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Thursday, October 26, 2023

 
किडनी ट्रांसप्लांट के चलते लीडिंग प्रवीण का हुआ निधन
-पूरे सम्मान के साथ नेवल स्टाफ की टीम ने दी सलामी
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कनीना की आवाज। कनीना मंडल के गांव छितरोली निवासी लीडिंग प्रवीण कुमार की किडनी ट्रांसप्लांट के समय आरआर अस्पताल दिल्ली में निधन हो गया। आज उनका पार्थिव शरीर गांव छीथरोली लाया गया। साथ में नवल स्टाफ की टीम भी आई थी जिसने पूरे सम्मान के साथ अपने साथी को नम आंखों से विदाई दी।
 मिली जानकारी अनुसार लीडिंग प्रवीण नेवी में 7 साल की सर्विस की है। उनकी महज एक लड़की कृतिका 3 साल की है तथा उनकी एक शादीशुदा बहन ज्योति, माता बाला देवी तथा पत्नी पारुल अभी घर पर है। मिली जानकारी अनुसार अस्पताल में जब उनकी मां बाला देवी ने उनको किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दी और किडनी ट्रांसप्लांट की तो किसी कारणवश उनकी मौत हो गई। उनका पार्थिव शरीर कनीना उप- मंडल के गांव छितरोली लाया गया। भारी संख्या में लोगों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। इस मौके पर एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह, विधायक सीताराम यादव, अध्यक्ष जयप्रकाश, सरपंच बलवान सिंह, कप्तान विनोद कुमार, सूबेदार रामकुमार, सूबेदार सुखबीर सिंह, सरपंच वीरेंद्र सिंह, ओमप्रकाश गिरदावर,  विशाल सिंह, हुकम सिंह, नरेंद्र शास्त्री, राव हरद्वारीलाल सहित भारी संख्या जन मौजूद थे। एसडीएम सुरेंद्र सिंह और विधायक सीताराम यादव ने उन्हें पुष्प चक्कर अर्पित किया तथा नेवल स्टाफ ने उन्हें मातमी धुन बजाकर अंतिम विदाई दी। पूरे गांव छितरौली में मातम पसरा हुआ है।
 फोटो कैप्शन 4 एवं 5: लीडिंग प्रवीण को अंतिम विदाई देते हुए एसडीएम,विधायक एवं अन्य।







नगर पालिका चुनाव बनते जा रहे हैं एक अजब पहेली
--अभी चुनाव होते नहीं नजर आ रहे
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका को भंग हुए करीब 6 माह बीत गए हैं किंतु अभी निकट भविष्य में चुनाव होते नजर नहीं आ रहे हैं। अगर निकट भविष्य में चुनाव नहीं होते तो निश्चित रूप से अप्रैल 2024 के बाद ही चुनाव की संभावना बनती नजर आ रही है।
छह महीने पहले कनीना नगर पालिका भंग हो गई थी तथा सतीश जेलदार निवर्तमान प्रधान है। वर्तमान में एसडीएम कनीना के पास नगर पालिका का कार्यभार है। लंबे समय से कनीनावासी चुनावों का इंतजार कर रहे हैं। वैसे चुनाव का इंतजार कस्बा कनीना के लोगों ने पालिका भंग होने से करीब 6 महीने पहले शुरू कर दिया था। उन्हें विश्वास था कि नगर पालिका के चुनाव जल्दी होंगे या पालिका भंग होते ही चुनाव होंगे किंतु नगर पालिका चुनाव अभी नजर नहीं आ रहे हैं। अभी तो प्रधान पद का ड्रा होगा उसके बाद ही सरकार कोई निर्णय ले पाएगी कि चुनाव होते हैं या नहीं।
युवा बुजुर्ग और चुनाव लडऩे की इच्छुक नर नारी लंबे समय से अपने पोस्टरों एवं बैनरों के अलावा विभिन्न शुभ एवं अशुभ अवसरों पर पहुंचकर चुनाव लडऩे का आभास कराते आये हैं परंतु अब वो भी थकने लगे हैं क्योंकि एक वर्ष के अर्से में चुनाव की कोई संभावना नजर आज नजर नहीं आई। जब चुनाव की संभावना थी तब एक वार्ड बढ़ा दिया गया। 14 वार्ड बना दिए, तत्पश्चात पांच वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षण का कार्य चला और ड्रा निकाला गया। प्रधान पद का ड्रा होना है उसके बाद ही चुनाव होने की उम्मीद जताई जा सकती है।
 कनीना नगर पालिका के चुनाव अपने आप में सदा ही अहं रहे हैं। एक और जहां पूर्व पालिका प्रधान चुनाव लडऩे की होड़ लगाए बैठे हैं यहां तक कि स्वयं भी चुनाव लडऩे के लिए लोगों का मन टटोल रहे हैं। ये चुनाव लडऩे वाले बुजुर्ग होने के कारण या तो स्वयं या उनके परिवार के सदस्य चुनाव लड़ेंगे, वही युवा पीढ़ी इस बार जोर-शोर से आगे आ रही है और पहले से ही चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही है। युवा पीढ़ी ही नहीं महिलाएं भी चुनाव लडऩे की इच्छुक हैं।
विगत एक वर्ष में दुकानों पर तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी चुनावी चर्चाएं चलती आई है कि कौन चुनाव लड़ेगा कौन नहीं?  सभी वार्डों में अपने-अपने भावी प्रत्याशी के कयास लगाये जा रहे है और इस बार 14 वार्ड होने से 114 प्रत्याशी विजयी होंगे वही दो प्रत्याशी सरकार द्वारा मनोनीत होकर भी आते रहे हैं। इस बार पालिका प्रधान पद का सशक्त पद बना दिया गया है।
 अभी तक प्रधान का चुनाव पार्षद करते आए हैं किंतु इस बार पार्षदों की बजाय सीधा वोट प्रधान पद का पड़ेगा। ऐसे में इस बार एक नहीं अपितु दो-दो वोट प्रत्येक मतदाता को डालने होंगे जिसमें एक वोट प्रधान का तथा दूसरा वोट संबंधित पार्षद का होगा। ऐसे में चुनावी चर्चाओं का माहौल समय-समय पर गर्माता आ रहा और फिर शांत होता चला जाता है। क्योंकि चुनावों का इंतजार लंबा हो गया है।
पालिका चुनाव लडऩे के लिए इस बार तीन ग्रुप आगे आ रहे हैं एक ग्रुप पूर्व प्रधानों एवं निवर्तमान प्रधान का है वहीं दूसरी ओर युवा वर्ग का है जबकि तीसरा ग्रुप महिलाओं का बन रहा है जो चुनाव में भागीदारी करेंगी। इस बार युवा वर्ग जोर शोर से लोगों का मन टटोल रहा है क्योंकि उनका कहना है कि इस बार युवा पीढ़ी को ही आगे लाया जाए तो बेहतर होगा। ऐसे में पहले ही एक पूर्व प्रधान तथा निवर्तमान प्रधान ने अपने-अपने पुत्रों को आगे लाने की घोषणा कर रखी हैं और संभावना जताई जा रही है कि दोनों के पुत्र चुनाव में उतरेंगे। विगत दिनों जहां एक के बाद एक अनेकों नये नये चेहरे उभर कर चुनाव लडऩे के लिए अपने आप को प्रस्तुत करते आये हैं। अब वो धीरे-धीरे चुनाव की आहट बंद होने से शांत हो गए हैं। जब भविष्य में चुनाव की घोषणा होगी तो ये सभी चुनाव लडऩे वाले चुनाव दंगल में कूद जाएंगे और इस बार चुनावी दंगल रोचक बन जाएगा।





