साइकिल दिवस पर जागरूकता रैली निकाली
*******************************************
*************************************************
****************************************
कनीना। विश्व साइकिल दिवस पर गांव धनौन्दा में साइकिल जागरूकता रैली आयोजित की गई। रैली का शुभारंभ मुख्य अतिथि अतरलाल एडवोकेट तथा विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र सिंह नंबरदार ने राष्ट्रीय झंडा दिखाकर किया।
इस मौके पर अतरलाल ने साइकिल को शुद्ध पर्यावरण अनुकूल बताते हुए लोगो से स्वस्थ जीवन तथा प्रदूषण से बचाव के लिए रोजमर्रा के कार्यों में साइकिल का इस्तेमाल करने की अपील की। उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार से साइकिल के प्रयोग को प्रोत्साहन देने के लिए साइकिल खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने तथा इसका नियमित प्रयोग करने वालों को मासिक भत्ता देने की मांग की है। उन्होंने सरकार से दूसरे देशों की तरह साइकिल प्रयोगकत्र्ताओं को सुविधाएं देने तथा रोड़ के दोनो तरफ साइकिलों के लिए विशेष लेन बनाने की मांग भी की। राजेन्द्र सिंह नंबरदार ने कहा कि साइकिल के प्रयोग से वायु प्रदूषण में कमी आएगी और लोगों की सेहत भी ठीक रहेगी। उन्होंने कहा कि साइकिल के नियमित प्रयोग से छोटी बड़ी अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है। इसलिए हमें साइकिल का प्रयोग करने की आदत डालनी चाहिए। इस अवसर पर उप सरपंच कैलाशचंद, धर्मबीर, गुरुदत पंच, कैलाश सेठ, लोकेश, साहिल, ताराचंद, चन्द्रभान शमर्मा, सतीश, शशि, राजबीर आदि अनेक स्वयंसेवक उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 01: राष्ट्रीय झंडा दिखाकर साइकिल जागरूकता रैली को रवाना करते प्रमुख समाजसेवी अतरलाल एडवोकेट।
समर कैंप में करवाई वैज्ञानिक गतिविधियां
********************************************************
***************************************************
कनीना। आरआरसीएम. पब्लिक स्कूल कनीना में समर कैंप के तहत अटल लैब प्रभारी रामबीर व सुरजीत पठानिया के निरीक्षण में वैज्ञानिक गतिविधियों का आयोजन करवाया गया। विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार के आधुनिक मॉडल बनाकर अपनी तकनीकी प्रतिभा का परिचय दिया। जिसमें स्मार्ट कार, रोबोटिक डाग, राडार, फार्मर हेल्पिंग व रोबोटिक ह्यूमन के माडल प्रमुख रहे।
इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन रोशन लाल ने कहा कि वर्तमान युग विज्ञान एवं तकनीकी का युग है। बालकों में विद्यालय स्तर पर ही विज्ञान के प्रति रुचि उत्पन्न करनी चाहिए। इस प्रकार की गतिविधियों से शक्ति व चिंतन शक्ति का विकास होता है साथ ही उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
फोटो कैप्शन 02: वैज्ञानिक गतिविधियां करवाते आरआरसीएम स्कूल के शिक्षक।
लू के तीखे तेवर जारी
*********************************
***************************************
कनीना। वर्तमान परिदृश्य में मैदानी राज्यों पंजाब राजस्थान हरियाणा एनसीआर दिल्ली और उत्तर प्रदेश पर एक बार फिर से भीषण गर्मी और प्रचण्ड हीट बेव लू अपने तीखे तेवरों से आगाज करने लगीं हैं । आसमान से आग बरसने लगी है जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके के आमजन को आफ़त भरी और झुलसाने वाली गर्मी से रूबरू होना पड रहा है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से मौसम प्रणाली द्वारा हरियाणा एनसीआर दिल्ली में प्री मानसून गतिविधियों को दर्ज किया गया जिसकी वजह से भीषण गर्मी और प्रचण्ड हीट