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Tuesday, February 23, 2021

 

गांवों की बागडोर सरपंच नहीं बल्कि ग्राम सचिव संभालेंगे- बीडीपीओ
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कनीना। मंगलवार के बाद सभी गांवों में सरपंचों की जगह ग्राम सचिव गांव की देखरेख का काम करेंगे। ये विचार खंड एवं विकास अधिकारी देशबंधु ने व्यक्त किए।
खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ने बताया  कि समूचे प्रदेश की पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो चुका है और सरकार के आदेशानुसार सभी पंचायतों को आदेश दिया गया है कि उनका कार्यकाल पूरा हो गया है जिसके चलते अब सभी पंचायतों द्वारा अपना सभी रिकार्ड खंड विकास अधिकारी के कार्यालयों में जमा कराना है और मंगलवार के बाद सभी सरपंचों के पद एक तरहा से समाप्त हो गया है और अब प्रदेश में जब तक पंचायत के चुनाव संपन्न नही होंगे तब तक गांवों में सभी कार्य ग्राम सचिव देखेंगे और गांवों में किसी भी तरहा की समस्या को आड़े नही आने दी जाएगी।
मिली जानकारी अनुसार कुछ प्रदेश की पंचायतों द्वारा हाई कोर्ट में रिट डालकर पंचायतों का कार्य काल और बढ़ाने की गुहार लगाई थी जिससे भी जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि अब ग्राम सचिव सभी गांवों में हर प्रकार के विकास के कार्य कराएंगे और गांवों में विकास की गंगा को रुकने नही दिया जाएगा।

सरसों एक अप्रैल तो गेहूं दस अप्रैल से अनाज मंडी में आने की उम्मीद
-गेहूं का समर्थन मृल्य 1975 तो सरसों का 4650 रुपये
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में मौसम पल-पल बदलने के पश्चात गेहूं और सरसों की फसल पकान की ओर है। जल्द ही सरसों लावणी आएगी तथा अप्रैल माह में गेहूं की फसल की लावणी की शुरू हो जाएगी।  लगभग सभी सरसों फसलों में फूल समाप्त हो गए हैं। कुछ जगह तो फसल बहुत तेजी से कटाई की ओर अग्रसर है। क्षेत्र में जहां कभी सर्दी, गर्मी, पाला, तेज धूप आदि का मौसम झेलने के पश्चात कनीना की बावनी नाम से प्रसिद्ध जमीन पर सुनहरी बालियां एवं सरसों की फलियां नजर आने लगी हैं।
30340 हेक्टेयर पर उगाई गई है फसलें-
कनीना के कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज यादव ने बताया कि कनीना की सिंचाई योग्य भूमि विभिन्न कारणों से घटती जा रही है जिनमें 152-डी हाईवे का निकलना, नहरों का निकाला जाना प्रमुख हैं। इनसे भूमि घटती जा रही हैं किंतु वर्तमान में 30340 हेक्टेयर पर कनीना क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई है। उन्होंने बताया कि 19310 हेक्टेयर पर जहां सरसों, 10590 हेक्टेयर गेहूं, 40 हेक्टेयर पर जौ, 400 हेक्टेयर पर चारे की फसलें  तथा 6 हेक्टेयर पर चने की फसल उगाई गई है। इस समय सरसों और गेहूं की बेहतर फसल लहलहा रही है। अगर मौसम अनुकूल रहा तो आने वाले समय में बहुत अच्छी पैदावार होने की संभावना है।
भूल गए चने और जौ की बिजाई-
 कनीना क्षेत्र में जहां जौ और चने की खेती एक नंबर पर होती थी आज वो खेती महज 46 हेक्टेयर पर सिमट कर रह गई है। जहां 35 वर्ष पहले कनीना क्षेत्र में जौ और चने की सबसे अधिक खेती होती थी। गेहूं और सरसों बहुत कम खेती की जाती थी, फिर बदलाव आया और कपास की खेती पर जोर दिया जाने लगा किंतु वर्तमान समय में केवल गेहूं और सरसों जिसमें सरसों मुख्य फसल के रूप में उगाई जा रही है।
मेरी फसल मेरा ब्यौरा-
 क्षेत्र के किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर अपनी उगाई गई फसल का रिकार्ड आनलाइन कर दिया है। अधिकांश किसानों द्वारा यह आंकड़े अपलोड कर दिए गए हैं। व्यापार मंडल के प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि सरसों का समर्थन मूल्य 4650 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल का रखा गया है जो विगत वर्ष की तुलना में गेहूं 50 रुपये तो सरसों 225 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है ।यही कारण है कि सरसों की ओर अधिक रुझान देखा जा रहा है।
40 आढ़ती कर रहे हैं इंतजार-
 कनीना अनाज मंडी यूं तो करीब 6 महीने सूनी पड़ी रहती है किंतु कनीना मंडी के करीब 40 आढ़ती गेहूं ,सरसों एवं बाजरा आने के वक्त प्रसन्न नजर आते हैं। वर्तमान में रबी फसल बतौर सरसों और गेहूं अनाज मंडी में आएगा जिसके बाद अनाज मंडी के भी दिन बदलेंगे और व्यापारी भी प्रसन्न हो जाएंगे।
क्या कहते हैं किसान-
 क्षेत्र के किसान अजीत कुमार, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार, रोहित कुमार आदि ने बताया कि इस बार बेहतर फसल खेतों में खड़ी हुई है जिसके चलते अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है। जहां विगत वर्ष कोरोना के चलते कटाई/लावणी आदि में भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था अबकी बार माना जा रहा है कि उनकी लावणी सही ढंग से हो पाएगी और अच्छी पैदावार किसान अनाज मंडी तक पहुंचाएंगे।
कनीना मंडी के ओमप्रकाश लिसानिया, रविंद्र बंसल आदि ने बताया कि गेहूं 10 अप्रैल तक कनीना मंडी में आने की उम्मीद है जबकि सरसों एक अप्रैल तक आने की उम्मीद है। 15 मार्च से इक्का-दुक्का सरसों की ढेरी आने लग जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार सरसों अनाज मंडी  में बिक्री के लिए बहुत कम आने की उम्मीद है क्योंकि खुले में सरसों की मांग अधिक है और भाव भी अच्छे मिल रहे हैं।
फोटो कैप्शन 9: कनीना क्षेत्र में सरसों की लहलहाती फसल।
            10: कनीना क्षेत्र में गेहूं की लहलहाती फसल।

कोर्ट ने किया सात जनों को भगोड़ा घोषित
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कनीना। कनीना न्यायालय के क्रीमनल अहलमद की ओर से कोर्ट की पेशी से लगातार अनुपस्थित चल रहे आरोपी रामसिंह को ,रविंद्र ,सजन कुमार, रेखवाल, आरोपी नसीब, सुरेंद्र सिंह,तोफीक को भी विभिन्न मामलों में भगौड़ा घोषित कर केस दर्ज किया गया है।

चोरी के आरोपी ने शिकायतकर्ता महिला के घर को आग के हवाले किया
-पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना। कनीना थाने के तहत गांव बवाना में एक मकान से विभिन्न घरेलू सामान चोरी के आरोपी ने पुलिस मौजूदगी में  शिकायतकर्ता महिला के घर में आग लगा दी। सोमवार शाम को घटित इस घटना में शिकायतकर्ता का सामान जल गया। पुलिस टीम ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन सत्यवीर ने न केवल उसमें बाधा डाली बल्कि फरार होने का भी प्रयास किया। ग्रामीणों की मदद से आगजनी पर काबू पाया वहीं अन्य पुलिस कर्मचारियों ने आरोपी सत्यवीर को काबू करने में सफलता प्राप्त की। पुलिस टीम एचसी चंद्रभान एवं एसपीओ बिजेंद्र सिंह की शिकायत पर आरोपी सत्यवीर के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। मिली जानकारी अनुसार रचना देवी की  शिकायत पर करीब एक सप्ताह पहले मामला दर्ज किया गया था। पुलिस टीम आरोपी को नोटिस देकर तफ्तीश के लिए गई थी किंतु सत्यवीर ने मौके पर ही शिकायतकर्ता के घर को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने सत्यवीर बवाना को काबू कर लिया है। जिसे कोर्ट में पेश किया जायेगा।
क्या था मामला-
कनीना थाने के तहत बवाना की महिला रचना देवी ने  कनीना थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह काम-धंधे के लिए राजस्थान के जाखौद गांव गए थे। पीछे से बंद पड़े उनके मकान से गांव के ही व्यक्तियों सत्यबीर एवं उसके परिजनों ने कीमती व घरेलू सामान चोरी कर लिया। लाल डोरे में आने वाले मकानों के पंजीकरण प्रक्रिया को लेकर वे गांव आये तो उन्हें इस घटना की जानकारी मिली थी। जब रचना बवाना आई तो उसे सामान चोरी मिला जो सत्यवीर नामक बवाना ने अपने घर में चोरी करके रख लिया था। उनकी शिकायत पर सत्यवीर सहित विभिन्न पांच जनों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया था।

दुकानदारों की क्रमिक भूख हड़ताल चली दूसरे दिन
-अनिश्चितकालीन धरने का 16वां दिन
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 कनीना। पंचायत समिति की दुकानों में बैठे हुए सैकड़ों दुकानदार अनिश्चितकालीन धरने पर 8 फरवरी से एसडीएम कार्यालय कनीना समक्ष बैठे हुए हैं। उनके धरने का मंगलवार को 16वां दिन था तथा क्रमिक अनशन का दूसरा दिन था। प्रतिदिन 5-5 दुकानदार  क्रमिक अनशन पर बैठ रहे हैं।
 विस्तृत जानकारी देते हुए व्यापारी एकता मंच के अध्यक्ष महेश बोहरा ने बताया कि क्रमिक अनशन के दूसरे दिन 5 दुकानदार सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक अनशन पर धरना स्थल पर ही बैठे रहे। जिनमें प्रभात, संतलाल, दीनदयाल, संतोष कुमार और श्रीचंद प्रमुख हैं।धरने पर बैठे दुकानदारों की एक ही मांग है कि उनकी दुकानें सुरक्षित रखी जाए।
क्या है मुद्दा-
 कनीना न्यायिक परिसर और उपमंडल कार्यालय भवन 7 सालों से कभी कनीना में तो कई अन्यत्र बनने की कवायद जारी रही। आखिरकार कनीना वासियों ने वर्ष 2017 में 67 दिनों तक एसडीएम कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करने के बाद कनीना में ही न्यायिक परिसर और उपमंडल कार्यालय बनाए जाना स्वीकार कर लिया गया। तत्पश्चात कनीना की वर्तमान नगर पालिका कार्यालय के पास, फुटबाल ग्राउंड तथा पूर्व पालिका कार्यालय के पास जमीन का अवलोकन कर कनीना में न्यायिक परिसर और उपमंडल कार्यालय बनाने को अंतिम रूप दिया गया। जिसको लेकर इन दुकानदारों में उनकी दुकानें तोड़े जाने की संभावना जताई जा रही है। दुकानदारों की दुकानें तोड़े जाने की संभावना से इन दुकानदारों का पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में मामला पहुंचा जिसकी 8 मार्च 2021 को सुनवाई होनी है। यही नही´ कुछ दुकानदार न्यायालय से अवमानना नोटिस भी दिलवा चुके हैं।
कनीना पंचायत समिति की माने तो 153 दुकानों/खोखों के लिए पंचायत समिति ने तहबाजारी के तहत जगह दी थी। जिस पर अलग-अलग लंबाई चौड़ाई में दुकानें बना ली हैं। जबकि दुकानदारों का कहना है कि वे नियमानुसार किराया भरते आये हैं। करीब एक वर्ष कनीना पंचायत समिति ने अपनी 54 कनाल 6 मरला जमीन न्यायिक परिसर को दे दी तथा इन दुकानों/खोखों के मालिकों को नोटिस जारी कर इन्हें खाली करने की बात कही। तत्पश्चात 12 जनवरी 2021 को नोटिस जारी किया गया जिसको लेकर दुकानदार धरने पर आ टिके हैं।
अब ये दुकानदार अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं और अपनी मांग पर अडिग हैं। अब तो सभी की नजरें 8 मार्च को होने वाली सुनवाई पर टिक गई हैं।
अब तक अनेकों लोगों ने दिया समर्थन-
 अभी तक इन दुकानदारों को विभिन्न ग्राम पंचायतों, समाजसेवियों एवं लोगों ने समर्थन दिया हुआ है। इन लोगों को समझाने के लिए तथा मध्यस्थता करने के लिए समय-समय पर पालिका प्रधान सतीश जेलदार, राजेंद्र सिंह लोढ़ा, नगर पालिका पूर्व प्रधान मास्टर दलीप सिंह, कमल सिंह, पार्षद दलीप सिंह सहित विभिन्न जन समझाने आए किंतु इनको बस एक ही एक ही मांग है कि उनकी दुकान में सुरक्षित रख के न्यायिक परिसर बनाया जाए।
दुकानदारों के पक्ष में नगरपालिका का रुख भी रहा सकारात्मक-
 इस दौरान नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि उन्होंने दो प्रस्ताव पारित किए है। एक बार 6 दुकाने तोड़े जाने की संभावना से उनको अन्यत्र जगह देने की बात कही गई है तथा दूसरा प्रस्ताव जिसमें नगर पालिका के पूर्व कार्यालय के पास कांप्लेक्स बनाकर उन दुकानदारों को दुकानें दी जाएंगी यदि किसी दुकानदार की दुकान तोड़ी जाएगी परंतु फैसला सिरे नहीं चढ़ा तथा अब सभी की नजरें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की सुनवाई पर टिक गई है।
 सभी दुकानदार प्रतिदिन की भांति मंगलवार को मिलकर प्रात: नेताजी मेमोरियल क्लब कनीना से अपनी भूख हड़ताल और धरने का प्रारंभ किया। वे व्यापारी एकता मंच जिंदाबाद के नारे लगाते हुए धरना स्थल पर पहुंचे और धरना स्थल पर बैठ गये। आज क्रमिक अनशन का दूसरा दिन था।
फोटो कैप्शन 5 और 6: 5- 5 दुकानदार अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हुए तथा
7: व्यापारी एकता के नारे और जुलूस निकालते हुए दुकानदार।

