बाघोत में युवा समाज सेवी संगठन ने गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को दी श्रद्धांजलि
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कनीना। गांव बाघोत में युवा समाज सेवी संगठन ने चाइना के खिलाफ विरोध में चीनी उपकरणों का बहिष्कार किया व गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
उपस्थित लोगों ने मोमबत्ती जलाकर 2 मिनट का मौन भी रखा । संस्था के उपाध्यक्ष सुनील अत्री ने कहा की चीनी सैनिकों ने हमारे देश के सैनिकों को धोखे से मौत के घाट उतारा। चीनी सैनिकों की यह बर्बरता हमें स्वीकार नहीं। हमारे देश में चीनी उपकरणों का सबसे अधिक उपयोग होता है। इसलिए हम सब विरोध में चीनी उपकरणों का उपयोग नहीं करेंगे। अब हमें संकल्प लेना होगा कि कोई भी भारतवासी अब चीनी सामग्री का उपयोग नहीं करेगा और जब चीन को आर्थिक क्षति पहुंचेगी तब समझ आएगा कि भारत के साथ दगा करने वालों का नतीजा क्या होता है।
हमारा संगठन प्रत्येक गांव कस्बे में जाकर लोगों को जागरूक करेगा व चीनी वस्तुओं का बहिष्कार के लिए प्रेरित करेगा। इसके साथ ही लोगों को सेना के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराएंगे। हमारा संगठन केंद्र सरकार से ये कहना चाहता हैं कि वो इस मुद्दे पर जो भी फैसला लेगी हम उस फैसले के साथ खड़े हैं ।
इस अवसर पर चेयरमैन महिपाल नंबरदार, प्रधान सुनील पहलवान, उप प्रधान सुनील अत्री , सचिव नरवीर खटाना, नरवीर रावत, प्रीतम, अजीत, मोनू, इंद्रजीत, हरीश राठी, जय भगवान, धरम वीर, अशोक, महिपाल, युवा समाज सेवी संस्था के सदस्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 5: चीन का विरोध जताते कनीना क्षेत्र के समाजसेवी।
कनीना क्षेत्र में हुई 9 एमएम बारिश
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कनीना। कनीना क्षेत्र में दोपहर पश्चात 9 एमएम बारिश हुई। कई दिनों से गर्मी का माहौल बना हुआ था, तत्पश्चात गर्मी से राहत मिली है। वहीं खड़ी फसलों को भी लाभ मिलेगा। किसान सूबे सिंह, कृष्ण सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने बताया कि समय कपास और पशु चारे वाली फसलें खड़ी हुई है जिनके लिए बारिश बहुत लाभप्रद है। उन्होंने कहा कि लगातार गर्मी का माहौल बना हुआ है। वहीं मौसम विभाग बारिश होने की सूचना दे रहा है जिसके चलते किसान अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
बाघोत में युवा समाज सेवी संगठन ने गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को दी श्रद्धांजलि
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कनीना। गांव बाघोत में युवा समाज सेवी संगठन ने चाइना के खिलाफ विरोध में चीनी उपकरणों का बहिष्कार किया व गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
उपस्थित लोगों ने मोमबत्ती जलाकर 2 मिनट का मौन भी रखा । संस्था के उपाध्यक्ष सुनील अत्री ने कहा की चीनी सैनिकों ने हमारे देश के सैनिकों को धोखे से मौत के घाट उतारा। चीनी सैनिकों की यह बर्बरता हमें स्वीकार नहीं। हमारे देश में चीनी उपकरणों का सबसे अधिक उपयोग होता है। इसलिए हम सब विरोध में चीनी उपकरणों का उपयोग नहीं करेंगे। अब हमें संकल्प लेना होगा कि कोई भी भारतवासी अब चीनी सामग्री का उपयोग नहीं करेगा और जब चीन को आर्थिक क्षति पहुंचेगी तब समझ आएगा कि भारत के साथ दगा करने वालों का नतीजा क्या होता है।
हमारा संगठन प्रत्येक गांव कस्बे में जाकर लोगों को जागरूक करेगा व चीनी वस्तुओं का बहिष्कार के लिए प्रेरित करेगा। इसके साथ ही लोगों को सेना के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराएंगे। हमारा संगठन केंद्र सरकार से ये कहना चाहता हैं कि वो इस मुद्दे पर जो भी फैसला लेगी हम उस फैसले के साथ खड़े हैं ।
इस अवसर पर चेयरमैन महिपाल नंबरदार, प्रधान सुनील पहलवान, उप प्रधान सुनील अत्री , सचिव नरवीर खटाना, नरवीर रावत, प्रीतम, अजीत, मोनू, इंद्रजीत, हरीश राठी, जय भगवान, धरम वीर, अशोक, महिपाल, युवा समाज सेवी संस्था के सदस्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 5: चीन का विरोध जताते कनीना क्षेत्र के समाजसेवी।
एक पिता ने अपने दोनों पुत्रों को बनाया कामयाब,वैज्ञानिक बतौर काम कर रहे हैं
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कनीना। कनीना तहसील के गांव गुढ़ा में रहने वाले रामावतार एक ऐसे पिता है जिनकी सादगी और सामाजिक सेवा का बखान करता हुआ आदमी थकता ही नहीं है। वे हैं 70 वर्षीय सेवानिवृत्त विज्ञान अध्यापक जो पंजाब यूनिवर्सिटी के साईंस ग्रेजुएट हैं। भगवान ने इनको दो पुत्र दिए और दोनों ही प्रतिभा के धनी हैं ।
बड़ा पुत्र भारत भूषण 1996 में मुरथल से इलेक्ट्रॉनिकस एंड टेलिकोमनिकेशन से बी.टेक की उपाधि ली और इसरो में बैतोर साईंटिस्ट कार्यभार संभाला।उ सकी शादी ईशा आकांक्षा इलेक्ट्रॉनिक एंड टेलिकोमनिकेन उपाधि वाली लड़की से बिना दान दहेज के सम्पन्न हुई। जो डाक्ट्रेट करने के बाद टेक्निकल यूनिवर्सिटी बैंगलोर में बैतोर प्रोफेसर सेवारत है ।
दूसरा पुत्र योगेश्वर है जो प्रतिभा का धनी है । प्राइमरी तक अपने गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ा और पांचवी कक्षा में पूरे जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद नवोदय विद्यालय करीरा में चला गया । वहां दसवीं की परीक्षा में पूरे भारत वर्ष में प्रथम स्थान प्राप्त किया जिसके उपलक्ष्य में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री डाक्टर मुरली मनोहर जोशी ने गोल्ड मेडल दिया और भारत सरकार ने पिता पुत्र दोनों को निशुल्क पंद्रह दिन का हवाई टूर करवाया ।
