अब तो आर पार की लड़ाई के मूड में है धरने पर बैठे दुकानदार
*********************************************************
************************************************************
*****************************************************
कनीना। विगत 8 दिनों से एसडीएम कार्यालय के समक्ष चल रहे पंचायत समिति की दुकानों में बैठे दुकानदारों का अनिश्चितकालीन धरना अब आर-पार लड़ाई के मूड में पहुंच गया है। जहां कनीना के कुछ लोगों ने मध्यस्थता करते हुए मामले को सिरे चढ़ाने का प्रयास किया किंतु धरने पर बैठे दुकानदारों ने सभी की दलील और आश्वासन खारिज कर दिये और अब तो आर पार की लड़ाई लडऩे के मूड में है वही कोर्ट के फैसले पर भी नजर टिकने लगी है।
सैकड़ों दुकानदार और सैकड़ों परिवार इन दुकानों पर निर्भर करते हैं किंतु एक निर्णय लेने के उपरांत सभी दुकानदार अब धरने पर बैठे हैं। धरने को धीरे-धीरे कुछ लोग समर्थन देते आ रहे हैं जिससे एक बार फिर से कनीना में अनेकों चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सरकार और प्रशासन तो दो वर्ष पहले से ही कनीना में न्यायिक परिसर और उपमंडल कार्यालय बनाने के लिए सहमत नहीं थे किंतु 67 दिनों तक चले कनीनावासियों के धरना प्रदर्शन के बाद यह दिन आया था कि आखिरकार सभी उपमंडल स्तर के कार्यालय कनीना में निर्मित होंगे।
परंतु कार्यालय के निर्माण में दुकानें अड़चन मानी जाने लगी और अब एक नई समस्या उभरकर कस्बा वासियों के समक्ष खड़ी है या तो कस्बावासी एवं प्रशासन इनकी समस्या हल करें वरना अपना आंदोलन ये दुकानदार जी जान से लड़ेंगे। बेशक सरकार का कोई नुमाइंदा इनसे मिलने और आश्वासन देने अभी तक नहीं आया है किंतु इन्होंने मन में पक्का ठान रखा है कि जो कुछ हम करेंगे वह हमारे हित में होगा। यही कारण है कि अब इनके सुलहनामा करने वाले कोसों दूर नजर आने लगे हैं। अब तो तमाशबीन बनकर लोग देख रहे हैं कि दुकानदारों में कितना हौसला है? कुछ लोग तो यहां तक कि यह कहने लग गए हैं कि यह आंदोलन कुछ नया करके दिखाएगा। आखिर क्या रंग लाता है यह तो परिणाम आने के बाद ही कहा जाएगा परंतु यह आवाज लोगों के मुंह पर देखने को मिल रही कि धरना प्रदर्शन लंबा चला तो न्यायिक परिसर और उपमंडल कार्यालय कुछ लोगों की इच्छा अनुसार समीपी गांवों में चले जाएंगे। यहां तक की कुछ लोग तो दबी जुबान से यह भी कह रहे हैं कि दुकानें बचाओ, दुकानदारों की रोटी रोजी बचाओ चाहे अंजाम कुछ भी हो। बहरहाल अब नजरें दुकानदारों पर टिकी हुई है।
जल्दी ही पालिका प्रशासन भी पार्षदों की बैठक बुला रहा है जिसमें शापिंग कांप्लेक्स का निर्माण मुख्य मुद्दा होगा।
धरने पर बैठे दुकानदार अब आक्रामक मूड में नजर आए। यही कारण है कि मध्यस्थता करने वाले नजर नहीं आ रहे हैं। दुकानदारों के हौसले बुलंद है और वे कहते हैं कि आप हमारी जीत निश्चित है। वे अपनी दुकानों को बचाएंगे चाहे कोई बलिदानी देनी पड़े।
अनिश्चितकालीन धरना 8वें दिन भी रहा जारी
-कई जन व पार्षद पहुंचे समर्थन देने
*************************************************************
कनीना। कस्बा कनीना की पंचायत समिति की दुकानों में बैठे दुकानदारों का धरना आठवें दिन में प्रवेश कर गया। लगातार सैकड़ों दुकानें बंद हैं।
