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Friday, October 20, 2023

 
वाल्मीकि जयंती के लिए बैठक 22 को कनीना में
--महर्षि वाल्मीकि की जयंती 28 अक्टूबर को कनीना में
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कनीना की आवाज। महर्षि वाल्मीकि जयंती को लेकर क्षेत्र के सभी बुद्धिजीवी एवं डा भीमराव अंबेडकर जन जागरण समिति की बैठक वाल्मीकि धर्मशाला कनीना में 22 अक्टूबर बार इतवार को होगी।
बैठक में सभी बुद्धिजीवी  एवं क्षेत्र वासियों से विचार विमर्श किया जाएगा और महर्षि वाल्मीकि की जयंती 28 अक्टूबर को कनीना में बड़ी धूमधाम से मनाई जाएगी जिसमें महर्षि वाल्मीकि महाराज की झांकी भी निकल जाएगी इस विषय में एक बैठक बुलाई गई है जिसमें सभी क्षेत्रवासी व कनीना वासियों से पुरजोर अपील की जाती है कि ज्यादा से ज्यादा बाल में की धर्मशाला 22 अक्टूबर 12 इतवार को पहुंचकर अपने-अपने विचार रखे हुए सुझाव दें।







कैकयी ने राजा दशरथ से भरत का राज्याभिषेक व राम को 14 वर्ष का वनवास मांगा
---भोजावास गांव में रामलीला का मंचन
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कनीना की आवाज। उप-मंडल के गांव भोजावास में चल रही धार्मिक रामलीला मंचन के छठे दिन वीरवार रात्रि राम राज्याभिषेक मंथरा कैकयी संवाद व कोप भवन की लीला का मनमोहक मंचन मंझे हुए कलाकारों द्वारा किया गया ।
रामलीला के संरक्षक रण सिंह रोहिल्ला व पुनीत रोहिल्ला ने बताया कि वीरवार को नरेंद्र नीनू राजा दशरथ, महेंद्र तंवर कैकयी, कौशल्या बली राम सैन, मथंरा रण सिंह रोहिल्ला, सीता का किरदार मोनू रोहिल्ला, महाराज  सुमंत का किरदार सोमवीर तंवर आदि ने अपने दमदार अभिनय निभाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यकरिणी सदस्य मास्टर धर्मेंद्र रोहिल्ला  ने बताया छठे दिन राम सीता के विवाह के उपरांत अयोध्या में राम की राजतिलक की तैयारी होने लगती है। तब महारानी कैकई की दासी मंथरा कैकई के पास जाकर उन्हें समझती है कि अयोध्या का राजा राम को नहीं अपितु उनके पुत्र भरत को बनना चाहिए। रानी कैकई दासी मंथरा के इस अनर्गल वार्तालाप से रुष्ट हो उसे भला बुरा कहती है किंतु मथंरा के बारंबार समझाने पर रानी कैकयी को भी यही उचित लगने लगता है और मथंरा कहती है की राजा दशरथ द्वारा उन्हें दो वचन मांगने का यही उपयुक्त समय है तब रानी कैकयी  महाराज दशरथ से रूष्ट होकर कोप भवन में जाकर कोहराम मचाती है।
राजा दशरथ को भवन में जाकर उनसे इस कोप का कारण पूछते हैं तब रानी कैकयी उन्हें उनके दिए दो वचनों की याद दिलाती है और पहले वचन में राम की जगह उनके पुत्र भरत का राज्याभिषेक और दूसरे वचन के बदले राम को 14 वर्ष के वनवास की मांग राजा दशरथ के सामने रखती है राम को वनवास भेजने की बात सुनते ही राजा दशरथ अत्यंत क्रोधित होते हैं और कैकई  को समझने का अथक प्रयास करते हैं किंतु कैकई अपनी मांग से टस से मस नहीं होती जिससे अधिर होकर राजा दशरथ अचेत अवस्था में चले जाते हैं तब उनकी इस अवस्था का कारण जानकर उनके पुत्र राम अपने पिता के वचन की मर्यादा को निभाने हेतु स्वयं ही स्वेच्छापूर्वक से वनवास जाना स्वीकार कर लेते हैं वीरवार की लीला को यहीं विराम दिया गया।
इस अवसर पर श्री आदर्श रामलीला क्लब के संरक्षक रण सिंह रोहिल्ला, बाबूलाल रोहिल्ला, शीशराम रोहिल्ला, पूर्व सरपंच बाबूलाल शर्मा, पुनीत रोहिल्ला, कृष्ण रोहिल्ला, लालाराम भांजा आदि सदस्य उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 05: भोजावास में रामलीला मंचन दौरान पात्र संवाद करते हुए।







