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Sunday, June 14, 2020

कनीना क्षेत्र में कोरोना की स्थिति--- 15 जून 2020

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 कुल केस 26         ठीक होकर वापस आये-10
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गांव का नाम         कोरोना पोजिटिव संख्या
1.   ककराला       03
2.   इसराना         02
3.   रामबास        02
4.   कनीना          04
5.   मोहनपुर        01
6.   सिहोर           02
7.  छीथरोली        01
8.   गोमला         01
9.   खैराना          01
10  धनौंदा          03
11  रसूलपुर        01
12  सेहलंग         01
13  गाहड़ा          01
14 दौंगड़ा अहीर    01
15  नांगल हरनाथ  01
16  मुडायन        01

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वापस आये-10


सरसों की खरीद न होने से परेशान हैं किसान 
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कनीना। कनीना क्षेत्र में किसानों की सरसों न बिकने से किसानों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। किसानों का कहना है कि सरसों नहीं खरीदे जाने से उनके घर के काम ठप हो गये है। उनका आय का साधन भी रबी और खरीफ दोनों फसलें हैं। जहां खरीफ फसल की बिजाई चल रही है  वहीं रबी फसल की पैदावार घरों में पड़ी हुई है। किसानों ने बताया कि सरसों की सरकारी खरीद न होने से परेशानी बढ़ी है।
किसान मोहन कुमार ने बताया कि उन्होंने तथा उनकी पत्नी ने सरसों बेचने के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसकी बिक्री के लिए इंतजार में बैठे हैं किंतु अभी तक सरकार ने उनकी सरसों की खरीद नहीं कर पाई है जिसके चलते उनके घर में सरसों पड़ी है और घर का बजट डगमगा रहा है। आय का प्रमुख स्रोत सरसों ही होती है।
उधर सूबे सिंह किसान का कहना है रबी की फसल एकमात्र पैदावार होती जिस को बेचकर भी अपनी आय प्राप्त करते हैं लेकिन सरकार ने उनकी सरसों नहीं खरीदी है। उन्होंने रजिस्ट्रेशन भी करवाया था। उनका कहना है कि सभी घर के कार्य तथा अन्य कार्य भी पैदावार बिक्री से ही पूरे किए जाते हैं और वे अब रुक गए हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द सरसों खरीदने का प्रबंध किया जाए।
 महेश कुमार का कहना है कि उन्होंने भी सरसों का रजिस्ट्रेशन करवाया था लेकिन सरसों रजिस्ट्रेशन के पश्चात कुछ किसानों की सरसों खरीद ली गई वे इंतजार करते ही रह गए। ऐसे में उनकी मांग है कि उनकी सरकारी रेट पर सरसों की खरीद करवाई जाए। उनका कहना है किसानों का एकमात्र आय का साधन सरसों होती है। यदि सरसों नहीं बिकेगी तो घर का काम कैसे चल पायेगा।
   किसान सतबीर सिंह ने बताया कि सरसों घर पर पड़ी हुई है। वे सरकार द्वारा खरीद का इंतजार कर रहे हैं। सरकार जब सरसों खरीदेगी तभी सरसोंं बेचकर घर परिवार का गुजर बस कर पायेंगे। कृष्ण कुमार, दिनेश कुमार,
राज सिंह, प्रेम कुमार आदि किसानों ने बताया कि वे परेशान हैं और सरसों खरीद का इंतजार कर रहे हैं।  उधर कनीना मार्केट कमेटी के चेयरमैन राजकुमार कनीनवाल का कहना है कि सरकार का आदेश आते ही सरसों की खरीद शुरू करवा देंगे।
अभी तक सरकार का कोई आदेश नहीं आया है जिसके चलते वे असहाय नजर आते हैं।
 क्षेत्र के किसानों की कनीना मंडी के अतिरिक्त सेहलंग, दोंगड़ा अहीर और करीरा में भी खरीद की गई थी।  गेहूं की खरीद विगत दिनों तक जारी थी। किंतु सरसों खरीद नहीं हो पाई। कनीना की हैफेड, हरियाणा स्टेट वेयरहाउस आदि ने सरसों की खरीद की थी किंतु सरकार द्वारा अचानक सरसों खरीद में ब्रेक लगा देने से अब सरसों खरीद का काम बंद पड़ा है। किसान परेशान हैं।
 फोटो कैप्शन: किसान सूबे सिंह, महेश कुमार, मोहन कुमार, सतबीर सिंह।