धरने के आठवें दिन जहां उनको समर्थन देने श्रीराम शर्मा बाघोत, राजकुमार कनीनवाल मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन, मनीष पार्षद आदि धरना स्थल पर पहुंचे और अपना पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा की दुकानें भी बची रहे और न्यायिक परिसर भी यहीं बने, इसके लिए कोई मार्ग ढूंढना चाहिए। तत्पश्चात पार्षद कमल, पार्षद मा. दिलीप सिंह वार्ड एक , बसपा नेता अतरलाल भी धरना स्थल पर पहुंचे। सभी ने उनका सहयोग करने का आश्वासन दिया।
व्यापारी एकता मंच के अध्यक्ष महेश बोहरा ने बताया कि 8 दिनों से दुकानदार प्रात: दस बजे से शाम पांच बजे तक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। लोगों का और पंचायतों का अच्छा समर्थन मिल रहा है किंतु प्रशासन तथा सरकार की ओर से उनसे मिलने कोई नहीं आया है।
सैकड़ों दुकानदार जो धरना स्थल पर बैठे हैं तथा उनके समर्थन में आने वाले लोग यही बात दोहरा रहे हैं कि व्यापारियों की दुकानें भी बची रहे तथा न्यायिक परिसर कनीना में ही निर्मित हो। इसके लिए कोई वैकल्पिक मार्ग भी अपनाने की मांग कर रहे हैं।
बहरहाल दुकानदार अपनी दुकानों के सामने ठेले पर सामान बेचने वालों को भी नई खड़ा होने दे रहे हैं। ये सभी दुकानें पंचायत समिति की है।
उधर कनीना नगर पालिका के प्रधान सतीश जेलदार पहले ही आश्वासन दे चुके हैं कि किसी की दुकानदार की दुकान अगर टूटती है तो नगरपालिका उनको कांप्लेक्स बना कर दुकान देगी। नगर पालिका प्रधान ने बताया कि जल्द ही बैठक आयोजित हो रही है जिसमें कांप्लेक्स बनाने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि जो भी समाधान निकल पाएगा उसके लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
अब सभी की नजरें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चल रहे दुकानदारों के केस पर टिक गई है जिसकी सुनवाई मार्च माह में होने जा रही है।
अनिश्चितकालीन धरना 8वें दिन भी रहा जारी -कई जन व पार्षद पहुंचे समर्थन देने
******************************************************************
कनीना। कस्बा कनीना की पंचायत समिति की दुकानों में बैठे दुकानदारों का धरना आठवें दिन में प्रवेश कर गया। लगातार सैकड़ों दुकानें बंद हैं।
धरने के आठवें दिन जहां उनको समर्थन देने श्रीराम शर्मा बाघोत, राजकुमार कनीनवाल मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन, मनीष पार्षद आदि धरना स्थल पर पहुंचे और अपना पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा की दुकानें भी बची रहे और न्यायिक परिसर भी यहीं बने, इसके लिए कोई मार्ग ढूंढना चाहिए। तत्पश्चात पार्षद कमल, पार्षद मा. दिलीप सिंह वार्ड एक , बसपा नेता अतरलाल भी धरना स्थल पर पहुंचे। सभी ने उनका सहयोग करने का आश्वासन दिया।
व्यापारी एकता मंच के अध्यक्ष महेश बोहरा ने बताया कि 8 दिनों से दुकानदार प्रात: दस बजे से शाम पांच बजे तक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। लोगों का और पंचायतों का अच्छा समर्थन मिल रहा है किंतु प्रशासन तथा सरकार की ओर से उनसे मिलने कोई नहीं आया है।
सैकड़ों दुकानदार जो धरना स्थल पर बैठे हैं तथा उनके समर्थन में आने वाले लोग यही बात दोहरा रहे हैं कि व्यापारियों की दुकानें भी बची रहे तथा न्यायिक परिसर कनीना में ही निर्मित हो। इसके लिए कोई वैकल्पिक मार्ग भी अपनाने की मांग कर रहे हैं।