दस जमा दो की परीक्षा पास करने के बाद उसे आईआईटी कानपुर में प्रवेश मिला । यह भी उल्लेखनीय है कि आईआईटी में भी रैंक एक मिला वहाँ राष्ट्रपति गोल्ड मैडल हासिल करने के बाद डाक्ट्रेट की पढाई करने के लिए कोर्नेल यूनिवर्सिटी इथिका (न्यूयॉर्क) चला गया। डाक्ट्रेट के बाद कनाडा में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्य किया । तत्पश्चात कैलिफोर्निया में आकर रिसर्च साईंटिस्ट के रूप में सेवाएं देनी शुरू की ।
उसकी भी शादी बिना दान दहेज के सम्पन्न हुई । उनकी छोटी पुत्रवधू भी बैतोर रिसर्च साईंटिस्ट कैलिफोर्निया में सेवारत है ।
मास्टर जी ने ज्यादातर सेवाएँ ग्रामीण क्षेत्र में दी । उनकी शिक्षण शैली प्रभावी रहती थी क्योंकि वे खेल ही खेल में पढ़ाते थे ।
सेवा निवृत्ति के बाद वे राजकीय विद्यालयों में जाकर प्रतिभाओं को पुरस्कार देते हैं। सर्दियों में गरीब लोगों को कपड़े जूते बाँटते ही रहते हैं ।
वे 7 बार अमेरिका की भी यात्रा भी कर चुके हैं । दोनों पुत्रों को जन्म देने वाली रामावतार की पत्नी बहुत पहले स्वर्ग सिधार चुकी है।
वे धार्मिक प्रवृत्ति के हैं और बिना किसी से कुछ लिए 2884 व्यक्तियों की आँखों का इलाज करवा चुके हैं । इतना कुछ करने के बाद भी अभिमान उन्हें छू भी नहीं सका है । हम उनके सुखद जीवन और दीर्घायु की कामना करते हैं। दोनों पुत्रों को अपने पिता पर नाज है।
फोटो कैप्शन : रामावतार।
प्रतिदिन व्यायाम कर दूसरों को भी शिक्षा देते हैं
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कनीना। कनीना के निवासी मनोज कुमार ने योग का लोहा पहले खुद माना और फिर आगे चलकर स्वयं को भी योग के द्वारा समाज की सेवा में समर्पित कर दिया। कनीना में आयुर्वेदिक औषधियों व घरेलू उपयोग के सामानों की दुकान चलाने वाले मूल रूप से सेहलंग के निवासी मनोज कुमार लम्बे समय तक केरल और गुरुग्राम में काम किया। काम की जरूरत पूरी करते करते कमर दर्द और माइग्रेन ने जकड़ लिया। इसके बाद काम भी पूरी तरह से छूट गया और शरीर भी स्वास्थ्य खो बैठा था। तब टीवी पर योगगुरु स्वामी रामदेव का कार्यक्रम देखा। मेरे पिताजी जगदीश यादव भी लम्बे समय से स्वामी रामदेव के भारत स्वाभिमान ट्रस्ट से जुड़े हुए थे। उनकी रुचि जाग्रत होने पर उन्होंने मुझे गहराई से योग के अभ्यासों से अवगत कराया। कुछ ही दिनों के अभ्यास के बाद से ही उन्होंने कमर दर्द और माइग्रेन में लाभ अनुभव किया। तब से लेकर आज तक योगाभ्यास नित्य प्रति करता हूं। पूरा परिवार योग करता है। अपने छोटे छोटे दोनों बच्चियों को भी उन्होंने छोटी उम्र से ही योग करवाना शुरू कर दिया ताकि इन्हें भविष्य में कोई भी रोग आसानी से ना हो।
उन्होंने योग करने करवाने के साथ साथ भारत स्वाभिमान संगठन का कनीना खंड का प्रभार भी देखते हैं। खंड में अनेकों गांवों और कनीना नगर में योग शिविरों का आयोजन किया हैं। आगे भी इसी प्रकार इच्छुक गांवों में योग के निशुल्क शिविरों का आयोजन करके योग जागरण का काम जीवन पर्यंत करने का आश्वासन दिया है।
फोटो कैप्शन: मनोज कुमार
प्रतिदिन योग करते हैं महिपाल सिगड़ा
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कनीन। प्रतिदिन सुबह योगा करने वाले महिपाल सिंह का कहना है कि योग वह विद्या है जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। योग करने से हम स्वस्थ और प्रसन्न रहते हैं। योगाभ्यास करने से हमें शारीरिक और मानसिक दृष्टि से मजबूती मिलती है। योगाभ्यास प्रारंभ करने से पहले में मल-मूत्र का त्याग कर देना चाहिए। खाली पेट योगा अभ्यास करना चाहिए। जमीन व फर्श पर दरी अवश्य बिछाएं।
योगा अभ्यास के अच्छे परिणाम आने में वक्त लग सकता है इसलिए लगातार और नियमित अभ्यास आवश्यक है।क हावत है कि करो योग रहो निरोग। हम सभी को योग को दिनचर्या में अवश्य शामिल करना चाहिए।
फोटो कैप्शन : महिपाल सिंह।
जय प्रकाश कनीना ने देखे हैं आपातकाल की यातनाएं
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कनीना। कनीना मंडी के शिव कुमार अग्रवाल जिनका लोकतंत्र के प्रहरियों में नाम क्षेत्र में सर्वोपरि है। उन्होंने 7 जुलाई 1975 से 16 दिसंबर 1975 तक जेल की यातनाएं सही।
1975 में जब वे आरएसएस की शाखा, कनीना मंडी में स्टोर तथा समाचार पत्र के एजेंट भी थे। 5 जुलाई को कनीना थाने से एक पुलिसकर्मी आए और कहा कि थानेदार ने बुलाया हैं। जब शिवकुमार अग्रवाल उनके साथ कनीना पुलिस स्टेशन पहुंचे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके विरुद्ध 7 जुलाई को एफआईआर दर्ज कर दी और महेंद्रगढ़ जेल में भेज दिया गया। न्यायालय ने 5 महीने की सजा और 100 रुपये जुर्माना लगा दिया, अगर जुर्माना नहीं भरता तो 2 माह की अतिरिक्त सजा काटने का प्रावधान रखा। सरकार के विरुद्ध गुप्त मीटिंग करके सरकार के आदेशों का पालन न करने का आरोप भी उन पर लगाया गया।
उनके पीछे से समस्त जिम्मेदारी कनीना के जयप्रकाश ने निभाई जो आज कनीना बस स्टैंड पर मिष्ठान स्टोर चला रहे हैं।
