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Thursday, February 4, 2021

 


क्राप बुकिंग जारी,विभिन्न तरीकों से की जा रही है सर्वे
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,कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा आनलाइन फकरवा रहे हैं वहीं कृषि विभाग क्रोप बुकिंग करने में व्यस्त है। करीब एक माह से क्राप बुकिंग कार्य चल रहा है जिसके तहत खेत खेत जाकर उगाई गई फसल की जानकारी रिकार्ड करनी होती है।
विस्तृत जानकारी देते हुए कनीना कृषि विभाग में कार्यरत कृषि विस्तार सलाहकार डा देवराज ने बताया कि 10 फरवरी तक क्राप बुकिंग कार्रवाई जारी रहेगी। उनको सजरा एवं नक्शा मिला होता है जिसमें प्रत्येक खेत में उगाई गई फसल की जानकारी रिकार्ड की जाती है। तत्पश्चात गिरदावरी गिरदावर द्वारा की जाती है वहीं पटवारी भी इस कार्य में मदद करते हैं।  कभी कभी ड्रान के माध्यम से उगाई गई फसल के बारे में जानकारी हासिल की जाती है।
कितनी उगाई है फसल-
कनीना क्षेत्र में उगाई गई फसल की विस्तृत जानकारी देते हुए कृषि विस्तार सलाहकार ने बताया कि कनीना क्षेत्र में 30,406 हेक्टेयर पर विभिन्न फसलें उगाई गई हैं। जिनमें सबसे अधिक 19370 हेक्टेयर पर सरसों, 400 हेक्टेयर पर चारा 10590 हेक्टेयर पर गेहूं,  6 हेक्टेयर पर चना, 40 हेक्टेयर पर जौ उगाया गया है।




फिर बदला मौसम
-हुई बूंदाबांदी,ठंडी हवायें चली
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में गुरुवार को जहां मौसम अचानक बदल गया। हल्की बूंदाबांदी हुई वहीं ठंडी हवाएं चली। कुछ दिनों से मौसम का मिजाज गर्म चल रहा था। तत्पश्चात अचानक मौसम में बदलाव आया है। गुरुवार को दिनभर सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए।
दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में कई परिवर्तन मौसम ने दिखलाये थे जिसके तहत लंबे समय तक पाला जमा, धुंध एवं कोहरा पड़ा, ठंड बढ़ी किंतु इस बार धुंध और कोहरा कम समय तक चला तत्पश्चात को पाला लंबे समय तक चला और अचानक मौसम में बदलाव आकर गत दिनों से गर्मी पड़ रही थी। रात को ठंड तो दिन में गर्मी तेज धूप पड़ रही थी। अचानक मौसम में बदलाव आने से जहां किसान खुश है। इसे फसल को लाभ मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। वैसे भी मौसम विभाग ने पहले ही मौसम बदलने की सूचना दे रखी थी।
  किसानों ने बताया कि इस वक्त सरसों पकने जा रही है। गेहूं की फसल भी बेहतर चल रही है। ऐसे में इस बार बंपर पैदावार होने की उम्मीद है।

