कोरोना केस बढ़कर हुये 30 करीरा और रसूलपुर में एक-एक केस नया आया है।
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कुल केस 30 ठीक होकर वापस आये-12
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गांव का नाम कोरोना पोजिटिव संख्या
1. ककराला 04
2. इसराना 02
3. रामबास 02
4. कनीना 05
5. मोहनपुर 01
6. सिहोर 02
7. छीथरोली 01
8. गोमला 01
9. खैराना 01
10 धनौंदा 03
11 रसूलपुर 02
12 सेहलंग 01
13 गाहड़ा 01
14 दौंगड़ा अहीर 01
15 नांगल हरनाथ 01
16 मुडायन 01
17 करीरा 01
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वापस आये-12
संदिग्ध परिस्थितियों में दो की मौत
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कनीना। कनीना खंड के गांव इसराना में पति-पत्नीकी अलग अलग कमरों में मौत हुई पाई। पति ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली जबकि पत्नी के मरने के कारणों का पता तभी ही चल पयेगा जब उनका पोस्टमर्टम होगा तथा रिपोर्ट आयेगी। बहरहाल अनेकों प्रकार की अफवाहे चली आ रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। समाचार लिखे जाने तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था।
मिली जानकारी अनुसार सोमपाल और उसकी पत्नी मोनिका की अज्ञात कारण मौत माना जा रहा है। दोनों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई पाई। पुलिस मौके पर पहुंच गई है। अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ है। पुलिस अनुसार पूरी छानबीन करके हकीकत का पता लगाकर मामला दर्ज किया जाएगा। इनके एक डेढ़ वर्ष का पुत्र भी है।
बाघेश्वरी धाम का मेला कोरोना की भेंट चढऩे के आसार
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव बाघोत स्थित बाघेश्वरी धाम पर जहां सावन त्रयोदशी 19 जुलाई शिवरात्रि को कावड़ मेला लगता है। यही मेला इस बार कोरोना की भेंट चढऩे के पूरे आसार हो गए हैं। 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जा रही है तत्पश्चात हरिद्वार से बाघेश्वर धाम तक कई हजार कांवड़ आने का सिलसिला शुरू हो जाता है किंतु इस बार कोरोना के कारण कावड़ लाने वाले अधिकांश मायूस लग रहे हैं।
कनीना के सबसे अधिक कावड़ लाने वाले सुमेर सिंह चेयरमैन(उम्र 61 साल कांवड़ 42) का कहना है कि इस बार शिव भोले का आदेश नहीं हुआ है जिसके कारण कांवड़ नहीं ला पाएंगे। यदि बेहर माहौल बना तो कांवड़ आ सकेेंगी। उधर कांवड़ लाने वाले अनिल कुमार, महेंद्र सिंह, देवेंद्र कुमार आदि ने बताया कि हर वर्ष कावड़ लाते रहे हैं किंतु इस बार कोरोना के चलते अभी तक न तो साधन चल पाए हैं और न ही चलने की उम्मीद है। ऐसे में कावड़ मेला रोग की भेंट चढऩे के आसार बन गए हैं है। जुलाई छह से सावन माह लग रहा है वहीं सावन में श्रद्धालु हरिद्वार को रवाना हो जाते हैं।
जलती धूप में स्कूलों में जा रहे हैं शिक्षक
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न साधन न कोई सुविधा फिर भी मजबूरन जा रहे हैं
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कनीना। पूरे हरियाणा में जहां गर्मी पूरे यौवन पर है वही जून महीने में हर वर्ष विद्यालय में अवकाश रहता है किंतु कोरोना के चलते इस वर्ष तपती दुपहरी, साधनों के अभाव, कोरोना से बचने की सुविधाएं न होते हुए भी शिक्षकों को विद्यालयों में जाकर बैठना पड़ रहा है। एक और जहां विद्यार्थी विद्यालयों में नहीं आएंगे वहीं शिक्षकों को जाना पड़ रहा है। कुछेक तो स्कूल शेल्टर होम बने हुये थे जहां श्रमिक ठहरे थे।