उस वक्त शिव कुमार के चार बच्चे जिनमें दो लड़के और दो लड़कियां थी। जब जेल में गए तो चारों बच्चे गणेश, महेश, लक्ष्मी और कृष्णा तथा उनकी पत्नी कैलाशी देवी पर बुरी बीती। क्योंकि उस समय बच्चों की उम्र 7 साल, पांच साल, तीन तथा एक वर्ष थी। सारा कष्ट उनकी पत्नी कैलाशी देवी पर आ पड़ा। उस वक्त कनीना मंडी में सस्ता वस्तु भंडार नाम से अखबार की प्रसिद्ध दुकान होती थी जिस पर जयप्रकाश उनके पास दुकान संचालन में मदद करते थे। शिव कुमार के जेल जाने के बाद समस्त जिम्मेदारी अपने सिर पर लेकर अखबार बेचने, हिसाब रखने तथा घर परिवार की वस्तुओं की आपूर्ति का काम किया।
1975 से 1977 तक आपातकाल लागू रहा। उस अवधि में परिवार नियोजन का उंक लोगों ने झेला। वो बताते हैं कि जबरन परिवार नियोजन करवाया जाता रहा। किसी बहाने से पुलिस उन्हें ले गई और वे महेंद्रगढ़ जेल में यातनाएं सहते रहे।
जयप्रकाश बताते हैं कि महेंद्रगढ़ ट्रायल कोर्ट के फैसले के विरुद्ध शिव कुमार ने 16 दिसंबर 1975 को सेशन कोर्ट नारनौल पहुंचे तो 100 रुपये जुर्माना वापस मिल गया, निर्दोष साबित करते हुए जेल की सजा भी माफ कर दी किंतु जब तक वे 6 महीने की जेल की सजा भुगत चुके थे। जब 16 दिसंबर 1975 को शाम के करीब 5:00 बजे पैसेंजर ट्रेन से कनीना खास रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो कनीना व आसपास गांवों की भारी भीड़ उन्हें देखने के लिए जमा थी। भीड़ तथा यात्रियों ने उनका भव्य स्वागत किया, खुफिया विभाग के लोग भी उनसे मिलने आए। उनके विरुद्ध न्यायालय में किसी ने कोई गवाही नहीं दी गई। महेंद्रगढ़ न्यायालय में रामफल सिपाही ने जब उनके विरुद्ध बयान नहीं दिया तो वकील ने जबरन उनके विरुद्ध गवाही देने की बात कही। उन्होंने बताया जब आपातकाल चली तब उन्होंने आरएसएस की शाखा नहीं चलाई फिर भी उनके विरुद्ध डीआईआर की धारा 33 के तहत मामला दर्ज किया। आठ गवाह जिनमें 4 सरकारी और 4 गैर सरकारी बनाए गए जिन्होंने किसी ने भी उनके विरुद्ध कोई गवाही नहीं दी।
जहां शिवकुमार अग्रवाल जेल की यादें ताजा करते हैं वहीं जयप्रकाश उनके परिवार पर जे बीती उनका जिक्रा करते हैं।
शिव कुमार बताते हैं कि जेल में शरद पूर्णिमा की खीर अपने हाथों से बनाई थी, जन्माष्टमी का पर्व मनाया था। वे बैडमिंटन चौधरी देवीलाल के साथ भी खेलते थे सैर पर भी जाते थे और उनके साथ बेहतर संबंध बन गए थे। यही कारण है कि जब हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तो कई बार उनके पास आए चुनाव लडऩे का आफर दिया परंतु वे राजनीति में नहीं आना चाहते थे। वे बताते हैं कि मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री उनके घर 1989-90 में आए थे जब वे संघ चलाते थे। वर्तमान में वे अपना स्टोर चलाते हैं। देवीलाल को शिव कुमारके घर आते हुए तथा उनसे मिलकर जाते हुए जयप्रकाश ने देखा था।
उन दिनों को याद करके जयप्रकाश ही नहीं शिव कुमार भी सिहर उठते हैं। आज दोनों जयप्रकाश एवं शिव कुमार अपने अपने काम और मेहनत से प्रसन्न हैं।
फोटो कैप्शन : जयप्रकाश कनीना।
जोहड़ का किया जीर्णोद्धार, भरा लबालब पानी
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कनीना। बवानिया गांव की सामाजिक संस्था सर्वोदय ने गांव के सभी जोहड़ों के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है। इसी क्रम में गांव की ही पंचायत जगह बिटौड़े वाली में एक जोहड़ गांव से दूर होने की वजह से सालों से खस्ता हाल था उसे पानी से भर दिया गया।
संगठन के पर्यावरणीय प्रेमियों की निगाह जब इस पर गयी तो अपनी लाव लश्कर के साथ जुट पड़े की क्या क्या कमी है , टूटी पाइप लाइन को तीन जगह से अपने प्रयास से दुरुस्त किया व साथ ही गांवों के आस पास के जमींदारों से मन्त्रणा कर उनको जोहड़ भरने तक पानी सप्लाई से कोई छेड़छाड़ ना करने के लिये मना लिया। अब जब नहर का टर्न आया तो जोहड़ में भरे लबालब पानी को देख संगठन के सदस्यों ने मिठाई बांट अपनी खुशी का इजहार किया। इस मौके पर संगठन के लोगों ने बताया कि गांव से दूर एकांत में प्रकार के जीव जंतुओं पक्षियों के लिये जीवन पर्याय का काम ये जोहड़ करते हैं और जोहड़ में पानी भरा रहे इसके लिये प्रयास भविष्य में भी जारी रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि बवानिया स्थित बाबा खेमदास धाम खुडाली आश्रम पर मन्दिर परिसर के नज़दीक बने जोहड़ में पंचायत व सिंचाई विभाग द्वारा विगत दिनों डाली गई नई पाइपलाइन से पहली बार नहरी पानी पहुँचने पर महंत वीरेंद्र , मन्दिर समिति प्रधान रत्न , सरपंच प्रतिनिधि सुंदर द्वारा पूजा पाठ करके जल आगमन जैसे शुभ कार्य पर सभी को बधाई दी। साथ ही गाँव की युवा संस्था सर्वोदय के लगातार इस मसले पर विभिन्न विभागीय स्तर पर तालमेल की तारीफ की । सोनू यादव एसडीओ ने भी विचार व्यक्त करते हुए कहा की जोहड़ में साफ पानी पहुँचना अभिभूत करने जैसा है और जोहड़ में लगातार पानी बने रहने से खुडाली आश्रम स्थित बनी के फ्लोरा फ्योना को नया जीवन मिलेगा , अनेकों प्रकार के जंतु , पेड़ अपने प्राचीन महत्व को दोबारा प्राप्त कर पाएंगे।
फोटो कैप्शन 2: जोहड़ में पानी पहुंचाते ग्रामीण।
योग निरोग रखता है
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कनीना। योग करने वाले कर्मपाल यादव का कहना है कि हे दैनिक जीवन मे योग को अपनाना चाहिए।
योगा शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान रखने के लिए किया जाता है पर योग कुछ मायनों में और चीजों से भिन्न है। योग शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। योगिक अभ्यास शरीर को ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ ऊर्जावान रखता है।
