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Tuesday, June 23, 2020

 25 जून 1975 को लगी थी
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 आपातकाल के समय के शिक्षक, डाक्टर तथा पीडि़तों के परिवार बता रहे हैं अपना दुखड़ा 

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कनीना। 25 जून 1975 को जब देश में आपातकाल लागू हुआ था उसके बाद कुछ लोगों को जबरन पकड़कर जेल में डाल दिया गया। उनके परिवार वाले तो परेशान रहे ही साथ में उनके देखने वाले भी बड़े दुखी रहे। क्षेत्र में आने को शिक्षक, डाक्टर वं पीडि़त परिजन उस हालात का बयान करते हुए नहीं थकते। वे बताते कि आपातकाल को काला कानून से कम नहीं आंकते, मनमर्जी अत्याचार किए गए।
 डॉक्टर वे कनीना के जाने-माने निजी चिकित्सक। डॉ वेद उस जमाने में अपनी प्रैक्टिस करते थे। उनका कहना है कि आपातकाल में लोगों की जबरन नसबंदी की गई।  बेचारे बचाव के लिए घरों की  दीवार फांद कर भाग जाते थे। उनका कहना है कि जो लोग चाहे उनकी शादी भी नहीं हुई हो एक बार तो पकड़ लिया जाता था और उन्हें पूरी छानबीन करके ही यदि छोडऩा होता है छोड़ते थे वरना नसबंदी की जाती थी। वे उस दौर को बहुत बुरा दौर मानते हैं।
अध्यापक नेता कंवरसेन वशिष्ठ 65 का कहना है कि उस जमाने में हरियाणा में चौधरी बंसीलाल की सरकार होती थी और वे अस्थाई शिक्षक होते थे। उन्हें नौकरी से हटा दिया गया था। बहुत भारी आंदोलन सरकार के विरुद्ध चला। आंदोलन दौरान उन्हें 10 दिन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए और 1977 तक उनका आंदोलन चलता रहा। उन्होंने बताया कि चौधरी देवीलाल उस समय सत्ता में आए तो उन्होंने उनका दुखड़ा सुनकर उनकी समस्या का समाधान किया। आपातकाल में बहुत अधिक परेशान रहे।
ललिता देवी 60 जो हरिराम मित्तल की पत्नी है। हरिराम मित्तल आपातकाल में जेल गए थे। उन्हें जबरन पकड़कर ले जाया गया।  उनका कहना है कि घर पर बच्चे छोटे होने की वजह से वह बेहद परेशान हुई किंतु आसपास के लोगों की मदद से उन्होंने घर का को यथावत चलाए रखा। आखिरकार एक दिन उनके पति जेल से छूटकर आया तब उन्हें बहुत तसल्ली हुई थी। वो कहती है कि उस समय कोई नियम कानून नहीं था। जबरन किसी को भी पकड़ लिया जाता था। उन दिनों को याद कर वे रो पड़ती हैं।
 कैलाशी देवी शिवकुमार अग्रवाल की पत्नी है तथा इन्होंने अपने पति को जेल में जाते हुए देखा था। यह बताती है कि आपातकाल के समय उनके पति को जेल में ले गए तो उनके करीब आधा दर्जन परिवार सदस्य बहुत दुखी हुए। खाने पीने रहने की समस्या आ गई थी क्योंकि बच्चे छोटे थे। सहयोगी जयप्रकाश की सहायता से उनके घर में राशन तथा अन्य सामग्री का प्रबंध किया जाता था। आपातकाल बहुत बुरा बताती है और जेल से छूटकर आए तो उन्हें अपार खुशी हुई थी।
 शांति देवी बुजुर्ग महिला है जिनकी उम्र 84 साल है। इनके बेटे हरिराम मित्तल जेल गए थे। उनका कहना है कि बिना किसी नोटिस के उनके बेटे को घर से गिरफ्तार करके जेल में ठूंस दिया था। उस समय की हालात बताती है कि कोई नियम कानून नहीं होते थे। जबरन लोगों का परिवार नियोजन करवाया जा रहा था। लोग छुपते फिर रहे थे। आंदोलन बेअसर थे। लोगों को जबरन कैद में डाला जा रहा था तथा परेशानियों की पूरी हद कर दी जाती थी। वे कहती है कि ऐसा बुरा वक्त शायद उनके जीवन में पहले कभी नहीं आया था। और न अपने भविष्य में आने की उम्मीद है। फोटो कैप्शन: डॉ वेद, कैलाशी देवी, कंवर सेन वशिष्ठ, ललिता, शांति देवी






