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Monday, February 22, 2021

 

एक साल के बाद 24 फरवरी से फिर से खुल रहे हैं तीसरी से पांचवीं तक के स्कूल
-3 घंटों तक चलेगा स्कूल, राशन सूखा ही मिलेगा
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 कनीना।  करीब एक साल तक स्कूल बंद रहने के बाद आखिरकार 24 फरवरी से हरियाणा शिक्षा निदेशालय ने कक्षा 3 से 5 तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोल दिये हैंं। प्रतिदिन 3 घंटे सुबह दस बजे से डेढ़ बजे के मध्य सरकारी तथा प्राइवेट विद्यालय फिर से शुरू कर दिए हैं।           विस्तृत जानकारी देते हुए कार्यकारी खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम यादव ने बताया कि  कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए सभी विद्यार्थियों के अभिभावक लिखित में अनुमति देंगे लेकिन आनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी किंतु स्कूलों में विद्यार्थियों को आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा और न हीं उनका नाम काटा जाएगा। उन्होंने बताया कि स्कूल में प्रवेश करते ही विद्यार्थियों और अध्यापकों के ताप की जांच पूर्व के अनुसार जारी रहेगी। सभी की उपस्थिति मोबाइल एप पर भरी जाएगी।  उन्होंने बताया कि एसओपी के नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना होगा। यदि कोई विद्यार्थी कोविड पाजिटिव पाया जाता है तो उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाएगा तथा उसकी कक्षा के पूरे विंग को 10 दिन के लिए बंद करने का निर्णय लिया जाएगा। विद्यालय परिसर को सेनिटाइज किया जाएगा। यदि एक से अधिक विद्यार्थी पाजिटिव पाए जाते तो 10 दिनों के लिए बंद करने की प्रक्रिया पूरे विद्यालय के लिए अपनाई जाएगी।
 उन्होंने बताया किंतु विद्यार्थियों को दोपहर भोजन योजना के तहत पका पकाया भोजन नहीं दिया जाएगा। अभी तू सुखा राशन ही आगामी आदेशों तक बांटा जाएगा। उल्लेखनीय है कि निजी स्कूलों में विद्यार्थी न आने से विद्यालय प्रबंधन समिति परेशान नजर आ रही थी और बार बार विद्यालय खोले जाने की मांग कर रही थी। आखिरकार उनके लिए स्कूल खोलने के आदेश जारी कर दिया है किंतु अब कक्षा एलकेजी ,यूकेजी, प्रथम तथा द्वितीय के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है उनके स्कूल कब से खुल पाएंगे यह विभाग आदेश जारी करेगा।
11 माह बाद खुले थे कक्षा 6 से 8-
उल्लेखनीय है कि एक फरवरी 2021 से कक्षा 6 से आठ तक के स्कूल खोले गये थे। उनके स्कूल भी 3 घंटे ही लग रहे हैं किंतु लंबे समय तक घर पर शिक्षा पाने के पश्चात कक्षा छठी से आठवीं के विद्यार्थी स्कूल आ रहे हैं और उनकी सेट नामक परीक्षा भी अवसर एप पर चल रही हैं।  
 यहां यह उल्लेखनीय है कि कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थी पहले ही स्कूल आ रहे हैं। उनके 14 दिसंबर 2020 से स्कूल लग चुके हैं।



पुराने पालिका भवन के पास बनेगा शापिंग कांप्लेक्स
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 कनीना। कनीना नगर पालिका अध्यक्ष सतीश जेलदार ने बताया कि नगरपालिका पार्षदों की सर्वसम्मति से कनीना पालिका की जमीन जो कालेज के नाम फालतू दी गई वह वापस ली जा रही है। जहां कांप्लेक्स निर्मित  किया जाएगा। उन्होंने प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेज दिया और यह प्रस्ताव जल्द ही मजबूर होने की उम्मीद है। तत्पश्चात नगरपालिका के पुराने भवन परिसर के पास करीब 7 एकड़ जमीन उपलब्ध होगी ,कांप्लेक्स निर्मित होगा, जहां पर दुकान में उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि कनीना के लिए न्यायिक परिसर एवं मंडल कार्यालय पास हो चुके हैं जिनके लिए लंबे समय से कनीना वासी प्रयासरत थे। अब ये कार्यालय कनीना में बन सकते हैं बशर्ते कि दुकानदार उनकी मदद करें। उन्होंने कहा कि आठ मार्च तक वे दुकानदारों के लिए जी जान एक करने के लिए तैयार है तत्पश्चात तो न्यायालय का जो फैसला आएगा वो माना जाएगा।  उन्होंने कहा कि कालेज परिसर को करीब 7 एकड़ जमीन फालतू दी गई थी वह वापस ली जा रही है। उन्होंने कहा कि धरने पर बैठे दुकानदारों के सदा पक्ष में थे और पक्ष में रहेंगे तथा  दिल से चाहते हैं कि यदि किसी दुकानदार की कोई दुकान टूटती है तो वे नगरपालिका की ओर से कांप्लेक्स में दुकानें देने को तैयार है यदि दुकानदार सहयोग करेंगे।
उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों से भी उनकी इस संबंध में बात हो चुकी है। डीएमसी नारनौल से भी बात हुई है तथा जल्द ही उनका प्रस्ताव पास होगा और भविष्य में कनीना नगर पालिका कांप्लेक्स बनाएगी।

पंचायत का कार्यकाल पूरा होते ही आ सकती है अनेकों समस्याएं
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कनीना। जहां पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी को पूरा हो रहा है जिसके चलते अब ग्रामीण क्षेत्रों में बहस छिड़ गई है कि कई समस्याओं से ग्रामीण जूझ सकते हैं। जहां महेंद्र शर्मा, दिनेश कुमार, मोहन, गोविंद आदि ने बताया कि कार्यकाल समाप्त होने के बाद अपने रिकार्ड खंड कार्यालय में जमा कर देंगे तो सबसे बड़ी दिक्कत पेयजल की आ सकती है।
 उन्होंने बताया कि कुछ गांवों में पेयजल का प्रबंध पंचायतों कर रही है। मोटर जल जाती है तो उस समय खंड कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ेंगे जिसके चलते पेयजल बाधित हो सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में आपके कहने लगे हैं कि पंचायतों का कार्यकाल पूरा होते अवैध कब्जों की भरमार हो जाएगी क्योंकि अब तक सरपंच और पंचायतें अवैध कब्जे रोकतेे आए हैं। तत्पश्चात अवैध कब्जे रोकने वालों के लिए खंड विकास कार्यालय के चक्कर काटने पड़ेंगे। इसके चलते खंड विकास कार्यालय कई-कई गांवों को संभालने में थोड़ी परेशानी महसूस करेगा।
अब तक जहां विभिन्न प्रकार के आवेदन साक्ष्यांकित करवाने वाले 10 से 15 व्यक्ति प्रतिदिन एक-एक सरपंच के पास आ रहे हैं। यदि कार्यकाल पूरा हो जाएगा तो सरपंच के पास कोई शक्ति नहीं रहेगी तो ये विभिन्न प्रकार के आवेदन साक्ष्यांकित करवाने वाले असहाय महसूस करेंगे और उनके काम अधर में लटकने की संभावना है। विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों के लिए भी अब तक सरपंच जिम्मेदार होता था। अब यह कार्य पूर्ण करवाने के लिए भी सरपंच नहीं अपितु खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों के यहां जाकर पूर्ण करवाने पड़ेंगे। पंचायत का कार्यकाल पूरा होने पर अनेकों प्रकार की समस्याएं ग्रामीण झेल सकते हैं, लाभ कोई नजर नहीं आ रहा है। सरपंच दबी जुबान से कह रहे हैं कि अभी उनका कार्यकाल जब तक चुनाव न हो जाए बढ़ाया जाए ताकि वे अपने कार्य को पूर्ण करते रहे।



प्याज के भाव पहुंचे 60 रुपये किलो
-सब्जी एवं सलाद से गायब हुई प्याज
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कनीना। कनीना क्षेत्र में प्याज के भाव जहां एक माह पहले जहां 20 रुपये किलो थे परंतु अब अचानक उछाल आने से भाव 60 रुपये प्रति किलो पहुंच गये हैं। जिसके पीछे कम बीजाई होना, किसानों की प्याज खत्म होना और व्यापारियों द्वारा स्टोर किया जाना जैसे कई अहं कारण माने जा रहे हैं।
प्याज विके्रता दिनेश, सुरेंद्र ,योगेश, रोहित आदि ने बताया कि उन्होंने अब थोक में महंगे दामों पर प्याज मिल रही है जिसके चलते खुरदरा मूल्य पर अधिक दामों पर बेचने को मजबूर हैं। दुकानदार प्याज महेंद्रगढ़ , रेवाड़ी  एवं दिल्ली सब्जी मंडी से मंगवाते हैं या फिर खरीदते हैं। क्षेत्र के किसानों की प्याज खत्म हो गई है जिसके चलते यह महंगे दामों पर उन्हें थोक में मिल रही है।
प्याज महंगी होने के कारणों पर प्याज पैदावार करने वाले मोड़ी के किसान अजय, कांता और गजराज सिंह ने बताया कि इस बार उन्होंने आधा एकड़ में प्याज उगाई थी जिसको हरी प्याज तथा सुखाकर दोनों रूपों में बेचा है। उनकी प्याज थोक में 20 से 30 रुपये प्रति किलो बिकी है किंतु अब प्याज खत्म हो गई है। जितनी भी प्याज थी उनमें से अधिकांश का व्यापारियों ने स्टोर कर लिया है जिसके चलते वे महंगे दामों पर बेच रहे हैं।
 किसान अजय कुमार इसराणा का कहना है कि बिजाई कम होना एक कारण प्याज महंगी होना है। क्षेत्र में प्याज कम उगाई जाती है। कभी-कभी प्याज के दाम इतने गिर जाते किसान दोबारा प्याज उगाने का नाम नहीं लेते। यही कारण है कि अब प्याज महंगी हो गई है।
करीरा के अग्रणी किसान महावीर सिंह ने बताया कि प्याज महंगी होने के पीछे कारण किसानों का स्टाक खत्म होना है। अब अधिकांश प्याज व्यापारियों के हाथों में जा चुकी है। उनका कहना है कि आगामी 10 से 15 मार्च के बीच सीकर की प्याज आनी शुरू हो जाएगी। तब प्याज के भाव गिर जाएंगे तब तक प्याज के भाव महंगे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई को देखते हुए सीकर, राजस्थान के लोग अब जल्दी उत्पादन लेंगे और बाजार में जल्दी प्याज आने से भाव गिर सकते हैं। क्षेत्र के किसान प्याज उगाते हैं परंतु मांग अधिक होने के कारण प्याज के भाव बढ़ते जा रहे हैं।
फोटो कैप्शन 7: प्याज।


जल्द ही मिल सकता है कनीना को फैमिली कोर्ट
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 कनीना। कनीना को जल्दी फैमिली कोर्ट मिल सकता है। इसके लिए कुछ कार्रवाई करनी बाकी है।
एडवोकेट राजेश कनीनवाल ने बताया कि विगत दिनों से सेशन जज रवि सोंधी कनीना में  न्यायालय का निरीक्षण करने आए थे। उस वक्त बार एसोसिएशन के प्रधान कुलदीप सिंह रामबास ने उनसे मुलाकात की।
   उन्होंने बताया कि  वर्तमान नगर पालिका कार्यालय के पास वन विभाग का बनाया हुआ विश्राम गृह कोई काम नहीं आ रहा है। यहां फैमिली कोर्ट लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कुलदीप प्रधान जिला उपायुक्त से मिलकर आगामी कार्रवाई कर सकते हैं तथा वे उन्हें फैमिली कोर्ट बनाने की अनुमति दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि फैमिली कोर्ट में थोड़ा बहुत खर्चा आएगा वो मीट आउट किया जा सकता है।



अनिश्चितकालीन धरना पहुंचे 15वें दिन
-5 दुकानदार क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे
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 कनीना। कनीना पंचायत समिति की दुकानों में बैठे हुए सैकड़ों दुकानदारों का अनिश्चितकालीन धरना 15वें दिन में प्रवेश कर गया है।  अभी तक दुकानदारों को समझाने की भरसक प्रयास किए गए हैं तथा मध्यस्थता भी करने के लिए कनीना के कुछ प्रबुद्ध जन पहुंचे किंतु धरने पर बैठे दुकानदारों ने सभी की बातों को खारिज कर दिया है। एक ओर न्यायिक परिसर एवं उप मंडल कार्यालय कनीना में बनने के लिए कनीना की ड्योढ़ी पर खड़े हैं वहीं अब दुकानदार नहीं चाहते कि उनकी दुकानों का एक तिनका भी हिलाकर ये भवन दुकानों के पास बनाये जाये।
पालिका प्रधान तथा पार्षदों द्वारा दो प्रस्ताव भी पारित भी किए हैं ताकि किसी भी सूरत में दुकानें टूटती है तो सहानुभूतिपूर्वक उन्हें अन्यत्र कांप्लेक्स बनाकर दुकानें दी जा सकें। किंतु उनको भी पीडि़त दुकानदारों ने नकार दिया है। अब उनका कहना है कि वे केवल अनिश्चितकालीन धरना अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल में बदल चुका है और भविष्य में कड़े फैसले लिये जा सकते हैं यदि उनकी दुकानें सुरक्षित न हो जाए।
व्यापारी एकता मंच के प्रधान महेश बोहरा ने बताया कि रविंद्र कुमार, सुरेंद्र कुमार, रूप शर्मा, सुरेश कुमार तथा यशपाल पांच व्यक्ति धरना स्थल पर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। क्रमिक भूख हड़ताल सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक चलेगी, तत्पश्चात अगले दिन अन्य पांच दुकानदार क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे और यह क्रम अनवरत जारी रहेगा।
रवि कुमार ने बताया कि भविष्य में और भी कड़े फैसले लिए जा सकते हैं। बहरहाल दुकानदार अपनी बात अडिग नजर आए। इससे पहले सुबह सवेरे नेताजी मेमोरियल क्लब से उनका धरना शुरू हुआ व्यापारी एकता नारे लगाते हुए धरना स्थल पर पहुंचे और धरने पर सभी दुकानदार बैठ गए। पंचायत समिति की दुकानों में बैठे दुकानदार एक ही मांग कर रहे हैं कि उनकी दुकानें सुरक्षित की जाए। इस मौके पर रवि कुमार, सुरेश कुमार,रूप शर्मा, प्रशांत शर्मा, पवन कुमार, महेश कुमार, मौजीराम तथा अन्य धरने पर बैठे रहे।
 कैप्शन फोटो कैप्शन 6: क्रमिक अनशन पर बैठे 5 दुकानदार
7: धरने पर बैठने से पहले जुलूस निकालते दुकानदार।



गुरु जी इनकम टैक्स गणना में हुए व्यस्त
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कनीना। कोरोना की मार झेलकर कक्षा छह से 12 तक के स्कूल खुले हुये हैं तथा हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षाएं अप्रैल माह में शुरू होने जा रही हैं किंतु गुरु जी इनकम टैक्स की गणना में व्यस्त हो गए हैं।
   शिक्षक फरवरी माह में इनकम टैक्स की गणना में जुट गए हैं। बताया जाता है कि फरवरी माह का वेतन जो मार्च माह में निकाला जाता है, के लिए इनकम टैक्स के आंकड़े जुटाने पड़ते हैं। शिक्षक अपने काम को ईमानदारी का बताते हुए हर संभव प्रयास इनकम टैक्स बचाने की सोचते रहते हैं। यही कारण है कि एक ओर शिक्षक व्यस्त तो वहीं विद्यार्थियों की परीक्षाएं सिर पर होने के कारण वे व्यस्त हैं। शिक्षकों ने बताया कि वे काम 12 माह करते हैं किंतु वेतन 11 माह का ही मिल पाता है और एक माह का वेतन इनकम टेक्स में कट जाता है। ऐसे में टेक्स बचाने के लिए विभिन्न तरीके अपनाए जाते हैं।

खेत में जिप्सम जरूर डाले-डा देवेंद्र
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 कनीना। 'जहां डीएपी 50 किग्रा डाला जाना चाहिए वहां 25 किग्रा ही डालना चाहिए और शेष राशि से जिप्सम डाला जाए तो खेत की हर फसल की वृद्धि एवं पैदावार में बेहतर बढ़ोतरी होगी


।  डा देवेंद्र यादव एडीओ ने ये विचार एक वक्तव्य में दिये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक एकड़ में 200 किग्रा जिप्सम जरूर डालना चाहिए।
    जिप्सम खेती में 12 से 18 फीसदी की वृद्धि करती है। उन्होंने कहा कि जिप्सम एक बहुआयामी प्रभाव वाला पौधों के पोषण के लिए प्राकृतिक उर्वरक है। इसके उन्होंने निम्र लाभ गिनाए-
 उन्होंने बताया कि इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है। इससे क्षारीय भूमि के जल का उपचार होता है। हानिकारक लवणों पर नियंत्रण किया जा सकता है। इसके कारण पौधे को मूल एवं कुछ गौण तत्व आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। फसलों की गुणवत्ता, रंग, आकार एवं वजन में वृद्धि की जा सकती है। बीजों की अंकुरण क्षमता बढ़ी है। पौधों की जड़ों का विकास होता है वहीं शाखाओं में वृद्धि होती है।
 उन्होंने कहा कि जिप्सम सर्दियों के समय में पौधे में पाले, सूखे तथा कीटों से सुरक्षा मिलती है वहीं फलों के फटने व झडऩे से छुटकारा मिल सकता है। हरे चारे वाली फसलों में कैल्शियम बढऩे के साथ-साथ पशुओं में दूध बढ़ता है। सब्जियों, फलों, तिलहन व दलहन फसलों में पौष्टिकता व उत्पादन में वृद्धि होती है। ऐसे में डा देवेंद्र ने खेतों में जिप्सम जरूर डालने की सलाह दी। इस वक्त दीमक का फसलों में जोर होता है ऐसे में दीमक से फसलों को बचाना चाहिए।

कनीना में कृषि मेला 25 को
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 कनीना। 25 फरवरी को कनीना के फुटबाल ग्राउंड में आत्मा स्कीम के तहत कृषि मेला आयोजित किया जाएगा। विस्तृत जानकारी देते हुए कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज ने बताया कि कृषि मेले में कृषि आदानों की प्रदर्शनी लगेगी जिनमें खाद, बीज आदि प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि मेले में विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं विभिन्न कृषि वैज्ञानिक पहुंच रहे हैं जो किसानों की मौके पर ही विभिन्न समस्याओं का समाधान करेंगे तथा उनको नए उत्पादों, बेहतर पैदावार तथा पैदावार बढ़ाने के बारे में जानकारी देंगे।



गेहूं की सुनहरी बालियों को देखकर किसान प्रसन्न
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां सरसों पकान के पूरे वेग पर चल रही है वहीं गेहूं में सुनहरी बालियां दिखाई पडऩे लगी हैं। गेहूं की सुनहरी बालियों को देखकर किसान प्रसन्न हैं। अभी दो बार खेतों में और पानी दिया जाएगा तथा अप्रैल के प्रथम सप्ताह में गेहूं की कटाई होने की संभावना जताई जा रही है।
 इस बार अभी तक मौसम अनुकूल चलने से बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। किसान राजेंद्र,कृष्ण कुमार, अजीत कुमार, महेश कुमार दिनेश कुमार, उमेद सिंह आदि ने बताया कि गेहूं में 6 से 7 बार पानी देना पड़ता है। पानी किसानों को या तो अपनी ट्यूबवेल से देना पड़ता है या एक तिहाई भाग गेहूं उत्पाद के बदले किसी ट्यूबवेल मालिक से पानी लेना पड़ता है।
 किसान अब तक गेहूं फसल में चार पानी दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि अभी एक से दो बार पानी और लगाना पड़ेगा। फसल पकान की ओर अग्रसर है। कनीना क्षेत्र में दो प्रकार की खेती की हुई है। अगेती फसल पर सुनहरी बालियां आने लग गई हैं। पछेती फसल अभी इस स्थिति में नहीं पहुंची है। वैसे तो खेत से पकी हुई कुछ बालिया होली दहन में भूनकर खाने के पश्चात ही लावणी का कार्य शुरू होता है और इस बार 27 मार्च को होलिका दहन होने जा रहा है। गेहूं खुले बाजार में 1900 रुपये प्रति क्विंटल से बिक रहा है जबकि इस बार समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है।
कृषि वैज्ञानिक ने कृषि अधिकारी वैज्ञानिक मानते इस बार मौसम सही रहा तो बंपर पैदावार होगी जिसको देखकर किसान प्रसन्न हैं।
कितनी की गई बीजाई-
कृषि विभाग कनीना कृषि विभाग की ओर से प्राप्त विवरण अनुसार रबी फसल 2020-21 में कनीना क्षेत्र में 30,406 हेक्टेयर पर बिजाई की गई है जिनमें से सरसों 19370 हेक्टेयर, गेहूं 10590 हेक्टेयर, चारा 400 हेक्टेयर, चना 6 हेक्टेयर तथा जौ 40 हेक्टेयर पर उगाया गया है।
 फोटो कैप्शन 8: गेहूं में पानी देता हुआ किसान।






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