अब तो शिक्षकों में आक्रोश पनपने लगा है। शिक्षक नेता भी लामबंद हो रहे हैं और 24 जून को आंदोलन करने जा रहे हैं। शिक्षक नेता अधिकारियों से बार-बार बात कर रहे हैं कि जब विद्यार्थी नहीं और शिक्षक घर पर बैठकर विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य ऑनलाइन करवा रहे तो फिर जबरन उन्हें स्कूल क्यों बुलाया जा रहा है। ऐसे में रोग ढऩे के पूरे आसार बन गए हैं। जहां दिल्ली में अब तक 3 शिक्षकों की मौत हो चुकी है और 400 से अधिक क्वारेंटाइन किये गये हैं वहीं दिल्ली से लगते गुडग़ांव में केस पाया गया है।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य सचिव धर्मपाल शर्मा ने बताया कि उन्हें समस्याओं को लेकर तथा बर्खास्त पीटीआई को लेकर 24 जून को अध्यापक संघ धरना प्रदर्शन करेगा और शिक्षा मंत्री का पुतला भी फूंकेगा।
अध्यापक नेता ने बताया कि जहां झज्जर में जहां जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि आवश्यकता अनुसार ही शिक्षकों को बुलाया जाए जबकि जिला महेंद्रगढ़ में समस्त शिक्षकों को शत-प्रतिशत हाजिरी देने का आदेश दिया हुआ है यहां तक कि शिक्षा अधिकारियों ने सभी शिक्षकों को स्कूलों में हाजिर रहने का भी आदेश दिया हुआ है उस पर गर्मी और रोग से बचने का बेहतर तरीका खोजते हुए विद्यालयों से हाजिरी रजिस्टर की फोटो कॉपी भी मंगवा कर चेक करने लग गए हैं कि कौन शिक्षक स्कूल में नहीं पहुंचा।
उधर अध्यापकों का कहना है कि जब उन्हें किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है यह घर बैठकर शिक्षण कार्य कर रहे हैं स्कूल में बुलाने की क्या आवश्यकता है। एक महिला शिक्षिका ने तो बताया कि उनकी तैनाती 300 किलोमीटर दूर है और उन्हें जबरन बुलाया जा रहा है जबकि उन्हें क्वारेंटाइन किया हुआ है। उनके स्कूल मुखिया स्कूल में हाजिर नहीं हुई तो छुट्टी लगाने की धोंस देने लगे हैं। उधर बहुत से ऐसे शिक्षक दूरदराज नौकरी करते हैं, उनकी सबसे बड़ी समस्या है कि यदि वे वहां जाते हैं किराये के घरों में रहने की अनुमति भी नहीं दी जा रही हैं। ऐसे में शिक्षकों के सामने कई दुविधाएं हैं। जहां बहुत से शिक्षकों ने तो मजबूरी में साधनों के अभाव के दुपहिया वाहन खरीदने पड़ रहे हैं ताकि वे विद्यालयों में जा सके। कोरोना में जहां विद्यार्थी भी पढऩे के लिए मोबाइल खरीदने को मजबूर है वहीं शिक्षक स्कूलों में जाने के लिए वाहन खरीदने पड़ रहे हैं। शिक्षकों के भत्ते आदि भी बंद कर दिये गये हैं।
जिस तपती दोपहरी में पैर रखना भी कठिन है उस तपती दुपहरी में स्कूल जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी ऐसी दुपहरी में स्कूल जाने से कतराने लगे हैं। बार-बार अध्यापक संघ शिक्षा अधिकारियों से मांग पत्र सौंप कर इस अवधि में अवकाश घोषित करने की बात कर रहा है लेकिन अधिकारी तथा शिक्षा मंत्री का जवाब नहीं में है जिसको शिक्षक पीटीआई धरना एक कारण बता रहे हैं।
शिक्षा कनीना खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम यादव का कहना है कि शत-प्रतिशत हाजिरी सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कहा जिला शिक्षा अधिकारी और उच्च अधिकारी जो आदेश देंगे उनका पालन किया जाएगा।
उधर समाज सेवी ठाकुर अतरलाल ने स्कूलों में शिक्षकों को आवश्यकता अनुसार ही बुलाने की मांग की है।