बिजेंद्र चौहान बने भारतीय जनता कार्यकर्ता मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष
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कनीना। कनीना खंड के गांव कपूरी निवासी बिजेंद्र चौहान को भारतीय जनता कार्यकर्ता मोर्चा का जिला उपाध्यक्ष नियुक्त करने पर कस्बा वासियों ने खुशी जताई है । नव नियुक्त जिला उपाध्यक्ष बिजेंद्र चौहान ने भारतीय जनता कार्यकर्ता मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन पंडित , हरियाणा प्रदेश के उपाध्यक्ष जितेंद्र जानी तथा प्रदेश सचिव दीपक वशिष्ठ  और प्रदेश मीडिया प्रभारी मयंक तंवर का आभार जताया।। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता मोर्चा  संगठनात्मक  तथा वैचारिकता के आधार पर देश व प्रदेश में युवाओं तक पहुंचा कर मजबूती के साथ संवाद से समर्थन और समर्थन से सम्मान की बात की जाएगी। उन्होंने कहा है कि जल्द ही प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में संगठन के विचारों का प्रचार प्रसार में संगठनात्मक गतिविधियां शुरू की जाएगी।

साहब घर पर खाने का नहीं है स्वयं एसडीएम पहुंच गए राशन देने
कनीना मंडी में होम क्वारनटाइन में आमीर ने फोन पर दी सूचना
20 किलोग्राम आटा व चार किलोग्राम पहुंचाई दाल 

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कनीना।एसडीएम रणबीर सिंह ने करोना संक्रमितों की समस्या जानने के लिए उनको फोन करने की बात रंग ला रही हैं। एसडीएम स्टाफ की ओर से कंटेंटमेंट जॉन में समस्या जानने के लिए फोन किया तो कनीना मंडी स्थित जॉन में खाने का सामान नहीं होने की सूचना प्राप्त हुई।
सूचना एसडीएम रणबीर सिंह के पास पहुंची तो उन्होंने तुरंत ही दुकान में जाकर 20 किलोग्राम आटा व चार किलोग्राम चने की दाल खरीद आमीर तक पहुंचाई। इतना ही नहीं कंटेंटमेंट जॉन में जाकर आमीर नामक संक्रमित युवक से बातचीत की व हर संभव मदद का आश्वासन दिया। आमीर ने बताया कि साहब उनके पास कुछ खाने को नहीं था। एसडीएम ने मार्केट कमेटी के सचिव को भी फोन कर जॉन में जरूरी सामान पहुंचाने की हिदायत दी। जिसके बाद मार्केट कमेटी सचिव की टीम भी मौके पर पहुंची व आमीर को सब्जी आदि प्रदान की गई।
सामान लेते हुए आमीर भावुक हो गया व उसने एसडीएम रणबीर सिंह का धन्यवाद किया। एसडीएम ने वहां पर ड्यूटी पर तैनात स्टाफ को निर्देश दिए की वे आवश्यक सामग्री पानी आदि देने में मदद करें ताकि ये अपने आपको को अकेला महसूस न करें। साथ ही एसडीएम ने कहा कि संक्रमित व्यक्ति को फोन पर भी मोटीवेट करें।
भेदभाव की दृष्टि से ना देखे करें मदद
एसडीएम रणबीर सिंह ने लोगों से आह्वान किया है कि कंटेंटमेंट जॉन में लोगों की मदद करें। मानव सेवा ही सबसे बडा धर्म हैं, हमें मरीज के प्रति भेदभाव नहीं करना है जबकि उसको मोटीवेंट करना है व उसका इस कष्ट की घड़ी में साथ देना है।
एसडीएम ने कहा कि कंटोल रूम में फोन से संक्रमितों को फोन कर समस्या जानी जाती है। मंगलवार को मंडी स्थित आमीर नामक युवक ने बताया कि उसका खाने-पीने का सामान समाप्त हो गया है तो उनके खाने के लिए सुखा राशन पहुंचाया।
फोटो कैप्शन 3: खाने का सामान एसडीएम स्वयं ले जाकर देते हुए।
कोविड सेंटर का किया दौरा 