योग शब्द का शाब्दिक अर्थ है जुडऩा यानि हमारा जुड़ाव ब्रह्माण्ड से होना। अगर आध्यात्मिक रूप से देखा जाये तो योग जीवात्मा और परमात्मा का मिलन है और अगर व्यावहारिक तौर पर कहा जाये तो योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है।
योग की अलग अलग मुद्राओं से अलग अलग लाभ प्राप्त होते हैं। भागती दौड़ती जिन्दगी में जहाँ लोग मानसिक शारीरिक परेशानी से पीडि़त रहते हैं। योग का प्रतिदिन करना उन्हें मानसिक और शारीरिक शक्ति देता है।
योग का जन्म प्राचीन काल में भारत में हुआ था और आज योग विदेशों तक पहुंच गया है। दिन प्रतिदिन योग का महत्व बढ़ता जा रहा है, इसका कारण है इससे मिलने वाले लाभ। योग से शारीरिक और मानसिक उपचार होते हैं। पहले जहाँ केवल आयुर्वेदिक रूप के योग को महत्व दिया जाता था वही आज योग एक वैज्ञानिक रूप से भी प्रभावकारी सिद्ध हो चुका है। डॉक्टर भी अपने मरीज़ों को योग के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
फोटो कैप्शन : कर्मपाल।
जरूरतमंदों को दे रहे हैं रक्त
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संवाद सहयोगी,कनीना। जहां कोरोना भयंकर महामारी में जहां सब और भय का माहौल है फिर भी बीइंग ह्यूमैन सेवा मंडल का प्रत्येक सदस्य पूरी सुरक्षा और निष्ठा से सेवा दे रहा है।
नारनौल में डिलीवरी केस में किसी जरूरतमंद महिला को जब रक्त की आवश्यकता हुई तो संस्था के उपेन्द्र यादव ने टीम के जयसिंह गांव पड़तल को साथ लिया और अपना रक्त किसी जरूरतमंद को दिया। उपेन्द्र ने बताया कि जैसे ही उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रार्थना देखी हम साथी जयसिंह के साथ नारनौल रवाना हुए और इस कमी को पूरा किया इसी कड़ी में संस्था के अध्यक्ष नवीन कौशिक ने बताया कि हाल ही में हमने रक्तदान दिवस पर एक शिविर का आयोजन किया था लेकिन फिर भी किसी जरूरतमंद को रक्त की आवश्यकता होती है तो हम उसे पूरा करते हैं। उन्होंने बताया कि संस्था का हर सदस्य अपनी जिम्मेदारी को हर क्षेत्र में पूर्ण रूप से निभाता है चाहे वो पर्यावरण, लोगों की सेवा, पशु पक्षियों की चिकित्सा या शिक्षा संबंधित कार्य हो हम हर क्षेत्र में अपने कार्यों को लोगों की सहायता से पूर्ण करते हैं।
पौधारोपण कर मनाया जन्मदिन
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कनीना। कनीना कालेज समक्ष डिवाइडर पर पौधारोपण करके राहुल नामक युवक ने अपना 23वां जन्मदिन मनाया।
विस्तृत जानकारी देते हुए मुकेश फोटो स्टूडियो ने बताया कि राहुल की दुकान है और सभी दुकानदारों ने नियम बना रखा है कि जब भी किसी का जन्मदिन होता है तो यह डिवाइडर पर पौधा रोपण करते हैं ताकि पेड़ पौधों की संख्या बढ़ जाए और वातावरण साफ सुथरा रहे। इसी क्रम में राहुल ने अपना 23वां जन्मदिन मनाते हुए डिवाइडर पर पौधारोपण कर उसमें जल दिया और शपथ ली कि भविष्य में वह इसमें पानी डालकर बड़ा बनाएंगे। इस मौके पर मुकेश कुमार, प्रमोद कुमार, मनोज कुमार, गोलू, रविंद्र, रामनिवास, सुनील कुमार, श्रीभगवान आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 1: पौधा रोपण करते हुए राहुल।
बिजली सप्लाई की मांग को लेकर दिया ज्ञापन
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कनीना। कपूरी की ढ़ाणी के लोगों ने बिजली की समस्या को लेकर एक ज्ञापन एसडीएम कनीना को सौंप कर ढ़ाणी में बिजली की सप्लाई सीटी से जुड़वाने के लिए गुहार लगाई है।
एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर बिजली की समस्या के बारे में बताया कि ढ़ाणी में बिजली की सप्लाई ट्यूबवेल की सप्लाई से जुड़ी हुई है जिसके कारण इस ढ़ाणी में बिजली बहुत ही कम आती है और जिसके कारण सैकड़ों परिवारों को बिजली-पानी की मूलभूत सुविधाओं के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पर विवश होना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि बिजली की समस्या को लेकर कई बार विभाग के आला अधिकारियों से मिल कर भी अपना दु:खड़ा रोया है लेकिन इस समस्या का समाधान करना तो दूर की बात इसकी और अब तक बिजली विभाग के किसी अधिकारी व कर्मचारियों ने आकर देखना भी उचित नही समझा। ग्रामीण महिलाओंंं ने उपमंडल अधिकारी कनीना को अपना दु:खड़ा बताते हुए कहा कि इस भीषण गर्मी में बिजली की सप्लाई का न आना सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने यह भी बताया कि समस्या के समाधान को लेकर पिछले चार माह से भटक रहे है लेकिन अब तक विभाग व अन्य प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि चार माह पहले भी हम कनीना के एसडीएम को अपनी समस्या से लिखित में अवगत करा चुके हैं।
एसडीएम के माध्यम से मांग करते हुए कहा है कि उनकी बिजली की सप्लाई ट्यूबवेलों से हटाकर सीटी की सप्लाई से जोड़ दी जाए तो उक्त समस्या का समाधान तुरंत हो जाए। वही इसी कड़ी में चेलावास के दर्जनों ग्रामीणों ने भी बिजली की समस्या को लेकर एक ज्ञापन एसडीएम कनीना को देकर मोहनपुर फीडर के नीचे लगने वाले ट्यूबवेलों की लाइट दुरुस्त कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर बताया कि मोहनपुर फीडर के अन्तर्गत ही समूचे चेलावास व अन्य पड़ोसी ग्रामीणों के ट्यूबवेल लगते है जिनकी सप्लाई ठीक नही आने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
फोटो कैप्शन 3: एसडीएम को ज्ञापन देते ग्रामीण।
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कनीना। गांव बाघोत में युवा समाज सेवी संगठन ने चाइना के खिलाफ विरोध में चीनी उपकरणों का बहिष्कार किया व गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
उपस्थित लोगों ने मोमबत्ती जलाकर 2 मिनट का मौन भी रखा । संस्था के उपाध्यक्ष सुनील अत्री ने कहा की चीनी सैनिकों ने हमारे देश के सैनिकों को धोखे से मौत के घाट उतारा। चीनी सैनिकों की यह बर्बरता हमें स्वीकार नहीं। हमारे देश में चीनी उपकरणों का सबसे अधिक उपयोग होता है। इसलिए हम सब विरोध में चीनी उपकरणों का उपयोग नहीं करेंगे। अब हमें संकल्प लेना होगा कि कोई भी भारतवासी अब चीनी सामग्री का उपयोग नहीं करेगा और जब चीन को आर्थिक क्षति पहुंचेगी तब समझ आएगा कि भारत के साथ दगा करने वालों का नतीजा क्या होता है।
हमारा संगठन प्रत्येक गांव कस्बे में जाकर लोगों को जागरूक करेगा व चीनी वस्तुओं का बहिष्कार के लिए प्रेरित करेगा। इसके साथ ही लोगों को सेना के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराएंगे। हमारा संगठन केंद्र सरकार से ये कहना चाहता हैं कि वो इस मुद्दे पर जो भी फैसला लेगी हम उस फैसले के साथ खड़े हैं ।
इस अवसर पर चेयरमैन महिपाल नंबरदार, प्रधान सुनील पहलवान, उप प्रधान सुनील अत्री , सचिव नरवीर खटाना, नरवीर रावत, प्रीतम, अजीत, मोनू, इंद्रजीत, हरीश राठी, जय भगवान, धरम वीर, अशोक, महिपाल, युवा समाज सेवी संस्था के सदस्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 5: चीन का विरोध जताते कनीना क्षेत्र के समाजसेवी।
कनीना क्षेत्र में हुई 9 एमएम बारिश
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कनीना। कनीना क्षेत्र में दोपहर पश्चात 9 एमएम बारिश हुई। कई दिनों से गर्मी का माहौल बना हुआ था, तत्पश्चात गर्मी से राहत मिली है। वहीं खड़ी फसलों को भी लाभ मिलेगा। किसान सूबे सिंह, कृष्ण सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने बताया कि समय कपास और पशु चारे वाली फसलें खड़ी हुई है जिनके लिए बारिश बहुत लाभप्रद है। उन्होंने कहा कि लगातार गर्मी का माहौल बना हुआ है। वहीं मौसम विभाग बारिश होने की सूचना दे रहा है जिसके चलते किसान अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
बाघोत में युवा समाज सेवी संगठन ने गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को दी श्रद्धांजलि
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कनीना। गांव बाघोत में युवा समाज सेवी संगठन ने चाइना के खिलाफ विरोध में चीनी उपकरणों का बहिष्कार किया व गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
उपस्थित लोगों ने मोमबत्ती जलाकर 2 मिनट का मौन भी रखा । संस्था के उपाध्यक्ष सुनील अत्री ने कहा की चीनी सैनिकों ने हमारे देश के सैनिकों को धोखे से मौत के घाट उतारा। चीनी सैनिकों की यह बर्बरता हमें स्वीकार नहीं। हमारे देश में चीनी उपकरणों का सबसे अधिक उपयोग होता है। इसलिए हम सब विरोध में चीनी उपकरणों का उपयोग नहीं करेंगे। अब हमें संकल्प लेना होगा कि कोई भी भारतवासी अब चीनी सामग्री का उपयोग नहीं करेगा और जब चीन को आर्थिक क्षति पहुंचेगी तब समझ आएगा कि भारत के साथ दगा करने वालों का नतीजा क्या होता है।
हमारा संगठन प्रत्येक गांव कस्बे में जाकर लोगों को जागरूक करेगा व चीनी वस्तुओं का बहिष्कार के लिए प्रेरित करेगा। इसके साथ ही लोगों को सेना के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराएंगे। हमारा संगठन केंद्र सरकार से ये कहना चाहता हैं कि वो इस मुद्दे पर जो भी फैसला लेगी हम उस फैसले के साथ खड़े हैं ।
इस अवसर पर चेयरमैन महिपाल नंबरदार, प्रधान सुनील पहलवान, उप प्रधान सुनील अत्री , सचिव नरवीर खटाना, नरवीर रावत, प्रीतम, अजीत, मोनू, इंद्रजीत, हरीश राठी, जय भगवान, धरम वीर, अशोक, महिपाल, युवा समाज सेवी संस्था के सदस्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 5: चीन का विरोध जताते कनीना क्षेत्र के समाजसेवी।
एक पिता ने अपने दोनों पुत्रों को बनाया कामयाब,वैज्ञानिक बतौर काम कर रहे हैं
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कनीना। कनीना तहसील के गांव गुढ़ा में रहने वाले रामावतार एक ऐसे पिता है जिनकी सादगी और सामाजिक सेवा का बखान करता हुआ आदमी थकता ही नहीं है। वे हैं 70 वर्षीय सेवानिवृत्त विज्ञान अध्यापक जो पंजाब यूनिवर्सिटी के साईंस ग्रेजुएट हैं। भगवान ने इनको दो पुत्र दिए और दोनों ही प्रतिभा के धनी हैं ।
बड़ा पुत्र भारत भूषण 1996 में मुरथल से इलेक्ट्रॉनिकस एंड टेलिकोमनिकेशन से बी.टेक की उपाधि ली और इसरो में बैतोर साईंटिस्ट कार्यभार संभाला।उ सकी शादी ईशा आकांक्षा इलेक्ट्रॉनिक एंड टेलिकोमनिकेन उपाधि वाली लड़की से बिना दान दहेज के सम्पन्न हुई। जो डाक्ट्रेट करने के बाद टेक्निकल यूनिवर्सिटी बैंगलोर में बैतोर प्रोफेसर सेवारत है ।
दूसरा पुत्र योगेश्वर है जो प्रतिभा का धनी है । प्राइमरी तक अपने गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ा और पांचवी कक्षा में पूरे जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद नवोदय विद्यालय करीरा में चला गया । वहां दसवीं की परीक्षा में पूरे भारत वर्ष में प्रथम स्थान प्राप्त किया जिसके उपलक्ष्य में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री डाक्टर मुरली मनोहर जोशी ने गोल्ड मेडल दिया और भारत सरकार ने पिता पुत्र दोनों को निशुल्क पंद्रह दिन का हवाई टूर करवाया ।
दस जमा दो की परीक्षा पास करने के बाद उसे आईआईटी कानपुर में प्रवेश मिला । यह भी उल्लेखनीय है कि आईआईटी में भी रैंक एक मिला वहाँ राष्ट्रपति गोल्ड मैडल हासिल करने के बाद डाक्ट्रेट की पढाई करने के लिए कोर्नेल यूनिवर्सिटी इथिका (न्यूयॉर्क) चला गया। डाक्ट्रेट के बाद कनाडा में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्य किया । तत्पश्चात कैलिफोर्निया में आकर रिसर्च साईंटिस्ट के रूप में सेवाएं देनी शुरू की ।
उसकी भी शादी बिना दान दहेज के सम्पन्न हुई । उनकी छोटी पुत्रवधू भी बैतोर रिसर्च साईंटिस्ट कैलिफोर्निया में सेवारत है ।
मास्टर जी ने ज्यादातर सेवाएँ ग्रामीण क्षेत्र में दी । उनकी शिक्षण शैली प्रभावी रहती थी क्योंकि वे खेल ही खेल में पढ़ाते थे ।
सेवा निवृत्ति के बाद वे राजकीय विद्यालयों में जाकर प्रतिभाओं को पुरस्कार देते हैं। सर्दियों में गरीब लोगों को कपड़े जूते बाँटते ही रहते हैं ।
वे 7 बार अमेरिका की भी यात्रा भी कर चुके हैं । दोनों पुत्रों को जन्म देने वाली रामावतार की पत्नी बहुत पहले स्वर्ग सिधार चुकी है।
वे धार्मिक प्रवृत्ति के हैं और बिना किसी से कुछ लिए 2884 व्यक्तियों की आँखों का इलाज करवा चुके हैं । इतना कुछ करने के बाद भी अभिमान उन्हें छू भी नहीं सका है । हम उनके सुखद जीवन और दीर्घायु की कामना करते हैं। दोनों पुत्रों को अपने पिता पर नाज है।
फोटो कैप्शन : रामावतार।
प्रतिदिन व्यायाम कर दूसरों को भी शिक्षा देते हैं
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कनीना। कनीना के निवासी मनोज कुमार ने योग का लोहा पहले खुद माना और फिर आगे चलकर स्वयं को भी योग के द्वारा समाज की सेवा में समर्पित कर दिया। कनीना में आयुर्वेदिक औषधियों व घरेलू उपयोग के सामानों की दुकान चलाने वाले मूल रूप से सेहलंग के निवासी मनोज कुमार लम्बे समय तक केरल और गुरुग्राम में काम किया। काम की जरूरत पूरी करते करते कमर दर्द और माइग्रेन ने जकड़ लिया। इसके बाद काम भी पूरी तरह से छूट गया और शरीर भी स्वास्थ्य खो बैठा था। तब टीवी पर योगगुरु स्वामी रामदेव का कार्यक्रम देखा। मेरे पिताजी जगदीश यादव भी लम्बे समय से स्वामी रामदेव के भारत स्वाभिमान ट्रस्ट से जुड़े हुए थे। उनकी रुचि जाग्रत होने पर उन्होंने मुझे गहराई से योग के अभ्यासों से अवगत कराया। कुछ ही दिनों के अभ्यास के बाद से ही उन्होंने कमर दर्द और माइग्रेन में लाभ अनुभव किया। तब से लेकर आज तक योगाभ्यास नित्य प्रति करता हूं। पूरा परिवार योग करता है। अपने छोटे छोटे दोनों बच्चियों को भी उन्होंने छोटी उम्र से ही योग करवाना शुरू कर दिया ताकि इन्हें भविष्य में कोई भी रोग आसानी से ना हो।
उन्होंने योग करने करवाने के साथ साथ भारत स्वाभिमान संगठन का कनीना खंड का प्रभार भी देखते हैं। खंड में अनेकों गांवों और कनीना नगर में योग शिविरों का आयोजन किया हैं। आगे भी इसी प्रकार इच्छुक गांवों में योग के निशुल्क शिविरों का आयोजन करके योग जागरण का काम जीवन पर्यंत करने का आश्वासन दिया है।
फोटो कैप्शन: मनोज कुमार
प्रतिदिन योग करते हैं महिपाल सिगड़ा
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कनीन। प्रतिदिन सुबह योगा करने वाले महिपाल सिंह का कहना है कि योग वह विद्या है जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। योग करने से हम स्वस्थ और प्रसन्न रहते हैं। योगाभ्यास करने से हमें शारीरिक और मानसिक दृष्टि से मजबूती मिलती है। योगाभ्यास प्रारंभ करने से पहले में मल-मूत्र का त्याग कर देना चाहिए। खाली पेट योगा अभ्यास करना चाहिए। जमीन व फर्श पर दरी अवश्य बिछाएं।
योगा अभ्यास के अच्छे परिणाम आने में वक्त लग सकता है इसलिए लगातार और नियमित अभ्यास आवश्यक है।क हावत है कि करो योग रहो निरोग। हम सभी को योग को दिनचर्या में अवश्य शामिल करना चाहिए।
फोटो कैप्शन : महिपाल सिंह।
जय प्रकाश कनीना ने देखे हैं आपातकाल की यातनाएं
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कनीना। कनीना मंडी के शिव कुमार अग्रवाल जिनका लोकतंत्र के प्रहरियों में नाम क्षेत्र में सर्वोपरि है। उन्होंने 7 जुलाई 1975 से 16 दिसंबर 1975 तक जेल की यातनाएं सही।
1975 में जब वे आरएसएस की शाखा, कनीना मंडी में स्टोर तथा समाचार पत्र के एजेंट भी थे। 5 जुलाई को कनीना थाने से एक पुलिसकर्मी आए और कहा कि थानेदार ने बुलाया हैं। जब शिवकुमार अग्रवाल उनके साथ कनीना पुलिस स्टेशन पहुंचे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके विरुद्ध 7 जुलाई को एफआईआर दर्ज कर दी और महेंद्रगढ़ जेल में भेज दिया गया। न्यायालय ने 5 महीने की सजा और 100 रुपये जुर्माना लगा दिया, अगर जुर्माना नहीं भरता तो 2 माह की अतिरिक्त सजा काटने का प्रावधान रखा। सरकार के विरुद्ध गुप्त मीटिंग करके सरकार के आदेशों का पालन न करने का आरोप भी उन पर लगाया गया।
उनके पीछे से समस्त जिम्मेदारी कनीना के जयप्रकाश ने निभाई जो आज कनीना बस स्टैंड पर मिष्ठान स्टोर चला रहे हैं।
उस वक्त शिव कुमार के चार बच्चे जिनमें दो लड़के और दो लड़कियां थी। जब जेल में गए तो चारों बच्चे गणेश, महेश, लक्ष्मी और कृष्णा तथा उनकी पत्नी कैलाशी देवी पर बुरी बीती। क्योंकि उस समय बच्चों की उम्र 7 साल, पांच साल, तीन तथा एक वर्ष थी। सारा कष्ट उनकी पत्नी कैलाशी देवी पर आ पड़ा। उस वक्त कनीना मंडी में सस्ता वस्तु भंडार नाम से अखबार की प्रसिद्ध दुकान होती थी जिस पर जयप्रकाश उनके पास दुकान संचालन में मदद करते थे। शिव कुमार के जेल जाने के बाद समस्त जिम्मेदारी अपने सिर पर लेकर अखबार बेचने, हिसाब रखने तथा घर परिवार की वस्तुओं की आपूर्ति का काम किया।
1975 से 1977 तक आपातकाल लागू रहा। उस अवधि में परिवार नियोजन का उंक लोगों ने झेला। वो बताते हैं कि जबरन परिवार नियोजन करवाया जाता रहा। किसी बहाने से पुलिस उन्हें ले गई और वे महेंद्रगढ़ जेल में यातनाएं सहते रहे।
जयप्रकाश बताते हैं कि महेंद्रगढ़ ट्रायल कोर्ट के फैसले के विरुद्ध शिव कुमार ने 16 दिसंबर 1975 को सेशन कोर्ट नारनौल पहुंचे तो 100 रुपये जुर्माना वापस मिल गया, निर्दोष साबित करते हुए जेल की सजा भी माफ कर दी किंतु जब तक वे 6 महीने की जेल की सजा भुगत चुके थे। जब 16 दिसंबर 1975 को शाम के करीब 5:00 बजे पैसेंजर ट्रेन से कनीना खास रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो कनीना व आसपास गांवों की भारी भीड़ उन्हें देखने के लिए जमा थी। भीड़ तथा यात्रियों ने उनका भव्य स्वागत किया, खुफिया विभाग के लोग भी उनसे मिलने आए। उनके विरुद्ध न्यायालय में किसी ने कोई गवाही नहीं दी गई। महेंद्रगढ़ न्यायालय में रामफल सिपाही ने जब उनके विरुद्ध बयान नहीं दिया तो वकील ने जबरन उनके विरुद्ध गवाही देने की बात कही। उन्होंने बताया जब आपातकाल चली तब उन्होंने आरएसएस की शाखा नहीं चलाई फिर भी उनके विरुद्ध डीआईआर की धारा 33 के तहत मामला दर्ज किया। आठ गवाह जिनमें 4 सरकारी और 4 गैर सरकारी बनाए गए जिन्होंने किसी ने भी उनके विरुद्ध कोई गवाही नहीं दी।
जहां शिवकुमार अग्रवाल जेल की यादें ताजा करते हैं वहीं जयप्रकाश उनके परिवार पर जे बीती उनका जिक्रा करते हैं।
शिव कुमार बताते हैं कि जेल में शरद पूर्णिमा की खीर अपने हाथों से बनाई थी, जन्माष्टमी का पर्व मनाया था। वे बैडमिंटन चौधरी देवीलाल के साथ भी खेलते थे सैर पर भी जाते थे और उनके साथ बेहतर संबंध बन गए थे। यही कारण है कि जब हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तो कई बार उनके पास आए चुनाव लडऩे का आफर दिया परंतु वे राजनीति में नहीं आना चाहते थे। वे बताते हैं कि मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री उनके घर 1989-90 में आए थे जब वे संघ चलाते थे। वर्तमान में वे अपना स्टोर चलाते हैं। देवीलाल को शिव कुमारके घर आते हुए तथा उनसे मिलकर जाते हुए जयप्रकाश ने देखा था।
उन दिनों को याद करके जयप्रकाश ही नहीं शिव कुमार भी सिहर उठते हैं। आज दोनों जयप्रकाश एवं शिव कुमार अपने अपने काम और मेहनत से प्रसन्न हैं।
फोटो कैप्शन : जयप्रकाश कनीना।
जोहड़ का किया जीर्णोद्धार, भरा लबालब पानी
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कनीना। बवानिया गांव की सामाजिक संस्था सर्वोदय ने गांव के सभी जोहड़ों के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है। इसी क्रम में गांव की ही पंचायत जगह बिटौड़े वाली में एक जोहड़ गांव से दूर होने की वजह से सालों से खस्ता हाल था उसे पानी से भर दिया गया।
संगठन के पर्यावरणीय प्रेमियों की निगाह जब इस पर गयी तो अपनी लाव लश्कर के साथ जुट पड़े की क्या क्या कमी है , टूटी पाइप लाइन को तीन जगह से अपने प्रयास से दुरुस्त किया व साथ ही गांवों के आस पास के जमींदारों से मन्त्रणा कर उनको जोहड़ भरने तक पानी सप्लाई से कोई छेड़छाड़ ना करने के लिये मना लिया। अब जब नहर का टर्न आया तो जोहड़ में भरे लबालब पानी को देख संगठन के सदस्यों ने मिठाई बांट अपनी खुशी का इजहार किया। इस मौके पर संगठन के लोगों ने बताया कि गांव से दूर एकांत में प्रकार के जीव जंतुओं पक्षियों के लिये जीवन पर्याय का काम ये जोहड़ करते हैं और जोहड़ में पानी भरा रहे इसके लिये प्रयास भविष्य में भी जारी रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि बवानिया स्थित बाबा खेमदास धाम खुडाली आश्रम पर मन्दिर परिसर के नज़दीक बने जोहड़ में पंचायत व सिंचाई विभाग द्वारा विगत दिनों डाली गई नई पाइपलाइन से पहली बार नहरी पानी पहुँचने पर महंत वीरेंद्र , मन्दिर समिति प्रधान रत्न , सरपंच प्रतिनिधि सुंदर द्वारा पूजा पाठ करके जल आगमन जैसे शुभ कार्य पर सभी को बधाई दी। साथ ही गाँव की युवा संस्था सर्वोदय के लगातार इस मसले पर विभिन्न विभागीय स्तर पर तालमेल की तारीफ की । सोनू यादव एसडीओ ने भी विचार व्यक्त करते हुए कहा की जोहड़ में साफ पानी पहुँचना अभिभूत करने जैसा है और जोहड़ में लगातार पानी बने रहने से खुडाली आश्रम स्थित बनी के फ्लोरा फ्योना को नया जीवन मिलेगा , अनेकों प्रकार के जंतु , पेड़ अपने प्राचीन महत्व को दोबारा प्राप्त कर पाएंगे।
फोटो कैप्शन 2: जोहड़ में पानी पहुंचाते ग्रामीण।
योग निरोग रखता है
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कनीना। योग करने वाले कर्मपाल यादव का कहना है कि हे दैनिक जीवन मे योग को अपनाना चाहिए।
योगा शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान रखने के लिए किया जाता है पर योग कुछ मायनों में और चीजों से भिन्न है। योग शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। योगिक अभ्यास शरीर को ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ ऊर्जावान रखता है।
