6073 क्विंटल बाजरा खरीदा, कुल खरीद पहुंची 118920 क्विंटल
- सूचना अभाव में किसान है बेहद परेशान
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कनीना की आवाज। कनीना की नई अनाज मंडी चेलावास नए किसानों की कोई बाजरे की खरीद नहीं हुई किंतु पहले से ही काटे गए टोकन वाले 227 किसानों का बाजरा खरीदा गया।
विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि 2250 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बाजरा खरीदा जा रहा है। 25्र रुपये प्रति क्विंटल सरकार भावांतर भरपाई के किसानों के खाते में डालेगी। सोमवार को 6073 क्विंटल बाजरा खरीदा गया और इस प्रकार कुल खरीद 118920 क्विंटल पहुंच गई है। दिन भर में 19200 बैग बाजरे का उठान किया गया और इस प्रकार कुल उठान 185200 बैग का हो चुका है। पर्याप्त मात्रा में बारदाना है और उठान कार्य सुचारू रूप से जारी है। अभी भी करीब 1200 किसान टोकन लिए अपने बाजरे बेचने का इंतजार कर रहे हैं।
हैफेड मैनेजर ने बताया कि अभी तो 1200 किसान और भी बचे हुए हैं जिनको टोकन मिले हुए हैं लेकिन उनका बाजरा नहीं खरीदा गया है। उनका बाजरा भी खरीद जाना है। ऐसे में कनीना की नई अनाज मंडी चेलावास में भारी मात्रा में बाजरे की आवक हो रही है। किसान बेहद परेशान ----
कनीना क्षेत्र के किसान बेहद परेशान है। उन्हें यह नहीं पता चल पाता कि आज बाजरा खरीदा जाएगा या नहीं। बार-बार इधर-उधर फोन करते रहते हैं। बाजरे की खरीद की जानकारी मार्केट कमेटी द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है किंतु किसी विभिन्न पत्रकारों एवं किसानों को इसके बारे में पहले से सूचना नहीं होती जिसके कारण किसान पत्रकारों से भी बार-बार बाजरे की खरीद के बारे में जानकारी लेते रहते हैं किंतु कनीना में बाजरे की खरीद संबंधी सूचनाओं बुरा हाल है। कोई इस बारे में जानकारी देने में समर्थ नजर नहीं आ रहा है। हैफेड मैनेजर ने तो स्पष्ट किया कि उन्होंने खरीद के बारे में कोई सूचना नहीं मिलती, न ही बाजरे की मूल्य के बारे में सूचना होती। सरकार बाजरे के मूल्य को भी बदल सकती है और खरीद की जानकारी मार्केट कमेटी से अगले दिन ली जाती है। ऐसे में पहले से वो सूचना देने में असमर्थ है। उधर मार्केट कमेटी से फोन का जवाब न मिलने के चलते किसानों में बेहद परेशान हैं। जिस दिन खरीद नहीं होती उस दिन भी अपने बाजरे को लेकर बेचने के लिए किसान अनाज मंडी पहुंच जाते हैं। एक दर्जन किसानों से बात हुई जिन्होंने कहा कि मार्केट कमेटी से खरीद के बारे में कोई सूचना सही समय पर मिलती है जिनके कारण भारी परेशानी हो रही है। किसान सुरेंद्र कुमार, महेश कुमार, दिनेश कुमार, सूबे सिंह, अजीत दिन बताया कि वह बेहद परेशान रहते हैं कि बाजरे की खरीद की सूचना कहां से प्राप्त करें? ऐसे में बाजरे की खरीद भगवान भरोसे चल रही है। सूचनाओं का बेहद अभाव है। व्यापारी वर्ग भी परेशान है। वे भी यह बेताने से कतराते रहते हैं कि बाजरे की खरीद होगी या नहीं। उन्हें भी नहीं मालूम होता।
फोटो कैप्शन 8 और 9: बाजरे की कनीना मंडी में खरीद।
सीएमओ का औचक निरीक्षण
-कर्मचारियों को लगाई लताड़,बायोमेट्रिक हाजिरी की चेक
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कनीना की आवाज। नारनौल के सीएमओ रमेश चंद आर्य ने कनीना उप नागरिक का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान सीएमओ ने अस्पताल में उपस्थित कर्मियों के बारे में जानकारी ली तथा उनकी बायोमेट्रिक उपस्थिति चेक की साथ ही अस्पताल में एम्बुलेंस के बारे में तथा सफाई कर्मियों आदि के बारे में जानकारी ली। इस दौरान सीएमओ ने ओपीडी रूम का भी निरीक्षण किया इस दौरान उन्होंने ओपीडी एवं रजिस्ट्रेशन काउंटर की भी जांच की वहां कमियां पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों को सख्त से सख्त निर्देश देते हुए कहा कि काम में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने सफाई व्यवस्था को लेकर कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए।
