सोमवार से दिया जाएगा अनिश्चितकालीन धरना
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कनीना। कनीना पंचायत समिति के तहत आने वाले दुकानदारों ने नेताजी मेमोरियल क्लब में शनिवार शाम एक बैठक आयोजित की जिसकी अध्यक्षता हरिराम मित्तल ने की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि उपमंडल कार्यालय भवन के निर्माण को लेकर दुकानें तोड़ी जाएंगी। दुकानों को बचाने के लिए सोमवार से सभी दुकानदार अनिश्चितकालीन धरना देंगे। धरने का स्थान रविवार को आयोजित होने वाली दुकानदारों की बैठक में लिया जाएगा।
इस मौके पर रवि कुमार, राजकुमार, अजय गोयल, रूप शर्मा, मर सिंह जांगड़ा, सतीश गुप्ता, पृथ्वी बोहरा, सुनील सेठ, विजय कुमार, सुमेर सिंह, मुकेश कुमार, प्रभात यादव, बजरंग सेठ, रतनलाल,सीताराम, दिनेश कुमार, पवन शर्मा, विक्रम आदि उपस्थित थे।
उधर कस्बे में बनने वाले लघु सचिवालय व न्यायिक परिसर भवन के लिए नगरपालिका की बैठक में 6 दुकानदारों द्वारा स्वीकृति दिए जाने के बाद शनिवार को काम्प्लेक्स के 21 दुकानदारों की बैठक डॉ. अजीत शर्मा की अध्यक्षता हुई। इस दौरान उन्होंने कहा कि नगरपालिका की तरफ से 6 दुकानों को शापिंग काम्प्लेक्स के पार्क में जगह देने की बात कही जा रही है। जिसका सभी दुकानदार विरोध करते है। उन्होंने कहा कि इस तरीके से पार्क के स्थान पर दुकाने बनाई जाएंगी तो सभी दुकानदार धरने पर बैठने को मजबूर होंगे। वहीं उन्होंने बताया कि उपरोक्त कॉम्प्लेक्स कमर्शियल कम रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स बना हुआ है। जिसके सामने पार्क की जगह में बाहर के लोग आकर गाडिय़ों की अवैध पार्किंग करते हैं। जिस वजह से कॉम्प्लेक्स के सामने आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। जिसको लेकर भी नपा के द्वारा कोई ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के दुकानदारों को राहत मिल सके। इस दौरान डॉ अजीत शर्मा, महादेव, प्रदीप कुमार, धर्मपाल, वीरेंद्र सिंह, संदीप राठी, नवल, मोहित, अशोक, मनीष, प्रकाश, अमित, मनीष, वीरेंद्र, राज, शुभराम सहित अन्य दुकानदार उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 12: दुकानदार नेताजी मेमोरियल क्लब में बैठक करते।
वर्षों से उगा रहा है नरेश किसान ईख,
-अकेले दो लाख रुपये के गन्ने देता है बेच
-लोग गन्ना चूसने का लेते हैं आनंद
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कनीना। यूं तो कनीना में रामकिशन नामक किसान ने बासमती चावल और ईंख उगाने का लंबे समय तक प्रयोग किया और सफलता भी हासिल की किंतु महेंद्रगढ़ जिले में पानी की कमी होने के कारण ईख उगाना कठिन कार्य है। परंतु खेड़ी तलवाना का किसान नरेश विगत 3 वर्षों से 2 बीघा जमीन में ईख उगाता आ रहा है। ट्यूबवेल के पानी से ईख उगाता है और दो लाख के गन्ने हर वर्ष बेच देता है। विगत वर्ष कोरोना के चलते लोगों ने गन्ना प्रयोग नहीं किया। नरेश कुमार ने बताया कि गन्ना 1 एकड़ में 400 क्विंटल तक पैदावार देता है जिसके पत्ते तथा ऊपरी भाग पशु चारे के रूप में काम लेते है तथा खाद भी बनाते हैं। 3 वर्ष पूर्व गन्ने की प्योद लगाई थी तब से लगातार गन्ने की बेहतर पैदावार हो रही है। लोग गन्ना खरीदने के लिए उनके पास चलकर आते हैं। आसपास गांव में गन्ना चूसने के प्रति रुझान है और किसान इसी काम से अपने परिवार की रोटी रोजी कमा लेता है। उन्होंने बताया कि जनवरी से गन्ना बेचा जा रहा है जो करीब 4 माह तक चलेगा।