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संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना रेवाड़ी रोड पर स्थित डीएवी अकेडमी में डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर स्थापित किया गया है। जिसमें 200 बेड की सुविधा है। यहां वैसे तो पहले से ही सफाई बिजली पानी तथा सभी सुविधाएं उपलब्ध है।
 वहां की व्यवस्था देखने के लिए एसडीएम रणवीर सिंह ने समस्त कार्यालयों के अधिकारियों को सहित दौरा किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उधर नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि डीएवी पब्लिक एकेडमी में संपूर्ण व्यवस्था की गई है। जहां सभी सफाई कर्मी लगाए गए हैं। भविष्य में मरीज स्थापित कर यहां भेजे जाएंगे तो उनको मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने कुछ कमियां नजर आई उनसे संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया।
इस मौके पर सचिव राजाराम, जेई हितेष कुमार, एसएमओ कनीना डा धर्मेंद्र सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।

भवनिर्माण कामगार यूनियन की इकाई ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा

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कनीना। भवन निर्माण कामगार यूनियन की कनीना इकाई ने आज सैकड़ों कामगार महिला एवं पुरुषों के साथ स्थानीय कस्बा कनीना के नेताजी मेमोरियल क्लब मेें एक बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता जिला प्रधान महाबीर सिंह एवं ब्लाक प्रधान पवन प्रजापत द्वारा  संयुक्त रूप से कि गई। जिसमें यूनियन के लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। वही इस अवसर पर जिला प्रधान महाबीर सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ब्लाक कनीना मेें  लगभग छह हजार मजदूर है जिसमें 3500 मजदूर प्रवासी है वही समूचे जिले में लगभग 28 से 32 हजार मजदूर है जो अपनी विभिन्न जायज मंागों को लेकर दर-दर की ठोकरें खाने पर विवश हैं।  उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। ब्लाक प्रधान पवन प्रजापत ने बताया कि उक्त मजदूरों बीओसीडब्लू में पंजीकरण करवाने के लिए एक वर्ष में तीन माह का कार्य भवन निर्माण में करना जरूरी है।  तीन माह के कार्य को प्रमाणित करने के लिए ग्राम सचिव, बीडीपीओं व 8 अन्य अधिकारियों को मनोनीत किया हुआ है लेकिन इसके बाद भी इन मजदूरों को अपने तीन माह के कार्य को प्रमाणित कराने के लिए विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगा-लगा कर थक चुके है। इनकी सुनने वाला कोई नही है। वही ब्लाक प्रधान ने यह भी बताया कि अगर उक्त मजदूरों के कार्य को ग्राम सचिव प्रमाणित करता है और मोहर बीडीपीओं की लगाता है तो उच्च अधिकारी उसको रद्द कर देता है। ऐसे में गरीब मजदूर परेशान हैं।       इसी को लेकर आज भवन निर्माण कामगार यूनियन ने एक जुलूस निकाल कर एसडीएम कार्यालय पहुंचे तथा अपना मांग पत्र एसडीम को सौंप कर समस्याओं का समाधान कराने की गुहार लगाई। इस अवसर पर पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष शिवकुमार जांगिड़, जिला प्रधान महाबीर सिंह, ब्लाक प्रधान पवन कुमार के अलावा अन्य नेतागण उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 2: आंदोलन करते भवन निर्माण यूनियन के सदस्य।

बिजेंद्र चौहान बने भारतीय जनता कार्यकर्ता मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष 

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कनीना। कनीना खंड के गांव कपूरी निवासी बिजेंद्र चौहान को भारतीय जनता कार्यकर्ता मोर्चा का जिला उपाध्यक्ष नियुक्त करने पर कस्बा वासियों ने खुशी जताई है । नव नियुक्त जिला उपाध्यक्ष बिजेंद्र चौहान ने भारतीय जनता कार्यकर्ता मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन पंडित , हरियाणा प्रदेश के उपाध्यक्ष जितेंद्र जानी तथा प्रदेश सचिव दीपक वशिष्ठ  और प्रदेश मीडिया प्रभारी मयंक तंवर का आभार जताया।। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता मोर्चा  संगठनात्मक  तथा वैचारिकता के आधार पर देश व प्रदेश में युवाओं तक पहुंचा कर मजबूती के साथ संवाद से समर्थन और समर्थन से सम्मान की बात की जाएगी। उन्होंने कहा है कि जल्द ही प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में संगठन के विचारों का प्रचार प्रसार में संगठनात्मक गतिविधियां शुरू की जाएगी।


कोविड सेंटर का किया दौरा 

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कनीना। कनीना रेवाड़ी रोड पर स्थित डीएवी अकेडमी में डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर स्थापित किया गया है। जिसमें 200 बेड की सुविधा है। यहां वैसे तो पहले से ही सफाई बिजली पानी तथा सभी सुविधाएं उपलब्ध है।
 वहां की व्यवस्था देखने के लिए एसडीएम रणवीर सिंह ने समस्त कार्यालयों के अधिकारियों को सहित दौरा किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उधर नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि डीएवी पब्लिक एकेडमी में संपूर्ण व्यवस्था की गई है। जहां सभी सफाई कर्मी लगाए गए हैं। भविष्य में मरीज स्थापित कर यहां भेजे जाएंगे तो उनको मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने कुछ कमियां नजर आई उनसे संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया।
इस मौके पर सचिव राजाराम, जेई हितेष कुमार, एसएमओ कनीना डा धर्मेंद्र सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।

भवनिर्माण कामगार यूनियन की इकाई ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा

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कनीना। भवन निर्माण कामगार यूनियन की कनीना इकाई ने आज सैकड़ों कामगार महिला एवं पुरुषों के साथ स्थानीय कस्बा कनीना के नेताजी मेमोरियल क्लब मेें एक बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता जिला प्रधान महाबीर सिंह एवं ब्लाक प्रधान पवन प्रजापत द्वारा  संयुक्त रूप से कि गई। जिसमें यूनियन के लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। वही इस अवसर पर जिला प्रधान महाबीर सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ब्लाक कनीना मेें  लगभग छह हजार मजदूर है जिसमें 3500 मजदूर प्रवासी है वही समूचे जिले में लगभग 28 से 32 हजार मजदूर है जो अपनी विभिन्न जायज मंागों को लेकर दर-दर की ठोकरें खाने पर विवश हैं।  उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। ब्लाक प्रधान पवन प्रजापत ने बताया कि उक्त मजदूरों बीओसीडब्लू में पंजीकरण करवाने के लिए एक वर्ष में तीन माह का कार्य भवन निर्माण में करना जरूरी है।  तीन माह के कार्य को प्रमाणित करने के लिए ग्राम सचिव, बीडीपीओं व 8 अन्य अधिकारियों को मनोनीत किया हुआ है लेकिन इसके बाद भी इन मजदूरों को अपने तीन माह के कार्य को प्रमाणित कराने के लिए विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगा-लगा कर थक चुके है। इनकी सुनने वाला कोई नही है। वही ब्लाक प्रधान ने यह भी बताया कि अगर उक्त मजदूरों के कार्य को ग्राम सचिव प्रमाणित करता है और मोहर बीडीपीओं की लगाता है तो उच्च अधिकारी उसको रद्द कर देता है। ऐसे में गरीब मजदूर परेशान हैं।       इसी को लेकर आज भवन निर्माण कामगार यूनियन ने एक जुलूस निकाल कर एसडीएम कार्यालय पहुंचे तथा अपना मांग पत्र एसडीम को सौंप कर समस्याओं का समाधान कराने की गुहार लगाई। इस अवसर पर पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष शिवकुमार जांगिड़, जिला प्रधान महाबीर सिंह, ब्लाक प्रधान पवन कुमार के अलावा अन्य नेतागण उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 2: आंदोलन करते भवन निर्माण यूनियन के सदस्य।