बहरहाल दुकानदार अपनी दुकानों के सामने ठेले पर सामान बेचने वालों को भी नई खड़ा होने दे रहे हैं। ये सभी दुकानें पंचायत समिति की है।
उधर कनीना नगर पालिका के प्रधान सतीश जेलदार पहले ही आश्वासन दे चुके हैं कि किसी की दुकानदार की दुकान अगर टूटती है तो नगरपालिका उनको कांप्लेक्स बना कर दुकान देगी। नगर पालिका प्रधान ने बताया कि जल्द ही बैठक आयोजित हो रही है जिसमें कांप्लेक्स बनाने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि जो भी समाधान निकल पाएगा उसके लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
अब सभी की नजरें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चल रहे दुकानदारों के केस पर टिक गई है जिसकी सुनवाई मार्च माह में होने जा रही है।
फोटो कैप्शन 7: पूर्व चेयरमैन मार्केट कमेटी राजकुमार कनीनवाला का स्वागत करते व्यापरी एकता मंच के पदाधिकारी।
हरिन व हेमलता रहे सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवक
-सात दिवसीय एनएसएस शिविर संपन्न
*******************************************************
कनीना। गांव ककराला में राजकीय महाविद्यालय कनीना के तत्वाधान में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस शिविर का सोमवार को समापन हो गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि श्रीकृष्णा राजकीय महाविद्यालय कंवाली के प्राचार्य पीबी आर्य रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा एसएस यादव ने की।
श्री आर्य ने एनएसएस की स्थापना से लेकर अब तक की विस्तृत जानकारी देते हुए स्वयंसेवकों को समाज सेवा के लिए तत्पर रहने तत्पश्चात बड़ों का सम्मान करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अच्छे गुण अपनाने के लिए प्रेरित किया तथा जिंदगी में कभी झूठ ना बोलने की प्रतिज्ञा दिलवाई। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से इस जहान में जो जी रहा है उसे हर क्षेत्र में सफलता मिलती है वरना सफलता कोसों दूर नजर आती है। उन्होंने जनसेवा में मन लगाने पर भी बल दिया।
इस मौके पर प्रोफेसर संजय जिंदल, डा विनोद यादव व डा हरिओम भारद्वाज,पूर्व इंस्पेक्टर धर्मपाल यादव ने शिविर के प्रति अपने विचार रखे। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी संदीप ककरालिया ने बताया कि सात दिवसीय कैंप में प्रतिदिन अलग-अलग विभागों से अधिकारी एवं शिक्षाविद उपस्थित रहे जिन्होंने अपने विचार रखें तथा सकारात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित किया। स्वयंसेवकों ने साफ सफाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। हरिन व हेमलता सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवक रहे। उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर ग्राम वासियों ने एनएसएस स्वयंसेवकों एवं एनएसएस अधिकारी का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। मंच संचालन कंवरपाल यादव ने किया। मौलिक मुख्याध्यापक राम निवास ने एनएसएस के स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित किया। इस मौके पर गांव के गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 6: एनएसएस श्ििावर के समापन समारोह में उपस्थित अधिकारी एवं स्वयंसेवक।
सब जूनियर जिला कुश्ती प्रतियोगिता की ट्रायल बुधवार को बाघोत में
***************************************************************
कनीना। सब जूनियर जिला कुश्ती प्रतियोगिता की ट्रायल सरदार पटेल स्पोर्ट्स फिजिकल एकेडमी बाघोत में बुधवार को करवाई जायेगी। नरेंद्र पहलवान ने जानकारी देते हुए बताया कि खिलाडिय़ों का वजन बुधवार सुबह 8 बजे से शुरू किया जाएगा। जिसमें खिलाडिय़ों को दो किलो वजन की छूट भी दी जाएगी। सभी पहलवान अपना वास्तविक जन्म प्रमाण पत्र, ओरिजिनल आधार कार्ड के साथ दोनों की एक एक फोटो प्रति, एक पासपोर्ट साइज फोटो, अवश्य लेकर आये। इस प्रतियोगिता में विजेता पहलवान 26 जून से 28 जून को गुडगांव में होने वाली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे।
सुनील अत्रि भारतीय किसान यूनियन जनशक्ति के बने प्रदेश उपाध्यक्ष
********************************************************************
कनीना। भारतीय किसान यूनियन जनशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह एवं युवा प्रदेश अध्यक्ष विवेक भैरो ने महेंद्रगढ़ जिले के गांव बाघोत निवासी सुनील अत्रि जो हाल में ही भारतीय किसान यूनियन जनशक्ति के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया है। अब तक ये जिला अध्यक्ष होते थे। प्रदेश उपाध्यक्ष बनने के बाद सुनील अत्रि ने कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए अथक प्रयास करूंगा। सुनील अत्रि पिछले 3 वर्षों से सामाजिक गतिविधियों में भी भाग ले रहे हैं। गांव में खाली जगह पर पौधारोपण करके प्रकृति को हरा-भरा करने का भी कार्य कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन : सुनील अत्रि
आंखें हैं तो जहान है- डा चौहान
*****************************************************
कनीना। कनीना उपमंडल के गांव रामबास में मुफ्त आंखों का शिविर आयोजित किया गया जिसमें महेंद्रगढ़ अस्पताल के सहायक नेत्र चिकित्सक सुमेर सिंह चौहान एवं उनकी टीम ने 157 मरीजों की आंखों की जांच की। जरूरतमंदों को निशुल्क दवाइयां वितरित की तथा चश्मे भी वितरित किए गए।
इस मौके पर सहायक चिकित्सक सुमेर सिंह चौहान ने कहा आंखें हैं तो जहान है। जब आंखें ही नहीं तो सारा संसार अंधकार में डूबा नजर आता है। ऐसे में उन्होंने आंखों की नियमित देखभाल करने पर बल दिया। उन्होंने आंखों की देखभाल के तरीके बताये। उन्होंने कहा कि यदि आंखों में कोई वस्तु गिर जाये तो खुद डाक्टर न बनना चाहिए। समय पर समय पर आंखों की जांच करवाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आंखों से जब तक दिखाई देता है तब तक इंसान जीवित है वरना वह नरक जैसा जीवन जीता है।
उन्होंने कहा कि आंखें ही इंसान को सुंदर जहान दिखाता है। इस मौके पर वेद प्रकाश नंबरदार, ज्ञानेश्वर निंबल, सत्यवीर सिंह, माया देवी पूर्व सरपंच, छोटेलाल पूर्व सरपंच, चांद सिंह सहित विभिन्न जन मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 5: आंखों की जांच करते सहायक नेत्र चिकित्सक सुमेर सिंह चौहान।
रसायनशास्त्र प्रवक्ता पद खाली, विद्यार्थी परेशान
***************************************************************
कनीना। कनीना खंड के गांव बूचावास के राजकीय स्कूल में विज्ञान संकाय तो है लेकिन रसायन शास्त्र विषय के प्रवक्ता का पद लंबे समय से रिक्त पड़ा है जिसके कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बूचावास के कार्यवाहक प्राचार्य सूबे सिंह चौहान ने बताया कि विद्यालय में कई वर्षों से 11वीं व 12वीं में विज्ञान संकाय तो है लेकिन विद्यालय में रसायन शास्त्र के प्रवक्ता का पद खाली है। उन्होंने शिक्षा विभाग से विद्यालय में रसायन शास्त्र विषय का अध्यापक उपलब्ध करवाने की मांग की है ताकि विद्यार्थियों की रसायन शास्त्र विषय की भी पढ़ाई अच्छी तरह से हो सके। कई विद्यार्थी रसायन शास्त्र का अध्यापक ना होने के कारण विज्ञान संकाय नहीं लेते हैं जिससे विज्ञान पढऩे का उनका सपना टूट जाता है। अध्यापक का पद रिक्त होने के कारण ही विद्यालय की छात्र संख्या भी धीरे-धीरे कम हो रही है।
उधर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में गणित शिक्षक का पद लंबे समय से खाली पड़ा है। विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या भी अच्छी है। गणित शिक्षक पद खाली रहने से शिक्षण प्रभावित हो रहा है। उधर अध्यापक नेता धर्मपाल शर्मा ने जिले के सभी रिक्त पदों को अविलंब भरने की मांग की है।
किसान दुखी हैं दीमक के प्रकोप से
*****************************************************
कनीना। दीमक नामक कीट किसानों के लिए सिरदर्द बना हुआ है तथा हर इंसान के लिए समस्या बना हुआ है। हर प्रकार की फसल हो या फिर कोई भी लकड़ी हो दीमक उसका खात्मा पलों में कर देती है। किसान के लिए तो दीमक एक आफत बनकर उभर रही है।
घर हो या दफ्तर या फिर किसानों की फसल, रद्दी पड़ी हो या सूखी लकड़ी, दीवार हो या गिली लकड़ी, पौधे हो या फूलदार शाक हर जगह सफेद एवं पीले रंग का यह कीट अपनी पहुंच बनाकर धीरे-धीरे उन्हें तबाह कर देता है। प्रत्येक वर्ष लाखों रुपये की क्षति तो अकेला यह दीमक नामक कीट ही पहुंचा रहा है। किसान को दीमक से फसल बचाने के लिए प्रयास करना होता है।
दीमक एक फौज के रूप में चलती है। सारा काम सैनिक दीमक करती हैं। दीमक जिस जगह पहुंच जाए वहां केवल मिट्टी ही मिट्टी दिखाई पड़ती है। दीमक जिस भी वस्तु को खाती है बस मिट्टी ही बनाकर दम लेती है। यही कारण है कि दक्षिण हरियाणा में तो दीमक प्रति वर्ष लाखों की क्षति पहुंचा देती है वहीं कागज एवं दफ्तरों की फाइलों का काम तमाम कर देती हैं।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी-
कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज यादव का कहना है कि दीमक अक्सर नमी वाले क्षेत्रों से दूर भागती है और नर्म स्थान एवं सूखे क्षेत्रों में बेहद परेशान करती है। यही कारण है कि जहां अधिक वर्षा होती है या फिर नहरों का पानी उपलब्ध है वहां दीमक नजदीक भी नहीं आती है वरना दक्षिण हरियाणा के लोगों को परेशान करके रख देती है। दीमक किसान की रबी एवं खरीफ की फसल में बेहद नुकसान पहुंचाती है। यह जड़ों को काट जाती है और जमीन में छुप जाती है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि दीमक को मार पाना आसान काम नहीं है। इसकी सूंघने की क्षमता अत्याधिक होने के कारण दवा को दूर से सूंघकर जमीन में चली जाती है। जब दवा का असर कम होता है तो पुन: बाहर आ जाती है। दीमक मार्च, जून, सितंबर एवं दिसंबर माह में अधिक निकलती है और उस वक्त खेतों में फसल खड़ी होती है जिसे भारी नुकसान पहुंचाती है। दस फीसदी तक फसल दीमक खराब कर देती है।
इनमें दवा निमारीन, फोरेट, क्लोरोपाइरीफास जैसी दवा डाली जाती है तो दीमक उसे दूर से ही सूंघकर भूमि में गहराई पर चली जाती है। यह उस जगह जाकर बैठ जाती है जहां दवा की बदबू नहीं होती है वहां जाकर बैठ जाती है।
किसान रोहित कुमार, योगेश कुमार, राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, सूबे सिंह का कहना है कि दीमक को भगाने एवं नष्ट करने के लिए किसान का न केवल काफी समय बर्बाद होता है अपितु धन की बर्बादी भी होती है। दीमक खेतों में पड़े चारे को भी खराब कर देती है।
फोटो कैप्शन 5: दीवार पर चढ़ी हुई दीमक।
6: हरे पेड़ पर दीमक का प्रकोप।
सर्दियों का उपहार ही नहीं गरीबों की रोटी रोजी का साधन भी है बेर
-निठल्ले लोगों के लिए प्रेरणा है रेहड़ी पर बेर बेचने वाले
**************************************************
कनीना। श्रीराम को भीलनी ने बेर खिलाकर भीलनी के बेर नामक कहावत चरितार्थ की। वहीं रुपए देर से कमा लिए जाते हैं। अधिक देखरेख की भी जरूरत नहीं है। इसे गरीबों का सेव और सर्दियों का उपहार माना जाता है। अब तो ये रोटी रोजी का साधन भी है। तीन से चार माह तक बेर चलते हैं।
जिला महेंद्रगढ़ के अनेकों किसान बेर से हजारों रुपए कमा रहे हैं। बीगोपुर में कृष्ण कुमार, महाबीर कसंह करीरा, सत्श्वीर सिंह मोड़ी, सुभाष मोडी, गजराज सिंह मोड़ी, नरदेव नांगल, जुगेंद्र गोमला, राजबीर सिंह सहित कई किसान बेर की पैदावार ले रहे हैं।
बेर पौष्टिक गुणों से भरपूर फल है जिसमें कार्बोहाइड्रेट, रुक्षांस/फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, विटामिन बी ,खनिज लवण, कैल्शियम, लोहा, फास्फोरस,पोटेशियम आदि भरपूर मात्रा में मिलते हैं। यह लगातार खाने से जहां मसूड़े स्वस्थ रहते हैं एवं दांतों की एक्सरसाइज हो जाती है।
डा वेद का कहना है कि बेर शरीर में कैंसर कोशिकाओं को पनपने से रोकने, वजन कम करने, विटामिन-सी और ए, पोटैशियम आदि प्रदान करते हैं। ये एंटीआक्सीडेंट का खजाना होने के साथ साथ त्वचा में चमक लाने में कारगर होते हैं। इसलिए बेर जरूर खाने चाहिए।
जिला बागवानी अधिकारी रेवाड़ी डा मंदीप यादव का कहना है कि पेड़ रेतीली मिट्टी़ में बेहतर पैदावार दे सकता है। जिला महेंद्रगढ़ का विशेषकर नांगल चौधरी क्षेत्र बेर के लिए ज्यादा कारगर है। वैसे तो बेर के अनेकों प्रकार है लेकिन गोला नामक प्रकार सबसे बेहतर माना जाता है । तत्पश्चात उमरान और कैथली नामक बेर अच्छे माने जाते हैं। बेर के लिए सबसे तार बाड़ जरूरी-
नील गाय बेरी को सबसे ज्यादा पसंद करती है।
रोटी रोजी का साधन-
बेर रोटी रोजी का साधन भी बना है। ये
खट्टे मीठे, लाल पीले विभिन्न रंगों के बाजार में ठेलों पर बिकते हैं। मोहन,देवेंद्र और संतू ने बताया कि वे ठेले पर बेर बेचते हैं। प्रतिदिन 500-800 रुपये तक कमा लेते हैं। बेर की मांग बढ़ती ही जा रही है। अमीर व्यक्ति तो विशेषकर बेर जरूर पसंद करते हैं।
फोटो कैप्शन 1: रेहड़ी पर बेर बेचता एक युवक।
सीआरपीएफ के पूर्व इंस्पेक्टर है किचन गार्डन रागी
