Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Saturday, June 18, 2022


तेज हवाएं चलेंगी एवं बारिश होगी
*************************************
**********************************************

*********************************************
कनीना की आवाज,कनीना। मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ का असर से नारनौल प्री मानसून गतिविधियों 50- 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं और झमाझम बारिश होगी। विस्तृत जानकारी देते हुये डॉ चंद्रमोहन नोडल अधिकारी पर्यावरण क्लब राजकीय महाविद्यालय नारनौल ने बताया कि
आधा धंटे के दौरान जिला महेंद्रगढ़ में महेंद्रगढ़, नांगल चौधरी, अटेली, कनीना, सतनाली सभी स्थानों पर प्री मानसून गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। चुनावी गर्मी के बीच राहत की ठंडी हवाएं और बारिश और आने वाले दिनों में भी गतिविधियों में तेजी आएगी। 

 

 

 

 
अग्रिपथ योजना का विरोध जारी
********************************************
***********************************************
****************************************
******
कनीना की आवाज,कनीना। केंद्र सरकार द्वारा हाल में घोषित अग्निपथ योजना का गांवों में भी विरोध शुरू हो गया है। शनिवार को इस योजना के खिलाफ जिला के गांव पाथेड़ा के बस अड्डा पर आसपास के ग्रामीणों ने शांतिपूर्वक धरना देकर केंद्र सरकार से अग्निपथ योजना को तत्काल वापस लेने की मांग की। धरना का नेतृत्वबसपा नेता अतरलाल एडवोकेट ने किया। अध्यक्षता सूबेदार सुखदेव सिंह ने की।
   धरने पर बैठे ग्रामीणों ने सेना भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ और अग्निवीर योजना के विरोध में जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने अग्निपथ योजना वापिस लो, अग्निपथ योजना युवा विरोधी है, वंदे मातरम और इंकलाब जिंदाबाद के जोरदार नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए बसपा नेता अतरलाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने सेना भर्ती की पूरी प्रक्रिया अपनी मर्जी से बदलकर युवाओं से धोखा किया है। उन्होंने युवाओं की मांगों का समर्थन करते हुए चेतावनी दी कि सरकार ने तत्काल नई अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया तो बुरे परिणाम होंगे। उन्होंने शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे युवाओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने तथा जिलों में धारा-144 लगाने का विरोध करते हुए सरकार से युवाओं पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा जिलों से धारा 144 हटाने की मांग की। उन्होंने लोगों से अग्निपथ योजना के खिलाफ आगामी 24 जून को कनीना में प्रस्तावित शांतिपूर्वक प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील भी की। सूबेदार सुखदेव सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई भर्ती योजना से युवाओं को लाभ नहीं होगा और देश का मजबूत रक्षा तंत्र आगे चलकर ध्वस्त हो जाएगा। 4 साल की सेवा के बाद न तो युवा पूर्व सैनिक माने जाएंगे उन्हें ही उन्हें सेना कैंटीन और सेना द्वारा प्रदत्त पेंशन तथा स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा कि इस योजना से युवाओं तथा देश की रक्षा सेनाओं का भविष्य खराब हो जाएगा।  इस अवसर पर धर्मपाल, प्रदीप, पंडित धर्मचंद, अजीत, रोहतास, बहादुर सिंह, वीरेंद्र, महासुख, राजेश, दलबीर, राजेंद्र, जसवंत, श्रीप्रकाश, मुकेश, नरेंद्र, भगवान दास, मदन, राम सिंह, देशराज, रामवीर, कैलाश, धर्मपाल, मनोज, मुनीम, पवन, सुरेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार, संजीत, विक्रम सिंह, बिल्लू राम, पवन कुमार, बलबीर, कैलाश सेठ, मदन सिंह, रामवीर पंच सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 1.गांव पाथेड़ा में अग्निपथ योजना के खिलाफ शांतिपूर्वक धरना देते ग्रामीण।




  





धारावाहिक-02
कनीना की आवाज से साभार
********************

कनीना के प्राचीन हनुमान मंदिर को करीब 350 वर्ष पहले मिर्जा फकरूद्दीन ने उड़ा दिया था तोप से
-पास में था ठाकुर जी का पुराना मंदिर

--डा होशियार सिंह यादव, कनीना की आवाज से
**************************** *****************************