योग से ठीक हुआ रोग

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कनीना।
मेरा नाम ईश्वर कौशिक है। मैं पेशे से हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर हूं और महेंद्रगढ़ नगर में 11 हट्टा बाजार का रहने वाला हूं। 2008 में मुझे कुश्ती खेलते हुए हुई असावधानी के कारण कमर के निचले हिस्से में भयंकर दर्द हो गया था। जो समय के साथ उबड़-खाबड़ रास्तों में गाड़ी चलाने से स्थायी रोग हो गया और मेरा जीवन लगभग रुक सा गया।
फिर 2017 में मैंने अपने भाई मनोज कौशिक की सलाह और मार्गदर्शन में योग का सहारा लिया। मैंने योग गुरु स्वामी रामदेव के यूट्यूब पर वीडियो में बताए हुए अनुलोम-विलोम, भुजंगासन, कंधरासन, सेतुबंध आसन जैसे अभ्यास करने शुरू किए। अपने भाई के सहयोग से आज मैं 90 प्रतिशत तक स्वस्थ हूं, हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर की नौकरी भी मिली और अब लम्बी दूरी पर भी बस चलाने का काम कर पता हूं, इसके पीछे योग का ही कमाल है। मैं अब नियमित योग करता हूं। 
स्वस्थ हो या रोगी , मैं अपनी तरफ से सभी को ही योग करने की सलाह देना चाहूंगा।
फोटो ईश्वर कौशिक

नियमित योग किया, स्वस्थ हूं

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कनीना।
मैं कृष्ण कुमार महेंद्रगढ़ के लावन गांव का निवासी हूं। मैं पिछले 12 वर्षों से स्वयं योग कर रहा हूं और पिछले 4 वर्षो से गांव के बच्चों व युवाओं को भी इसके लिए प्रेरित करके साथ में योग सीखा रहा हूं।
मैंने सबसे पहले 2007 में बड़े बुजुर्गों की सलाह व पुस्तकों में पढ़कर योग को जाना। इसमें रुचि पैदा हुई तो योग में और अधिक खोजबीन शुरू कर दी। मुझे प्राणायाम और सूर्य नमस्कार बहुत पसंद है। यह योग और खान-पान के नियंत्रण का ही परिणाम है कि पिछले लम्बे समय से मैं बीमार नहीं हुआ हूं  और मेरी आयु के अन्य लोगों को सामान्यत: होने वाले दर्द या अन्य रोगों से मैं अभी दूर हूं।
2015 में हमारे गांव लावण के माध्यमिक विद्यालय प्रांगण में पतंजलि योग समिति के द्वारा 5 दिवसीय निशुल्क योग शिविर लगाया गया था। इसमें योग शिक्षक  निलेश मुदगल ने बड़ी ही सरल विधि और भाषा शैली के साथ कराए गए योगाभ्यास से मुझ में नई ऊर्जा और उत्साह भर दिया। शिविर के अंतिम दिवस समापन पर उन्होंने हवन करवाया और हवन की दक्षिणा के रूप में  गांववासियों से नियमित योगाभ्यास करने व इसे कभी ना छोडऩे का संकल्प मांगा। उसके अगले दिन से ही मैं अपने गांव की बणी में मंदिर के पास सभी लोगों को निशुल्क नियमित योग सिखाने लग गया। यह दिनचर्या आज भी सतत जारी है।
आज तक मैंने योग से जो भी लाभ पाएं हैं उनके अनुभव से मैं सभी से यही कहता हूं कि योग बिना नुकसान और बिना खर्च की दवाई है। इसे जितना जल्दी हो सके सभी को शुरू कर देना चाहिए।
फोटो कृष्ण कुमार

 रक्तदान शिविर में इकट्ठा किया 30 यूनिट रक्त

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कनीना। 14 जून रक्तदान दिवस के अवसर पर गांव ढाणा में बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल व ब्लड डोनर्स रेवाडी ग्रुप ने आयोजन किया गया। जिसमें जोगिंद्र मेमोरियल चैरिटेबल ब्लड बैंक की टीम ने विशेष सहयोग किया। इस मौके पर 30 यूनिट रक्तदान किया गया इस अवसर पर सेठानी क्लॉथ हाउस कनीना ने सभी रक्तदाताओं को मास्क व फल वितरण किये।
 इस अवसर पर बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल के अध्यक्ष नवीन कौशिक ने बताया कि इस महामारी में आमजन व बीमार व्यक्तियों को रक्त की कमी न रहे। इसलिए टीम द्वारा समय समय पर कैम्प लगाए जाते रहे हैं। जोगिंद्र मेमोरियल क्लब से डॉक्टर सुल्तान सिंह ने बताया कि आज के समय में रक्तदान करने जैसा पुण्य का कार्य नहीं है। आज विभिन्न संस्थाओं ने मिलकर आज इस पवित्र कार्य को किया सभी बधाई के पात्र हैं। इस अवसर पर ब्लड डोनर्स रेवाड़ी ग्रुप के संस्थापक नवीन यादव ने कहा कि हम अपनी टीम के साथ हर दिन किसी न किसी मरीज को रक्तदान करते हैं और आगे भी करते रहेंगे।
 सुरेश साहब समाजसेवी ने बताया कि लगातार हमारी संस्था इस कार्य में प्रयासरत है तथा हर जरूरतमंद की रक्त संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करते रहते हैं। इस अवसर पर गाँव के सरपंच सुशील यादव ने डॉक्टर टीम व संस्थाओं की हौसला आफजाई की तथा इस कार्य को सराहनीय बताया। इस अवसर पर अनिल गर्ग, साकेत, ऋषिराज, गजे सिंह, कुलदीप, दिनेश कुमार , आंचल इंश्योरेंस कनीना युवा क्लब ढाणा का विशेष सहयोग रहा।
फोटो कैप्शन 2: ब्लड डोनेशन में अहं भूमिका निभाने वाली टीम को सम्मान देते हुए बीइंग ह्यूमेन सेवा क्लब के पदाधिकारी।