उधर नेत्री व वार्ड 9 से जिला परिषद सदस्य सुनीता वर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति में इस बात को लेकर आक्रोश जताया कि अटेली व कनीना क्षेत्र में शिक्षक, आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर तथा विभिन्न अन्य विभागों के जो कर्मचारी आनलाइन सर्वे का काम कर रहे हैं उन्हें कोई सुरक्षा किट नही दिए गए। उन्होंने शिक्षा विभाग और सरकार की ये घोर लापरवाही बताते हुए कहा कि बगैर हथियारों के इन कोरोना योद्धाओं को इस वैश्विक महामारी के युद्ध के मैदान में उतार दिया गया जिसके परिणाम घातक होंगें।
उन्होंने बताया कि इस विषय को लेकर अध्यापक संघ के विरोध जताने के बावजूद विभाग किसी भी सर्वेयर को इस सुरक्षा किट के रूप में मास्क, दस्ताने, साबुन व सेनेटाइजर की किट नही दिये गये हैं। सभी कर्मचारियों को रामभरोसे छोड़ दिया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार केवल पुलिस, सफाई कर्मी व डॉक्टर को ही कोरोना योद्धा के रूप में मानती है किसी अन्य कर्मचारी को नही जबकि सभी क्वारेंटाइन सेंटरों पर शिक्षकों की ड्यूटियां लगाई गई हैं। उन्होंने इस सरकार से आग्रह भी किया कि इन कर्मचारियों को टेस्टिंग किट न समझा जाये इन के परिवार की चिंताओं की फिक्र करना सरकार का नैतिक दायित्व बनता है।
मामूली कहासुनी में दो की गई जान
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कनीना। कनीना खंड के गांव इसराना में पति-पत्नी में कहासुनी को लेकर के पहले पति ने पत्नी की गला घोट कर हत्या कर दी तत्पश्चात से पंखे से लटककर जान दे दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है। समाचार लिखे जाने तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था।
मिली जानकारी अनुसार सोमपाल और उसकी पत्नी मोनिका के बीच अनबन हो गई जिसको लेकर के सोमपाल ने पहले मोनिका की गला दबाकर हत्या कर दी तत्पश्चात से पंखे से लटक कर आत्महत्या करने की बात कही जा रही है। पुलिस मौके पर पहुंच गई है। अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ है। पुलिस अनुसार पूरी छानबीन करके हकीकत का पता लगाकर मामला दर्ज किया जाएगा। इनके एक डेढ़ वर्ष का पुत्र भी है।
नए डीएसपी ने कार्यभार संभाला
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कनीना। कनीना उपमंडल के नए डीएसपी नरेंद्र सांगवान ने कार्यभार संभाल लिया है। उधर कनीना के डीएसपी साधु राम बिश्नोई आज कार्यभार मुक्त हो गए हैं। इस अवसर पर उन्हें एक विदाई दी गई जिसमें उन्होंने कहा कि बदली कर्मचारी का एक गहना होती है। कर्मचारी के जीवन में बदली अक्सर होती रहती है।
उन्होंने कहा कि यदि समय मिला तो वे फिर किसी मुकाम पर मिलेंगे। उधर नए डीएसपी नरेंद्र सांगवान ने कार्यभार ग्रहण करते हुए कहा कि हर प्रकार की दुख तकलीफ सुनी जाएगी। किसी भी हालाता में अनुशासन में कोताही नहीं बरती जाएगी।
फोटो कैप्शन: नरेंद्र सागवान
दो और कोरोना केस आने से क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़कर हुई 28
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कनीना। कनीना क्षेत्र में गुरुवार को दो और कोरोना केस आने से कोरोना पाजिटिव केसों की संख्या 28 हो गई है जिसमें से एक दर्जन के करीब केस ठीक होकर वापस आ चुके हैं।
प्राप्त विवरण अनुसार डॉ धर्मेंद्र एसएमओ ने बताया की एक केस ककराला में आया है जहां एक 9 वर्षीय बच्चा पहले कोरोना पीडि़त था बच्चे के दादा भी जो बच्चे के संपर्क में रहा है कोरोना पीडि़त पाया गया है वहीं दूसरी ओर कनीना में वार्ड 12 का में एक केस पहले ही पॉजिटिव आया था उसकी पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई है।
