कनीना में फूटा कोरोना बम
एक ही दिन में मिले पांच पोजिटिव केस
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कनीना। कनीना में मंगलवार का दिन बुरा बीता है। जहां एक ही दिन में पांच केस पोजिटिव पाये गये। जहां दिनभर में गोमली का एक केस पॉजिटिव आया था वही शाम होते-होते चार अन्य केस भी सामने आए। इनके चलते ऐसा लगा कि क्षेत्र में कोरोना बढ़ता ही जा रहा है।
ग्राम रामबास में महिला पॉजिटिव पाई गई। यह उस घर से संबंध रखती है जहां पहले एक केस पॉजिटिव आ चुका है। उनका उपचार चल रहा है। उधर सीहोर में कोरोना पोजिटिव पाया गया। ककराला के पति पत्नी जो दिल्ली में रीड की हड्डी का ऑपरेशन करवाकर लौटे थे, दोनों ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इस प्रकार मंगलवार के दिन कनीना क्षेत्र में 5 कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए।
अखबार से नहीं फैलता कोरोना ********************************
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कनीना। कनीना नगरपालिका के प्रधान सतीश जेलदार अखबार के पाठक है और उनका मानना है कि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ तब से लगातार अखबार पढ़ रहे हैं। अखबार को पूर्ण रूप से कोरोना सहित करके भेजा जाता है। ऐसे में अखबार पढऩे से किसी प्रकार के कोई रोग फैलने की अभी तक सूचना नहीं है।
उन्होंने कहा कि अखबार देश-विदेश की सूचनाओं का आधार होता है। अखबार से दूरी बनाना उचित नहीं है। उन्होंने अखबार पढऩे के बाद यदि कोई शंका है तो पढऩे के बाद हाथों सेनिटाइजन धो लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना की ही जानकारी का अच्छा स्रोत अखबार भी है। इसे लगातार पढऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्सर सुनने में आता है कि अखबार से कोरोना फैलता है। उनका मानना है कि समाचार पत्र मालिक, विशेषज्ञ भी बार-बार कह रहे हैं कि अखबार से कोरोना नहीं फैलता है।
उन्होंने कहा कि कनीना में लाकडाउन के वक्त भी अखबार बंद नहीं हुआ और न होगा। अखबार हाकर प्रतिदिन घरों में अखबार डालने आ रहे हैं। न तो उन्होंने स्वयं अखबार बंद किया और न हाकर को दुकान बंद करने का कोई आदेश दिया।
फोटो कैप्शन: सतीश प्रधान जैलदार।
प्रभु भक्ति में लगाओ मन-सुरेंद्र शर्मा
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कनीना। लाकडाउन के समय जहां परेशानी बढ़ी हुई है, घर में रहते हुए लोग परेशान हो रहे हैं उन्हें शांतचित्त होकर आराम करना चाहिए। प्रभु भक्ति व प्रभु लीला का आनंद लेना चाहिए। ये विचार कनीना के सुरेंद्र शर्मा ज्योतिष आचार्य ने कहा कि समय-समय पर पर्व आते रहते हैं। इन पर्वों को घर में अच्छे प्रकार मनाना चाहिए। पर्व मनाने से समय भी बीत जाएगा और कोरोना से भी बच पाएंगे। उन्होंने कहा कि मंगलवार को जहां निर्जला एकादशी का पर्व मनाया गया। इस पर्व को भीमसेन एकादशी भी कहते हैं। उन्होंने कहा कि एकादशी का संबंध महाभारत के पांडु पुत्र भीम से जुड़ा है जिन्होंने वेद व्यास की सलाह पर सबसे पहले यह व्रत किया था। तभी से प्रतिवर्ष मनाया जाता रहा है। इस बार कोरोना के चलते पर्व के प्रति कम लगाव रहा है। इस प्रकार के पर्व बड़ा आनंद भर जाते हैं वहीं मन भी खुश रहता है। शांतचित कोई नया कार्य करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि घर बैठे बैठे इंसान थक जाता है। युवा बच्चे एवं बुजुर्गों को घर के अंदर रहते हुए भारी दुख तकलीफ उठानी पड़ती है। लेकिन इन दुख तकलीफों को कम किया जा सकता है और इन दुख तकलीफों को कम करने का एकमात्र जरिया है घर में आराम करें। बच्चों के साथ मधुर संबंध बनाए। उनकी समस्याओं को हल करें, आनंद सहित खुद रहे तथा परिवार को भी आनंद में रखें। छोटे-मोटे पर्व जरूर मनाए, इसमें पूरे परिवार को साथ लेकर चले। घर के अंदर ही मनाए तो आनंद आएगा। शरीर के रोग दूर होंगे। उन्होंने कहा कि प्रभु भक्ति दुनिया की सबसे बड़ी भक्ति और शक्ति है। प्रभु भक्ति में जिसका मन लग गया है उसे किसी अन्य चीज की जरूरत नहीं है। कवि, लेखक, पत्रकार सभी अपने-अपने कार्यों में लगे हुए हैं। महज परिवार के सदस्य हर जगह थोड़ा परेशानी झेल रहे हैं परंतु उनकी परेशानी भी कम की जा सकती है। संयम और अनुशासन में रहकर सभी कार्य पूर्ण किया जाए, घर में सौहार्द वातावरण भी पैदा होगा।
फोटो कैप्शन: सुरेंद्र शर्मा।
किसान लगे बाजरे की बिजाई में, परंतु कृषि विभाग इस वक्त को ठीक नहीं मानता
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कनीना। क्षेत्र में गत दिनों 45 एमएम बारिश होने के बाद किसान तेजी से अपने खेतों में बाजरे की बिजाई में लग गए हैं। यद्यपि कपास की फसल ओलावृष्टि से विगत दिनों नष्ट हो गई थी। इसके बाद एक बार फिर से उत्साह बनाकर बाजरे की बिजाई में लगे हैं। ट्रैक्टर आदि से बिजाई कर रहे हैं। कनीना की 52000 हेक्टेयर भूमि जिसे बावनी नाम से जाना जाता है में ज्यादा बाजरे की बीजाई तत्पश्चात कपास और ग्वार की कृषि की जाती है।
किसान अजीत कुमार, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने बताया कि वे मजबूरी में दूसरे लोगों को देखकर बिजाई कार्य में लग गए हैं। बीज की दुकानों पर भारी भीड़ देखने को मिलती है। बीज खरीद तेजी से उगा रहे हैं।
उधर खंड कृषि अधिकारी गजानंद शर्मा ने बताया कि बाजरे की बीजाई की जा रही है उसकी जगह अगर ग्वार की बीजाई की जाये तो ज्यादा बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि बाजरे की बीजाई में अभी 3 सप्ताह बाकी है। जून के अंतिम सप्ताह तक बाजरे की बिजाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह अगैती बिजाई होगी। ऐसे में जब फसल पक जाएगा उस समय बारिश होगी जिसका नुकसान बाजरे के भुट्टों को होगा। उन्होंने कहा कि बाजरा बीजाई इस वक्त नियमानुसार ठीक नहीं है।
फोटो कैप्शन 4: बाजरे की बीजाई करते हुए किसान।
कस्बा कनीना में खुली सभी दुकानें***
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कनीना। कनीना कस्बा में जहां सोमवार शाम तक दुकान खोले जाने को लेकर सस्पेंस बना हुआ था आखिरकार वह मंगलवार को दूर करते हुए सभी दुकानें खोलने के जिला उपायुक्त नारनौल ने आदेश दे दिये। उन्हीं आदेशों का पालन किया गया।
कनीना कस्बा की सभी दुकानें खुल जाने से दुकानदार खुश हैं वही अब कोरोना के अधिक फैलने की संभावना बनती जा रही है। ऐसे में लोग जागरूक किये जा रहे हैं।
संशमन वटी वितरित
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कनीना। जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ अजीत यादव के नेतृत्व में डॉ शशि मोरवाल, संदीप होम्योपैथी डिस्पेंसर एवं कपिल ने कनीना के गांव रामबास तथा इसराना में जाकर बनाए गए कंटेनमेंट जोन तथा घर घर जा कर संशमन वटी वितरित की। साथ ही पूरे गांव में वरिष्ठ नागरिकों को भी यह दवा दी गई। कंटेनमेंट जोन में आने वाले लोगों व वरिष्ठ नागरिकों को औषधि प्राथमिकता के आधार पर दी गई और
इम्युनिटी पावर बढ़ाने पर बल दिया गया।
डॉ शशि मोरवाल ने लोगों को कोरोनावायरस से बचने के लिए गर्म पानी से गरारे करने व नारियल तेल की दो-दो बूंद नाक में डालने के लिए कहा। रात को सोते समय हल्दी वाला दूध पीने पर बल दिया वहीं दिनचर्या बदल कर प्रतिदिन एक घंटा व्यायाम करने पर भी बल दिया। इससे इम्यूनिटी पावर बढ़ जाएगी और महामारी से लडऩे की क्षमता भी बढ़ेगी।
फोटो कैप्शन 3: संशमन वटी वितरित करते हुए डाक्टर एवं अन्य।
