खेलों में हार जीत का महत्व-सीताराम
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कनीना। खेलों में हार जीत निश्चित होती है किंतु जो हार से सबक लेकर आगे बढ़ता है वह जरूर कामयाब होता है। ये विचार कनीना उपमंडल के गांव सेहलंग में खिमज माता के मेले में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल रही टीमों को पुरस्कृत करते हुए अटेली विधायक सीताराम ने ये विचार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि खेलों में भेदभाव विश्वासघात के बराबर होता है। खेलों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। हार और जीत को गले से लगाना चाहिए। इस मौके पर दिनभर माता मेला चला।
मेले में आयोजित वालीबाल प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार चांदावास की टीम ने जीता तथा द्वितीय पुरस्कार सेहलंग की टीम ने जीता। कबड्डी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार आदमपुर की टीम ने तथा द्वितीय पुरस्कार मन्दौला की टीम ने जीता। दोनों प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 21 हजार तथा द्वितीय पुरस्कार 15 हजार रुपये का दिया गया। कुश्ती 51 रुपये से 21 हजार रुपये तक की हुई। बड़ी कुश्ती बराबर में छूटी । संगीत कार्यक्रम रमेश कल्हावडिया का था वहीं दिनभर भंडारा चला। कुश्ती में 21000रु. की ईनाम के लिए छितरोली के मोहित (सरदार पटेल अकादमी, बाघोत), मंजीत.. गाँव. स्माल के बीच मुकाबला बराबरी पर छूट गया और दोनों में ईनाम की राशि आधी आधी बाँट दी.
फोटो कैप्शन 11: कुश्ती के पहलवानों के बीच सीताराम विधायक अटेली।
घर में बनी दुकान से चोरी का मामला दर्ज
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव सेहलंग से दुकान घर के अंदर बनी दुकान से चोरी करने का मामला दर्ज कर लिया है।
मिली जानकारी अनुसार रतन कुमार नामक सेहलंग निवासी ने मामला दर्ज करवाया है कि वह घर पर नहीं था तथा उनकी पत्नी राजेश घर पर थी तभी मोहित नामक एक लड़का आया और रतन कुमार के बारे में पूछा। राजेश ने बताया कि वह बाहर गया हुआ हैं तभी लड़का घर के अंदर बनी दुकान में घुस गया। राजेश ने शोर मचाया तो उनके साथ हाथापाई करके भागने लगा। भीड़ ने भी उन्हें पकडऩे का प्रयास किया किंतु वह भीड़ का लाभ उठाकर भाग खड़ा हुआ। जब उन्होंने दुकान के गल्ले को जाकर देखा तो गल्ले के पैसे चोरी हो चुके थे। उन्होंने मामला दर्ज कर गल्ले की राशि दिलवाने की मांग की है। कनीना पुलिस ने मोहित के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
जिले भर में विख्यात है कनीना का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय
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कनीना। स्टेडियम तथा सभी सुविधाओं से युक्त कनीना का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय न केवल भवन के मामले में अपितु बेहतरीन पार्क एवं पेड़ पौधों के बारे में जाना जाता है। यहां हजारों जिला शिक्षा अधिकारी, डाक्टर, वकील, प्रोफेसर लेक्चरर, प्राध्यापक ,पत्रकार पढ़कर निकले हैं। 1984 में बणी(जंगल) में यह विद्यालय तैयार किया गया था। तत्पश्चात लगातार अपनी बुलंदियों को छूता जा रहा है। विद्यालय में जहां बस स्टैंड के पास स्कूल का स्टेडियम भी है जहां समय-समय पर विभिन्न खेल कूद एवं अन्य गतिविधियां आयोजित होती रहती हैं। इस विद्यालय में जहां पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की न्यू एजूकेशन पालिसी 1986 के तहत कक्षाएं बैठाई गई थी। विद्यालय में दो समानांतर लाइनों में बेहतरीन 22 कमरे निर्मित हैं वहीं सुसज्जित लाइब्रेरी जिसमें हजारों पुस्तक के रखी हुई हैं जो विद्यार्थियों का ज्ञान बढ़ा रही हैं। पेड़ पौधों के मामले में इस विद्यालय का कोई मुकाबला नहीं है। अशोका के पेड़ जिस बेहतरीन तरीके से स्वर्गीय दीपचंद पहलवान चौकीदार ने लगाए थे वे आज भी उनकी याद दिला रहे हैं। जहां स्कूल कैंपस को चार बराबर भागों में बांटा गया है जिनमें घास के लान लगे हुए हैं वहीं एक भाग में कक्षाएं तथा एक भाग प्रार्थना एवं सभाएं आयोजित होती रहती हैं। बाबा मोलडऩाथ सत्संग मंडल की ओर से बहुत बड़ा हाल भी यहां निर्मित किया गया है जहां खंड भर के विद्यालयों की मीटिंग आयोजित होती रहती हैं। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय भी इस विद्यालय भवन के पीछे बना हुआ है। जहां विद्यालय में बास्केटबाल का बहुत पुराना खेल का मैदान है वहीं दिव्यांग विद्यार्थियों (सीडब्ल्यूएसएन)का खंड स्तर का केंद्र है जिनके लिए अन्य विद्यार्थियों से अलग शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। वर्तमान में इस विद्यालय को माडल संस्कृति का दर्जा दिया हुआ है तथा अब इसे सीबीएसई से मान्यता दी जा रही है।
यहां विद्यालय में दो अलग ट्रेड आईटी तथा पीसीए(पेसेंट केयर अटेंडेंट) सरकार एवं शिक्षा विभाग शुरू किए हुए हैं। लिगल लिटरेसी क्लब बना हुआ है वही बालिका मंच भी गठित किया हुआ है। विद्यालय में एनसीसी एवं एनएसएस ,विज्ञान क्लब बने हुए हैं। इस विद्यालय में जहां वर्तमान में 400 के करीब विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे वहीं 50 के करीब प्राचार्य काम कर चुके हैं। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी बीके सचदेवा यहां शिक्षण कार्य करने के बाद इस पद पर पहुंचे थे। विद्यालय जहां जहां आकर्षण का केंद्र बना हुआ है वही इस विद्यालय के बाहर के मुख्य द्वार पर पेंटिंग तथा अंदर जिस ढंग से पेंटिंग की हुई है वह भी आकर्षण का केंद्र है। उच्च विद्यालय में यदि जिला प्रशासन अधिक ध्यान दें विद्यालय जिलेभर में नंबर एक पर पहुंच सकता है।
विद्यालय में जहां कंप्यूटर युक्त कंप्यूटर लैब भी बनी हुई है वही वर्तमान में साइंस लैब, आर्ट एंड क्राफ्ट एवं स्टडी रूम निर्माणाधीन है। इस विद्यालय का बेहतरीन इतिहास रहा है।
फोटो कैप्शन 10: विद्यालय की सुंदरता को दर्शाती हुई।
बोर्ड की परीक्षाओं का बेहतर परिणाम लाने के किये जाये प्रयास-सुनीलदत्त
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कनीना। आगामी दो माह तक कठोर परिश्रम करके दसवीं एवं बारहवीं कक्षा के बोर्ड के परीक्षा परिणाम बेहतर लाने के भ्रसक प्रयास करने चाहिए। ये विचार जिला शिक्षा अधिकारी सुनीलदत्त यादव ने रावमाविद्यालय कनीना में शुक्रवार को आयोजित खंड स्तरीय स्कूलों के प्राचार्यों की बैठक को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि विगत वर्ष कोरोना के चलते शिक्षण कार्य सुचारु रूप से नहीं चल पाया है किंतु अब स्कूल खुल चुके हैं जहां गरीब तबके के अधिक विद्यार्थी आ रहे हैं। उनकी कड़ी मेहनत कर बेहतर परिणाम लाना चाहिए। जिस विषय का विगत वर्ष परिणाम अच्छा नहीं रहा था उस विषय पर अधिक ध्यान देना चाहिए। किसी भी शिक्षक की मदद लेकर परिणाम सुधारने का प्रयास करना है।
इसी कड़ी में उप जिला शिक्षा अधिकारी शक्ति पाल ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने भी बेहत परिणाम जाने के टिप्स दिये। उन्होंने कहा कि विशेष कक्षाएं लगाई जाए ताकि परीक्षा परिणाम अच्छा आ सके। तथा कार्यवाहक बीइओ अभयराम कनीना ने अपने विचार रखे व सभी अधिकारियों का स्वागत किया और सभी प्राचार्य ने आश्वासन दिया की विशेष कक्षा लगाकर और बच्चों पर विशेष ध्यान देकर मेहनत करवाकर परीक्षा परिणाम में सुधार करके दिखाएंगे।
इस अवसर पर अटेली खंड के बीइओ सन्तोष चौहान ,सुमेर सिह ,महेन्द्र सिह, कार्यवाहक प्राचार्य रमन शास्त्री ,सतबीर,ज्ञान सिह, बाबूलाल प्रधान व सभी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 8: परिणाम में सुधार लाने के लिए आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते जिला शिक्षा अधिकारी सुनीलदत्त यादव।
बेल वाली सब्जियां उगाने का सही वक्त- देवराज