 आंदोलन पर उतारू हो गया है स्टेट अवार्डी शिक्षक संघ
-तबादलों के समय दिए गए पांच अंक खत्म करने का मसला
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कनीना की आवाज। पूरे ही प्रदेश में जहां स्टेट अवार्ड प्राप्त शिक्षक आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि हाल ही में शिक्षकों के तबादले होने जा रहे हैं और इस शिक्षकों के तबादला में जहां पहले पांच अंक स्टेट अवार्ड के मिले हुए थे वो अब खत्म कर दिए है जिसके कारण पूरे ही प्रदेश में स्टेट अवार्डी एवं नेशनल अवार्ड शिक्षकों में रोष है। जिला महेंद्रगढ़ के  प्रधान वीरेंद्र जांगिड़ एवं उप-प्रधान डा. जितेंद्र भारद्वाज ने बताया कि सभी जिलों में कार्यकारिणी गठित की गई है जिसके बाद अब राज्य स्तरीय कार्यकारिणी गठित की जाएगी। तत्पश्चात भावी रणनीति तय की जाएगी क्योंकि स्टेट अवार्डी शिक्षकों को अवार्ड का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 व इससे पहले स्टेट अवार्डी शिक्षकों को 2 साल की सेवा विस्तार के साथ-साथ दो अतिरिक्त वेतनवृद्धियां दी जाती थी और स्टेट अवार्ड के पांच अंक तबादला नीति में दिए जाते थे किंतु अब सारी सुविधाएं वर्ष 2021 के बाद बंद कर दी हैं। जिन शिक्षकों ने 2021 का सम्मान मिला है उन्हें इस समय कोई लाभ नहीं मिल रहा है। नहीं तो दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि दी जा रही है और नहीं 2 साल की सेवा विस्तार दिया जा रहा है। रही सही कसर अब पांच अंक जो स्टेट अवार्ड के मिलते थे वो भी बंद कर दिए हैं।  प्रदेश भर के स्टेट अवार्डी शिक्षकों में बाहरी रोष है। स्टेट आबादी शिक्षकों ने बताया कि बड़ी मुश्किल से यह अवार्ड मिलता है जिसके अवार्ड का कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है। पहले जहां दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि दी जाती थी वो भी बंद कर दी गई है। अब केवल एडवांस देने की बात कही है। परंतु वह भी सभी शिक्षकों को देने से इनकार किया जा रहा है।  विगत दिनों जहां स्टेट अवार्डी शिक्षकों को तबादलों के समय पांच अंक दिए थे अब हाल ही में वो पांच अंक भी काट दिए गए हैं जिसके कारण शिक्षकों को अपना मुंह लेकर बैठे रहना पड़ रहा है। स्टेट अवार्डी शिक्षकों का कहना है कि जब अवार्ड दिया गया है तो क्यों न 2020 वाली सभी सुविधाएं प्रदान की जाए। सभी शिक्षकों को 2 साल का सेवा विस्तार दिया जाए साथ में दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि आदि जानी चाहिए। तभी शिक्षक अवार्ड का कोई अर्थ होगा, वरना शिक्षक अवार्ड के प्रति में कोई उत्साह नहीं रहेगा और शिक्षक अवार्ड महज एक अवार्ड बनकर रह जाएगा।
 उन्होंने बताया कि हर वर्ष बेहतर काम करने वाले शिक्षकों का अवार्ड से सम्मानित किया जाता है परंतु अवार्ड अब तो महज औपचारिकता बनकर रह गया है और अवार्ड में दी जाने वाली पहले वाली कोई सुविधा नहीं दी जा रही है जिसके कारण रोष पनप रहा है और विभिन्न जिलों के अवार्डी शिक्षक अपने-अपने क्षेत्र के विधायक को और सांसदों को ज्ञापन सौंप रहे हैं। तत्पश्चात एक बड़ा आंदोलन भी चल सकता है। ऐसे में स्टेट अवार्ड शिक्षकों ने सरकार और शिक्षा विभाग से मांग की है कि शिक्षकों को 2020 तक या इससे पहले दी जाने वाली सभी सुविधाएं प्रदान की जाए।





 परेशानी का सबक बन गये हैं छूटे हुए गौवंश
--कूड़े कचरे में ढूंढते हैं खाने की वस्तुएं
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में प्रतिदिन अनेकों गोवंश या तो उसके मालिक द्वारा छोड़ दिये जाते हैं या राजस्थान से आए हुए ग्वालों की कुछ गौवंश इधर-उधर भटक कर छूट जाती हैं। कनीना क्षेत्र में ये गोवंश समस्या बन गए हैं।
 कनीना की अनाज मंडी मार्ग पर जगह-जगह कूड़ा दान लगाए गए हैं। वैसे भी कस्बा कनीना में कई कूड़ेदान लगाए गए हैं जिनसे गौवंश खाने पीने की वस्तुएं ढूंढता रहता है। एक ओर जहां गोवंश आवागमन में भारी की परेशानी का कारण बनता है वही ये रास्ते में बैठ जाती है जिससे भी आवागमन बाधित रहता है।
 छूटे हुए गौवंश को गौशाला में भी नहीं लिया जाता हैं। ये इधर-उधर घूमते रहते हैं जिसके चलते कोई भी दुर्घटना घट सकती है। कस्बा कनीना की गंदगी कूड़े कचरे आदि को बिखरने में भी इनका हाथ होता है। यदि कनीना कस्बे की साफ  सफाई रखनी है तो इस प्रकार के गोवंश को गौशाला में छोडऩे का प्रबंध किया जाए या अन्य कोई प्रबंध किया जाए ताकि आवागमन सुचारु रूप से हो सके।
फोटो कैप्शन 03: कूड़े कचरे के ढेर में खाने की वस्तुएं ढूंढता गोवंश





कट के लिए ग्रामीणों का धरना 228वें दिन भी जारी
--अनिश्चितकालीन धरना जारी
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना 228वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता पहलवान रणधीर सिंह बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि  केंद्र सरकार के द्वारा जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं होता है तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन  ने बताया कि धरने को चलते 228 दिन हो गए हैं। धरना स्थल पर बैठे किसान वाहनों के आवागमन से उडऩे वाली धूल से परेशान है चूंकि यह धरना मुख्य मार्ग के पास चल रहा है। बुजुर्ग किसानों को खेती की चिंता है, कट की चिंता है और साथ-साथ अपने शरीर की, उडऩे वाली धूल से घुटन महसूस होती है और धरने पर  बैठना मुश्किल हो जाता है। केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू कर देने पर किसानों को इन परेशानियों से निजात मिल सकती है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा कट न  छोडऩे के कारण हमें ऐसे लग रहा है, जैसे गले में फंदा डाल दिया हो, घुटन महसूस हो रही है। कट बनने के बाद इन 40- 50 गांवों में विकास के चार चांद लग जाएंगे।
उनका कहना है कि केंद्र सरकार को  हम याद दिलाना चाहते हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का होना हमारे क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी है। किसानों का संघर्ष जायज है, केंद्र सरकार को जल्दी से जल्दी सोच विचार करके कट का काम शुरू करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार हमारी मांग पर जल्द से जल्द कार्रवाई करें । अच्छा राजा वही होता है,जो जनता की पीड़ा को समझे और उसका निदान करें। अच्छी सरकार का भी वही काम है, जनता के बीच में जाएं,उनकी परेशानियों के बारे में पूछे और जायज मांग हो या कोई परेशानी हो, उसका वहीं पर समाधान करें।
 इस मौके पर धरना संघर्ष समिति के सदस्य नरेंद्र शास्त्री छिथरोली, पंडित जगदीश प्रसाद शर्मा बाघोत, संघर्ष समिति के सदस्य सरपंच हरिओम पोता ,सरपंच वीरपाल स्याना, संघर्ष समिति के सदस्य डॉक्टर लक्ष्मण सिंह और पहलवान धर्मपाल यादव सेहलंग   पंडित गौरी शंकर प्रसाद,करण सिंह,  मास्टर विजय सिंह, मुख्तार  सिंह, सुरेंद्र सिंह, बाबूलाल, राम भक्त, सूबेदार हेमराज अत्री,वेद प्रकाश,  दाताराम , प्यारेलाल,  डॉ राम भक्त, रोशन लाल आर्य, कृष्ण कुमार पंच, भागमल,  पंडित सुनील, हवलदार शेर सिंह, रामभज, मास्टर विजयपाल,  सीताराम,सूबे सिंह पंच, रामकुमार व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 01: अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे ग्रामीण।