बेव लू और नौतपा की चुभन और प्रचण्डता नदारद थी यानी नौतपा नौ दिन ठंडा रहा। जैसे ही नौतपा समाप्त हुआ वैसे ही सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज होने लगी है और भीषण गर्मी और प्रचण्ड हीट बेव लू अपने प्रचण्ड तेवरों से आगाज करने को आतुर है। क्योंकि सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर पश्चिमी शुष्क मरुस्थलीय पवनों का आगाज होने की वजह से एक बार फिर से भीषण गर्मी और प्रचण्ड हीट बेव लू का आगाज जारी है। जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी और नमी नदारद होने लगी है। वर्तमान समय में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की वजह से विपरीत हवाओं के मिलन के कारण राजस्थान, पंजाब और हरियाणा एनसीआर दिल्ली और उत्तर प्रदेश में मौसम गतिशील और परिवर्तनशील बना हुआ है जिसकी वजह से कभी चिलचिलाती धूप खिली रहती है कभी बादल वाही तो कभी तेज़ गति से हवाएं चलने की गतिविधियों को दर्ज किया जा रहा है। इस मौसम प्रणाली द्वारा विस्तृत क्षेत्रों में आंशिक बादलवाही देखने को मिल रही है। क्योंकि बड़े क्षेत्र में इस प्रकार की आंशिक बादलवाही बड़ी मौसम प्रणाली द्वारा ही होती है। हालांकि यह कमजोर पश्चिमी विक्षोभ से बनी कमजोर चक्रवातीय सरकुलेशन बना हुआ है जिसको प्रचुर मात्रा में नमी नहीं मिलने की वजह से बारिश की गतिविधियां भी नदारद है केवल आंशिक बादलवाही ही देखने को मिल रही है इस मौसम प्रणाली का प्रभाव केवल उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर हों रहा है। आज शुक्रवार को हरियाणा एनसीआर में अधिकतर स्थानों पर अधिकतम तापमान 42.0 डिग्री सेल्सियस से 46.8 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है जबकि सूबे में अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान 21.8 डिग्री सेल्सियस से 30.3 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। सूबे में लगातार तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई है और साथ ही आसमान से आग बरस रही है और भीषण गर्मी और प्रचण्ड हीट बेव लू अपने तीखे तेवरों से आगाज किये हुए है। आने वाले दिनों में तापमान दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी दर्ज होगी। जिसकी वजह से भारतीय मौसम विभाग ने सम्पूर्ण इलाके पर येलो अलर्ट जारी किया हुआ है। सम्पूर्ण इलाके में आमजन आफ़त भरी गर्मी से परेशान हैं।
जल संरक्षण आज की पहली आवश्यता-जगदेव यादव
***********************************************
******************************************************
कनीना। एसडी विद्यालय ककराला में चल रहे तीन दिवसीय एनएसएस कैम्प में तीसरे दिन का आरम्भ योग शिविर से किया गया। योग शिविर में छात्रा नेहा द्वारा योग क्रियाएं करवाई गई। जिसमें विद्यालय अध्यापकों सहित स्वयं-सेवकों तथा अन्य छात्रों ने भाग लिया। योग कायक्रम के बाद विद्यालय के विज्ञान विषय के अध्यापक राजदेव ने जल की जांच करने का प्रशिक्षण दिया गया। जल संरक्षण विधि पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में स्वयंसेवकों ने बड़े उत्साह से भाग लिया। जिसमें जल संरक्षण के बारे में अपने-अपने विचार रखें।
विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने स्वयंसेवकों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए बताया कि जल संरक्षण आज के समय की पहली आवश्यकता है। हम जिस क्षेत्र में रहते है। उस क्षेत्र में जल का मुख्य स्त्रोत भूमिगत जल है। जो दिन-प्रतिदिन नीचे जाता जा रहा है इसलिए हमें वर्षा जल संग्रहण विधि को अपनाते हुए जल का संरक्षण करना होगा। ताकि भविष्य में जल की कमी का सामना नहीं करना पड़े।
इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश, सीईओ आरएस यादव, उप-प्राचार्य पूर्ण सिंह, सीएओ. नरेन्द्र यादव, सुरेन्द्र कुमार चौहान, देवव्रत, एनएसएस प्रभारी संदीप कुमार उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: जल संरक्षण पर एसडी स्कूल के विद्यार्थी जागरुकता रैली निकालते हुए।
आयोजित हुई जिला स्तरीय प्रतियोगिता
*****************************************
****************************************************
कनीना। राजकीय महाविद्यालय नारनौल सूबे के सबसे बड़े और सबसे प्राचीन भूगोल विभाग और पर्यावरण क्लब के सानिध्य में और महाविद्यालय प्राचार्य डॉ पूर्ण प्रभा की अध्यक्षता में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं का शुभारंभ सरस्वती पूजा के साथ किया गया। इस मौके पर भूगोल विभाग की शुरुआती दौर के स्तंभ और विभागाध्यक्ष डॉ अमीलाल यादव जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने युवाओं को बड़े ही सहज और सरल स्वभाव से भूगोल और पर्यावरण विषय को विस्तार से व्याख्यान दिया व बताया कि भूगोल और पर्यावरण एक ही सिक्के के दो पहलू हैं वास्तविक जीवन में दैनिक जीवन के व्यवहार में, प्राकृतिक घटनाओं को समझने में, कृषि, वाणिज्य एवं व्यवसाय में, प्रशासन के कार्यों में, अन्य सामाजिक विषयों के समझने में पर्यावरण और भूगोल हमारी महत्वपूर्ण सहायता करता है। इसी प्रकार सांस्कृतिक तथा मानसिक विकास में स्मरण एवं निरीक्षण शक्तियों को दृढ़ करने में सामाजिक तथा नागरिकता सम्बन्धी बातों को समझने में, दूसरों के जीवन तथा समस्याओं के प्रति सहानुभूति पूर्ण दृष्टिकोण प्राप्त करने में, भूगोल और पर्यावरण का अध्ययन महत्वपूर्ण है।इस मौके पर प्राचार्य डॉ पूर्ण प्रभा ने युवाओं को पर्यावरण को स्वच्छ और साफ करने के लिए प्रेरित किया और सभी को हर खुशी के मौके पर एक एक पौधे को लगाने और उसे पालने के लिए आह्वान किया। इस मौके पर पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डा चंद्रमोहन ने युवाओं को पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए जल, जंगल ,जमीन, और जीवों को बचाने हेतु सभी को भरसक प्रयत्न करना चाहिए और पर्यावरण क्लब के सैनिकों को तन मन और धन से आमजन को हमेशा जागरूक करने के लिए तत्पर रहने का आह्वान किया। इस दौरान भूगोल विभाग के सीनियर प्रोफेसर डा हवा सिंह ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में भूगोल विभाग द्वारा लगातार तीन दिनों तक पर्यावरण और भूगोल के अन्तर संबंधों पर अलग अलग गतिविधियां जिसमें निबंध लेखन प्रतियोगिता, स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता ,पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता करवाई जाएगी जिसमें जिला महेंद्रगढ़ के सभी सरकारी और निजी महाविद्यालय के विधार्थियों की भागीदारी होगी और साथ ही साथ इस दौरान महाविद्यालय परिसर में भीषण गर्मी की वजह से पक्षियों अन्न जल के लिए शकोरो को और नये पेड़ पौधों को लगाया जाएगा जिसकी वजह से पर्यावरण संरक्षण हों सकें। इस दौरान डॉ सुभाष चन्द्र ने जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं को सुचारू रूप से सफल संचालन में विशेष योगदान दिया । वहीं डॉ सुनीता शर्मा, डॉ नीतू यादव, डॉ रिचा, डॉ पूनम यादव डॉ पूनम, डॉ मनोज, और भूगोल विभाग के जेएलए विरेन्द्र कुमार और भूगोल विभाग के सभी विद्यार्थियों और पर्यावरण क्लब के सैनिकों ने इस दौरान विभाग में भौगोलिक डायग्राम और भौगौलिक मॉडल के साथ रंगोली, सजावटी बोर्ड, भौगोलिक चार्ट आदि से भूगोल विभाग की साजो सजावट की और साथ ही महाविद्यालय परिसर में पक्षियों के लिए शकोरो का निर्माण में और पौधों के गमलों को सजाने में अपना विशेष रूप से योगदान दिया।
फोटो कैप्शन 04: कालेज में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित प्रतियोगिताओं का अवलोकन करते विद्यार्थी।
निर्विरोध चुने गए कनीना निवासी डा. नरेंद्र शर्मा
**********************************************
***************************************************
कनीना। श्री गौड़ ब्राह्मण सभा नारनौल के कोलेजियम वार्ड के चुनाव में वार्ड नंबर 39 से कनीना निवासी डा नरेंद्र शर्मा से निर्विरोध चुने गए। उनको नगर के गणमान्य लोगों ने बधाई दी। इस मौके पर निर्विरोध चुने गए डा नरेंद्र शर्मा ने कहा की वो समाज की भलाई के लिए कार्य करते रहेंगे। इस मौके पर मिठाई बाट कर खुशियां मनाई गई। इस मौके पर नपा पूर्व प्रधान मास्टर दलीप सिंह, मुख्याध्यापक रत्तनलाल शर्मा, सूबेदार अभय सिंह, पूर्व मुख्याध्यापक विजेंद्र सिंह, दीपचंद यादव, मनोज रोहिल्ला,उमादत्त कौशिक, इंदरजीत शर्मा, अनिल शर्मा,पवन शर्मा, राहुल शर्मा,गौरव , कंवर सिंह सहित अन्य लोगों ने डा नरेंद्र शर्मा को उनके चुने जाने पर बधाई दी है।
फोटो कैप्शन : डा नरेंद्र शर्मा।
फोन पर अपशब्द कहने का मामला दर्ज
*****************************************
***********************************************
कनीना। दौंगड़ा अहीर चौकी में महेंद्र सिंह मुंडिया खेड़ा ने उनके फोन पर अपशब्द कहने का मामला एक व्यक्ति के विरुद्ध दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा कि 29 मई की रात को उनके पास सुरेश कुमार कुल्लड़ ने अपशब्द कहे। एक जून को उसके छोटे भाई से फिर से अपशब्द कहे तथा जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह अपराधी टाइप का व्यक्ति है जिसके विरुद्ध पहले भी कई मुकदमे दर्ज है, उससे जान माल का खतरा है। ऐसे में उन्होंने अपनी जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। दौंगड़ा चौकी में सुरेश कुमार के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है जांच जारी है।
यदुवंशी में समर कैंप का शुभारंभ 5 को
***********************************
*****************************************
कनीना। यदुवंशी शिक्षा निकेतन कनीना में पांच जून से समर कैंप शुरू होने जा रहा है जिसका शुभारंभ बार एसोसिएशन प्रधान दीपक यादव करेंगे। यह कैंप सात दिन चलेगा। विस्तृत जानकारी देते हुए प्राचार्य यादवेंद्र यादव ने बताया कि इस सम कैंप में लगातार विभिन्न गतिविधियां चलेंगी तथा चेयरमैन राव बहादुर सिंह की देखरेख में चलेगा।
फिर लौटने लगा है साइकिल का जमाना
*********************************************
********************************************
कनीना। इतिहास अपने आपको दोहराता है कि कहावत सचमुच साइकिलों पर लागू होती है। एक बार फिर से साइकिलों का प्रचलन बढ़ गया है। सेहत के लिए बेहतर मानी जाने वाली साइकिल एक्सरसाइज का अच्छा साधन भी है। यही कारण है कि साइकिलों की मांग बढ़ गई है तथा साइकिलों की कीमतें भी बढ़ रही हैं। विभिन्न शहरों में साइकिल चलाने वाले नेताओं को भी विगत वर्षों सम्मानित किया गया था।
उल्लेखनीय है कि रोगों के बढऩे व पेट्रोल कीमतों में भी बढ़ोतरी होने के कारण लोग अब महंगे वाहनों के साथ-साथ साइकिल चलाने लगे हैं। वे मानते हैं कि साइकिल उनकी सेहत के लिए बेहतर होती है। साइकिलों के नए-नए माडल व आकार बाजार में महंगे दामों पर उपलब्ध हैं। लोग छोटी दूरियां तो साइकिल से ही तय करना बेहतर समझते हैं। ऐसे में एक बार पुन: साइकिलों की मांग बढ़ गई है। सुबह सवेरे तो कुछ लोग व बच्चे साइकिलों पर घूमते नजर आते हैं।
योग अभ्यास कराने वालों का कहना है कि साइकिल से भी समस्त अंगों का अभ्यास होता है ऐसे में साइकिल चलाना सेहत के लिए अच्छा होता है क्योंकि यह भी एक अभ्यास होता है। साइकिलों की कीमत देखे तो आज चार हजार रुपये के आस पास पहुंच चुकी है। ऐसे में गरीब व्यक्ति के लिए साइकिल खरीद पाना भी तो सरल कार्य नहीं है। साइकिल का जमाना कभी साइकिल के आविष्कार के बाद बढ़ा था या फिर अब रोग बढऩे से साइकिलों का जमाना एक बार फिर लौट आया है। सड़कों पर सबसे अधिक साइकिल ही चलते देखे जा सकते हैं।
क्या कहते हैं साइकिल विक्रेता-
साइकिल विक्रेता सुरेश कुमार का कहना है कि अब साइकिल के बेहतर माडल पाने के लिए उनके पास आते हैं किंतु इस क्षेत्र ज्यादा कीमती साइकिल न होने से रेवाड़ी तथा अन्य शहरों की ओर जाकर उपभोक्ता साइकिल ला रहे हैं। गांवों में प्रतिदिन पांच साइकिल तक बिक जाती हैं। जो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर चलते थे वे अब साइकिल की सोच रहे हैं। बिना प्रदूषण का तथा बिना पेट्रोल का सबसे बेहतर साधन है। थोड़ी दूरी व गैस सिलेंडर लाने में इनका अहं योगदान है।
साइकिल चलाने वाले-
पर्यावरण प्रेमी राजेंद्र सिंह का कहना है कि जब से वे साइकिल चला रहे हैं अपने को तंदरुस्त महसूस कर रहे हैं। उनके पास मोटरसाइकिल तो हैं किंतु उनकी सबसे पसंदीदा सवारी साइकिल ही है। उन्होंने का कि हमारे समाज की नीति कुछ अलग है। जिस किसी के पास धन नहीं है या गरीब व्यक्ति साइकिल पर चलने की धारणा मानते हैं किंतु उनका का कहना है कि जो आलसी, रोगों से पीडि़त एवं हर काम में जल्दी व हावल तावल मचाने वाले जन ही मोटरसाइकिल या अन्य साधनों को अधिक पसंद करते हैं। उनका कहना है कि जब बड़े-बड़े देश साइकिल पर आ गए हैं तो भारत के लोग साइकिल क्यों नहीं चलाते हैं? सुमेर सिंह चेयरमैन, राव मोहर सिंह कनीना लंबे समय से साइकिल चलाते हैं।
क्या कहते हैं पर्यावरणविद-
पर्यावरणविद रवींद्र कुमार का कहना है कि भागदौड़ की जिंदगी में कार आदि से सौ गुणा बेहतर साइकिल है। साइकिल से न केवल स्वास्थ्य बना रहता है अपितु वायु, ध्वनि प्रदूषण से बचा जा सकता है। पेट्रोलियम की बचत होती है वहीं ओजोन पर्त में छेद होने से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि साइकिल हर दृष्टि से बेहतर साधन है।
फोटो कैप्शन 05: साइकिल का उपयोग करता बाल।
पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल की पुण्यतिथि पर बांटे फल
******************************************************
*****************************************************
कनीना। पूर्व-मुख्यमंत्री चौ. भजनलाल की पुण्यतिथि पर कनीना में झुग्गी झोपडिय़ों में रहने वाले लोगों को फल वितरित किए। सबसे पहले चौधरी भजन लाल की फोटो पर पुष्प अर्पित करके उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
चौधरी कुलदीप बिश्नोई के समर्थक योगेश इंजीनियर कनीना ने कहा कि चौ. भजनलाल 36 बिरादरी के लोकप्रिय नेता रहे। उन्होने हमेशा किसान, मजदूर गरीबों की लड़ाई लड़ी। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कस्बे में झुग्गी झोपडिय़ों में रहने वाले बच्चों को फल वितरित किए। इस अवसर पर अशोक प्रधान, मनोज शर्मा, ओमप्रकाश धनौंदा, ललित यादव, नीरज यादव, आदि समर्थक मौजूद रहे।
फ़ोटो कैप्शन 06: झुग्गी झोपडिय़ों में रहने वाले बच्चों को फल वितरित करते हुए योगेश।
इसराना में मनाया विश्व साइकिल दिवस
***************************************
***********************************************
कनीना। आजादी का अमृत महोत्सव कायक्रम के तहत विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर उपमंडल के गांव इसराना में आजाद युवा मंच संबंध नेहरू युवा केंद्र नारनौल के द्वारा साइकिल रैली का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सरपंच विजेंद्र सिंह चौहान रहे। उन्होंने साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा प्रतिवर्ष 3 जून को पूरे विश्व में विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। साइकिल चलाने के कई सारे फायदे हैं। साइकिल चलाने से वजन कम करने में तो सहायता मिलती है, साथ ही मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। पर्यावरण के लिहाज से भी साइकिल चलाना एक बहुत अच्छी क्रिया है, यह वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखने में सहायक है। साथ ही साइकिल चलाने में किसी प्रकार के ईंधन का भी खर्च नहीं होता है। कई लोगों को तो साइकिल चलाने का शौक भी होता है, इसे शरीर के लिए की जाने वाली श्रेष्ठ कसरतों में से एक माना जाता है। इसलिए साइकिल चलाते रहना चाहिए। वही आजाद युवा मंच के अध्यक्ष मोहित कुमार ने बताया कि आधुनिक युग में लोग साधन संपन्न होने के कारण साइकिल का प्रयोग कम करते जा रहे हैं कहीं ना कहीं यह हमारे सेहत और आर्थिक वातावरण के विपरीत है अत: हमें अपने रोजमर्रा के कार्यों के लिए साइकिल का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। नेहरू युवा केंद्र नारनौल से आए कार्यक्रम सहायक महेंद्र सिंह ने युवाओं को कहा कि वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति अपने अपने कार्य में व्यस्त रहता है वह अपनी स्वास्थ्य लाभ हेतु शारीरिक क्रियाओं के लिए समय निकालने में भी नाकाम हो रहे हैं। अत: साइकिल स्वास्थ्य हेतु लाभदायक उपकरण है इसका प्रयोग अधिकतम करना चाहिए। इस अवसर पर मनवीर, चेतन, उदयवीर, अंकित, हर्ष,प्रिंश, साहिल, तरूण,मयंक, शुभम, कार्तिक गीता सहित अन्य युवा मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 07: आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत इसराना में मनाया विश्व साइकिल दिवस मनाते हुए।
शादी की सालगिरह पर पक्षियों के लिए रखे सकोरे
-शादी की 14वीं सालगिरह पर 6 सकोरे रखे
**************************************************
*******************************************************
कनीना। शिक्षक व समाजसेवी उन्हाणी निवासी राजेश कुमार ने अपनी शादी की सालगिरह पर अपने परिवार के साथ पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए अपने घर की छत पर सकोरे रखे। शादी की 14वीं सालगिरह पर 6 सकोरे रखे।
उन्होंने बताया कि जल अनमोल है, इसके बिना जीवन संभव नहीं है। दिनों दिन बढ़ती गर्मी के चलते आज बेजुबान पशु-पक्षियों के समक्ष दाना और पानी की समस्या आ गई है। हम इंसान को भूख और प्यास की तड़प व्याकुल कर देती है, तब यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि बेजुबान पशु-पक्षियों की क्या हालत होती होगी। उन्होंने कहा कि गर्मी के चार महीने हम उनके लिए अपने घर और आसपास दाना-पानी की व्यवस्था कर दें, तो इससे बड़ा पुण्य का और कोई दूसरा काम नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में आम जनता और राहगीर प्रभावित हो रहे है,ऐसे में मूक पक्षियों के लिए हमने पानी के सकोरे रखे है और जब तक बारिश का मौसम शुरू नहीं होगा तब तक हम पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करते रहेंगे।
इस अवसर पर उनके पारिवारिक सदस्य इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी सुमित, इंजीनियर अमित कुमार, मयंक, ज्योति, कनक,जनक हवलदार अमित जाखड़ आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 10: शादी की साल गिरह पर सकोरे रखते राजेश कुमार।
3 गांवों के 10 किसान उगाएंगे अजोला घास -प्रोटीन युक्त दुधारू पशुओं के लिए उत्तम चारा
**********************************************************************
*************************************************************************
कनीना। कनीना उपमंडल के गांव गोमला, भोजावास और मोड़ी के 10 किसान अब अजोला घास उगाएंगे जिसकी तैयारियां पूरे जोरों पर है। अभी तक यह योजना रेवाड़ी जिले में चल रही थी किंतु अब इसे महेंद्रगढ़ में उतारा गया है। एनजीओ सखी गुरुग्राम इस कार्यक्रम को संचालित कर रही है। न केवल फलदार पौधे, अपितु केंचुआ पालन एवं अजोला घास उत्पादन आदि पर 1.35 लाख रुपये ख्खर्चा करेगी ििजसमें से 25 हजार रुपए खर्चा किसान को ववहन करना होगा।
विस्तृत जानकारी देते हुए मोड़ी के पूर्व सरपंच गजराज सिंह, अजय यादव तथा कांता यादव ने बताया कि अजोला घास के लिए एक बेड 6 फुट चौड़ा तथा 12 फुट लंबा होता है तथा 1 फीट की ऊंचाई होती है जिसमें पानी से भरकर एक क्विंटल मिट्टी 50 किलो गोबर का खाद डालकर घास उगाई जाती है। 45 दिन में इस बेड का पानी बदल दिया जाता है और घास पर्याप्त पैदावार देने लग जाती हैं। यह घास पशुओं के लिए उत्तम प्रोटीन का काम करती है और यह लंबे समय तक चलती है। दुधारू पशु को यदि यह घास दी जाए तो निश्चित रूप से दूध में वृद्धि होगी। अजमेर, राजस्थान से इस कार्यक्रम को प्रारंभ में संचालित किया और धीरे-धीरे पूरे देश में फैलता जा रहा है। मोड़ी की कांता यादव यह घास उगाने में लगी है। उन्होंने बताया एनजीओ 50 फलदार पौधे, केंचुआ पालन केंद्र तथा अजोला घास उगाने के लिए सभी सुविधाएं प्रदान करेगा। वैसे भी कांता सहित 10 किसान 3 गांव में इस प्रयोग को अपना रहे हैं तथा भविष्य में यदि सुखद परिणाम आए तो निश्चित रूप से इस घास की ओर रुझान बढ़ेगा।
क्या कहते हैं पादप शास्त्री- कनीना निवासी डॉ हाोशियार सिंह यादव अजोला घास के बारे में जानकारी देते हुए कहते हैं कि एक प्रकार का फर्न है जो शैवाल से मिलता जुलता है। अक्सर यह धान के खेत में उगाया जाता है और तेजी से बढ़ता चला जाता है। यह एक उर्वरक पैदा करने वाला फर्न है। कुछ लोग तो इस फर्न को खाद्य रूप में भी चटनी, सब्जी एवं पकौड़ी बनाने के काम में लेते हैं।। वास्तव में अजोला की पंखुडिय़ों में नीली हरी शैवाल पाई जाती है जो वायुमंडल की नाइट्रोजन का शोषित कर पौधे में नाइट्रोजन की पूर्ति करती है। यह 5 दिनों में अपने 2 गुना हो जाता है। अजोला सस्ता, सुपाच्य पशुओं का आहार है। दूध को बढ़ाता है बांझपन को हटाता है, फास्फोरस की शरीर की कमी को दूर करता है। इसमें अनेकों पौष्टिक पदार्थ आमीनो अमल, विटामिन, खनिज लवण, लोहा, तांबा, मैग्निशियम आदि पाए जाते हैं। दूध देने वाले पशुओं में 1 से 2 किलो प्रतिदिन अजोला दिया जाता है इससे दूध की पैदावार 20 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि है अजोला घास उत्तम चारा है जिसे उगाना चाहिए।
फोटो कैप्शन 9 व 10: कांता अजोला घास उगाते हुए।
ताजा समाचार/विडियो/लेख का बेहतर ब्लाग Best Blog for News/Video & Lekh
Friday, June 3, 2022
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment