Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Wednesday, February 10, 2021

धरना तीसरे दिन जारी,पालिका के पूर्व प्रधान पहुंचे समझाने, ठुकराया
***************






********************************************
*****************************************************
*************************************************************
 कनीना। पंचायत समिति की दुकानों में बैठे दुकानदारों का धरना तीसरे दिन भी जारी रहा।
तीसरे दिन कनीना नगरपालिका  के पालिका के पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा दुकानदारों के बीच पहुंचे और उन्हें समझाया कि सरकार एवं सीताराम विधायक की ओर से उनको पूर्ण रूप से आश्वासन दिया जाता है कि उनकी दुकानें टूटी तो उन्हें नई जगह दी जाएगी। उन्होंने खुलासा किया कि बहुत लंबे संघर्ष के बाद कनीना में ही न्यायिक परिसर और उपमंडल कार्यालय बनने निश्चित हुए हैं। अभी मौका हाथ से न जाने दे किंतु दुकानदारों ने उनकी बात को ठुकराते हुए कहा कि वे किसी भी कीमत पर धरना प्रदर्शन नहीं छोड़ेंगे। उन्हें पहले नक्शा दिखाया जाए तथा हाईकोर्ट लिखित रूप से आश्वासन दे तब ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा।


किसानों के हक की लड़ाई कमजोर नहीं पडऩे दी जाएगी-जसजीत
*******************************************************
*************************************************************
***********************************************************
कनीना। किसानों के हक की लड़ाई एक होकर लडऩा चाहिए, किसान पंजाब का हो चाहे हरियाणा, दिल्ली व यूपी का किसान सभी भारत के ही हैं। जब तक हमारी एमसपी पर सरकार बात नही मान लेती तब तक हम दिल्ली में इसी प्रकार से धरना व प्रदर्शन करते रहेंगे। ये विचार जलंधर से दिल्ली धरने में जा रहे किसान जसमीत सिंह ने कनीना में किसानों को ज्यादा से ज्यादा तादात में दिल्ली पहुंचने का न्यौता देते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र की सरकार द्वारा किसानों के साथ इस प्रकार का अन्याय नहीं करना चाहिए और उनकी इस जायज मांग को बिना देरी किए मानना चाहिए ताकि देश में सुख-शांति और अमन-चैन बरकरार रहे।  उन्होंने इनेलो पार्टी के वरिष्ठ नेता चौधरी अभय चौटाला द्वारा किसानों के समर्थन में अपने पद से त्यागपत्र देने पर बोलते हुए कहा कि वास्तव में अगर किसान का सच्चा हितैषी है जिन्होंने अपने विधायक के पद से त्यागपत्र देकर साबित कर दिया है।  इस अवसर पर इनके साथ किसान नेता जसमीत, अनमोल सिंह, हरमन सिंह, जग्गा सिंह आदि किसान नेता उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 8: किसानों के समर्थन में जाते लोग।


ककराला के अजीत सिंह का एम्स दिल्ली में नर्सिंग आफिसर के पद पर हुआ चयन
***********************************
*********************************
कनीना। उपमंडल के गांव ककराला अजित सिंह का एम्स दिल्ली में नर्सिंग आफिसर के पद पर चयन होने पर गांव में खुशी का माहौल है। अजीत सिंह का चयन होने पर ग्रामीणों ने लड्डू बांटकर खुशी मनाई।
उनके भाई नवीन कुमार ने बताया कि अजीत सिंह ने पीजीआई रोहतक द्वारा आयोजित नर्सिंग आफिसर की परीक्षा में भी पहली रैंक हासिल की थीं, लेकिन उन्होंने एम्स दिल्ली में नौकरी करना चुना है। उन्होंने अपनी दसवीं और बारहवीं गांव के ही सरकारी स्कूल से ही पास की है। उसके बाद बीएससी नर्सिंग जयपुर से पास की है। अभी वो कल्पना चावला मेडिकल कालेज में नर्सिंग आफिसर के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और दोस्तों को दिया। इस मौके पर बड़े भाई नवीन कुमार, एडवोकेट सुनील राव, कुलदीप डाक्टर और रोशन लाल , जय सिंह, नीरु, राकेश सहित गांव के अन्य लोग भी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन : अजीत कुमार।