कनीना कस्बा करीब 800 वर्ष पुराना माना जा रहा है। उस समय पूजा अर्चना के लिए यह मंदिर निर्मित किया गया था। ठाकुर मंदिर बीकानेर के नवाब द्वारा निर्मित करवाया गया था। कुल मिलाकर तीन बार ठाकुर मंदिर बन चुका है।
पास में ही पुराना मंदिर हनुमान मंदिर है। यह मंदिर आज भी खंडहर के रूप में खड़ा है। इस हनुमान मंदिर में कस्बावासी पूजा अर्चना करते थे तथा विवाह शादी में पास के ठाकुर जी मंदिर जाते थे। ठाकुर जी मंदिर में जाने के लिए महिलाओं के लिए एक पुलनुमा आकृति बनी हुई थी जिसका दूसरा सिरा स्व पूर्व प्रधान चौ बलबीर सिंह के मकान की ओर से आता था। महिलाएं इस रास्ते से ठाकुर जी के मंदिर आती थी।
साथ में लगता है खंडहरनुमा कनीना का प्राचीन हनुमान मंदिर। आज इस खंडहरनुमा मंदिर में पुराने समय की ईंट एवं सिमेंट की जगह चूना दूर से मन को आकर्षित कर लेता है। आज भी मंदिर के सामने खाली जगह पड़ी है। करीब 350 वर्ष पहले यह मंदिर कनीनावासियों के लिए श्रद्धा एवं भक्ति का मंदिर था। इस मंदिर को झज्जर के नवाब मिर्जा फकयद्दीन ने अपनी तोप से उड़वा दिया था। फकरूद्दीन अंतिम मुस्लिम शासक था जो 1816 से 1856 तक रहा। यह वहीं क्रूर शासक था जिसने बाघोत स्थित बाघेश्वरी धाम पर प्राकृतिक शिवलिंग को भी ढ़ोंग समझकर उसे उखाड़ फेंकने के आदेश अपने सैनिकों को दिये थे किंतु बताया जाता है प्राकृतिक शिवलिंग की खोदाई करते करते सैनिक थक गये, कुछ मौत भी हो गई बाद में जहरीले जीव निकलने लगे और यकायक ओलावृष्टि शुरू हो गई जिसमें शासक केे सैनिकों की मौत हो गई, भगदड़ मच गया। अंतत: मुस्लिम शासक ने शिव का विकराल रूप समझकर खोदाई बंद करवा दी और स्वयं भी इस शिवालय पर आकर माफी मांगी और शिवलिंग का अभिषेक किया था।  
 करीब 350 वर्ष पूर्व पूर्व इधर से झज्जर के नवाब का एक साला गुजर रहा था। वह महेंद्रगढ़ किले की ओर जा रहे थे किंतु उन्हें यहां गाये नजर आई और उसने अपने सैनिकों को ये गाय झज्जर की ओर हांक ले चलने के लिए कहा। उन्होंने इस झज्जर के नवाब के साले का नाम सलावत बताया है। उन्होंने कहा कि जब गांव के लोगों ने यह दृश्य देखा तो दौड़कर गांव के मौजीजान के पास पहुंचे।
उस समय कस्बा कनीना में चौधरी हरसेवक सिंह प्रमुख व्यक्ति होते थे जिन्होंने अपनी घोड़ी पर सवार होकर नवाब के साले को को कनीना कोसली मार्ग पर रनास नामक स्थान पर (जहां वर्तमान में एसटीपी निर्मित) के पास घेर लिया और उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। जब झज्जर के नवाब तक की सूचना गई तो वे स्वयं चलकर क्रोध अवस्था में यहां पहुंचे और मंदिर में पूजा अर्चना करने आने वाले हरसेवक आदि का धार्मिक स्थल ठाकुर मंदिर को तोप से उड़वा दिया। इससे पूर्व कनीना के लोगों ने मिर्जा फकरूद्दीन का मुकाबला किया किंतु एक कू्रर शासक  के सामने जिसके पास भारी संख्या में सैनिक थे मुकाबला करना कठिन हो गया था। मुश्किल से लोग जान बचाकर इधर उधर छुप गये। परंतु क्षेत्र के लोग पूजा अर्चाना में विश्वास करते थे। कू्रर नवाब को यह पसंद नहीं था। नवाब ने मन ही मन सोचा कि  लोगों को पूजा अर्चना पसंद है तो अब देखना है कि पूजा कहां करेंगे। और पूजा अर्चना स्थल हनुमान मंदिर को तोप से उड़ा दिया गया। तब से यह जर्जर हालात में आज भी पड़ा हुआ है।  बंंदोबस्त नक्शे में देखना चाहे तो इसका इतिहास आज भी मिलता है।
  उधर हनुमान मंदिर के पास एवं समकालीन  ठाकुर (श्री कृष्ण) मंदिर कनीना आज भी जर्जर हालात में खड़ा हुआ है। यहां हर प्रकार का पूजन, विवाह शादी, उत्सव आदि वही मनाए जाते हैं। इसे ठाकुर मंदिर नाम से जाना जाता है।