जगह जगह लगाई गई मीठे पानी की छबीले
-कोरोना के चलते बहुत कम लोगों ने पिया ठंडा जल
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कनीना। मंगलवार को निर्जला एकादशी के दिन सड़क चौराहों पर मीठे पानी की छबीले लगाई गई वहीं लोगों एवं राहगीरों को मीठा पानी पिलाया गया। मीठे जल के अतिरिक्त तरबूज, प्रसाद एवं फल खिलाए गए। यहां तक कि रास्ते से तभी गुजरने दिया गया जब उन्होंने मीठा जल पी लिया। कोरोना के चलते लोगों ने बहुत कम पानी पिया। लोकडाउन के नियमों का पालन भी किया गया।
गर्मी के इस मौसम में मंगलवार को निर्जला एकादशी के दिन सुबह से ही सड़कों पर मीठा पिलाया गया। कनीना के बाबा मोलडऩाथ आश्रम में भक्तों ने प्रसाद चढ़ाया। यहां पर प्रत्येक शुक्ल एकादशी को अपार भीड़ जुटती है। शिवालय पर भी भक्तों की भीड़ रही। प्याऊ में सुबह से घड़े जल से भरकर रखे गए। भीषण गर्मी के चलते आमजन लोगों को गर्मी से राहत पहुंचाने के लिए छबीले लगाई गयी थी। कनीना के शिवालयों पर भारी भीड़ रही। नये घड़े जल से भरकर रखे।
उधर संत लालदास महाराज ने कहा कि वैसे तो शुभ कर्म कभी भी किए जाए वह कभी निष्फल नही जाते लेकिन किसी पर्व पर किए गए शुभ कर्मों का फल अलग ही मिलता है जैसे निर्जला एकादशी के दिन किए गए शुभ कर्मों का विशेष ही महत्व होता है। इस लिए इस दिन अन्न, फल, जल तथा वस्त्र आदि दान करने के अलावा गायों को भोजन कराने का विशेष अवसर माना जाता है।
लालदास महाराज ने कहा कि वेद व्यास ने इसका महत्व बताया तो एक दिन पांडव भीम ने पूछा-गुरूदेव, में तो बगैर खाए पीए नहीं रह सकता। मेरे लिए व्रत करना तो अति कठिन होगा। मुझे कोई मार्ग सुझाओ ताकि स्वर्ग प्राप्त हो सके। वेद व्यास ने अविलंब कहा-आप एक दिन का व्रत अर्थात निर्जला एकादशी व्रत करके भी स्वर्ग प्राप्त कर सकते हैं। कहते हैं कि भीमसेन ने भी यह व्रत रखा और तभी से इसे भीमसेन एकादशी नाम से जाना जाता है। भीमसेन द्वारा चलाई गई प्रथा आज भी चली आ रही है।
हाथ निर्मित पीपीई किट एसडीएम को भेंट किए
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कनीना। कनीना के तीन युवकों ने हाथों से निर्मित 10 पीपीई किट कनीना के एसडीएम रणवीर सिंह को मंगलवार को भेंट किए। इन युवकों में विभोर मित्तल, हितेश गर्ग, शुभम गर्ग ने अपने हाथों से बनाए थे
यह पीपीई किट डॉक्टरों और पुलिस कर्मियों के काम आयेंगे। वह पुलिसकर्मियों के काम आएंगे। इस मौके पर रणवीर सिंह एसडीएम ने कहा कि युवकों ने एक सराहनीय कार्य किया है। इस प्रकार के कार्य करने से कोरोना योद्धाओं को लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का कोई न कोई फर्ज बनता है कि वह देश हित में कोई कार्य करें। इसी कड़ी में युवकों ने कार्य किया है। उन्होंने कहा कि वास्तव में युवक बधाई के पात्र हैं।
फोटो कैप्शन 2: पीपीई किट एसडीएम कनीना को भेंट करते हुये युवक।
29 पीटीआई एमडीपीई नौकरी से बर्खास्त
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कनीना। कनीना खंड में कार्यरत 26 पीटीआई तथा तीन डीपीई नौकरी से बर्खास्त कर दिए गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार प्रदेश के 1983 पीटीआई पर गाज गिरी थी। जिनमें से 26 पीटीआई कनीना खंड में कार्यरत थे जबकि तीन पीटीआई प्रमोशन लेकर डीपीई पद पर पहुंच गए थे। मिली जानकारी अनुसार 29 पीटीआई और डीपीई 1 जून को कार्यभार मुक्त कर दिए गए। इस प्रकार जो पीटीआई हटाए गए उनके घरों में रोना पड़ा हुआ है तथा चूल्हे तक नहीं जल पा रहे हैं। 10 वर्षों की सेवा करने के बाद उनको हटाए जाने से भारी मायूसी छा गई है। अध्यापक नेताओं ने इसका विरोध जताया है। एक ओर कोरोना और दूसरी ओर नौकरी चले जाने का भारी गम है।