समर्पण निधि के लिए लोग दे रहे हैं बेहतर सहयोग
***********************************
*****************************
कनीना। कनीना खंड के गांव बूचावास, झगड़ोली व नंगल हरनाथ गांवों से अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए निधि समर्पण की राशि देने में लोग अपना भरपूर सहयोग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य राम मंदिर बन रहा है उसके लिए पूरे देश से निधि सम्मान समर्पण की राशि इस समय एकत्रित की जा रही है। राशि को एकत्रित करने में गांव वाले अपना पूर्ण सहयोग दे रहे हैं। इसी में गांव बूचावास, झगड़ोली एवं नांगल हरनाथ के ग्रामीण घर घर जाकर भगवान राम के भव्य मंदिर के लिए समर्पण निधि एकत्रित कर रहे हैं।
नांगल हरनाथ गांव के वासी हनुमान मंदिर कमेटी के प्रधान सुरेंद्र सिंह समाजसेवी सूबेदार रामस्वरूप, हवा सिंह, पूर्व मुख्य पूर्व मौलिक मुख्याध्यापक महेश कुमार, काशीराम,अजेंद्र पीटीआई आदि अपनी टोली बनाकर घर-घर जाकर राम मंदिर के निर्माण हेतु निधि समर्पण की राशि एकत्रित कर रहे हैं। जिसमें उन्होंने बताया कि लोग बड़ी श्रद्धा से मंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग राशि दे रहे हैं कई कई कई ग्रामीण तो अपने परिवार के सभी सदस्यों के नाम से विधि समर्पण की राशि पूरी श्रद्धा के साथ दे रहे हैं। इसी तरह गांव बूचावास वह झगड़ोली के ग्रामीणों ने भी बताया कि गांव के लोग अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए निधि समर्पण की राशि पूरी श्रद्धा से दे रहे हैं। हनुमान मंदिर कमेटी के प्रधान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि लोगों के दिलों में भगवान राम के प्रति अटूट श्रद्धा है।
फोटो कैप्शन 7: नांगल हरनाथ में श्रीराम मंदिर समर्पण निधि इक_े करते हुये ग्रामीण। जागरण


वन हमारी जीवन रेखा-नरेंद्र कुमार
*********************************************************
***********************************

 कनीना। राजकीय महाविद्यालय कनीना के एनएसएस के सात दिवसीय शिविर में गांव ककराला में दूसरे दिन स्वयंसेवकों ने शहीद पार्क,पंचायत भवन तथा सरकारी स्कूल के पास मुख्य मार्गों की सफाई की। इस मौके पर मुख्य वक्ता नरेंद्र कुमार फारेस्ट रेंज अधिकारी महेंद्रगढ़ थे।
 नरेंद्र कुमार ने कहा कि वन हमारी जीवन रेखा है जहां वनों से जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं रोटी कपड़ा और मकान सभी प्राप्त होती हैं। यदि वन न हो तो वन्यजीव समाप्त हो जाएंगे और जीवन ही दुर्लभ हो जाएगा। ऐसे में उन्होंने वनों के संरक्षण पर बल दिया और कहा कि जब तक हो सके वनों को सुरक्षित रखना हमारा सभी का दायित्व बनता है। उन्होंने कहा कि अक्सर चोरी-छिपे लोग पेड़ काट देते हैं। यहां तक कि दावानल वनों को क्षति पहुंचती है। इसका खामियाजा हमें लंबे समय तक भुगतना होता है। परंतु हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए।
 बागवानी सुपरवाइजर अंकुश ने कहा कि आज के दिन खानपान से अनेक रोग लग जाते हैं। जहां जैविक खेती एकमात्र इन रोगों से बचाने का सरल उपाय है वह अपनी दिनचर्या में बागवानी पर ध्यान देना चाहिए। बागवानी पर समय लगाने से ध्यान भी इधर-उधर नहीं पलट पाता और पेड़ पौधे भी संरक्षित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में अगर आगे बढऩा है तो अपनी दिनचर्या में बदलाव करते हुए पेड़ पौधों की ओर ध्यान लगाना चाहिए। जहां निलेश कुमार ने योग के विषय में जानकारी दी वहीं एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी संदीप ककरालिया ने कहा कि सात दिवसीय शिविर में हमें जहां तक हो सके लोगों की सेवा करना चाहिए। लोगों की सेवा का धर्म सबसे बड़ा धर्म है और हमारा फर्ज बनता है। इस अवसर पर डा यतेंद्र, डा अजय, पूजा, बलराज,पूजा, रविंद्र, नीनू, राकेश आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 8: मुख्य वक्ता बतौर नरेंद्र सिंह संबोधित करते हुए।