इसी मंदिर पर दुलेंडी, जन्माष्टमी पर अनेक कार्यक्रम चलते है। यह मंदिर ठाकुर मंदिर नाम से तथा ग्रामीण क्षेत्र में ठाकुरद्वारा नाम से जाना जाता है। मंदिर के पास मोहल्ला स्वामीवाड़ा है जो ब्राह्मणों का मोहल्ला है। यह समीपी गांव कोटिया के ब्राह्मणों बसाया गया था। उस समय ब्राह्मण को स्वामी नाम से जाना जाता था। इसलिए आज भी इस मोहल्ले का नाम स्वामी वाड़ा है। मोहल्ले वासियों की मानें तो दूसरे ठाकुर मंदिर की स्थापना बीकानेर के महाराज गंगा सिंह द्वारा करवाई गई थी जो करीब 350 वर्ष पुराना था।  यहां उस समय के पंडित पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे हैं, जब यहां पुराना ठाकुर मंदिर होता था। कनीना कस्बा करीब 800 वर्ष पुराना माना जा रहा है। उस समय पूजा अर्चना के लिए यह मंदिर निर्मित किया गया था। वास्तव में यह मंदिर इतना विशालकाय नहीं अपितु मंढी रूप में था। फिर करीब 350 वर्ष पुराना भवन चला। बाद में 2021 में इसे तीसरी बार आधुनिक रूप दिया गया है।
  उधर ठाकुर मंदिर में सेवा करने वाले कि कंवरसेन वशिष्ठ का कहना है की पुराने मंदिर को उड़ा देने के बाद इस मंदिर से करीब 200 गज दूर बीकानेर महाराज गंगा सिंह (1880-1943)के नवाब द्वारा नया मंदिर स्थापित करवाया गया था। बीकानेर के नवाब का एक बार यहां आना हुआ जो नियमित पूजा करने के बाद खाना खाते थे किंतु यहां मंदिर जर्जर हालात में देखकर उन्होंने नये मंदिर की नींव रखी। और कोटिया से पुजारी बुलाकर एक नए मंदिर की आधारशिला रखी थी जो लंबे समय तक चला आया। उन्होंने बताया कि विगत 2021 में जर्जर मंदिर के स्थान पर वर्तमान आधुनिक दर्जे का मंदिर निर्मित किया गया है।  
आज भी यह पुराना मंदिर खंडहरनुमा हनुमान मंदिर दर्शनीय स्थलों में से एक बन सकता है अगर इसकी देखरेख की जाए। न केवल बच्चे अपितु बूढ़ों में भी कौतूहल पैदा करेगा तथा नई जानकारी का स्रोत भी यह पुराना मंदिर बन सकता है। हालांकि पुराने मंदिर के स्थान के थोड़ा पास एक और मंदिर बीकानेर के नवाब द्वारा निर्मित करवाया गया था। दोनों ही मंदिर अपने आप में अजूबे हैं।
कभी कैसा रहा होगा खंडहरनुमा हनुमान मंदिर-
आज खंडहरनुमा हनुमान मंदिर की खिड़कियों एवं मोरों में उपले भरे हैं। एक मंजिल मिट्टी से भरी पड़ी है तथा उपरी सिरा जो तोप द्वारा उड़वा दिया था जर्जर हालात में पड़ा है तथा तोप द्वारा कू्रर शासक के तोडऩे के बाद कनीनावासियों ने पुन: निर्मित नहीं करवाया।
  यदि इस खंडहरनुमा मंदिर की खोदाई करके पुन: उद्धार करवाया जाए तो निसंदेह पूर्वजों की निशानी लंबे समय तक याद रहेगी। कनीना के 83 वर्षीय पूर्व प्रधान मा दलीप सिंह बतजाते हैं कि वे इस खंडहरनुमा मंदिर में एक मंजिल नीचे तक जाते थे तथा सीढिय़ों से जाया जाता था। वे सीढिय़ां तथा नीचे का भाग आज जमींदोज है। अगर प्रशासन एवं कनीनावासी चाहे तो इसकी खोदाई करवाकर पुरानी याद एवं भव्य हनुमान मंदिर को फिर से पूजा अर्चना का स्थल बनवा सकते हैं।
खंडहरनुमा हनुमान मंदिर की खोदाई करवाई जाए तो पूरा इतिहास एक आइने की भांति लोगों के समक्ष हाजिर हो जाएगा। बहरहाल इस खंडहरनुमा मंदिर में छोटी छोटी ईंटें, चूना द्वारा निर्मित तथा बेहद महत्वपूर्ण तरीके से की गई कलाकारी आज भी झलकती है। ईंट एवं चूने का संगम इस कद्र कठोर है कि मंदिर में जगह जगह छेद हो गये हैं किंतु वे ईंट किसी भी प्रकार से नहीं खिसक रही हैं। कारीगर की कला एवं हनुमान देव का अनंतकाल तक रहने का सही रूप यहां उजागर हो रहा है। बस इंतजार है इस मंदिर के पुनरोद्धार की।
ठाकुर मंदिर एवं खंडहरनुमा मंदिर की फोटो संलग्र हैं।
सावधान--
यह आलेख कापीराइट के तहत है। किसी प्रकार की फोटो एवं टैक्सट कापी करना दंडनीय अपराध एवं कापी राइट एक्ट के तहत जुर्म होगा। यह ब्लाग रजिस्टर्ड ब्लाग है। +-























