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Saturday, October 28, 2023

 
प्रदीप सोनी बने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट
- मेहनत द्वारा पहुंचे इस मुकाम पर
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कनीना की आवाज। कनीना के प्रदीप सोनी का चयन हाल ही में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर हो गया है। वे तुलसीराम सोनी के पुत्र हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा पास की थी तत्पश्चात कोई कोचिंग नहीं ली, घर पर परीक्षा की तैयारी की यूपीएससी के जरिए आयोजित परीक्षा में चौथी बारी में सफलता प्राप्त कर चुके हैं। इससे पहले भी उन्होंने तीन बार प्रयास किया किंतु असफलता हाथ लगी थी किंतु चौथी बार उनको सफलता हासिल हुई है।
 प्रदीप सोनी ने बताया यूपीएससी द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा के बाद एक साक्षात्कार आयोजित होता है। अब उनका रैंक 120 पर आ गया है और उनका चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर हो गया है। उनके पिता तुलसीराम सोनी स्नातक जबकि उनकी मां आशा सोनी केवल 12वीं कक्षा पास है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय दादा लालचंद सोनी, दादी कृष्ण सोनी, पिता तुलसीराम सोनी, मां आशा सोनी, दुष्यंत सोनी, नेहा सोनी तथा सभी गुरुजनों को दिया है साथ में  उनका आभार व्यक्त किया है ।
फोटो कैप्शन:प्रदीप सोनी






विश्व स्ट्रोक दिवस- 29 अक्टूबर
समय पर डाक्टर के पास न पहुंचने पर मिलते हैं बुरे परिणाम -डा. राहुल सिंगला
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कनीना की आवाज। स्ट्रोकभारत में सड़क दुर्घटनाओं के बाद मृत्यु दर का सबसे प्रमुख कारण माना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जब मस्तिष्क को पर्याप्त आक्सीजन या पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं और जिसके कारण मस्तिष्क कोशिकाएं मर जाती हैं। शोध से पता चलता है कि दिनों दिन इसके मरीज बढ़ते जा रहे हैं। भविष्य में इसका और भी बुरा प्रभाव मिल सकता है। जिसे संक्षेप में सीवीए के रूप में भी जाना जाता है जिसे सेरेब्रोवास्कुलर दुर्घटना मानते हैं। यह घटना तब घटती है मस्तिष्क का एक हिस्सा रक्त की आपूर्ति को खो देता है और काम करना बंद कर देता है, इससे शरीर का वह हिस्सा जिसे घायल मस्तिष्क नियंत्रित करता है काम करना बंद कर देता है। रक्त आपूर्ति में यह कमी रक्त प्रवाह में कमी के कारण उत्तकों में रक्तस्राव के कारण रक्त स्रावी हो सकती है । यह एक चिकित्सीय आपात स्थिति है क्योंकि स्ट्रोक से मृत्यु या स्थायी विकलांगता बन सकती है।
 इस संबंध में वरिष्ठ कार्डियोलोजिस्ट डा. राहुल सिंगला से बात की। उन्होंने बताया कि जब तक वास्तव में यह घटना घटित ना हो तब तक कोई चेतावनी संकेत नहीं मिलते। कुछ लक्षण ऐसे हो सकते हैं जो चेतावनी दे सकते हैं कि आपको स्टॉक हो सकता है। जिनमें इंसान मुस्कुराने की कोशिश करता है तो चेहरा एक तरफ झुक जाता है, दोनों भुजाएं उठाने का प्रयास करें तो एक नहीं उठ पाती, जब बोलता है तो वाणी अस्पष्ट होती और समझना कठिन होता है। उन्हें स्ट्रोक के समय हर मिनट मायने रखता है कि इनमें से कोई लक्षण दिखाई दे तुरंत डाक्टरी सहायता देनी चाहिए।