डॉक्टर धर्मेंद्र के अनुसार ककराला के केस को जहां पटीकरा भेज दिया गया है वहीं कनीना वार्ड 12 की महिला को घर में ही क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है। धर्मेंद्र का कहना है कि जब तक नियम का पालन नहीं करेंगे तब तक कोरोना बढऩे के चांस बढ़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि हाथों में ग्लव्ज पहनने चाहिए तथा मुंह पर मास्क लगाकर ही बाहर निकलना चाहिए तभी जाकर कोरोना से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से हाथों की सफाई की जानी चाहिए।
कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ते ही जा रहे हैं यद्यपि सौभाग्य है कि कोई अनहोनी कोरोना के कारण नहीं हुई है। इसलिए भी लोग कोरोना को से ज्यादा नहीं घबरा रहे हैं। रोग के प्रारंभ में तो लोग नाम से भी घबराते थे किंतु अब वैसा नहीं है।
कोरोना केस बढ़कर हुये 28 ककराला और कनीना में एक एक केस नया आया है।
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कुल केस 28 ठीक होकर वापस आये-12
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गांव का नाम कोरोना पोजिटिव संख्या
1. ककराला 04
2. इसराना 02
3. रामबास 02
4. कनीना 05
5. मोहनपुर 01
6. सिहोर 02
7. छीथरोली 01
8. गोमला 01
9. खैराना 01
10 धनौंदा 03
11 रसूलपुर 01
12 सेहलंग 01
13 गाहड़ा 01
14 दौंगड़ा अहीर 01
15 नांगल हरनाथ 01
16 मुडायन 01
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वापस आये-12
शिक्षक की ट्रक दुर्घटना में मौत
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव पड़तल निवासी जेबीटी शिक्षक अजय कुमार 46 की एक ट्रक की टक्कर तत्पश्चात ट्रक पलटने से उसके नीचे दबने से मौत हो गई है। गांव में सन्नाटा छाया है।
मिली जानकारी अनुसार अजय कुमार पड़तल गांव के पास ट्यूबवेल पर रहते हैं जो राजकीय स्कूल भोजावास में कार्यरत था। गुरुवार को सुबह अपने भाई सुरेंद्र के साथ भोजावास के बाबा जिंदा देव स्थान से मॉर्निंग वॉक करके वापस अपने घर की ओर आ रहा था। उसका भाई कुछ पीछे था जबकि अजय कुमार आगे चल रहा था।
अटेली की ओर से एक तेज गति के ट्रक ने उन्हें पहले टक्कर दी जिससे वह दूर जाकर गिर गए तत्पश्चात वह ट्रक भी उसी के ऊपर जाकर पलट गया।अजय कुमार ट्रक के नीचे दब गया। ट्रक चालक मौका देख कर भाग खड़ा हुआ।
सरपंच ढाणा सुशील कुमार ने बताया कि 10 टायरों वाले रोड़ी से भरे इस ट्रक को उठाने, खाली करने के लिए जेसीबी के साथ साथ लोगों ने मदद की और अजय कुमार को ट्रक के नीचे से निकाल कर तुरंत एंबुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचाया किंतु डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
उनके शव पोस्टमार्टम करवा उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। गांव के लोग दुखी हैं। मृतक के भाई के बयान पर कनीना पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
फोटो कैप्शन 2: पलटे हुआ ट्रक जिसके नीचे आकर शिक्षक की मौत हुई।
पीटीआई शिक्षकों को बहाल किया जाए
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कनीना। प्रजा भलाई संगठन के सुप्रीमो समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने हरियाणा सरकार से बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों को पुन: बहाल कर उन्हें सेवा सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
अतरलाल ने बर्खास्त पीटीआई संघर्ष समिति के नेताओं से बातचीत में उनकी मांग का समर्थन करते हुए कहा कि सभी 1983 पीटीआई अध्यापकों ने 10 साल से अधिक शिक्षा विभाग में जो गरिमामयी सेवा की है। उसके मानवीय पक्ष को देखते हुए राज्य सरकार को उन्हें बहाल करने के लिए वाजिब कानूनी प्रक्रिया के तहत कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बतौर कानूनविद् उनकी राय है कि राज्य सरकार कानूनी प्रक्रिया के तहत बर्खास्त पीटीआई को बहाल कर उन्हें सेवा सुरक्षा दे सकती है। उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया की कुछ खामियों के कारण निर्दोष पीटीआई अध्यापकों को सजा देना सही नहीं है। इसलिए राज्य सरकार को सभी बर्खास्त 1983 पीटीआई अध्यापकों को बहाल करने की कार्यवाही तत्काल अमल में लानी चाहिए। उन्होंने प्रजा भलाई संगठन की तरफ से उनके ज्ञापन को मुख्यमंत्री को प्रेषित करने तथा उनके संघर्ष में पूरा सहयोग देने का आश्वासन भी संघर्ष समिति के नेताओं को दिया।
नियमित करना चाहिये योग-सुनील कुमार
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कनीना। करीब दस वर्षों से योग कर रहे प्राध्यापक सुनील कुमार का कहना है कि योग एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जो व्यक्ति को शांति, आत्मविश्वास और साहस प्रदान करता है। योग के माध्यम से हम कई गतिविधियों को बेहतर तरीके से कर पाते हैं। योग शब्द संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ है शामिल होना या एकजुट होना।योग शब्द का शाब्दिक अर्थ- जुडऩा या मिलना होता है लेकिन यह बहुत विस्तृत विज्ञान है क्योंकि इसके सभी कर्म और क्रियाएं मनुष्य को शारीरिक और आत्मिक रूप से पूर्ण योगी बनाती है। वेदांत के अनुसार, आत्मा का परमात्मा से पूर्ण रूप से मिलन होना ही योग कहलाता है।
सुनील कुमार ने कहा कि इस लॉकडाउन के समय योगा को बहुत सारा समय दे रहे हैं। इस बार पतंजलि द्वारा 21 जून की तैयारी के लिए चलाई जा रही ऑनलाइन योगा कक्षाओं ंमें भी हिस्सा लेने का मौका मिल रहा हैं। योग करने से शरीर में हमेशा एक ताजगी सी महसूस होती है जो मन को पसन्न चित्त रखती है और इस प्रसन्नचित मन से वे अपने शिक्षक कार्य को बहुत अच्छे से कर पाता हूँ।मैने मेरे पूर्व के स्कूल में एनएसएस प्रभारी रहते हुए सात दिवसीय कैम्प में बच्चों को सुबह सुबह योग कक्षाएं लगाकर उनको योग के महत्व के बारे में बताया तथा उन सबको योग से जोडऩे का भरसक प्रयास किया।
फोटो कैप्शन: सुनील कुमार यादव
शिक्षिका ने वजन को योग से घटाया
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कनीना। कनीना की विनीता राव ने योग के बल पर अपना वजन घटाकर राहत की सांस ली है। विनीता राव पेशे से अध्यापिका हैं तथा नियमित रूप से योगाभ्यास करती है।
उन्होंने बताया कि वे सुबह जल्दी उठकर बाहर सैर पर जाती हैं उसके बाद घर पर आकर नियमित रूप से आधा घंटा योग करती हैं। योग करने से शरीर मे स्फूर्ति बनी रहती हैं। पूरे दिन मन प्रश्न रहता है कार्य करने में मन लगा रहता हैं। मुझे योग करने की प्रेरणा रामदेव के आस्था टीवी चैनल से मिली जिसमें रामदेव जी प्रत्येक दिन किसी न किसी बीमारी को योग के माध्यम से कैसे ठीक किया जाए के बारे में लोगो को जागरूक करते हैं। वही से प्रेरणा लेकर मैने योग शुरू किया व पिछले 10 साल से लगातार योग कर रही हूं। ज्यादा वजन की वजह से में परेशान थी लेकिन नियमित योग व व्यायाम से उन्होंने अपने वजन को पांच किलो कम किया जिससे मेरे शरीर में हमेशा एक स्फूर्ति बनी रहती हैं। मै सभी से कहूंगी की सभी योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं तथा अपने आप को स्वस्थ रखें।
फोटो कैप्शन: विनीता राव
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