क्या कहते हैं कृषि विशेषज्ञ-
कृषि विस्तार सलाहकार डा देवराज का कहना है कि गन्ना की फसल नहरी पानी और कठोर जमीन में अधिक होती है। जिला महेंद्रगढ़ राजस्थान से जुड़ा होने के कारण यहां जमीन नरम है, नहरी पानी कम है इसलिए गन्ना नहीं उगाते। गन्ना अप्रैल में उगाया जाता है और नंबर दिसंबर में काटना शुरू कर दिया जाता है। जूस के लिए अलग प्रकार होती है तथा चीनी मिलों के लिए गन्ने की अलग प्रकार उगाई जाती है।
क्या कहते हैं गन्ना चूसने वाले-
गन्ने की मांग इस क्षेत्र में अधिक है। गन्ना चूसने के लोग शौकीन होते हैं। गन्ना चूसने वाले रवि कुमार, सुरेश कुमार, दिनेश कुमार, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि गन्ना चूसने से उनकी दांतो की बढिय़ा कसरत हो जाती है। उधर डाक्टर वेद प्रकाश ने बताया कि गन्ना पीलिया, कैंसर, मधुमेह, वजन कम करने, प्रतिरोधकता बढ़ाने, यूरिन से जुड़ी समस्याओं में बहुत कारगर है। गन्ने के रस में जहां कैल्शियम, लोहा, मैग्नेशियम, पोटैशियम आदि भी पाए जाते हैं। इसलिए गन्ने के रस का उपयोग करना सेहत के लिए लाभप्रद है। यही कारण है कि गन्ने की मांग दक्षिण हरियाणा में अधिक है।
जिला स्तर पर विद्यार्थियों ने कुश्ती में पाया नाम, सम्मानित
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कनीना। सरदार पटेल अकेडमी भिवानी में आयोजित जिला स्तरीय ग्रीक रोमन बॉयज स्टाइल कुश्ती प्रतियोगिता में आरआरसीएम विद्यालय के छात्र रवि ने भार वर्ग 60 किग्रा व सचिन ने 87 किग्रा में जिला भिवानी में क्रमश: प्रथम व द्वितीय तथा सुभम ने 55 किग्राम में जिला महेंद्रगढ़ व मोहित पुत्र राजेश ने 63 किग्राम में चरखी दादरी में जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
संस्था के चेयरमैन रोशन लाल यादव ने बताया कि इन सभी छात्रों का चयन राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता के लिए हुआ है जिसका आयोजन सोनीपत में होगा।
संस्था के चेयरमैन रोशन लाल यादव,निदेशक संजय यादव,प्राचार्य नरेंद्र गौतम ने भी सफल छात्रों को उनकी सफलता बधाई दी है।
बदले जा रहे हैं मुंडिया खेड़ा पावर हाउस के 11 केवी के वीसीबी
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कनीना। गांव मुंडिया खेड़ा स्थित 132केवी पावर हाउस में नए 11 केवी के वीसीबी पैनल पहुंच चुके हैं। जो जल्द ही स्थापित कर दिये जाएंगे।
हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम मुंडिया खेड़ा के इंचार्ज विकास चंद्र प्रथम ने बताया कि पुराने वीसीबी पैनल लगभग 18-19 साल से लगे हुए थे जो अब लगभग जर्जर हो चुके हैं। इनके बदलने के लिए निगम के पास अप्रूवल के लिए भेजा गया था तथा निगम के एस्टीमेट पास होने पर लगभग 8 महीने के लंबे संघर्ष के बाद चैनल पावर हाउस में पहुंच चुके हैं। ट्रांसमिशन सिस्टम रेवाड़ी के कार्यकारी अभियंता रामानंद मिश्रा ने बताया कि पुराने चैनल बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है तथा इन्हें जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इससे क्षेत्र के उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। बिजली