 उन्होंने बताया कि अक्सर लोग झोलाछाप डॉक्टर के पास जाते हैं जिससे जीवन को खतरा बढ़ जाता है। अन्य लक्षणों में रोगी को चक्कर आना, उल्टी की शिकायत हो सकती है। दाएं मस्तिष्क का स्टॉक शरीर के बाएं हिस्से को कमजोर कर देता है। स्स्ट्रोक मस्तिष्क के किस हिस्से में हुआ है उसी के आधार पर शरीर पर प्रभाव दिखाई देता है। बोलना, सुनना आदि को नियंत्रित करना भी इन्हीं का कार्य होता है जो प्रभाविता होता है।
डॉ राहुल सिंगला ने बताया स्ट्रोक के खतरे को कई कारक बढ़ाते हैं जिनमें वजन अधिक होना, शारीरिक निष्क्रियता, अत्यधिक शराब पीना, उच्च रक्तचाप, सिगरेट पीना, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह हृदय रोग आदि प्रमुख हैं। यह 55 वर्ष या अधिक उम्र में अधिक होता है महिलाओं की तुलना पुरुषों में स्ट्रोक अधिक होता है।
डॉक्टर की एक बार स्टॉक हो जाता है उसमें मस्तिष्क कोशिकाएं मर जाती उन्हें वापस ठीक नहीं किया जा सकता। ऐसे में तुरंत चिकित्सीय की सुविधा देने से भावी होनि को रोका जा सकता है।
मस्तिष्क का सीटी स्कैन और एमआरआई से मस्तिष्क स्ट्रोक का पता लग सकता है, उसी के आधार पर ही रोगी की चिकित्सा की जाती है। स्टॉक से उभरने के लिए लंबा समय लग सकता है। फोटो कैप्शन: डॉक्टर राहुल सिंगला वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट





वाल्मीकि जयंती पर लगा भंडारा,निकाली झांकियां
-रात्रि के समय हुआ जागरण
-आंख पर पट्टी बांधकर सेब व केला को काटना, लठबाजी करना व तलवार चलाना आदि मुख्य आकर्षण का रहे केन्द्र
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कनीना की आवाज। वाल्मीकि समाज की ओर से कनीना के वाल्मीकि मंदर में जहां बीती रात को जागरण का आयोजन हुआ वहीं शनिवार को हवन आयोजित हुआ साथ मेें भंडारा भी लगाया गया। इस मौके पर महर्षि ववाल्मीकि की झांकिया निकाली गई।
महर्षि वाल्मीकि जयंती पर कनीना कनीना वाल्मीकि मंदिर में मनाई गई जिसमें जहां शुक्रवार की रात को जागरण आयोजित हुआ।  मुख्य अतिथि ठाकुर अतरलाल थे। मंच संचालन सचिन शर्मा ने किया जिसमें रात्रि जागरण में भजन कीर्तनों का आनंद लिया गया। भजन कीर्तन मंडली शिवा और झगड़ु पार्टी ने किया जिसमें मुख्य कलाकार मनोज रोहिल्ला, मीनाक्षी कुमारी गुरुग्राम, रोहित शेखावत, धर्मेश कौशिक, अजीत बेदी, मीनाक्षी शर्मा, शिव कुमार शर्मा कनीना थे। भगवान महर्षि वाल्मीकि जयंती के उपलक्ष्या पर कनीना में बड़ी धूमधाम से मनाई गई शनिवार को सुबह हवन एवं भंडारा का आयोजन किया गया। जिसमें दूर दराज से आये भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। वहीं महर्षि वाल्मीकि जयंती के उपलक्ष्य में झांकी निकल गई।
आदिकवि, रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का जन्मोत्सव उपमंडल के अनेक गांवों में धूमधाम से मनाया गया।   महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया और लोगों से उनकी शिक्षाओं पर चलने की अपील की।  महर्षि वाल्मीकि के समता, स्वच्छता और पर्यावरण हितकारी उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं। समाज के लोगों से अपने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की अपील की।
कनीना वाल्मीकि मंदिर में विशाल जागरण  आयोजित कर महर्षि वाल्मीकि तथा संत महापुरुषों की महिमा का गुणगाण किया गया। आंख पर पट्टी बांधकर सेब व केला को काटना, लठबाजी करना व तलवार चलाना आदि मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे।
इस अवसर पर समाजसेवियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। भंडारा आयोजित किया गया जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। महर्षि वाल्मीकि तथा रामायण के पात्रों की मनमोहक झांकियां निकाली गई। इस अवसर पर जितेन्द्र, धर्मपाल, मनोज रोहिल्ला, गोपाल, डॉ. पवन कांगड़ा, हवासिंह, के.के.पूनियां, सचिन शर्मा, आकाश, बीर सिंह, तुषार, जीवन सिंह, मामन, सचिन, मोहन, अमन, सोहन, जितेन्द्र, सुरेन्द्र, रोहित, अमित, विषाल, हैडमास्टर डीगराम, मा. सूरत सिंह, मा. किशनलाल, कृष्ण फौजी, राजेश, नरेन्द्र, सुनील, रमेश, सुरजभान, प्रकाश, पंकज, दिनेश, अर्जुन, नितिन, संजय आदि अनेक गणमान्य उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 09: आंख पर पट्टी बांधकर लाठी चलाते हुए।
         10: गणमान्य जनों को स्मृति चिह्नि भेंट करते हुए
          11: रात्रि जागरण में भजन गाते हुए भजन गायक।






123 दिव्यांग प्रवक्ताओं को पदोन्नति कर बनाया प्राचार्य
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कनीना की आवाज। हरियाणा दिव्यांग प्रगतिशील शिक्षा अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश कुमार कौशिक ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा दिव्यांगों के हितों के लिए सराहनीय कार्य किए गए हैं। अभी 123 दिव्यांग प्रवक्ताओं को प्राचार्य की पदोन्नति देकर मुख्याध्यापकों को भी प्राचार्य बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बारे में निदेशालय के अधिकारियों इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि शीघ्र ही मुख्याध्यापकों के प्राचार्य पद के लिए पदोन्नति केस मांगे जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों  प्रदेश के दिव्यांगजन आयुक्त राजकुमार मककड़ ने अपने कनीना दौरे के दौरान कहा था कि सभी विभागों  के दिव्यांगों की पदोन्नति उनकी डीम्ड तिथि से की जाएगी तथा इसका लाभ भी दिव्यांग कर्मचारी को मिलेगा ढ्ढ प्रगतिशील दिव्यांग शिक्षा अधिकारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रविंद्र गहलावत ,महासचिव रमेश धारीवाल ,सचिव रानी देवी तथा कोषाध्यक्ष सुनीता रानी तथा रेवाड़ी के जिला प्रधान अनिल यादव  ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ,प्रदेश दिव्यांगजन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ,शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल तथा निदेशक डॉ अंसज सिंह का धन्यवाद करते हुए कहा कि शीघ्र ही दिवाली पर दिव्यांगों को और नई पदोन्नति की सौगात मिलेगी।




कनीना क्षेत्र में अवैध हथियार सहित एक आरोपित गिरफ्तार
---न्यायालय में पेश, पुलिस रिमांड पर
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कनीना की आवाज। एसटीएफ की टीम ने थाना सदर कनीना के क्षेत्र से एक आरोपित विकास वासी छितरोली को अवैध हथियार सहित गिरफ्तार किया है। एसटीएफ की टीम ने थाना सदर कनीना के क्षेत्र में बाघोत बस अड्डा से गुप्त सूचना के आधार पर रेड कर एक युवक को काबू किया और उससे देसी पिस्टल स्टारमेड बरामद किया गया। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि एसटीएफ की टीम बाघोत बणी में मौजूद थी, उसी समय टीम को गुप्त सूचना मिली कि विकास वासी छितरोली अवैध हथियार लिए बाघोत बस अड्डा पर खड़ा है और कहीं जाने की फिराक में है। अगर तुरंत रैड की जाए तो आरोपित को अवैध हथियार के साथ पकड़ा जा सकता है। इस सूचना पर टीम ने बतलाए हुए स्थान पर रेड की, वहां पर खड़े युवक को काबू कर नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम विकास उपरोक्त बतलाया। युवक की तलाशी लेने पर उसके पास से एक देसी पिस्टल बरामद हुआ। आरोपित के खिलाफ थाना सदर कनीना में आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। आरोपित को आज न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया।
