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Thursday, June 11, 2020


कोरोना केस बढ़कर हुए 24, आठ साल बच्चा भी पाजिटिव 
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-पांच स्वस्थ होकर लौटे वापस 

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में कोरोना केस बढ़ते ही जा रहे हैं। गुरुवार को तीन और केस आने से अब इनकी संख्या बढ़कर 24 हो गई है जिनमें से पांच व्यक्ति स्वस्थ होकर अपने घर भी लौट चुके हैं।
डॉ धर्मेंद्र एसएमओ कनीना ने बताया कि एक धनौंदा, ककराला एवं दौंगड़ा अहीर में एक एक केस कोरोना पाजिटिव पाये गए हैं।  प्रशासन ने सभी कार्रवाई पूर्ण करते हुए उन्हें होम आइसोलेट कर दिया है तथा क्षेत्र में दवा का छिड़काव करके कंटेनमेंट जोन बना किया है। उल्लेखनीय है कि दौंगड़ा अहीर में जिस व्यक्ति में कोरोना पॉजिटिव पाया हैं वह इंदौर से यहां लौटा था। नारनौल में सैंपल दिया था तथा वापिस नारनौल चला गया था। उन्हें उनके गांव बुलाकर हाम आइसोलेट कर दिया गया है। एक  केस धनौंदा में उस परिवार में मिला है जहां पहले ही कोरोना पाजिटिव केस पाये गये थे। उधर ककराला में 8 साल का एक बच्चा भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इस परिवार में उसके माता पिता भी कोरोना पाजिटिव मिले थे। डा अंकित की अध्यक्षता में शिशराम एचआई, सुनील कुमार एमपी एचडब्ल्यू संतोष तथा स्नेहलता
उधर कनीना पालिका सक्रिय हो चुकी है तथा कोरोनावायरस से बचाने के लिए सभी व्यापक प्रबंध किए हुए है। दवा का बार-बार छिड़काव किया जा रहा है वही फागिंग भी करवाई जा चुकी है। सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विस्तृत जानकारी देते हुए सतीश जेलदार पालिका प्रधान ने बताया कि कनीना में जहां कोरोना के केस जहां मिले हैं है वहां स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया है। उधर डॉक्टर का कहना है कि नियमों का पालन न करने से कोरोना पॉजिटिव बढ़ते ही जा रहे हैं। कोरोना फैलने के पीछे नियमों का पालन नहीं करना बताया गया है, वहीं बाजार खुल गया है,आवागमन होने से भी कोरोना बढ़ रहे हैं।
 फोटो कैप्शन तीन: ककराला में कोरोना केस को होम आइसोलेट करते हुए स्वास्थ्य कर्मी।







कनीना क्षेत्र में कोरोना की स्थिति--- 11 जून 2020

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 कुल केस 24         वापस आये-05
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गांव का नाम         कोरोना पोजिटिव संख्या
1.   ककराला       03
2.   इसराना         02
3.   रामबास        02
4.   कनीना          04
5.   मोहनपुर        01
6.   सिहोर           02
7.  छीथरोली        01
8.   गोमला         01
9.   खैराना          01
10  धनौंदा          03
11  रसूलपुर        01
12  सेहलंग         01
13  गाहड़ा          01
14 दौंगड़ा अहीर    01

वापस आये-05



15 दिन की सेवा के बाद रहना होता है 15 दिन क्वारेंटाइन

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कनीना। कोरोना के कहर से जहां आम नागरिक अपनी व परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित है वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना से पीडि़त लोगों के इलाज में जुटी है। निकटवर्ती गांव दुलोठ जाट निवासी पुष्पेंद्र कुमार दिल्ली में रेलवे सेंट्रल अस्पताल में कोरोना स्पेशल वार्ड में सेवाएं प्रदान कर रहा है। केंद्रीय पुलिस से सेवानिवृत्त नन्दकिशोर का बेटा पुष्पेंद्र सेंट्रल अस्पताल में नर्सिंग अधिकारी है तथा प्रतिदिन 10-12 घण्टे कोरोना पॉजिटिव के मध्य रहकर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा है । अपनी सेवाओं के चलते पुष्पेंद्र पिछले तीन महीनों से अपने परिवार से भी नही मिल पाया है। पुत्र के प्रति अत्यंत स्नेह के कारण माँ पुष्पेंद्र के स्वास्थ्य को लेकर स्वाभाविक रूप से तनिक चिंतित हैं परंतु पिता नन्दकिशोर का कहना है कि मुझे पुष्पेंद्र पर गर्व है कि उसे देश-सेवा का मौका मिला है । अपनी सेवाओं के विषय में पुष्पेंद्र का कहना है कि सामान्य वार्ड की बजाय कोरोना स्पेशल वार्ड में संक्रमण का जोखिम अधिक है । हमें 15 दिन अस्पताल में सेवाएं देने के बाद 15 दिन तक होम क्वारनटाइम रहना पड़ता है परन्तु मेरे पिता नन्दकिशोर एवं मेरी प्रेरणा स्रोत डॉ छत्रपाल वर्मा ने सदैव ही मुझे अपने कर्तव्य के प्रति उत्साहित किया है। मुझे गर्व है कि ईश्वर ने मुझे मानवता की सेवा करने का सुअवसर प्रदान किया है।
फोटो कैप्शन: पुष्पेंद्र दुलोठ।


सिर मुंडवाते ही ओले पड़े 

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 कनीना। जिला महेंद्रगढ़ में यूं तो औषधीय पौधे कम उगाते हैं। लेकिन सीहमा के सुनील कुमार पर यह कहावत चरितार्थ होती है कि सिर मुंडवाते ही ओले पडऩा। उन्होंने अपने खेत में ऊंट कटेला और एनिसीड की खेती की थी जो विगत दिनों ओलावृष्टि, आंधी और बारिश ने तबाह कर दी है। जिसके चलते सुनील कुमार बुरी तरह से हताश है।
 उन्होंने दैनिक जागरण को बताया की पहली बार इस प्रकार की फसल उगा कर लाभ कमाने की सोची थी लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि इस बार ओलावृष्टि होगी। ओलावृष्टि से नुकसान के चलते उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें मुआवजा दिया जाए।
 फोटो कैप्शन 4: बर्बाद हुई फसल का एक नजारा



शिक्षकों को बार बार जाना पड़ता है विद्यालयों में 

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कनीना। कहने को तो कोरोना के चलते स्कूलों में अवकाश है लेकिन शिक्षकों की जिम्मेदारियां बहुत अधिक बढ़ा दी है। समय-समय पर स्कूलों में बुलाया जाता है, ऑनलाइन शिक्षण का कार्य करना होता है, वही डेली डायरी सहित सभी कार्य रिजल्ट आदि तैयार करने पड़ रहे हैं। शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मियों को स्कूल में बुलाने की पहले ही अनुमति है। ऐसे में कोरोना से बचना और भी कठिन हो गया है। यदि यही हाल रहा तो शिक्षक भी इस रोग से कतई दूर नहीं रह पाएंगे। अध्यापक नेता कंवर सेन वशिष्ट तथा निर्मल शास्त्री ने मांग की है कि शिक्षकों कोरोना के दौरान कतई स्कूल में नहीं बुलाया जाए और जो कार्य ऑनलाइन संभव हैं उन्हें ऑनलाइन करवाए।




सुनसान हो गए हैं बाजार 

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कनीना। कनीना मंडी और बाजार धीरे-धीरे सुनसान होने लगे हैं। जिनके पीछे कोरोना फैलना, गर्मी का बढऩा तथा कनीना मंडी में खरीद करने होना माना जा रहा है।
 एक और जहां कोरोना पॉजिटिव केस बढ़कर 24 हो गए हैं जिसके चलते लोग डर के मारे घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। यहां तक कि जब ज्यादा जरूरत होती है तो घर से बाहर निकल रहे हैं। दूसरी ओर गर्मी बढ़ती ही जा रही है। दोपहर के समय तो घर से बाहर निकलना भी दूभर हो जाता है। यही कारण है कि लोग घरों में दुबके हुए हैं। उधर कनीना अनाज मंडी में सरसों और गेहूं की खरीद न होने से भी सुनसान होते जा रहे हैं। यदि खरीद जारी रहती तो आवागमन भी बढ़ सकता था। यही कारण है कि कनीना मंडी सुनसान नजर आने लगी है।
 कनीना मंडी के गणेश कुमार, रविंद्र बंसल, ओमप्रकाश लिसानिया ने बताया कि मंडी में आवागमन कम होने लगा है। यही कारण है कि अनाज मंडी कुछ सुनसान होने लगी है।