विवाहिता गुम, गुमशुदगी की का मामला दर्ज
--पति ने करवाया गुमशुदगी का मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना थाने के तहत पढऩे वाले एक गांव से विवाहित 24 अक्टूबर से अचानक गायब हो गई। कनीना पुलिस में उसके पति ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया है। पीडि़त ने कहा है कि 24 अक्टूबर को प्राप्त 10 बजे उसकी पत्नी कपास चुनने गई थी और घर वापस नहीं लौटी। उसके बयान पर कनीना पुलिस में विवाहिता के गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।



सरसों के अंकुरित होते ही लगने लगे हैं रोग
-आवारा जानवर 
रौंद जाते हैं बीजाई
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में कुछ किसानों की सरसों अंकुरित हो चुकी है और खेतों में दिखाई देने लगी है किंतु दिन में अधिक ताप रहने के कारण धोलिया रोग की संभावना बन गई है। वहीं सरसों खेतों में दिखाई देने से आवारा जानवर भी अधिक आने लगे हैं। किसानों की खड़ी सरसों की बिजाई को रौंद जाते हैं। किसान सूबे सिंह, सुनील कुमार, अजीत कुमार, महेश कुमार आदि ने बताया कि किसान बेहद परेशान हैं। ज्यों ज्यों सरसों अंकुरित होकर दिखाई देने लगी है त्यों त्यों आवारा कुत्ते घूमते हुए सरसों को रौंद जाते हैं। कनीना क्षेत्र में कुत्तों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। विशेष कर महिलाएं इन कुत्तों को सुबह सवेरे खाना डालने लगी है जिसके कारण उनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। ये कुत्ते किसानों की सरसों की फसल को रौंद जाते हैं। उधर कुछ छूटी हुई  गोवंश भी इस सरसों की फसल को रौंद रही हैं। मोर, बंदर, नीलगाय आदि भी बीजाई को खराब कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि किसान परेशान है और इन फसलों को बचाने के लिए दिन-रात प्रयास रहते हैं किंतु देर सवेर ये जानवर उनकी फसल को खराब कर जाते हैं। वहीं अधिक तापमान दिन में होने के कारण रोग होने का खतरा बना हुआ है।
फोटो कैप्शन 02:खेतों में खड़ी हुई सरसों की फसल।





नवंबर 4 और 5 को बनवा सकते हैं नए वोट
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कनीना की आवाज। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले वोट बनाने की कार्रवाई जारी है। 1 जनवरी 2024 को जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक है वह अपने वोट 27 अक्टूबर से 9 दिसंबर के बीच बूथ लेवल अधिकारी से मिलकर फॉर्म नंबर 6 भर कर बनवा सकते हैं। विस्तृत जानकारी देते हुए सुनील कुमार बीएलओ ने बताया कि चार और पांच नवंबर 2023 तथा दो व 3 दिसंबर 2023 को सभी बीएलओ अपने-अपने मतदान केंद्र पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे से उपस्थित रहेंगे। उस समय भी वोट बनवाई जा सकती हैं।






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