आपातकालीन वार्ड में सफाई व्यवस्था व स्वस्थ उपकरणों के व्यवस्थित तरीके से न मिलने को लेकर उन्होंने वहां मौजूद कर्मचारियों को लताड़ लगाई। उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इमरजेंसी वार्ड में कोई मरीज आएगा तो उसे कैसे हैंडल करोगे? इसके अलावा उन्होंने दवा स्टाक के संबंध में भी जानकारी ली, वही कर्मचारी के हाजिरी रजिस्टर भी चेक किया।
फोटो कैप्शन 05: सीएमओ कनीना उप-नागरिक अस्पताल का निरीक्षण करते हुए।
जर्जर हालात में होलीवाला जोहड़ सड़क मार्ग, गंदा पानी रहता है खड़ा
-रेवाड़ी मुख्यमार्ग पर बना है विशाल गड्ढा
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कनीना की आवाज। कनीना के होलीवाला जोहड़ से लेकर करीब 200 मीटर दूर रेवाड़ी मुख्यमार्ग तक अति जर्जर हालात होने, गंदा पानी भरने से आए दिन दुर्घटनाएं घट रही हैं। प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। दर्जनों बार प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है। एक छोर पर पानी भरा है तो दूसरे छोर पर धूल उड़ती है।
चंद बूंदे वर्षा की होते ही होलीवाला सड़क मार्ग पर गंदा पानी भर जाता है। सड़क मार्ग लंबे समय तक पानी खड़ा रहने से अति जर्जर हालात में हो गया है वही दर्जनभर घरों में सीलन आ गई है। अपने घरों में बार बार सुधार करवाकर सीलन से बचने का प्रयास कर रहे हैं। करीब 200 मीटर जर्जर सड़क के बाद रेवाड़ी मुख्यमार्ग पड़ता है जिसकी 50 गज एरिया में तो हमेशा धूल उड़ती रहती हैं तथा यहां आए दिन दुर्घटनाएं घटती रहती हैं। यहां एक चौराहा भी बनता है।
होलीवाला जोहड़ के सामने से गुजरने वाली तथा रेवाड़ी सड़क मार्ग को को जोडऩे वाली सड़क मार्ग अति जर्जर हो गई है वहीं बार बार गंदा पानी भरने से विगत छह माह से लोग परेशान हैं। जब भी बारिश होती है यहां गंदा जल जमा हो जाता है।
आज के दिन सबसे बुरी हालात होलीवाला जोहड़ की है। कई घरों के साथ-साथ पानी जमा रहता है, होली दहन स्थल भी पानी में भरा हुआ है। वैसे तो प्रशासन ने गंदा पानी निकालने के लिए इंजन लगा देता है किंतु मार्ग को पुन: निर्मित नहीं करता है।
रमश कुमार, दिनेश कुमार, कुलदीप फिटर आदि ने बताया कि उनके घरों के पास लगातार पिछले 2 महीने से पानी खड़ा रहा है। घरों को भी नुकसान होने का अंदेशा है। घरों में आवागमन भी इसी पानी से हो रहा है। हजारों व्यक्ति प्रतिदिन इस मार्ग से गुजरते हैं किंतु वर्ष में अधिकांश समय गंदे पानी से गुजरना मजबूरी बन गया है।
उन्होंने बताया कि विगत दिनों प्रशासन की ओर से इस सड़क मार्ग की सुध लेने के लिए अधिकारी पहुंचे थे जो आश्वासन देकर गये थे किंतु अभी तक इस सड़क मार्ग की सुध नहीं ली गई है। विगत स्थाई समाधान नहीं ढूंढा जा रहा है। स्थायी समाधान करने की मांग कनीनावासियों ने की है। क्या कहते हैं राहगीर
यह मार्ग अति व्यस्त मार्ग है और अति जर्जर है इसको पुन: निर्मित ही नहीं अपितु ऊंचा उठाने की जरूरत है। यदि मार्ग की सुध नहीं ली जाएगी तो राहगीर परेशान होकर धरने पर उतारू होंगे। इसे पुन: सामने बनने वाले रेवाड़ी मार्ग के चौराहे के समान ऊंचा उठाया जाए।
---पंकज एडवोकेट
करीरा एवं रेवाड़ी जाने के लिए इस मार्ग का उपयोग होता है। अति व्यस्त मार्ग है किंतु प्रशासन ने इसे पुन: निर्मित नहीं करके लोगों को परेशान कर दिया है। इसे ऊंचा उठाया जाए ताकि राहत मिल सके। साथ में इस सड़क मार्ग के अंतिम छोर पर बने चौराहे की भी सुध ली जाए।
----कृष्ण सिंह