40 चालान काटे 

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कनीना। कनीना क्षेत्र में मास्क नलगाने वालों 125 चालान काटे गए वहीं 15 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान काटे गए हैं। एसआई गोविंद सिंह ने बताया कि जो लोग नियमों का पालन नहीं करते उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार मुंह पर मास्क, हाथों में ग्लव्स हो तथा नियमों का पालन करते हुए ही घर से बाहर जरूरत पडऩे पर जा सकते हैं। बुजुर्ग और बच्चों को तो घर से बाहर भी नहीं आना चाहिए। जरूरी काम से घर से बाहर निकलना चाहिए।

कनीना में पालिका हुई सक्रिय-- अब तक चार केस मिल चुके हैं

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कनीना। कोरोना के चार केस मिलने के बाद कनीना कस्बा के लोग एवं पालिका बहुत सक्रिय हो गए हैं। जहां कोरोना से लडऩे के लिए जी जान एक किए हुए हैं वही कनीना क्षेत्र में बार-बार दवा का छिड़काव करवाया जा रहा है। कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया बताया कि दवा का छिड़काव किया जा रहा है, सफाई का विशेष ध्यान दिया जा रहा है ऐसे में कोरोना से लडऩे के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। यदि लोग जागरूक नहीं होंगे तो समस्या बढ़ जाने की पूरी संभावना है।
यहां यह भी उल्लेखनीय कस्बा कनीना के आसपास गांव 24 केस कोरोना पॉजिटिव पाए गए जबकि एक केस कोरोना को हराकर वापस लौट चुका है। धीरे धीरे करोना पॉजिटिव केस बढऩे से उन्हें घर में ही आइसोलेट किया जा रहा है।
फोटो कैप्शन 1: कस्बा में दवा का छिड़काव करते हुए।


गर्मी में कारगर हो रहे हैं तरबूज 

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कनीना। क्षेत्र में जो गर्मी बढ़ती ही जा रही है और गर्मी से बचने के लिए तरबूज का प्रयोग कर रहे हैं। एक और जहां कोरोना की मार है वही लोग मजबूरी में तरबूज खा रहे हैं। तरबूज उगाने वालों के वारे न्यारे हो रहे हैं। क्षेत्र में तरबूज की बेहतर पैदावार हुई है।
 गांव इसराणा के अजय कुमार किसान ने ऑर्गेनिक तरबूज उगाकर मांग बढ़ा ली है। उन्होंने करीब सवा लाख रुपए के तरबूज आधा एकड़ जमीन से बेच कर प्राप्त कर लिए हैं। जबकि लागत करीब 30 हजार आई है। तरबूज सेहत विशेषकर पेट के लिए बेहतर माना जाता है। गर्मी को खत्म करता है।
 वैद्य बालकिशन और हरी किशन ने बताया कि तरबूज खाने से पेट की गर्मी भी खत्म होती है वही जिनका उच्च रक्तचाप से तरबूज खाना चाहिए। जहां प्यास बूझ जाती है वही मीठा होने से मन भी प्रसन्न हो जाता है।  बच्चे, बूढ़े और जवान सभी को तरबूज प्रमुखता से प्रयोग करते है।
तरबूज उगाने वाले किसान सूबे सिंह और अजीत कुमार का कहना है कि जब यह तरबूज उगाते हैं तो अपने घर परिवार के लिए पैदा करते हैं और अब खुद प्रयोग कर लेते हैं परंतु तरबूज खाने से जहां मन खुश हो जाता है वही गर्मी से बहुत अधिक राहत मिलती है। यही कारण है कि गर्मी के दिनों में तरबूज खाना पसंद करते हैं।
 फोटो कैप्शन 2: तरबूज की खेती किए हुए किसान अजय।

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