विश्व शांति यज्ञ आयोजित

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कनीना। आर्य सत्संग मण्डल सेहलंग के कार्यकर्ताओं ने कोरोना महामारी के मद्देनजर विश्व शांति के लिए हवन यज्ञ का आयोजन किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष मुरारी लाल आर्य  तथा यजमान मास्टर मनोज कुमार थे।
  यज्ञ पर उपस्थित सज्जनों को संबोधित करते हुए मुरारी लाल आर्य ने कहा कि यह यज्ञ विश्व महामारी कारोना से जल्द से जल्द संसार मुक्त हो इस कामना के साथ किया जा रहा है। हम सब परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि इस महामारी से संसार को छुटकारा मिले। इस मौके पर उन्होंने विश्व कल्याण चालीसा का पाठ किया। अपने संबोधन में कहा कि हमें अपने जीवन में सदा ही संसार की भलाई के कार्य करते रहना चाहिए। मानव जीवन बड़ा ही उत्तम है ओर बड़े पुण्य कर्मों से ये जन्म मिलता है। मनुस्मृति में मनु महाराज लिखते हैं कि इंसान के साथ मृत्यु के बाद केवल धर्म ही जाता है ओर सब कुछ यहीं पर छूट जाता है, तो हमें ज्यादा से ज्यादा धार्मिक कार्य करने चाहिए। जिससे अपना ओर दूसरों का भला हो सके।
इसी क्रम में मा मनोज कुमार ने रामायण के माध्यम से बताया कि अगर हमें जीवन में कुछ पाना है तो नम्र बनना पड़ेगा। जो व्यक्ति विद्वानों के सामने झुकता है, बड़ों का सम्मान करता है उसको जीवन के सब सुख प्राप्त होते हैं। विजयपाल सेहलंगिया ने बताया कि भगवान ने किसी भी व्यक्ति को गरीब पैदा नहीं किया है। उसने सबको हाथ, पैर आदि बड़े ही कीमती अंग दिए हैं। इस कीमती शरीर के माध्यम से इंसान जो चाहे वो हासिल कर सकता है। हम सब भगवान से प्रार्थना करते हैं कि ये महामारी संसार से समाप्त हो जाए।
इस मौके पर सतपाल थानेदार, कुलभूषण, शर्मा, सत्यवान पंच, अशोक आर्य, बाबूलाल, नरवीर यादव, भूदेव सिंह, राहुल आर्य, नीरज यादव, कुलदीप यादव, रोहित कुमार, अंकित, सोनू, योगेश आदि ने यज्ञ में आहुति डाली तथा विश्व शांति हेतु प्रार्थना की।
फोटो कैप्शन 1: सेहलंग में विश्व शांति के लिए हवन करते हुए।

दोपहर में सड़कों का हो जाता है कफ्र्यू जैसा हाल

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कनीना। सड़कें,कनीना मंडी और बाजार धीरे-धीरे सुनसान होने लगे हैं। जिनके पीछे कोरोना फैलना, गर्मी का बढऩा तथा कनीना मंडी में खरीद करने होना, चालान काटे जाना माना जा रहा है।
 एक और जहां कोरोना पॉजिटिव केस बढ़कर 24 हो गए हैं जिसके चलते लोग डर के मारे घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। यहां तक कि जब ज्यादा जरूरत होती है तो घर से बाहर निकल रहे हैं। दूसरी ओर गर्मी बढ़ती ही जा रही है। दोपहर के समय तो घर से बाहर निकलना भी दूभर हो जाता है। यही कारण है कि लोग घरों में दुबके हुए हैं। उधर कनीना अनाज मंडी में सरसों और गेहूं की खरीद न होने से भी सुनसान होते जा रहे हैं। यदि खरीद जारी रहती तो आवागमन भी बढ़ सकता था। यही कारण है कि कनीना मंडी सुनसान नजर आने लगी है।
  प्रतिदिन पुलिस बिना मास्क के गुजरने वाले लोगों के चालान काट रही है। ऐसे में लोग बिना मास्क के सड़कों से होकर नहीं चलना चाहते हैं। यह भी एक कारण है कि सड़कों से भीड़ कम होती चली गई। दोपहर के समय तो कफ्र्यू जैसा माहौल बन जाता है।
 कनीना मंडी के गणेश कुमार, रविंद्र बंसल, ओमप्रकाश लिसानिया ने बताया कि मंडी में आवागमन कम होने लगा है। यही कारण है कि अनाज मंडी कुछ सुनसान होने लगी है।

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