तीन वार्डों में निधि एकत्रित करने का काम पूरा
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कनीना। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के निमित्त चल रहे निधि एकत्रित अभियान के तहत तीन वार्डों का काम पूरा हो गया है।
 वार्ड नंबर 12 के टोली प्रमुख कंवरसेन वशिष्ठ ने 200 घरों में संपर्क कर राशि एकत्रित की जबकि वार्ड नंबर 10 के मोहर सिंह साहब ने 300 घरों में संपर्क कर निधि एकत्रित की। वार्ड नंबर 2 से संदीप राठी और उनकी टोली के सदस्यों ने समर्पण निधि एकत्रित कर प्रखंड संयोजक शिवकुमार  सह संयोजक दिलावर और विभाग मंत्री सुरेंद्र सिंह को सौंपी।
 कंवर सैन वशिष्ठ ने बताया कि इस अभियान में महिलाओं ने विशेष योगदान दिया उनमें बहुत उत्साह के साथ समर्पण में अपनी भागीदारी की जिसमें पार्वती देवी, कमलेश देवी, निर्मला देवी, मटरू, लाली देवी, राम कला, विद्या, ओम, चंद्रावती, कौशल्या, विजय, सरोज आदि ने सहयोग किया। वार्ड नंबर 10 के प्रमुख मोहर सिंह साहब ने बताया कि इस वार्ड की बाल्मीकि बस्ती से अभियान की शुरुआत की गई। सभी बस्ती वासियों ने बड़े उत्साह से इस कार्य में सहयोग दिया। सभी का विशेष सहयोग और निधि प्राप्त की गई। वार्ड नंबर 2 से श्रीश्याम सेवक मंडल के प्रधान संदीप राठी ने अपनी टोली के साथ इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए ढाई सौ घरों में संपर्क किया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के प्रति लोगों में बहुत उत्साह है इसी के साथ कनीना के 13 वार्डों में से 3 वादों का यह अभियान समाप्त करके सभी वार्ड प्रमुखों ने अपनी राशि जमा करवा दी गई।
  उधर ग्राम अगिहार में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के लिए तीन दिवसीय समर्पण निधि के अन्तर्गत श्रीराम मंदिर निर्माण अयोध्या के लिए 300 घरों में संपर्क कर निधि एकत्रित की  जिसमें टीम के दिनेश पंडित अगिहार,  देवेन्द्र सिंह नम्बदार, मास्टर विष्णु सिंह  आदि ने समस्त ग्राम वासियों के सहयोग  किया। दिनेश पंडित अगिहार ने बताया कि पूरे गांव वासियों ने दान देने में बढ़ चढ़ भाग लिया।
फोटो कैप्शन 8: वार्डों से एकत्रित राशि सुरेंद्र कुमार को सौंपते टोली प्रमुख।


 विधायक नही दे रहा है क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान-पूर्व सीपीएस अनिता यादव
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कनीना। कनीना में सड़कों पर करोड़ों खर्च करने का दावा सच्चा नजर नहीं आ रहा है क्योंकि कस्बे में गाड़ी लेकर चलना तो दूर की बात पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। ये विचार पूर्व सीपीएस अनीता यादव ने अपने फार्म हाउस पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
 इस अवसर पर अनीता यादव ने कहा कि उनके राज में कस्बे में वो विकास के नए आयाम स्थापित किए थे कि आज सरकार व प्रशासन उसकी मरम्मत तक नहीं करवा पा रहा है जिससे कस्बा वासियों का जीना दूभर हो रहा है। उन्होंने कहा कि हल्का अटेली में अकेला कनीना ही ऐसा कस्बा नहीं है जिसमें मूलभूत सुविधाओं की कमी है बल्कि इस हल्के में दर्जनों ऐसे गांव जिनमें पीने तक का पानी नहीं है।  उन्होंने यह भी बताया कि आज हल्का अटेली प्रदेश का सबसे पिछड़ा हलका बनता जा रहा है क्योंकि इस हल्के का सरपंच कमजोर होने के कारण इस हलके में विकास के कार्यों को गति नही मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि जब वो स्वयं इस हल्के से विधायक रही थी तो कस्बे में बड़ा अस्पताल, महाविद्यालय का सरकारी करण, कनीना को उपमंडल का दर्जा, करोड़ों रुपये की लागत से सीवर व्यवस्था के अलावा अन्य ऐसे कार्य किए जिनकी आज प्रशासन व सरकार मरम्मत तक भी नहीं करवा पा रही है। अनिता यादव ने प्रशासन व सरकार से मांग कर कनीना की सभी सड़कों में बने गड्ढों को भरवाने अथवा अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी को तुरन्त प्रभाव से पूरा किया जाए।


स्कूल में आनलाइन निबंध प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
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कनीना। आरआरसीएम स्कूल कनीना में आनलाइन अंग्रेजी निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्राथमिक वर्ग के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
         चेयरमैन राव रोशनलाल ने बताया कि कि यह प्रतियोगिता पूर्णरूप से आनलाइन थी जिसमें कक्षा प्रथम व दूसरी के विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में प्रथम कक्षा से अवनी व इशिका ने प्रथम, मानशी व ध्वज ने दूसरा तथा ईशा व महक ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। वही कक्षा दूसरी से हिमांशी व वसुंधरा ने प्रथम, दिव्या, देविका व जतिन ने दूसरा तथा हिमानी, निशु व कार्तिक ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। चेयरमैन रोशन लाल यादव,संस्था के प्राचार्य नरेंद्र गौतम ने सभी सफल विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई दी है।

3 माह पहले था ललित बेरोजगार,आज दे रहा है कई लोगों को रोजगार
-बाजरे के बना रहा है विभिन्न खाद्य पदार्थ
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 कनीना। कनीना से महज 3 किलोमीटर दूर करीरा गांव का ललित कुमार 25 अक्टूबर 2020 से पहले रोजगार की तलाश में था किंतु उनके पिता तथा कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ ने उनके मन में बाजरे से बने उत्पादों के प्रति ऐसी ललक जगाई कि उन्होंने महज 3 महीने की अर्से में ही नाम कमा लिया है और अनेक लोगों को रोजगार दे रहा है।  युवा ललित कुमार के पिता महाबीर सिंह एक अग्रणी किसान है किंतु उनका पुत्र ललित कुमार पढ़ लिख कर रोजगार की तलाश में घूम रहा था तभी उन्हें राजस्थान में बनने वाले बाजरे के प्रोडक्ट की जानकारी हासिल हुई। तत्पश्चात हरियाणा में इस प्रकार के उत्पाद बनाने का निश्चय उन्होंने किया।
  ललित उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ से संपर्क करके बाजरे के उत्पाद बनाने की कला हासिल की। तत्पश्चात उन्होंने 25 अक्टूबर 2020 को अपने घर पर ही बाजरे के उत्पाद बनाने वाली मशीन स्थापित कर और उसका शुभ आरंभ हरियाणा के मंत्री ओमप्रकाश एडीओ ने किया। तब से लेकर आज तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्तमान में उन्होंने 5 व्यक्तियों को रोजगार दिया हुआ है और वे अच्छी खासी आय ले रहा है। बाजरे के उत्पादों के प्रति लोगों का रुझान नहीं होता या तो बाजरा खाते नहीं थे।वे बाजरे के उत्पाद खा रहे हैं। लोगों में एक नई जान पैदा कर दी है। ललित कुमार का कहना है कि वो अक्टूबर 2020 बिल्कुल बेरोजगार हो गया था किंतु कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ से प्रोसेसिंग वैज्ञानिक डा पूनम यादव ने उन्हें बाजरे के उत्पाद तैयार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने संबंधित प्रोडक्ट्स बनाने की ट्रेनिंग दी। चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार भी अपनी तरफ से भेज कर ट्रेनिंग दिलवाई। फिर तो मशीन स्थापित कर अक्टूबर 2020 को अपना काम शुरू कर दिया। घर पर काम शुरू किया धीरे-धीरे मार्केट में इतनी मांग बढ़ गई कि माल कम पडऩे लग गया। अभी बेहतर रिस्पांस लोगों का मिल रहा है।
प्रारंभ में एक कारीगर उन्होंने लगाया और उत्पादों की मांग भी बढ़ती गई। प्रारंभिक बाजरे के बिस्कुट और केक बनाने शुरू किए तत्पश्चात उन्होंने अनेकों उत्पाद बाजरे के बनाने शुरू कर दिए।  अब पांच कारीगर बाजरे के उत्पाद उनके घर पर तैयार करते हैं।
तत्पश्चात सुबह चार बजे से शाम 7 बजे तक काम करते रहते हैं। बीच-बीच में डॉक्टर पूनम यादव भी आकर ट्रेनिंग देती रहती ।है उनके सहयोग भी मिलता है 3 महीने में उन्होंने अच्छा खासा नाम कमाया है। इस समय बाजरे के इडली डोसा, बिस्किट, केक बड़े, बाजरे की म_ी, बाजरे के फैन, बाजरे के  समोसे, कचोरी आदि बना रहे हैं। घर पर ही अपनी मांग है कि लोग खाने के लिए उनके पास पहुंच जाते हैं।
बिस्किट के बारे में उनका कहना है कि यह ग्लूटेन मुक्त होते हैं जो शरीर के लिए फाइबर प्रदान करते हैं जिनमें डायबिटीज की समस्या है वह भी इन्हें ले सकते हैं। इसके अलावा प्रोटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस और लोहा जैसे तत्व भी मिल जाते हैं। इसी प्रकार बाजरे की कचौड़ी से के बारे में उनका कहना है कि कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ता। बाजरे के पिज्जा के प्रति बच्चों का अधिक रुझान है। जिसमें क्रीम, सब्जी डालकर बनाया जाता है जिनकी प्रतिदिन भारी मात्रा में मांग होती है। बाजरे के बड़ों के बारे में युवा बहुत आकर्षित हो रहे हैं वही उनका केक दूर-दराज तक जा रहा है। ललित कुमार का कहना है कि बाजरे का केक एनर्जी प्रदान करता है कालस्ट्राल कम करते हैं जो दिल के लिए लाभकारी है।
आज वह अपने पैरों पर खड़े होकर समाज को एक नई दिशा प्रदान कर रहा है।
 फोटो कैप्शन दो: बाजरे से निर्मित विभिन्न उत्पाद दिखाते हुए
फोटो कैप्शन तीन: बाजरे का केक
 फोटो कैप्शन चार: बाजरे के समोसे।

फेसबुक दिवस 4 फरवरी.......
बढ़ता ही जा रहा है फेसबुक के प्रति क्रेज
- युवा एवं बुजुर्ग सभी दीवाने
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 कनीना। फेसबुक का नाम लेते ही बच्चे और बूढ़ों को मोबाइल याद आता है। 4 फरवरी 2004 को शुरू हुई फेसबुक ने पूरे विश्व में जहां नाम कमाया है वही हार्वर्ड के छात्र मार्क ज़ुकेरबर्ग ने इसका आरंभ किया था। वास्तव में उसका नाम द फेसबुक था। 2005 में नाम फेसबुक रखा और कई भाषाओं में इसका प्रयोग होने लगा। 2013-14 में भारत सहित 40 देशों के मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों से समझौता भी हुआ। फेसबुक इतना प्रसिद्ध हो गया कि बच्चे बूढ़े सभी इसके दीवाने हैं। कितने ही लोग कहानी, कविता लेखन आदि के रूप में इसका उपयोग करते हैं। यद्यपि व्हाट्सएप ने फेसबुक को कुछ पीछे धकेला है किंतु आज भी क्रेज फेसबुक के प्रति युवाओं में बढ़ता ही जा रहा है।
 फेसबुक के कई बड़ी-बड़ी हस्तियों जिनमें अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा, संगीतकार सामाजिक संगठन आदि इसके दीवाने हैं।  इसके प्रयोग करने वाले बढ़ते ही जा रहे हैं।
भारत में भी फेसबुक के प्रति लगातार लगाव बढ़ा है। 2017 में 248 मिलियन प्रयोग करने वाले थे, 2018 में 281 मिलियन, 2019 में 313 मिलीयन जबकि 2020 में 346 मिलियन भारत में फेसबुक के प्रयोग करने वाले पहुंच चुके हैं।
माना जा रहा है 2023 तक से 444 मिलियन उपभोक्ता बन जाएंगे।
क्या कहते हैं उपभोक्ता-
 कवि महेंद्र शर्मा का कहना है कि वे जब भी कोई नया गीत तैयार करते हैं तो सबसे पहले उसे फेसबुक के जरिए साथियों तक पहुंचाते हैं। उनके पास व्हाट्सएप की बजाय फेसबुक बेहतर जरिया है। उनका कहना है कि फेसबुक ने उनके साथियों से आपस में जोडऩे का काम किया है।
कनीना के बलवान सिंह आर्य, विभिन्न पत्रकार समाजसेवी जसवंत सिंह बबलू, कुलदीप बोहरा, प्रसिद्ध साहित्यकार राधेश्याम गोमला आदि ने बताया कि लंबे समय से फेसबुक प्रयोग कर रहे हैं। यदि कोई सूचना का आदान प्रदान करना होता है तो फेसबुक पर ही सबसे पहले डालते हैं। ऐसे में फेसबुक उनके लिए महत्वपूर्ण कड़ी का काम करता है।
शिक्षक राजेश कुमार, महिपाल सिंह, वीरेंद्र सिंह संजय कुमार तथा कईअन्य शिक्षकों से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि वह भी फेसबुक जरूर प्रयोग करते हैं ताकि किसी सूचना के आदान-प्रदान में इसका उपयोग हो सके। सूचना के आदान-प्रदान में यह बेहतर माध्यम है।
 उधर किसान योगेश कुमार, कृष्ण सिंह, अजीत कुमार, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह आदि ने बताया कि वे भी किसानों संबंधित जानकारी स्वयं या अपने परिवार वालों से फेसबुक के जरिए पता करते हैं तथा कोई कृषि संबंधित जानकारी भी फेसबुक पर डालते हैं। युवा वर्ग रोहित कुमार, योगेश कुमार, मोहित कुमार, सुरेश कुमार, रविंद्र कुमार आदि ने बताया की फेसबुक सूचनाओं के आदान-प्रदान का अच्छा जरिया है। किसी वस्तु का विज्ञापन करना हो तो भी फेसबुक से जल्दी कर पाते हैं ।ऐसे में फेसबुक उनके महत्वपूर्ण काम आ रहा है।
बच्चे युवा विद्यार्थी सभी फेसबुक से जुड़े हुए हैं। महिला आशा, नीलम, शकुंत, कांता आदि ने बताया कि वह भी अपने दूरदराज बैठे रिश्तेदारों से फेसबुक के जरिए बातें कर लेते हैं। यहां तक कि फेसबुक के जरिए किसी फोटो का आदान प्रदान करना होता है तो यह आसानी से कर लेते हैं। किसी जन्मदिन तथा किसी खुशी के अवसर का पूरा लुत्फ फोटो सहित फेसबुक पर उठाते हैं।
कुल मिलाकर बच्चे से बूढ़े तक फेसबुक का प्रयोग होता है। जिस किसी के पास मोबाइल होता है लगभग भी फेसबुक का उपयोग करते हैं। यही कारण है कि फेसबुक दिनोंदिन नाम कमा रहा है।
फोटो कैप्शन: महेंद्र शर्मा, रविंद्र, कुलदीप बोहा, योगेश कुमार

नटवरलाल के विरुद्ध तीन मामले कनीना थाने में हुये दर्ज
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 कनीना। कनीना क्षेत्र ही नहीं अपितु कनीना के गांव सेहलंग तत्पश्चात विभिन्न शहरों में खूब ठगी करने वाले नटवरलाल के विरुद्ध कनीना थाने में 3 मामले अलग-अलग दर्ज हो गए हैं। नटवरलाल ने दुकानदारों को भारी चूना लगाया था। नवंबर 2020 में तीनों दुकानदारों को चूना लगा था। यहां तक कि नवंबर से पहले भी तथा दिसंबर माह में भी कई दुकानदारों को चूना लगाया है। गत दिनों सेहलंग में भी दुकानदार को हजारों का चूना लगा चुका है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई के चलते जल्द ही नटवरलाल गिरफ्तार होने की संभावना जताई जा रही है।
 अब विभिन्न मामले दर्ज हुए हैं।
मामला नंबर एक-
 भरपूर सिंह कनीना निवासी ने दर्ज करवाए मामले में लिखा है कि उनकी विभिन्न खाद्य पदार्थों एवं कोल्ड ड्रिंक की दुकान गाहड़ा रोड पर स्थित है। 21 नवंबर 2020 को उनके पास महिंद्रा मिराजो गाड़ी में अनजान आदमी आया। एक स्कूल के में मेहमानों का बहाना कर विभिन्न खाद्य पदार्थ  10390 रुपये के खरीदे और यह बहाना करके कि उनकी लड़की गाहड़ा मोड़ पर खड़ी है। वह अभी आया। बिल भी बनवा कर ले गया और गाड़ी से फरार हो गया। खूब तलाश किया किंतु वह नहीं पाया भरपूर सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है।
मामला नंबर दो-
  विजय कुमार गहड़ा निवासी ने दर्ज करवाए मामले में कहा है कि वो पूर्व विधायक अनीता की कोठी रोड पर एकता बाजार चलाता है। 23 नवंबर 2020 को उनके पास अनजान व्यक्ति आया और यह कहा कि उनके यहां दो शादियां हैं। विभिन्न प्रकार के सामान खरीदे जो 33802 रुपये के बनते थे।
अनजान व्यक्ति ने एटीएम दिया जो मशीन में नहीं चला तो उसने कहा कि उसकी गाड़ी पास खड़ी है जिसमें पास है गाड़ी में सामान रख दो। उन्होंने एक ककराला के परिचित का नाम भी लिया। उन्होंने गाड़ी में सामान रखने की बात कही और पैसे भी उन्हें देने की बात कही।
दुकानदार ने अपना लड़का नीतीश कुमार पैसे लाने के लिए तथा सामान रखने के लिए भेजा।
गाड़ी में सामान रखने वालों को कहा कि दुकान के मालिक से बात हो गई है। मैं अभी आकर पैसे देता हूं और सामान लेकर फरार हो गया। तलाश भी की गई किंतु कहीं नहीं मिला। उनका मामला दर्ज कर लिया गया है।
मामला नंबर 3 -
अरुण कुमार कनीना वासी वार्ड 12 ने मामला दर्ज करवाया है कि उनकी ड्यूक नामक गारमेंट की दुकान है। 15 नवंबर 2020 को उनके पास अनजान वक्ति दुकान पर आया और कहा कि मेरे घर शादी है 38 नंबर कमर की पेंट दिखाओ। उसने 4 पेंट चुन ली, इसके बाद 2 स्वेटर और 2 जैकेट भी गाड़ी में रखवा लिए जिस का बिल 15200 रुपये बनता था। उस अनजान व्यक्ति ने 200 रुपये निकाल कर दिए और कहा कि पर्स गाड़ी में है। मैं देता हूं। कपड़े भी भी रखवा लिये। विश्वास करके सामान गाड़ी में रखा तो पैसे गिनने की एक्टिंग करके गाड़ी लेकर फरार हो गया। काफी तलाश किया किंतु नहीं मिला। अरुण कुमार की शिकायत पर नटवरलाल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

मधुुमक्खी पालन बन रहा है घाटे का सौदा
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कनीना। मधुमक्खी पालन अब घाटे का सौदा बन रहा है। सर्दी अधिक पडऩे, पाला आदि के अलावा फूलों के कम होने से उनका सौदा घाटे का बनता जा रहा है।
 मधुमक्खी पालन करने वाले कैथल निवासी नरेन्द्र ने जानकारी देते हुए बताया कि बीस वर्ष पहले से वे मधुमक्खी पालन का कार्य करते आ रहे हैं। कभी यह व्यवसाय अधिक लाभ का होता था, शहद मिलता था जिससे परिवार का लानन-पालन करते थे लेकिन अब महंगाई बढऩे एवं प्राकृतिक कारणों के चलते घाटे का सौदा बन रहा है। परिवार का लालन-पालन करना मुश्किल होता जा रहा है। अब लागत ज्यादा लगती है और शहद कम निकलता है जिसके कारण अब मधुमक्खी पालना घाटे का सौदा बनता जा रहा है। पाला,सर्दी, फूलों का अभाव कम शहद का कारण बनता है।
उन्होंने बताया कि उनके पास न  तो जमीन है और नही सरकारी नौकरियां जिसके कारण उनका परिवार महज इसी व्यवसाय पर आधारित है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि उन्हें आर्थिक लाभ दिया जाए।
फोटो कैप्शन 10: मधुमक्खी पालक अपनी समस्या बताते हुये।






संदीप सिंह पूर्व एसडीएम ने विर्चुवल तरीके से किया कंप्यूटर सेंटर का उद्घाटन गया
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 कनीना। पूर्व एसडीएम संदीप सिंह ने कनीना में कालेज के समीप कंप्यूटर सेंटर का विर्चुुअल मोड(आभासी तरीके) से उद्घाटन किया। विस्तृत जानकारी देते हुए योगेश जांगड़ा कंप्यूटर संचालक ने बताया कि इस कंप्यूटर सेंटर का उद्घाटन संदीप सिंह एचसीएस के विर्चुवल मोड से उद्घाटन किया है । जबकि शुभारंभ के अवसर पर उनकी मां मुन्नी देवी तथा स्टाफ सदस्यों ने सरस्वती वंदना की। उन्होंने बताया कि यहां हर प्रकार की कंप्यूटर शिक्षा दी जाएगी।






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