नहीं हुई बाजरे की खरीद, भविष्य का भी कुछ बताने से कतरा रहे हैं अधिकारी,किसानों में रोष
- जिनको टोकन मिल चुका उनकी खरीद पहले हो -रविंद्र
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कनीना की आवाज। कनीना की अनाज मंडी में अब तक 73216 क्विंटल बाजार खरीदा जा चुका है। जहां सोमवार को 20,000 क्विंटल बाजरा खरीदा गया था वहीं मंगलवार को कोई खरीद नहीं की गई।
इस प्रकार कल खरीद 145000 बैग में से 95000 बैगों कका उठाना हो चुका है। 45000 बैग अभी भी फड़ों पर पड़े हुए हैं। अभी 1100 के करीब टोकन किसानों के हाथ में है जिनका बाजरा अभी खरीदा जाना है। ऐसे में बुधवार को भी नहीं लगता कि बाजरे की खरीद होगी। उच्च अधिकारियों से इस संबंध में बात जारी है। अभी तक अधिकारी कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। कनीना क्षेत्र के किसान अभी भी अपने वाहनों में बाजरा लादकर अनाज मंडी में बेचने के लिए तैयार खड़े हैं और उनमें रोष पनप रहा है। 28 सितंबर से बाजरे की खरीद शुरू हुई थी और केवल 5 दिन बाजार खरीदा जा चुका है।
उधर व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के उप प्रधान रविंद्र कुमार बंसल का कहना है कि पहले उन किसानों की खरीद की जानी चाहिए जिनको टोकन मिले हुए हैं। करीब 27000 क्विंटल बाजरे के टोकन किसानों को मिले हुए हैं जो अपना बाजरा बेचने के लिए लाइनों में खड़े हुए हैं। ऐसे में उनका बाजरा कैसे बिक पाएगा यह तो कहना कठिन है? किंतु व्यापार मंडल एवं आढ़ती सिर्फ एक ही बात कह रहे हैं कि जिनके टोकन काटे जा चुके हैं उनकी खरीद पहले होनी चाहिए। तत्पचात नई खरीद होनी चाहिए। हैफेड खरीदे एजेंसी द्वारा 2200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बाजरा खरीदा गया है जबकि 300 रुपये प्रति क्विंटल सरकार भावांतर भरपाई के तहत किसानों के खातों में डालेगी। अब किसान बाजरा बेचने के लिए एक ओर तैयार हैं है वही 10 अक्टूबर से सरसों बिजाई का कार्य शुरू होने की संभावना है। किसान बाजरा बेचकर रबी फसल पैदावार के लिए तैयारी में जुटे हुए हैं।
फोटो कैप्शन 04: कनीना अनाज मंडी में बाजरे के ढेर
नया वोट बनवाओ, इनाम पाओ
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कनीना की आवाज। निर्वाचन आयोग ने युवाओं एवं महिलाओं को नए वोट बनवाने पर आकर्षक उपहार देने की अनूठी पहल की शुरुआत की। इसके तहत 1 अक्टूबर से 9 दिसम्बर तक वोट बनवाने वालों को 5 जनवरी 2024 को प्रकाशित मतदाता सूची से निकाले ड्रा में लेपटाप, स्मार्टफोन और पेन ड्राइव दिए जाएंगे। इसके अलावा इस अवधि के दौरान नए वोट बनवाने वाले मतदाताओं को टी-शर्ट प्रदान की जाएगी। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल के इसके निर्देश जारी कर दिए है।
उन्होंने बताया कि एक अक्टूबर से 9 दिसंबर तक नए वोट बनवाने वाले मतदाताओं को 3 लेपटॉप, 2 स्मार्टफोन तथा 100 पेन ड्राईव उपहार के रूप में प्रदान किए जाएंगे। मतदाता बनने का शुरू हुआ त्योहार आओ भाग लेकर पाएं आकर्षक उपहार की पहल प्रदेश के पात्र युवाओं एवं महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है। जिनका जन्म 2 जनवरी 2004 से एक जनवरी 2006 के बीच हुआ है और उन्होंने अपना वोट नहीं बनवाया है। वह वोटर हेल्पलाइन पर ऑनलाइन फॉर्म 6 भरकर मतदाता बन सकते हैं। इसके साथ ही आकर्षक ईनाम भी पा सकते है। जिनकी आयु जनवरी, अप्रैल, जुलाई व अक्टूबर में 18 वर्ष हो जाती है, निवार्चन आयोग द्वारा उन्हें नए वोट बनवाने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। इसलिए सभी पात्र व्यक्तियों को अपने वोट अवश्य बनवा लेने चाहिए। इसके अलावा मृत व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे।