समर्पण निधि के लिए लोग दे रहे हैं बेहतर सहयोग
***********************************
*************************
कनीना। कनीना खंड के गांव बूचावास, झगड़ोली व नंगल हरनाथ गांवों से अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए निधि समर्पण की राशि देने में लोग अपना भरपूर सहयोग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य राम मंदिर बन रहा है उसके लिए पूरे देश से निधि सम्मान समर्पण की राशि इस समय एकत्रित की जा रही है। राशि को एकत्रित करने में गांव वाले अपना पूर्ण सहयोग दे रहे हैं। इसी में गांव बूचावास, झगड़ोली एवं नांगल हरनाथ के ग्रामीण घर घर जाकर भगवान राम के भव्य मंदिर के लिए समर्पण निधि एकत्रित कर रहे हैं।
नांगल हरनाथ गांव के वासी हनुमान मंदिर कमेटी के प्रधान सुरेंद्र सिंह समाजसेवी सूबेदार रामस्वरूप, हवा सिंह, पूर्व मुख्य पूर्व मौलिक मुख्याध्यापक महेश कुमार, काशीराम,अजेंद्र पीटीआई आदि अपनी टोली बनाकर घर-घर जाकर राम मंदिर के निर्माण हेतु निधि समर्पण की राशि एकत्रित कर रहे हैं। जिसमें उन्होंने बताया कि लोग बड़ी श्रद्धा से मंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग राशि दे रहे हैं कई कई कई ग्रामीण तो अपने परिवार के सभी सदस्यों के नाम से विधि समर्पण की राशि पूरी श्रद्धा के साथ दे रहे हैं। इसी तरह गांव बूचावास वह झगड़ोली के ग्रामीणों ने भी बताया कि गांव के लोग अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए निधि समर्पण की राशि पूरी श्रद्धा से दे रहे हैं। हनुमान मंदिर कमेटी के प्रधान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि लोगों के दिलों में भगवान राम के प्रति अटूट श्रद्धा है।
फोटो कैप्शन 7: नांगल हरनाथ में श्रीराम मंदिर समर्पण निधि इक_े करते हुये ग्रामीण।


वन हमारी जीवन रेखा-नरेंद्र कुमार
**********************************
**************
 कनीना। राजकीय महाविद्यालय कनीना के एनएसएस के सात दिवसीय शिविर में गांव ककराला में दूसरे दिन स्वयंसेवकों ने शहीद पार्क,पंचायत भवन तथा सरकारी स्कूल के पास मुख्य मार्गों की सफाई की। इस मौके पर मुख्य वक्ता नरेंद्र कुमार फारेस्ट रेंज अधिकारी महेंद्रगढ़ थे।
 नरेंद्र कुमार ने कहा कि वन हमारी जीवन रेखा है जहां वनों से जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं रोटी कपड़ा और मकान सभी प्राप्त होती हैं। यदि वन न हो तो वन्यजीव समाप्त हो जाएंगे और जीवन ही दुर्लभ हो जाएगा। ऐसे में उन्होंने वनों के संरक्षण पर बल दिया और कहा कि जब तक हो सके वनों को सुरक्षित रखना हमारा सभी का दायित्व बनता है। उन्होंने कहा कि अक्सर चोरी-छिपे लोग पेड़ काट देते हैं। यहां तक कि दावानल वनों को क्षति पहुंचती है। इसका खामियाजा हमें लंबे समय तक भुगतना होता है। परंतु हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए।
 बागवानी सुपरवाइजर अंकुश ने कहा कि आज के दिन खानपान से अनेक रोग लग जाते हैं। जहां जैविक खेती एकमात्र इन रोगों से बचाने का सरल उपाय है वह अपनी दिनचर्या में बागवानी पर ध्यान देना चाहिए। बागवानी पर समय लगाने से ध्यान भी इधर-उधर नहीं पलट पाता और पेड़ पौधे भी संरक्षित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में अगर आगे बढऩा है तो अपनी दिनचर्या में बदलाव करते हुए पेड़ पौधों की ओर ध्यान लगाना चाहिए। जहां निलेश कुमार ने योग के विषय में जानकारी दी वहीं एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी संदीप ककरालिया ने कहा कि सात दिवसीय शिविर में हमें जहां तक हो सके लोगों की सेवा करना चाहिए। लोगों की सेवा का धर्म सबसे बड़ा धर्म है और हमारा फर्ज बनता है। इस अवसर पर डा यतेंद्र, डा अजय, पूजा, बलराज,पूजा, रविंद्र, नीनू, राकेश आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 8: मुख्य वक्ता बतौर नरेंद्र सिंह संबोधित करते हुए।

युवक गायब,मामला दर्ज
**********************************************
कनीना। कनीना उपमंडल के गांव कोटिया निवासी राज सिंह ने पुलिस में शिकायत की है कि उनका पुत्र संदीप 19 साल जो 10 + 2 में पढ़ता है तथा 7 फरवरी को प्रात: घर से कनीना के लिए गया था लेकिन वह लौटकर नहीं आया पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।

भैंस चोरी, मामला दर्ज
***************************************
 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव तलवाना में जगबीर सिंह ने शिकायत दर्ज करवाई है कि उनकी भैंस को जो प्लाट पर एक कटिया के साथ बंधी हुई थी, दरवाजों पर ताले लगे हुए थे। सोमवार को शाम के वक्त प्लाट पर बांध कर आया था। जब मंगलवार को जब जाकर देखा तो ताले टूटे हुए थे। अंदर से भैंस गायब थी। अज्ञात चोरों ने भैंस चोरी कर ली। कनीना पुलिस ने भैंस चोरी का मामला दर्ज कर लिया है।


जिले में 38 तथा कनीना खंड में 8 आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षकों की हुई छुट्टी, रोते बिलखते स्कूल से हुए घर के लिए रवाना
***********************************
************************************
 कनीना। हरियाणा सरकार में करीब 1 वर्ष के दौरान 1983 शारीरिक शिक्षकों, 1518 डी ग्रुप के कर्मियों को हाथ धोना पड़ा है और अब 816 कला शिक्षकों की नौकरी से छुट्टी कर दी गई है। जिला महेंद्रगढ़ में 38 कला शिक्षक थे जिनमें से 8 उपमंडल कनीना से संबंध रखते थे। स्कूलों में करीब 10-10 सालों से कार्यरत थे।
कनीना उपमंडल से 8 शिक्षक स्कूल से रोते हुए अपने घर के लिए रवाना हुए। उनकी नौकरी बर्खास्त कर दी गई है। ये सभी कला शिक्षक थे। विस्तृत जानकारी देते हुए धर्मपाल प्रधान ने बताया कि यह सभी कला शिक्षक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में लगे थे। 10 10 वर्षों की इनकी सेवा हो चुकी थी तथा इनकी भर्ती 2010 में की गई थी। तब से अब तक किए विभिन्न न्यायालयों में चक्कर लगा रहे थे। अंतत: हरियाणा सरकार ने निर्णय लेते हुए बुधवार को सभी शिक्षकों की सेवाएं बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिये जिस पर अमल करते हैं इन शिक्षकों को विभिन्न स्कूलों से कार्यभार मुक्त कर दिया। ये शिक्षक रोते बिलखते स्कूलों से निकले।
 मिली जानकारी अनुसार भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान 2006 में आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षकों की भर्ती के लिए 816 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। 2008 में परीक्षा आयोजित की गई थी जिसका परिणाम 25 मार्च 2010 को घोषित हुआ था। साक्षात्कार प्रक्रिया भी चली थी किंतु साक्षात्कार को आधार बनाकर एक याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की थी। जिसमें यह भर्ती रद्द करने की मांग की गई थी। 20 फरवरी 2015 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भर्ती को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया था किंतु ये शिक्षक तत्पश्चात सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका खारिज हो गई। आखिरकार हरियाणा सरकार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों का आदेश देते हुए 3 दिन के भीतर कार्यभार मुक्त करने के आदेश दिए किंतु जिला महेंद्रगढ़ के शिक्षा अधिकारी ने बुधवार को सभी शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया। जिसके चलते इन शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। इससे पहले पीटीआई भी इसी प्रकार से कार्यभार मुक्त हो गए थे। उनका भी करीब 1 साल से धरना आंदोलन जारी है।
 इस प्रकार शिक्षकों को हटाने पर क्षेत्र में भारी रोष पनप रहा है। विभिन्न शिक्षक नेता उन्हें शिक्षा विभाग में समायोजित करने की मांग कर रहे हैं।