जनस्वास्थ्य विभाग में मांगी 10 एकड़ जमीन
-गर्मियों में पेयजल में नहीं रहेगी समस्या - एसडीओ
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कनीना की आवाज। जन स्वास्थ्य विभाग गर्मियों में पेयजल की समस्या को लेकर गंभीर है। इसके लिए कनीना में बड़ी बणी के पास 10 एकड़ जमीन मांगी है ताकि इस जमीन पर वाटर स्टोरेज टैंक बनाया जा सके और साथ में पानी को साफ करने के लिए प्लांट स्थापित किया जा सके।
 उप-मंडल अभियंता पवन कुमार ने बताया की 10 एकड़ जमीन में जहां 165 मीटर बाय 120 मी का पानी स्टोर टैंक बनेगा तथा 6 एकड़ में पानी साफ करने के लिए प्लांट स्थापित किया जाएगा जो प्रतिदिन एक मिलियन लीटर जल को साफ कर सकेगा और आने वाली गर्मियों में कनीना वासियो के लिए कोई जल समस्या नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कनीना नगर पालिका इस संबंध में सूचित कर दिया तथा पत्र प्रेषित कर दिया गया है ताकि जमीन उपलब्ध करवा सके।
 उधर उन्होंने बताया कि वर्तमान में निर्माणाधीन उपमंडल  कार्यालय के पास बूस्टिंग स्टेशन बनाया जाएगा जो वार्ड 13 और आसपास क्षेत्र में जल को प्रेशर सहित भेजने के काम करेगा। अभी तक कम प्रेशर वाला जल सप्लाई हो रहा जो सभी तक पर्याप्त मात्रा में जल नहीं पहुंचा पा रहा है।  70 बाई 70 फीट की जगह उन्हें जरूरत होगी।
अधिकारी ने बताया कि लगातार नहर में पानी नहीं आता है। जब नहर में पानी आएगा तो स्टोर किया जा सकेगा। स्टोर जल को साफ करके पेयजल के रूप में उपलब्ध करवाया जा सकता है। भविष्य में यह योजना आती कारगर साबित हो सकती है। ऐसे में अब नगर पालिका पर निर्भर है कि वह कब तक 10 एकड़ जमीन गौशाला के पास उपलब्ध करवाता है।
 फोटो कैप्शन: पवन कुमार एसडीओ








क्लस्टर स्तरीय वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन
----भारती फाउंडेशन द्वारा संचालित खेलकूद
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कनीना की आवाज। शुक्रवार को जिला समन्वयक रामकिशोर यादव के निर्देशानुसार भारती फाउंडेशन द्वारा संचालित सत्य भारती विद्यालय बहाला में संकुल स्तरीय वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सत्य भारती स्कूल बिठला, नोगांव, सुंदरहेती और तलवाना की टीमों ने भाग लिया। लिया।
इस खास मौके पर सेवानिवृत्त डीईओ सुरेश गोरिया ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की और विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया. विशिष्ट अतिथि मलखान समाज सेवी बहाला थे। रेफरी की भूमिका सुभाष एवं कैप्टन रामकिशन ने  निभाई।
सत्य भारती स्कूल बहाला मे संकुल स्तरीय वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया। छात्रों ने समुदाय के लिए खो-खो और कबड्डी, 100 मीटर दौड़, बकेट द बॉल, इन/आउट, म्यूजिकल चेयर और मटका दौड़ जैसे विभिन्न खेलों का आयोजन किया। इस आयोजन से बच्चों में खेल की भावना को बढ़ावा मिला और उन्हें अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिला।
खो-खो में सत्य भारती स्कूल नोगांव की टीम विजेता रही। कबड्डी में सत्य भारती स्कूल तलवाना की टीम विजयी रही। 100 मीटर दौड़ में बालक वर्ग में मनीष नोगांव तथा बालिका वर्ग में हिमांशी बहाला ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
भारती फाउंडेशन, अपने प्रमुख कार्यक्रम, सत्य भारती स्कूल के माध्यम से, ग्रामीण भारत में छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। खेल और अन्य सह-शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से फाउंडेशन का लक्ष्य छात्रों को अनुशासन, धैर्य, खेल कौशल, टीम वर्क और कई अन्य मूल्यों को विकसित करने में मदद करना है।
   इस कार्यक्रम के दौरान सत्य भारती स्कूल के क्लस्टर समन्वयक  राजेश कुमार, प्रधान शिक्षक महेश कुमार, नरवीर यादव, विजय सिंह, पुष्पा, शर्मिला अनिल कुमार ललित कुमार आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 02: अव्वल रहे विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते खेल अधिकारी।




