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Monday, June 1, 2020


नहीं खुलेंगी एक साथ सभी दुकानें, लोकडाउन-4 का नियम कड़ाई से होगा लागू
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 कनीना। कनीना में दुकानें खोलने का समय वही पुराने लाकडाउन 4 के ही अनुसार रहेगा। यद्यपि सोमवार को बहुत से दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोल ली तथा कुछ अधिकारियों ने भी ऐसा चाहा किंतु जब पालिका प्रधान से कुछ दुकानदार इस संबंध में मिले तो पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने तुरंत जिला उपायुक्त नारनौल से चर्चा की। जिला उपायुक्त ने आदेश दिया कि तुरंत प्रभाव से लाकडाउन 4 का नियम पालन करें। यहां तक कि उन्होंने कनीना प्रशासन प्रशासनिक अधिकारियों को भी आदेश दिया कि दुकानों को लाकडाउन4 के तहत ही खुलवाया जाए। ऐसे में अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और दुकानें बंद करवा दी गई।
 उल्लेखनीय है कि नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने यहां जारी बयान में कहा है कि 2 जून से दुकानें तथा रेहड़ी वालों पर सख्ती बरती जाएगी। जो नियमों का पालन नहीं करेंगे उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उनका सामान भी जब्त कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों का समझा दिया गया है परंतु फिर भी कुछ लोग नहीं मानते तो उनके विरुद्ध कार्यवाही एक मात्र इलाज है। उधर प्रशासन भी आज दिन भर सड़कों पर घूमता रहा। कोरोना के फैलने से पुराने नियमों का पालन होगा।


सरसों की खरीद न होने के कारण किसान मायूस

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,कनीना।  हरियाणा सरकार द्वारा अनाज मंडियों में हो रही घपलेबाजी को लेकर कनीना अनाज मंडी पर ही बल्कि जिले की कई मंडियों पर की गई कार्रवाई से तो क्षेत्र के लोग खुश है लेकिन पिछले काफी दिनों से मंडियों में अनाज की खरीद न होने के कारण क्षेत्र के किसान दर-दर की ठोकरें खाने पर विवश हैं। जिनकी और ध्यान देने वाला कोई है जिसके कारण क्षेत्र के किसानों में प्रशासन व सरकार के प्रति रोष पनप रहा है। कनीना उपमंडल के दर्जनों किसानों ने जानकारी देते हुए बताया कि वैसे तो प्रदेश की सरकार किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदने का दावा ठोक रही वही दूसरी और आज भी भारी मात्रा में किसान अपनी कड़ी मेहनत से पैदा की गई फसल को बेचने के लिए कभी मंडियों में तो कभी अधिकारियों के चक्कर लगा-लगा कर परेशान हैं। लेकिन उनकी फसल पैदावार को खरीदना तो दूर की बात बल्कि अधिकारियों द्वारा उनको मुफ्त में झाड़ अवश्य ही पिलाई जाती हैं।
 क्षेत्र के किसानों ने मुख्यमंत्री, उपमुख्य मंत्री, ग्रह मंत्री से मांग कर गुहार लगाई है कि हमारी मेहनत से पैदा कि गई फसल को बिना देरी के खरीदा जाये ताकि हम अपने घर का निजी कार्य संपन्न कर सके।

मोहनपुर-नांगल बस स्टैंड से गुजरने वाली सड़क की हालत खराब
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कनीना। कनीना से नारनौल जाने वाले मार्ग में नांगल मोहनपुर बस स्टैंड पर सड़क में बने गहरे गड्डे के कारण आए दिन कोई ना कोई दुर्घटना होती रहती है लेकिन प्रशासन मूक दर्शक बना तमाशा देख रहा है। वही गांव मोहनपुर के वरिष्ठ समाजसेवी नरेश कुमार, जयचन्द गोठवाल, हरीश कुमार, राम सिंह के अलावा अन्य लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि मोहनपुर नांगल दो गांवों का बस स्टैंड है जिसकी हालत बहुत ही खराब है। वही इस गांव से कनीना नारनौल जाने वाली सड़क में बने गहरे गड्डे लोगों के लिए मौत का कारण बने हुए है लेकिन इनकी और कोई ध्यान देने वाला नहीं है जिसके कारण लोगों को आए दिन दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। लोगों ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है लेकिन अब तक इस ओर किसी ने ध्यान नही किया है जिसके कारण ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति रोष पनप रहा है।
फोटो कैप्शन 1: मोहनपुर नांगल बस स्टैंड पर भरा कीचड़ एवं गंदा पानी।

गंगा दशहरा नाया गया

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कनीना। कनीना क्षेत्र में एक जून सोमवार को गंगा दशहरा पर्व मनाया गया। इस दिन गंगा धरा पर अवतरित हुई थी। इसलिए इस पर्व र दान दक्षिणा दिनभर चलती रही। यह सत्य है कि कोरोना के चलते इस बार लगभग हर पर्व फीके से भी फीका रहा है वहीं लोग घरों में ही रहकर औपचारिक्ताएं पूर्ण कर रहे हैं।


भीमसेन एकादशी नाम से भी जाना जाता है निर्जला एकादशी को
 कोरोना के चलते प्रभाव घटेगा

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 कनीना। दो जून को कनीना क्षेत्र में निर्जला एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जगह जगह मीठे पानी की छबीले लगाई जाती हैं वहीं दान किया जाता है। त्योहारों और व्रतों में से एक निर्जला एकादशी भी है। ज्येष्ठ शुक्ला एकादशी दान पुण्य,  व्रत रखने, ठंडा-मीठा जल पिलाने के रूप में जाना जाता है किंतु कोरोना के चलते इस बार इसे कम ही मनाया जाएगा।   महाभारत के भीम द्वारा चलाया हुआ तथा महर्षि वेद व्यास द्वारा बताया हुआ निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी नाम से भी जाना जाता है।
       निर्जला एकादशी यूं तो प्रचंड गर्मी के दिन आती है तथा दिन भी कुछ लंबा होता है। पानी की चहुं ओर कमी महसूस होती है किंतु इस दिन ग्रामीण क्षेत्रों में ठंडा मीठा जल सुबह से ही जगह-जगह पिलाना शुरू हो जाता है जो देर शाम तक चलता है। पानी की कमी का इस दिन आभास ही नहीं होता है। स्त्री व पुरुष सुबह से शाम तक व्रत रख दान पुण्य करते हैं। गांवों में बर्फ, कुलफी, तरबूज, खरबूजा आदि बांटकर जन हर्षित होते हैं और अपने को धन्य समझते हैं। यही कारण है कि इसे मीठली एकादशी नाम से भी जाना जाता है। व्रत रखने की परंपरा अति पुरानी है। इस दिन विवाह-शादियों का जोर रहता है। 
  गांवों में वृद्ध महिलाओं में तो इस व्रत एवं त्योहार का विशेष महत्व होता है। प्रात:काल उठकर स्नानादि करके महिलाएं व्रत धारण करती हैं।  वेद व्यास ने इसका महत्व बताया तो एक दिन भीम ने पूछा-गुरूदेव, में तो बगैर खाए पीए नहीं रह सकता। मेरे लिए व्रत करना तो अति कठिन होगा। मुझे कोई मार्ग सुझाओ ताकि स्वर्ग प्राप्त हो सके। वेद व्यास ने अविलंब कहा-आप एक दिन का व्रत अर्थात निर्जला एकादशी व्रत करके भी स्वर्ग प्राप्त कर सकते हैं। कहते हैं कि भीमसेन ने भी यह व्रत रखा और तभी से इसे भीमसेन एकादशी नाम से जाना जाता है। भीमसेन द्वारा चलाई गई प्रथा आज भी चली आ रही है।

 स्याणा में व्यक्ति ने खाई फांसी 

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कनीना। कनीना खंड के गांव स्याणा में एक व्यक्ति ने घर में ही फांसी का फंदा लगा आत्महत्या कर ली। मिली जानकारी अनुसार कर्मवीर स्याना निवासी जो टीबी एवं दमा का मरीज था। लंबे समय से बीमारी पीडित होने से तंग आकर आत्महत्या कर ली है। उसके एक लड़का और एक लड़की भी है। उनके भाई ने रामफल ने  पुलिस में दर्ज मामले में कहा गया है कि लंबे समय से बीमारी से परेशान होने के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली है।


सभी दुकानें रही बंद 

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में रविवार को सभी दुकानें बंद रही। कोरोना के चलते दुकानें रविवार को बंद रखने का आदेश था। जिसका पालन किया गया। महज बीज की दुकानें और आपातकालीन सुविधाएं जरूर खुली रही।

मुआवजा देने की मांग की

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कनीना। पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने सरकार से ओलावृष्टि से हुये फसल नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने जारी एक बयान में कहा है कि जिला महेंद्रगढ़ के बहुत से गांवों में कपास की और सब्जी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। इस नुकसान को देखते हुए अविलंब गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की शाम को भारी ओलावृष्टि हुई जिसके चलते सब्जी की फसलों  एवं कपास फसलों को भारी नुकसान हुआ है।


क्षेत्र में हुई 45 एमएम बारिश, किसान चले बाजरे की ओर 

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 कनीना। क्षेत्र में तीन दिनों में 34 एमएम बारिश हो चुकी है। जहां शनिवार की रात 24 एमएम बारिश और तेज हवाएं चली वही शुक्रवार की रात को आंधी, बारिश एवं ओलावृष्टि हुई। रविवार को शाम 11 एमएम बारिश हुई।

 बाजरे की बीजाई के लिए पर्याप्त बारिश हो जाने बके बाद किसान बाजरे की बिजाई करने के लिए उत्सुक नजर आए। बीज विक्रेताओं की दुकानों पर हलचल बढ़ गई है। बीज विक्रेता कुलदीप सिंह तथा महेश बोहरा ने बताया कि अब बारिश ठीक-ठाक होने से किसान बाजरे की बीजाई करना चाहते हैं। यही कारण है कि बीजों की बिक्री में इजाफा हुआ है। उधर किसानों की इच्छा है कि अधिक से अधिक बाजरा पैदावार लिया जाये। हर वर्ष मई के अंतिम सप्ताह में बारिश होती है। बारिश के चलते बिजाई प्रारंभ हो जाती लेकिन कई बार बीजाई खराब चली जाती है। बार बार बारिश होने से किसानों की बिजाई प्रभावित हो जाती है।


मार्ग ठीक करवाने के लिए खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को दिया ज्ञापन 



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कनीना। कनीना के सीगड़ा बस  बस स्टैंड से सिगड़ा की ढ़ाणी  के लिए रास्ते को ठीक करवाने हेतु गांव के लोगों ने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को एक ज्ञापन दिया है।
 ज्ञापन में कहा गया है कि सीगड़ा बस स्टैंड से  सीगड़ा ढाणी का रास्ता रिकॉर्ड अनुसार 33 फुट चौड़ा है लेकिन अतिक्रमण के चलते महज 8 से 10 फीट चौड़ा बचा है वह भी उबड़ खाबड़ बना डाला है। बरसात के दिनों में पानी भर जाने के कारण चलना भी कठिन हो जाता है। बच्चे भी इसी रास्ते से स्कूल जाते हैं। इस संबंध में सीएम विंडो पर भी एक शिकायत की गई है। यहां तक कि सरपंच सीगड़ा ने भी इस कार्यालय में कई बार सूचित किया है।
ग्रामीणों ने बताया कि बताया कि कई बार महिलाओं को पानी के अंदर से जाने के लिए कपड़े उठा कर चलना पड़ता है जो अशोभनीय है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस संबंध में कड़ा संज्ञान लेते हैं अतिक्रमण हटाया जाए तथा रास्ते को ठीक करवाया जाए। ज्ञापन में करीब 1 दर्जन लोगों ने अपने हस्ताक्षर किए हुये हैं।

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