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Saturday, June 27, 2020

 कोरोना केस बढ़कर हुये 38   कोटिया में नया केस आया
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 कुल केस 38      ठीक हुये अधिकांश    मौत 01
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गांव का नाम         कोरोना पोजिटिव संख्या
1.   ककराला       06
2.   इसराना         02
3.   रामबास        02
4.   कनीना          05
5.   मोहनपुर        01
6.   सिहोर           02
7.  छीथरोली        01
8.   गोमला         01
9.   खैराना          01
10  धनौंदा          03
11  रसूलपुर        02
12  सेहलंग         01
13  गाहड़ा          01
14 दौंगड़ा अहीर    01
15  नांगल हरनाथ  01
16  मुडायन        01
17 करीरा          02
18 कोटिया         01+1
19 भडफ़           01
20 बचीनी          01
21 उच्चत           01
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वापस आये-अधिकांश ठीक होकर आये हैं। अब तक एक मौत हुई है



 टिडृडी से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे एसडीएम
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दौंगडा अहीर व झिगावन सहित खेतों का किया दौरा
किसानों की फसल देख की किसानों से बातचीत, किसानों ने की मुआवजे की मांग
 कनीना: एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने अटेली के विधायक सीताराम यादव व जिला उपायुक्त आरके सिंह के दिशा-निर्देश पर उपमंडल में टिडृडी दल से हुए नुकसान का जायजा लिया। एसडीएम ने नुकसान का जायजा लेते हुए किसानों को जागरूक करते हुए कहा कि खतरा अभी टला नहीं है। कृषि विभाग की रिर्पोट के अनुसार अभी और भी टिडृडी दल सक्रिय है। इस लिए किसान अपने खेतों की निगरानी रखे व टिडृडी दल की सूचना तुरंत ही प्रशासन को दे। ताकि समय रहते सूचना मिलने पर तुरंत प्रशासन की ओर से राहत व बचाव कार्य शुरू किया जा सके।
शनिवार को एसडीएम ने गांव दौंगडा अहीर, झिगावन, बेवल, सुंदरह, भोजावास, मोडी, गोमला आदि स्थानों का दौरा किया। एसडीएम किसानों के साथ खेतों में गए व नुकसान को देखा। दौंगडा गांव के सरपंच नीतू यादव, किसान शेरसिंह, छाजूराम, अनिल, शुक्रम नंबरदार, सतपाल, सुनील, महावीर व झिगावन गांव से सरपंच प्रियंका देवी सहित किसानों ने एसडीएम को खेतों में हुए नुकसान की जानकारी दी। किसानों से एसडीएम के सामने मुआवजे की मांग की। एसडीएम ने उचित कार्रवाई का किसानों को आश्वासन दिया।
विदित रहे कि गत दिवस शुक्रवार को टिडृडी दल कनीना उपमंडल के गांव दौगडा अहीर, झिगावन, भोजावास, गोमला, बेवल, सुंदरह, होते हुए रेवाडी की सीमा में प्रवेश कर गया था। हालांकि प्रशासन की सजगता व किसानों के सहयोग से टिडृडी दल को यहां से भगाने में कामयाब रहा था। प्रशासन की ओर से स्वयं एसडीएम रणबीर सिंह, नायब तहसीलदार सतपाल, एसइपीओ दिनेश कुमार, कनीना थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर विनय कुमार, सहित गांव के सरपंच, नंबरदार, पटवारी व ग्राम सचिव मौके पर पहुंच टिडृडी दल को नुकसान करने से बचाने की कोशिश की व टिडृडी दल को उपमंडल के खेतों से भगाने में कामयाबी हासिल की थी।
खतरा अभी टला नहीं
एसडीएम रणबीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान में बहुत से टिडृडी दल सक्रिय है। लेकिन प्रशासन भी किसानों की फसलो को बचाने में पूरी तरह से तैयार है। एसडीएम ने गांव के सरपंचों व किसानों से अपील की है  िकवे खेतों में ंपूरी नजर रखे व टिडृडी दल को भगाने के लिए तेज आवाज करें ताकि वे फसल को नुकासन होने से बचा सके।
आखिर रंग लाई बैठक
एसडीएम रणबीर सिंह ने शुक्रवार को सुबह टिडृडी दल को भगाने के लिए अधिकारियों की बैठक ली। बैठक के बाद अधिकारी अलर्ट मोड पर आ व टिडृडी दल को भगाने में कामयाब रहे।
टिडृडी दल को देखते हुए छुटृटी रद
एसडीएम ने टिडृडी दल के खतरे को भांपते हुए पहले ही सभी कर्मचारियों की छुटृटी पर पहले ही रोग लगा दी थीै। इसके साथ प्रशासन की ओर से उपमंडल के गांवों में लगातार मुनादी कर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। एसडीएम स्टाफ के साथ-साथ एसडीएम भी गांवों में जाकर लोगों को जागरूक कर रहे है।
वर्जन
शुक्रवार को उपमंडल के कई गांवों में टिडृडी दल पहुंच गया था। हालांकि प्रशासन व लोगों की सजगता से टिडृडी दल को भगाने में कामयाबी मिली है। लेकिन हमें अब भी अपनी फसल का पूरा ध्यान रखना है व कहीं भी टिडृडी दल दिखाई देते तो एसडीएम कार्यालय के कंटोल रूम नंबर 01285235044 पर इसकी सूचना अवश्य दें।
रणबीर सिंह, एसडीएम, कनीना उपमंडल।