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कनीना। कृषि विस्तार अधिकारी कनीना डा देवराज ने कहा कि बेल वाली सब्जियां उगाने का यह सही वक्त है। अगर पेड़ों की थोड़ी बहुत छंगाई करनी है तो भी इसी वक्त संभव है ताकि बसंत में नए पत्ते फूल उत्पन्न हो सके। उन्होंने कहा कि अक्सर फरवरी माह में पेड़ पौधों की पनपने का बेहतरीन समय होता है। ऐसे समय लौकी, तोरई, चप्पल कद्दू, भिंडी, ग्वार आदि अनेकों प्रकार की सब्जियां उगाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक को भी इस समय उगाया जा सकता है। साल भर में कई बार पालक उगाकर लाभ उठाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि यह वक्त फसल में दीमक आने का होता है। इस समय दीमक का प्रकोप फसल में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा किसानों को अपनी फसल दीमक से बचाने के पर्याप्त प्रबंध करने चाहिए। इस वक्त फिर से गर्मी तापमान बढऩे लगा है जिसके चलते फसल जल्दी पक सकती है किंतु पैदावार कम देगी।
अनिश्चितकालीन धरना 12वें दिन जारी
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कनीना। कनीना पंचायत समिति की दुकानों में बैठे दुकानदारों का अनिश्चितकालीन धरना 12वें दिन जारी रहा। उनकी मध्यस्थता करने कई लोग पहुंचे वहीं उनके धरने को समर्थन देने भी लोग पहुंचे किंतु नतीजा जस का तस रहा।
धरने से लेकर आज तक तक उन्हें समझाने प्रधान सतीश जेलदार, पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा, नगर पालिका के पूर्व प्रधान मा. दलीप सिंह, कमल पार्षद, मा दलीप सिंह पार्षद आदि अनेक जन धरना स्थल पर पहुंचे किंतु बात सिरे नहीं चढ़ पाई।
उधर नगरपालिका पार्षदों ने भी अब तक दो प्रस्ताव पारित कर लिये हैं जिनमें छह दुकानदारों को दुकानें टूटने की स्थिति में अन्यत्र दुकान देने तत्पश्चात जिस किसी दुकानदार की दुकान टूटती है तो उसके लिए नगरपालिका के पुराने कार्यालय के पास कांप्लेक्स बनाकर दुकानें दी जाएंगी। दुकानदार अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।
शुक्रवार को सुबह सवेरे नेताजी मेमोरियल क्लब उनका धरना स्थल तक जुलूस निकाला तथा व्यापारी एकता के नारे लगाये। तत्पश्चात धरने पर बैठ गए। दुकानदार महेश बोहरा, सुरेश कुमार, रवि कुमार, पवन कुमार, गोविंदा, मोदी राम, रूप तथा कई अन्य दुकानदारों ने कहा कि वे अपने फैसले पर अडिग हैं। जब तक उनकी दुकानें सुरक्षित नहीं हो जाती तब तक धरने से नहीं हटेंगे और न ही दुकान खोलेंगे। उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहते कि न्यायिक परिसर भी अन्यत्र बने। कुल मिलाकर नतीजा शून्य रहा, दुकानदार अपनी बातों पर अड़े रहे और धरने पर बैठे हैं।
फोटो कैप्शन 1: जुलूस निकालते हुए दुकानदार।
एक दर्शनीय स्थल के रूप में उभर रहा है बाबा मोलडऩाथ आश्रम
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कनीना। कनीना का बाबा मोलडऩाथ आश्रम एक दर्शनीय स्थल के रूप में उभर रहा है। एक दर्जन मंदिर बाबा आश्रम के पास में निर्मित हो चुके हैं। बाबा मोलडऩाथ आश्रम में 24 मार्च को विशाल मेला लगने जा रहा है।
बाबा स्थल को चार चांद लगाने के लिए बाबा के स्थल के पास ही अनेकों धार्मिक स्थलों का निर्माण होता जा रहा है। बाबा के आश्रम के पास ही 21 फुट ऊंची शिव प्रतिमा वाला शिवालय स्थित है। इस शिवालय का निर्माण शिवभक्त भरपूर सिंह ने निर्मित करवाया है पास में सीताराम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। सीताराम मंदिर के पास ही राधाकृष्ण का मंदिर बना हुआ है। बाबा आश्रम के पीछे सती समाधि भी बनी हुई है। पास में पानी से भरा जोहड़ है जहां कभी बाबा जल समाधि लेते थे।
बाबा आश्रम के नीचे वर्तमान में प्रकटीनाथ का आश्रम बना हुआ है जो बाबा के एक कमरे के निर्माण के वक्त प्रकट हुए थे। बाबा के पास ही बाबा डूंगरमल की समाधि, खागड़ आश्रम, मंगलदेव की कुटिया, शहीद सुजान सिंह पार्क, बाबा हनुमान की 11 फुट ऊंची प्रतिमा वाला मंदिर, बाबा हनुमान का पुराना मंदिर, बाबा भैया स्थल, शनिदेव मंदिर, मां मंदिर, माता स्थल , राधाकृष्ण मंदिर बने हुए हैं जहां समय-समय पर लोगों का तांता लगा रहता है। बाबा आश्रम के पास ही बस स्टैंड का होना भी अहं भूमिका निभा रहा है। शहीद सुजान सिंह ने 1994 में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों का सफाया करते हुए शहादत दी थी जिन्हें मरणोपरान्त 'अशोक चक्रÓ से सम्मानित किया गया है। पार्क विभिन्न प्रकार के ंफूलों तथा घास के मैदान से सुशोभित है जो दर्शकों को आकर्षित कर लेते हैं। इसी पार्क में पुराना हनुमान मन्दिर स्थित है जहां मंगलवार को श्रद्धालुओं का तांता लगता है और प्रसाद चढ़ाया जाता है।
बाबा के जोहड़ के पास मंगलदेव कुटिया बनी हुई है। मंगलदेव तपस्वी साधुजन हुए हैं जिन्होंने कुअंा खुदवा कर पेय जल का प्रबंध करवाया था। मोलडऩाथ स्थल के पास बनवाया गया खागड़ आश्रम भी मनमोहक है। बाब डूगंरदास की समाधि भी बनी हुई है। पास में विशाल खाटू श्याम मंदिर एवं साई मंदिर बरबस लोगों का मन मोह रहा है। यहां भी बाबा मोलडऩाथ मेले के साथ साथ मेला लगता है। पास में साईं बाबा का मंदिर सुशोभित है जो महाशिवरात्रि के दिन से आम जन के लिए खुल गया है। अनेकों अन्य धार्मिक स्थल भी यहां पर निर्मित किये जा चुके हैं। इस प्रकार कई धार्मिक स्थानों से परिपूर्ण बाबा मोलडऩाथ आश्रम दर्शनीय स्थल के रूप में उभर रहा है। मोलडऩाथ की प्रतिमा भीम सिंह कनीना ने निर्मित करवाई थी किंतु बाबा पर दो पुस्तकें कनीना के लेखक एचएस यादव की आ चुकी हैं।
फोटो कैप्शन 2 से 4: बाबा मोलडऩाथ आश्रम एक दर्शनीय स्थल के रूप में।
अब तो इधर या उधर की नीति पर चल रहे हैं धरने पर बैठे दुकानदार
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कनीना। अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे दुकानदार आर पार की लड़ाई के पक्के मूड में हैं। उनके आंदोलन के चलते अब कनीनावासियों की विगत समय में की गई मेहनत मिट्टी में मिल सकती है। दुकानदार मानने वाले दिखाई नहीं पड़ते जिसका प्रभाव बनने वाले न्यायिक परिसर पर पड़ सकता है।
दुकानदारों का अनिश्चितकालीन धरना शुक्रवार को 12वेेंं दिन में प्रवेश कर गया लेकिन सरकार व प्रशासन की और से अब तक कोई भी इनकी सुनने नहीं आया है जिससे यह बात साबित होती है कि जिस प्रकार देश में एमसपी को लेकर किसानों का धरना जहां तीसरे माह में पहुंच रहा है और उनकी सुनने वाला अब तक कोई नही आया है। ठीक उसी तरह कनीना के पीडि़त दुकानदारों का धरना पूछने वाला कोई नहीं है। यहां गोरतलब है कि कनीना में सैकड़ों दुकानों को खाली करवाने को लेकर पंचायत समिति कनीना द्वारा एक नोटिस जारी कर दुकानदारों की नींद हराम कर डाली जिसके बाद कस्बे के उक्त पीडि़त दुकानदारों ने काफी कोशिश करने के बाद भी जब कोई समाधान निकलता न दिखा तो सभी दुकानदार परेशान होकर एसडीएम कार्यालय के सामने अनिश्चितकालिन धरने पर आ गए और लेकिन सरकार व प्रशासन द्वारा इनकी इस पीड़ा को दूर करना तो अलग बात अब तक पूछने तक कोई नहीं है जिसको लेकर दुकानदारों का कहना है कि जिस प्रकार किसानों के दु:ख को कोई नही समझता है ठीक उसी प्रकार हमारे दु:ख को भी किसी ने नहीं समझा है। उनका यह भी कहना है कि अगर प्रशासन व सरकार जब तक हमारी पीड़ा को नही समझते हम भी यही बैठे रहेंगे चाहे इसके लिए कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। वही पीडि़त दुकानदारों को विभिन्न संगठनों एवं पंचायतों द्वारा अपना समर्थन देकर यह बात साबित करदी कि अब दुकानदार किसी भी सूरत में बिना कोई हल निकलवाए यहां से नही हटेंगें। उस पर अब जल्द ही उच्च न्यायालय में उनकी सुनवाई होने जा रही है। माना जा रहा है कि 8 मार्च को कोई न कोई समाधान निकल सकता है।
फोटो कैप्शन 9: जुलूस निकालते दुकानदार।
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