कनीना खंड में एक और व्यक्ति कोरोना पोजिटिव पाया गया
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कनीना। कनीना खंड के गांव गोमला में एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। वह गुडगांवा में कार्यरत था। अब तक कनीना खंड में इसराना और रामबास के दो अलग-अलग व्यक्ति कोरोना पोजिटिव पाये गये हैं। अब यह तीसरा केस कोरोना पोजिटिव मिलने से प्रशासन ने सतर्कता दिखाते सभी कार्रवाई पूरी करते हुए उन्हें घर से नारनौल पहुंचा दिया है।
मिली जानकारी अनुसार गोमला गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर ढाणी में रह रहा 38 वर्षीय गुडग़ांव में गार्ड पद पर कार्यरत है। परिवार में 6 सदस्य हैं और ढाणी में चार घर है। इसलिए दूरदराज होने से कहीं उनका मेल मिलाप लोगों से नहीं रहा। केवल खेतों में घुमा फिरा है।
उन्होंने भोजावास में 29 मई को सैंपल दिया था तत्पश्चात 30 मई को कनीना के नागरिक अस्पताल में सैंपल दिया था जो पॉजिटिव पाया गया। कोरोना होने के बाद समस्त प्रशासनिक कार्रवाई पूर्ण कर दी गई है। उनके परिजनों को भी आइसोलेट कर दिया गया है।
सरसों की खरीद न होने के कारण किसान मायूस
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कनीना। हरियाणा सरकार द्वारा अनाज मंडियों में हो रही घपलेबाजी को लेकर कनीना अनाज मंडी पर ही बल्कि जिले की कई मंडियों पर की गई कार्रवाई से तो क्षेत्र के लोग खुश है लेकिन पिछले काफी दिनों से मंडियों में अनाज की खरीद न होने के कारण क्षेत्र के किसान दर-दर की ठोकरें खाने पर विवश हैं। जिनकी और ध्यान देने वाला कोई है जिसके कारण क्षेत्र के किसानों में प्रशासन व सरकार के प्रति रोष पनप रहा है। कनीना उपमंडल के दर्जनों किसानों ने जानकारी देते हुए बताया कि वैसे तो प्रदेश की सरकार किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदने का दावा ठोक रही वही दूसरी और आज भी भारी मात्रा में किसान अपनी कड़ी मेहनत से पैदा की गई फसल को बेचने के लिए कभी मंडियों में तो कभी अधिकारियों के चक्कर लगा-लगा कर परेशान हैं। लेकिन उनकी फसल पैदावार को खरीदना तो दूर की बात बल्कि अधिकारियों द्वारा उनको मुफ्त में झाड़ अवश्य ही पिलाई जाती हैं।
क्षेत्र के किसानों ने मुख्यमंत्री, उपमुख्य मंत्री, ग्रह मंत्री से मांग कर गुहार लगाई है कि हमारी मेहनत से पैदा कि गई फसल को बिना देरी के खरीदा जाये ताकि हम अपने घर का निजी कार्य संपन्न कर सके।मोहनपुर नांगल बस स्टैंड से गुजरने वाली सड़क की हालत खराब
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कनीना। कनीना से नारनौल जाने वाले मार्ग में नांगल मोहनपुर बस स्टैंड पर सड़क में बने गहरे गड्डे के कारण आए दिन कोई ना कोई दुर्घटना होती रहती है लेकिन प्रशासन मूक दर्शक बना तमाशा देख रहा है। वही गांव मोहनपुर के वरिष्ठ समाजसेवी नरेश कुमार, जयचन्द गोठवाल, हरीश कुमार, राम सिंह के अलावा अन्य लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि मोहनपुर नांगल दो गांवों का बस स्टैंड है जिसकी हालत बहुत ही खराब है। वही इस गांव से कनीना नारनौल जाने वाली सड़क में बने गहरे गड्डे लोगों के लिए मौत का कारण बने हुए है लेकिन इनकी और कोई ध्यान देने वाला नहीं है जिसके कारण लोगों को आए दिन दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। लोगों ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है लेकिन अब तक इस ओर किसी ने ध्यान नही किया है जिसके कारण ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति रोष पनप रहा है।
फोटो कैप्शन 1: मोहनपुर नांगल बस स्टैंड पर भरा कीचड़ एवं गंदा पानी।
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