कोरोना के कस बढ़ रहे हैं। उच्चत में एक केस कोरोना पाजिटिव और आ गया है। धीरे धीरे केस बढ़ ही रहे हैें।
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कनीना के अधिकांश जंगलों का अस्तित्व खतरे में
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कनीना। कनीना क्षेत्र में विभिन्न सरकारी जंगलों(बेणियों) में अवैध कब्जा बढ़ता ही जा रहा है। चारों ओर से किसानों ने पेड़ काट काट कर जंगलों का विनाश कर दिया है। कनीना की बड़ी बेणी(जंगल), छोटी बेणी  मानका वाली बेणी, रनास वाली बेणी सभी लगभग समाप्त होने के कगार पर हैं। सरकार को पैमाइश करवा कर समस्त सरकारी जमीन अपने कब्जे में लेनी चाहिए। पेड़ों की कटाई करने वालों पर भी कार्रवाई की जाए। कुछ जन अवैध पक्के मकान बनाकर बिजली कनेक्शन, पानी आदि सभी सुविधाएं लेकर के सरकार को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
  मिली जानकारी अनुसार कनीना पालिका के करीब 335 कनाल 16 मरला जमीन कृषि योग्य है वहीं कोटिया गांव के पास रणास की बेणी(जंगल)32 कनाल पांच मरला है जहां सीवर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लग चुका है वहीं बड़ी बेणी करीब 800 कनाल की है जिसमें से 58 एकड़ डीएवी को 99 सालों के पट्टे पर, पांच एकड़ गौशाला के लिए तथा दस एकड़ वन विभाग एवं वाटर सप्लाई हेतु दिया हुआ है, 115 प्लाट भी बने हुए हैं। करोड़ों की लागत से कान्ह सिंह पार्क भी बना है। पीपलावाली बेणी 125 कनाल, मानका वाली बेणी एक एकड़ आठ मरला  82 कनाल, दस मरला है।
  सभी बणियां चारों ओर से पेड़ काटकर संकीर्ण बना डाली हैं वहीं अवैध निर्माण करके बिजली पानी कनेक्षन भी ले रखे हैं। जंगली जीव लुप्त हो गए हैं वहीं जंगलों के एक सिरे से दूसरे सिरे तक आर पार देखा जा सकता है। इनकी पैमाइश करवाकर पौधारोपण करवाने की मांग बढऩे लगी है।