कट के लिए ग्रामीणों का धरना जारी
-अनिश्चितकालीन धरना चला 222वें दिन
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 222वें दिन भी जारी रहा। शुक्रवार को धरने की अध्यक्षता दाताराम  बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर बाघोत -सेहलंग  के बीच कट का काम  शुरू नहीं होता है, तब तक धरना जारी रहेगा।  
धरने को चलते 222 दिन हो गए हैं किंतु सरकार टस से मस नहीं हो रही है। धूल के बीच में किसानों का बैठना बहुत बड़ी परेशानी है लेकिन उन्होंने दृढ़  निश्चय कर रखा है कि जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं होता है तब तक धरने पर बैठे रहेंगे। किसानों का कहना है बेशक खेती प्रभावित हो या फिर खेती न हो पाये परंतु धरने से नहीं डिगेंगे।
 उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को हमारी मांग पर ध्यान देना चाहिए। हम गांव के जिम्मेवार होने के नाते सरकार का ध्यान राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी की तरफ दिलाना चाहते हैं। कट की मांग हमारी जायज है, कट न बनने से हमारी हालत एक अपंग  आदमी की तरह है। इस क्षेत्र का विकास कट बनने के बाद ही संभव है।                                      
  उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार को बार-बार याद दिलाना चाहते हैं कि हमें धरने पर बैठे 7 महीने से ज्यादा समय हो गया है। सरकार के द्वारा कट की घोषणा की हुई है, उसके बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं किया गया है। केंद्र सरकार हमारी पीड़ा को समझे और जल्दी से जल्दी कट का काम शुरू करवाया जाए।
इस मौके पर धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन, संघर्ष समिति के सदस्य सरपंच हरिओम पोता, सरपंच वीरपाल स्याना,  संघर्ष समिति के सदस्य डॉ लक्ष्मण सिंह, मास्टर विजयपाल  सेहलंग, जिला पार्षद लीलाराम, पहलवान रणधीर सिंह, नरेंद्र शास्त्री, पहलवान धर्मपाल, मुंशी राम, मास्टर ओम प्रकाश, रामभज,  पंडित संजय कुमार, डॉ राम भक्त, सूबे सिंह पंच, मास्टर विजय सिंह, सीताराम, राम भक्त, राज, रामकिशन, सतपाल, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह,
पूर्व सरपंच हंस कुमार, रामकुमार, सतनारायण साहब, धर्म सिंह, डॉ सुरेंद्र सिंह, मनोज कुमार करीरा, सूबेदार हेमराज अत्रि, प्यारेलाल, रोशन लाल आर्य, शेर सिंह, रघुवीर पंच, करतार सिंह,  बाबूलाल, वेद प्रकाश व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 08: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण।





कनीना बस स्टैंड से ग्रुप डी की परीक्षा के लिए बसें चलने का के संबंध में दिया एसडीएम को ज्ञापन
---बेरोजगार बेहद परेशान
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कनीना की आवाज। कनीना बस स्टैंड से ग्रुप डी की परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए 21 व 22 अक्टूबर को कनीना बस स्टैंड परीक्षा केंद्रों तक परीक्षार्थियों को ले जाने और वापस लाने के लिए बसे चलाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन एसडीएम को कनीना के समाजसेवियों ने सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि कनीना बस स्टैंड से गुरुग्राम, पलवल, सोनीपत, हिसार, फरीदाबाद, भिवानी आदि कनीना बस स्टैंड से उपलब्ध नहीं  है। ऐसे में परीक्षार्थी के लिए हरियाणा रोडवेज की बसों की कनीना बस स्टैंड पर व्यवस्था की जाए ताकि परीक्षार्थी समय पर परीक्षा केंद्रों पर पहुंच सके और किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इस मौके पर ग्रुप डी के परीक्षार्थी वह दीपक चौधरी एडवोकेट एवं पूर्व प्रधान बार एसोसिएशन कनीना के साथ सोमवीर यादव, एडवोकेट भागीरथ, नवीन, योगेश, संदीप, राकेश, वरुण, जितेंद्र, मोहित ,प्रवेश आदि अनेकों व्यक्ति मौजूद थे। ज्ञापन एसडीएम की अनुपस्थिति में एसडीएम के रीडर जितेंद्र कुमार एवं  अधीक्षक एसडीएम को सौंपा गया और मांग की कि अभिलंब बसों की व्यवस्था की जाए।
 फोटो कैप्शन 7: एडवोकेट दीपक चौधरी एवं अन्य ज्ञापन सौंपते हुए।