इस मार्ग पर शिवालय, माता मंदिर, होलीका दहन स्थल एवं मैरिज पैलेस स्थित हैं। इस मार्ग को ऊंचा उठाकर पुन: निर्मित किया जाए ताकि घरों में सीलन से बचा जा सके। साथ में इसे सीसी मार्ग बनाया जाए।
---राजेंद्र सिंह
कनीना के दो ही जोहड़ हैं जिनमें से पुराना जोहड़ होलीवाला है जिसके मार्ग की अनदेखी की जा रही है। इस मार्ग को ऊंचा उठाकर इसकी मरम्मत की जाए ताकि राहत मिल सके। यह सबसे व्यस्त मार्ग है।
--नरेश कुमार
फोटो कैप्शन 06: होलीवाला जोहड़ रोड पर भरा हुआ गंदा।
07: साथ में बना रेवाड़ी सड़क मार्ग की बदहालात
साथ में पंकज एडवोकेट, नरेश, राजेंद्र सिंह एवं कृष्ण सिंह।
राजस्थान से बाजरा लाकर बेचने की चर्चा से एसडीएम पहुंचे ककराला
-खोदा पहाड़ निकली चूहिया
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कनीना की आवाज। सोमवार की सुबह एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह तक सूचना पहुंची कि ककराला में एक ट्रक राजस्थान से बाजरा लाया गया है जिसे कनीना मंडियों में ट्रैक्टरों भरकर अवैध रूप से बेचने के लिए भेजा जा रहा है। सूचना पाकर एसडीएम कनीना, पुलिस प्रशासन, मार्केट कमेटी अधिकारी मौके पर पहुंचे। ट्रक में बाजरा भरा पाया गया। जांच करने पर एक मुर्गी पालने वाले ने अपना बाजरा बताया जिसके चलते उस पर जुर्माना लगाकर छोड़ दिया क्योंकि उसकी मार्केट फीस नहीं भरी गई थी। ऐसे में खोदा पहाड़ और निकली चुहिया वाली कहावत चरितार्थ हुई। भाग दौड़ भी मची, ट्रक भी बाजरे से भर पाया गया किंतु जो शिकायत की गई थी वह सच साबित साबित नहीं हो पाई।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर करें लोगों को जागरूक
-10 अक्टूबर को मनाया जाता है यह दिन
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कनीना की आवाज। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन, हजारों समर्थक मानसिक बीमारी और दुनिया भर में लोगों के जीवन पर इसके प्रमुख प्रभावों पर ध्यान देने के लिए विभिन्न स्थानों पर वार्षिक जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होते हैं।
अकेलापन और मानसिक तनाव एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर रहे हैं। वर्तमान समय मे मानसिक तनाव सबसे बड़ी परेशानी है। जब एक व्यक्ति ठीक से सोच नहीं पाता, उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता, तो ऐसी हालत को मानसिक रोग कहते हैं। मानसिक रोगी आसानी से दूसरों को समझ नहीं पाता और उसे प्रतिदिन के काम ठीक से करने में मुश्किल होती है।
मानसिक रोग के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। ये इस बात पर निर्भर करते हैं कि उसे कौन-सी मानसिक बीमारी है। मानसिक रोग किसी को भी हो सकता है, फिर चाहे वह आदमी हो या औरत, जवान हो या बुजुर्ग, पढ़ा-लिखा हो या अनपढ़, या चाहे वह किसी भी संस्कृति, जाति, धर्म, या तबके का हो। अगर मानसिक रोगी अच्छी तरह अपना इलाज करवाए तो वह ठीक हो सकता है। वह एक अच्छी और खुशहाल जिंदगी जी सकता है। लेकिन ज्यादातर केस में लोग काउंसलिंग करवाने से डरते हैं कि लोग उन्हें पागल समझेंगे और समस्या बढ़ जाती है।
मानसिक बीमारी एक तरह का मानसिक स्वास्थ्य विकार है, जिसमें अलग-अलग तरह की मेंटल हेल्थ हालात शामिल होती है। मेंटल अव्यवस्थित होने पर व्यक्ति की सोच, मनोदशा और व्यवहार में बदलाव आते हैं। ऐसे में व्यक्ति डिप्रेशन, टेंशन, सिजोफ्रेनिया और इटिंग डिसआर्डर का शिकार हो जाता है।
मानसिक बीमारी के दौरान व्यक्ति हर समय उदास महसूस करना,छोटी सी बात को लंबे समय तक सोचते रहना,मन में बेचैनी का उत्पन होना और ध्यान केंद्रित करने में मुश्किलों का सामना करना,अपराध की भावनाओं का मन में उत्पन होना, मानसिक स्थिति में अधिक बदलाव का होना, शरीर में थकान और ऊर्जा में कमी का महसूस होना एवं समाज, परिवार और दोस्तों से दूर रहना जैसी स्थिति का शिकार रहता हैं। पूरी दुनिया में हजारों-लाखों लोग मानसिक रोग के शिकार होते हैं और इसका असर उनके साथ- साथ उनके पूरे परिवार पर पड़ता है।
आज के समय में मानसिक बीमारियों में से एक डिप्रेशन भी हैं। बच्चे, जवान और बूढ़े हर तबके के लोग इस बीमारी के शिकार हैं। कारण सबका अलग-अलग हो सकता है पर लक्षण लगभग एक जैसे ही हैं। दरअसल डिप्रेशन एक डिसऑर्डर है, जिसमें उदासी की भावना किसी इंसान को दो हफ्ते या इससे भी ज्यादा लंबे वक्त तक घेरे रहती है। इससे जिंदगी के प्रति दिलचस्पी कम हो जाती है। नकारात्मक भावनाएं हावी हो जाती हैं। डिप्रेशन में किसी भी इंसान को अपना एनर्जी लेवल लगातार घटता महसूस होता है। उसकी रोजमर्रा की जिंदगी भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहती।
एक संतुलित आहार न केवल अच्छा शरीर बनता है बल्कि यह दुखी मन को भी अच्छा बना देता है। अपनी समस्याओं के संबंध में बात करना भी तनाव दूर करने का उत्तम जरिया है। हममें से अधिकतर लोग खुद तक ही सीमित रहते हैं। अंदर ही अंदर घुटते रहने से और भी गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
मानसिक रोग से निपटने के लिए व्यक्ति को देर तक सोना बन्द कर देना चाहिए। क्योंकि डॉक्टर भी मानते हैं कि देर से उठने वाले लोगों का मेटाबॉलिज्म ठीक नहीं रहता है जिससे उन्हें थकान, तनाव और उदासीनता अधिक सताती है। शोधों में भी यह माना गया है कि देर से उठने वाले लोग अक्सर सुबह का नाश्ता छोड़ते हैं जिससे उनका बॉडी साइकिल गड़बड़ होता है और वे जल्द तनावग्रस्त होते हैं। घंटों टीवी देखना आपको तनाव और अवसाद की स्थिति तक पहुंचाने के लिए काफी है। बजाय घंटों तक टीवी देखने के आप अपना समय परिवार के साथ बिताएंगे या सैर करेंगे तो तनाव से कोसों दूर रहेंगे। धूम्रपान आपका तनाव बढ़ाती है। धूम्रपान से धड़कन तेज हो जाती है जिससे तनाव बढ़ता है।
अवसाद को दूर भगाने का सबसे मुख्य और आसान तरीका है कि रोगी को मनोचिकित्सक की सलाह लें । मनोचिकित्सक की सलाह से व्यक्ति को अवसाद की जड़ तक जाने और इसे दूर करने में मदद मिलेगी।
श्राद्धों में पितरों का पूजन कर मांगी कट बनवाने की मन्नत
-धरना चला 211वें दिन
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 211वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता डा राम भक्त स्वामी बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है,तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया की धरने को चलते 211 दिन हो गए हैं, श्राद्ध चल रहे हैं, पितरों को खुश करने के लिए उनकी पूजा अर्चना की जा रही है। कट के लिए यह समय हमारे लिए बहुत लाभकारी है। केंद्र सरकार की तरफ से भी हमें आश्वासन मिला हुआ है कि कट जल्द ही शुरू हो जाएगा। हमें भी विश्वास है कि सरकार के द्वारा कट अवश्य बनवाया जाएगा इसलिए हम शांतिप्रिय ढंग से धरना स्थल पर बैठे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि शिवभक्त बाबा शिव भोले के दर्शन करने के बाद धरना स्थल पर पहुंचते हैं और बताते हैं कि हम बाबा शिव भोले से यही मन्नत मांगते हैं की राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए । बाबा शिव भोले हमारी मन्नत अवश्य पूरी करेंगे। आज सोमवार होने से बाघोत जाने वाले भारी संख्या में शिवभक्त यहां होकर गुजरे हैं।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनने के बाद यह क्षेत्र दिन दुगनी और रात चौगुनी उन्नति करेगा।