योग शब्द का शाब्दिक अर्थ है जुडऩा यानि हमारा जुड़ाव ब्रह्माण्ड से होना। अगर आध्यात्मिक रूप से देखा जाये तो योग जीवात्मा और परमात्मा का मिलन है और अगर व्यावहारिक तौर पर कहा जाये तो योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है।
योग की अलग अलग मुद्राओं से अलग अलग लाभ प्राप्त होते हैं। भागती दौड़ती जिन्दगी में जहाँ लोग मानसिक शारीरिक परेशानी से पीडि़त रहते हैं। योग का प्रतिदिन करना उन्हें मानसिक और शारीरिक शक्ति देता है।
योग का जन्म प्राचीन काल में भारत में हुआ था और आज योग विदेशों तक पहुंच गया है। दिन प्रतिदिन योग का महत्व बढ़ता जा रहा है, इसका कारण है इससे मिलने वाले लाभ। योग से शारीरिक और मानसिक उपचार होते हैं। पहले जहाँ केवल आयुर्वेदिक रूप के योग को महत्व दिया जाता था वही आज योग एक वैज्ञानिक रूप से भी प्रभावकारी सिद्ध हो चुका है। डॉक्टर भी अपने मरीज़ों को योग के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
फोटो कैप्शन : कर्मपाल।
जरूरतमंदों को दे रहे हैं रक्त
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संवाद सहयोगी,कनीना। जहां कोरोना भयंकर महामारी में जहां सब और भय का माहौल है फिर भी बीइंग ह्यूमैन सेवा मंडल का प्रत्येक सदस्य पूरी सुरक्षा और निष्ठा से सेवा दे रहा है।
नारनौल में डिलीवरी केस में किसी जरूरतमंद महिला को जब रक्त की आवश्यकता हुई तो संस्था के उपेन्द्र यादव ने टीम के जयसिंह गांव पड़तल को साथ लिया और अपना रक्त किसी जरूरतमंद को दिया। उपेन्द्र ने बताया कि जैसे ही उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रार्थना देखी हम साथी जयसिंह के साथ नारनौल रवाना हुए और इस कमी को पूरा किया इसी कड़ी में संस्था के अध्यक्ष नवीन कौशिक ने बताया कि हाल ही में हमने रक्तदान दिवस पर एक शिविर का आयोजन किया था लेकिन फिर भी किसी जरूरतमंद को रक्त की आवश्यकता होती है तो हम उसे पूरा करते हैं। उन्होंने बताया कि संस्था का हर सदस्य अपनी जिम्मेदारी को हर क्षेत्र में पूर्ण रूप से निभाता है चाहे वो पर्यावरण, लोगों की सेवा, पशु पक्षियों की चिकित्सा या शिक्षा संबंधित कार्य हो हम हर क्षेत्र में अपने कार्यों को लोगों की सहायता से पूर्ण करते हैं।
पौधारोपण कर मनाया जन्मदिन
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कनीना। कनीना कालेज समक्ष डिवाइडर पर पौधारोपण करके राहुल नामक युवक ने अपना 23वां जन्मदिन मनाया।
विस्तृत जानकारी देते हुए मुकेश फोटो स्टूडियो ने बताया कि राहुल की दुकान है और सभी दुकानदारों ने नियम बना रखा है कि जब भी किसी का जन्मदिन होता है तो यह डिवाइडर पर पौधा रोपण करते हैं ताकि पेड़ पौधों की संख्या बढ़ जाए और वातावरण साफ सुथरा रहे। इसी क्रम में राहुल ने अपना 23वां जन्मदिन मनाते हुए डिवाइडर पर पौधारोपण कर उसमें जल दिया और शपथ ली कि भविष्य में वह इसमें पानी डालकर बड़ा बनाएंगे। इस मौके पर मुकेश कुमार, प्रमोद कुमार, मनोज कुमार, गोलू, रविंद्र, रामनिवास, सुनील कुमार, श्रीभगवान आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 1: पौधा रोपण करते हुए राहुल।
बिजली सप्लाई की मांग को लेकर दिया ज्ञापन
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कनीना। कपूरी की ढ़ाणी के लोगों ने बिजली की समस्या को लेकर एक ज्ञापन एसडीएम कनीना को सौंप कर ढ़ाणी में बिजली की सप्लाई सीटी से जुड़वाने के लिए गुहार लगाई है।
एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर बिजली की समस्या के बारे में बताया कि ढ़ाणी में बिजली की सप्लाई ट्यूबवेल की सप्लाई से जुड़ी हुई है जिसके कारण इस ढ़ाणी में बिजली बहुत ही कम आती है और जिसके कारण सैकड़ों परिवारों को बिजली-पानी की मूलभूत सुविधाओं के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पर विवश होना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि बिजली की समस्या को लेकर कई बार विभाग के आला अधिकारियों से मिल कर भी अपना दु:खड़ा रोया है लेकिन इस समस्या का समाधान करना तो दूर की बात इसकी और अब तक बिजली विभाग के किसी अधिकारी व कर्मचारियों ने आकर देखना भी उचित नही समझा। ग्रामीण महिलाओंंं ने उपमंडल अधिकारी कनीना को अपना दु:खड़ा बताते हुए कहा कि इस भीषण गर्मी में बिजली की सप्लाई का न आना सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने यह भी बताया कि समस्या के समाधान को लेकर पिछले चार माह से भटक रहे है लेकिन अब तक विभाग व अन्य प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि चार माह पहले भी हम कनीना के एसडीएम को अपनी समस्या से लिखित में अवगत करा चुके हैं।
एसडीएम के माध्यम से मांग करते हुए कहा है कि उनकी बिजली की सप्लाई ट्यूबवेलों से हटाकर सीटी की सप्लाई से जोड़ दी जाए तो उक्त समस्या का समाधान तुरंत हो जाए। वही इसी कड़ी में चेलावास के दर्जनों ग्रामीणों ने भी बिजली की समस्या को लेकर एक ज्ञापन एसडीएम कनीना को देकर मोहनपुर फीडर के नीचे लगने वाले ट्यूबवेलों की लाइट दुरुस्त कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर बताया कि मोहनपुर फीडर के अन्तर्गत ही समूचे चेलावास व अन्य पड़ोसी ग्रामीणों के ट्यूबवेल लगते है जिनकी सप्लाई ठीक नही आने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
फोटो कैप्शन 3: एसडीएम को ज्ञापन देते ग्रामीण।
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