फोटो कैप्शन 07: देशी पिस्तौल सहित गिरफ्तार युवक।






भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं यज्ञ से -आचार्य अनुराग
--धनौंदा के कृष्णानंद आश्रम में मनाई शरद पूर्णिमा
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कनीना की आवाज। यज्ञ हमें मिलजुल कर जीना सिखाता है। इसलिए हमें यज्ञ में अवश्य ही भाग लेना चाहिए क्योंकि यज्ञ रूपी जीवन ही असली जीवन है। ये विचार आचार्य अनुराग देव ने  स्वामी कृष्णानंद महाराज के धाम पर बाल्मीकि जयंती व शरद पूर्णिमा के उपलक्ष्य में आयोजित एक विशाल यज्ञ के उपरांत भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
 इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यज्ञरूपी जीवन ही वास्तविक में असली जीवन है क्योंकि यज्ञ हमें आपस में मिलजुल कर रहना सीखना है इसलिए हमें अपने घर-दुकान में, गली-मोहल्ले में समय-समय पर अवश्य ही यज्ञ करना चाहिए क्योंकि यज्ञ ही हमें भगवान तक पहुंचने का सुगम रास्ता सुझाता है। उन्होंने कहाा कि कृष्णानंद महाराज की इस पावन भूमि में यज्ञ करने का जो अवसर प्राप्त हुआ है यह किसी महान खुशी से कम नहीं है क्योंकि संत जहां पर रहते हैं वह उस जगह को ही नहीं उस गांव, उस जिले, उस प्रदेश तथा उस देश को स्वर्ग बना देते हैं। अत: वाल्मीकि संत की जयंती पर तथा शरद पूर्णिमा के अवसर पर किया हुआ यज्ञ बहुत ही शुभ होता है। आज के दिन वस्त्र एवं अन्न दान तथा भूखे लोगों को भोजन, गांव की सेवा, गरीबों की सेवा करना, बीमार को दवाई दिलवाने जैसे महान कार्य करने चाहिए। इस प्रकार के कार्यों का 100 गुणा फल मिलता है।
 उन्होंने कहा कि अपने घर परिवार में मां-बाप, भाई बहन तथा पति आदि की इज्जत करनी चाहिए और बूढ़े मां-बाप को समय-समय पर भोजन कारण उनके पैर छूना, पैर दबाना आदि से सेवा करनी चाहिए। अपनी ईमानदारी की कमाई में से दसवां हिस्सा शुभ कर्म में लगाना चाहिए क्योंकि यह शुभ कर्म ही आखिर में मानव के साथ जाता है। इसलिए हमें आपसी बैर भाव बुलाकर शांति प्रिय ढंग से एक दूसरे के साथ खुशी से समय व्यतीत करना चाहिए ताकि प्रभु की भक्ति ,सुख शांति से हो सके।
 इस अवसर पर अनिल यादव, मूलचंद तंवर, विजय कुमार आर्य ,डॉक्टर आनंद सिंघल, डा ज्योति सिंघल,सुनीता, महेश हवाई ठाकुर घनश्याम सिंह, कर्मवीर सिंह, लालाराम प्रजापत, घनश्याम शास्त्री, रामभक्त शास्त्री, चौधरी दलबीर सिंह व अन्य ग्रामीण  उपस्थित थे।
भक्ति मंदिर कनीना में वितरित किया जाएगा खीर का प्रसाद--  कनीना के भक्ति मंदिर नजदीक कोटिया बस स्टैंड में शरद पूर्णिमा के दिन 29 अक्टूबर को खीर का प्रसाद वितरित किया जाएगा। भक्ति मंदिर के महाराज स्वामी घनश्याम दास तथा मंदिर कमेटी सदस्य सतपाल प्रधान, अशोक कुमार, शिवनाथ, संदीप ,अनूप यादव ने बताया कि वर्षों से शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाई जाती है और अगली सुबह वितरित की जाती है। ऐसे उन्होंने भक्तजनों से निवेदन किया है कि वो खीर का प्रसाद ग्रहण करने भक्ति मंदिर जरूर पहुंचे।
