
मनरेगा मजदूर यूनियन खंड कनीना के संयोजक कर्मवीर ने बताया कि कनीना खंड के सेहलंग के मजदूरों के फार्म व दस्तावेज 1 मई को जमा करवा दिया था लेकिन कनीना खंड के अधिकारियों ने जॉब कार्ड नहीं बनाए और जॉब कार्ड बनाकर काम ना दिया।
ग्राम पंचायत स्याणा के मजदूरों ने भी जॉब कार्ड बनाने के फार्म भर कर वह मजदूरों ने अपने दस्तावेज खंड कार्यालय में दे दिए लेकिन जॉब कार्ड नहीं बनाए। सीहोर ग्राम पंचायत में मनरेगा के मजदूरों से काम करवा लिया लेकिन अभी तक पैसे नहीं दिए हैं। मांग पत्र में मांग की गई कि सीहोर के मजदूरों को काम दिए जाएं तथा जो काम किया है उसका भुगतान तुरंत किया जाए। सभी खंड के गांव के मजदूरों के जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा स्कीम के तहत काम दिया जाए। उन्होंने कहा कि विश्व महामारी के समय काम धंधे बंद है काम धंधे बंद होने की वजह से मजदूरों को काम नहीं मिल रहा जिस वजह से परिवार चलाने में कठिनाई व परेशानी हो रही है। इसलिए मनरेगा स्कीम के तहत काम देकर मजदूरों का जीवन स्तर उठाया जाए। एक ज्ञापन एसईपीओ अनिल कुमार को दिया।
उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांग को जल्द स्वीकार नहीं की गई तो जिला स्तर पर मनरेगा का नोडल अधिकारी के माध्यम से हरियाणा सरकार को मांग पत्र सौंपा जाएगा। मनरेगा मजदूर यूनियन के जिला सलाहकार कामरेड सुभाष चंद्र एडवोकेट ने कहा कि मनरेगा एक्ट के अंदर नियम है कि मजदूर अगर काम मांगता है तो उसको 15 दिन के अंदर काम दिया जाए। अगर काम नहीं दिया जा सकता है तो उसको बेरोजगारी भत्ता दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर उनकी समस्या को जल्दी से सब ठीक नहीं किया गया जिला स्तर पर नोडल अधिकारी मनरेगा स्किल जिला महेंद्रगढ़ को मांग पत्र सौंपा जाएगा और यह मांग पत्र मनरेगा के केंद्रीय मंत्री के नाम सौंपा जाएगा इस मौके पर वीरेंद्र सिंह सेहलंग सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र शर्मा सुरेश स्याना, रामचंद्र सीहोर, दीवान ओम प्रकाश, शारदा, रोशन लाल स्याना ,कृष्ण कुमार सीहोर व अनेकों गांव से मनरेगा मजदूर के सक्रिय कार्यकर्ता उपस्थित हुए।
फोटो कैप्शन 2: मजदूर यूनियन ज्ञापन देने जाते हुए।
सरसों की खरीद न होने से किसान परेशान
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कनीना। कनीना क्षेत्र में सरसों की खरीद सरकारी तौर पर ना होने से किसान परेशान हैं। कुछ दिनों तक खरीद होने के बाद खरीद बंद कर दी गई थी।
मिली जानकारी अनुसार कुछ दिनों तक सरकारी खरीद हुई तत्पश्चात सरकारी तौर पर खरीद बंद कर दी गई है। बार-बार किसान मांग कर रहे हैं कि सरसों की सरकारी खरीद की जाए किंतु अभी तक कोई खरीद का आदेश नहीं आया है। यहां उल्लेखनीय की सरसों की खुी मंडियों में कोई नीलामी नहीं हो सकती। ऐसे में किसान लुट पीटकर 4300 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से तेल मिलो तक सरसों पहुंचा रहे हैं। उधर सरकारी तौर पर सरसों की खरीद 4425 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से की गई थी। इस प्रकार सवा 125 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से कम दामों पर सरसों बिक रही है।
किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि सरकारी तौर पर खरीद न होने से परेशानी बढ़ती ही जा रही है। ऐेसे में उन्होंने मांग की है कि सरकारी तौर पर सरसों की खरीद की जाए।
8.50 लाख रूपेण छूटी बोली
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कनीना। कनीना क्षेत्र में नगर पालिका के तहत पडऩे वाली करीब 335 कनाल कृषि योग्य भूमि 335 साल के करीब 8.50 लाखे रुपये के पट्टे पर छोड़ दी है।
जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि 1 साल के पट्टे पर करीब 8.5 लाख रुपये के पट्टे पर जमीन पर छोड़ा गया है। कृषि योग्य भूमि को पट्टे पर हर वर्ष छोड़ा जाता है।
हटाये गये पीटीआई शिक्षकों ने दिया धरना,
भेजा ज्ञापन
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कनीना। कनीना क्षेत्र के हटाए गए पीटीआई शिक्षकों ने कनीना खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय समक्ष धरना दिया और एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम भिजवाया।
विगत 10 वर्षों से कार्यरत 1983 पीटीआई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार हरियाणा सरकार ने विगत दिनों हटा दिया था जिसके चलते हैं उनके परिवारों में रोष पनप रहा है। यहां तक कि कई घरों में खाना तक नहीं बन रहा है। कनीना खंड के 29 पीटीआई एवं डीपीई हटाए गए जिन्होंने शुक्रवार को धरना दिया तथा ज्ञापन बाबूलाल प्रधान के मार्फत मुख्यमंत्री हरियाणा को भिजवाया।
ज्ञापन में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश किया था कि लॉकडाउन के बाद 5 महीनों के अंदर दोबारा से भर्ती की जाये लेकिन हरियाणा सरकार ने सभी नियमों का नजरअंदाज करते हुए उन्हें कार्यभार मुक्त कर दिया है।
हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान हुनेश कुमार ने बताया कि पीटीआई अध्यापकों को निर्दोष हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कार्यकाल में नियुक्त हुए थे और राजनीति का शिकार हुए हैं। उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार तथा कोर्ट ने जांच पड़ताल की है इसमें कोई भी कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया। माननीय न्यायालय में भी किसी भी कर्मचारी पर किसी तरह का कोई दोष साबित नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि कर्मचारी दोषी साबित हुए है तो किसी प्रकार की सजा के हकदार है। इसलिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा की गई गलतियों के लिए सरकार अध्यापकों को सजा
न दे।
उन्होंने पीटीआई अध्यापकों एवं उनके परिवारों के प्रति सहानुभूति पूर्वक मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए 1983 पीटीआई शिक्षकों के पुन: नौकरी में लिया जाये।
उन्होंने कहा कि उन्हें फिर से बहाल किया जाए वरना कड़े विरोध के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि वे कड़ा संघर्ष और आंदोलन करेंगे जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी। उन्होंने कहा कि अब जिला स्तर तत्पश्चात राज्य स्तर पर आंदोलन चलेगा।
फोटो कैप्शन 1: धरने पर बैठे पीटीआई शिक्षक।
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