************************************************************
कनीना। कनीना के संगम कालोनी निवासी एवं करीब 73 वर्षीय सीआरपीएफ इंस्पेक्टर पद से सेवानिवृत्त सत्यराज किचन गार्डन के अनुरागी हैं। अपने किचन गार्डन में विभिन्न प्रकार की मौसम अनुसार सब्जियां उगाकर न केवल अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं वहीं बाजार की सब्जियों पर बहुत कम आश्रित रहते हैं। वे अपनी सेहत का राज भी किचन गार्डन को बताते हैं।
उन्होंने बताया कि लंबे समय से किचन गार्डन करते आ रहे हैं। लगभग हर प्रकार की हरी सब्जी उनके किचन गार्डन में मिल सकती है। लोग चने की खेती भूल गए हैं किंतु उनके किचन गार्डन में बेहतर प्रकार के चने खड़े हैं। प्रतिदिन सुबह सवेरे 2 घंटे किचन गार्डन में एक्सरसाइज करते हैं ताकि सेहत भी बनी रहे। उनका कहना है कि किचन गार्डन में काम करने से उनकी एक्सरसाइज हो जाती है और वे अपने स्वास्थ्य को ठीक रखते हैं।
सत्यराज साहब ने बताया कि जैसे वे सेवानिवृत्त होकर आए हैं तब से किचन गार्डन की ओर उनका ध्यान गया है। बाजार की हरी पत्तेदार सब्जियां खरीदकर की बजाए अपने किचन गार्डन में तैयार की गई हरी सब्जियों को ही खाना पसंद करते हैं। उन्होंने बताया की खरीफ और रबी मौसम के अनुरूप ही वे किचन गार्डन में सब्जियां उगाते हैं। उनके किचन गार्डन में एक दर्जन से भी अधिक प्रकार की हरी पत्तेदार सब्जियां साथ में आलू,चना,प्याज, टमाटर, राई आदि खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखना उनकी प्राथमिकता है जिस पर वे सफल हुये है।
फोटो कैप्शन 2: सत्यराज साहब किचन गार्डन के संग।
दुकानदारों की हड़ताल के चलते ठेले पर फल बेचने वाले भी सड़कों पर
************************************************************
कनीना। कनीना कस्बे में जहां सैकड़ों दुकानदारों के 8 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर हैं तथा अपने धरने पर अडिग है वहीं अपनी बंद दुकानों के आसपास किसी भी ठेल वाले को ठेला नहीं लगने देते हैं। यही कारण है कि ठेले पर फल विक्रेता इधर उधर सड़क मार्ग पर फल बेचते नजर आ रहे हैं। उनका ठिकाना भी छूट गया है।
ठेले पर फल लगाने वाले शिवकुमार, बागड़ी
विकास, सुंदरलाल आदि ने बताया कि दुकानों के सामने ठेले पर फल बेचकर गुजर बसर करते थे किंतु जब से दुकानदार हड़ताल पर चले गये तब से अपनी दुकानों के आगे किसी ठेले को भी खड़ा नहीं होने दे रहे जिसके चलते वे मजबूरन अनाज मंडी तिराहे पर जमघट लगाए खड़े रहते हैं।
उन्होंने बताया कि उनकी मजबूरी है पेट पालना है। रेहड़ी पर फल आदि नहीं बेचेंगे तो उनका परिवार भूखा मरेगा। ठेले वाले यह भी मानते हैं जिस जगह सड़क के किनारे ठेला लगा रहे हैं वो खतरे से खाली नहीं है किंतु उनकी मजबूरी भी है। यही कारण है कि नगरपालिका के अधिकारी या अन्य कोई अधिकारी भी उनके अतिक्रमण को कुछ कहे बगैर आगे बढ़ जाते हैं।
उन्होंने बताया कि जब तक कि दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे वे इधर-उधर अपने ठेले को लगाकर पेट पालेंगे। उन्होंने बताया कि एक निश्चित ठिकाना होता था तो अधिक ग्राहक आते थे अब ग्राहक उन्हें ढूंढकर आगे बढ़ जाते हैं। इसलिए उनकी बिक्री भी अब घटती जा रही है।
फोटो कैप्शन 3: ठेले पर फल बेचते दुकानदार।
No comments:
Post a Comment