पांच किमी में 8 किसानों के फव्वारा सड़क की कर रहे हैं सिंचाई
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कनीना की आवाज। एक और किसान बिजली पानी की कमी के लिए अक्सर परेशान देखे गए हैं, कहते सुने गए हैं किंतु आश्चर्यजनक बात यह है कि रबी फसल की बिजाई के दौरान किसान फव्वारों द्वारा सिंचाई करते हैं। विभिन्न किसानों ने अपने फव्वारा सेट खेतों में लगा रखे हैं किंतु कनीना से धनौंदा तक महज 5 किलोमीटर दूरी पर 8 किसानों के फव्वारा सड़क की सिंचाई करते मिले। हर एक किमी पर एक किसान का फव्वारा सड़क की सिंचाई करता मिलेगा। जिसने किसानों की बिजली अधिक खर्च होती है तथा पानी भी खराब हो रहा है। यदि किसान अपने फव्वारों की संख्या घटकर सड़क से थोड़ा सा दूर रखें तो सरकार को भी लाभ और किसानों को भी लाभ होगा।
समाजसेवी नरेश, सुरेश, महेंद्र एवं सुरेंद्र आदि ने बताया कि सर्दियों के दौरान किसान अपने खेतों को सिंचाई फव्वारों से करते हैं परंतु सड़कों पर सबसे ज्यादा सिंचाई करते हैं । परिणाम यह निकलता है कि आवागमन करने वाले दो पहिया वाहन चालक परेशान रहते हैं। पानी की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं और दुर्घटनाएं घट जाती है। उन्होंने किसानों से मांग की है कि अपने फव्वारा सेट को इस प्रकार सेट करें ताकि सड़क पर पानी न जाए।
पूर्व सांसद श्रुति चौधरी का जन्म दिवस धूमधाम से मनाया
--क्षेत्र से पहुंचे कई जन
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कनीना की आवाज। अटेली विधानसभा से सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के दिल्ली आवास पर पहुंचकर उनके जन्मदिवस पर बधाई तथा उनके उत्तम स्वास्थ्य , दीर्घायु की शुभकामनाएं दी।
कार्यकर्ताओं ने केक काटकर, पुष्पों की वर्षा और ढोल नगाड़े बजाकर उनका जन्म दिवस धूमधाम से मनाया। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय चौधरी बंसीलाल की लाडली पोती , स्वर्गीय पूर्व मंत्री चौधरी सुरेंद्र सिंह और हरियाणा की दिग्गज नेता पूर्व मंत्री किरण चौधरी की पुत्री सौम्य प्रकृति की है
सभी कार्यकर्ताओं ने शुभकामनाओं देने के साथ यह विश्वास दिलाया कि आज आपके जन्म दिवस पर हम सब कार्यकर्ताओं को एक नई ऊर्जा प्राप्त हुई। जिस पर श्रुति चौधरी जी ने पूरे भिवानी- महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र से पहुंचे हजारों कार्यकर्ताओं का दिल की गहराइयों से धन्यवाद किया और कहा मेरे कार्यकर्ता और मेरे इलाके की जनता मेरे लिए भगवान है। मैं उनकी सेवा में कभी किसी प्रकार की कमी नहीं आने दूंगी और स्वर्गीय बंसीलाल व स्वर्गीय चौधरी सुरेंद्र सिंह के सपनों के हरियाणा को आगे बढ़ाने का कार्य जीवन भर करती रहूंगी।
फोटो कैप्शन 02: श्रुति चौधरी का जन्म दिन मनाते हुए कार्यकर्ता।
शुक्रदेव ने सुनी थी शिव की सुनाई हुई अमर कथा-नरहरिदास
---कनीना मंडी स्थित राधा कृष्ण मंदिर में पितृपक्ष के अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा
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कनीना की आवाज। श्रीश्याम मित्र मंडल कनीना के तत्वाधान में मंगलवार को कनीना मंडी स्थित राधा कृष्ण मंदिर में पितृपक्ष के अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन श्री सत्यम पीठाधीश्वर महंत नरहरि दास महाराज ने शुकदेव जन्म, परीक्षित श्राप और अमर कथा का वर्णन करते हुए बताया कि नारद जी के कहने पर पार्वती जी ने भगवान शिव से पूछा कि उनके गले में जो मुंडमाला है वह किसकी है तो भोलेनाथ ने बताया वह मुंड किसी और के नहीं बल्कि स्वयं पार्वती जी के हैं। हर जन्म में पार्वती जी विभिन्न रूपों में शिव की पत्नी के रूप में जब भी देह त्याग करती शंकर जी उनके मुंड को अपने गले में धारण कर लेते हैं। पार्वती ने हंसते हुए कहा हर जन्म में क्या मैं ही मरती रही, आप क्यों नहीं? तो शंकर जी ने कहा हमने अमर कथा सुन रखी है, पार्वती जी ने कहा मुझे भी वह अमर कथा सुनाइए। शंकर जी पार्वती जी को अमर कथा सुनाने लगे। शिव-पार्वती के अलावा सिर्फ एक तोते का अंडा था जो कथा के प्रभाव से फूट गया उसमें से शुकदेव जी का प्राकट्य हुआ कथा सुनते सुनते पार्वती जी सो गई वह पूरी कथा शुक्रदेव जी ने सुनी और अमर हो गए। शंकर जी सुखदेव जी के पीछे उन्हें मृत्युदंड देने के लिए दौड़े। शुकदेव भागते भागते व्यास जी के आश्रम में पहुंचे और उनकी पत्नी के मुंह से गर्भ में प्रविष्ट हो गए। 12 वर्ष बाद शुकदेव गर्भ से बाहर आए। इस तरह शुकदेव का जन्म हुआ। उन्होंने बताया कि भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं किंतु भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं। कथा व्यास जी ने उन्होंने कहा कि भागवत के चार अक्षर इसका तात्पर्य यह है कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त त्याग जो हमारे जीवन में प्रदान करे, उसे हम भागवत कहते है। इसके साथ साथ भागवत के छह प्रश्न, निष्काम भक्ति, 24 अवतार नारद जी का पूर्व जन्म, परीक्षित जन्म, कुन्ती देवी सुख के अवसर में भी विपत्ति की याचना करती है। क्यों कि दुख में ही तो गोविन्द का दर्शन होता है। जीवन की अन्तिम बेला में दादा भीष्म गोपाल का दर्शन करते हुये अद्भुत देह त्याग का वर्णन किया। साथ साथ परीक्षित को श्राप कैसे लगा तथा भगवान शुकदेव उन्हें मुक्ति प्रदान करने के लिये कैसे प्रगट हुये इत्यादि कथाओं का भावपूर्ण वर्णन किया। साथ ही श्रीमद्भागवत तो दिव्य कल्पतरु है यह अर्थ, धर्म, काम के साथ साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीव को परम पद प्राप्त कराता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत केवल पुस्तक नही साक्षात श्रीकृष्ण स्वरूप है। इसके एक एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाये हुये है। उन्होंने कहा कि कथा सुनना समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पुण्यादि कर्मों से बढ़कर है। कथा सुनकर पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कथा के मध्य में मेरी लगी श्याम संग प्रीत और मां की ममता के महत्व का भजन सुनकर भक्त आत्मसात हो गये। कथा स्थल में यजमानों सहित कई गणमान्य अतिथियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करवाई। कथा में मुख्य रूप से इस दौरान व्यापार मंडल के प्रधान लाला निरंजन लाल, उप प्रधान रविंद्र बंसल दादा ठाकुर मंदिर कमेटी के प्रधान विनोद गुड्डू चौधरी, समाजसेवी सुरेंद्र शर्मा, श्री सेवक श्याम मंडल के प्रधान संदीप महेश्वरी, सुभाष चंद मित्तल, संजय गर्ग, पूर्व पार्षद मुकेश राकी, अजित गर्ग, प्रवक्ता सचिन शर्मा, संजय, सुरेश मिस्त्री, गोपाल, अमित कुमार सहित अनेक महिलाएं आदि समस्त भक्त जनों की उपस्थिति रही।
फोटो कैप्शन 03: भागवत कथा सुनाते नरहरि देव कनीना मंडी।
अंतर्राष्ट्रीय पशु दयालुता दिवस -04 अक्टूबर