तदर्थ सेवा का लाभ एसीपी में जोड़ा जाए
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कनीना। तदर्थ एवं अनुबंधित सेवा का लाभ कर्मियों की वेतनवृद्धि एवं एसीपी(सुनिश्चित कैरियर प्रगति) में दिया जाए। पंजाब के कर्मियों को यह लाभ न्यायालय द्वारा दिया जा चुका है। यह मांग निर्मल शास्त्री ने यहां की।
  उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में ऐसे दस हजार के करीब शिक्षक कार्यरत हैं जिन्होंने दस-दस वर्षों की तदर्थ सेवा की और फिर नियमित हुए हैं किंतु उनकी उस सेवा का लाभ उनको नहीं मिल पाया है जिसके चलते कई कर्मी तो सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं।
  अध्यापक नेताओं ने बताया कि वर्ष 1994 से लेकर 1996 तक दस हजार से अधिक शिक्षक तदर्थ एवं अनुबंधित आधार पर नियुक्त हुए थे जो वर्ष 2003 में नियमित कर दिए गए हैं। ऐसे में उनकी करीब दस वर्षों की सेवा को एसीपी में नहीं जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि पंजाब के कर्मियों को उच्च न्यायालय के आदेशानुसार अनुबंध सेवा एवं तदर्थ सेवा का लाभ दिया जा चुका है। ऐसे में उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश के उन सभी कर्मियों को उनकी तदर्थ सेवा व अनुबंधित सेवा का लाभ दिया जाए जिन्होंने यह सेवा जी जान से निभाई है।


अप्रैल परीक्षा के बाद बने कनीना में बोर्ड मार्किंग सेंटर
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कनीना। कनीना उपमंडल स्तर पर दसवीं एवं बारहवीं का मार्किंग सेंटर खोला जाए। शिक्षक मार्किंग के लिए 45 किमी दूर तक जाने को मजबूर हैं। यह मांग शिक्षक नेताओं सुनील कुमार ने यहां की।
  यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि विगत वर्षों से दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा के बाद मार्किंग सेंटर नारनौल या महेंद्रगढ़ बनाये जाते हैं जो उप-मंडल हैं। कनीना उपमंडल बन जाने के बाद यहां पर दसवीं एवं बारहवीं की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने के लिए सेंटर स्थापित किया जाए ताकि शिक्षकों को दूर दराज नहीं जाना पड़ेगा।
  उन्होंने कहा कि कनीना उप-मंडल के तहत करीब 45 गांव पड़ते हैं। इन गांवों के शिक्षकों की तैनाती नारनौल या फिर महेंद्रगढ़ लगती है। उन्हें समय एवं धन बर्बाद करके जाना पड़ता है। कनीना मार्किंग सेंटर स्थापित होने के बाद इस समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।



सभी रोगों की एक दवा है योग
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कनीना। प्रसिद्ध योगाचार्य मांगेराम शर्मा का कहना है कि हमें प्रतिदिन योग एवं प्राणायाम करने चाहिए। प्राणायाम एवं योग से रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। जो व्यक्ति नियमित रूप से योगाभ्यास करता है उनके धीरे-धीरे रोग समाप्त हो जाते हैं।
यहां एक भेंटवार्ता में मांगेराम शर्मा ने कहा कि जब वे छोटे से थे तभी से योग एवं प्राणायाम की शिक्षा देते आ रहे हैं। उन्होंने पहले अपने शरीर पर योगाभ्यास किए फिर अपने परिवार पर तथा फिर समाज में शिक्षा देने का कार्य किया। रेलवे पुलिस से सेवानिवृत्त हो गए लेकिन रेलवे पुलिस सेवा दौरान भी उन्होंने योग की शिक्षा दी। उनकी शिक्षाओं पर बड़ा अमल हुआ तथा लोगों को विभिन्न रोगों को सामान्य बीमारियों से छुटकारा मिला। मांगेराम शर्मा का कहना है कि यह योग से इतने जुड़े हुए हैं कि लगभग पूरी उम्र ही योग में बिता दी है और जब तक उनके शरीर में अंतिम सांस रहेगा तब तक वे योग करते रहेंगे और योग की शिक्षा देते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि मांगे राम शर्मा विभिन्न कालेजों, शिक्षण संस्था विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित योग शिविर में केवल हरियाणा बल्कि पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि स्थानों पर योग की शिक्षा देते आ रहे हैं और उनकी योग की शिक्षाओं पर अमल भी हुआ है।
फोटो कैप्शन : मांगेराम शर्मा।

ठेठ ग्रामीण कवि के रूप में जाने जाते हैं जयनारायण
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कनीना। कनीना की पावन भूमि पर समय समय पर महान हस्तियां हुई हैं जिनके बल पर कनीना का नाम प्रदेश के पटल पर अमिट छाप छोड़ चुका है। ऐसी ही एक शख्सियत जयनारायण हुए हैं जिन्हें अलगोजा, लाठी चलाने तथा ग्रामीण कवि के रूप में जाना जाता है। 24 फरवरी 1989 को जिनका निधन हो गया था। कनीना में उनकी 32वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है।
  जयनारायण के पिता का नाम शंकर था। वे बचपन में पंजाब के अबोहर में पले एवं बड़े हुए थे। कनीना में आने के बाद वे रांझा पाली के रूप में जाने गए। वैसे तो उन्हें डेयरीवाला नाम से जाना जाता है और आज भी उनके नाम पर एक स्टोर चल रहा है जिसे पूरा कस्बा ही नहीं अपितु आस पास के लोग जैनिया का स्टोर नाम से जानते हैं। वे लाठी चलाने में जितने माहिर थे उनसे कहीं अधिक अलगोजा बनाने में मशहूर थे। उनके बड़े भाई अर्जुन तो दूर दराज तक लाठी के जानकार के रूप में विख्यात हुए हैं किंतु अल्पायु में ही उनका निधन हो गया था।
  जैनारायण की बांसुरी, अलगोजा, पटा आदि को देखने के लिए दूर दरज के लोग आते थे। उनकी कविताई की क्षमता एवं गायकी की क्षमता अनोखी थी। न के बराबर लिखे पढ़े होने के बावजूद भी वे प्रकृति, गाय, भैंस एवं जीव जंतुओं पर बेहतर कविताएं बना लेते थे। उनके कई उदात गुणों के चलते उन्हें आज भी जाना जाता है। अंतत: उनकी मृत्यु 24 फरवरी 1989 को कनीना में हुई। उनकी कविताओं की पुस्तक उनके पुत्र द्वारा प्रकाशित करवाई जा चुकी है। उस पुस्तक को पढ़कर उनकी कविता करने के अंदाज का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
फोटो कैप्शन: जयनारायण।


अवसर एप पर परीक्षाएं जारी
-स्कूल समय में नेट एवं सर्वर की आ रही है दिक्कत
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,कनीना। स्कूलों में अवसर एप पर सेट नामक परीक्षाओं का दौर जारी है। कक्षा 6 से आठ तक की ये परीक्षाएं सर्वर तथा नेट की समस्या के चलते कठिनाई से पूर्ण की जा रही हैं। यद्यपि बहु-विकल्पी प्रश्रों वाली इस सेट की परीक्षा को पूर्ण करने के लिए 24 घंटों का समय दिया जा रहा है किंतु स्मार्ट फोन तक की समस्याएं भी विद्यार्थी झेल रहे हैं।
  शिक्षकों से मिली जानकारी अनुसार जब से विद्यार्थी स्कूल आते हैं तब से सेट नामक परीक्षा को संपन्न करने के लिए जी जान एक कर देते हैं किंतु उनके सामने अनेकों समस्याएं घर कर जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में न तो बेहतर नेट की सुविधा होती है और न ही स्मार्ट फोन मिलते हैं अपितु उन्हें परेशानी झेलकर यह परीक्षा पूर्ण करनी होती हे। विद्यार्थी परीक्षा पूर्ण करने के लिए अपने माता पिता, भाई बहन तथा शिक्षकों आदि से फोन लेकर ही इस कार्य को पूर्ण कर पाते हैं।
  उधर अध्यापक नेता धर्मपाल शर्मा तथा कंवरसेन वशिष्ठ का कहना है जब स्कूलों में विद्यार्थी आ रहे हैं तो आफलाइन परीक्षाएं संपन्न करवाएं तो ज्यादा बेहतर हो। बहरहाल शिक्षक, विद्यार्थी, अभिभावक इन सेट की परीक्षाओं को लेकर अच्छे खासे परेशान हैं। विद्यार्थी अमन, रमन, चंचल, भतेरी आदि ने बताया कि कई बार तो पेपर पूरा होने से पूर्व ही गलत अंगुली पड़ जाती है जिसके चलते उनका टेस्ट पूर्ण होने से पूर्व ही फाइनल सबमिट हो जाता है।

 कीटों ने किया दुपहिया वाहनों पर चलना दूभर
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,कनीना। सरसों की पकने जा रही फसल में हुए छोटे छोटे कीट हो गए हैं। सड़क से दुपहिया वाहन पर चलना कठिन हो गया है। डाक्टरों के अनुसार इन कीटों से आंखों को नुकसान हो सकता है। चश्मे लगाकर सुबह एवं शाम को खेतों के पास से गुजरना चाहिए।
  ज्यों-ज्यों सरसों की फसल पकने जा रही है तो उसमें कीट पैदा हो जाते हैं। ये छोटे छोटे कीट इतने अधिक हवा में घूमने लग गए हैं तथा दुपहिया वाहन चालक अपनी बाइक व साइकिल को चला नहीं पाते हैं। आंखों में अचानक गिर जाने से परेशानी होती है और दुर्घटना तक घटने की संभावना होती है।
  इन कीटों के विषय में डा वेदप्रकाश का कहना है कि ये कीट आंखों के लिए घातक होते हैं। जब कभी कीट आंखों में गिर जाए तो आंखों को मसलना नहीं चाहिए तथा आंखों को साफ पानी से धोना चाहिए। हो सके चश्मा प्रयोग करना चाहिए। अगर आंख में कीट गिर जाए तो डाक्टर की भी सलाह लेनी चाहिए।







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