पर्यावरण सुधारने में निभा रहे हैं अहम भूमिका

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में कई ऐसे किसान और समाजसेवी है जिन्होंने पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए अहम भूमिका निभाई है। वे अपने मिशन में निरंतर अग्रसर है। उनका कहना है कि वे ताउम्र पेड़ पौधे लगाएंगे प्रदूषण से समाज को बचाएंगे, वही ताप घटाने में भी पेड़ पौधे लगाकर हम भूमिका निभाएंगे।
अजीत कुमार कनीना अपने ट्यूबवेल पर रहने वाले अजीत कुमार पेड़ पौधों के मित्र कहलाते हैं। उन्होंने फलदार, फूलदार तथा छायादार पौधे लगाकर क्षेत्र हरा-भरा बना रखा है। उनका ट्यूबवेल पेड़ पौधों के कारण आकर्षण का केंद्र है। गजराज सिंह मोड़ी को हरियाणा सरकार ने सम्मानित किया हुआ है। उन्होंने किन्नू का बाग भी लगाया है वही विभिन्न फलदार पौधे ट्यूबवेल पर लगाकर लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं। कृषि क्षेत्र में भी वे आर्गेनिक खेती कर रहे हैं। वर्षा का जल संरक्षित कर रहे हैं।
 किसान महावीर करीरा नेे नींबू, बेरी, लेहसवा आदि के बाग लगा रखे हैं। वे केंचुआ खाद बनाने में अग्रणी है और सरकार द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। पर्यावरण को बचाने में पेड़ पौधे, फलदार, फूलदार पौधे लगाने के अतिरिक्त उर्वरकों से भूमि को बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
राजेंद्र सिंह जिन्हें लोग डॉक्टर नाम से पुकारते हैं, केंचुआ खाद बनाने में, आम, नींबू, अमरूद, अंगूर आदि के पौधे लगाने में अहम योगदान दिया है।वे बिना उर्वरक की सब्जियां एवं फल उगाने में माहिर हैं। जंगली जीवों को बचाने के लिए कार्यक्रम चलाते हैं। अपने ट्यूबवेल पर आर्गेनिक खेती करते हैं। अभ्यारण्य खोलना चाहते हैं। राजेंद्र सिंह के भाई सूबे सिंह है। दोनों भाइयों की जोड़ी पर्यावरण बचाने की मिसाल है। वे भी देसी फल सब्जियां उगाकर लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं।  रविंद्र कुमार पूर्व शिक्षक कनीना सभी पर्वों पर खर्च की जाने वाली राशि पेड़ों पर खर्च करके महकता हुआ किचन गार्डन बना रखा है। उन्होंने 300 चीकू के पेड़, मौसमी, नींबू, आंवला जामुन आदि उगाकर क्षेत्र में नाम कमाया है। सेवानिवृत्ति के बाद पेड़ पौधों की रक्षा का एक ही ध्येय लेकर चल रहे हैं।
फोटो कैप्शन: गजराज मोड़ी, महावीर करीरा, राजेंद्र सिंह, रविंद्र कुमार सूबे सिंह, अजीत कुमार।



बढ़ता जा रहा है ग्रामीण क्षेत्रों में भी कैंसर, खान पान में आई कमी

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कनीना। कैंसर आए दिन जिंदगियां लील रही है। डाक्टरों को कहना है कि इस रोग के पीछे खान पान एवं विकिरण हैं। शरीर में प्रतिजैविक एवं प्रतिरक्षी पदार्थों की कमी आने से ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी बीमारी से तंग आ चुके हैं। अब तो ग्रामीण लोग भी इस रोग से पीडि़त होने लगे हैं।
    कस्बा कनीना एवं आस पास गांवों में ही नजर डाले तो आए दिन कोई न कोई कैंसर से पीडि़त व्यक्ति नजर आता है। विगत वर्षों में कैंसर जैसी घातक बीमारी ने प्रो हंसराज यादव, प्रसिद्ध लेखिका सुमन यादव, रतन लाल मित्तल, पत्रकार देवेंद्र निंभल,  कैप्टन अशोक साहब, प्रसिद्ध नेता विनोद अग्रवाल को लील लिया है। कितने ही अन्य जन कैंसर ने लील लिए हैं।
  कैंसर रोग के पीछे वैध श्रीकिशन करीरा का कहना है कि बेहतर एवं संतुलित खान पान न होने से रोग बढ़े हैं। उनका मानना है कि अगर संतुलित आहार नियमित रूप से मिलता रहे और भोजन में सब्जी, फल का मिश्रण हो तो रोग कम होने की संभावना बन जाती है। बीज एवं दवाएं विके्रता महेश कुमार, कुलदीप कुमार, बिजेंद्र सिंह, खेतों में डाले जाने वाली रासायनिक दवाइयां, उर्वरक, वातावरण प्रदूषण एवं हानिकारक विकिरण के चलते कैंसर जैसे रोग बढ़े हैं। कैंसर पर काबू नहीं पाया गया है। उधर पार्षद कनीना मोहन सिंह,सुमेर सिंह चेयरमैन, महेंद्र शर्मा झाड़ली का कहना है कि  कभी गांवों का खान पान बेहतर होता था इसी लिए गांवों में ये बीमारियां ना के बराबर होती थी। अब व्यायाम, दिनचर्या बदल जाने से बीमारी बढ़ रही है। उधर रवि कुमार, सुरेश कुमार, सुनील कुमार आदि का कहना है कि मोबाइल, कंप्यूटर एवं टीवी का अधिक प्रयोग भी इस रोग में सहायक है।
 डा वेदप्रकाश का कहना है कि पेड़ पौधे लगाने की हाबी होनी चाहिए, खेतों में देशी खाद का प्रयोग करे, सुबह शाम घूमने जाए जिस से हमारा शरीर निरोग रहे। फोन आदि कम प्रयोग करे, बाजार की फल एवं सब्जियां धोकर प्रयोग करे। शरीर में गांठ होने पर तुरंत जांच करवाए।



कनीना को विधानसभा क्षेत्र तोडऩे का गम बरकरार है आज भी

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 कनीना। कनीना कभी विधानसभा क्षेत्र होता था जिसे तोडऩे का गम आज भी लोगों को हैं। 1972 के चुनावों तक कनीना विधानसभा क्षेत्र होता था। वर्तमान में अटेली तो इससे पूर्व जाटूसाना में रहकर कनीना के विकास कार्यों को धीमी गति मिली है। कनीना अपना खोया हुआ सम्मान पाना चाहता है।
 उल्लेखनीय है कि 1972 में कनीना विधानसभा का अंतिम चुनाव हुआ था जिसमें विशाल हरियाणा पार्टी से कनीना निवासी दलीप सिंह 20261 मत लेकर विजयी हुए थे जबकि हारने वाले प्रत्याशी सूबेदार ओंकार सिंह आइएनसी को 17134 मत मिले थे। 1972 से पहले भी दिलीप सिंह विधानसभा के एमएलए रहे थे वही सूबेदार ओंकार सिंह भी कनीना के एमएलए रहकर मंत्री पद तक पहुंचे थे। किंतु 1972 के चुनाव के बाद हलके को तोड़कर जाटूसना विधानसभा के तहत डाल दिया गया। यद्यपि जाटूसना से चुना गया प्रत्याशी कई बार मंत्री पद पर रहा लेकिन कनीना के विकास कार्यों की ओर बहुत कम ध्यान दिया जिसके चलते कनीना पिछड़ता चला गया। तत्पश्चात कनीना अटेली विधानसभा में क्षेत्र के तहत डाल दिया गया। तब भी कनीना वासियों की हालात बेहतर नहीं बनी। अटेली से पूर्व विधायक अनीता यादव ने कनीना का उपमंडल का दर्जा जरूर दिलवाया था।
   यद्यपि कनीनावासी 2007 में विधानसभा परिसीमन आयोग के समक्ष पेश हुए किंतु कनीना को विधानसभा का दर्जा नहीं मिला। कनीना अगर विधानसभा क्षेत्र होता तो विकास के क्षेत्र में अग्रणी कस्बा होता। वर्तमान में कनीना कस्बा उपमंडल का दर्जा लिए हुआ है किंतु विधानसभा नहीं है। दुर्भाग्य उस समय होता है जो कनीना खास रेलवे स्टेशन पर फास्ट और सुपरफास्ट ट्रेन तक ठहरा नहीं करती। कनीना के विकास कार्य जिस गति से होने चाहिए नहीं हो पा रहे।  आज भी जब विधानसभा की बात चलती है तो लोग 1972 के दिनों को याद कर बैठते हैं।

स्कूल को किया सेनिटाइज 

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कनीना। शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में सुरक्षा के दृष्टिगत सैनिटाइजर सोडियम  हाइड्रोक्लोराइड का घोल भेजा गया है। जिसका राजकीय प्राथमिक पाठशाला तथा राजकीय उच्च विद्यालय भडफ़ के सभी कमरों,बरामदे में खेल के मैदान को सैनिटाइज करवाया गया। स्कूल प्रभारी महेश कुमार, अध्यापक फूलचंद की देखरेख में यह कार्य पूर्ण किया गया। इस अवसर पर विद्यालय प्रभारी ने सरकार एवं विभाग द्वारा दिए किये गये प्रयास की काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि स्कूलों में सेनिटाइजर से सेकनिटाइज किया गया है। कुछ स्कूलों में तो शेल्टर होम स्थापित किए गए थे, जहां भारी संख्या में श्रमिक ठहरे थे, ऐसे में उन स्कूलों और कमरों को सैनिटाइज करके ही भविष्य में विद्यार्थियों को बैठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों में शिक्षकों को पूर्ण रूप से बुलाया जा रहा है, ऐसे में वहां सुरक्षा की दृष्टि से सैनिटाइजर होना जरूरी है। यही कारण है कि स्कूलों में सरकार ने सैनिटाइजर भेजे थे जिसकी सहायता से अब स्कूलों में को सैनिटाइज किया जा रहा है। फूलचंद अध्यापक ने बताया कि उनका स्कूल सदा ही इस प्रकार के कार्य में गहरी रुचि दर्शाता है और उनके स्कूल में सैनिटाइजर दिये गये हैं जिनकी सहायता सेस्कूलों को सेनिटाइज किया जाएगा।
फोटो कैप्शन 1: स्कूल में सेनिटाइजर से सेनिटाइज करते हुए।



बैंक कर्मचारियों ने लगाए पौधे 

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 कनीना। एचडीएफसी बैंक कनीना ने कनीना खास रेलवे स्टेशन के बाहर पौधारोपण किया और गो ग्रीन प्लांट्स के तहत हर वर्ष की भांति यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। विस्तृत जानकारी देते हुए ब्रांच मैनेजर देवेंद्र शर्मा ने बताया कि उनका उद्देश्य है अधिक से अधिक पौधे लगाए जाए। हर वर्ष उनकी शाखा पौधारोपण करती है ताकि हरियाली बढ़ सके। उन्होंने कहा कि पौधारोपण अभियान अगले माह चलेगा किंतु बारिश होने वाली है। इसलिए उन्होंने पौधारोपण किया है। इस अवसर पर यूनिट हेड के प्रीतम सिंह, मनोज दहिया आदि उपस्थित थे। पर्यावरण को साफ एवं स्वच्छ बनाने के लिए एचडीएफसी बैंक हर समय तैयार रहता है।
फोटो कैप्शन दो: पौधा रोपण करते हुए एचडीएफसी बैंक के कर्मचारी एवं अधिकारी।


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