विधि विधान से करें मां कालरात्रि की पूजा-सुरेंद्र शर्मा
--दुर्गा का सातवां रूप
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कनीना की आवाज। सुरेंद्र शर्मा ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि माता दुर्गा के सातवें स्वरूप की पूजा मां कालरात्रि के रूप में की जाती है। सप्तमी की पूजा सुबह अन्य दिनों की तरह ही होती है लेकिन माता कालरात्रि की पूजा में विशेष विधान के साथ पूजा की जाती है जिसके लिए विशेष स्तर की शुद्धता नियम की जरूरत होती है।
माता कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है इनका वर्ण अंधकार की भांति काला और केस भी खरे हैं मां कालरात्रि के तीन नेत्र इस ब्रह्मांड में विशाल वह गोल हैं जिनमें से जिस तरह आकाश में बिजली चमकती है उसी तरह मां की नेत्रों से किरण निकलती है। मां का यह भय उत्पन्न करने वाला स्वरूप केवल पापियों को नाश करने के लिए है। बाकी लोगों के लिए माता कोई नुकसान नहीं पहुंचाती हैं और उनका भला ही करती हैं।
सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करके अपने मन क्रोध पर विजय पा सकते हैं। कालरात्रि साधक को ज्ञान देते हैं कि क्रोध का उपयोग स्वयं की सफलता के लिए कैसे करना है।
देवी का यह रूप ऋद्धि सिद्धि प्रदान करने वाला है। दुर्गा पूजा का सातवां दिन तांत्रिक क्रिया की साधना करने वाले भक्तों के लिए अति महत्वपूर्ण होता है। सप्तमी पूजा के दिन तंत्र साधना करने वाले साधक मध्य रात्रि में देवी की तांत्रिक विधि से पूजा करते हैं। इस दिन मां की आंखें खुलती हैं। दुर्गा पूजा में सप्तमी तिथि का काफी महत्व बताया गया है। इस दिन से भक्त जनों के लिए देवी मां का दरवाजा खुल जाता है और भक्तगण पूजा स्थलों पर देवी के दर्शन हेतु पूजा स्थल पर जुटने लगते हैं। मां कालरात्रि की पूजा करने के लिए श्वेत या लाल वस्त्र धारण करके और ध्यान रहे कि यह विशेष पूजा आपको रात्रि में ही करनी चाहिए । मां कालरात्रि के सक्षम दीपक जलाएं और उन्हें गुड़ का भोग लगाएं 108 बार मंत्र पढ़ते जाएं और एक-एक लोंग चढ़ाते जाएं, लोंग का भोग लगाकर अग्नि में छोड़ते जाएं ऐसा करने से आपके घर की बाधाएं दूर होती हैं आपके शत्रु पराजय होते हैं। विजय की प्राप्ति होती हैं।
माता कालरात्रि को लगाया जाने वाला भोग- सप्तमी तिथि में माता के कालरात्रि स्वरूप की पूजा-आराधना की जाती है। ये माता काल अर्थात बुरी शक्तियों का नाश करने वाली हैं इसलिए इन्हें कालरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस दिन साधक को पूरे दिन का उपवास करने के बाद माता को गुड़ का भोग लगाया जाता है।  इस प्रकार माता की पूजा करने से व्यक्ति पर आने वाले शोक से मुक्ति मिलती है व उपवासक पर आकस्मिक रूप से आने वाले संकट भी कम होते हैं।
फोटो कैप्शन: सुरेंद्र शर्मा







ग्रुप डी के लिए बसें उपलब्ध करवाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं नेता और समाजसेवी
---उपमंडल कनीना से कोई बस सेवा नहीं
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कनीना की आवाज। 21 और 22 अक्टूबर को जहां ग्रुप डी के लिए लाखों की संख्या में बेरोजगार सीइटी की परीक्षा देने जा रहे हैं। जिनके लिए मुफ्त यात्रा का प्रावधान तो कर दिया गया है किंतु अभी तक बसें हर स्थान से उपलब्ध नहीं है। बस पकडऩे के लिए भी बेरोजगारों को रात के समय अपने घर से निकलना पड़ेगा और वह भी अपने निजी साधनों से संभव हो पाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के युवा रात को बस पकडऩे घर से निकलेंगे ताकि सुबह की पारी की परीक्षा में सही समय पर पहुंच पाए।
 रोडवेज द्वारा जिला महेंद्रगढ़ से केवल दो स्थान महेंद्रगढ़ और नारनौल से बस चलाने की बात कही जिसको लेकर कनीना क्षेत्र की समाजसवियों, नेताओं और बेरोजगारों में भारी रोष पनप रहा है। कनीना एक उप-मंडल होते हुए भी यहां से रोडवेज तक की बस उपलब्ध नहीं होना एक शर्म की बात बता रहे हैं। कनीना के समाजसेवी मनोज कुमार, इंद्रजीत सिंह, सुरेश कुमार, सुरेंद्र कुमार,रवि कुमार, महेश बोहरा, भीम सिंह, दिनेश कुमार इस बात को लेकर के जागरूक है कि किसी प्रकार बसें कनीना बस स्टैंड से उपलब्ध करवाई जाए, जहां विभिन्न नेता जिला उपयुक्त, मंत्रियों एवं विधायक को से  न केवल बात कर रहे हैं अपितु उनको संदेश भी भेज रहे हैं ताकि कनीना से बेरोजगारों को बसें उपलब्ध हो सके।  जीएम रोडवेज से भी  बात कर रहे हैं ताकि किसी प्रकार कनीना बस स्टैंड से बेरोजगारों के लिए बस उपलब्ध हो पाए।
 विगत वर्ष ग्रुप डी की परीक्षा के दौरान कनीना से बसें उपलब्ध करवा दी गई थी, इस बार अचानक बेरोजगारों में भारी गुस्सा फूट रहा है और वो पूछ रहे हैं कि आखिर क्या वजह रही कि कनीना बस स्टैंड से बसें नहीं चलाई जा रही है? जीएम रोड़वेज से भी इस संबंध में संपर्क किया परंतु उन्होंने केवल दो स्टेशनों से बसें चलाने की बात कही वहीं विधायक अटेली तथा अन्य विधायकों से भी संबंध में बात की गई तो उन्होंने आश्वासन जरूर दिया परंतु समाचार लिखे जाने तक कोई ऐसी सुविधा अभी तक का उपलब्ध नहीं हो पाई।
 एक और कनीना क्षेत्र सदा ही पिछड़ता रहा है अब बसों के मामले में भी पिछड़ता जा रहा है। यह भी सत्य है कि कनीना क्षेत्र के जिस किसी ने कुछ हासिल किया वह भारी संघर्ष के बाद ही हासिल किया है। ऐसे में विद्यार्थी बेहद नाराज है और सरकार से मांग की है कि कनीना बस स्टैंड से भी बसें चलाई जाने का प्रावधान किया जाए।






कट की संभावना के बाद भी किसानों में आक्रोश,  221वें दिन जारी रहा धरना
--अनिश्चितकालीन धरने पर हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना जारी है। गुरुवार को धरने की अध्यक्षता नरेंद्र कुमार शास्त्री छिथरोली ने की और उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए आश्वासन से किसान खुश थे और उन्हें पूरी संभावना थी कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग  के बीच कट का काम जल्द शुरू हो जाएगा लेकिन अब तक सरकार के द्वारा कट काम शुरू नहीं किया गया है। लोगों में आक्रोश है, उन्हें लग रहा है कि सरकार हमारी मांग को अनदेखी कर रही है। जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं होता है, धरना जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि धरने को चलते 221 दिन हो गए हैं। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार हम शांतिप्रिय तरीके से धरना स्थल पर बैठे हुए हैं लेकिन अब तक केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं किया गया है। केंद्र सरकार बुजुर्ग  किसानों के दर्द को समझे  और कट के कार्य को जल्द शुरू करवाए।
 पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह बाघोत ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट न बनने से हमारे क्षेत्र का विकास नहीं हो सकता। खेती के लिए,व्यापार के लिए, उद्योग धंधों के लिए, रोजगार के लिए, शिक्षा के लिए, इन सभी बातों की तरफ तभी ध्यान दिया जा सकता है,जब केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर कट बनकर तैयार हो जाए।   केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनने से बुजुर्ग किसानों को आत्मिक शांति मिलेगी और नई पीढ़ी के लिए दिशा और बुजुर्गों के प्रति आत्म सम्मान बुजुर्ग किसानों के द्वारा किए गए अच्छे काम,आने वाली पीढियों के द्वारा याद किए जाएंगे।
इस मौके पर धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन, संघर्ष समिति के सदस्य पहलवान धर्मपाल, प्रधान कृष्ण कुमार  सेहलंग ,पंच हरिओम पोता, पहलवान रणधीर सिंह, मुंशी राम, डॉ लक्ष्मण सिंह,  रामभज,सूबेदार श्रीराम,ओम प्रकाश, पंडित संजय कुमार, दाताराम,  मास्टर विजयपाल, डा राम भक्त, सूबे सिंह पंच, मास्टर विजय सिंह, सीताराम, राम भक्त, राज,सीताराम, रामकिशन, सतपाल,  पूर्व सरपंच हंस कुमार, रामकुमार, सतनारायण साहब,  धर्म सिंह, डॉ सुरेंद्र सिंह, मनोज कुमार करीरा,
 प्यारेलाल,  रोशन लाल आर्य, शेर सिंह, रघुवीर पंच, करतारसिंह,  बाबूलाल, वेद प्रकाश  व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 09: कट की मांग को लेकर ग्रामीण धरने पर बैठे हुये।





पैरालाइज होने के बाद भी नहीं















छोड़ा साहस
-अभी भी खराब सीएफएल को ठीक करके कमा रहे हैं रोटी रोजी
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कनीना की आवाज। कनीना बस स्टैंड के पीछे एक ऐसी शख्सियत है। जिन्होंने कनीना क्षेत्र में वर्ष 2007 में खराब सीएफएल को ठीक करके महज 10 रुपये में देना शुरू किया था जिसके  चलते उन्होंने अच्छा खासा  नाम कमाया। उनका काम लंबे समय तक चलता रहा। धुआं रहित  चिमनी बनाई तथा नए-नए अविष्कार करके लोगों को चकित करते रहे किंतु वर्ष 2017 में पैरालाइज हो गए। 2020 तक उनका काम ठप्प रहा।  अब एक बार फिर से पैरालाइज होने के बाद भी अपनी ट्राई साइकिल पर दुकान तक आते है और सुबह से शाम तक काम में जुट जाता है। पैरालाइज का प्रभाव कानों पर तथा पैरों पर पड़ा है परंतु हाथ अभी भी काम करते हैं जिसके चलते एक बार फिर से उन्होंने सीएफएल सुधारने का काम शुरू कर दिया है।  विजय वधवा ने बताया कि वे सस्ते दामों पर 1 साल की गारंटी के साथ सीएफएल सुधारते हैं। चाहे वह पैरों एवं कानों से परेशान हैं किंतु उनकी हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी ।कानों से कम सुनाई देने कारण मशीन लगा ली है, ट्राई साइकिल द्वारा अपनी छोटी सी दुकान में आते हैं और सीएफएल सुधारने का काम करते हैं। उनका कहना है कि वह प्रतिदिन एक हजार रुपए तक सीएफएल में कमा लेते हैं तथा भविष्य में वो नये आविष्कार करने की बात कह रहे हैं। पहले भी कई आविष्कार कर चुके हैं। उनका कहना है कि वो प्रतिदिन एक हजार रुपये तक कमा लेते हैं जिससे उनकी रोटी रोजी का काम निकल आता है वहीं दुकान का किराया भी। दूसरों के लिए उदाहरण बना है।
फोटो कैप्शन 05: विजय वधवा सीएफएल सुधारते हुए।

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