फोटो कैप्शन 08: धनौेंदा में शरद पूर्णिमा पर हवन करते हुए आचार्य अनुराग।





पीपला की बणी से जल के पेड़ उखाडऩे का मामला पकड़ रहा है तूल
- 7 एकड़ में प्रस्तावित है साफ पानी का स्टोर
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कनीना की आवाज। कनीना की पीपल वाली बणी में 7 एकड़ स्थल पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी स्टोर करने के लिए स्टोर घर बनाने की गतिविधियां शुरू हो गई है किंतु पांच जाल के सैकड़ो वर्ष पुराने पेड़ उखडऩे और कैर के पेड़ उखाड़े जाने के बाद क्षेत्र के लोगों में आ रेाष पनप रहा है। बार-बार एसडीएम के अतिरिक्त विभिन्न उच्च अधिकारियों संपर्क कर रहे हैं परंतु कोई अधिकारी यह नहीं बता पा रहा कि किसके आदेश से जाल के पेड़ उखाड़े गए हैं। जन स्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता भी इस बात से इनकार कर रहा है। उनका कहना है अभी तक उन्हें कोई आदेश नहीं दिया है और न ही उनके पास अभी तक न ही पेड़ उखडऩे की अनुमति प्राप्त हुई है। एक और जहां सैकड़ों जीव जंतुओं के लिए इस बणी में जाल के पेड़ खड़े हुए हैं। उनको साफ पानी स्टोर करने के लिए उखाड़ा जाना अनुचित बताया जा रहा है। कनीनावासियों की मांग है कि पहले बणी की पैमाइश करवाई जाए और जहां तक हो साफ जगह पर ही स्टोर बनाया जाए। यहां तक की एक एकड़ पहले ही साफ जगह कनीना पालिका की इसी बणी के पास स्थित है। अगर पैमाइश करवा दी जाए तो भारी मात्रा में नगर पालिका की जगह प्राप्त होगी क्योंकि चारों ओर से बणी का अतिक्रमण किया हुआ है।
** इन जाल के पेड़ों की उनके पूर्वज देखभाल करते आये है जहां अनेकों जंगली जीव को आश्रय स्थल मिलता है। इन जालों को घर भी सालों के साथ दाल और गैर उखाडऩे के साथ-साथ नष्ट कर दिया है जो अनुचित है। जाल के पेड़ किसके आदेश पर उखाड़े गए हैं अभी तक कोई अधिकारी जवाब नहीं दे रहा है। ऐसे में इस मसले की जांच करवाई जाए।
  -- अजीत कुमार, कनीना
 दुर्भाग्य है कि कनीना की पुरानी पीपल वाली बणी से जाल के पेड़ उखाड़ दिए हैं। जन स्वास्थ्य विभाग 7 एकड़ जमीन पर साफ पानी इकट्ठा करने की बात कह रहा है किंतु उसकी आड़ में पांच जाल के पुराने पेड़ और कैर किसके आदेश पर उखाड़ डालें। इसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिल रहा हॅै? इसका कु-प्रभाव पर्यावरण पर तो पड़ेगा ही साथ में जंगली जीव जंतुओं के लिए घातक साबित होगा। इन जाल के पेड़ों को उखाडऩे की जांच करवाई जाए तभी मामला सामने आ सकता है।
--- बीजेंद्र सिंह, कनीना
 हरे पेड़ों पर जानबूझकर जेसीबी चलाई गई है जिससे पर्यावरण को नुकसान हुआ है जंगली जीवों के लिए आश्रम स्थल समाप्त कर दिये हैं। समस्त मामले की जांच की जाए और कोई भी दोषी मिले उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना ने घट सके।
--- धर्मवीर फौजी
मेरे नगर पालिका प्रधान कार्यकाल दौरान 10 एकड़ जमीन मानका बनी में देने की बात कही थी किंतु वह रिजेक्ट हो गई थी। तत्पश्चात 7 एकड़ जमीन पीपल वाली बणी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का साफ जमा करने की बात कही गई थी। साथ में यह भी कहा गया था कि पेड़ों को किसी प्रकार का कोई नुकसान पहुंचाया जाए । इस जगह किसी प्रकार का पक्का निर्माण कार्य नहीं होगा तथा यह जमीन नगर पालिका की होगी, जब चाहे तब छुड़ा लिया जाए। हमने कभी जल के पेड़ों को उखाडऩे की अनुमति नहीं दी थी। ऐसे में इस मसले की जांच की जाए।