जल्द ही चलेगी अवैध कनेक्शन काटने की कार्रवाई -जेई सुरेंद्र सिंह
*********************************************************
****************************************
*******************
 कनीना। कनीना जन स्वास्थ्य विभाग के जेई सुरेंद्र सिंह ने आज अपनी पूरी टीम जयपाल कवाली, जसवंत सिंह, परमानंद तथा अन्य सहयोगियों सहित कस्बा कनीना के विभिन्न वार्डों में सप्लाई की जा रही पानी की चेकिंग की और पाया पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। यहां तक कि कुछ लोग पानी को सड़क धोने,पीने के पानी से भैंस को नहलाने तथा कुछ नालियों में डालते देखे गए।
 एक भेंटवार्ता में सुरेंद्र सिंह ने बताया कि कुल 2400 घरों में कनेक्शन लगे हुए हैं जिनमें से 800 ने शिविर कनेक्शन ले रखे हैं 1300 ने पानी के कनेक्शन ले रखे हैं और 1100 से अधिक कनेक्शन अवैध है, ऐसे अवैध कनेक्शन काटे जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन कनीना वासी करीब 6 लाख गैलन पानी पी रहे हैं। अकेले जन स्वास्थ्य विभाग के पेयजल टैंक दो लाख गैलन पानी सप्लाई किया जाता है इससे कहीं अधिक पानी नहर पर आधारित स्कीम के तहत बड़ी बणी से पेयजल सप्लाई किया जा रहा है। कस्बे में विभिन्न नौ पुराने ट्यूबवेलों से 24 घंटे पेयजल उपलब्ध होता है। निजी स्तर पर भी लोगों ने बोर कर पानी उपलब्ध करवा रखा है। कुल मिलाकर पेयजल को पीते कम किंतु बर्बाद ज्यादा कर रहे हैं। बहुत से नलों पर टोंटियां नहीं लगी हैं। अनेक लोग पानी अधिक आने पर नालियों में बहाते, अपने वाहनों को धोने में और सड़क साफ करने में लगे देखे जा सकते हैं। अधिक पानी आने का प्रमाण सभी जोहड़ है जिनमें कालर वाली और होली वाला जोड़ लबालब पानी से भरे हुए हैं। पानी निकासी करने की बड़ी समस्या बनी हुई है। उन्हें एसटीपी में डाला जा रहा है जबकि एसटीपी पर अत्यधिक मात्रा में पानी आने की समस्या बनी हुई है। अधिक पानी नालियों में बहा देने से एसटीपी पर गंदे जल की मात्रा बढ़ रही है। यही कारण है कि अब एसटीपी का पानी पीपल वाली बणी में ले जाया जा रहा है। यही नहीं बहुत अधिक मात्रा में नालियों में पानी एवं पॉलीथिन बहा रहे हैं जिसके चलते शिविर था बार-बार सीवर ठप हो रही है। क्योंकि नालियों का जल पॉलीथिन बहा ले जाता है जिसके कारण बार-बार प्रशासन को समस्या झेलनी पड़ रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अधिक पानी आने पर बर्बाद ना करें। उन्होंने मांग की है कि पेयजल से वाहन धोने, गलियों को धोने और नालियों में पेयजल बहाने से गुरेज करें ।
फोटो कैप्शन 2: जन स्वास्थ्य विभाग पर जन स्वास्थ्य विभाग कार्यालय पर सुरेंद्र कुमार जी सहित टीम।

No comments: