Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Thursday, June 30, 2022

 मार पिटाई मसले में 3 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। बाइक पर सवार तीन युवकों के आगे स्विफ्ट डिजायर गाड़ी लगा कर मार पिटाई की जिसके चलते पुलिस ने 3 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। कनीना पुलिस में विकास खरखड़ाबास ने मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा है कि वह बीए द्वितीय वर्ष का कॉलेज का विद्यार्थी है। 26 जून को वह अपने दोस्त प्रमोद एवं अमन धनौदा तीनों अमन की मोटरसाइकिल पर बैठकर गांव उन्हाणी की ओर जा रहे थे। मोटरसाइकिल को विकास चला रहा था। करीब शाम 5 बजे धनौंदा नहर के पास पहुंचे तो उनकी मोटरसाइकिल के आगे स्विफ्ट डिजायर गाड़ी लगा दी और वे तीनों गिर गए। विकास को अपनी गाड़ी में डालकर तीनों लोग उसे झाड़ली ले गए जहां उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने पुलिस में शिकायत की है कि जिस गाड़ी में उसे डाल कर ले गए थे उसमें पिस्तौल रखा था तथा उनका पर्स एवं फोन आदि गाड़ी में गिर गए तथा उसे झाड़ली बस स्टैंड पर पटक कर चलते बने।  घायल अवस्था में विकास को कनीना के सरकारी अस्पताल लाया गया जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। जहां उनका इलाजरेवाड़ी में चल रहा है। उनकी शिकायत पर संदीप अजय और धर्मेंद्र के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।



पर्यावरण संरक्षण के लिए लगाए पौधे
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कनीना की आवाज । गांव रामपुरा में गत दिवस पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी संस्था वाइब्रेंट रामपुरा फाउण्डेशन के संस्थापक सदस्य राकेश कुमार ने अपने पूर्वजों की याद में गांव की बणी में त्रिवेणी की स्थापना कर युवाओं को पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व ही गांव के युवाओं द्वारा वाइब्रेंट रामपुरा फाउण्डेशन नामक संस्था का गठन किया जो पर्यावरण, शिक्षा और युवाओं के लिए समर्पित है जिसके तहत युवा वृक्षारोपण कर उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उठा रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्य रूप से पंडित बुधराम हठयोगी, राजकुमार, कुलदीप पर्यावरण मित्र, विकास,उमेश ,तुषार आदि अन्य युवा और ग्रामीण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 01: युवा वर्ग त्रिवेणी लगाते हुए।


बारिश में छतों की ही नहींं अपितु टंकियों की भी रखे सफाई-सुनील कुमार
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में अब बारिश शुरू हो गई है जिसके चलते अनेकों परेशानियां भी होने की संभावना बढ़ गई है। कनीना के एमपीएचडब्ल्यू सुनील कुमार ने बताया कि बारिश का पानी सरकारी छतों पर अक्सर जमा हो जाता है। अपने घर के छात्रों का तो ध्यान दे लिया जाता है किंतु सरकारी कार्यालयों की छतों का कोई ध्यान नहीं देते जिसके कारण नमी बन जाती है और वहां पर मच्छरों का लारवा भी पैदा हो जाता है जो स्वास्थ्य संबंधी समस्या पैदा कर सकता है। उन्होंने समय-समय पर सरकारी छतों की सफाई करने और जमा पानी को निकालने की बात कही वहीं उन्होंने पानी की टंकियों को सप्ताह में एक बार साफ करने की भी सलाह दी।
  उन्होंने कहा कि अक्सर पानी की सफाई न करने से उनमें मच्छर पैदा हो जाते हैं साथ में उन्होंने कहा कि क्लोरीन की गोलियां डाली जाए जिससे पानी साफ हो जाएगा वही पानी में लाल दवाई या फिर उपलब्ध चूने का टुकड़ा भी डाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्र्राय: बारिश के मौसम कुछ में अधिक फैलने की संभावना होती है ऐसे में पानी जमा न होने दें। जहां भी पानी के बर्तन है उन्हें जरूर साफ रखें, इस प्रकार पानी साफ उपलब्ध होगा वही स्वास्थ्य भी बना रहेगा।
फोटो कैप्शन 2 व 3: छतों पर जमा पानी तथा पानी की टंकियां चेक करता एमपीएचडब्ल्यू।

 क्षेत्र में हुई 30 एमएम बारिश
-अभी संकेत और बारिश के 

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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में गुरुवार सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है। समाचार लिखे जाने तक 30 एमएम बारिश हो चुकी थी और आसमान में बादलों की हलचल से लगता है और अधिक बारिश अभी आएगी। किसान खुश हो गए हैं। अभी तक कोई बाजरे की फसल नहीं उगाई गई हैं। ज्यों ही बारिश थम जाएगी किसानों की बिजाई करने की संभावना प्रबल हो जाएगी क्योंकि अब वक्त बाजरे की बिजाई का आ गया है।
किसान बीजाई के लिए तैयार खड़े हैं। पहले से ही बीज खरीद कर रखे हुए हैं। किसान सूबे सिंह अजीत कुमार, महेंद्र कुमार, राजेंद्र सिंह आदि ने बताया कि अब वक्त बाजरे की बीजाई का आ गया है। अभी मौसम विभाग मानसूनी बारिश होने की शुरुआत बता रहा है।
 क्या कहते हैं कृषि अधिकारी डॉ देवराज -
डा देवराज पूर्व कृषि अधिकारी बताते हैं कि बाजरे की फसल 70 से 90 दिनों की होती है जिसके लिए 30 से 40 एमएम बारिश की जरूरत होती है। एक से 15 जुलाई के बीच सबसे बेहतर बीजाई मानी जाती है। यदि अगेती फसल है तो 25 जून से 10 जुलाई के बीच की जाती है। डेढ़ किलो बाजरा प्रति एकड़ बिजाई की जानी चाहिए। कनीना की भौगोलिक रूप से जमीन 33000 हेक्टेयर है जबकि सिंचित भूमि 30,000 हेक्टेयर है।

यूजी नीट की होने वाली परीक्षा में हाथ लगी निराशा 

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कनीना की आवाज। यूं तो यूजी नीट की परीक्षा हर वर्ष देश के विभिन्न स्थानों पर आयोजित होती है किंतु इस बार यूजी नीट की परीक्षा के लिए महेंद्रगढ़, नारनौल, रेवाड़,ी झज्जर तथा अन्य जिले भी शामिल किए गए थे। विद्यार्थियों ने खुश होकर ये सेंटर भर तो दिए किंतु हाल ही में यूजी नीट द्वारा अलॉट किए गए शहरों की सूची में महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, नारनौल आदि गायब मिले। विद्यार्थी अमित कुमार, सुजल, दिनेश आदि ने बताया कि उन्होंने महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और झज्जर जिलों की वरीयता भरी थी किंतु अब हाल ही में घोषित यूज नीट के शहरों में उनका सेंटर गुरुग्राम में दिया गया है जिसके लेकर के उन्हें अच्छी खासी निराशा हाथ लगी है।





 कनीना के डूबने के हुए पूरे आसार
- सीवर व्यवस्था हुई ठप,पालिका प्रधान और जन स्वास्थ्य विभाग आमने-सामने
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 कनीना। यूं तो कनीना में हर वर्ष मानसून के समय गलियों में दो से तीन फीट पानी जमा हो जाता है किंतु इस बार कनीना के डूबने की आसार अधिक हो गए हैं क्योंकि कनीना की सीवर व्यवस्था पूर्णत ठप पड़ी है। एक ओर जहां पालिका प्रधान जन स्वास्थ्य विभाग से सख्त नाराज नजर आए वही जन स्वास्थ्य विभाग के कर्मी और अधिकारियों का कहना है कि उनकी कोई गलती नहीं है। वे नियमित रूप से काम कर रहे हैं।
 जहां कनीना के विभिन्न 13 वार्डों में सीवर व्यवस्था स्थापित की गई है। इन सीवरों का पानी कनीना-नाहड़ रोड पर स्थित एसटीपी में जाता है जहां से पानी को साफ करके कृषि के लिए प्रदान किया जाता है किंतु वहां जगह कम उपलब्ध होने के कारण जन स्वास्थ्य विभाग ने सीवर वाटर स्टोर करने के लिए जगह मांगी थी। वर्तमान में करीब 6 एकड़ जमीन नगर पालिका द्वारा पीपला वाली बणी में उपलब्ध करवा दी गई। जन स्वास्थ्य विभाग ने भी नाहड़ रोड पर स्थित एसटीपी को पीपला वाली बणी से जोड़ दिया और व्यवस्था शुरू कर दी है किंतु जिस गति से गंदा पानी निकलना चाहिए नहीं निकल पा रहा। अधिकांश सीवर ठप पड़े हैं उनका पानी नालियों और गलियों में बह रहा है जिससे लगता है कि आने वाले समय में मानसून जब पूरे वेग पर होगा तो कनीना की गलियां जलमग्न हो जाएंगी और कनीना के डूबने के आसार बढ़ गए हैं।
कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि वे जी जान से जुटे हुए हैं कि कहीं भी किसी गली में पानी न जमा हो, नालियों की पूर्ण सफाई कर रखी है किंतु कनीना कस्बे का अधिकांश गंदाजल कालरवाला और होलीवाला जोहड़ में इक_ा होता है जहां से गंदा पानी और सीवर का पानी एसटीपी(सीवर वाटर ट्रीटमेंट)पर पहुंचाया जाता है जहां पानी को साफ कर किसानों को उपलब्ध करवाया जाता है क्योंकि नाहड़ रोड पर एसटीपी के लिए जगह कम पड़ गई थी जिसकी मांग जन स्वास्थ्य विभाग ने कुछ वर्षों पहले की थी। नगरपालिका ने आखिरकार 4 वर्षों के बाद पीपला वाली बणी में जगह उपलब्ध करवा दी जिससे जन स्वास्थ्य विभाग संतुष्ट नहीं है। जन स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अब भी जगह कम पड़ रही है 26 एकड़ जमीन में से 6 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाई है। यदि जगह अधिक हो तो अधिक पानी इक_ा किया जा सकता है ।
उधर पालिका प्रधान का कहना है कि वे
यदि जन स्वास्थ्य विभाग सही ढंग से सीवर अवस्था को चलाएं तो किसी प्रकार का पानी गलियों में नहीं खड़ा होगा परंतु सबसे बड़ी अड़चन है कि वर्तमान में ही जब सभी सीवर व्यवस्था ठप पड़ी है तो भविष्य क्या होगा। उधर इस संबंध में जेई सुरेंद्र कुमार से बात की गई उन्होंने बताया कि उनका एसटीपी पर पानी खींचने का सिलसिला तीव्र गति से जारी है और पानी को पीपला वाली बनी में पहुंचाया जा रहा है। हालांकि उनका कहना है कि जो जमीन उपलब्ध करवाई गई है यह पर्याप्त नहीं है पीपला वाली बनी में अधिक जमीन उपलब्ध करवाई जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि नगर पालिका को चाहिए कि बरसात का पानी का इक_ा किया जाए और इस बरसात के पानी को पाइपों द्वारा किसी बणी में पहुंचा देना चाहिए परंतु पालिका इस प्रकार का प्रबंध नहीं कर रही है उल्टे जोहड़ों का पानी भी सीवर में डाल रही है जिसके चलते समस्या बन रही है। परंतु उन्होंने कहा कि पीपला वाली बनी में पानी तेज गति से जा रहा है वही एसटीपी पर पानी का खिंचाव भी तीव्र गति से चल रहा है। सभी कार्य नियमानुसार चल रहे हैं। रही बात सीवर की, तो उन्होंने कहा कि कुछ वार्डों में उन्होंने सीवर व्यवस्था को ठीक करवा दिया है किंतु जो कुछ रह गई है उनको करवाना बाकी है।
 चाहे अंजाम कुछ भी हो परंतु भविष्य कैसा होगा सभी की नजरें सीवर पर टिकी हुई हैं। सीवर अवस्था सही नहीं रहेगी तो भविष्य में कनीना की गलियों जलमग्र होने की संभावना बढ़ जाएगी।
फोटो कैप्शन : प्रधान सतीश जेलदार।









विभिन्न मंचों ने किया प्रदर्शन, जलाया पुतला
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कनीना की आवाज। राजस्थान के उदयपुर में नूपुर शर्मा के समर्थक कन्हैया की हत्या के बाद गुरुवार को कनीना में व्यापार एकता मंच, विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान संगठन के सदस्यों ने आतंकवादियों का पुतला जलाते हुए कस्बे के अम्बेडकर चौक से लेकर मंडी टी प्वाईंट तक नारेबाजी करते हुए रोष प्रदर्शन किया व राष्ट्रपति से हत्यारों को फांसी देने की मांग की है। क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण, डीएसपी राजीव कुमार सहित भारी पुलिस बल भी तैनात रहा व किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए फायर ब्रिगेड वाटर कैनन का प्रबंध भी किया गया था। रोष प्रदर्शन के दौरान व्यापार एकता मंच के प्रधान महेश बोहरा, विश्व हिंदू परिषद से सुनील कुमार व बजरंग दल से प्रधान विजय सिंह ने कहा कि जिस तरीके से राजस्थान में यह जघन्य घटना घटी है इसमें कहीं न कहीं सरकार भी दोषी है, क्योंकि वहां पर हिंदुओं की सुरक्षा नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि कन्हैयालाल ने इससे पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन किया था। एक टीवी डिबेट में नूपुर ने पैगंबर मोहम्मद पर बयान दिया था, जिसके बाद मुसलमानों ने सड़क पर उतर कर विरोध किया था। कन्हैयालाल को भी धमकियां मिली थीं। डर के मारे कन्हैयालाल ने 6 दिनों तक अपनी दुकान भी नहीं खोली। तमाम तरह की सावधानी के बावजूद मंगलवार शाम को उनकी हत्या कर दी गई। उसके बाद हत्यारों ने एक वीडियो भी बनाया और प्रधानमंत्री को भी धमकियां दीं जो कि बहुत गलत है। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कहा कि देश में इस तरह का बर्ताव बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान उनके साथ सुबे सिंह, महेश बोहरा, पिंटू गुप्ता, योगेश कुमार, सोनू हिन्दू,  संजीत कुमार, देवेन्द्र कुमार, सुनील कुमार, सतीश आर्य, मास्टर कृष्ण कुमार, अंकुश शर्मा सहित अनेकों युवक उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 04: विभिन्न संगठन कनीना में प्रदर्शन करते हुए।

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