रामरतन गोमली जेई ने बताया कि अटेली पावर हाउस के पैनल बदले जा चुके हैं जबकि मुंडिया खेड़ा के बदलने की प्रक्रिया जारी है जबकि कनीना के पावर हाउस से ये पैनल बदलने के लिए एस्टीमेट बनाकर भेजा हुआ है जो जल्द ही पास होकर आने की उम्मीद है। तत्पश्चात कनीना के वीसीबी पैनल भी बदल दिये जाएंगे।
फोटो कैप्शन 6:मुडिया खेड़ा पावर हाउस पर रखे 11 केवी के वीसीबी पैनल।
गोमला में गोगा तथा गोरखनाथ की मूर्तियों का किया उद्घाटन
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कनीना। गोरखनाथ नाथ सम्प्रदाय के अति मान्य और सिद्ध योगी हुए तथा जाहरवीर गोगा पीर गुरु गोरखनाथ के प्रमुख शिष्य रहे है। इन दोनों सिद्ध महापुरुष ने ना केवल नाथ सम्प्रदाय को प्रेरणादायी व मार्गदर्शक सम्प्रदाय बनाया बल्कि अपने उपदेशों गतिविधियों व सुकृत्यों से समाज को नई दिशा दी।
सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम गोमला ने गाँव गोमला में ठाकुर बनी सिंह नबरदार की स्मृति में गुरु गोरखनाथ व जहारवीर गोगा पीर की मूर्तियों के उद्घाटन अवसर पर ये विचार व्यक्त किये। उन्होंने मूर्ति अनावरण करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि गुरु गोरखनाथ ने हठयोग की एक नई मिसाल परम्परा चलाई जिसे वर्तमान तक नाथ हठयोगी निभाते आ रहे हैं।
इस अवसर पर महंत बृजदास भी मौजूद थे। मूर्तियों व मन्दिर का निर्माण ठाकुर बनी सिंह के पुत्र गणपत सिंह व कुलदीप सिंह ने करवाया। इस अवसर पर राव जयदयाल ,बलवन्त यादव, करतार सिंह, सुरेन्द्र राजपूत, संदीप गोमला ,बीरेन्द्र सरपंच मोहल्डा, सूरजपाल, प्रदीप शर्मा, श्याम लाल, सुधीर, हिमांशु, सुरेश कुमार लाला व श्रवण कुमार आदि मौजूद थे। इस मौके पर महाशय मेघ सिंह व संदीप महाशय की पार्टी ने लोगों का सत्संग से मनोरंजन किया।
फोटो कैप्शन 7:राधेश्याम गोमला मूर्तियों का अनावरण करते हुए।
पशु अस्पताल जाएगा श्रीकृष्ण गौशाला के पास -प्रस्ताव हो चुका है पारित
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कनीना। कनीना का करीब 50 वर्ष पुराना पशु अस्पताल यूं तो जर्जर हालात में चल रहा है किंतु जल्द ही यह भवन कनीना के श्रीकृष्ण गौशाला के पास जाएगा। कनीना में बनने जा रहे न्यायिक परिसर एवं उपमंडल कार्यालय के लिए यह जगह दिये जाने के चलते भी यह कदम उठाया जा रहा है। पशु अस्पताल को स्थानांतरित करने की पूरी तैयारी हो गई है।
पशु अस्पताल का नया भवन पशुपालन विभाग द्वारा निर्मित किया जाना है जिसके लिए पर्याप्त जगह नगरपालिका देगी। भरे बाजार में पशु अस्पताल होने के कारण पशुओं के साथ दुर्घटनाएं घटने की आशंका बनी रहती थी। भारत विकास परिषद भी इसे गौशाला के पास स्थानांतरित करने की मांग लंबे समय से करता आ रहा था। कंवरसेन वशिष्ठ प्रधान भारत विकास परिषद इस संबंध में चंडीगढ़ संबंधित मंत्रियों से भी मिले थे। उन्होंने तत्कालीन एसडीएम कनीना को ज्ञापन देकर इसे गौशाला के पास स्थानांतरित करने के लिए मांग की थी। नगर पालिका ने भी प्रस्ताव पारित करके पशु अस्पताल के लिए नई जगह देने की तैयारी कर ली है। इस संबंध में प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पास हो चुका है।