एसडीएम ने कंटेंटमेंट जान का किया औचक निरीक्षण, रजिस्टर में दर्ज होगी एंटी 

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कनीना। एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने सोमवार रात को गांव रसूलपुर व भडफ में करोना संक्रमित के लिए बनाए गए कंटेंटमेंट जॉन का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संक्रमितों के घर से बाहर लगाई डृयूटी अधिकारियों से जानकारी जुटाई। गांव रसूलपुर में चेकिंग के दौरान पहुंचे कनीना के एसएमओ डॉ धर्मेंद्र को निर्देश दिए गये कि समय-समय पर संक्रमित व्यक्तियों की मेडिकल जांच करें। इसके साथ-साथ उनके संपर्क में आए लोगों का भी सैंपल लेकर जांच के लिए अवश्य भेजे।
वहीं उन्होंने पंचायत अधिकारियों से भी आह्वान किया की संक्रमित व्यक्ति उनके गांव के ही है। उनको भेदभाव की दृष्टि से ना देखे। बल्कि उनका आवश्यक वस्तुओं का इंतजाम करें व उनको फोन के माध्यम से उनसे बातचीत कर उनको मोटीवेट करें ताकि वे संक्रमण के दौर में अपने आपको अकेला महसूस न करें। एसडीएम ने पंचायत व सरपंचों का भी सहयोग करने के लिए धन्यवाद किया।
रजिस्टर में होगी दौरा करने वालों की एंटी --
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एसडीएम रणबीर सिंह ने बताया कि कंटेंटमेंट जॉन में जिन अधिकारियों की चेकिंग के लिए डृयूटी लगाई है। उनकी रजिस्टर में एंटी करते है। अगर कोई अधिकारी डृयूटी पर नहीं जाता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम कार्यालय फोन पर संक्रमितों को करेंगा मोटीवेंट
एसडीएम रणबीर सिंह ने बताया कि फोन कर संक्रमित व्यक्तियों से उनकी समस्या व समाधान के बारे में जानकारी के साथ-साथ उनको मोटीवेट करेंगा ताकि संक्रमित परेशान न हो।
एसडीएम कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज होगी ताकि संक्रमितों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसके लिए एसडीएम कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंटोल रूम का नंबर 01285235044 पर कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता हैं।
एसडीएम कनीना ने कहा कि औचक निरीक्षण के दौरान अगर कोई कर्मचारी व अधिकारी ड्यूटी का निर्वहन सही ढंग से नहीं करता पाया गया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ लापरवाही बरतने का केस भी दर्ज करवाया जाएगा।
वायरस का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढता जा रहा है। आमजन से निवेदन है कि वे घर से निकले तो मास्क का प्रयोग अवश्य करें। फिजिकल डिस्टेंश की पालना करें। जरूरी कार्य हो तो ही घर से बाहर निकले। संक्रमित व्यक्ति या किसी व्यक्ति को समस्या हो तो कंट्रोल रूम नंबर पर जानकारी दें।
फोटो कैप्शन 1: संक्रमित एवं कंटेंमेंट जोन की जानकारी लेते कनीना के एसडीएम।




25 जून 1975 को लगी थी
 आपातकाल के समय के शिक्षक, डाक्टर तथा पीडि़तों के परिवार बता रहे हैं अपना दुखड़ा 









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 कनीना। 25 जून 1975 को जब देश में आपातकाल लागू हुआ था उसके बाद कुछ लोगों को जबरन पकड़कर जेल में डाल दिया गया। उनके परिवार वाले तो परेशान रहे ही साथ में उनके देखने वाले भी बड़े दुखी रहे। क्षेत्र में आने को शिक्षक, डाक्टर वं पीडि़त परिजन उस हालात का बयान करते हुए नहीं थकते। वे बताते कि आपातकाल को काला कानून से कम नहीं आंकते, मनमर्जी अत्याचार किए गए।
 डॉक्टर वे कनीना के जाने-माने निजी चिकित्सक। डॉ वेद उस जमाने में अपनी प्रैक्टिस करते थे। उनका कहना है कि आपातकाल में लोगों की जबरन नसबंदी की गई।  बेचारे बचाव के लिए घरों की  दीवार फांद कर भाग जाते थे। उनका कहना है कि जो लोग चाहे उनकी शादी भी नहीं हुई हो एक बार तो पकड़ लिया जाता था और उन्हें पूरी छानबीन करके ही यदि छोडऩा होता है छोड़ते थे वरना नसबंदी की जाती थी। वे उस दौर को बहुत बुरा दौर मानते हैं।
अध्यापक नेता कंवरसेन वशिष्ठ 65 का कहना है कि उस जमाने में हरियाणा में चौधरी बंसीलाल की सरकार होती थी और वे अस्थाई शिक्षक होते थे। उन्हें नौकरी से हटा दिया गया था। बहुत भारी आंदोलन सरकार के विरुद्ध चला। आंदोलन दौरान उन्हें 10 दिन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए और 1977 तक उनका आंदोलन चलता रहा। उन्होंने बताया कि चौधरी देवीलाल उस समय सत्ता में आए तो उन्होंने उनका दुखड़ा सुनकर उनकी समस्या का समाधान किया। आपातकाल में बहुत अधिक परेशान रहे।
ललिता देवी 60 जो हरिराम मित्तल की पत्नी है। हरिराम मित्तल आपातकाल में जेल गए थे। उन्हें जबरन पकड़कर ले जाया गया।  उनका कहना है कि घर पर बच्चे छोटे होने की वजह से वह बेहद परेशान हुई किंतु आसपास के लोगों की मदद से उन्होंने घर का को यथावत चलाए रखा। आखिरकार एक दिन उनके पति जेल से छूटकर आया तब उन्हें बहुत तसल्ली हुई थी। वो कहती है कि उस समय कोई नियम कानून नहीं था। जबरन किसी को भी पकड़ लिया जाता था। उन दिनों को याद कर वे रो पड़ती हैं।
 कैलाशी देवी शिवकुमार अग्रवाल की पत्नी है तथा इन्होंने अपने पति को जेल में जाते हुए देखा था। यह बताती है कि आपातकाल के समय उनके पति को जेल में ले गए तो उनके करीब आधा दर्जन परिवार सदस्य बहुत दुखी हुए। खाने पीने रहने की समस्या आ गई थी क्योंकि बच्चे छोटे थे। सहयोगी जयप्रकाश की सहायता से उनके घर में राशन तथा अन्य सामग्री का प्रबंध किया जाता था। आपातकाल बहुत बुरा बताती है और जेल से छूटकर आए तो उन्हें अपार खुशी हुई थी।
 शांति देवी बुजुर्ग महिला है जिनकी उम्र 84 साल है। इनके बेटे हरिराम मित्तल जेल गए थे। उनका कहना है कि बिना किसी नोटिस के उनके बेटे को घर से गिरफ्तार करके जेल में ठूंस दिया था। उस समय की हालात बताती है कि कोई नियम कानून नहीं होते थे। जबरन लोगों का परिवार नियोजन करवाया जा रहा था। लोग छुपते फिर रहे थे। आंदोलन बेअसर थे। लोगों को जबरन कैद में डाला जा रहा था तथा परेशानियों की पूरी हद कर दी जाती थी। वे कहती है कि ऐसा बुरा वक्त शायद उनके जीवन में पहले कभी नहीं आया था। और न अपने भविष्य में आने की उम्मीद है। फोटो कैप्शन: डॉ वेद, कैलाशी देवी, कंवर सेन वशिष्ठ, ललिता, शांति देवी


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