-- निवर्तमान पालिका प्रधान सतीश जेलदार
क्या क्या कहते हैं कनिष्ठ अभियंता जन स्वास्थ्य विभाग -
सुरेंद्र सिंह जेई जन स्वास्थ्य विभाग से संबंध में बात ही उन्होंने कहा कि एक कच्चा स्टोर बनेगा जहां सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी इकट्ठा किया जाएगा। कोई पेड़ नहीं उखाड़ा जाएगा यदि प्लांट के बीच में ही पेड़ आ गया उसकी अनुमति लेकर ही उखाड़ा जाएगा। उनकी ओर से नहीं कोई ऐसा आदेश दिया गया था और नहीं हमने अभी तक अनुमति ली है।
--- सुरेंद्र सिंह जेई
उल्लेखनीय है कि कोसली सड़क मार्ग पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है जिसकी जगह कम होने के कारण यहां सेसाफ किया गया पानी करीब 2 किलोमीटर दूर पीपल वाली बणी में स्टोर करने के लिए परियोजना पास हुई है। इसके लिए टेंडर छोड़े जा चुके हैं। पीपल वाली बनी में साफ पानी स्टोर किया जाएगा जिसका उपयोग किसान कर सकते हैं परंतु स्टोर बनने से पहले ही पेड़ों पर जेसीबी चला दी गई है। इसका आसपास के लोगों में भारी रोष पनपा है। विजयपाल चेयरमैन एवं आधा दर्जन अन्य गणमान्य जन भी एसडीएम सुरेंद्र सिंह से संबंध में मिले थे। उन्होंने यह भी शिकायत की है कि यहां साफ पानी स्टोर करने की बात कही थी लेकिन अभी तक गंदा पानी जमा किया जा रहा है। उन्होंने पेड़ों के काटे जाने की पर भी ऐतराज जताया था जिस पर अधिकारी ने संज्ञा लेने की बात कही है। इसके अतिरिक्त कई अन्य व्यक्ति एसडीएम तथा उच्च अधिकारियों संपर्क में है और इस प्रकार बणी के जाल के पेड़ों को उखाडऩा गलत बताते हुए सख्त कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। यहां तक की कस्बावासी जो लंबे समय से मांग कर है कि कनीना की बणियों की पैमाइश करवाई जाए। पर्याप्त मात्रा में जमीन उपलब्ध हो जाएगी जिस पर किसी प्रकार का की परियोजना चलाई जा सकती है परंतु अभी तक कितने ही पालिका प्रधान बने बणियों की पैमाइश आज तक नहीं हुई है जिसके चलते अतिक्रमण तो हुआ ही है ,चारों ओर से पेड़ पौधों को काटकर भी समाप्त कर दिया गया है।
 फोटो कैप्शन:3 से 6- उखाड़े गए जाल के पांच पेड़ साथ में अजीत कुमार, बिजेंद्र सिंह, धर्मवीर, सतीश जैलदार







ग्रामीणों का धरना 230वें दिन भी जारी
-अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए धरने के लिए ग्रामीणों का कट 230वें दिन भी जारी रहा। शनिवार को धरने की अध्यक्षता डॉ लक्ष्मण सिंह सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि मौसम बदल रहा है,बुजुर्ग किसानों को अपनी सेहत का ध्यान रखना है, ठंड शुरू हो रही है, खांसी -जुकाम और बुखार होने की संभावना ज्यादा रहती है। इन सब परेशानियों का सामना करते हुए हम धरना स्थल पर डटे रहेंगे।
उन्होंने बताया कि धरने को चलते 230 दिन हो गए हैं। दिन भर चलने वाले वाहनों से उडऩे वाली धूल से धरना स्थल पर बैठे बुजुर्ग किसान बहुत परेशान हैं। परेशानी को बर्दाश्त करने का कारण है कि केंद्र सरकार के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन आज तक सरकार ने धरातल पर  कट का काम शुरू नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार बुजुर्ग किसानों की आवाज सुने, राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना इस क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी है। इस क्षेत्र का विकास कट बनने के बाद ही संभव हो सकता है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार किसानों के दु:ख -दर्द को समझे और जल्दी से जल्दी राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू किया जाए।
 इस मौके पर धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष  विजय सिंह चेयरमैन, संघर्ष समिति के सदस्य पहलवान धर्मपाल सेहलंग, नरेंद्र शास्त्री छिथरोली, सूबेदार हेमराज अत्रि बाघोत, सुमेर सेठ नौताना, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, पहलवान रणधीर सिंह, महेंद्र सिंह, डॉ राम भक्त, सत्यवीर सिंह नौताना, रामभज, रामकिशन, मुख्तार सिंह,  रोशन लाल आर्य, प्रधान कृष्ण कुमार , सूबेदार भोले राम, पूर्व सरपंच हंस कुमार, ओम प्रकाश, सीताराम, सत्य प्रकाश, सूबेदार श्री राम, मास्टर विजयपाल, सूबे सिंह पंच, सत्यनारायण साहब
व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02: कट के लिए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे ग्रामीण।










शहीद पुलिस कर्मियों की याद में स्कूल में पेंटिंग व निबंध प्रतियोगिता का किया आयोजन
-सुंदराह स्कूल में आयोजित हुआ कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। पुलिस स्मृति दिवस व झंडा दिवस के अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह में  पेंटिंग व निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीद पुलिस कर्मचारियों की याद में 21 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलने वाले कार्यक्रम के उपलक्ष में शुक्रवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह में पेंटिंग व निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूल स्टाफ व विद्यार्थी हाजिर रहे।
जिला पुलिस की ओर से शहीद हुए पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए जगह-जगह कर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ताकि समाज और आने वाले पीढ़ी को हमारे शहीद हुए पुलिस कर्मचारियों की बहादुरी का पता चल सके। उन्होंने कहा कि इन पुलिस कर्मचारियों ने अपराधियों को पकडऩे के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इन पर हम सभी को गर्व होना चाहिए। एक पुलिसकर्मी जब वर्दी पहना तो उसके मन में समाज और देश की सुरक्षा हर समय रहती है। ड्यूटी पर रहते हुए कई बार उसे इस तरह की हालत से गुजरना पड़ता है जहां पर जान का जोखिम होता है। लेकिन पुलिसकर्मी कभी भी इस तरह के जोखिम से नहीं डरते। समाज और देश की सुरक्षा के लिए कभी जान देने से पीछे नहीं हटते। जो पुलिस कर्मी में शहीद हुए हैं हमें उनके बलिदान को कभी नहीं बुलाना चाहिए। उनके परिवारों का भी हमारे लिए बहुत बड़ा बलिदान है क्योंकि उन्होंने अपने परिवार का सदस्य खोया है। इसी कड़ी में शुक्रवार को शहीद पुलिस कर्मचारियों की याद में स्कूल में पेंटिंग व निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें काफी विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में विजेता छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
फोटो कैप्शन 01: अव्वल रहे विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए पुलिस के अधिकारी।





29 अक्टूबर को खिलाई जाएगी खीर
शरद पूर्णिमा पर बनाई जाएगी खीर, श्वास रोगियों के लिए रामबाण
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर रात के समय खीर बनाने तथा प्रसाद के रूप में अगले दिन बांटने की प्रथा चली आ रही है। मंदिरों में खीर बनाकर रात के समय चंद्रमा की किरणें डालकर खिलाने की परंपरा भी अनोखी है। 29 अक्टूबर को खिलाई जाएगी खीर। इसी दिन महर्षि वाल्मीकि जयंती भी मनाई जा रही है।
    घरों में तो खीर बनती ही है साथ में मंदिरों में भी खीर बनाने की परंपरा है। यह खीर रातभर रखी खुले आकाश के नीचे रखी जाती है तथा चंद्रमा की किरणें डालकर इसे रोग विनाशक बनाकर ही खिलाया जाता है। महंत लालदास का कहना है कि इस रात को चंद्रमा अपने आप में पूर्ण होता है बाकी किसी भी पूर्णिमा को इतना बेदाग नहीं होता है। यही कारण है कि इसकी किरणें डाली जाती है जो मन व मस्तिष्क पर अच्छा प्रभाव डालती हैं।
 उधोदास आश्रम के महंत लालदास ने बताया कि उनके यहां तो जो खीर बनाई जाती है उस मखमल के कपड़े से ढककर रख दिया जाता है ताकि अधिक मात्रा में चंद्रमा की किरणें गिर सके। इन्हीं किरणों के कारण खीर का स्वाद मधुर बन जाता है। तत्पश्चात इस खीरा को रात के बारह बजे बाद ही प्रसाद बतौर खिलाया जाता है। इस खीर का श्वास रोगियों के लिए बेहद लाभ होता है। उन्होंने बताया कि इस खीर में डालने के लिए कई प्रकार की औषधियां व पदार्थ मंगवाएं हैं ताकि खीर के प्रसाद से उनका रोग ठीक हो सके। रातभर भजन कीर्तन करते हुए ठाकुर जी का भोग लगाकर प्रसाद चखते हंै।  
क्या कहते हैं वैद्य-
वैद्य बालकिशन एवं श्रीकिशन का कहना है कि शरद पूर्णिमा का पर्व बहुत अहमियत रखता है। यह पर्व कई रोगों से छुटकारा दिलाने वाला ही नहीं अपितु इंसान में नया संचार जगाने वाला होता है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने भी इस पर्व का विशेष महत्व बताया है तथा इस पर्व से सर्दी का मौसम जुड़ा है। सर्दी प्रारंभ होने से सेहत के लिए लाभकारी होती हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन से जल्दी उठकर स्नान ध्यान करने से सभी कष्टï स्वत: छूट जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  सुरेंद्र शर्मा ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इसी पर्व से जुड़ी है कार्तिक स्नान करने की परंपरा। महिलाएं पूरे एक माह तक चलता रहता है। एक माह बाद इसे संपन्न करती हैं। स्वास्थ्य की दृष्टिï से भी यह समय अनुकूल माना जाता है।






2023 का अंतिम चंद्र ग्रहण 28 की रात को
-भारत में दिखाई देगा ग्र




























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कनीना की आवाज। साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगने जा रहा है। इसी दिन शरद पूर्णिमा भी है. वैज्ञानिक रूप से किसी भी ग्रहण को खगोलीय घटना माना जाता है।
पंडित सुरेंद्र शर्मा के अनुसार चंद्रग्रहण 28 और 29 अक्टूबर की मध्यरात्रि में लगने जा रहा है। यह ग्रहण 28 अक्टूबर को रात को 01:05 बजे से लगेगा और रात  02:24 पर समाप्त होगा। यह ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगने जा रहा है. साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा।
यह चंद्रग्रहण आंशिक होगा। जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा के कुछ हिस्से पर पड़ती है. तब इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहा जाता है। यह ग्रहण लंबे वक्त के लिए नहीं लगता है। 

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