क्या कहते हैं नगर पालिका प्रधान-
नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार का कहना है कि कनीना में न्यायिक परिसर और उप-मंडल कार्यालय बन रहे हैं। यह पशु अस्पताल की जगह न्यायिक परिसर भवन निर्माण के काम आ सकती है और वैसे पशु अस्पताल वर्तमान में जर्जर हालात में पड़ा हुआ है। कभी राव बिरेंद्र सिंह सिंह मंत्री होते थे उस वक्त इस पशु अस्पताल का निर्माण करवाया गया था। अब इसे श्रीकृष्ण गौशाला के पास ले जाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रारंभ में जितने कमरों की आवश्यकता पशु अस्पताल को होगी वो श्रीकृष्ण गौशाला में दिये जाएंगे। तत्पश्चात भवन के निर्माण के लिए जितनी जरूरत जगह की होगी वह नगरपालिका देगी। इस प्रकार उप-मंडल कार्यालय और न्यायिक परिसर बनने का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
फोटो कैप्शन 3 व 4: कनीना का पशु अस्पताल जो जर्जर हालात में है।
समय रहते पशुओं के बांझपन और थनेला रोग का करवाया जाए उपचार-कांगड़ा
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कनीना। समय रहते पशुओं में होने वाले प्रमुख रोग बांझपन तथा थनेला का इलाज करवाना चाहिए वरना भविष्य में समस्या बन सकते हैं। ये विचार कनीना के पशु अस्पताल में आयोजित हुआ पशु स्वास्थ्य शिविर के दौरान विभिन्न पशुओं के बांझपन, पेट के कीड़े, हाजमा, दस्त आदि की दवा देने के उपरांत पशु चिकित्सक डा पवन कांगड़ा ने व्यक्त किए।
इस मौके पर क्षेत्र 164 पशुपालक अपने पशुओं को लेकर इलाज के लिए पहुंचे। श्री कांगड़ा ने बताया कि जिन जिन गांव में पशु औषधालय हैं वहां इस प्रकार के शिविर हर हफ्ते आयोजित किए जाएंगे। इस सामान्य शिविर का शनिवार के दृष्टिगत किया गया था। उन्होंने बताया कि क्षेत्र की सभी पशु पालकों की सबसे बड़ी समस्या बांझपन एवं थनेला की है। बांझपन खनिज लवणों की कमी के चलते हो जाता है। ऐसे में पशु पालकों को पर्याप्त पशुओं को खनिज मिश्रण खिलाने चाहिए ताकि इस रोग पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एसडीओ पशु पालन डा भूप सिंह के निर्देश पर शिविर आयोजित किया गया है जिसमें इस प्रकार की जानकारी दी जाती है। उन्होंने कहा कि थनेला एक ऐसा रोग इस क्षेत्र में पाया जाता है कि जिससे पशु का दूध कम हो जाता है। यदि पशु पालक पशु के दूध में कोई बदलाव देखता है या थन में सोजन आदि नजर आता है तो उसे तुरंत अपना दूध चेक करवाना चाहिए। महेंद्रगढ़ स्थित लैब में इस रोग की जांच की जाती है ताकि इसका तुरंत प्रभाव से इलाज किया जा सके ।इस मौके पर विभिन्न पशु पालकों को विभिन्न प्रकार की पशु संबंधित दवाई प्रदान की गई।
फोटो कैप्शन 9: पशु का इलाज करते डा पवन कंागड़ा।
नटवरलाल पकडऩे के बाद दुकानदारों ने ली राहत की सांस
-जल्द ही अपने सामान की राशि मिलने की आस
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कनीना। विगत करीब एक वर्ष से कनीना क्षेत्र में आधा दर्जन दुकानदारों को ठगी का शिकार बना चुका नटवरलाल जहां गत दिनों पुलिस के हत्थे चढ़ गया है वहीं दुकानदारों ने राहत की सांस ली है। कनीना के तीन तथा सेहलंग का एक दुकानदार नटवरलाल द्वारा ठगे जाने के बाद जहां मामला भी कनीना थाने में दर्ज हुआ था वहीं कुछ दुकानदारों ने तो मामला भी दर्ज न करवाकर ठग द्वारा पैसे लौटाये जाने की बाट जोहते रहे। अब तो उन्होंने मान लिया कि उनकी हजारों रुपये की राशि अब नहीं आनी।
जहां ठग बार बार ठगी कर ले जाता और पकड़ में न आने से दुकानदारों में पुलिस के प्रति असंतोष पनप रहा था, अब उन दुकानदारों ने राहत की सांस ली है। पुलिस प्रशासन द्वारा नटवरलाल को पकड़ लिए जाने के बाद जहां कनीना के ठगे गए दुकानदारों को ले जाकर पहचान भी करवा ली गई है वहीं अब दुकानदारों ने राहत की सांस ली है। वहीं अब उनकी नजरें उनकी ठगी गई राशि वापस मिलने पर टिक गई है। जहां सेहलंग गांव का बिजली का सामान बेचने वाला हाल ही में ठगाई में आया था वही कनीना क्षेत्र के दो परचून दुकानदार एवं एक कपड़े की दुकान करने वाले ठग का शिकार बने थे।
उल्लेखनीय है कि नटवरलाल ने जहां कनीना में आधा दर्जन से भी अधिक दुकानदारों को विगत 1 वर्ष में लाखो रुपये की चपत लगाई परंतु सभी दुकानदारों ने मामला कनीना थाने में दर्ज नहीं करवाया। महज मायूस होकर बैठ गये थे। दुकानदार भरपूर सिंह, अरुण कुमार एवं सुमेर सिंह ने बताया कि यह ठग बहुत ही होशियारी से ठगी करता आ रहा था परंतु पकड़ में नहीं आ रहा था। कभी किसी दुकानदार को किसी बहाने से कभी किसी दुकानदार को किसी बहाने से बहुत चपत लगाई थी किंतु अब आखिरकार पुलिस ने पकड़ लिया है। उन्हें इस बात की खुशी है कि बस अब भविष्य में कोई अन्य दुकानदार इस ठग की ठगी का शिकार नहीं हो पाएगा। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि किसी प्रकार ठग द्वारा ठगी उनकी राशि दिलवाई जाए।
प्रदेश के पहले बाजरे के उत्पाद केंद्र की कहानी.....
-तीन माह पहले था ललित बेरोजगार,आज दे रहा है कइयों को रोजगार
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कनीना। कनीना से महज 3 किलोमीटर दूर करीरा गांव का ललित कुमार 25 अक्टूबर 2020 से पहले रोजगार की तलाश में था किंतु उनके पिता तथा कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ ने उनके मन में बाजरे से बने उत्पादों के प्रति ऐसी ललक जगाई कि उन्होंने महज 3 महीने की अर्से में ही नाम कमा लिया है और अनेक लोगों को रोजगार दे रहा है। युवा ललित कुमार के पिता महाबीर सिंह एक अग्रणी किसान है किंतु उनका पुत्र ललित कुमार पढ़ लिख कर रोजगार की तलाश में घूम रहा था तभी उन्हें राजस्थान में जोधपुर में बनने वाले बाजरे के प्रोडक्ट की जानकारी हासिल हुई। तत्पश्चात हरियाणा में इस प्रकार के उत्पाद बनाने का निश्चय उन्होंने किया। इस प्रकार हरियाणा प्रदेश का ग्रामीण क्षेत्र में बाजरे के विभिन्न उत्पाद बनाने की श्रंखला में पहला केंद्र स्थापित किया गया।