किसानों के लिए मौत का कारण बन रहे लोहे के पोल एवं फव्वारा पाइप
**********************************
***********************
,कनीना। किसान के खेतों में खड़े बिजली के खंभे, बिजली की गुजरती हुई तार, फव्वारा पाइप, थ्रेसर मशीन अंग भंग करने एवं मौत के घाट उतारने में अहं भूमिका निभा रहे हैं। जितनी भी किसानों के साथ घटनाएं घट रहीं हैं उनमें इनका ही अहं योगदान है।
  बिजली विभाग द्वारा कहने को तो बिजली के सभी लोहे के खंभे बदल दिए गए हैं किंतु अभी भी खेतों में ये लोहे के पाइप देखने को मिल रहे हैं। कहीं बिजली की छोटी लाइन तो कहीं बड़ी लाइन का जाल बिछा हुआ है जो थोड़ी सी असावधानी के चलते उन्हें काल का ग्रास बना रहे हैं। रही सही कसर थे्रसिंग मशीन भी उनको अपंग बना रही हैं। किसानों को सांप काटने, पैर में शूल लगने जैसी कई अन्य घटनाओं का सामना भी करना पड़ रहा है।
लटकते तार-
किसानों के खेतों में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में कई स्थानों पर बिजली के तार लटकते रहते हैं। कई जगह तो ये तार इतनी नीचे होते हैं कि किसान के शरीर से काम करते वक्त छू जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है। बार-बार शिकायत करने पर भी समाधान नहीं मिलता। बार बार शिकायत पर भी खेतों के तार टाइट नहीं किये जाते हैं।
लोहे के पोल-
किसान के खेतों में आज भी लोहे के पोल खड़े हैं। इन पोल में बिजली का करंट आने की पूरी संभावना होती है। बिजली के पोल को सहारे देने वाली तारों से न केवल जन की हानि विगत में बहुत हुई हैं वहीं पशुधन की मौत भी हो रही है। कई बार तो बिजली के तार ही टूटकर गिर जाते हैं जिससे मौत हो रही हैं। बिजली के घिसे पिटे तार बदले नहीं जाते हैं।
फव्वारा पाइप-
किसानों की अकारण मौत का एक कारण एल्युमिनियम का पाइप भी है। अक्सर देखने में आता है कि किसान फव्वारा पाइप लाइन को बदलने के लिए खेत में जाता है और थोड़ी सी असावधानी के चलते पाइप को ऊपर उठाकर ऊपर से गुजर रही बिजली की लाइन से छू जाता है और मौत हो जाती है।
बिजली की तारों का जंजाल-
लगभग हर दूूसरे-तीसरे किसान के खेत में से बिजली की तारें गुजर रही हैं। ये तारें या तो छोटी लाइन या बड़ी लाइन नाम से जानी जाती हैं। हर गांव में पावर हाउस बन जाने से भी तारों का जाल बिछ गया है। ये तारों के जंजाल जहां जीव जंतुओं के लिए समस्या बन गए हैं वहीं इनसे इंसानी जीवन को खतरा बन गया है।
थेसिंग्र मशीन-
किसान फसल कटाई के बाद या तो थ्रेसर से अन्न निकालते वक्त या ट्रैक्टर से अन्न निकालते वक्त अंग भंग का शिकार बन जाता है या कई बार मौत हो जाती है।
क्या मिलता है दुर्घटना पर-
सरकार द्वारा परिवार के मुखिया की मौत होने पर जहां आर्थिक सहायता दी जाती है। खाद लेने पर बीमा की योजना चलाई थी। पूर्व चेयरमैन राजकुमार कनीनवाल का कहना है कि सरकार अंग भंग होने या किसान की मौत पर राहत राशि देती है।
समस्याओं का कैसे हो समाधान-
किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, अजीत कुमार का कहना है कि किसान को सचेत होकर खेतों में काम करना चाहिए। हो सके तो एल्युमिनियम की बजाय प्लास्टिक के पाइप प्रयोग करने चाहिए। थ्रेसिंग पर काम करते वक्त भी सावधानी की जरूरत है।
बिजली के खंभों के स्थान पर सिमेंट के खंभे विभाग को लगाने चाहिए।
फोटो कैप्शन 3: खेतों में खड़े लोहे के खंभे।




