Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Wednesday, June 29, 2022

 जिला स्तरीय बाक्सिंग प्रतियोगिता का आयोजन एक को
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कनीना की आवाज। जिला स्तरीय जूनियर बालक / बालिका बाक्सिंग चयन / ट्रायल का आयोजन दिनांक एक जुलाई को एसडीवमा विद्यालय ककराला में किया जाएगा। खिलाडिय़ों की आयु एक जनवरी 2006 से 31 दिसम्बर 2007 के बीच होनी चाहिए।
भारवर्ग  44-46 , 48, 50, 52, 54, 57, 60, 63, 66, 70, 75, 80 व 80$ किलोग्राम
इस  प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाडियों को अपना जन्म प्रमाण पत्र,आधार कार्ड, दो पासपोर्ट साइज फोटो एवं अंक पत्र मार्क सीट के साथ प्रात: दस बजे प्रतियोगिता स्थल पर पहुंचना अनिवार्य है।


एक जुलाई से खुलेंगे स्कूल
-समय होगा प्रात: 8 बजे से दोपहर पश्चात 2:30 बजे तक
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कनीना की आवाज।। ग्रीष्मावकाश के बाद एक जुलाई से स्कूल फिर से खुलेंगे परंतु इस बार समय प्रात: आठ बजे से शाम 2:30 बजे तक का होगा। इस संबंध में निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग में पत्र जारी कर दिया है और पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि अब स्कूलों का समय विद्यार्थियों एवं अध्यापकों के लिए सामान रहेगा। स्कूल प्रात: 8 बजे को लगेंगे और दोहपहर पश्चात 2:30 बजे अवकाश होगा।



 बादलों ने दी गर्मी से राहत
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में विगत दिनों से भीषण गर्मी पडऩे के बाद बुधवार को दोपहर पश्चात बादलों ने नभ पर डेरा जमा लिया। आकाश में बादल छाए जाने के कारण गर्मी से राहत मिली है। मौसम विभाग आगामी दिनों में बारिश होने की संभावना जताई है।


धारावाहिक-11
1942 में स्थापित कनीना का रेलवे स्टेशन कनीना खास नाम से जाना जाता है
-बगुले जैसी दो इंजिन एवं दो डब्बों वाली डीजल ट्रेन चलती थी
- कनीना की आवाज/ डा होशियार सिंह यादव
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यूं तो कनीना का नाम कनीना मंडी के रूप में जाना जाता है किंतु कनीना रेलवे स्टेशन कनीना खास नाम से जाना जाता है क्योंकि यह स्टेशन एक खास स्टेशन था तथा कनीना से से मिलता जुलता एक और रेलवे स्टेशन होने की वजह से कनीना का रेलवे स्टेशन कनीना खास नाम दिया गया था।
कनीना रेलवे स्टेशन से मिलता जुलता किनाना रेलवे स्टेशन है इसलिए इस स्टेशन को विशेष नाम कनीना खास दिया गया था। वैसे भी बीकानेर राजा का यह भाषण का स्टेशन होता था। इसकी स्थापना बीकानेर के महाराज गंगा सिंह (1888 से 1943) ने करवाई थी। जब कनीना मंडी का गेट जब 1939 में तैयार हो गया कनीना मंडी स्थापित होने लगी उस समय कनीना बीकानेर रेलवे मंडल के तहत पड़ता था इसलिए बीकानेर के महाराज से इस रेलवे स्टेशन की स्थापना के लिए मांग की गई। यह मांग स्वयं नहीं अपितु इंग्लिश प्रेसिडेंट अंबाला से पत्र लिखवाया गया और बीकानेर के राजा से निवेदन किया गया कि कनीना मंडी स्थापित है इसलिए यहां रेलवे स्टेशन स्थापित किया जाए। चूंकि रेलवे लाइन कनीना से होकर नहीं गुजरनी थी बल्कि इसराणा और रामबास से होकर गुजरनी थी जिसके लिए आज भी रास्ता पड़ा हुआ, पूरी तैयारी हो गई थी।  महाराज गंगा सिंह ने कनीना वासियों की मांग को देखते हुए एक मोड़ कनीना एवं गुढ़ा ररेलवे स्टेशन के बीच देकर और इसे कनीना खास रेलवे स्टेशन से गुजारा गया। 1939 में रेलवे लाइन स्थापित की गई तथा 1942 में कनीना खास रेलवे स्टेशन स्थापित किया गया था जो आज भी खड़ा हुआ है। 1941 में महाराजा गंगा सिंह ने सथापना स्वयं अपने हाथों से की थी। यहां उनका बेहतर स्वागत किया गया तथा पानी आदि छिड़क कर स्वागत किया गया। रेलवे स्टेशन कनीना से सीधी बीकानेर ट्रेन जाने लगी। रेलवे स्टेशन स्थापित करवाने में सबसे अहम रोल में मेजर भवानी सिंह कनीना का माना जाता है। उस समय मेजर भवानी सिंह ने जो भूमिका निभाई जिसके चलते स्थापित हुआ। इस रेलवे स्टेशन कि स्थापित होने के बाद कनीना मंडी निवासी इमारती लकड़ी ,पत्थर तथा बिनौला मंगवाते थे। पुराने समय का माल गोदाम आज भी जर्जर पड़ा है। यहां पर मीटर गेज होती थी जिससे बहुत प्रसिद्ध ट्रेन डीजल निकलती थी। 1963 में यहां से डीजल ट्रेन निकलती थी जिसके दो डब्बे और दो ही इंजिन होते थे। सफेद बुगले जैसे रंग की यह ट्रेन डीजल नाम से जानी जाती थी। बताया जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री  जवाहरलाल नेहरू को यह ट्रेन जापान से मिली थी और इसे इसी रूट पर चलाया गया था। क्योंकि यह रेलवे लाइन एक विशेष लाइन के रूप से जानी जाती थभ्।
बाद में वह डीजल खराब हो गई और उसकी जगह जो ट्रेन चलाई गई उसे लंबे समय तक डीजल नाम से जाना जाता रहा था जो सुबह दस बजे कनीनाप आती थी। पुराने समय से बीकेएसआ नाम से ट्रेन चलती थी ििजसे बीकेएस नाम से जाना जाता था। जिसका अर्थ बीकानेर स्टेट रेलवे लाइन ट्रेन नाम था। बीकानेर से दिल्ली को जोडऩे वाला यह एक खास ट्रेन का रास्ता बन गया था। लंबे समय तक यहां से अनेकों ट्रेन गुजरती थी और लगभग सभी ट्रेन यहां रुकती थी किंतु 2008 में नया रेलवे स्टेशन स्थापित किया गया और लाइन को ब्रॉडगेज में बदल दिया गया तत्पश्चात कनीना में ट्रेनों का ठहराव लगभग बंद हो गया।
   अब एक बार फिर से इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाई जाने की तैयारी हो रही है। कनीना से 5 किलोमीटर दूर गुढ़ा रेलवे स्टेशन के पास पावर हाउस स्थापित किया गया है जो इस लाइन को बिजली प्रदान करेगा जबकि एसएसई अधिकारी का क्वार्टर यहां बन चुका है जहां एसएसई बैठा करेंगे। यही नहीं कनीना और बड़ी बणी के बीच में एक बड़ा केंद्र स्थापित किया गया है जहां रेलवे लाइन से संबंधित ट्रेनों में किसी प्रकार की कमी आने पर उन्हें ठीक किया जाएगा। इसलिए बिजली की ट्रेन उस क्वार्टर से होकर गुजरा करेंगी जिनमें किसी प्रकार की कमी होगी।
परंतु दुर्भाग्य है आज के दिन इस रेलवे स्टेशन की कोई सुध नहीं ली जा रही है। अधिकांश ट्रेन नहीं रुकती है। चार वर्ष पूर्व यहां रेलवे बुकिंगु खिड़की स्थापित हुई है। इस रेलवे स्टेशन के पास अब विभिन्न अधिकारियों के क्वार्टर बनकर तैयार हो गए हैं विशाल रेलवे पार्क 2014 में बनाया गया है।
रेलवे स्टेशन एवं रेलवे पार्क के पास छायादार पौधे लगे हुये हैं। रेलवे स्टेशन की बुर्जी राजस्थान के बीकानेर मंडल से जुड़े होने का प्रमाण है। बीकानेर तक सभी स्टेशनों पर इस प्रकार की बुर्जी बनाई गई हैं। समुद्र तल से यह स्टेशन 254 मीटर ऊंचा है। मनमोहक रेलवे स्टेशन कनीना उपमंडल का है किंतु यहां न तो एक लाइन से दूसरी लाइन तक जाने की सीढिय़ां अर्थात ओवरब्रीज है और न ही अभी तक जंक्षन बन पाया है। कोसली से नारनौल एवं अलवर को जोडऩे वाली रेलवे लाइन अगर कनीना से होकर गुजरती है तो सभी जंक्षन की सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी। इस क्षेत्र में कार्रवाई जारी है। साल में दो बार माता के नवरात्रे आते हैं उस वक्त घड़ी महासर की माता मेले के लिए दो फास्ट ट्रेन अस्थाई ठहराव करती हैं।
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धारावाहिक -12
धारावाहिक -12 में पढ़ेंगे कनीना मंडी का इतिहास।
सभी स्थलों की फोटो साथ हैं।



बूंदाबांदी रहेगी जारी
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कनीना की आवाज। आज बुधवार रात और कल सुबह को भी पूर्वी हवाओं व पश्चिमी हवाओं के टकराव से हरियाणा के दक्षिण-पश्चिम इलाकों व उत्तर-पुर्वी राजस्थान के इलाकों पर बादलों में फुटाव हो रहा है। जिसके कारण अगले कुछ घण्टो में हरियाणा के भिवानी, दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, मेवात जिले में हल्की से मध्यम बारिश होगी। इसके अलावा अम्बाला, पंचकूला, यमुनानगर में बादलवाही के बीच हल्की बारिश जारी रहेगी।ड ॉ चंद्रमोहन नोडल अधिकारी पर्यावरण क्लब राजकीय महाविद्यालय नारनौल*






































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