इस मौके पर मास्टर विजयपाल और विजय सिंह सेहलंग ेसंघर्ष समिति के सदस्य नरेंद्र शास्त्री छिथरोली, पहलवान धर्मपाल सेहलंग और चेयरमैन सतपाल पोता सरपंच हरिओम पोता, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह,सत्य प्रकाश, राहुल, राज, पहलवान रणधीर सिंह, डॉ लक्ष्मण सिंह, डॉ सुरेंद्र सिंह, सूबे सिंह पंच, हंस कुमार, रामकुमार, संजय, करण सिंह, पंच कृष्ण कुमार,सतनारायण साहब,ओम प्रकाश, भोले राम साहब, प्रधान कृष्ण कुमार, रामकिशन, बाबूलाल,वेद प्रकाश, सूबेदार हेमराज अत्री, मास्टर ओम प्रकाश, मुंशीराम, प्यारेलाल, रोशन लाल आर्य, शेर सिंह, दाताराम, सीताराम व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 04: कट की मांग के लिए धरने पर बैठे ग्रामीण।
सर्व पितृ अमावस्या 14 अक्टूबर को भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा
--ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं
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कनीना की आवाज। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, संशय को दूर करते हुए यह स्पष्ट कर दें कि 14 अक्टूबर अमावस्या के दिन वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यही कारण है कि इस दौरान भारतीय भूभाग में सूतक काल मान्य नहीं होगा।
पंडित ऋषि राज शर्मा ने बताया कि
यह सूर्य ग्रहण मुख्यत: मैक्सिको, क्यूबा, बारबाडोस, एंटीगुआ, चिली, डोमिनिका, बहामास, कनाडा, ब्राजील, पराग्वे, जमैका, हैती, उत्तरी अमेरिका, कोलंबिया इत्यादि देशों में दिखाई देगा। भारतीय समयानुसार, यह ग्रहण 14 अक्टूबर को रात 08 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और रात 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। यह सूर्य ग्रहण रात्रि काल में होने से भारत के किसी भी हिस्से में दिखाई नहीं देगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा । विज्ञान के अनुसार, सूर्य ग्रहण, सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के आने के कारण होता है. जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आता है तो पृथ्वी से सूर्य का प्रकाश वाला भाग दिखाई नहीं देता और उस समय पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश न पड़कर चंद्रमा की परछाई नजर आने लगती है, इसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में होगा। उन्होंने बताया की ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं, आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण। भारत में इस ग्रहण को वैज्ञानिकों ने वलयाकार या कंकणाकृति सूर्य ग्रहण का नाम दिया है, जिसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है। इस ग्रहण में सूर्य एक अंगूठी के आकार की तरह नजर आता है। बता दें कि 14 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण इस साल का दूसरा व अंतिम सूर्य ग्रहण होगा।
फोटो कैप्शन: पंडित ऋषिराज शर्मा
एडवोकेट राजेंद्र यादव को बनाया गया सुप्रीम कोर्ट में डिप्टी एडवोकेट जनरल
--कनीना के निवासी हैं एडवोकेट
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कनीना की आवाज। ग्राम कनीना निवासी समाजसेवी राव कंवर सिंह एवं पूर्व पार्षद राज देवी के सुपुत्र एडवोकेट राजेंद्र यादव को हिमाचल सरकार द्वारा डिप्टी एडवोकेट जनरल माननीय उच्चतम न्यायालय सुप्रीम कोर्ट के लिए चयनित किया गया है। पूरे ग्राम और जिला महेंद्रगढ़ में इस खबर को सुनकर खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। बहुत जल्द। डा हिम्मत सिंह नेता ने बताया कि ग्राम के लोग और कनीना बार एसोसिएशन उनका स्वागत और सम्मान करेगी। पहली बार कनीना के किसी बेटे ने सुप्रीम कोर्ट में बतौर एडवोकेट जनरल का दायित्व निभाने का कार्य करते हुए पूरे ग्राम और यदुवंशी समाज का नाम रोशन किया है। डिप्टी एडवोकेट जनरल राजेंद्र यादव अपनी वकालत की डिग्री देश के सर्वोच्च संस्थान आईएलएस ला कालेज पुणे यूनिवर्सिटी से किया। उसके पश्चात 17 साल से कोर्ट गुरुग्राम से लेकर हाई कोर्ट चंडीगढ़ और सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रेक्टिस करते हुए यह मुकाम हासिल किया।
फोटो कैप्शन: एडवोकेट राजेंद्र सिंह
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस -10 अक्टूबर
मानसिक समस्याओं को यूं ही खामोशी से ना पनपने दें-सूर्यकांत
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कनीना की आवाज। मानसिक स्वास्थ्य संपूर्ण स्वास्थ्य का एक अभिन्न हिस्सा है। यदि यूं कहा जाए कि मानसिक स्वास्थ्य के बिना हम स्वास्थ्य की कल्पना नहीं कर सकते तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। आज चिकित्सा के क्षेत्र में इंसान ने बड़े-बड़े अविष्कार कर लिए हैं, लेकिन मानसिक रोगों को लेकर समाज की सोच अभी भी संकुचित ही है। हम लोग खांसी-जुकाम, भुखार होने की अवस्था में तुरंत डॉक्टर के पास भागते हैं, परन्तु अपनी मानसिक समस्याओं को यूं ही खामोशी से पनपने देते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अरुचि, भ्रांतियां और गलत जानकारी। मानसिक समस्या को बीमारी न समझना या मानसिक अस्वस्थता को कलंक समझना और इसकी चर्चा से परहेज करना इस समस्या को और भी विकराल बना देता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ-
हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की भ्रांतियां और गलत जानकारियां हैं। इसलिए जागरूकता की बेहद जरूरत है। अधिकांश लोगों को पता नहीं है कि मानसिक स्वास्थ्य क्या है और लोग अक्सर मानसिक स्वास्थ्य को पागलपन से जोड़ देते हैं। दरअसल जीवनशैली में बदलाव, नकारात्मक भावनाओं का पोषण, सामाजिक अलगाव, चिंता और तनाव मानसिक अस्वस्थता का कारण बनते जा रहे हैं। आगे जाकर यह सब अवसाद के साथ-साथ अन्य मानसिक रोगों जैसे मानसिक तनाव, चिंता, हिस्टीरिया, बाइपोलर डिसऑर्डर, सिजोफ्रेनिया, फोबिया व पर्सनैलिटी डिसऑर्डर आदि का कारण बन जाते हैं। इस तरह की बीमारियों और मानसिक विकारों को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे) मनाया जाता है।
---सूर्यकांत यादव डाइट स्थित उम्मीद काउंसलिंग सेंटर के मनोवैज्ञानिक सूर्यकांत यादव
21वीं सदी मानसिक संकट का युग है। आधुनिक जीवनशैली की मांगों के दबाव के कारण बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर कोई तनाव में जी रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि 2030 तक, तनाव संबंधी बीमारियां संक्रामक रोगों से अधिक हो जाएंगी। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि हम मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझें और उसके संरक्षण के लिए स्वयं सजग व जागरूक रहें तथा दूसरों को भी जागरूक करने का प्रयास करते रहें। मानसिक बीमारियों के प्रति उपेक्षा भाव और गलत अवधारणाओं की वजह से बड़ी संख्या में लोगों पर ध्यान नहीं दिया जाता और उन्हें आवश्यक देखभाल नहीं मिल पाती है। इसलिए लोगों के सामने आने वाली मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए व्यापक जागरूकता का होना जरूरी है।
---डा जितेंद्र मोरवाल उप नागरिक अस्पताल कनीना
यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 15 से 24 वर्ष के लगभग 14 प्रतिशत या 7 में से 1 युवा अक्सर उदासी महसूस करता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि उनमें से केवल 41 फीसदी ने ही अपनी मानसिक बीमारी का इलाज कराने के बारे में सोचा। विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि भारत दुनिया का सबसे ज्यादा अवसादग्रस्त देश है। पिछले एक साल में लगभग 7.5 प्रतिशत भारतीय आबादी किसी न किसी मानसिक समस्या से पीडि़त दिख रही है। एक सर्वे के मुताबिक भारत में 56 करोड़ लोग मानसिक अवसाद से गुजर रहे हैं। ऐसे में सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आज के दौर में और भी प्रासंगिक हो जाती है। मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने से पहले ही उन्हें रोकना रोकथाम कहलाता है। रोकथाम सदैव उपचार से बेहतर होती है। इसके लिए कई तरह के कार्य किए जा सकते हैं; जैसे: मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना, समाचार पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी लेखों द्वारा मनोवैज्ञानिक जागरूकता फैलाना, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के संबंध में एंटी स्टिग्मा अभियान चलाना, मानसिक स्वास्थ्य साक्षरता कार्यक्रम चलाना आदि। इस प्रकार के कार्यक्रमों को करके हम जन साधारण में जागरूकता उत्पन्न कर सकते हैं और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने के उपाय सुझा कर उन्हें प्रेरित भी कर सकते हैं। हालांकि समस्या गंभीर होने की दशा में प्रोफेशनल मदद आवश्यक है।
--पिंकी यादव, काउंसलर
आजकल की भागदौड़ की जिंदगी में तथा मोबाइल के चलते इंसान तनाव भरी जिंदगी जीने लगा है। वह अपनी बातें किसी से शेयर नहीं करता है कि लोग उसका मजाक उड़ाएंगे। अगर वह इंसान अपनी तनाव की बातें किसी से शेयर कर दे तो हो सकता है तनाव कम हो जाए और किसी गलत कदम उठाने से बच सकेगा। उन्हें चाहिए कि वो डाक्टरों से अपनी बात बताए और समस्या का समाधान ढूंढे।
---डा. सुंदरलाल एसएमओ कनीना।
फोटो कैप्शन : सूर्यकांत यादव, पिंकी यादव, डा जितेंद्र मोरवाल, डा सुंदरलाल एसएमओ
95 रोगियों ने जांच करवाई और दवाई एवं चश्मे मुफ्त वितरित किये
--आर्य समाज मंदिर में प्रतिदिन लगता है निशुल्क चिकित्सा शिविर
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कनीना की आवाज। कनीना मंडी स्थित लाल शिवलाल की धर्मशाला में सेवा भारती हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना द्वारा 67 वां मुफ्त चिकित्सा शिविर एवं परामर्श केंद्र आयोजित किया गया। शिविर में मेट्रो अस्पताल हृदय रोग संस्थान रेवाड़ी के डा. विजय वर्मा उनके सहयोगी प्रवीण कुमार, अमित कुमार, सुमित, राजेश प्रवीन एवं अन्नू ने अपनी सेवायें प्रदान की। इसी प्रकार डा. आरबी यादव अस्पताल रेवाड़ी से राहुल और उसके सहयोगी मुख्तार सिंह, प्रेम कुमार, राहुल की टीम ने नेत्र रोगियों की जांच की। शिविर में एक बीपी, ब्लड शुगर मुफ्त जांच की गई तथा दवाई एवं चश्मा भी निशुल्क वितरित किए गए 95 रोगियों ने जांच कराई और परामर्श लिया।
सेवा भारती के योगेश अग्रवाल ने बताया कि यह शिविर हर महीने के दूसरे रविवार को आयोजित होता है। शिवकुमार अग्रवाल,प्रधान सुरेश शर्मा, सचिन ,सुंदर, अमित कुमार, राकेश सिंगल, मा. सोमनाथ यादव, जगदीश आचार्य ने लोगों की सेवा की।
सेवा भारती द्वारा आर्य समाज मंदिर में प्रतिदिन सांय 4 बजे से 5:30 तक निशुल्क प्राथमिक चिकित्सा केंद्र एवं महिला सिलाई पर केंद्र चलता है। जरूरतमंद व्यक्ति इन केंद्रों का लाभ उठा सकते हैं। फोटो कैप्शन 01: मरीजों के जांच करते हुए डाक्टर।
एशियाई खेलों में कबड्डी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम के सदस्य महेंद्रगढ के सचिन तंवर के घर बधाई देने वालों का लगा तांता
---मां ने कहा-दाल चूरमा है सचिन का फेवरेट, गांव पहुंचने पर होगा भव्य स्वागत
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कनीना की आवाज। एशियन गेम्स 2023 पुरुष कबड्डी प्रतियोगिता में भारत ने गोल्ड पर कब्जा किया है। इसी टीम में महेंद्रगढ़ जिले के गांव पाथेड़ा में जन्मा सचिन तंवर भी शामिल था। सचिन की टीम द्वारा गोल्ड मेडल जीतने पर पूरे परिवार व गांव में खुशी का माहौल है। घर पर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है। ग्रामीणों ने कहा की सचिन की उपलब्धि पर पूरे गांव को गर्व है। गांव में पहुंचने पर उसका भव्य स्वागत किया जाएगा। सचिन फिलहाल राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत हैं और 5 बार प्रो-कबड्डी भी खेल चुका है। सचिन के पिता सामान्य किसान है और उन्होंने कर्ज लेकर बेटे को इस मुकाम तक पहुंचाया है।. उनका शुरू से ही खेल के प्रति लगाव था इसी के चलते वे 10 वीं में फेल भी हो गए, लेकिन कबड्डी का जुनून कम नहीं हुआ। सचिन की मां राधा देवी ने बताया कि सचिन को कबड्डी पांचवी कक्षा में था तभी से खेल रहा है और इसको लेकर वह पढ़ाई में भी पीछे रह जाता था लेकिन उसने खेल को कभी कम नहीं किया। उन्होंने बताया कि सचिन का पसंदीदा खाना दाल चूरमा है। वहीं ग्रामीणों ने सरकार से गांव में खेल एकेडमी बनवाने की गुहार लगाई है ताकि गांव व आसपास के अन्य युवा आगे बढ़ सके । 11अक्टूबर काले घर आएगा।
फोटो कैप्शन 03: परचम फहराते सचिन।
248 वर्ष पुराना इतिहास है डाक का -विश्व डाकदिवस 10 अक्टूबर
-प्रतिदिन 20 किलोमीटर दूरी तय करते हैं पोस्टमैन राजेंद्र सिंह
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कनीना की आवाज। कनीना उपडाक घर एक अग्रणी उप डाकघर है जहां के पोस्टमास्टर तथा सभी कर्मचारी जी जान से काम में लगे रहते हैं। करीब 24 गांवों को डाक सप्लाई की जाती है तथा यहां का पोस्टमैन राजेंद्र सिंह फरवरी माह में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं किंतु प्रतिदिन 20 किलोमीटर साइकिल पर सफर करके डाक पहुंचा रहे हैं।
कनीना के पोस्टमास्टर विशाल कुमार जन सेवा में जुटे रहते हैं तथा उन्होंने बताया कि अब डाकघर का काम बढ़ गया। बेशक डाक आनी कम हो गई है लेकिन आरसी, रजिस्ट्रेशन विभिन्न प्रकार की रजिस्ट्री, विभिन्न बैंक एवं न्यायालय आदि के नोटिस बहुत अधिक संख्या में आने लग गए हैं जिसके चलते दिन भर व्यस्तता बनी रहती है। उन्होंने बताया कि वह की जान से सेवा में जुटे हुए, कनीना का डाकघर 24 विभिन्न गांवों को सेवा दे रहे हैं।
**अपनी डाक सेवा के अलावा लोगों को जागरूक भी करते हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ उनके बैग पर लिखा होता है जिसमें वे डाक को वितरित करते हैं तथा घर-घर जाकर डाक बांटकर आते हैं। लोग उन्हें अपने परिवार के सदस्य के रूप में ही जानते हैं। जब भी पोस्टमैन आते हैं तो प्रश्नचित हो जाते हैं की कोई अच्छी खबर लेकर आएंगे। बेशक फोन के जरिए सूचना आदान-प्रदान अधिक होती है किंतु वो अपने धूप और सर्दी में सिर पर साफा बांधकर गली-गली घूमते नजर आते हैं।
---पोस्टमैन राजेंद्र सिंह
डाकघर में दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। न केवल आरडी,एफडी तथा अन्य अन्य योजनाओं में लोग पैसा जमा करते हैं जिसके चलते उनका काम बढ़ता ही जा रहा है। कहने को तो उप डाकघर है किंतु काम डाकघर के बराबर पहुंच गया है।
--विशाल कुमार पोस्टमास्टर
** जब से सरकार ने ब्याज की दरें बढ़ाई है तब से काम बढ़ गया है। ऐसे में आरडी/एफडी आदि का काम बढ़ता जा रहा है जो उनके लिए हितकर है। उनका कहना है कि यह कार्य बहुत जरूरी है। विभाग की सेवा भी कर रहे हैं और लोगों की सेवा भी।
---शिवचरण डाकघर एजेंट
** जनसेवा सबसे बड़ी सेवा है। इससे बढ़कर कोई सेवा नहीं है। ऐसे में जन सेवा में उन्हें बड़ा आनंद आता है। वे दिन रात लोगों की सेवा में जुटे रहते हैं। यही कारण है कि हमारा काम दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। सरकार के नियमों के चलते भी उनका काम कम नहीं हुआ है। ऐसे में डाकघर का भविष्य उज्ज्वल नजर आता है।
----श्रीकिशन करीरा एजेंट
फोटो कैप्शन 02: कनीना डाकघर में बाबू तथा पोस्टमास्टर काम करते हुए साथ में राजेंद्र पोस्ट मैन, श्रीकिशन करीरा, शिवचरण डाक एजेंट
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