ललित उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ से संपर्क करके बाजरे के उत्पाद बनाने की कला हासिल की। तत्पश्चात उन्होंने 25 अक्टूबर 2020 को अपने घर पर ही बाजरे के उत्पाद बनाने वाली मशीन स्थापित कर और उसका शुभ आरंभ हरियाणा के मंत्री ओमप्रकाश एडीओ ने किया। तब से लेकर आज तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्तमान में उन्होंने 5 व्यक्तियों को रोजगार दिया हुआ है और वो अच्छी खासी आय ले रहा है। जो व्यक्ति बाजरा खाने से हिचकिचा रहे थे वे अब बाजरे के उत्पाद खा रहे हैं। उन्होंने लोगों में एक नई जान पैदा कर दी है। ललित कुमार का कहना है कि वो अक्टूबर 2020 बिल्कुल बेरोजगार हो गया था किंतु कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ से प्रोसेसिंग वैज्ञानिक डा पूनम यादव ने उन्हें बाजरे के उत्पाद तैयार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बाजरे के प्रोडक्ट्स बनाने की न केवल ट्रेनिंग दी अपितु चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार भी अपनी तरफ से भेज कर ट्रेनिंग दिलवाई। फिर तो मशीन स्थापित कर अक्टूबर 2020 को अपना काम शुरू कर दिया। घर पर काम शुरू किया धीरे-धीरे मार्केट में इतनी मांग बढ़ गई कि माल कम पडऩे लग गया। उपभोक्ताओं का बेहतर उत्तर मिल रहा है। ललित कुमार कमा रहे हजारों रुपये जिससे अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे।
प्रारंभ में एक कारीगर उन्होंने लगाया और कुछ उत्पाद तैयार किये। फिर उत्पादों की मांग भी बढ़ती गई। प्रारंभिक बाजरे के बिस्कुट और केक बनाने शुरू किए तत्पश्चात उन्होंने आधा दर्जन उत्पाद बाजरे के बनाने शुरू कर दिए। अब पांच कारीगर बाजरे के उत्पाद उनके घर पर तैयार करते हैं।
वे सुबह चार बजे से शाम 7 बजे तक काम करते रहते हैं। बीच-बीच में प्रोसेसिंग वैज्ञानिक पूनम यादव भी आकर ट्रेनिंग देती रहती ।है उनके सहयोग भी मिलता है 3 महीने में उन्होंने अच्छा खासा नाम कमाया है। इस समय बाजरे के इडली डोसा, बिस्कुट, केक बड़े, बाजरे की म_ी, बाजरे के फैन, बाजरे के समोसे, कचोरी आदि बना रहे हैं। घर पर ही अपनी मांग है कि लोग खाने के लिए उनके पास पहुंच जाते हैं।
बिस्कुट के बारे में उनका कहना है कि यह ग्लूटेन मुक्त होते हैं जो शरीर के लिए फाइबर प्रदान करते हैं जिनमें शूगर की समस्या है वह भी इन्हें ले सकते हैं। इसके अलावा प्रोटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस और लोहा जैसे तत्व भी मिल जाते हैं। इसी प्रकार बाजरे की कचौड़ी से के बारे में उनका कहना है कि कोई बुरा प्रभाव शरीर पर नहीं पड़ता। बाजरे के पिज्जा के प्रति बच्चों का अधिक रुझान है। जिसमें क्रीम, सब्जी डालकर बनाया जाता है। बाजरे के बड़ों(दही बड़ा)के बारे में युवा बहुत आकर्षित हो रहे हैं वही उनका केक दूर-दराज तक जा रहा है। ललित कुमार का कहना है कि बाजरे का केक एनर्जी प्रदान करता है कालस्ट्राल कम करते हैं जो दिल के लिए लाभकारी है। आज वह अपने पैरों पर खड़े होकर समाज को एक नई दिशा प्रदान कर रहा है।
क्या कहते हैं प्रोसेसिंग वैज्ञानिक-
प्रोसेसिंग वैज्ञानिक डा पूनम यादव का कहना है कि प्रदेश में बाजरे के उत्पाद का केंद्र स्थापित होने से जहां क्षेत्र में पैदा होने वाला बाजरा काम में लाया जाता है वहीं लोग बाजरा खाने से हिचकिचाते हैं वे बाजरे के उत्पाद प्रयोग कर बाजरा खुश होकर खा लेते हैं। बाजरा सेहत के लिए लाभकारी है। इससे रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
फोटो कैप्शन 01: बाजरे से निर्मित विभिन्न उत्पाद दिखाते हुए
फोटो कैप्शन 02: बाजरे का केक।
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