पशुओं के साथ हमें करना चाहिए दयालुता का व्यवहार- राजेंद्र सिंह
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कनीना की आवाज। हर जीव को जीने का अधिकार है,चाहे जंगली जानवर हो या पालतू जानवर सभी के साथ दयालुता का व्यवहार करना चाहिए। दयालुता दिखाने पर पशु भी इंसान के साथी बन जाते हैं। वास्तव में यह दिवस सेंट फ्रांसिस के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने पशुओं के मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने, दयालुता का व्यवहार करने, उनके अधिकारों की वकालत की है। आज के दिन पशुओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना, उनके आवास को बढ़ाना, जैव विविधता बढ़ाने की जरूरत है। दिनों दिन जहां आवास खत्म किया जा रहे हैं, शिकार किये जाते हैं, फैक्ट्रियां बनाई जा रही है, जलवायु परिवर्तन और पशु परीक्षण किए जाते हैं जिससे जीवों पर क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया जाता है। यहां तक की पशुओं को दूध निकालने के लिए भी लोग इंजेक्शन का उपयोग करते जो उनके साथ अन्याय है। ऐसे में पशु कल्याण कानून, शाकाहारी आंदोलन, पशु अभ्यारण बचाओ, सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलाए जाने की जरूरत है। इस संबंध में पर्यावरण एवं पशु प्रेमियों से बात की गई।
--- पशु हमारे बहुत करीब भी रहते हैं। गाय को को माता का दर्जा दिया गया है वही अनेकों जीव हमारे आसपास रहते उनके प्रति हमारा दयालुता का व्यवहार होना चाहिए। यदि हम उनके साथ दयालुता का व्यवहार करेंगे तो वह भी हमारे साथ दयालु बनेंगे। ये विचार अभ्यारण्य खोलने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखने वाले कनीना निवासी राजेंद्र सिंह के हैं। पीपुल फार एनिमल्स के सदस्य होने के नाते इन्होंने दर्जनों उन लोगों को पुलिस तक पकड़वाया है जिन्होंने पशुओं के साथ अन्याय किया हो, शिकार करने वालों की विरुद्ध कार्रवाई करवाई है। वहीं अपने स्तर पर भी उन्होंने जंगली जानवरों जैसे तीतर, बटेर, काला तीतर की रक्षा के लिए अभियान छोड़ा हुआ है। आज भी वे अपने खेतों में रहते हैं और जीवों के प्रति दयालुता बढ़ाते हैं। स्वयं गाय पालते आये हैं औरों को भी गाय पालने की सलाह देते हैं। जीवों से अपने परिवार के सदस्य जैसा व्यवहार करते हैं। उन्होंने अपनी जमीन पर अभयारण्य खोलने की भी मांग सरकार से की थी। अभी तक उन्हें यह अनुमति नहीं मिली।
---- राजेंद्र सिंह समाजसेवी एवं पशु प्रेमी
--बुचावास स्थित विकलांग गौशाला में पिछले 15 वर्षों से विकलांग गायों के नि:स्वार्थ भाव से सेवा की जा रही है। इस गौशाला के संचालक स्वामी बि_ल गिरी जी महाराज द्वारा स्वयं लगभग हजारों गायों का आपरेशन एवं सर्जरी कर चुके हैं। उनके स्वस्थ होने पर उन्हें अन्य गौशालाओं में शिफ्ट करवा दिया जाता है। यहां केवल विकलांग गायों की ही सेवा की जाती है । वर्तमान में लगभग 125 विकलांग गायें गौशाला में मौजूद है जिनकी प्रतिदिन सेवा की जा रही हैं। स्वामी बि_ल गिरी जी महाराज स्वयं अपने हाथों से गायों का उपचार एवं सेवा करते हैं। बाल्यकाल से ही महाराज जी की रुचि गौ सेवा में रही हैं।
महाराज जी का कहना हैं कि सारी समस्याओं का समाधान गोरक्षा, गौसेवा से संभव है। बिना गौसेवा व रक्षा के विश्व मंगल संभव नहीं की जा सकती। जिस दिन गाय का एक बूंद रक्त भी धरती पर नहीं गिरेगा, उस दिन सारी समस्याओं का उन्मूलन हो जायेगा। सारे विश्व का कल्याण हो जायेगा। यही समझाने की और सिद्धांत की बात है।
जब तक हमारी बुद्धि में यह बात बनी रहेगी कि गाय सिफऱ् एक पशु है तब तक ठीक से सेवा नहीं बन पायेगी। सेवा सदा सेव्य की होती है उपासना सदा उपास्य की होती है और उपासना सेवा तब संभव है जब सेव्य के प्रति, उपास्य के प्रति हमारी यह बुद्धि बन जाये कि यह साक्षात भगवान है। गौ सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं। शास्त्रों में तो कामधेनु आदि गौ महत्व के बारे में बताया गया है, लेकिन विज्ञान में भी गौ को लेकर काफी महत्व है। विज्ञान में भी गौ को चमत्कारिक माना गया है। गौ की जितनी सेवा की जावें वह कम है। गौ सेवा परमो धर्म है।
उनका कहना है कि विभिन्न धर्मग्रंथों में वर्णित है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास है। हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। यही कारण है कि गायों की सेवा के लिए समय-समय पर देश के विभिन्न भागों में गोशालाओं की स्थापना की जाती है।
फोटो कैप्शन: राजेंद्र सिंह एवं विट्ठलगिरि महाराज
05: महाराज विट्ठल गिरि विकलांग गाय का आपरेशन करते हुए।
कट की मांग को लेकर ग्रामीणों का 205वें दिन जारी रहा धरना
-ग्रामीण कट की मांग पर अडिग
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का धरना मंगलवार को भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता चेयरमैन सतपाल यादव पोता ने की और उन्होंने बताया कि हमें केंद्र सरकार पर विश्वास है और पूरी संभावना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट जरूर बनेगा लेकिन अब तक सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर कट का काम शुरू नहीं किया गया है। उन्होंने बताया की धरने को चलते 205 दिन हो गए हैं। केंद्र सरकार के द्वारा हमें जो आश्वासन दिया गया, उसके अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू हो जाना चाहिए था। सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर कट का काम शुरू नहीं किया गया है। हम धरना स्थल पर शांतिप्रिय ढंग से बैठे हुए हैं, केंद्र सरकार के द्वारा आश्वासन दिया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा लेकिन अब तक धरातल पर राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर कट का काम शुरू नहीं किया गया है। केंद्र सरकार किसानों की परेशानी को समझे और जल्द से जल्द कट का काम शुरू किया जाए। यदि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनने से नारनौल और चंडीगढ़ से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए दूरी कम हो जाएगी और समय की बचत होगी। उन्होंने बताया कि जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है, तब तक हम धरना स्थल पर डटे रहेंगे।
इस मौके पर धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन, संघर्ष समिति के सदस्य नरेंद्र शास्त्री, डा. राम भक्त स्वामी बाघोत, सरपंच हरिओम पोता, पहलवान रणधीर सिंह, डॉ सुरेंद्र सिंह, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, मास्टर विजय सिंह, चुनिया सेठ और सरपंच दलवीर सिंह दलवा चिडिय़ा,ठेकेदार शेर सिंह,ओम प्रकाश,डॉ लक्ष्मण सिंह, मुंशीराम, मास्टर विजय पाल, मनोज कुमार करीरा, बाबूलाल,वेद प्रकाश,चेयरमैन सतपाल, सूबेदार हेमराज अत्री, रामकुमार, प्यारेलाल, रोशन लाल आर्य, शेर सिंह, हंस कुमार, सीताराम, सूबे सिंह पंच,रामकिशन व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 01:कट के लिए धरना स्थल पर बैठे ग्रामीण।
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