कनीना को नहीं मिल पाई है उपमंडल की सुविधाएं
***********************************
***********************
,कनीना। कनीना को दूर दराज तक संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ के नाम जाना जाता है। कनीना को उपमंडल बने कई 7 वर्ष बीत गए हैं किंतु उपमंडल जैसी कोई सुविधा अभी तक नहीं मिली है। इसके चलते कनीना वासी बेहद परेशान है।
 कनीना उपमंडल में बसों की सुविधा नहीं मिल रही है। देर रात को दूर दराज जाने के लिए कोई बस बस स्टैंड से नहीं मिल रही है। कभी बीकानेर, चंडीगढ़, फतेहाबाद, यमुनानगर तक की सुविधाएं मिलती थी किंतु वर्तमान में ये सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। कोविड-19 के बाद तो स्थिति खराब होना स्वाभाविक हैं। ट्रेन जैसी सुविधा भी कनीना वासियों को नसीब नहीं हो रही है।  करीब 90 साल पहले निर्मित कनीना खास रेलवे स्टेशन तो है लेकिन इस पर फास्ट एवं सुपरफास्ट कोई ट्रेन नहीं रुक रही जिसके चलते यात्री बेहद परेशान है। कोविड-19 के चलते तो सभी ट्रेन प्रभावित हो चुकी हैं। यह एकमात्र ऐसा उपमंडल है जहां के रेलवे स्टेशन पर सभी ट्रेन कभी नहीं रुकी हैं। राजनीति में अकड़ रखने वाले कनीनावासी ट्रेन सेवा पाने से भी वंचित हैं।
अभी तक उपमंडल कार्यालय तथा न्यायिक परिसर भी निर्मित नहीं हो पाया है। न्यायिक परिसर निर्माण में कभी दुकानदारों का धरना तो कभी अधिकारियों साइट की समस्या को लेकर आज तक अधर में लटका हुआ है।
 पूर्व सीपीएस अनीता यादव ने कनीना को मंडल का दर्जा दिलवाने अहम भूमिका निभाई थी। उस वक्त कनीना की पीपल वाली बणी में न्यायिक परिसर बनाने की चर्चाएं जोरों पर चली किंतु दफन हो गई। तत्पश्चात भाजपा सरकार आने से कई आशाएं जगी थी किंतु अभी तक न्यायिक परिसर निर्माण कार्य शुरू नहीं करवाया गया है। अब कनीना में ही भवन निर्मित किये जाने की कवायद शुरू हुई तो दुकानदारों का धरना परेशानी बन गया है।
 अभी तक कनीना का बाइपास एवं अटेली मार्ग पर रेलवे पुल का निर्माण नहीं हो पाया है जिसके चलते जहां कनीना बस स्टैंड पर भीड़,जाम एवं अतिक्रमण सिर उठाये हुये हैं वहीं अटेली मार्ग पर रेलवे पुल निर्मित किया जाना अधर में लटका हुआ है। यही नहीं कनीना मंडी होते हुये गुजरने वाली नहर को भूमिगत करके रेवाड़ी-अटेली रोड़ तक का वैकल्पिक मार्ग निर्माण भी अधर में अटका हुआ है। न जाने कब कनीना के दिन बहुरेंगे।
फोटा कैप्शन 4: संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ आश्रम कनीना। 

No comments: